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सेंसेक्स, निफ्टी सपाट बंद हुए; ज़ी एंटरटेनमेंट में 40%, वोडा आइडिया में 10% की तेजी

चुनिंदा आईटी और बैंकिंग शेयरों में बढ़त के चलते बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी 50 मंगलवार को सकारात्मक दायरे में बंद हुए। सेंसेक्स 69 अंक बढ़कर 58,247 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 50 इंडेक्स 25 अंक बढ़त के साथ 17,380 पर बंद हुआ। बीएसई मिडकैप 1% से अधिक और बीएसई स्मॉलकैप 0.6% बढ़ा।

सेंसेक्स चार्ट (14.09.21) एक नजर में

इंडसइंड बैंक 4 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि के साथ शीर्ष सूचकांक प्रदर्शनकर्ता था। इसके बाद एचसीएल टेक्नोलॉजीज, बजाज-ऑटो, लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी), कोटक महिंद्रा बैंक, टेक महिंद्रा, अन्य शामिल थे। दूसरी तरफ, नेस्ले इंडिया, अल्ट्राटेक सीमेंट, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल), हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (एचडीएफसी), टाटा स्टील, बजाज फिनसर्व, इंफोसिस बीएसई सेंसेक्स के शीर्ष ड्रैगर्स में से थे।

सेंसेक्स के शेयर एक नजर में

बैंक निफ्टी 0.39 फीसदी, निफ्टी ऑटो 0.88 फीसदी, निफ्टी प्राइवेट बैंक 1.03 फीसदी चढ़ा। शीर्ष सेक्टोरल परफॉर्मर निफ्टी मीडिया था, जो 14.4 फीसदी तक चढ़ा। मीडिया शेयरों का प्रदर्शन बेहतर ।

सेंसेक्स के 30 शेयर्स में से 16 शेयर्स बढ़त के साथ और 14 शेयर्स लाल निशान में बंद हुए। बीएसई मिडकैप 1% से अधिक और बीएसई स्मॉलकैप 0.6% बढ़ा। लगभग 1,945 शेयरों में तेजी, 1,301 में गिरावट और 150 में कोई बदलाव नहीं हुआ। बीएसई पर कारोबार के दौरान 256 शेयर्स 52 हफ्ते के ऊपरी स्तर पर और 27 शेयर्स 52 हफ्ते के निचले स्तर पर कारोबार करते दिखे।

निफ्टी के प्रमुख शेयरों के टॉप गेनर और लूजर का हाल

भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार का अभियान जारी पथ निर्माण विभाग के इंजीनियर के घर से करोड़ो की अवैध सम्पत्ति बरामद

निगरानी अन्‍वेषण ब्यूरो (Vigilance Department of Bihar) ने आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने के मामले में आज निगरानी अन्‍वेषण ब्यूरो (Vigilance Department of Bihar) ने बड़ी कार्रवाई की है आज पटना के गुलजारबाग स्थित पथ निर्माण प्रमंडल में तैनात इंजीनियर कौन्तेय कुमार तीन ठिकानों पर निगरानी ने एक साथ छापामारी किया जिसमें करोड़ो की अवैध सम्पत्ति का खुलासा हुआ है ।

इंजीनियर के पटना के मैनपुरा स्थित नित्यानंद अपार्टमेंट के फ्लैट में हुई छापेमारी में निगरानी टीम ने करीब 14 लाख रुपए कैश, आधा किलो सोना एवं एक किलो चांदी के साथ जमीन में निवेश के कई दस्तावेज तथा करीब आठ बैंक पास बुक बरामद किए हैं। इसके अलावा इंजीनियर के अन्‍य ठिकानों पर भी छापामारी जारी है।

इंजीनियर के तीन ठिकानों पर छापेमारी पटना के गुलजारबाग पथ निर्माण प्रमंडल में तैनात इंजीनियर कौन्तेय कुमार पर निगरानी की नजर लंबे समय से थी। मंगलवार को सबूत जुटाने के बाद निगरानी की टीम ने डीएसपी एसके मौआर के नेतृत्व में उनके घर पर छापेमारी कर दी। पटना के मैनपुरा स्थित इंजीनियर के पटना के दो घरों व कार्यालय में छापामारी जारी है।

बताया जा रहा है इंजीनियर ने अपनी वैध आय के अलावा दो करोड़ रुपये की अवैध संपति अर्जित कर रखी है। पथ निर्माण विभाग के इंजीनियर कौन्तेय कुमार के घर पर छापा मारा है।

ब्यूरो ने यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज करते हुए की है। इंजीनियर के पटना के मैनपुरा स्थित नित्यानंद अपार्टमेंट के फ्लैट में हुई छापेमारी में निगरानी टीम ने करीब 14 लाख रुपए कैश, आधा किलो सोना एवं एक किलो चांदी के साथ जमीन में निवेश के कई दस्तावेज तथा करीब आठ बैंक पास बुक बरामद किए हैं। इसके अलावा इंजीनियर के अन्‍य ठिकानों पर भी छापामारी जारी है।

राज्यपाल कोटा से मनोनीत एमएलसी पर लटकी तलवार हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा ।

पटना हाई कोर्ट ने बिहार में राज्यपाल कोटा से मनोनीत किये गए 12 एम एल सी के मनोनयन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा लिया है। चीफ जस्टिस संजय करोल खंडपीठ ने वरीय अधिवक्ता बसंत कुमार चौधरी की याचिका पर सुनवाई की।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि इस तरह के मामले में भारत का संविधान साहित्य, कलाकार, वैज्ञानिक, सामाजिक कार्यकर्ता व सहकारिता आंदोलन से जुड़े हुए विशिष्टतता प्राप्त व्यक्तियों को मनोनीत करने की अनुमति देता है।ये 12 लोगों को एम एल सी मनोनीत किया गया है ,वह बहुमत बढ़ाने और जो लोग एम एल ए नहीं चुन कर नहीं आये हैं, उनका शामिल करने के लिए मनोनीत किया गया है। यह संविधानिक के प्रावधानों का उल्लंघन है।

याचिकाकर्ता की ओर से यह कहा गया कि इनमें न तो कोई सामाजिक कार्यकर्ता है और न ही साहित्य से जुड़ा व्यक्ति या फिर वैज्ञानिक उपलब्धियां हैं। उनका यह भी कहना था कि एक सामाजिक कार्यकर्ता को काम का अनुभव, व्यवहारिक ज्ञान और विशिष्टता होना चाहिए।

श्री चौधरी ने कहा कि इनमें कोई पार्टी का कोई या तो कार्यालय पदाधिकारी है, या कोई कहीं का अध्यक्ष। विधान पार्षद अशोक चौधरी, जनक राम, उपेंद्र कुशवाहा, डॉ राम वचन राय, संजय कुमार सिंह, ललन कुमार सर्राफ, डॉ राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता, संजय सिंह, देवेश कुमार, प्रमोद कुमार, घनश्याम ठाकुर और निवेदिता सिंह को राज्यपाल कोटे से मनोनीत किया गया है।

हाईकोर्ट ने सफाईकर्मियों को हड़ताल तोड़ने का दिया निर्देश

पटना हाईकोर्ट ने पटना नगर निगम कर्मियों के चल रहे हड़ताल को तत्काल खत्म करने का निर्देश दिया। इस याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की।

