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CM नीतीश कुमार की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में जातीय जनगणना कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी

इसके साथ ही राज्य में जाति गणना करना का रास्ता साफ हो गया। इसके अलावा बैठक में कुल 11 एजेंडों पर मुहर लगी। कैबिनेट ने वित्तीय वर्ष 2022–23 के लिए राज्य योजना से जुड़े बीज वितरण और बीज उत्पादन योजना पर 150 करोड़ 98 लाख 78 हजार से ज्यादा की राशि को मंजूरी दी।

कैबिनेट की बैठक का ब्रीफिंग करते चीफ सेक्रेटरी अमीर सुबाहानी ने बताया, ‘राज्य में जातीय जनगणना का सारा खर्च सरकार देगी। इसके लिए आकस्मिक निधि से 500 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। फरवरी 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य में जातीय जनगणना के साथ आर्थिक गणना भी किया जाएगा।’जाति आधारित गणना कराने की जिम्मेदारी सामान्य प्रशासन विभाग की होगी।

वहीं, जिला स्तर पर जिलाधिकारी इसके नोडल पदाधिकारी होंगे। जिले में गणना कराने का संपूर्ण प्रभार जिलाधिकारी पर ही होगा। सामान्य प्रशासन विभाग एवं जिलाधिकारी ग्राम, पंचायत एवं उच्चतर स्तरों पर विभिन्न विभागों के अधीनस्थ कार्य करने वाले कर्मियों की सेवाएं जाति आधारित गणना का कार्य कराने के लिए ले सकेंगे।आर्थिक स्थिति का भी सर्वेक्षण होगा
मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि जाति आधारित गणना के दौरान लोगों की आर्थिक स्थिति का सर्वेक्षण भी होगा।

जाति आधारित गणना की प्रगति से समय-समय पर विधानसभा के विभिन्न दलों के नेताओं को ‌अवगत कराया जाएगा। कैबिनेट के निर्णय की जानकारी आज (गुरुवार) दी जा रही है। समय-समय पर मीडिया को इस संबंध में पूरी बात बताया जाएगी। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने कहा है कि जाति आधारित गणना कराने से राज्य की विभिन्न जातियों की स्थिति का ठीक-ठीक आंकड़ा उपलब्ध हो सकेगा। इससे विभिन्न जातियों की समुचित विकास के लिए योजनाएं तैयार कर उसके क्रियान्वयन में सुविधा होगी।

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