PresidentElection2022 : राष्ट्रपति चुनाव की घोषणा के साथ ही उम्मीदवारी को लेकर कयास लगाने का सिलसिला शुरु हो गया। और रात होतेे होते कई नामों की चर्चा शुरु हो गयी।
उसमें एनडीए से मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी,केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और तीसरा उम्मीदवार का चौकाने वाला सामने आया है वह है गुलाम नबी आजाद का जिनके बारे में कहा जाता है कि वफादारी के मामले में tested हैं committed भी हैं।
मोदी को बचाने वालो में हैं और गुलाम नबी आजाद के विदाई के बेला को लोग भुला नहीं किस तरह मोदी उसके कसीदे काट रहे थे और इस दौरान दोनों भावुक हो रहे थे वैसे गुलाम नवी आजाद का नाम सामने आने पर कांग्रेस के पास भी सहमति देने के अलावे कोई विकल्प नहीं बचेगा । चौथा नाम बिहार से भी उठा है नीतीश कुमार का जिसके नामों की चर्चा करते हुए बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार की नीतीश कुमार में राष्ट्रपति बनने की काबिलियत है और सोच राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय इससे भारत को फयदा मिल सकता है ।
लेकिन जिस तरीके से बिहार के दैनिक हिन्दुस्तान अखबार ने राष्ट्रपति चुनाव अनायास या निराधार नही है श्रवन कुमार का बयान शीर्षक के साथ सात कांलम में खबर लगाया है ।
हिन्दुस्तान यह खबर बिना सहमति के ऐसे ही छाप नहीं दिया होगा क्यों कि इस खबर में यह दिखाने कि कोशिश हुई है कि नीतीश कुमार विपंक्ष के साझा उम्मीदवार हो सकते हैं। हालांकि बहुत मुश्किल है लेकिन इसी बहाने नीतीश कुमार की चर्चा एक बार फिर शुरु हो गयी है और आज सुबह से ही नीतीश के उम्मीदवारी को लेकर बयान भी आना शुरु हो गया और जिस अंदाज में बयान आना शुरु हुआ है।
एक दो दिन में देश स्तर पर भी प्रतिक्रियाएँ आनी तय है वैसे भी विपंक्ष के सामने नीतीश कुमार जैसा मजबूत चेहरा दूसरा है भी नहीं जिस पर कांग्रेस सहित तमाम विरोधी दल भरोसा जता सकता है वैसे उम्मीदवार हो या ना हो इस चर्चा से नीतीश कुमार की ब्रांडिंग तो जरुर होगी जिसका लाभ आने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव में उठाया ही जा सकता है वैसे नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर जो किया है उसे तो राष्ट्रीय स्तर पर मोहर तो लगनी ही चाहिए क्यों कि विकास का जो आज का माँडल है उसमें नीतीश के योगदान को तो नकारा नहींं ही जा सकता है।