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13 साल बाद बच्ची हत्या कांड का आया फैसला, कोर्ट ने सात महिलाओं को सुनाया उम्र कैद का फैसला

तेरह साल बाद दरभंगा व्यवहार न्यालय ADJ 9 संजीव कुमार सिंह की अदालत ने 10 साल की बच्ची की हत्या में 7 महिलाओं को दोषी मानते हुए सभी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

कोर्ट के फैसले के बाद पीड़ित पक्ष के वकील रेणु झा ने कहा कि घटना वर्ष 2009 की है और लंबे वक्त के बाद पीड़ित परिवार को न्याय मिला है।

वही उन्होंने कहा कि हायाघाट निवासी योगेंद्र यादव और उनके पटिदार के बीच रास्ता को लेकर विवाद चल रहा था। उसी क्रम में योगेंद्र यादव की बेटी खाना लेकर जा रही थी और सातो महिला ने 10 वर्षीय बच्ची को पीट पीट कर अधमरा कर दिया और इलाज के क्रम में उसकी मौत हो गई। उसी मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए बुच्ची देवी, मुनर देवी, मनभोगिया देवी, सीता देवी, इन्दु देवी, चधुरन देवी एवं भुखली देवी को दफा 302 (हत्या) में सातों महिला को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वही उन्होंने कहा कि हमें बहुत खुशी हो रही है कि 10 वर्ष की नन्हीं जान को इंसाफ दिलाने में हमे आज कामयाबी मिली है।

बताते चले कि वर्ष 2009 में हायाघाट प्रखंड के छतौना गांव निवासी योगेंद्र यादव और उनके पटिदार में रास्ते को लेकर विवाद चल रहा था। योगेंद्र यादव की बेटी राजबंती खाना लेकर अपने पिता के पास जा रही थी। उसी क्रम में बच्ची के पटिदार की 7 महिलाओं ने उसे रोक दिया और बेरहमी से पीटाई कर डाली और बच्ची ने इलाज के क्रम में अपना दम तोड़ दिया। जिसके बाद पीड़ित पिता योगेंद्र यादव ने 7 महिला को आरोपी बनाया। जिसके बाद कोर्ट ने 13 साल बाद सातो महिला को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

अवैध निर्माण पर चला बुलडोजर

सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ जिला प्रशासन की बड़ी कार्रवाई की है। मामला जहानाबाद सदर प्रखंड क्षेत्र के घोरहट गांव का है। जहां दबंगो द्वारा सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर भवन निर्माण किया गया था।

जिसके खिलाफ आज सदर अंचलाधिकारी संजय कुमार अम्बष्ट के नेतृत्व में अभियान चलाकर मकानों को ध्वस्त किया। वही इस कार्रवाई से सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने वाले अतिक्रमणकारियों में हड़कंप मच गया। अंचलाधिकारी संजय अम्बष्ट ने बताया कि सदर प्रखंड के घोरहट गांव के राजेंद्र यादव के द्वारा सरकारी भूमि पर मकान बनाया गया था।

जिसको लेकर शिकायत प्राप्त हुई थी और इसी कड़ी में आज कार्रवाई किया गया है। अतिक्रमण किए गए जमीन को मुक्त कराया गया है। उन्होंने बताया कि लगातार जिला प्रशासन द्वारा सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने में जुटी है। कई लोगों को नोटिस भी दिया गया है। वावजूद उसके लोग सरकारी जमीन से नही हटे तो कुछ दिनों में उनके ऊपर भी कार्रवाई की जाएगी।

इस बार पृथ्वी दिवस के मौके पर ‘अनुग्रह नारायण अध्ययन संस्थान ‘ के सभागार में “जलवायु परिवर्तन : एक सामाजिक आपदा” विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया जा रहा है।

इस बार पृथ्वी दिवस के मौके पर ‘अनुग्रह नारायण अध्ययन संस्थान ‘ के सभागार में “जलवायु परिवर्तन : एक सामाजिक आपदा” विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया जा रहा है। इसमें रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित और गूंज के संस्थापक अंशु गुप्ता शामिल हो रहे हैं।

इस विषय को और बारीक से समझने और उस पर गहराई से बातचीत के लिए आपदा प्रबंधन के जानकार और रिटायर्ड आईएएस व्यास जी मिश्रा, भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के सचिव रहे सी.के. मिश्रा, बिहार के पूर्व डीजीपी के एस द्विवेदी, नदियों के जानकार दिनेश मिश्रा, ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजीव हंस के साथ ही कला व संस्कृति विभाग के सचिव दीपक आनंद भी हिस्सा लेंगे।

जिनके विचारों से आमजन रूबरू हो सकेंगे. ये कार्यक्रम सुबह 10.00 बजे से शुरू होगा और दोपहर 1 बजे अंशु गुप्ता की आपदा आधारित चित्र प्रदर्शनी का विधिवत उद्घाटन गांधी संग्रहालय में किया जाएगा. जिसमें सभी अतिथिगण और उपस्थित लोग शामिल होंगे. 24 अप्रैल के दिन इस प्रदर्शनी का समापन किया जाएगा जिसके समापन समारोह में कुछ और विशिष्ट अतिथियों के शिरकत करने की संभावना है. पटना के गांधी संग्रहालय में आयोजित होने वाली ये चित्र प्रदर्शनी और ‘ अनुग्रह नारायण अध्ययन संस्थान ‘ के सभागार में “जलवायु परिवर्तन : एक सामाजिक आपदा” विषय पर परिचर्चा अपने आप में एक अलग तरह का कार्यक्रम होगा. जिसमें सभी वर्ग के लोग हिस्सा ले सकते हैं और इसका लाभ उठा सकते हैं।

अंशु गुप्ता की ओर से लगने वाली इस चित्र प्रदर्शनी में आपको पिछले तीस वर्षों के दौरान आयी आपदाओं को करीब से देखने व समझने का मौका मिलेगा. दरअसल अंशु गवाह रहे हैं देश भर में आई तमाम आपदाओं के।

वो सबसे पहले आपदा प्रभावित इलाकों में पहुंचते हैं और अपने कैमरे के जरिए जमीनी हकीकत को कैद करते हैं. अंशु के इस यात्रा की शुरुआत वर्ष 1991 में हुई थी, जब वो भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC) में पढ़ाई कर रहे थे. तब से लेकर आज तक अंशु ने बहुत सारी आपदाओं को करीब से देखा है और उस पर काम किया है। आगामी 22 अप्रैल से लेकर 24 अप्रैल तक चलने वाली ये प्रदर्शनी उनकी यात्रा, उनके आपदा के अनुभव, आपदाओं को लेकर भ्रांतियों और जमीनी हकीकत के साथ ही बहुत सारी कहानियों का संकलन है।

इस प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य आम लोगों को आपदा से जुड़े अनुभव साझा कर जागरूक करना है। अक्सर लोगों के मन में धारणा होती है कि बाढ़ का पानी अगर घरों से निकल गया है तो उस इलाके में बाढ़ की समस्या खत्म हो गई, जबकि ऐसा नहीं होता है. कुछ लोगों के मिथक हैं कि आपदा प्रभावित लोगों को आप कुछ भी दे सकते हैं और वे उसे ग्रहण कर लेंगे जबकि ऐसा नहीं है. ये प्रदर्शनी इस तरह के बहुत सारी मिथकों और वास्तविकताओं से लोगों को रूबरू कराएगी.

बदहाल बिहार का एक और सच शिक्षा के गुणवत में कही खड़ा नहीं उतर रहा है बिहार

बिहार से जुड़ी इन तीन तस्वीरों को गौर से देखिए पहली तस्वीर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर की है इन्हें बिहार बोर्ड की परीक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधार एवं नए प्रयोगों के कारण प्राइम मिनिस्टर्स अवार्ड फार एक्सीलेंस इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के लिए चयनित किया गया है। दूसरी तस्वीर पटना वीमेंस कॉलेज के बाहर एक ग्रेजुएट छात्रा प्रियंका गुप्ता द्वारा चाय बेचने की है। और तीसरी तस्वीर पटना के गंगा घाट पर हज़ारों की संख्या में रेलवे-एसएससी की परीक्षा के लिए पढ़ाई कर रहे छात्रों की है।हालांकि इस तरह की तस्वीरे आपको आरा और बक्सर के रेलवे स्टेशन पर भी दिख जाएगा जहां छात्र रेलवे स्टेशन के स्ट्रीट लाइट के नीचे छात्र पढ़ाई करते है ।

अब जरा इन तीनों तस्वीरों के सहारे बिहार को समझने की कोशिश करते हैं। पहली तस्वीर सरकार को स्कूल में पढ़ाई नहीं पढ़ाई होते हुए दिखनी चाहिए ,स्कूल और कांलेज में पढ़ाई हो या ना हो परीक्षा समय पर होते हुए दिखनी चाहिए ।
कोरोना काल में पढ़ाई पूरी तरह ठप रहा सीबीएसई ने तब तक परीक्षा की तिथि घोषित नहीं किया जब तक स्कूल कोर्स पूरा करने का लिखित आश्वासन बोर्ड को नहीं दिया अभी भी 10वीं और 12वीं की परीक्षा शुरु नहीं हुई है ,जिसको देखते हुए जेईई की परीक्षा की तिथि दूसरी बार बढ़ाई गयी है।