कल एडवोकेट जेनरल ने पटना नगर निगम के कर्मचारियों के हड़ताल से उत्पन्न गंभीर स्थिति को देखते हुए इस मामलें पर सुनवाई करने का कोर्ट से अनुरोध किया था।

उन्होंने कहा कि पूरे पटना शहर में निगम कर्मियों के हड़ताल से प्रभाव पड़ा है।अभी कोरोना महामारी का संकट बरकरार हैं।
कोर्ट ने निगम कर्मियों को तत्काल हड़ताल खत्म करने का निर्देश दिया।साथ ही।राज्य सरकार को कर्मचारीगण की लंबित मांगो पर विचार कर आठ सप्ताह में आदेश पारित करने का निर्देश दिया।

निगम कर्मियों के हड़ताल के कारण पूरा पटना कूड़ा के ढेर में तब्दील हो गया।राजधानी के सभी क्षेत्रों में गन्दगी फैली हुई हैं,जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।

एडवोकेट जेनरल ललित किशोर ने कहा कि अभी करोना का समय चल रहा है।ऐसे समय में इन निगम कर्मियों के हड़ताल से पूरे पटना की सफाई व्यवस्था प्रभावित हुआ है।शहर के हर इलाके में गन्दगी फैली हुई हैं।
नगर निगम कर्मियों के सप्ताह भर के हड़ताल के कारण नारकीय स्थिति हो गई है।

सुशील मोदी बिहार की सियासत में बने रहने के लिए खेला बड़ा दाव

”तमाशबीन हूं मैं ”

हाल के दिनों में सुशील मोदी द्वारा दिये गये तीन बयान पर गौर करिए

1–सुशील कुमार मोदी ने कहा कि हम इस मुद्दे पर विधानसभा और विधान परिषद में पारित प्रस्ताव का हिस्सा रहे हैं. जातीय जनगणना कराने में अनेक तकनीकि और व्यवहारिक कठिनाइयां हैं, फिर भी बीजेपी समर्थन में है।
2–सुशील मोदी ने कहा, ” 1977 में आपातकाल हटने के बाद पहले संसदीय चुनाव में रामविलास पासवान ने सबसे ज्यादा मतों के अंतर से जीतने का रिकार्ड बनाया था. वे एनडीए राजनीति के प्रमुख शिल्पी थे.”
उनकी जयंती पर राजकीय समारोह होना चाहिए और रामविलास पासवान की मूर्ति लगानी चाहिए।
3– सुशील कुमार मोदी ने कहा कि रघुवंश बाबू की जयंती पर राजकीय समारोह हो और सरकार इस पर निर्णय करे. सुशील मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह वास्तव में गरीबों की चिंता करने वाले ईमानदार नेता थे ।

पहला बयान संघ,बीजेपी और नरेन्द्र मोदी के विचार से विपरीत है वही दूसरा और तीसरे बयान की बात करे तो पहली बार सुशील मोदी नीतीश कुमार से असहमति दिखाने कि कोशिश करते दिख रहे हैं।
इसकी वजह क्या है बीजेपी की राजनीति की बात करे तो सुशील मोदी संगठन और पार्टी के अंदर राजनाथ सिंह जैसे सरीखे नेता को छोड़ दे तो सबसे अनुभवी और सीनियर हैं ।

मोदी और शाह के विरोध के बावजूद आज भी सुशील मोदी के बगैर बिहार बीजेपी में पत्ता भी नहीं हिल सकता है ।2020 में सरकार गठन को लेकर राजनाथ सिंह की जगह कोई और नेता आया होता तो बिहार बीजेपी उसी दिन केन्द्रीय नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर देता।

आज भी 90 प्रतिशत विधायक मोदी के साथ है फिर भी मोदी हाशिए पर हैं वजह इन्हें नीतीश पर काफी भरोसा था और उसी भरोसा में छल हो गया । नीतीश अगर मोदी को लेकर बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व के सामने खड़े हो जाते तो मोदी और शाह का कुछ नहीं चलता लेकिन नीतीश कुमार ऐसा नहीं किये ।

फिर लगा कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिल जायेगी पीएम मोदी ने ये भरोसा भी दिलाया था कि आप जैसे प्रशासनिक अनुभव रखने वाले नेता की केन्द्र में जरुरत है लेकिन ऐसा हुआ नहीं, नीतीश भी अब इनसे दूरी बनाने लगे हैं ।
वही नागेन्द्र जी के संगठन महामंत्री से हटाये जाने के बाद इनकी परेशानी और बढ़ गयी क्यों कि अभी भी नागेन्द्र जी के सहारे सुशील मोदी की सियासत चल रही थी क्यों कि नागेन्द्र जी को बिहार बीजेपी में सुशील मोदी की क्या पकड़ वो पता था ।फिर जेटली जैसा केन्द्र में कोई भरोसेमंद साथी नहीं रहा नड्डा से कुछ उम्मीद थी लेकिन वो मोदी और शाह के प्रभामंडल से पार्टी को बाहर नहीं निकाल पाये ।

ऐसे में सुशील मोदी के पास दो विकल्प था या तो मार्गदर्शक मंडल में जाने कि तैयारी शुरु कर दे या फिर बिहार की राजनीति में मजबूती के साथ कूद पड़े। इनके सलाहकार भी मानते हैं कि लालू परिवार के विरोध की राजनीति बहुत हो गयी और अब इससे बाहर निकलिए।
मोदी इसी का इन्तजार कर रहे थे और जैसे ही जातीय जनगणना की बात आयी मोदी बिहार की सियासत को देखते हुए संघ, पार्टी और पीएम मोदी के विचार से विपरीत स्टेंड ले लिये क्यों कि जिस समय बिहार विधानमंडल में जातीय जनगणना को लेकर प्रस्ताव लाया जा रहा था उस समय भी संघ इसके खिलाफ था लेकिन मोदी संघ की परवाह ना करते हुए बिहार विधानमंडल में प्रस्ताव का समर्थन ही नहीं किया बढ़चढ़ कर हिस्सा भी लिया ।

सुशील मोदी रामविलास पासवान और रघुवंश बाबू को लेकर जो बयान दिये हैं उसके पीछे यह राजनीति है कि सुशील मोदी उस छवि से बाहर निकलना चाह रहे हैं जिसमें इन पर आरोप लगता रहा है कि ये नीतीश की जी हजूरी करते हैं ।इसी छवि से मोदी और शाह भी नराज है अब देखना यह है कि सुशील मोदी बयान देने तक ही सीमित रहते हैं या फिर इस मांग को लागू कराने को लेकर आगे भी बढ़ते हैं ।

क्यों कि रामविलास पासवान के बरसी में जा कर मोदी ने एक लाइन तो बिहार की राजनीति में खीच दिया है कि चिराग ही रामविलास पासवान का असली वारिस है और आने वाले समय में चिराग के सहारे बिहार में नीतीश की घेराबंदी की जा सकती है ।

वायरल बुखार को लेकर राज्य सरकार ने जारी अलर्ट स्वास्थ्यमंत्री का निर्देश मरीजों का हो बेहतर इलाज

