Press "Enter" to skip to content

विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अनीता ने गाड़े सफलता के झंडे, शादी के 13 साल बाद बनी दरोगा

बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग ने दारोगा और सार्जेंट के लिए हुई परीक्षा का परिणाम दो दिन पहले घोषित कर दिया है. कुल 2213 अभ्यर्थी चयनित हुए हैं, जिसमें दरोगा के लिए 1998 और सार्जेंट के 215 पदों पर बहाली में चयनित हुए हैं. दरोगा में 742 और सार्जेंट में 84 महिलाएं सफल हुई जिसमें जहानाबाद की अनीता भी है।

शहर का होरिलगंज मोहल्ला, जहां आटा चक्की का दुकान चलाते हैं संतोष कुमार। किसी तरह संतोष पिता, पत्नी और दो बच्चों का परिवार चला रहे थे। लेकिन पत्नी को गृहस्ती में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। शादी के 10 साल बाद इन्होंने कुछ करने की ठानी और पहले पुलिस बन कर अपना दमखम दिखाया। हौसलों को थोड़ा बल मिला और 2020 में जब दरोगा की वैकेंसी निकली तो उन्होंने ठान लिया कि अब यह नौकरी करना है। रोहतास में आरक्षी के पद पर नौकरी करते हुए अनीता ने पहले पीटी फिर फिजिकल और फाइनली एसआई की नौकरी ले ली। रिजल्ट निकलने के बाद जवानी का जहानाबाद पहुंचे तो परिजनों ने माला पहनाकर और मिठाई खिलाकर स्वागत किया।

कहते हैं हर मर्द की कामयाबी के पीछे एक औरत का हाथ होता है। लेकिन अनीता की कामयाबी के पीछे उनके पति संतोष का हाथ है। जिन्होंने हर मुश्किल में अनीता का साथ दिया। हालांकि संतोष मानते हैं कि सब कुछ अनीता की इच्छा शक्ति से संभव हुआ।

अनीता की सफलता ये संदेश देता है कि, हर सफलता के पीछे आपकी सोच और विचार का बहुत बड़ा योगदान होता है। कोई भी काम करने से पूर्व यदि आपके मन में उत्साहहीनता या असफलता के भाव और विचार आते हैं तो निश्चित जानिए आप कभी सफल नहीं हो सकते है। ये दृढ़ संकल्प ही था कि शादी के 13साल बाद दो बच्चों की मां ने वैसी नोकरी पाई जिसमें मानसिक के साथ शारीरिक रूप से मजबूत होना जरूरी है।

More from खबर बिहार कीMore posts in खबर बिहार की »