लेकिन बिहार बोर्ड का 10वीं और 12वीं के परीक्षा का रिजल्ट आये हुए एक माह होने जा रहा है ऐसा इसी बार नहीं हुआ है पिछली बार भी ऐसे ही बिना पढ़ाई किये हुए परीक्षा लिया गया था । 2016 से आनंद किशोर बिहार बोर्ड के अध्यक्ष है परीक्षा समय पर लेना इनकी उपलब्धि रही है लेकिन बात अगर शिक्षा में गुणवत्ता की करे तो ये बिफर पड़ते हैं, एक बार मैं ही यह सवाल कर दिया था कि आप पटना साइंस कांलेज के छात्र रहे हैं आपके साथ पढ़ने वाले टांप 10 छात्र कहां है, क्या कर रहे हैं एक को तो हमलोग देख ही रहे हैं शेष के बारे में आप जानते ही होगे, लेकिन आज आप जिस बोर्ड के अध्यक्ष हैं उसका टांपर कहां है, क्या कर रहा है ,पढ़ाई के मुकाम में कहां तक पहुंचा है,कोई जानकारी हो तो बताये इस सवाल पे ये गुस्से से लाल हो गये वैसे मुझसे इनकी बनती अच्छी है जब मिलते हैं उलझ ही जाते हैं इसलिए अब फोन से ही बात करना ये ज्यादा पसंद करते हैं पुरस्कार के लिए बधाई लेकिन सवाल तो बनता है इस तरह के पुरस्कार पाने के लिए चयन का आधार क्या है ।

बिहार में इस समय शिक्षा का बजट 38035.93 करोड़ रुपये का है इतनी बड़ी राशी खर्च करने के बावजूद बिहार शिक्षा के क्षेत्र मे कहां खड़ा है इस पर कभी ठंडे दिमाग से सोचिए हम बात आईआईटी ,नीट और यूपीएससी की नहीं कर रहे हैं इन परीक्षाओं में हाल तो यह है कि 2019 आते आते बिहार बोर्ड और बिहार के विश्वविधालय से पढ़ा छात्र गिनती के पांच दस पास कर रहे हैं।

बात बिहार की करे तो 2009 के बाद बिहार सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर बीपीएससी और बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग द्वारा बिहार प्रशासनिक सेवा , बिहार पुलिस सेवा से लेकर सीओ .बीडीओ सहित राज्य सरकार के तमाम विभाग से जुड़े पदाधिकारियों का चयण किया है।

साथ ही बीपीएससी द्वारा बड़े स्तर पर प्रोफेसर की भी बहाली हुई है। 2009 के बाद जो दरोगा, की बहाली हुई है ,प्रोफेसर की बहाली हुई या फिर प्रशासनिक अधिकारियों की बहाली हुई है उस बहाली पर गौर करिएगा तो 2015 आते आते जो स्थिति पहले न्याययिक परीक्षा की होती थी जिसमें यूपी के बहुत सारे छात्र पास करते थे वैसे ही स्थिति बीपीएससी की भी हो गयी है 30 से 35 प्रतिशत छात्र यूपी,हरियाना ,उड़ीसा और झारखंड से आ रहे हैं। प्रोफेसर बहाली में तो राज्य सरकार पहले ही बिहार के विश्वविधालय से पीएचडी करने वाले या फिर बेट पास करने वाले छात्रों को परीक्षा के लिए योग्य माना ही नहीं था, 3300 मे गितनी के पचास भी नहीं हैं जिनकी पूरी पढ़ाई बिहार में हुई हो।

यही हाल बीपीएससी के परिणाम का भी है 64वीं और 65 वीं में मेरा भगीना पास किया है इस वजह से उसके बैंच के लड़कों से मिलने का मौका मिला,नवोदय विधालय ना होता तो समझिए बिहार में पढ़े छात्र किसी काम के नहीं रहता, गितनी के दो चार हैं जिसकी पढ़ाई बिहार के कांलेजों में हुई है जब इन छात्रों से मैं सवाल किया तो उनका कहना था बिहार की पहचान क्या रही है शिक्षा, दस वर्ष पहले तक बिहारी मतलब गणित और साइंस में मास्टर लेकिन आज बिहार की स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा राष्ट्रीय स्तर पर सबसे नीचे स्तर पर पहुंच गया है ।

पहले नोर्थ इस्ट के बच्चे कमजोर माने जाते थे अभी बिहारी बच्चों का हाल उससे भी बूरा है 64वीं बैंच का टांपर एमपी का है और पूरे बैच में बिहार के कांलेज से पढ़ा बच्चा दूर दूर तक दिखायी नहीं दे रहा है चयनित बच्चेअधिकांश इनजीनियरिंग बैग्रांउड के हैं उसमें भी बिहार के इंनजीनियरिग कांलेज से पढ़ा छात्र दो चार भी अभी तक ट्रेनिंग मेंं नहीं मिला है।बीपीएससी के 64वीं और 65 वीं बैच में हरियाणा की लड़की डीएसपी और एसडीओ बनी है उडीसा का कई छात्र है जो बीडीओ और सीओ बना है ,यूपी की तो बात ही छोड़िए ।

ऐसे में बिहार में पढ़े बच्चे प्रियंका गुप्ता की तरह चाय नहीं बेचेगा तो करेगा क्या और ये जो गंगा किनारे या फिर आरा बक्सर के रेलवे स्टेशन पर पढ़ते हुए बच्चों का जो भीड़ दिख रहा है उसे कौन समझाये की जिस स्तर का सवाल परीक्षा में पुछे जा रहे हैं उसकी पढ़ाई ही में कहां खड़ा है ये बच्चों का हाल प्रियंका के चाय बेचने से भी बूरा है पढ़ाई में फिसड्डी जी जान से मेहनक करके राष्ट्रीय लेवल पर पहुंच भी रहा है तो 10 वर्षो से बैंक ,रेलवे और एसएससी में नौकरी आधी से भी कम हो गयी वही भेकेन्सी कब निकलेगी इसका कोई पता नहीं है ये है बिहार का सच इसे देख कर आप मुस्कुरा
सकते हैं ।

बिहार का जामताड़ा बना नवादा, एक साथ 9 साइबर ठग गिरफ्तार

नवादा जिले के वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के विभिन्न गांवो में जालसाजी का धंधा काफी तेजी से फैल रहा है. हलांकि स्थानीय पुलिस समेत अन्य कई राज्यों की पुलिस क्षेत्र के दर्जनों गांवो में छापेमारी कर प्राथमिकी के नामजद धंधेबाजों की गिरफ्तारी कर अपने साथ ले जा चुकी है. बाबजूद धंधे पर कोई विशेष असर नहीं पड़ रहा है.इसी कड़ी में एसपी डीएस सांवलाराम के निर्देशन में पकरीबरावां एसडीपीओ मुकेश कुमार साहा के नेतृत्व में थाना क्षेत्र के अपसढ़ बेलदरिया गांव स्थित बगीचे में छापेमारी कर करीब एक दर्जन युवकों को गिरफ्तार कर थाना लाई थी. जबकि मौके पर उपयोग में लाया जा रहा दो दर्जन से अधिक मोबाइल फोन बरामदगी हुई थी.जिसमें जांच के दौरान तीन लोगों को निर्दोष पाते हुए थाने से छोड़ दिया गया। शेष बचे 09 साइबर जालसाजों को जेल भेज दिया गया.

बता दें कि जिले में बढ़ते साइबर क्राइम को समूल नष्ट करने के खातिर नवादा पुलिस ने कमर कस लिया है. जिसके तहत जिले के वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के अपसढ़ पंचायत की बेलदरिया गांव के बगीचे में एसडीपीओ मुकेश कुमार साहा के नेतृत्व में स्थानीय पुलिस, जिला पुलिस की टीम, काशीचक, शाहपुर ओपी, पकरीबरावां, धमौल ओपी पुलिस की संयुक्त छापेमारी में 09 साइबर ठगों को ठगी का धंधा करते गिरफ्तार किया है. इन ठगों के पास से कुल 25 मोबाईल सेट बरामद किया गया. जिसमें 10 छोटा नोकिया कंपनी का मोबाइल फोन के साथ ही 15 मोबाइल एंड्रॉयड मोबाईल फोन जप्त किया गया है.

पकरीबरावां के पुलिस उपअधीक्षक मुकेश कुमार साहा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि एसपी के निर्देश और मिल रही सूचनाओं के आधार पर पहले वेरिफाई करवाया गया, उसके बाद पुलिसकर्मियों की टीम गठित कर वारिसलीगंज थाना क्षेत्र की अपसढ़ बेलदरिया गांव के बधार स्थित बगीचे में छापेमारी की गई. इस दौरान बगीचे में बैठकर साइबर अपराध से जुड़े जालसाज देश के विभिन्न हिस्सों के लोगो को मोबाईल फोन के माध्यम से राशि ठगते 09 लोगो को गिरफ्तार कर थाना लाया गया. बाद में सघन पूछताछ के क्रम में अपराधियों ने विभिन्न ठगी मामले में अपनी संलिप्तता स्वीकार किया है.

