जहानाबाद । जहानाबाद के नवादा स्थित जनमुक्ति आंदोलन के आश्रम में एक बैठक हुई जिसमें पूर्व आईएएस अधिकारी व्यास जी को सर्वसम्मति से जनमुक्ति आंदोलन का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया।
गांधी और मार्क्स के विचारों का समन्वय बनाकर संगठन को करेगे मजबूत – व्यास जी
इस मौके पर जन मुक्ति आंदोलन से जुड़े राज्य भर के लोग मौजूद रहे। अध्यक्ष चुने जाने के बाद व्यास जी ने कहा कि मुक्ति आंदोलन का संविधान है वह कहता है कि हम रचनात्मक आंदोलनों और शैक्षणिक कार्यक्रमों के माध्यम से जो एक देश है जिसमें शोषण विहीन समाज का क्षमता पर आधारित समाज का जनतांत्रिक समाज और धर्मनिरपेक्ष समाज का स्थापना करेंगे।उन्होंने कहा कि गांधी और मार्क्स के विचारों का समन्वय बना कर संगठन को आगे ले जाने का प्रयास करेंगें। मुझे जो जवाबदेही आज लोगों ने दिया है उसका निर्वहन करूंगा।
साथ ही कहा कि सरकारी सेवा का मेरा अनुभव काम आयेगा। क्योंकि जो सरकार के स्तर पर जो छोटी-छोटी त्रुटियां होती है, जिससे मैं वाकिफ हूं शायद उसे दूर करने में मैं ज्यादा मददगार हो सकता हूं । साथ ही डॉ विनयन को याद करते हुए व्यास जी ने कहा कि डॉ विनयन बनना कोई आसान काम नही है वे उनके दिखाये रास्ते पर चलने की कोशिश करेंगे। व्यास जी ने कहा वे रचनात्मक कार्यक्रमों को शुरू करेगे। जन जन के सवाल को उठाना प्राथमिकता में शामिल होगा।
उन्होंने कहा शिक्षा ,मजदूरी ऒर आदिवासी क्षेत्रों में जल जंगल जमीन के सवालों को लेकर वे संविधान प्रदत्त अधिकारों का उपयोग करते हुए आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि रचनात्मक सरकारी कार्यक्रमों और नीतियों को लोगों तक पहुँचाने में अपने प्रशासनिक अनुभवों का उपयोग करने का प्रयास करेंगे।उन्होंने कहा कि संगठन ने जो जिम्मेदारी सौंपी है उसे मजबूत करने को लेकर वे गांव से राष्ट्रीय स्तर तक ले जाने का प्रयास करेंगे।
जनमुक्ति आंदोलन के राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में व्यास जी के अलावे पूर्व आईजी उमेश सिंह, शिक्षा विद डॉ अंजीम शिवाजी राय, जनार्दन शाही विश्वनाथ प्रसाद राजकिशोर और कुलभूषण जी सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे व्यास जी को राष्ट्रीय अध्यक्ष शिक्षाविद अनिल राय ,संत जी को उपाध्यक्ष हरिलाल प्रसाद सिंह को महासचिव बनाया गया जबकि हीरा शर्मा, श्री राम यादव ,जीवित शाह,विश्वनाथ यादव और रामप्रवेश सिंह राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य बनाए गए।संगठन के कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी वीरेन्द्र सिंह उर्फ भीम सिंह को सौंपी गई।