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नफरत फैलाने वाले एक दिन वो खुद उसका शिकार बन जाता है

नफरत कैसे हमारी आपकी जिंदगी को तबाह कर रहा है उसकी एक बानगी आपको सूनाते हैं कोई छह वर्ष पहले शाम के समय एक कॉल आया उस समय मैं बस में था आवाज सही से नहीं आ रहा था मैंने यह कहते हुए फोन रख दिया कि आवाज नहीं आ रही है नेटवर्क में आते ही फोन करते हैं।

घर पहुंचने के बाद उस नम्बर पर काॅल किये बात हुई तो पता चला फोन करने वाली उस इलाके से आती थी जहां आज भी नक्सलियों की समानांतर सरकार चलती है और आये दिन नक्सली हमला भी होता रहता था किसी और को लगा रही थी गलती से मेरे नम्बर पर काॅल कर दी। बात आयी चली गयी लेकिन कुछ ही दिनों बाद उस इलाके में एक बड़ी नक्सली घटना घटी घटना के चंद मिनट बाद है उसका फोन आया उस समय रात के कोई एक बज रहे होगा संतोष सर अभी अभी बड़ी घटना घटी है नक्सली तीन लोगों को मार दिया है और कई लोगों का साथ लेकर चला गया।वैसे मेरे इलाके में ये समान्य घटना है लेकिन आपके लिए खबर है इस घटना के बाद उससे हमारी बातचीत होने लगी और यू कहे तो नक्सली से जुड़ी खबर के लिए मेरा वो सबसे बड़ा सूत्र बन गयी। एक दिन उसका फोन आया सर पटना आये हैं मुलाकात होगी क्यों नहीं आओं ऑफिस में है काफी देर बातचीत हुई और पटना आने का प्रयोजन पूछा तो पता चला ये पटना में ही रहते थे दो वर्ष पहले बेबी हुई थी इसलिए अपने मायके में रह रही थी, पति अमेरिका में आईटी फील्ड से जुड़ा है बेटी दो वर्ष की हो गयी है अब फिर से पटना रहने आ रहे हैं बेटी बड़ी हो रही है ।

कुछ दिनों के बाद वो अपनी बेबी के साथ पटना सिफ्ट कर गयी पटना में ही पढ़ाई लिखाई हुई थी इसलिए पटना से उसका पुराना रिश्ता था एक दिन उसका फोन आया सर बच्चा का कोई बढ़िया डॉक्टर जो हो उससे जरा दिखवा देते बेबी का तबियत बहुत खराब है बोरिंग रोड में बच्चों का अच्छा डॉक्टर है उसके यहां नम्बर लगवा दिये और फिर जिस समय डॉक्टर समय दिये थे मैं भी पहुंच गया बेबी को देख कर मैं हैरान रह गया क्या हो गया खैर डॉक्टर पूछना शुरु किये क्या हुआ क्या क्या दवा दिए हैं पता चला इनके पति देव वही से पतंजलि का दवा बता रहे थे और वही दवा खिला रही थी स्थिति यह हो गया कि बेबी निमोनिया से इतनी संक्रमित हो गयी थी कि डाँक्टर परेशान हो गया इसी दौरान उसका घर जाना हुआ घर में प्रवेश करने के बाद मुझे पता नहीं क्यों बड़ा अटपटा लगा। अजीब अजीब सी आकृति उसके घर के अलग अलग हिस्से में बना हुआ था पहली बार मुझे एहसास हुआ कि इसका व्यवहार सामान्य नहीं है दो घंटे उसके घर पर रहे होंगे इस दौरान कई बात उसके पति का फोन आया और वो बार बार बेबी को डॉक्टर से दिखाने वाली बात छुपाती रही मैं हैरान था बेबी का हाल इतना बूरा है और ये डॉक्टर के पास ले जाने कि बात क्यों छुपा रही । बाद के दिनों मेंं उससे खुलकर बातचीत होने लगी एक दिन वो बताया कि मेरा पति का गजब का सोच है बेबी को डाँ से मत दिखाओं पटना में ये वैद्य है उससे दिखाओं पतंजलि के दवा का इस्तेमाल करो ।