मंगल पांडेय ने कहा है कि राज्य में वायरल बुखार से पीड़ित बच्चों के बेहतर उपचार के लिए सभी सिविल सर्जनों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है। साथ ही सभी सदर अस्पतालों एवं मेडिकल कॉलेज सह अस्पतालों में जांच और उपचार की मुक्कमल तैयारी रखने के भी निर्देश दिये गये हैं।

इस क्रम में किसी बच्चे में वायरल बुखार, निमोनिया, स्वाइन फ्लू और जेई आदि के लक्षण मिलते हैं, तो उस बच्चे को तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर ले जाकर समुचित जांच और उपचार कराएं। गंभीर रूप से बीमार बच्चे को बेहतर इलाज के लिये रेफर करने के अलावे संबंधित विस्तृत रिपोर्ट रोजाना मुख्यालय को भेजने का निर्देश दिया गया है।

श्री पांडेय ने कहा कि वायरल बुखार को लेकर सरकार की त्वरित कार्रवाई का काफी सकारात्मक नतीजे सामने आ रहे हैं। सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उक्त बीमारियों से बचाव के लिए हर प्रकार की आवश्यक दवाइयां, जांच, डॉक्टर एवं नर्सेज की व्यवस्था की गई है।

अभी तक राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेज सह अस्पतालों में वायरल बुखार से पीड़ित बच्चों में से अधिकांश बच्चे स्वस्थ हो रहे हैं। मेडिकल कालेज सह अस्पताल और जिला अस्पताल समेत सभी सरकारी अस्पतालों को वायरल बुखार के मरीजों के इलाज में पूरी मुस्तैदी रखने का निर्देश दिया गया है। अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्सा पदाधिकारी तथा आयुष चिकित्सकों को पूरी मुस्तैदी के साथ वायरल बीमारियों से संबंधित लक्षणात्मक बच्चों का समुचित उपचार करने को कहा गया है

मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार को लेकर फिर भड़के कहां अब बर्दास्त से बाहर हो गया अधिकारी का नाम बताये

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार आज ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में शामिल हुए। जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 167 लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए।

आज ‘‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यकम‘‘ में सामान्य प्रशासन, स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण, वित्त, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, विज्ञान एवं प्रावैधिकी, सूचना प्रावैद्यिकी, कला,
संस्कृति एवं युवा, श्रम संसाधन विभाग तथा आपदा प्रबंधन विभाग के मामलों पर सुनवाई हुयी।

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने जनता के दरबार में हाजिर होकर लोगों की शिकायतें सुनीं। जनता दरबार में त्रिवेणीगंज, सुपौल के श्री इंद्र भूषण प्रसाद ने त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल में अनियमितता की शिकायत की। उन्होंने कर्मचारियों में तालमेल के अभाव में इलाज में हो रही परेषानी को लेकर शिकायत की।

वहीं मोतीपुर, मुजफ्फरपुर के श्री नंदलाल कुमार ने अपनी शिकायत में कहा कि मेरी पत्नी जो एक वर्ष से आंगनबाड़ी सेविका के रुप में कार्यरत थी, डी0पी0ओ0 द्वारा मांगी गई राशि नहीं देने के कारण उन्हें साजिश के तहत हटा दिया गया। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को शिकायतकर्ता के शिकायत के समाधान का निर्देश दिया।

छौराही, बेगूसराय के श्री अरुण कुमार सिंह ने शिकायत करते हुए कहा कि राजकीय उच्च विद्यालय छौराही, मटिहानी के खेल मैदान को हाट में तब्दील कर दिया गया है। वहीं हुलासगंज, जहानाबाद के श्री मंटू कुमार ने झारूबिगहा में प्राथमिक विद्यालय स्थापित किए जाने के संबंध में मुख्यमंत्री से अपनी मांग रखी। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

सोनपुर, सारण के श्री उदय कुमार ने फिजिकल शिक्षक की बहाली को लेकर अपनी मांग रखी तो वहीं पटना सदर के श्री केवल नारायण मिश्रा ने सेवानिवृत्ति का लाभ नहीं मिल पाने की षिकायत की। दरभंगा के श्री पप्पु कुमार ने जी0एन0एम0 की बहाली में पुरुषों को भी शामिल करने तथा प्राइवेट जी0एन0एम0 संस्थानों में शुल्क कम करने की मॉग की। मुख्यमंत्री ने इस पर संबंधित विभाग को समुचित कार्रवाई का निर्देष दिया।

कुछ छात्र-छात्राओं ने मुख्यमंत्री से शिकायत करते हुए कहा कि मैट्रिक पास करने के बाद भी आज तक उन्हें प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को पूरे मामले को देखकर उचित कदम उठाने को कहा। वहीं व्हील चेयर से आये एक दिव्यांग ने मुख्यमंत्री से कहा कि आज तक मुझे आयुष्मान हेल्थ कार्ड नहीं मिला। इस पर मुख्यमंत्री ने आश्चर्य जताया और तुरंत स्वास्थ्य विभाग को आवश्यक निर्देश दिया।

योगापट्टी, पश्चिम चंपारण के श्री विनोद कुमार ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि उनका पुत्र एवं पुत्री की पानी में डूबने से मौत हो गई थी। मुआवजा के लिए पैसा भी आया लेकिन ऑफिस के कर्मचारी मुझे पैसा देने के लिए अवैध राषि की मांग कर रहे हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि जिसने भी पैसे की मांग की है, उस पर केस दर्ज होगा। मुख्यमंत्री ने तुरंत आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव पूरी जानकारी लेकर जिसने भी पैसे की मांग की है, उस पर विधि सम्मत कार्रवाई करने का निर्देष दिया।

मधुबनी के झंझारपुर के नरूआर गांव से आये श्री सतीश कुमार मंडल ने कहा कि 2019 में बाढ़ में 52 परिवार विस्थापित हो गये थे। सारा जमीन-घर कमला नदी में समा गया था। शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री से कहा कि आपने ही सभी 52 परिवारों को घर के लिए जमीन का कागजात दिया था। 2019 से आज तक सिर्फ कागज मिला लेकिन जमीन अब तक नहीं मिल पायी है।

आज भी सभी 52 परिवार पन्नी टांगकर किसी तरह गुजर बसर कर रहे हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम आपके गांव में गये थे, मुझे याद है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन विभाग को कहा कि डी0एम0 से बात कीजिए कि अभी तक विस्थापित परिवारों को जमीन क्यों नहीं मिली है ? हम वहां गये थे और जमीन देने की बात हमने कही थी लेकिन ये बता रहे हैं कि अभी तक जमीन उपलब्ध नहीं कराया गया है। इसको देखकर शिकायत दूर कीजिए।

जनता दरबार में लगातार आंगनबाड़ी सेविकाओं की बहाली से जुड़े लगातार कई शिकायत के मामले आने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़े पैमाने पर आंगनबाड़ी सेविका बहाली की शिकायत मिल रही है। अब तक मधुबनी से लगातार चार शिकायत आ चुकी है। उसके बाद मुख्यमंत्री ने समाज कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव को कहा कि चार शिकायत पहुंच गयी है। मामले को देखिए, लगातार गड़बड़ी की शिकायत मिल रही है।