छापेमारी के दौरान गिरफ्तार आरोपियों में अपसढ़ बेलदरिया ग्रामीण हरिश्चन्द्र कुमार, मंगल कुमार, राजेश कुमार, शिवशंकर कुमार, अजित कुमार सभी ग्राम पोस्ट अपसढ़-बेलदरिया तथा शाहपुर ओपी क्षेत्र के संतीश कुमार, हिसुआ के रविया ग्रामीण डब्लू कुमार, मानपुर थाना क्षेत्र के गेवलबिधा निवासी गरीबन चौहान एवं शेखपुरा के अरियरी थाना क्षेत्र के रौदी निवासी गौतम कुमार ने गहन पूछताछ में ठगी के धंधे से जुड़े होने में अपनी संलिप्तता स्वीकार किया. बाद में पुलिस ने थाना कांड संख्या 158/22 दर्ज कर सभी आरोपियों को जेल भेज दिया है.

 पुलिस द्वारा बताया गया की साइबर ठग देश के विभिन्न प्रदेशों के लोगो का मोबाईल नम्बर एकत्रित कर विभिन्न प्रकार का ईमान देने या जीतने के अलावे कोरोना काल में आवश्यक दवाइयों की आपूर्ति करने, मोबाइल टावर लगवाने, गैस एजेंसी तथा पेट्रोल पंप आबंटित करवाने, नौकरी लगवाने, परीक्षा में सेटिंग करने आदि का झांसा देकर भोले भाले लोगो से राशि को बैंक खाता में मंगाकर ठगी करते हैं.

चाय बेचनी वाली बिहारन

पटना वीमेंस कॉलेज के बाहर चाय बेचने की शुरुआत करने वाली प्रियंका गुप्ता आजकल मीडिया के लिए हांट केक बनी हुई है एक सप्ताह में जितनी कप चाय नहीं बेच पायी है उससे कही अधिक अभी तक मीडिया को इंटरव्यू दे चुकी है हाल यह है कि वीमेंस कांलेज के रास्ते से गुजरने वाला हर कोई एक नजर उस चाय बेचने वाली को देखना चाहता है वैसे उसका कहना है कि जब देश में इतने सारे चायवाला हैं तो क्यों कोई चायवाली नहीं हो सकती.

उन्होंने कहा, ‘मैंने 2019 में अपना स्नातक किया लेकिन बीते 2 सालों में कोई नौकरी नहीं मिल पाई. जिसके बाद कुछ अलग कर आत्मनिर्भर होने की बात सोची.’

उन्होंने कहा, ‘मेरे ऊपर से अब बेरोजगार का टैग हट गया है. अब खुद से रोजगार पाने वाले का टैग लग गया है.’
गुप्ता ने वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन किया है. वो बिहार के पूर्णिया की रहने वाली हैं.
हालांकि गुप्ता ने जिस अंदाज में अपनी चाय की दुकान की शुरुआत बीते हफ्ते की है, वो सभी का ध्यान खींच रही हैं.

गुप्ता ने पोस्टर में लिखा है- ‘लोग क्या सोचेंगे अगर ये भी हम ही सोचेंगे तो फिर लोग क्या सोचेंगे ‘. वहीं पोस्टर में उन्होंने अपने इस कदम को आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में एक पहल बताया है.

ग्राहकों का ध्यान खींचने के लिए उनका टैगलाइन है- पीना ही पड़ेगा. वहीं वो कहती हैं कि सोच मत…चालू कर दे बस.

जीतनराम मांझी के पुत्र मंत्री संतोष कुमार सुमन अपने पिता के बातों से नही रखते है इतेफाक

जहानाबाद ।हम पार्टी के नव निर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के पुत्र संतोष कुमार सुमन अपने पिता के बातों से इतेफाक नही रखते है।

आरक्षण और धार्मिक जुलूस को लेकर दिये गए पिता की बातों से अपने को अलग करते हुए कहा कि सबको अपनी अपनी बात रखने का संविधान में अधिकार है उनकी राय अलग है मेरी राय अलग है मंत्री संतोष कुमार सुमन हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार जहानाबाद सर्किट हाउस पहुंचे थे।

जीतन राम मांझी ने क्या कहा था

दरअसल में पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी भगवान राम ,आरक्षण और धार्मिक जुलूस पर प्रतिबंध लगाने सहित कई बयान देकर गठबंधन सरकार में असहज स्थिति लाते रहते है।

जीतनराम मांझी ने हाल में देश मे बढे साम्प्रदायिक तनाव को लेकर धार्मिक जुलूसों पर प्रतिबंध लगाने की मांगकर अपरोक्ष रूप से बीजेपी पर हमला बोला था। मांझी अक्सर NDA की लाइन से अपना स्टैंड रखते हुए राजनीति सरगर्मी बनाए रखते है।

सबको साथ लेकर चलने में रखते है विश्वास

इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी मीडिया के सवाल के जवाब में जीतन राम मांझी के बयान से असहज की स्थिति है पर संतोष कुमार सुमन ने कहा कि संविधान के तहत सबको बोलने का अधिकार है। और यह उनका व्यक्तिगत मामला है, इस पर टिप्पणी नहीं कर सकते है ।

उन्होंने यह भी कहा कि वे सबको साथ लेकर चलने में विश्वास रखते है । बहरहाल मंत्री संतोष कुमार सुमन जहानाबाद के प्रभारी मंत्री भी है और हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद उनकी बातों के अलग राजनीति निहितार्थ निकाले जा सकते है

2024 से पहले राजनाथ सिंह को निपटाने कि तैयारी तो नहीं है कुंवर सिह की जंयती से राजपूता नेताओं को अलग रखना

महात्मा गांधी को छोड़ दे तो देश के तमाम महापुरुषों को या तो राजनीतिक पार्टियां याद करती हैं या फिर उनके बिरादरी के लोग याद करते हैं। राजनीतिक दल के याद करने के पीछे भी कही ना कही महापुरुषों के सहारे उनके जाति को ही साधना रहता है।
बीजेपी भारतीय राजनीति में वर्षो ले चली आ रही इस नैरेटिव को अमृत महोत्सव कार्यक्रम के सहारे बदलना चाह रही है और प्रयोग के तौर पर बिहार में 23 अप्रैल को वीर कुंवर सिंह की जयंती के मौके पर उनके जन्मस्थली जगदीशपुर में भव्य कार्यक्रम का आयोजन करने जा रही है ।इस कार्यक्रम के संचालन की जिम्मेवारी नित्यानंद राय दो दी गयी है ।

कार्यक्रम सफल हो इसके लिए बीजेपी के तमाम विधायक और विधान पार्षद को दो सौ गांड़ी लाने की जिम्मेवारी दी गयी है वही सभी मंत्री को कार्यकर्ता के लाने ले जाने से लेकर ट्रैफिक व्यवस्था बहाल रखने तक की जिम्मेवारी दी गयी है कहा ये जा रहा है कि इस मौके पर तीन लाख तिरंगा फहराया जायेगा ताकी इस सभा का नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ में दर्ज हो सके उसी स्तर की तैयारी भी चल रही है ।इस मौके पर खास तौर पर राजपूत नेता को अलग रखा गया है और इस कार्यक्रम में अमित शाह मुख्य अतिथि होंगे।

जानकारों का मानना है कि इसके पीछे दो वजह है एक तो बीजेपी जातिगत राजनीति को राष्ट्रवाद के सहारे साधना चाह रही है दूसरा राजनाथ सिंह को 2024 के चुनाव से पहले निष्प्रभावी बनाना

1—रणनीति के तहत राजपूत नेताओं को इस कार्यक्रम से दूर रखा गया है
बिहार में वीर कुंवर सिंह की जयंती राजद ,जदयू और भाजपा तीनों मनाती रही है और उन्हीं की जयंती के सहारे सभी राजनीतिक दल राजपूत वोट को साधने के कोशिश करते रहे हैं लेकिन बीजेपी ने इस पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा इस तरह से तैयार किया है कि वीर कुंवर सिंह की जयंती बीजेपी मना रही है राजपूत नहीं यह संदेश लोगों के बीच पहुंचे ताकी आने वाले समय में राजपूत के बड़े नेता को उसके अपने विरादरी में राष्ट्रवाद के सहारे नेपथ्य में पहुंचाया जा सके और यही वजह है कि राजनाथ सिंह को इस कार्यक्रम से पूरी तौर पर अलग रखा गया है ,

इतना ही नहीं आर0के0सिंह जो स्थानीय सांसद हैं उन्हें भी मुख्य जिम्मेवारी से दूर रखा गया है, कहा ये जा रहा है कि बीजेपी के इस रणनीति को भापते हुए ही औरंगाबाद सांसद सपरिवार होम कोरेन्टीन हो गये हैं ।कहां ये जा रहा है कि राज्यसभा सांसद गोपाल नारायण सिंह की सक्रियता को नियंत्रित करने के लिए अमित शाह खुद उनके मेडिकल में जाने कि स्वीकृति दिये हैं,इतना ही नहीं आरा ,सासाराम.औरंगाबाद जिले से जो राजपूत विधायक और विधान पार्षद है उन्हें भी इस कार्यक्रम से दूर रखा जा रहा है। भले ही मंच पर राजपूती शान दिखे लेकिन मंच पर राजपूत नेता कम से कम दिखे इसकी कोशिश अभी से ही चल रही है।

2–2024 से पहले राजनाथ सिंह को निपटाने की है तैयारी
बीजेपी की राजनीति पर नजर रखने वाले विद्वानों का मानना है कि भारतीय राजनीति में जाति को नकारा नहीं जा सकता है ,भ्रष्टाचार ,आतंकवाद,हिन्दू मुसलमान और भारत पाकिस्तान के सहारे मोदी और शाह 2014 और 2019 का चुनाव तो जीत लिये लेकिन 2024 में इन मुद्दों पर चुनाव जीतना सम्भव नहीं है ऐसा साफ दिख रहा है ऐसे में 2024 के लोकसभा चुनाव में जाति का नैरेटिव लौट सकता है जो मोदी और शाह को सूट नहीं करता है क्यों कि मोदी के साथ आक्रमक हिन्दू नेता की छवि है लेकिन शाह की ना तो ऐसी छवि है और ना ही वो हिन्दू हैं।

