Press "Enter" to skip to content

सुप्रीम कोर्ट ने बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) द्वारा ऑल इंडिया बार एग्जाम लिये जाने को सही ठहराया

सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) द्वारा ऑल इंडिया बार एग्जाम लिये जाने को सही ठहराया है। जस्टिस संजय किशन कॉल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस ए एस ओका, जस्टिस विक्रम नाथ व जस्टिस जे के माहेश्वरी की संवैधानिक पीठ ने ये आदेश को पारित किया।

सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट रूप से कहा है कि आल इंडिया स्तर पर बार की परीक्षा एनरोलमेंट के पहले लिया जाना चाहिए या बाद में, इस मामले में बीसीआई निर्णय ले सकता है।

इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने वी सुधीर बनाम बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया के मामले में इस निर्णय को भी खारिज कर दिया, जिसमें यह कहा गया था कि विधि का व्यवसाय करने वाले के ऊपर एडवोकेट एक्ट की धारा 24 में दिये गए प्रावधान के अलावे कोई अन्य शर्त नहीं लगाया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि एडवोकेट एक्ट द्वारा इस तरह के नियमों को बनाने के लिए बीसीआई को पर्याप्त शक्तियां दी गई है।

Supreme Court
#SupremeCourt

संवैधानिक पीठ की अध्यक्षता करने वाले सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस एस के कॉल ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को देते हुए कहा कि इस निर्णय का प्रभाव यह होगा कि अब यह बीसीआई के ऊपर निर्भर करेगा कि आल इंडिया बार की परीक्षा को एनरोलमेंट के बाद लेता है या पहले।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष बीसीआई का पक्ष रखने का काम बीसीआई अध्यक्ष सह वरीय अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा ने किया। गौरतलब है कि भारत में विधि व्यवसाय करने के लिए विधि स्नातक को आल इंडिया बार की परीक्षा पास करनी होती है।

More from बड़ी खबरMore posts in बड़ी खबर »