बिहार बना नशीली पदार्थो का हब

बिहार इन दिनों नशीली पदार्थ के तस्करी का हब बनता जा रहा है रोजाना शराब के बरामदगी की खबर आती ही रहती है और अब ड्रग्स के तस्करी की भी बात सामने आने लगी है दो दिन पहले ही लखीसराय में गंजा का एक बड़ा खेप पकड़या था और आज गया पुलिस ने 2 किलो 200 ग्राम ब्राउन शुगर पकड़ा है जिसकी किमत करोड़ो में है ।

गया एसएसपी की माने तो कई दिनों से रेकी करने के बाद 2 किलो 200 ग्राम ब्राउन शुगर के साथ तीन सप्लायर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। तीनों आरोपी गया जिले के टनकुप्पा थाना क्षेत्र अंतर्गत बरसौता गांव निवासी है। गिरफ्तार आरोपितों में सूरज कुमार सुमन कुमार उर्फ लोकेश आलोक कुमार शामिल है।

इन तीनों के पास से 2 किलो 200 ग्राम ब्राउन शुगर ड्रग्स दो मोटरसाइकिल और तीन मोबाइल बरामद किया गया है।एसएसपी ने बताया कि पकड़े गए तीनों ब्राउन शुगर सप्लाई करने का काम करता है। एसएसपी ने बताया कि बरामद ब्राउन शुगर की बाजार में कीमत करोड़ के आसपास आंकी गई है।

सएसपी ने बताया कि पकड़े गए तीनों आरोपितों का तार झारखंड के बरही से जुड़े हैं, जो बराबर गया और आसपास के इलाकों में ब्राउन शुगर की आपूर्ति करता है। उन्होंने स्पष्ट किया ब्राउन शुगर की आपूर्ति कराने में कुछ सफेदपोश लोगों के भी नाम सामने आए हैं। पकड़े गए लोगों के द्वारा जिन सफेदपोश नेताओं का नाम बताया गया है।

उनकी गिरफ्तारी कराने के लिए टीम छापेमारी कर रही है। घटनास्थल से एक आरोपित फरार हुआ है। वह झारखंड के बरही थाना क्षेत्र का रहने वाला है।इस मामले में मुफस्सिल थाना में एनडीपीसी एक्ट 1985 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

सएसपी ने कहा कि कुछ स्थानीय सफेदपोश नेता भी ब्राउन शुगर की पूर्ति में शामिल हैं। बरामद मोबाइल में अंकित नंबरों की भी जांच कराई जा रही है पकड़े गए आरोपों के मोबाइल में जिन व्यक्तियों का नाम अंकित है या बराबर आपूर्तिकर्ता से बातचीत होती है उनके गिरेबान तक भी पुलिस पहुंचने के लिए साक्ष्य जुटा रही है।

सेंसेक्स, निफ्टी लाल निशान में बंद; मिड, स्मॉलकैप का बेहतर प्रदर्शन

बीएसई सेंसेक्स 127.31 अंक गिरकर 58,177.76 पर, जबकि निफ्टी 50 13.95 अंक फिसलकर 17,355.30 पर बंद हुआ।
सुबह के कारोबार के दौरान दोनों सूचकांक लाल रंग में खुले और निचले स्तर पर कारोबार किया।

बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों ने बेंचमार्क सेंसेक्स से बेहतर प्रदर्शन किया और लगातार तीसरे सत्र में अपनी जीत का सिलसिला बढ़ाया। अन्य सेक्टोरल इंडेक्स में बीएसई मेटल, यूटिलिटीज और बेसिक मैटेरियल्स में एक-एक फीसदी से ज्यादा की तेजी आई।

सेंसेक्स पर आरआईएल निचले स्तर पर कारोबार किया क्योंकि Jio द्वारा अपने अल्ट्रा-लो-कॉस्ट स्मार्टफोन के लॉन्च में देरी के बाद यह 2.22 प्रतिशत कम हो गया था। इसके बाद आईसीआईसीआई बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल), एचडीएफसी बैंक और महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमएंडएम) का स्थान रहा। दूसरी ओर, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), भारती एयरटेल, बजाज फिनसर्व, टाटा स्टील मारुति सुजुकी इंडिया और कोटक महिंद्रा बैंक शीर्ष पर रहे।

बाजार को मेटल और IT शेयर्स का सपोर्ट मिला। NSE पर मेटल इंडेक्स 1.29% और IT इंडेक्स 0.94% की तेजी के साथ बंद हुआ। सेक्टोरल इंडेक्स में निफ्टी मीडिया इंडेक्स 1.34 फीसदी चढ़ा, इसके बाद निफ्टी मेटल इंडेक्स में 1.29 फीसदी की तेजी आई ।

बीएसई मिडकैप इंडेक्स 78.16 अंक (0.32 फीसदी) बढ़कर 24,783.45 पर बंद हुआ, जबकि एसएंडपी बीएसई स्मॉलकैप 221.04 अंक (0.80 फीसदी) की तेजी के साथ 27,866.14 पर बंद हुआ।

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल), आईसीआईसीआई बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल), एचडीएफसी बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमएंडएम), अल्ट्राटेक सीमेंट, एक्सिस बैंक शीर्ष इंडेक्स ड्रैगर्स में से थे। दूसरी तरफ, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), भारती एयरटेल, बजाज फिनसर्व, टाटा स्टील, मारुति सुजुकी, कोटक महिंद्रा बैंक, एचसीएल टेक बीएसई सेंसेक्स के शीर्ष पर थे।

सेंसेक्स के 30 शेयर्स में से 20 शेयर्स बढ़त के साथ और 10 शेयर्स लाल निशान में बंद हुए। BSE पर कारोबार के दौरान 255 शेयर्स 52 हफ्ते के ऊपरी स्तर पर और 25 शेयर्स 52 हफ्ते के निचले स्तर पर कारोबार करते दिखे।

निफ्टी के प्रमुख शेयरों के टॉप गेनर और लूजर का हाल

बिहार कांलेज आंफ फिजियोथेरेपी कोर्स की पढ़ाई को लेकर हुई सुनवाई

पटना हाई कोर्ट ने बिहार कॉलेज ऑफ फिजियोथेरेपी एंड ऑक्यूपेशनल थेरेपी में फिजियोथेरेपी व ऑक्यूपेशनल थेरेपी में पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स शुरू करने हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र देने के मामलें पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने अधिवक्ता भावना सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई की।

याचिकाकर्ता ने उचित समय सीमा में डॉक्टर, शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक स्टाफ तथा टेक्नीशियन और फिजियोथैरेपिस्ट के कॉलेज में खाली पड़े पदों भरे जाने का अनुरोध किया।

उन्होंने बताया कि बिहार कॉलेज ऑफ फिजियोथेरेपी एंड ऑक्यूपेशनल थेरेपी राज्य में एकमात्र सरकारी अस्पताल है । यहाँ ऑक्यूपेशनल थेरेपी का कोर्स व इलाज समेत पुनर्वास और फिजियोथेरेपी की सुविधाएं मुहैया कराई जाती है।खासतौर से वैसे गरीब लोगों को जो इसका इलाज दूसरे स्थानों पर करवाने में समर्थ नहीं हैं। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि अप्रशिक्षित व्यक्तियों द्वारा प्रशिक्षित व्यक्तियों के कामों को अस्पताल में किया जा रहा है। इतना ही नहीं, प्रशिक्षित व्यक्तियों द्वारा इस अस्पताल में गार्ड का काम किया जा रहा है।

