बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री संप्रति राज्यसभा सांसद श्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि 2005 से एनडीए की सरकार ने लड़कियों की शिक्षा और महिला सशक्तिकरण का जो प्रयास किया उसी का परिणाम है कि बिहार की प्रजनन दर 4 से घटकर 2019 – 21 में राष्ट्रीय पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वे के अनुसार 2.98 पहुंच गई ।
श्री मोदी ने कहा कि नगर निकाय चुनाव में बिहार में प्रावधान है कि जिनके 2 से ज्यादा बच्चे हैं वे चुनाव नहीं लड़ सकते हैं । भारत सरकार एवं बिहार सरकार की अनेक योजनावों में एक या दो से ज्यादा बच्चा होने पर योजना के लाभ से वंचित कर दिया जाता है ।
• बिहार में एनडीए की सरकार के 15 वर्षों के प्रयास का परिणाम है कि प्रजनन दर 4 से घटकर 2.98 हो गयी
• नगर निगम चुनाव के समान पंचायत चुनाव में भी अधिकतम दो बच्चों का प्रावधान करना चाहिए
श्री मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना अंतर्गत प्रथम दो कन्या शिशु के जन्म तक 2000 की राशि सीमित कर दी गई है । जननी सुरक्षा योजना में सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने पर शहरी क्षेत्र में 1000 एवं ग्रामीण क्षेत्र में 1400 का प्रावधान का लाभ केवल 2 बच्चों तक सीमित है । प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में प्रथम जीवित संतान के लिए ही 5000 का प्रावधान है । आयकर दाताओं को दो बच्चों की पढ़ाई पर हुए व्यय में आयकर छूट का प्रावधान है ।
तमिलनाडु सहित अनेक राज्यों में मातृत्व अवकाश का लाभ भी दो बच्चों तक सीमित है ।
श्री मोदी ने कहा कि बिहार में नगर निगम चुनाव के समान पंचायत चुनाव में भी दो बच्चों की अनिवार्यता को लागू किया जा सकता है ।
श्री मोदी ने कहा कि भारत सरकार और बिहार सरकार अन्य अनेक योजनाओं में भी प्रावधान कर सकती है जिनका लाभ अधिकतम दो या तीन बच्चों के परिवार को ही मिल सके ।
श्री मोदी ने कहा कि आपातकाल के दौरान जबरदस्ती नसबंदी का खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ा था । अतः जनसंख्या स्थिरीकरण के बारे में बहुत सोच समझ कर रणनीति बनाने की आवश्यकता है ।