कहा जा रहा है कि एक बार संघ के बैठक में योगी इस मुद्दा को उठा भी चुके हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि देश का अगला पीएम तो अल्पसंख्यक ही बनेगा जिसको लेकर पूरे बैठक में मौजूद लोग योगी के तरफ देखने लगे थे और फिर योगी ने कहा था शाह तो जैन हैं और नरेंद्र भाई की इच्छा है कि शाह उनका उत्तराधिकारी बने ऐसे में देश का अलगा पीएम तो अल्पसंख्यक ही बनेगा ना।

कहा जाता है कि इस बैठक के बाद ही योगी और शाह के बीच दूरिया लगातार बढ़ती चली गयी और योगी के फिर से यूपी के मुख्यमंत्री बनने से शाह को कुछ ज्यादा ही परेशान है। यूपी की राजनीति को करीब से देखने वाले को पता है कि यूपी के चुनाव में किस तरह राजनाथ सिंह योगी के पीछे खड़े थे ।

ये सारा खेल राजनाथ सिंह की घेराबंदी के लिए खेला जा रहा है राजनाथ सिंह जिनके साथ बीजेपी के हिन्दी प्रदेश के अधिकांश बड़े नेता अभी भी खड़े हैं ऐसे में 2024 में गठबंधन की सरकार बनने कि स्थिति बनी तो राजनाथ सिंह मोदी और शाह दोनों के लिए परेशानी खड़े कर सकते हैं फिर राजनाथ सिंह 2024 के लोकसभा चुनाव में मार्गदर्शक मंडल वाली उम्र में भी नहीं पहुंच रहे हैं।

शाह और उनकी टीम राष्ट्रीय स्तर पर राजपूत की राजनीति को कैसे कमजोर किया जा सके इसकी कोशिश यूपी में भी किया और अब बिहार में वीर कुंवर सिंह की जयंती के सहारे करने कि है ऐसा राजनीति पर नजर रखने वाले जानकारों का मानना है ये कितना सफल होगा या फिर शाह की यह रणनीति बैक फायर करता है यह तो आने वाला वक्त बताएगा लेकिन इतना तय है कि 2024 का बिसात बिछ चुका है और अभी से ही बीजेपी के अंदर ही शह मात का खेल शुरू हो गया है ।

जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में क्या रहा खास

जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री, 127 लोगों की सुनी समस्यायें, अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा निर्देश

पटना, 18 अप्रैल 2022 मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार आज 4 देशरत्न मार्ग स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में आयोजित ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में शामिल हुए। जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 127 लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए।

आज जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में सामान्य प्रशासन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, पंचायती राज विभाग, ऊर्जा विभाग, पथ निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, कृषि विभाग, सहकारिता विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, जल संसाधन विभाग, उद्योग विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, परिवहन विभाग, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, लघु संसाधन विभाग, योजना एवं विकास विभाग, पर्यटन विभाग, भवन निर्माण विभाग, वाणिज्य कर विभाग, सूचना एवं जन संपर्क विभाग, गन्ना (उद्योग) विभाग, विधि विभाग तथा जीविका से संबंधित मामलों पर सुनवाई हुयी।

‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में रोहतास से आये एक व्यक्ति ने मनरेगा में अनियमितता की शिकायत की। वहीं वैशाली जिले के पातेपुर के एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास मिलनेवाली सूची में नाम होने के बावजूद उसे आवास नहीं मिला। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को जांचकर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

शिवहर से पहुंचे एक फरियादी ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनके महादलित टोला का

सड़क, मुख्य सड़क से नहीं जोड़ा गया है, इसके कारण मुख्य सड़क तक जाने में काफी कठिनाई होती है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। बांका जिले के बेलहर से आए एक बुजुर्ग जे०पी० सेनानी ने कहा कि बिना अनुमति के उनकी जमीन के बीच में तीन बिजली का पोल लगा दिया गया है। थाना में भी कई बार आवेदन देने के बाद भी मामले में कोई सुनवाई नहीं हो रही है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को इस मामले की जांचकर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

• शिवहर जिले के विश्वम्भरपुर के एक व्यक्ति ने विश्वम्भरपुर पंचायत के वार्ड नंबर-7 के

महादलित टोला में रास्ता निर्माण को लेकर अपनी मांग मुख्यमंत्री के समक्ष रखी। वहीं भोजपुर

जिले के गड़हनी के एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क निर्माण को लेकर

अपनी बात रखी। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को इस पर समुचित कार्रवाई करने का निर्देश

दिया। ●भागलपुर जिले के बिहपुर के एक व्यक्ति ने प्राकृतिक आपदा के कारण अपनी फसल नष्ट होने की शिकायत की और मुआवजे की मांग को लेकर अपनी बात मुख्यमंत्री के समक्ष रखी। वहीं

बेगूसराय के मसदपुर के एक व्यक्ति ने फैक्ट्री से उत्पन्न प्रदूषण के कारण ग्रामीणों को होने वाली परेशानी के संबंध में शिकायत की मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को जांचकर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। फतुहा के एक व्यक्ति ने नगर परिषद् के वार्ड-16 में गंगा घाट निर्माण कार्य कराने के

संबंध में मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी बात रखी। वहीं दानापुर से आयी एक महिला ने शिकायत करते हुए कहा कि बरसात के दिनों में जलजमाव की समस्या होने के कारण उन्हें पलायन करना पड़ता है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में ऊर्जा मंत्री श्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, उद्योग मंत्री श्री शाहनवाज हुसैन, जल संसाधन मंत्री श्री संजय कुमार झा, भवन निर्माण मंत्री श्री अशोक चौधरी, ग्रामीण विकास मंत्री श्री श्रवण कुमार, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री श्री रामप्रीत पासवान, पथ निर्माण मंत्री श्री नितिन नवीन, पंचायती राज मंत्री श्री सम्राट चौधरी, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्रीमती लेशी सिंह, सहकारिता मंत्री श्री सुबाष सिंह, परिवहन मंत्री श्रीमती शीला कुमारी, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री नीरज कुमार सिंह, लघु जल संसाधन मंत्री श्री संतोष कुमार सुमन, ग्रामीण कार्य मंत्री श्री जयंत राज, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी, पुलिस महानिदेशक श्री एस0के0 सिंघल, संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव / प्रधान सचिव / सचिव, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, पटना के जिलाधिकारी श्री चंद्रशेखर सिंह तथा वरीय पुलिस अधीक्षक श्री मानवजीत सिंह ढिल्लो उपस्थित थे।

‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम की समाप्ति के पश्चात् मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत की। देश में कोरोना के मामले में हो रही वृद्धि के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कहीं-कहीं से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने की खबर आ रही है। दिल्ली में भी कोरोना के मामले में वृद्धि की खबर आयी है। बिहार में अभी कोरोना के काफी कम मामले हैं लेकिन बाहर में कोरोना के मामले बढ़ने का असर यहां भी पड़ता है क्योंकि लोग एक-दूसरे जगह आते जाते रहते हैं।

राज्य में लगातार कोरोना की जांच कराई जा रही है। यहां इसको लेकर पूरी तरह सतर्कता है और लोगों को भी सतर्क किया जा रहा है ताकि बाहर से आनेवालों की जांच होती रहे। सब लोगों से आग्रह है कि कोरोना की जांच करायें, इसको लेकर सरकार की ओर से पूरी व्यवस्था है। बिहार में कोरोना जांच की दर सर्वाधिक है। देश में दस लाख की आबादी पर जितनी औसत जांच हो रही है उससे ज्यादा जांच बिहार में हो रही है।

कोरोना दूसरे देशों में भी बढ़ा है। बिहार में कोरोना संक्रमण की दर काफी नीचे गया है लेकिन अगर फिर कहीं बढ़ रहा है तो उसके लिए अलर्ट रहने की जरूरत है। हमलोगों के यहां अलर्टनेस है, उसके लिए जो भी जरूरी है किया जाएगा। सिर्फ कोरोना ही नहीं बल्कि भीषण गर्मी के चलते अन्य प्रकार की बीमारियों का भी खतरा है। स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के द्वारा इस पर नजर रखी जा रही है। हमलोग निरंतर जरूरी जानकारी लेते रहते हैं कि कहां पर किस जगह पर क्या स्थिति है ? सब ध्यान दे रहे हैं। बिहार में कुछ जगहों पर तापमान 44 डिग्री तक पहुंच गया है। पिछले अनेक वर्षों से इस वर्ष तापमान में ज्यादा वृद्धि हुई है इसलिए लोगों को तो सतर्क रखना ही पड़ेगा। हमलोग इसको लेकर पूरे तौर पर अलर्ट है। स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ प्रशासन की तरफ से