इसलिए कोर्ट से कॉलेज में समुचित काम काज को लेकर निर्देश देने की भी मांग किया गया है।मामले पर सुनवाई तीन सप्ताह बाद की जाएगी।

सीएम हैरान 2016 में मैट्रिक पास किये छात्रों को अभी तक नहीं मिला है प्रोत्साहन राशी

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम के दौरान उस वक्त हैरान रह गये जब उनकी खुद की महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना के तहत 2016 से छात्रों को राशी नहीं मिल रही है।

भागलपुर से आई एक बच्‍ची ने बताया कि उसने 2016 में मैट्रिक परीक्षा पास की थी, बावजूद उसे मुख्‍यमंत्री प्रोत्‍साहन योजना की राशि अब तक नहीं मिली है। इसे सुनकर सीएम चौंक गए। इसके बाद भी इस तरह के एक दर्जन से अधिक मामले आए।

क युवक ने 2017 में परीक्षा पास करने पर भी अब तक प्रोत्‍साहन राशि नहीं मिलने की बात कही। सीएम आश्‍चर्यचकित थे कि इतने वर्षों बाद भी योजना की राशि क्‍यों नहीं दी गई फिर वो अधिकारियों से इस संदर्भ में बात किया ।

इसी तरह जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम के दौरान पिछले दिनों सीएम को पता चला कि 2015 से ही आंगनबाड़ी केंद्र की सहायिका को मानदेय नहीं मिल रहा जनता के दरबार कार्यक्रम के दौरान भोजपुर जिला के सहार प्रखंड के आंगनबाड़ी केंद्र की सहायिका, समस्तीपुर जिला के विभूतिपुर प्रखंड समेत अन्य कई स्थानों से आयी सेविकाओं ने सीएम के समाने मानदेय नहीं मिलने को लेकर अपनी बात रखी। सेविका की बात सुन कर सीएम इसी तरह हैरान रह गये थे ।

सफाईकर्मियों के हड़ताल मामले में सरकार को हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत कल फिर होगी सुनवाई

पटना हाईकोर्ट में पटना नगर निगम कर्मियों के चल रहे हड़ताल के मामलें पर 14 सितम्बर,2021 को सुनवाई होगी। शिवानी कौशिक व् अन्य की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की।

एडवोकेट जेनरल ने कोर्ट के समक्ष नगर निगमकर्मियो के चल रहे हड़ताल पर सुनवाई करने का अनुरोध किया।उन्होंने कहा कि अभी करोना का समय चल रहा है।ऐसे।समय में इन निगम कर्मियों के हड़ताल से पूरे पटना की सफाई व्यवस्था प्रभावित हुआ है।शहर के हर इलाके में गन्दगी फैली हुई हैं।

कोर्ट ने राज्य सरकार को बताने को कहा कि करोना के मुश्किल हालात से निपटने के लिए क्या क्या उपाय किये जा रहे हैं।अभी कोरोना के तीसरी लहर आने की संभावना बनी हुई हैं। इस स्थिति से सतर्क रहने की।सख्त जरूरत है।

कोर्ट में आज संविदा पर कार्य कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों की मांगो के सम्बन्ध में।सुनवाई होनी थी,लेकिन स्वास्थ्यकर्मियों के उपस्थित नही होने के कारण मामलें की सुनवाई कल तक टल गई।पिछ्ली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को इन संविदा पर कार्य करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों के मांगो के मामलें में चार सप्ताह में निर्णय लेने का निर्देश दिया था।

इससे पहले कोर्ट ने राज्य सरकार को इन स्वास्थ्यकर्मी की मांगो के बारे में गठित कमिटी की रिपोर्ट पर कार्रवाई करने का करने को कहा था।कोरोना काल में राज्य के संविदा पर कार्य कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों ने अपने वेतन, ई पी एफ,हाउस रेंट आदि के लिए हड़ताल पर गए थे।

जब मामला कोर्ट के सामने आया,तो कोर्ट ने इन्हें Covid-19 के मद्देनजर अपनी हड़ताल समाप्त करने का निर्देश दिया।साथ ही राज्य सरकार को भी निर्देश दिया था कि इनके मांगो पर विचार कर निर्णय लेने का निर्देश दिया था।

राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि इन स्वास्थ्यकर्मियों के मांगो विचार करने के लिए सम्बंधित अधिकारियों की कमिटी गठित की गयी है।

पिछ्ली सुनवाई में कोर्ट को बताया गया कि अधिकारियों की ने सभी मुद्दों पर विचार कर अपने संस्तुति सरकार को दे दी हैं।
कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को सम्बंधित अधिकारियों की बैठक बुला कर संविदाकर्मियों की मांगो पर निर्णय लेने का निर्देश दिया था।

इस मामलें पर अगली सुनवाई कल पुनः की जाएगी।

रामविलास पासवान के बरसी के सहारे चिराग ने नीतीश को दी खुली चुनौती बीजेपी के तमाम बड़े नेता हुआ शामिल

”तमाशबीन हूं मैं ”
सड़क के बीचों बीच एक पत्थर गिरा हुआ था उसी सड़क से समाज के अलग अलग वर्ग से जुड़े लोग जा रहे थे और सड़क के बीचों बीच पड़े पत्थर से चोट खा रहे थे। चोट खाने वालो की अलग अलग प्रतिक्रिया आ रही थी। इसी दौरान गांव का प्रधान मुखिया जी भी कही जाने के लिए घर से निकले उनको भी सड़क के बीचों बीच परा पत्थर से चोट लग गया, चोट लगने के बाद मुखिया जी आराम से उस पत्थर को उठाये और सड़क के किनारे रख दिये इस कहनी के सहारे यह संदेश दिया गया है जनप्रतिनिधि किस तरह के सोच वाले होते हैं ये हमारे शिक्षा उपयोग से जुड़ी कहानी के किताब में लिखा।
आजाद भारत में भी इस तरह का दौड़ कभी रहा है नेहरु के कैबिनेट में श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी थे ।किसी ने राजीव गांधी को कहां कि बाजपेयी सख्त बिमार हैं और इनको बाहर इलाज कराने की जरुरत है। राजीव गांधी ने तुरंत एक डेलिगेट अमेरिका बाजपेयी जी के नेतृत्व में भेजने का फैसला लिया ताकी बाजपेयी जी सरकारी पैसे से अमेरिका में इलाज करा सके ।
लेकिन भारतीय राजनीति का एक दौर ये भी है जहां विपक्ष का मतलब दुश्मन समझा जाता है, वैसे राजनीति में कब कौन दुश्मन दोस्त बन जाये कहना मुश्किल है फिर भी इत तरह कि शैली आज की राजनीति में बढ़ती जा रही है ।
रामविलास पासवान का कल पहली बरसी था नीतीश कुमार उस बरसी में शामिल नहीं हुए हलाकि नीतीश कुमार राजनीति में मतभेद रखने वाले मित्रों के साथ इस तरह का व्यवहार करते रहे हैं फिर भी इस हद तक नहीं
रामविलास पासवान कोई पहला व्यक्ति नहीं है नीतीश इस तरह का व्यवहार पहले भी करते रहे हैं जार्ज ,शरद दिग्विजय सिंह सहित दर्जनों ऐसे नेता थे जिनका नीतीश कुमार के निर्माण में बड़ी भूमिका रही फिर भी मतभेद हुआ तो रिश्ते मनभेद तक पहुंच गया।

