पटना। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि अस्पतालों में दीदी की रसोई खुलने से मरीजों को बेहतर इलाज के साथ-साथ स्वादिष्ट और पौष्टिक व्यंजन भी मिल रहा है। दीदी की रसोई से मरीजों के अलावे परिजनों को भी काफी सहूलियत हो रही है। रसोई में जीविका दीदियों द्वारा बना शुद्ध भोजन मरीजों को दिया जाता है।
दीदी की रसोई में मरीजों को मुफ्त तथा उनके परिजनों को उचित मूल्य पर गुणवत्तापूर्ण भोजन दिया जा रहा है। राज्य के 40 अस्पतालों में दीदी की रसोई से मरीजों और उनके परिजनों तक खाना परोसा जा रहा है, जहां स्वच्छता और शुद्धता का पूरा खयाल रखा जाता है।
श्री पांडेय ने कहा कि पहले चरण में पूरे राज्य में 74 दीदी की रसोई खोले जाने हैं। इसमें जिला और अनुमंडलीय अस्पताल मिलाकर अभी तक 40 जगहों पर दीदी की रसोई चालू है। बीते अगस्त को राज्य के 28 अस्पतालों में इसकी शुरुआत की गई है।
राज्य में अभी अरवल, पूर्वी चंपारण, बेगूसराय, कैमूर, खगड़िया, भोजपुर, नालंदा, भागलपुर, जमुई, सुपौल, बांका, कटिहार, नवादा, अररिया, मुजफ्फरपुर, लखीसराय, किसनगंज, मधेपुरा, औरंगाबाद, समस्तीपुर, पटना, मुंगेर, मधुबनी, गोपालगंज, गया, दरभंगा, वैशाली, बक्सर, शेखपुरा, पूर्णिया, शिवहर और सहरसा में दीदी की रसोई संचालित हो रहे हैं। इसमें जिला अस्पताल और अनुमंडलीय अस्पताल दोनों शामिल है।
श्री पांडेय ने बताया कि राज्य के मरीजों को बेहतर और त्वरित स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग का सतत प्रयास जारी है। अस्पतालों में दीदी की रसोई शुरू हो जाने से मरीजों के परिजनों को भी काफी राहत मिली है। नाश्ता एवं भोजन के लिए अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों को नाश्ता एवं भोजन के लिए कहीं दूर नहीं जाना पड़ता है। अब अस्पताल में ही उन्हें विभिन्न वेरायटी का भोजन सस्ते दर पर उपलब्ध हो जाता है, जिससे संतुष्टि भी मिलती है और पैसे की भी बचत होती है।