भी अलर्ट किया गया है। ए०ई०एस० से बचाव के लिए काम किया जा रहा है। लाऊडस्पीकर पर नमाज को लेकर देश के कुछ हिस्सों में जारी विवाद के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जब से हमें काम करने का मौका मिला है तब से ही आपस में किसी तरह का विवाद न हो, झंझट न हो इसको लेकर हमलोग काम करते रहे हैं। पहले बिहार में कितना विवाद होता था लेकिन हमलोगों ने लोगों में अवेयरनेस लाकर इसको बिल्कुल समाप्त करने की लगातार कोशिश की है जब किसी समुदाय, धर्म के त्योहार का अवसर आता है तो प्रशासन पूरी
तौर पर अलर्ट रहता है ताकि कोई गड़बड़ी न कर सके। एक-एक चीज पर कॉन्सेसनेस है। जिसके मन में जो आता है, बोलते रहता है। हमलोग चाहते हैं कि सभी लोगों में आपस में प्रेम और भाईचारे का भाव रहना चाहिए। कोई भी किसी धर्म को मजहब को माननेवाला है, उसका अपना-अपना तरीका है।

सब लोग अपने-अपने ढंग से अपना त्योहार मनायें लेकिन इसको लेकर के आपस में विवाद नहीं करना चाहिए। ये बहुत जरूरी चीज है। सब अपने-अपने धर्म का मजहब का पालन कीजिए। इसको लेकर कहीं कोई रोक नहीं है। अगर आप सचमुच पूजा में विश्वास करते हैं तो ठीक से पूजा कीजिये। एक-दूसरे से झगड़ा करने का, पूजा करने से कोई संबंध नहीं है। अगर कोई भी किसी कम्युनिटी का है आपस में इस तरह का विवाद करता है तो मान लीजिए उसको धर्म से कोई मतलब नहीं है। इसका मतलब है कि वो सही आदमी नहीं है। यहां पर ऐसा कुछ नहीं है लेकिन कुछ-न-कुछ तो इधर-उधर होता ही रहता है। यहां पर अलर्टनेस है। उसके लिए ज्यादा चिंता मत करिए। हमलोग सबकी इज्जत करते हैं, हमलोग किसी को अपमानित नहीं करते हैं।

कुछ मंत्रियों द्वारा की जा रही बयानबाजी के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें इसकी जानकारी नहीं है। अगर आप लोग जानकारी दीजिएगा तो हम उनसे तुरंत पूछ लेंगे। हमारे पास कहीं से कोई जानकारी मिलती है तो तत्काल पूछ लेते हैं। ऐसा कुछ नहीं है, कोई भूल से कुछ बोल दिया हो तो उसकी बात अलग है।

श्री प्रशांत किशोर द्वारा कांग्रेस की जिम्मेदारी संभालने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पर मेरी कोई प्रतिक्रिया नहीं है। सबको अपना अधिकार है, राजनैतिक रूप से कोई क्या करना चाहता है, ये उसका अपना अधिकार है। हमसे उनका व्यक्तिगत संबंध रहा है और है भी। वे सबसे पहले भाजपा के साथ थे। फिर हमलोगों के साथ काम किये। अब कहीं और कर रहे हैं यह उनकी अपनी इच्छा है। ऐसे हमारा कोई इंटरफेयरेंस नहीं है और न ही इसमें हमारी कोई प्रतिक्रिया है।

उपचुनाव के नतीजे के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि एक जगह बाइइलेक्शन में हमलोगों की हार हो गई तो ये कोई खास बात नहीं है। इससे पहले दो बाइइलेक्शन हमलोग भी जीते हैं। यह कोई जेनरल इलेक्शन नहीं था। हमलोग तो एन०डी०ए० के उम्मीदवार के प्रचार के लिये गये ही थे, सब लोग प्रचार किये ही थे। वहां क्या हुआ इसकी अभी पूरे तौर पर जानकारी नहीं है कि हार क्यों हुई। आपस में बातचीत करने से इसकी पूरी जानकारी मिलेगी कि मामला क्या था। जनता मालिक है, उसको जो मन करे, उसे वोट दे। इस पर हम कभी कमेंट नहीं करते हैं।

श्री शत्रुघ्न सिंहा के बंगाली बाबू के रूप में लोकसभा उपचुनाव में मिली सफलता के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहारी बाबू और बंगाली बाबू क्या है, सब हिंदूस्तानी बाबू हो जाइये। ये सबसे अच्छा है। इसमें क्या दिक्कत है।

स्पेशल स्टेट्स के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग काम भी करते हैं और बिहार को जो जरूरत रहती है उसके लिये बात भी करते रहते हैं। कौन क्या कॉमेंट देता उससे क्या मतलब। हमलोग जितना बिहार के लिये करते हैं वो आपलोगों को पता है। हमलोग मांग भी करते हैं और बिहार के लिए काम भी करते हैं। इन सब पर ज्यादा चिंता करने की जरुरत नहीं है। उन्होंने कहा कि मौसम को देखते हुए अभी एक- दो महीने लोगों को अलर्ट रहने की जरुरत है। राजनीतिक बातें तो होती ही रहती है, उसका उतना महत्व नहीं है लेकिन लोगों की सर्वोपरि है। सभी लोग स्वस्थ रहें किसी को कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़े इसको लेकर हम सभी लोग लगे हुए हैं। मीडियाकर्मी भी लोगों को सचेत करते रहें, यह बहुत जरुरी है। अभी सभी लोगों को सचेत रहने की जरुरत है।

बीजेपी जदयू के गठबंधन तोड़ने का वक्त आ गया है – पूर्व विधान पार्षद रजनीश कुमार

पटना । बेगूसराय खगड़िया विधान परिषद चुनाव में हार का सामना करने वाले एनडीए के भाजपा उम्मीदवार रजनीश कुमार ने भाजपा जदयू के गठबंधन पर सवाल खड़ा करते हुए भाजपा को जदयू से अलग होने का आग्रह किया है।

रजनीश कुमार ने कहा कि गठबंधन का समय चला गया है, भाजपा के शीर्ष नेताओं से आग्रह करते हुए कहा कि जिस तरह से भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी में आत्मनिर्भर बना है उसी तरह बिहार में भी भाजपा आत्मनिर्भर बनने के लिए अकेले चलने का काम करें। रजनीश कुमार ने कहा कि बिहार में गठबंधन की सरकार है लेकिन निचले स्तर पर गठबंधन का कोई औचित्य नहीं रह गया है।

बेगूसराय विधान परिषद चुनाव में जदयू की इकाई और विधायक ने खुलेआम एनडीए उम्मीदवार के विरोध में प्रचार किया। भाजपा और जदयू नेतृत्व को सूचना देने के बावजूद जदयू ने साथ नहीं दिया और धोखा देने का काम किया। बिहार में उपचुनाव में भाजपा हमेशा जदयू के साथ रही है लेकिन जदयू हमेशा चुनाव में गठबंधन धर्म का पालन नहीं करती है।

अब समय आ गया है कि गठबंधन को साथ नहीं चल सकते हैं ऐसे में भाजपा नेतृत्व से आग्रह है कि भाजपा को बिहार में मजबूत बनाने के लिए अकेले चलने का समय आ गया है।

बिहार की राजनीति में अभी भी नीतीश फैक्टर प्रभावी है

कल दोपहर टीवी देख रहे थे चैनल पर जगदानंद सिंह के पुत्र के जदयू में शामिल होने कि खबर लाइव चल रही थी और ललन सिंह जगता भाई को नसीहत दे रहे थे ठीक उसी समय टीवी स्क्रीन पर बिग ब्रेकिंग फुल प्लेट खबर ब्रेक होता है नालंदा में नीतीश कुमार के कार्यक्रम में धमाका खबर जैसे ही खत्म हुआ एंगर सीधे बोचहा उप चुनाव में मौजूद अपने रिपोर्टर के पास जाता है, और मतदान का हाल जानना चाहता है रिपोर्टर मुजफ्फरपुर से सटे भूमिहार के सबसे बड़ा गाँव खबरा में मौजूद था रिपोर्टर वोटर से सवाल कर रहे हैं विकास के मुद्दे पर वोट दे रहे हैं या बदलाव के मुद्दे पर वोटर अपना नाम और जाति बोलते हुए कहां कि मैं भूमिहार हूं और राजद को वोट देकर आया हूं बहुत हो गया अपमान अब नहीं चलेगा ।        

ठीक उसी समय दूसरे चैनल पर अखाड़ाघाट से रिपोर्टर लाइव पर था जहां राजपूत मतदाता वोट देकर बाहर निकलता है और कहता है कि मैं राजद को वोट दिया हूं बहुत हो गया हम लोग एनडीए का बंधुवा वोटर नहीं है ।                 

ये सब चल ही रहा था कि मैं मुजफ्फरपुर के बीजेपी के एक बड़े यूथ लीडर को फोन लगा दिया और जैसे ही वो फोन उठाया मेरा सीधा सवाल था क्या देख रहे हैं टीवी पर ,भैया सही देख रहे हैं पता नहीं क्यों यूथ में गजब का गुस्सा है हाल यह है कि तमाम भूमिहार बस्ती में यूथ अभिभावक को घर से निकलने ही नहीं दे रहा है कह रहा है लोकसभा में मोदी को वोट देंगे लेकिन आज आप लोग वोट देने मत जाइए ।

रिजल्ट क्या होगा ,भैया नीतीश के वोटर पर हम लोग लड़ाई में बने हैं बात जीत की तो बहुत मुश्किल है हजार दो हजार से जीत जाये तो बहुत बड़ी बात होगी वैसे हारे तो 15 हजार से ऊपर से हारेंगे ।              