ये नीतीश की शैली रही है जिससे मतभेद हुआ उसे मिटाने के लिए किसी भी हद तक चले जाते हैं और खास बात यह है कि राजनीतिज्ञ होने के बावजूद भी उनकी मनभेद वाली शैली दिख जाती है।
खैर उनके इसी राजनैतिक जीवन में मनभेद होने के बावजूद भी ना चाहते हुए भी उनके सामने खड़ा है ऐसे कई नाम है सम्राट चौधरी,नीतीश मिश्रा ,श्रेयसी सिंह जो नीतीश के इक्छा के विपरीत मंत्री बने हुए हैं, विधायक बने हुए हैं ,
ऐसे में रामविलास पासवान के परिवार के साथ इस तरह का आचरण राजनीति से जुड़े पंडित देख कर हैरान है क्यों कि कई ऐसे मौके आये हैं जब मनभेद के बावजूद झुके भी हैं और दोस्ती का हाथ बढ़ाया है और इस बार तो कई ऐसे नेता है जिसको देख कर नीतीश नजर हटा लेते हैं आज कल उन्हें पार्टी में शामिल करने के लिए पूरी ताकत लगाये हुए हैं ।
गांव का साधारण व्यक्ति जिसको राजनीति का कहकरा भी पता नहीं है वो भी जानता है कि पासवान किसके साथ खड़ा है ऐसे में नीतीश कुमार तीन चाह माह बाद बिहार के दो सीटों पर उपचुनाव होना है जिसमें जीत हासिल करना नीतीश के सरकार के लिए बेहद जरुरी है उसमें एक सीट कुशेश्वरस्थान जहां रामविलास पासवान का ननिहाल था और आज भी उनके परिवार के ही लोग जदयू से विधायक रहे हैं ऐसे में इस हद तक विरोध की वजह समझ से पड़े है।

हलाकि नीतीश कुमार की जो राजनैतिक शैली रही है हम साथ आपके जरुर हैं लेकिन कुछ फैसले ऐसे लेते रहे जिससे राष्ट्रीय स्तर पर इनकी एक अलग पहचान बनी रही ।
एनडीए के साथ है वोट प्रणव दा को देगें यूपीए के साथ हैं वोट कोविंद को देगें इसी तरह से हिन्दू मुस्लिम राजनीति को लेकर कुछ विषय पर मजबूती के साथ खड़े रहते थे चाहे मोदी ही सामने क्योंं ना हो ।लेकिन इस बार फिजा बदली बदली सी नजर आ रही है। हिन्दू मुस्लिम मामले में भी नीतीश उस तरह से अब स्टैंड नहीं ले पा रहे हैं ।
देवीलाल को लेकर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होकर संदेश दे सकते हैं लेकिन उससे भी वो दूरी बना लिए और रामविलास पासवान के बरसी के मौके पर नीतीश के इक्छा के विपरित राज्यपाल के साथ साथ बीजेपी के कई मंत्री ,सांसद और विधायक शामिल हुए यहां तक कि सुशील मोदी भी पहुंच गये मतलब बिहार बीजेपी को अब पहले जैसे नीतीश के नराज होने से कोई परहेज नहीं है ।

तो ऐसे में क्या माना जाये नीतीश ने मान लिया है कि यह मेरी आखिरी पारी है क्या वो भी समझने लगें हैं कि 2010 और 2021 के नीतीश में बहुत बड़ा फर्क है अब वोट को लेकर उस तरह के गेम चेंजर नहीं रहे ।
ऐसे में सीधी पाली खेलते चलिए जातीय जनगणना के सहारे कुछ हासिल हो गया तो ठीक नहीं तो राजनीति से बाय बाय कर लेगें ।

पॉलिटेक्निक के छात्रों ने दायर किया याचिका

पटना हाई कोर्ट ने पॉलीटेक्निक के छात्रों को प्रोन्नत करने के मामले पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को संबंधित अधिकारी के समक्ष अभ्यावेदन दाखिल देने को कहा है।चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने मनोरंजन कुमार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की।

याचिकाकर्ता ने पॉलिटेक्निक के पहले, तीसरे, चौथे और पांचवे सेमेस्टर के लेटरल एंट्री के छात्रों को यू जी सी द्वारा जुलाई, 2021 में जारी किये गए आदेश के सन्दर्भ में अगले सेमेस्टर में प्रोन्नत करने हेतु याचिक दायर किया था।
कोर्ट से झारखंड, यू पी, राजस्थान, हरियाणा और बिहार के अन्य यूनिवर्सिटी की तरह ही बगैर किसी परीक्षा लिए संशोधित एकेडेमिक कैलेंडर 2021- 22 और ए आई सी टी ई के अनुसार अगले सेमेस्टर में प्रमोट करने हेतु आदेश देने का अनुरोध किया है।

याचिकाकर्ता ने अपने याचिका में छठे सेमेस्टर के लिए होम सेन्टर से फिजिकल परीक्षा लेने व् यू जी सी के गाइडलाइंस के अनुसार इसी तरह से बैक लॉग छात्रों के मामले में कार्रवाई करने हेतु निर्देश देने के लिए आग्रह किया है। याचिकाकर्ता को कोर्ट के आदेश की तिथि से चार सप्ताह के भीतर संबंधित अधिकारी के समक्ष अपने शिकायतों के निवारण के लिए अभ्यावेदन दाखिल करने को कहा गया है। संबंधित अधिकारी को आदेश की प्रति के साथ अभ्यावेदन मिलने पर प्राथमिकता देते हुए, दो महीने के भीतर अभ्यावेदन पर विचार करते हुए इसे शीघ्रता से निष्पादित करने का निर्देश दिया गया। इसके साथ ही कोर्ट ने याचिका को निष्पादित कर दिया।

महापुरुषों को याद करने के सहारे आजकल चल रही है सियासत

‘ भुला दिया गया है’ भारत की राजनीति का अभिन्न थीम बन चुका है। इसके जवाब में ‘ याद किया जा रहा है’ का थीम हर जगह लाँच है। राजनीतिक दल को जनता भले न याद आए लेकिन ‘ भुला दिया गया है’ के भय से वे हर दिन किसी न किसी महापुरुष को याद करते रहते हैं। हर दूसरा फ़ालतू मंत्री सुबह सुबह किसी महापुरुष को याद करता है और फिर अगली सुबह किसी और को। उसका काम सारा उल्टा होता है। राजनीतिक कार्यकर्ताओं के पेज पर जाइये तो हर दिन हाथ जोड़े हुए किसी की जयंती मना रहे होते हैं। हुआ यह है कि राजनीति में इतने महापुरुषों की प्रेरणाएं मिक्स हो चुकी है कि इनसे प्रेरित राजनेता और कार्यकर्ता जनता से दूर हो चुका है। याद करना एक नया उद्योग बन गया है। तारीख़ याद कर लेना ही याद करना हो चुका है।

