जेईई-एडवांस के रिज़ल्ट आ चुके हैं। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी बेसब्र बैठा इस दिन का इंतज़ार कर रहा था।
एक बार पुनः बच्चों ने प्रमाण दिया है कि प्रतिभा को कोई भी परिस्थिति बाँध नहीं सकती। बीते वर्ष की विषमता को पराजित कर, सफलता प्राप्त करने वाले हर बच्चे पर मुझे गर्व है।
मेरे मन में संतोष इस बात से है कि यह मात्र उन छात्र-छात्राओं की किसी परीक्षा में सफलता नहीं, अपितु उनके परिवार की प्रगति का पहला कदम है। अभी तो लम्बा सफ़र तय करना है।
मेरे सारे सुपर 30 संस्थानों में कुल 394 बच्चे जेईई-एडवांस में उत्तीर्ण हुए हैं। रहमानी 30 से 50, विभिन्न CSRL सुपर 30 से 328, मगध सुपर 30 से 8 और संगम सुपर 15 भीलवाड़ा से 8 सफल छात्र-छात्राओं की सूची मेरे हाथों में है। सबों को मेरी हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ।
इन परिणाम से साबित होता है कि बेरोज़गारी उन्मूलन का माध्यम शिक्षा से ज्यादा सशक्त और कोई नहीं है। मैंने 2002 में एक सपना देखा था कि गरीब मेधावी बच्चों की एक बड़ी फ़ौज बनेगी जो आने वाले समय में रोज़गार देने की स्थिति में होगी न कि सरकार के सामने याचक बन कर खड़ी, अपने स्वाभिमान को दरकिनार कर गिड़गिड़ाती रहेगी। उस स्वप्न की आकृति दिखने लगी है।