भैया ये लोग मुकेश सहनी को सहनी का नेता बना दिया 75 प्रतिशत सहनी रमई राम के साथ चला गया जो बचा वो राजद और भाजपा में गया है पासवान वोट भी राजद के साथ खड़ा रहा है पचपनिया(अति पिछड़ा) वोटर में भी बिखराव दिख रहा है, बात आगे बढ़ी तो मैंने भी कहां विधान पार्षद के वोट में भी अति पिछड़ा वोटर वर्षो बाद राजद की और जाते हुए मैंने भी देखा।

 तभी ख्याल आया कि अति पिछड़ा वोटर का यह ट्रेड सिर्फ तिरहुत और मिथिलाचंल में ही है या फिर अन्य जगह भी है ,फोन काटा और सीधे औरंगाबाद में उसके पास फोन लगा दिया जो विधान परिषद के चुनाव में छह माह से डटा हुआ था उनसे भी मेरा सवाल यही था कि चुनाव तो जीत गये, पैसा भी बेहिसाब खर्च किये लेकिन जरा ये बताये अति पिछड़ा वोटर का क्या हाल था संतोष भाई पैसा लेने के बाद भी यह वोटर राजद को वोट किया है, मैंने पूछा क्या आपको लगता है कि नीतीश का अति पिछड़ा वोटर भाजपा के साथ सहज नहीं है संतोष भाई सौ फिसड्डी जो भी साथ छोड़ा है वो राजद के साथ गया है और ये साफ दिख रहा कि बिहार का अगला मुख्यमंत्री तेजस्वी ही बनेगा संतोष भाई भाजपा का कार्यकर्ता इतना करप्ट हो गया है कि आप सोच नहीं सकते हैं साला एक दर्जन संगठन गांव गांव में खड़ा कर दिया है और सबको पैसा चाहिए गजब हाल है इन लोगों का राजद का कार्यकर्ता अभी भी सतुआ खाकर काम करता है लेकिन हमारे यहां पगला गये इन लोगों को सम्भालते सम्भालते।

 बात चल ही रही थी कि देखते हैं मेरे नालंदा रिपोर्टर का लगातार फोन आ रहा है इनसे विदा लेते हुए नालंदा रिपोर्टर का फोन रिसीभ किये कैसे हुआ क्या हुआ कौन है वो सब बात होने के बाद मैं धीरे से पुछा पटाखा छोड़ने वाला कौन जाति का है सर बनिया है हद है बाढ़ में भी बनिया और यहां भी बनिया ये बनिया सब को क्या हो गया है सर उसके परिवार का किसी भी राजनीतिक दल से उस तरह का जुड़ाव नहीं है लेकिन प्रतिबद्धता बीजेपी के साथ जरुर है , उस लड़के से बात हुई है क्या जी सर कह रहा है कि नीतीश शासन सही तरीके से नहीं चला रहा है इसको मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ देना चाहिए वैसे ये भी मानसिक रूप से कमजोर ही लगता है।

वैसे जगतानंद सिंह के बेटे का जदयू में शामिल होना,नीतीश कुमार की सभा में पटाखा छोड़ देना और बोचहा चुनाव में एनडीए के परम्परागत वोटर का गुस्सा होना ये सारी बाते भले ही तात्कालिक लग रहा है लेकिन बिहार की राजनीति फिजा बदल रही है ये भी साफ दिख रहा है ।

करोड़ो का सम्पत्ति धारक निकला जेल अधिकारी रूपक कुमार, सहायक कारा महानिरीक्षक

जेल के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति मामले में छापेमारी मामले में विशेष निगरानी में बड़ा खुलासा किया है रूपक कुमार ने बैंगलोर में हवाई अड्डा के पास आवासीय फ्लैट लिया है और बैंगलोर में इन्होंने जमीन और प्लॉट खरीदने का एग्रीमेंट किया है

झारखंड के देवघर में एक बड़ा आवासीय भूमि का प्लॉट है जिसकी कीमत करोड़ों में है

जमशेदपुर के प्रसिद्ध जगह पर 3 बीएचके का फ्लैट है जिसकी कीमत करोड़ों में है

जमशेदपुर में आवासीय भूमि का प्लॉट भी मिला है

रांची में भी फ़्लैट और जमीन के कागजात मिले हैं

नोएडा में ब्यबसायिक दुकान ली है जिसकी कीमत करोड़ों में है नोएडा में भी आवासीय फ्लैट मिला है

पश्चिम बंगाल में भी करोड़ों के प्लेट और आवासीय जमीन के कागजात मिले हैं

पटना के बिहटा में भी जमीन के कागजात मिले हैं

पटना के लोदीपुर मेरी फ्लैट मिला है जो किराए पर लगा है

रूपक कुमार के आवाज से 62 लाख रुपए से ज्यादा का आभूषण मिला है

निगरानी ने यह भी खुलासा किया है कि रूपक कुमार के घर की तलाशी के दौरान कैदियों के उपयोग के लिए खरीदी गई समान और वस्तुओं का अपने घर में यह प्रयोग करते थे

अभी तक 10 करोड़ से अधिक के चल और अचल संपत्ति के बारे में पता चला है जिसकी जांच की जा रही है यह और भी ज्यादा बढ़ने की संभावना है

विपिन अग्रवाल की हत्या मामले की जांच को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता हुए गोलबंद

नई दिल्ली: आरटीआई का समर्थन करने वाली एक राष्ट्रीय संस्था ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर मांग की है कि आरटीआई कार्यकर्ता बिपिन अग्रवाल की हत्या और उसके बाद उनके 14 वर्षीय बेटे की आत्महत्या के मामले में जांच के आदेश दिए जाएं.

‘नेशनल कैंपेन फॉर पीपुल्स राइट टू इंफोर्मेशन’ (एनसीपीआरआई) ने 8 अप्रैल को भेजे पत्र में कहा है कि बिपिन अग्रवाल की सितंबर 2021 में दिन-दहाड़े हत्या की गई थी और हत्यारा अभी भी पुलिस के पकड़ से बाहर है ।

मोतीहारी के हरसिद्धि इलाके के 47 वर्षीय आरटीआई कार्यकर्ता बिपिन अग्रवाल की 2012 में 24 सितंबर को अज्ञात मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने सीओ के दफ्तर के सामवे गोली मारकर हत्या कर दी थी. अग्रवाल के परिवार ने हत्या के लिए बीजेपी के पूर्व जिला अध्यक्ष सहित स्थानीय भू-माफिया को जिम्मेदार ठहराते हुए हमलावरों का पता लगाने के लिए निष्पक्ष जांच की मांग की थी.

एनसीपीआरआई ने लिखा, उनकी हत्या के बाद परिवार न्याय के लिए संघर्ष कर रहा था और उनका बड़ा बेटा पुलिस हत्या में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करवाने के लिए प्रयासरत था.

पत्र में आगे लिखा गया है, पुलिस द्वारा मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी न किए जाने से क्षुब्ध होकर बिहार के पूर्वी चंपारण के मोतीहारी में बेटे ने आत्महत्या करके जान दे दी.

हालांकि, पत्र में बेटे का नाम लिखा है लेकिन द वायर नाम का उल्लेख नहीं कर रहा है क्योंकि वह नाबालिग था.
एनसीपीआरआई ने लिखा, ’24 मार्च 2022 को, (लड़के का नाम) के दादा द्वारा जारी वीडियो के अनुसार, (वह) मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एक ज्ञापन सौंपने पुलिस स्टेशन गया था और उसने कथित तौर पर वहां कई घंटों तक वरिष्ठ अधिकारियों से मिलने की कोशिश में इंतजार किया.’

इसमें आगे कहा गया है कि लड़के के दादा के अनुसार पुलिस परिवार पर यह कहने के लिए दबाव बना रही थी कि उसने निजी कारणों के चलते आत्महत्या की है.

‘बिपिन की हत्या और उनके बेटे की मौत… व्हिसलब्लोअर और उनके परिवारों की रक्षा करने में राज्य मशीनरी की घोर विफलता की ओर इशारा करते हैं. पुलिस और प्रशासन की भूमिका की जांच करने की जरूरत है और सबसे पहले बिपिन अग्रवाल को बचाने और उनकी मृत्यु के बाद मुख्य आरोपी की समयबद्ध तरीके से जांच और मुकदमा चलाने में विफलता के लिए जवाबदेही तय करने की जरूरत है.

संस्था ने यह भी आरोप लगाया है कि राज्य (सरकार) ने न्याय की तलाश में भटकते परिवार की सहायता नहीं की.
संस्था ने पत्र में कहा है, ‘राज्य की उदासीनता का परिणाम (लड़के की) मौत के रूप में निकला. आरटीआई उपोगकर्ताओं पर हमले और उनकी हत्याओं की घटनाएं बिहार में बिना किसी भय के निरंतर जारी हैं.’

पत्र पर प्रमुख आरटीआई कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज, निखिल डे, वेंकटेश नायक, पंक्ति जोग, डॉ. शेख, प्रदीप प्रधान, राकेश दुब्बुडू, आशीष रंजन, शैलेश गांधी, अमृता जौहरी, कात्यायनी चामराज, विपुल मुद्गल, भास्कर प्रभु, अजय जांगिड़, करुणा एम., चक्रधर, अभय जॉर्ज, रोली शिवहरे और अशोक कुमार के हस्ताक्षर हैं.