आज महान कवि सुब्रमण्य भारती की सौवीं वर्षगाँठ है। यहाँ दो दलों के पोस्टर एक दूसरे से होड़ कर रहे हैं। तमिल कोटे से कवि को याद किया जा रहा है। हर जाति हर धर्म और हर भाषा में राजनीतिक दल के लोग हैं और ये लोग इसी काम आते हैं। बाक़ी पोस्टर पर कवि की रचना तो होनी नहीं थी। रचना की दो पंक्तियों को भी जगह मिल सकती थी। कवि की आत्मा को भी लगता होगा कि कौन लोग आ गए हैं।

आपको नेतागीरी करनी है और ट्रोल करने के लिए गिरोह बनाना है तो मूर्ति स्मारक और जयंती पुण्यतिथि याद करना शुरू कर दें।

लेखक –रवीश कुमार पत्रकार

वायरल बुखार को लेकर पूरे राज्य में जारी हुआ अलर्ट सीएम का निर्देश इलाज को हो समूचित व्यवस्था

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक हुई। मुख्यमंत्री ने कोरोना जांच, टीकाकरण एवं बच्चों में फैल रहे वायरल बुखार से बचाव को लेकर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।

स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री प्रत्यय अमृत ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बच्चों में वायरल बुखार से बचाव को लेकर उठाये जा रहे कदमों की जानकारी दी। साथ ही कोरोना संक्रमण की अद्यतन स्थिति, कोरोना जांच एवं वैक्सीनेशन के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने मेडिकल कॉलेज अस्पतालों एवं जिला अस्पतालों में वायरल बुखार से पीड़ित बच्चों एवं उनके उपचार के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सभी अस्पतालों में दवा की उपलब्धता पर्याप्त है। वायरल बुखार को लेकर विभाग पूरी तरह से एक्टिव है। उसकी सघन मॉनिटरिंग की जा रही है। वायरल बुखार को लेकर लोगों को घबराने की जरुरत नहीं है। श्री प्रत्यय अमृत ने बताया कि कोविड वैक्सीनेशन का काम शहरी क्षेत्रों में लगभग शत-प्रतिषत पूर्ण हो गया है। अगर कोई बचे हुये हैं तो उनका टीकाकरण भी जल्द से जल्द करा लिया जायेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में भी टीकाकरण कार्य तेजी से चल रहा है।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में जिनका टीकाकरण बचा हुआ है, उनका जल्द से जल्द टीकाकरण करायें। ग्रामीण क्षेत्रों में भी विशेष अभियान चलाकर टीकाकरण का कार्य तेजी से पूर्ण करें। उन्होंने कहा कि खासकर मुंबई, केरल और तमिलनाडू से आने वाले लोगों की कोरोना जांच अवश्य करायें। रेलवे स्टेशन एवं बस स्टैंड पर बाहर से आने वालों पर विशेष नजर रखें। इन जगहों पर कोरोना जांच की व्यवस्था रखें। टीकाकरण कोरोना से बचाव का कारगर उपाय है। इसके साथ ही कोरोना की जांच भी उतना ही महत्वपूर्ण है। कोरोना जांच की संख्या और बढ़ायें। इसे प्रतिदिन दो लाख तक ले जायें। लोग मास्क का प्रयोग जरुर करें। यह कोरोना संक्रमण से बचाव के साथ-साथ अन्य वायरल बीमारियों से बचाव में भी उपयोगी है। माइकिंग के माध्यम से प्रचार-प्रसार कर लोगों को सचेत एवं जागरुक करते रहें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों में वायरल बुखार को लेकर अलर्ट और एक्टिव रहें। वायरल बुखार के लक्षणों पर भी नजर बनाये रखें। बच्चों के इलाज में किसी प्रकार की कोताही नहीं हो। अस्पतालों में दवा की पर्याप्त उपलब्धता रखें। उन्होंने कहा कि वायरल बुखार को लेकर विभाग द्वारा उठाये जा रहे कदमों के संबंध में मीडिया के माध्यम से लोगों को जानकारी दें।

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कई निर्देश दिये हैं ।
सभी लोग मास्क का प्रयोग जरुर करें। यह कोरोना संक्रमण से बचाव के साथ-साथ अन्य वायरल बीमारियों से बचाव में भी उपयोगी है।

    माइकिंग के माध्यम से प्रचार-प्रसार कर लोगों को सचेत एवं जागरुक करते रहें।
बच्चों में वायरल बुखार को लेकर अलर्ट और एक्टिव रहें। 
बच्चों के इलाज के लिये अस्पतालों में दवा की पर्याप्त उपलब्धता रखें।
वायरल बुखार को लेकर विभाग द्वारा उठाये जा रहे कदमों के संबंध में मीडिया के माध्यम से लोगों को जानकारी दें।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी विशेष अभियान चलाकर टीकाकरण का कार्य तेजी से पूर्ण करें।
कोरोना जांच की संख्या और बढ़ायें और इसे प्रतिदिन दो लाख तक करें।
मुंबई, केरल और तमिलनाडू से आने वाले लोगों की कोरोना जांच अवश्य करायें। रेलवे स्टेशन एवं बस स्टैंड पर बाहर से आने वाले लोगों पर विशेष नजर रखें। इन जगहों पर भी कोरोना जांच की व्यवस्था रखें।

फिलहाल हाईकोर्ट फिजिकल नहीं चलेंगा दशहरा के बाद होगा निर्णय

पटना हाईकोर्ट दशहरा के अवकाश के बाद 20 अक्टूबर, 2021को कोरोना की स्थिति का जायजा लेगा।इसके बाद पटना हाईकोर्ट प्रशासन फिजिकल कोर्ट प्रारम्भ करने के सम्बन्ध में निर्णय लेगा।साथ ही यह भी निर्णय लिया जाएगा कि फिजिकल कोर्ट की कार्यवाही किस हद तक संभव होगा और किस प्रकार चलाया जा सकेगा।

पिछले वर्ष मार्च से कोर्ट में मुकद्दमों की सुनवाई वर्चुअल मोड़ पर की जा रही हैं।अधिवक्ता संघो ने पटना हाईकोर्ट प्रशासन से फिजिकल कोर्ट शुरू करने का अनुरोध किया।लेकिन करोना महामारी को देखते हुए हाई कोर्ट प्रशासन ने फिजिकल कोर्ट नहीं शुरू किया।

4 जनवरी,2021से पटना हाईकोर्ट में करोना के लिए जारी दिशानिर्देश व सुरक्षा नियमों के तहत हाइब्रिड कोर्ट शुरू किया गया।इसमें प्रथम पाली में फिजिकल कोर्ट के माध्यम से मामलों की सुनवाई होती थी और द्वितीय पाली में ऑनलाइन सुनवाई होती थी।

लेकिन मार्च,2021मे करोना महामारी के फिर से बढ़ने के कारण अप्रैल,2021 से फिर मामलों की ऑनलाइन सुनवाई शुरू हुई,जो अबतक चल रही हैं।

इस बीच वकीलों और अधिवक्ता संघो ने कई बार फिजिकल कोर्ट शुरू करने के चीफ जस्टिस से मांग की।इस करोना महामारी काल में वकीलों और उनके साथ जुड़े स्टाफ की स्थिति काफी खराब हो गई।उन्हें गहरे आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा।बहुत सारे वकील अपने घर गांव चलें गए और उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है।
एक ओर कोर्ट बंद होने से उनके आय का स्रोत खत्म हो गया,वहीं सरकार और बार कौन्सिल के द्वारा भी बहुत प्रभावी आर्थिक मदद नहीं।दी गई।