Editorial
Editorial

महिलाओं को लेकर अजीब तरह का सोच है इस तरह का कपड़ा मत पहनो वो मत करो शाम होते होते कमरे पर आ जाओ हर समय विडियो काॅल करता है जैसे मुझ पर उसे भरोसा ही नहीं है।मैं खुद नौकरी करता था इतना तंग किया कि नौकरी छोड़ना पड़ा ये सब बताती रहती थी फिर बेबी के स्कूल में नाम लिखाने की बात हुई तो पति का आदेश हुआ कि बेबी का नाम ऐसे स्कूल में लिखाना जहां सिर्फ लड़किया पढ़ती हो पटना के सबसे बेस्ट स्कूल में नाम लिखाई एक दिन पता चला कि बेबी के नाम लिखाने को लेकर बड़ा बवाल हुआ है क्यों कि जिस स्कूल में नाम लिखाई है वहां क्रिस्चन शिक्षिका है और उसका प्रबंधक भी क्रिस्चन है इसलिए आज के आज उसे वहां से हटाओं मेरी बेबी का संस्कार खराब हो जाएगा इतना हंगामा किया कि अंत में उसको बेबी को स्कूल जाना बंद करना पड़ा और फिर उसे कहा कि देखो पटना में कही सरस्वती शिशु मंदिर है वहां बेबी का नाम लिखाओं वो ढूढती रही एक स्कूल मिला भी तो वो उसको पसंद नहीं आया फिर एक स्कूल में नाम लिखायी हालांकि उसका नाम भी क्रिस्चन जैसा ही था फिर वो वीडिओ कांल से पहले स्कूल को देखा स्कूल में क्या क्या है पत्नी उसको दिखायी की देखिए सरस्वती वंदना लिखा है ये देखिए माँ सरस्वती का फोटो लगा हुआ है ये देखिए शिक्षिका के मांग में सिंदूर लगा है गले में मंगल सूत्र है नाम भेल ही क्रिस्चन वाला है लेकिन यहां एक भी शिक्षिका क्रिस्चन नहीं है तब ठीक है यहां नाम लिखा लो ।

एक सप्ताह पहले उसका फोन आया संंतोष सर एक गांड़ी लेना है लेकिन जो गाड़ी मुझे पसंद है वो कह रहा है कि एक माह बाद देंगे एजेंसी वाले को फोन करवाये तो बड़ी मुश्किल है तैयार हुआ तीन अगस्त को अक्षय तृतीया उस दिन गाड़ी लेगे सारा पैसा भुगतान भी कर दिया अभी थोड़ी देर पहले उसका फोन आया संतोष सर गाड़ी आज नहीं दे देगा मैंने पुंछा क्यों रात में उसका फोन आया था कह रहा था तीन मई को ईद भी है इसलिए उस दिन गाड़ी मत निकालो। हद है तीन मई को तो अक्षय तृतीया है उस दिन शुभ माना जाता है ईद है तो क्या हुआ अपना शुभ दिन लोग छोड़ दे संतोष सर आप तो समझते ही किस दिमाग का है आज ही गाड़ी दे दे बोल दीजिए ना गाड़ी आ गया है आज कल खामखां विवाद से मैं बचना चाहता हूं उसको तो कुछ नहीं होगा मेरा तबियत खराब हो जाएगा प्लीज सर आप बोल दीजिएगा तो गांड़ी दे देगा ।


सॉरी सर एक और बात गाड़ी का नम्बर अपने पसंद का मिल सकता है कह रहा था ऐसा नंबर लो जो जोड़ने पर 18 आये शुभ होता है। मैं चुपचाप उसकी बातों को सुनता रहा और मुस्कुराता रहा घृणा और नफरत कभी भी एकतरफा नहीं होता है उसका असर अपने परिवार और आस पास के लोगों को भी होता है पता है वो अपने बेबी को क्या पढ़ता है नानी नाना मौसी पराई होती है वो हमेशा गलत बात समझती है उससे दूरी रखो। दादा दादी जो कहे वो करो मम्मा पूरे दिन किस किस से फोन पर बात करती है कहां कहां जाती है उस पर नजर रखा करो और चुपके से मुझको बताया करो आ रहे हैं अक्टूबर में इस बार साथ लेकर आयेंगे पासपोर्ट अप्लाई कर दिये हैं।

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