हस्ताक्षरकर्ताओं ने नीतीश कुमार से एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराने का आह्वान किया है.
उन्होंने कहा है कि पुलिस और अधिकारियों की भूमिका की ठीक से जांच की जानी चाहिए और परिवार को तुरंत उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए.

एनसीपीआरआई ने बिहार सरकार से राज्य स्तरीय व्हिसलब्लोअर्स सुरक्षा क़ानून अपनाकर व्हिसलब्लोअर को सुरक्षा प्रदान करने की भी मांग की है.

उसने कहा कि क्योंकि केंद्र सरकार 2014 में संसद द्वारा पारित व्हिसलब्लोअर प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने में विफल रही है और अब तक क़ानून के तहत नियमों का ऐलान नहीं किया है, इसलिए जरूरी है कि राज्य सरकार पहल करे।

पुल चोरी मामले का हुआ खुलासा विभाग के इंजीनियर ही था शामिल

बिहार के रोहतास में 60 फुट लंबे लोहे के पुल की चोरी मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है। पुलिस ने आठ लोगों को गिरफ्तार किया है।जिसमें सिंचाई विभाग के एक कर्मचारी अरविंद और गाड़ी के मालिक चंदन को भी गिरफ्तार किया है। वहीं पुल चोरी में इस्तेमाल किए गए गैस कटर और जेसीबी को भी बरामद कर लिया गया है।

नासरीगंज प्रखंड के आदर्श ग्राम अमियावर का है। आधे दर्जन गांवों को जोड़ने के लिए आरा कैनाल पर ये पुल बना था। रोहतास में 60 फुट लंबा ये ऐतिहासिक पुल करीब 50 साल पुराना था।

पुल की चोरी मामले में पुलिस की माने तो इस चोरी में सासाराम सिंचाई विभाग का एसडीओ राधेश्याम सिंह ही इस पूरे कांड का मास्टरमाइंड था। चौंकानेवाली बात तो ये रही कि राधेश्याम सिंह ने ही पुल चोरी की घटना की एफआईआर तक दर्ज कराई थी। पूरा मामला नासरीगंज प्रखंड के आदर्श ग्राम अमियावर का है। आधे दर्जन गांवों को जोड़ने के लिए आरा कैनाल पर ये पुल बना था। रोहतास में 60 फुट लंबा ये ऐतिहासिक पुल करीब 50 साल पुराना था।

पुल चोरी मामले का हुआ खुलासा

पूरी साजिश सासाराम में तैनात सोन नहर अवर प्रमंडल, नासरीगंज के SDO राधेश्याम सिंह ने रची थी। राधेश्याम ने इसके लिए पूरी प्लानिंग की थी और एक स्थानीय RJD नेता को भी अपने साथ मिला लिया था, जिससे कोई बवाल न खड़ा हो पाए। ये आरजेडी नेता अमियावर गांव का ही रहनेवाला है और उसका नाम शिव कल्याण भारद्वाज है।

पुलिस ने इस दौरान पुल चोरी कांड में इस्तेमाल किए गए सामान, जिसमें बुलडोजर, पिकअप वैन, 247 किलो लोहा, दो गैस सिलेंडर और दो गैस कटर को भी बरामद किया। पुलिस के मुताबिक RJD नेता शिव कल्याण भारद्वाज ने अपराधियों को संरक्षण देने के बदले SDO से 10 हजार रुपये लिए थे।

इस साजिश के लिए राधेश्याम सिंह ने विभाग के कुछ कर्मचारियों को भी तैयार किया। इसके बाद तय समय पर जेसीबी, कटर वगैरह लेकर ये सब लोग मौके पर पहुंच गए। चुंकि वहां पर मौजूद सभी चोरों ने अपना परिचय सरकारी कर्मचारी और मजदूर के तौर पर दिया इसलिए उन्हें इस पुल को गायब करने में विरोध का सामना नहीं करना पड़ा। इसके बाद सारा माल लोड कर मौके से सभी आरोपी उड़न छू हो गए।

बिहार के सासाराम में पुल चोरी का अनोखा मामला आया सामने

सासाराम । रोहतास जिले के बिक्रमगंज अनुमंडल क्षेत्र से एक अजीबोगरीब खबर सामने आई है। जहां चोरों ने लगभग 60 फीट लंबी एक लोहे के पुल को ही चुरा लिया।

बताया जाता है कि जर्जर और परित्यक्त हो चुके नहर पर बने पुल को सिंचाई विभाग के अधिकारी बन कर कुछ लोग आए तथा जेसीबी, गैस कटर से पूरे पुल को काट तथा उखाड़ कर वाहनों पर लाद कर लेते चले गए। जिला के नासरीगंज थाना क्षेत्र के अमियावर में आरा कैनाल नहर पर सन 1972 के आसपास बनाए गए लोहे के पुल को चोरों ने दिनदहाड़े चुरा लिया।

बताया जाता है कि विभागीय अधिकारी बन कर कुछ लोग जेसीबी, पिकअप वान, गैस कटर तथा गाड़ियां लेकर पहुंचे और 3 दिनों में काट काट कर पूरा ब्रीज़ ही गायब कर दिया। सबसे मजे की बात है कि सिंचाई विभाग के अधिकारी होने का झांसा देकर चोरों ने स्थानीय विभागीय कर्मियों की मदद भी ली और उनकी मौजूदगी में पूरा पुल ही चुरा लिया। आप तस्वीरों में देख सकते हैं किस प्रकार मजदूर लोहे के पुल के मलबे को ले जाकर पिकअप वैन पर लाद रहे हैं।

चोरी की घटना पर क्या कहना है ग्रामीणों का

बता दे की पिछले कई दशक से जर्जर हो जाने के कारण इस लोहे के पुल का लोग उपयोग लोग नहीं कर रहे थे। ऐसे में ग्रामीण स्कूल को हटाने के लिए आवेदन भी दे चुके थे। विभाग ने पुल के बगल में एक कंक्रीट की समानांतर पुल बना दिया था। वैसे भी पुल के लोहे की धीरे-धीरे चोरी हो रही थी। लेकिन पिछले तीन दिनों से धीरे धीरे काट काट कर इस पूरे पुल की चोरी कर ली गई और विभाग तथा ग्रामीण देखते रह गए।

पुल चोरी की जॉच करने एसपी पहुँचा घटना स्थल

लगभग 60 फीट लंबा और 12 फीट ऊंची यह पुल जब पूरी तरह चोरी हो गई, तब जाकर ग्रामीण तथा विभाग को समझ में आया कि वे लोग झांसे में पड़ गए हैं। जिसके बाद विभागीय अधिकारियों ने जाकर थाने में पुल चोरों के खिलाफ केस दर्ज कराया। लेकिन जिस तरह से दिनदहाड़े अपराधियों ने नहर पर बने लोहे का पूरा पुल चुरा लिया। यह कई सवाल खड़े करती है।

चोरी की घटना पर विभाग के अधिकारी और सासाराम के एसपी का क्या कहना है जरा आप भी सूने

चुकी ऐसी कहानी फिल्मों में मिलती है। लेकिन जिस तरह से नटवरलाल बन कर रोहतास के अमियावर में चोरों ने पूरा पुल को ही चुरा लिया। ये मामला कहीं ना कहीं पूरे सिस्टम को शर्मिंदा करती हैं।

बिहार के रिमांड होम में चलता है देह व्यापार -थानेदार

पश्चिमी चंपारण के बैरिया थाने के SHO का एक ऑडियो वायरल हो रहा है. इसमें वह बालिका सुधार गृह की सच्‍चाई को बताने का दावा कर रहे हैं. मामले की जांच में ऑडियो सही पाए जाने पर अब बैरिया थानाध्‍यक्ष को निलंबित कर दिय गया है. बताया जाता है कि पीड़ित ने थानाध्‍यक्ष की बात को टेप कर उसे वायरल कर दिया.बेतिया (पश्चिम चंपारण). बिहार के पश्चिम चंपारण से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है.

बेतिया में बैरिया थानाध्‍यक्ष का एक ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह कथित तौर पर बालिका सुधार गृह की सच्‍चाई बता रहे हैं. ऑडियो के वायरल होने के बाद मामले की जांच करवाई गई. जांच में ऑडियो सही पाए जाने पर SHO को निलंबित कर दिया गया है.

इस ऑडियो में लड़की को घर ले जाने से इनकार करने वाले परिजनों को आरोपी थानाध्‍यक्ष बालिका सुधार गृह की हकीकत बता रहे हैं. इसमें बैरिया थानाध्‍यक्ष बता रहे हैं कि बाल‍िका सुधार गृह या रिमांड होम में बड़ी-बड़ी गाड़ियों से लोग आते हैं और लड़कियों को ले जाते हैं. उनका यह ऑडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया.।

आरोपी बैरिया एसएचओ की पहचान दुष्‍यंत कुमार के तौर पर हुई है. वायरल ऑडियो में थानाध्‍यक्ष लड़की के परिजनों को नसीहत देते हुए बता रहे हैं कि रिमांड होम में लड़कियों के साथ अनैतिक काम होते हैं. इस ऑडियो के सोशल नेटवर्किंग साइट पर तेजी से वायरल होने के बाद पुलिस अधीक्षक को कार्रवाई करनी पड़ी है. दरअसल, बैरिया थाना क्षेत्र के एक गांव से 25 मार्च को एक नाबालिग लड़की का अपहरण हो गया था.

