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देश के पहले देसी युद्धपोत में मुजफ्फरपुर का ’आशीर्वाद’, INS विक्रांत में योगदान, स्कूल के साथ परिवार में ख़ुशी

देश के प्रथम स्वदेशी नवनिर्मित युद्धपोत आई एन एस विक्रांत के निर्माण में मुजफ्फरपुर के लाल का मेहनत भी रंग लाया है। जानकारी के मुताबिक डॉल्फिन पब्लिक स्कूल के छात्र रहे आशीर्वाद किशोर, जो बी टेक इंजीनियर हैं, वे भी विशाखापट्टनम के शिपयार्ड में विक्रांत के निर्माण क्रू में शामिल थे और छह वर्षों के अथक परिश्रम के बाद यह निर्माण अपने स्वरूप में आया है।

उनकी इस काबिलियत पर न सिर्फ डॉल्फिन पब्लिक स्कूल बल्कि जिलेवासी भी गौरवान्वित महसूस कर रहे है. आशीर्वाद के उपलब्धि पर उनके स्कूल में जश्न का माहौल हैं, और शिक्षक दिवस के अवसर पर विशेष भोज का आयोजन किया गया हैं.आशीर्वाद की इस उपलब्धि पर विद्यालय परिवार ने शिक्षक दिवस के अवसर पर उनकी मां सत्यप्रिया जो कि इसी विद्यालय में शिक्षिका हैं, को विशेष रूप से सम्मानित किया है।

माँ सत्यप्रिया ने कहा कि मै अपने बेटे की उपलब्धि से काफ़ी खुश हूं.आशीर्वाद के पिता एलआईसी में विकास पदाधिकारी के पद पर सेवारत हैं। विदित हो कि आशीर्वाद ने डॉल्फिन स्कूल से ही 12वीं कक्षा तक स्कूली पढ़ाई की। बाद में उसने राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर में बी टेक इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। एक मेधावी और काबिल इंजीनियर के रूप में उन्हें आई एन एस विक्रांत के निर्माण शुरू में शामिल किया गया था इस उपलब्धि के साथ भारत उन विकसित देशों में शामिल हो गया है जिनको स्वदेशी सामरिक युद्ध बेड़ा निर्माण करने की क्षमता है।

वहीं आशीर्वाद के स्कूल के मैनेजर धर्मवीर कुमार ने कहाँ कि ये हमारे लिए गर्व की बात है कि इस स्कूल के छात्र आशीर्वाद ने देश के स्वदेशी निर्मित युद्धपोत INS विक्रांत को बनाने में अपनी भूमिका निभाई हैं, ऐसे में हम अन्य छात्रों को भी प्रेरित करते हैं कि वो हमेशा कुछ अलग करने की कोशिश करें.

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