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तीनों सर्वेक्षण का पूरा अध्ययन किया जाए ताकि वो गलतियां बिहार में नहीं दोहराई जाए – सुशील कुमार मोदी

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री संप्रति राज्यसभा सांसद श्री सुशील कुमार मोदी ने अपील की उपरोक्त तीनों सर्वेक्षण का पूरा अध्ययन किया जाए ताकि वो गलतियां बिहार में नहीं दोहराई जाए।

• टीम भेजकर कर्नाटक और तेलंगाना की जातिय सर्वेक्षण का अध्ययन कराएं।
• सामाजिक, आर्थिक, जातिय गणना 2011 क्यों विफल हुई का भी अध्ययन हो।
• उपरोक्त तीनों सर्वेक्षण की त्रुटियों से सबक लेकर जातिय गणना कराएं।

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री संप्रति राज्यसभा सांसद श्री सुशील कुमार मोदी ने जातीय जनगणना कराने हेतु कैबिनेट की स्वीकृति के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद देते हुए कहा कि बिहार सरकार को कर्नाटक और तेलंगाना टीम भेजकर अध्ययन कराना चाहिए कि इन दोनों राज्यों ने किस प्रकार जातीय गणना कराई थी। साथ ही इस बात का भी अध्ययन कराना चाहिए कि 2011 की सामाजिक, आर्थिक, जातीय गणना में क्या त्रुटियां थी कि केंद्र सरकार जाति के आंकड़ों को सार्वजनिक नहीं करा पाई ।

श्री मोदी ने कहा कि कर्नाटक सरकार ने जातीय गणना तो कराई परंतु 7 वर्ष हो गए आज तक आंकड़ों को सार्वजनिक नहीं कर पाई। कुछ जातियों की संख्या काफी कम पाई गयी और उनके विरोध के डर से कोई भी सरकार जातीय आंकड़े प्रकाशित नहीं कर सकी ।

तेलंगाना ने 2014 में ‘समग्र कुटुंब सर्वे’ के नाम से जातिय गणना करायी जिसमें एक ही दिन में पूरे सरकारी तंत्र ने सर्वे का काम पूरा किया । इस सर्वे में 75 सामाजिक, आर्थिक मुद्दों पर सर्वेक्षण किया गया था।

केंद्र सरकार ने 5500 करोड़ रुपए व्यय कर 2011 में बिना तैयारी के जल्दबाजी में SECC, 2011 कराया जिसमें 46 लाख जातियां दर्ज हो गई और 1 करोड़ 18 लाख से ज्यादा त्रुटियां पाई गई।

श्री मोदी ने अपील की उपरोक्त तीनों सर्वेक्षण का पूरा अध्ययन किया जाए ताकि वो गलतियां बिहार में नहीं दोहराई जाए।

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