अपहरण का आरोप बैरिया थाना के चौकीदार शम्भू साह के पुत्र सुधीर पर लगा था. परिजनों ने आवेदन दिया तो पुलिस ने आनाकानी करते हुए केस दर्ज नहीं किया. इसके बाद पीड़ित परिवार SP से मिला] तब जाकर मामले में केस दर्ज हुआ. इसके बाद पुलिस ने लड़की को बरामद कर लिया और न्यायालय में उसका बयान भी करवा लिया.।

परिजनों का लड़की को घर ले जाने से इनकार अब लड़की के घरवाले लड़की को अपने साथ नहीं ले जाना चाहते हैं. दूसरी तरफ पुलिस द्वारा जबरन लड़की को उसके घर भेजने के लिए दवाब बनाया जाने लगा. थानाध्यक्ष दुष्यंत कुमार ने पीड़ितों से कहा कि चौकीदार के पुत्र पर आरोप है तो वह चौकीदार का ही पक्ष लेंगे.

इस दौरान थानाध्यक्ष ने रिमांड होम की हकीकत बताकर लड़की के घरवावों को डराने का भी प्रयास किया, लेकिन लड़की के परिजन उसे अपने साथ नहीं ले जाना चाहते थे. बताया जाता है कि लड़की के परिजनों ने ही थानाध्यक्ष का ऑडियो रिकॉर्ड कर उसे सोशल मीडिया में वायरल कर दिया.ऑडियो वायरल होते ही एसपी ने मामले की जांच एसडीपीओ सदर मुकुल परिमल पांडेय से करवाई.

जांच में यह मामला सही पाया गया. इसके बाद पुलिस अधीक्षक ने कार्रवाई करते हुए थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया है. दरअसल, जो जानकारी सामने आ रही है उसके अनुसार लड़का-लड़की आपस में प्रेम करते थे और दोनों घर से भाग गए थे. पुलिस ने लड़की को बरामद कर लिया, लेकिन परिजन उन्‍हें घर नहीं ले जाना चाहते हैं. इस बीच, आरोपी लड़के को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

बीजेपी की स्थापना दिवस आज

बचपन संघ के साथ ,कॉलेज ABVP के साथ और पत्रकारिता का एक बड़ा हिस्सा भाजपा के नेता और कार्यकर्ता के बीच गुजरा है ।

स्वभाविक है मेरा परिवार बिहार में संघ के स्थापक सदस्यो में एक थे ,काँलेज में ABVP की तरह व्यवस्थित दूसरा कोई छत्र संगठन नहीं था ,पत्रकार बने तो उस समय बीजेपी विपंक्ष में थी,सत्ता और सरकार के खिलाफ कार्यक्रम और आंदोलन करने के मामले में इनका जोड़ा नहीं है ।आंदोलन में लोग जुटे या ना जुटे मीडिया में बेहतर कभर कैसे हो इसके गुर में ये माहिर होते थे ।

इस वजह से बीजेपी का गाँव का कार्यकर्ता हो या फिर राष्ट्रीय नेता हो आप इसके आलोचक ही क्यों ना हो व्यक्तिगत रिश्ता हमेशा बना कर रखते थे ।

हालांकि बीजेपी जब से सत्ता में आयी इनकी मीडिया से पहले जैसी जरुरत नहीं रही फिर मोदी के बाद तो मीडिया से तो ये दुश्मनी साधने लगे ।

लेकिन 40 से उपर वाले इनके नेता और कार्यकर्ता में अभी भी वो भाव बची हुई है ,इन सबों में विपंक्ष में होने का एहसास अभी भी मिटा नहीं है वैसे सोशल मीडिया वाली आक्रमकता फिल्ड में देखने को नहीं मिलता है आंख में पानी है लेकिन पहले जैसा घार अब कार्यकताओं में नहीं है ,चाल चरित्र और चेहरा की बात अब बस कहने के लिए रह गया ।

गाँव को आपकी जरूरत है

बिहार का सुधा राष्ट्रीय स्तर पर ब्रांड कैसे बन गया यह सवाल बार बार मुझे परेशान करता है, पटना आने के बाद इस रहस्य को समझने के लिए कई बार सुधा से जुड़े लोगों से मैं मिला भी लेकिन इस ऊंचाई पर पहुंचने राज वो बता नहीं पाये ।

दरभंगा प्रवास के दौरान दरभंगा बहेड़ी मुख्य मार्ग पर जोरजा एक गांव हैं वहां चैती दुर्गा पूजा पूरे धूमधाम से मनाया जाता है इस गांव से मेरा पुराना रिश्ता रहा है पूजा कमेटी के लोगों ने मुझे पूजा में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया दरभंगा जिला घूम ही रहे थे इसी क्रम में जोरजा पहुंच गये पूजा में शामिल होने के बाद वैसे ही बात हो रही थी तो मेरी नजर दुर्गा स्थान के पीछे स्थित बगीचा पर पड़ा गया पता चला बहुत बड़े कृषि वैज्ञानिक हैं। रिटायर होने के बाद पिछले 15 वर्षो से गांव में ही रह रहे हैं इनको दो बेटा है दोनों आईआईटीएन है और अमेरिका में रहता है ये यहां अकेले रहते हैं गांव में पर्यावरण पर काम करते रहते हैं।

चले गये उनसे मिलने एक घंटा का साथ मिला बात चलते चलते पता चला कि 1990 के दशक में डेयरी के क्षेत्र में काम करने वाले कई बड़े बिहार के रहने वाले वैज्ञानिक जो अमूल,राजस्थान और पंजाब हरियाणा डेयरी में काम करते थे उन्हें बिहार सरकार ने बिहार में काम करने के लिए आमंत्रित किया इसी कड़ी में राजस्थान डेयरी से डाँ धीरेन्द्र कुमार सिन्हा बिहार आये और ये फिर अलग अलग राज्यों में डेयरी के फील्ड में काम करने वाले बिहारी का बिहार आने का न्यौता दिया और फिर एक ऐसा टीम तैयार हुआ जिसके बुनियाद पर आज सूधा अमूल को चुनौती दे रहा है इन्होंने दूध का बायप्रोडक्ट पर काफी काम किये साथ ही जिस समय बिहार में दूध काफी होता है उस दूध को पाउडर के रूप में परिणत कैसे किया जाये इस तकनीक को भी बिहार में लाये।

इनके एमडी के कार्यकाल को आज भी सुधा से जुड़े लोग याद करते हैं इन्होंने एक ऐसा चैन खड़ा कर दिया कि आज सुधा की पहचान देश स्तर पर पहुंच गया है ।80 वर्ष इनका उम्र है, बीस और जीना चाहते हैं ताकी अपने गांव को एक ऐसा आदर्श गांव बना सके जिसकी पहचान देश स्तर पर औषधीय और ऑर्गेनिक खेती के रूप में हो सके। ये अपने बगान में बहुत सारे ऐसे फल सब्जी और अनाज पैदा कर रहे हैं जो हमारे फूड चैन से खत्म होते जा रहा है । पोस्ट के साथ कुछ तस्वीर लगा है पहचानिए इसमें से एक बथुआ का साग है जो हमारे आपके खेत में वैसे ही उगता रहता है इनका मानना है कि इससे पोस्टिंग साग दूसरा कोई भी नहीं है इस साग को कोई लगाता नहीं है लेकिन हर किसी के खेत में देखने को मिल जायेगा इस साग के खाने से बहुत सारे बीमारी से बचा जा सकता है ।

ऐसे कई फल , फूल और साग सब्जी इनके बगान में आपको मिल जायेगा जिसे देख आप हैरान रह जायेंगे मुझे लगता है कि ऐसे बिहारी जो पटना ,दिल्ली ,मुंबई में अपार्टमेंट की जिंदगी जी रहे हैं उन्हें गांव लौटना चाहिए क्यों आज भी जितने बिहारी ऊंचाई पर है उनकी पढ़ाई लिखाई और परवरिश कही ना कही किसी ना किसी बिहार के गांव से ही हुआ है गांव को आज आप जैसे लोगों की जरूरत है बिहार में बदलाव की अभी भी अपार सम्भावना है ।

मुम्बई से जयनगर(मधुबनी) आ रही लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस डिरेल हुई; रेलवे ने हेल्पलाइन जारी किया

लोकमान्य तिलक से जयनगर जाने वाली लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस के पटरी से उतरने का मामला, रेलवे ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि किसी की मौत नहीं हुई है 2 लोग घायल हुए हैं रेलवे यात्रियों को खाने के साथ-साथ सभी सुविधा दी जा रही है उन लोगों को वहां से बस से दूसरे रेलवे स्टेशन में भेजा जा रहा है और अन्य ट्रेनों के माध्यम से उन्हें गंतव्य स्थान के लिए भेजा रेलवे ने पूरे मामले में उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया है।

कोई भी परिजन फोन करके जरुरी जानकारी ले सकते हैं….रेलवे यात्रियों को पहुचायेगी उनके घर

HJP- 9771425969
Hajipur- 8252912078, 7033591016
Muzaffarpur- 8252912066
SPJ-8102918596
DBG-9264492779
MBI-9262297168
JYG-9262297170

DY SS COML MMR :- 02591-222269/7987315756(MOB NO)

DY SS COML NKRD :- 0253-2465816

DY SS COML KNW :- 0733-2222252

DY SS COML AK :-07242411029

DY SS COM CSN:-02589-222034

DY SS COML JL:-0257-2229664