“बिहार मेधा घोटला “
“एक पूर्व सीएम ,दो पूर्व डीजीपी कई आलाधिकारी ,मंत्री जांच के दायरे में”
“2010 से 2022 के बीच हुई बहाली सवालों के घेरे में”
“30 हजार से अधिक छात्रों की हुई है बहाली “
“बीपीएसपी,दरोगा सिपाही भर्ती बोर्ड है जांच मे घेरे में”
जब जनता सत्ता और सरकार के तिलिस्म में उलझ जाता है तो फिर नेता आपके घर की बहन बेटी के अस्मत पर भी हाथ डाल दे तो नेता के इस कृत्य को भी जनता सही साबित करने में लग जाता है कड़वा है लेकिन सच है। कोई तीन चार माह पहले किसी सिलसिले में एक अनुमंडल में पोस्टेड अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (डीएसपी) से 30 से 40 मिनट तक बात करने का मौका मिला था,उसका ड्रेस सेन्स और बात करने के लहजा देख कर मैं हैरान था इस व्यक्ति में बीपीएसपी निकालने का कोई गुण नहीं है ये डीएसपी कैसे बन गया । मुंह में गुटखा, हाथ में लाल धागा, सिर पर चश्मा और एक कान में बाली ,वर्दी के कॉलर पर ब्लूटूथ गजब का गेटअप था ।बातचीत के दौरान ही मैंने सवाल कर दिया कहां से पढ़े हैं उसके जवाब के बाद मैंने कहा बिहार में ये पुलिस का नौकरी करने काहे आ गये ।



आपके व्यवहार से तो कही से नही लग रहा है कि आप बीपीएससी की परीक्षा पास किये हो हाहहाहा बात आयी चली गयी ।
लेकिन मेरा मन बहुत व्यथित हुआ क्या होगा बिहार का ऐसे अधिकारी तो जनता को जीना हराम कर देगा ।
खैर पटना लौटने के बाद ये बात मैंने अपने तमाम पुलिस मित्रों से कहा चेक करिए बहाली में कुछ ना कुछ गड़बड़झाला चल रहा है ।
उसके कुछ दिनों के बाद ही बीपीएससी प्रश्न पत्र लीक का मामला सामने आ गया और फिर इस मामले में पहले एक सीओ की गिरफ्तारी हुई और अब एक डीएसपी की गिरफ्तारी हुई है ।
गिरफ्तार डीएसपी साहब का नौकरी में आये आये जुम्मा जुम्मा आठ वर्ष भी ठीक से नहीं हुआ है और इसका रसूख तो डीजीपी से भी बड़ा निकला नौकरी में आने से पहले एसएससी परीक्षा में सेटिंग करने के मामले में पकड़ा गया चार्जशीट हुआ ,डीएसपी बनने पर आर्थिक अपराध इकाई ने बीपीएससी को इसकी सूचना दी फिर भी इसको नौकरी मिल गयी ।












बड़ा सवाल है ना पुलिस पदाधिकारी बनने जा रहा है और वो खुद प्रतियोगिता परीक्षा में धांधली के आरोप में आरोपित है फिर भी बीपीएससी इन्हें बहाल करता है कहाँ ये जा रहा है कि मुख्यमंत्री सचिवालय के सीधे हस्तक्षेप के कारण पुलिस भेरिफिकेसन को नजर अंदाज करते हुए उसे नियुक्त कर लिया गया जबकि गृह विभाग के प्रधान सचिव से लेकर आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी तक इसके बहाली से जुड़ी फाइल पर सवाल खड़े चुके थे।
इतना ही नहीं 2012 के बाद बिहार में दरोगा और सिपाही की जितनी भी बहाली हुई है इस जनाब को विशेष तौर पर बहाली की प्रक्रिया में शामिल ही नहीं किया गया बल्कि इन्हें बहाली प्रक्रिया में विशेष जिम्मेवारी भी दी जाती रही है ।
इतना ही नहीं डीएसपी साहब के पास करने के बाद उनके भाई साहब भी बीपीएससी पास किये है और बाद में तो उसके दूर के नाते रिश्तेदार सब भी अधिकारी बन गये ।ये संयोग तो नहीं हो सकता है। इसका मतलब है कि बिहार में जो भी बहाली हुई है उसमें बड़े स्तर पर गड़बड़ी हुई है ।
इतना ही नहीं सूचना ये आ रही है कि जैसे ही उसकी गिरफ्तारी की खबर आयी बिहार पुलिस बहाली बोर्ड के अधिकारी रातो रात बेतिया पहुंच कर मार्च 2022 में हुए सिपाही बहाली का ओएमआर सीट गायब होने को लेकर एफआईआर दर्ज करने का एक आवेदन लेकर थाना पर पहुँच गया।
“मोटरयान निरीक्षक बहाली भी संदेह के दायरे में “
बीपीएससी का एक और बानगी बताते हैं हाल ही में बीपीएससी द्वारा मोटरयान निरीक्षक (MFI) बहाली में पटना के राजकीय कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय शास्त्री नगर स्थिति परीक्षा केन्द्र के कमरा नम्बर 6 से 24 छात्रपास किया है ऐसा संभव है क्या उस रूम में 41 छात्रों का सीट निर्धारित किया गया था जिसमें 24 छात्र शामिल हुए और सभी के सभी 24 छात्र परीक्षा में पास हो गया और अभी साक्षात्कार चल रहा है ।
ऐसा संयोग तो नहीं हो सकता है कि बिहार के सारे विलक्षण प्रतिभा वाले छात्रों का एक ही रूम में सेंटर पर गया होगा। वैसे जब आप सत्ता से सवाल करने के बजाय सत्ता की रखैल बन जाते हैं तो यही होता है हालांकि इतना सब कुछ सामने आने के बावजूद आपका जमीर जागेगा कहना मुश्किल है क्यों कि बिहार के यूथ ने अपना सब कुछ अपने मसीहा के ऊपर छोड़ दिया है ।