पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के बयान पर सियासत थमने का नाम ही नहीं ले रहा है शराब, सत्यनारायण पूजा और ब्राह्मणों को लेकर दिया गया उनका बयान सियासी मुद्दा बन गया है। राजद से लेकर कांग्रेस, भाजपा और जदयू ने भी उनके बयान पर आपत्ति जताई। पद की मर्यादा बनाए रखने की बात कही गई। हालांकि, पूर्व सीएम की ओर से सफाई दी गई है कि उन्होंने अपने समाज को लेकर वे शब्द बोले थे। उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।
वही शराबबंदी को लेकर दिये गये बयान को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने कहां कि एनडीए के बैठक में वो मौजूद थे कुछ समस्या था तो बोलना चाहिए था ना इस तरह का आना सही नहीं है ।
वही सत्यनारायण पूजा और ब्राह्मणों को लेकर दिया दिये गये बयान को लेकर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (RJD Supremo Lalu Prasad Yadav) की पुत्री रोहिणी आचार्य ने भी ट्वीट कर मांझी को सलाह दी है।
ट्वीट कर रोहिणी आचार्य ने मांझी को संबोधित करते हुए लिखा है कि, आप जहां हैं, वह जगह आपके लिए मुफीद नहीं है। आपने जब अपने गर्दन को संघियों और उसके संरक्षकों की गोद में रख दिया है तो फिर रोना किस बात का। रोइए मत। इससे पूर्व एक अन्य ट्वीट में रोहिणी ने लिखा था कि मांझी का बयान शर्मनाक और निंदनीय है। हालांकि उन्होंने समर्थन भी किया था कि ब्राह्मण पंडित दलितों के घर खाना नहीं खाते। खाने के बजाय पैसे लेना पसंद करते हैं। समाज में आज भी छुआछूत इंसानियत पर हावी है।
दूसरी और आज पूरे दिन मांझी के बयान को लेकर राज्य के अलग अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन चल रहा है वही ब्राह्मण समाज ने आज राज्य मानव अधिकार आयोग में आवेदन दिया है इस आवेदन में उन्होंने आरोप लगाया है कि एक कार्यक्रम के दौरान राजकीय पूर्व मुख्यमंत्री जी ने ब्राह्मण समाज को गाली दिया है और कानून का उल्लंघन किया है अपने आवेदन समाज ने राज्य मानव अधिकार आयोग से पूरे मामले की जांच कर कार्रवाई का अनुरोध किया है ।