पटना । पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार को 35 हजार करोड़ की राजस्व क्षति, जहरीली शराब पीने वाले 1000 से ज्यादा लोगों की मौत और 6 साल में 4 लाख गरीबों के जेल जाने के बाद भी क्या शराबबंदी की समीक्षा नहीं होनी चाहिए?
- सारण में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 100 पार, आंकड़े छिपा रही सरकार
- गरीब आश्रितों को मिले मुआवजा, इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न न बनायें मुख्यमंत्री
उन्होंने कहा कि भाजपा शुरू से पूर्ण मद्यनिषेध नीति का समर्थन करती रही हैै, लेकिन नीतीश सरकार इसे लागू करने में पूरी तरह विफल है।
श्री मोदी ने कहा कि सरकार की नाकामी के कारण शराबबंदी ने पुलिस-प्रशासन के लोगों को 10 हजार करोड़ की अवैध कमाई करने और गरीबों को प्रताड़ित करने की खुली छूट दी। क्या इन बातों की समीक्षा नहीं होनी चाहिए?
उन्होंने कहा कि सारण में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 100 से ज्यादा हो चुकी है। राज्य सरकार वास्तविक आंकड़े छिपा रही है।
श्री मोदी ने कहा कि मृतकों के परिवारों को पुलिस धमका रही है, इसलिए लोग दूसरी जगह जाकर अन्त्येष्टियां कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि शराब पीने वालों पर परिवार का कोई जोर नहीं चलता। जहरीली शराब से मौत होने पर मुसीबतें परिवार पर टूटती हैं, इसलिए उन्हें मुआवजा मिलना चाहिए।
श्री मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार गरीब, पिछड़ा, अतिपिछड़ा और दलित समाज के विरोधी हो गए हैं। उन्हें मुआवजे को प्रतिष्ठा का प्रश्न नहीं बनाना चाहिए।