तेजस्वी के दाव में पहली बार नीतीश हुए असहज रघुवंश सिंह और रामविलास पासवान की जंयती को राजकीय सम्मान घोषित करने की हुई मांग

बिहार में एक बार फिर सियासी घेराबंदी शुरु हो गयी है नेता प्रतिपंक्ष तेजस्वी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व० डॉक्टर रघुवंश प्रसाद सिंह जी एवं स्व० रामविलास पासवान जी की राज्य में आदमकद प्रतिमा स्थापित करने और उनकी जयंती अथवा पुण्यतिथि को राजकीय समारोह घोषित करने की माँग को लेकर माननीय मुख्यमंत्री, बिहार को पत्र लिखा।


बिहार की राजनीति में रघुवंश प्रसाद सिंह और रामविलास पासवान की अपनी एक अलग पहचान भी है और समाजिक पकड़ भी है ऐसे में तेजस्वी ने जो मांग कि है अगर सरकार इसको मान लेती है तो इसका क्रेंडिट तेजस्वी को जायेंगा और नहीं मानता है तो तेजस्वी इसके सहारे बिहार की सियासत में एक अलग तरह की गोलबंदी करा सकता है ऐसे में तेजस्वी का यह पत्र बिहार के सियासत को नयी दिशा दे सकता है क्यों कि सार्वजनिक स्तर पर हर कोई जानता है कि रधुवंश सिंह औऱ रामविलास पासवान को लेकर नीतीश कभी सहज नहीं रहे हैं ऐसे में तेजस्वी का यह मांग बिहार की राजनीति में पहली बार नीतीश कुमार के परेशीन पैदा करता है ।

माननीय मुख्यमंत्री जी,
बिहार, पटना।

स्व० डॉक्टर रघुवंश प्रसाद सिंह एवं स्व० रामविलास पासवान जी दोनों ही राज्य के महान विभूति होने के साथ-साथ प्रखर समाजवादी नेता थे। दोनों ही राजनेताओं ने अपने सामाजिक सरोकारों और सक्रिय राजनीतिक जीवन के माध्यम से बिहार राज्य की उल्लेखनीय सेवा की। दोनों बिहार के ऐसे सपूत रहे हैं जिनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व से हम सभी बिहारवासी सदा ऋणी रहेंगे।
महोदय, आपको तो ज्ञात ही है निधन से कुछ दिन पूर्व स्व० डॉ रघुवंश बाबू ने आपको सम्बोधित पत्र के माध्यम से अपनी कुछ माँगे पूर्ण करने की इच्छा व्यक्त की थी। मुझे विश्वास है कि आप उन माँगों को पूर्ण करने हेतु आवश्यक कदम उठा रहे होंगे। रघुवंश बाबू की अंतिम इच्छाओं को सम्मान देते हुए उन्हें पूरा करना ही उनके प्रति हमलोगों की सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
इसी प्रकार स्व० रामविलास पासवान जी सामाजिक न्याय, समतावादी विकास और समाजवाद के प्रबल पक्षधर थे। उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन वंचितों उपेक्षितों के सामाजिक उत्थान, संघर्ष, रक्षा एवं विकास के लिए समर्पित किया। वो बिहार के विकास के लिए सदैव संघर्षरत रहे।
अतः मेरा आपसे विनम्र अनुरोध है कि कृपया स्व० रघुवंश बाबू एवं स्व० रामविलास पासवान जी की राज्य में आदमकद प्रतिमा स्थापित करते हुए उनकी जयंती अथवा पुण्यतिथि को राजकीय समारोह घोषित किया जाए। 
- (तेजस्वी प्रसाद यादव)

पंचायत चुनाव में पहली बार स्ट्रांग रूम में लगाया जायेंगा इलेक्ट्रॉनिक लॉक

पंचायत चुनाव की तैयारी जोड़ पकड़ने लगा और इस बीच राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत आम चुनाव में तैनात प्रेक्षकों को निर्देश दिया है कि वह मतदान के सात दिन पहले मतदाताओं तक मतदाता पर्ची उपलब्ध करा दें। इससे मतदाताओं को जानकारी मिलेगी कि उनका संबंधित मतदान केंद्र कौन सा है।

सोन भवन चुनाव के दौरान जो प्रेक्षक नियुक्त हुए हैं उसका दो दिनों का प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहा है । राज्य निर्वाचन आयुक्त डॉ. दीपक प्रसाद ने प्रेक्षक को कहा कि पंचायत चुनाव को हर हाल में निष्पक्ष और भयमुक्त वातावरण में संपन्न करना है। इसके लिए ईवीएम से मतदान होगा और साथ ही बायोमेट्रिक पद्धिति का उपयोग कर हर मतदाता की पहचान की जायेगी। इससे फर्जी मतदान पर पूरी तरह से रोक लगेगी।

उन्होंने कहा कि ईवीएम से मतदान होने पर मसल और मनी पावर पर रोक लगेंगा।
इस बार राज्य चुनाव आयोग एक नई व्यवस्था कर रही है। मतदान के बाद ईवीएम और बैलट बॉक्स रखने के लिए बनाए गए स्ट्रांग रूम में इलेक्ट्रॉनिक लॉक लगाया जा रहा है। इस लॉक की विशेषता यह है कि जैसे ही इसे खोला जाएगा कि इससे संबंधित सभी पदाधिकारियों को स्ट्रांग रूम का ताला खोले जाने की जानकारी मिल जाएगी। इतना ही नहीं चुनाव आयोग को भी पता चल जाएगा कि स्ट्रांग रूम को खोला गया है जिसमें ताला खोलने की तारीख और समय की भी जानकारी मिल जाएगी। चुनाव में यह व्यवस्था पहली बार की गई है।

औरंगाबाद के डिस्ट्रिक्ट जज को हाईकोर्ट ने किया निलंबित

पटना हाई कोर्ट ने एक आदेश जारी कर औरंगाबाद के वर्तमान जिला जज श्री कृष्णा मुरारी शरण को निलंबित कर दिया है| हाईकोर्ट ने उन्हें बिहार जुडिशियल सर्विस के रुल 6 सब रुल (1) के तहत उन्हें अपने पद से तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है |

इस आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि श्री कृष्ण मुरारी शरण अनुशासनात्मक कार्यवाही लंबित होने के दौरान बिना पूर्व अनुमति के वे मुख्यालय से बाहर नहीं जा सकेंगे।लेकिन उनके निलंबन के दौरान निर्वाह भत्ता मिलता रहेगा। जॉंच जारी रहने या अगले आदेश तक उन्हें पटना सिविल कोर्ट में अटैच किया गया हैं।

इस आदेश की कॉपी औरंगाबाद के निलंबित।डिस्ट्रिक्ट जज कृष्ण मुरारी शरण को भेजी गई है।उन्हें कहा गया है कि वे अपने कार्य का प्रभार इस आदेश के मिलते ही वरिष्ठतम एडिशनल और सेशन्स जज को सौंप देंगे।इस आदेश की प्रति पटना के ज़िला जज को आवश्यक कार्र्वाई के लिए प्रेषित की गई है।