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बिहार न्यूज पोस्ट के खुलासे के बाद सामने आये उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद कहा मेरे परिवार के लोग नहीं हैं शामिल

उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने दी टेंडर विवाद को लेकर दी सफाई ।

बिहार के उप मुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद ने ‘‘हर घर नल का जल‘‘ स्कीम के अंतर्गत कटिहार जिले में कराये गए कार्यों के संबंध में प्रकाशित खबर के विषय में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मेरे ऊपर लगाया गया आरोप तथ्यहीन एवं बेबुनियाद है
और राजनीतिक साजिश का हिस्सा है।

उन्होंने कहा कि सात निश्चय के अन्तर्गत क्रियान्वित ‘‘हर घर नल का जल‘‘ बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है एवं इन योजनाओं के क्रियान्वयन में संबंधित विभागों द्वारा सरकार की मार्गनिर्देशिका के मुताबिक क्रियान्वयन सुनिश्चित कराया गया
है।

उन्होने कहा कि ‘‘हर घर नल का जल‘‘ स्कीम के माध्यम से ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में आम आवाम को प्रत्येक घरों में नल संयोजन के द्वारा पेयजल की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित हुई है। स्कीम की सफलता से घबराहट में विपक्ष अनर्गल प्रलाप कर रहा है।

उप मुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद ने इस मामले में वस्तुस्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि जिन दो कंपनी दीपकिरण इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड एवं जीवनश्री इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड का जिक्र किया गया है, उन प्रतिष्ठानों अथवा कंपनियों में मेरे परिवार या ससुराल के कोई सदस्य शामिल नहीं हैं।

प्रसांगिक कार्य कटिहार जिला अंतर्गत क्रियान्वित लगभग 2800 स्कीमों में से भवाड़ा पंचायत के 04 वार्डों में सिर्फ चार स्कीम का कार्य मेरे परिवार की श्रीमती पूजा कुमारी द्वारा किया गया है, जिसका कॉन्ट्रैक्ट सरकार की मार्गनिर्देशिका के अनुसार पी.डब्ल्यू.डी. कोड, निविदा प्रक्रिया एवं नियमों के मुताबिक वर्ष 2019 में ही किया गया है।

जैसा कि मैंने जानकारी ली है, उसके अनुसार उपरोक्त कॉन्ट्रैक्ट नवंबर 2019 में हुआ, जिसके अंतर्गत मात्र 01 करोड़ 87 लाख 08 हजार 766 रूपए का कॉन्ट्रैक्ट हुआ। इस कॉन्ट्रैक्ट के अंतर्गत दिए गए कार्य भी एक वर्ष पूर्व सफलतापूर्वक संपन्न हो चुके हैं। संबंधित क्षेत्रों में नियमित जलापूर्ति भी किया जा रहा है।

इस संबंध में यह भी उल्लेखनीय है कि बिहार प्रदेश के उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के पूर्व प्रसांगिक चारों स्कीमों के कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण हो चुके थे। ऐसी स्थिति में मैं किस प्रकार डिप्टी सीएम के पदीय प्रभाव का इस्तेमाल कर सकता हूँ ?
प्रकाशित खबर में जिस प्रकार से तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर साजिश के तहत पेश किया गया है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं इसका प्रतिकार करता हूँ।

बिहार न्यूज पोस्ट के खुलासे से बिहार की राजनीति में आया भूचाल सीएम ने स्थिति स्पष्ट करने को कहां

बिहार न्यूज पोस्ट के खुलासे के बाद बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया है सीएम ने नीतीश कुमार ने बीजेपी से उपमुख्यमंत्री तारकेश्वर प्रसाद मामले में मीडिया में आयी खबर को लेकर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है वही इस मामले को लेकर नेता प्रतिपंक्ष तेजस्वी यादव ने यादव सीएम नीतीश कुमार पर जबरदस्त हमला बोला है मीडिया से बात करते हुए तेजस्वी ने कहा कि इस पूरे मामले की स्वतंत्र एजेंसी से जांच होनी चाहिए इस मामले मेंं सीएम को पत्र लिखा है जिसमें उप मुख्यमंत्री पर पद का दुरुपयोग करते हुए अपने रिश्तेदारों को टेंडर मैनेज करके ठेका दिलाया हैं इसकी स्वतंत्र एजेंसी से जांच करायी जाये

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साथ ही तेजस्वी ने कहा कि नीतीश की आत्मा बंगाल की खाड़ी में डूब गई है क्या भ्रष्टचार पर जीरो टॉलरेंस का दावा कहां खो गया है बीजेपी के नेता पर कार्रवाई करने को लेकर क्यों चुप हैं नीतीश कुमार।
वही आज बीजेपी के मंत्री और पार्टी के पदाधिकारी इस मामले पर चुप्पी साध लिया है कहां ये जा रहा है कि इस मामले के सामने आने के बाद पार्टी उप मुख्यमंत्री तारकेश्वर प्रसाद से दूरी बनाने लगा है ।वही दूसरी और भाकपा माले ने इस मामले को लेकर बड़े आन्दोलन की चेतावनी दिया है ।

मेट्रों प्रोजेक्ट पर काम में आयेगी तेजी रेल डिपो निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण पर लगी मोहर

दो परियोजनाओं की स्वीकृति पटना मेट्रो रेल डिपो निर्माण हेतु भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अब शुरू हो जाएगी। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री श्री रामसूरत कुमार ने 75.945 एकड़ भूमि के अधिग्रहण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। भू-अर्जन निदेषालय जल्द ही इसकी प्रारंभिक अधिसूचना जारी करेगा। भू-अर्जन अधिनियम, 2013 की धारा- 11 ;1द्ध के मुताबिक प्रारंभिक अधिसूचना राजपत्र में, दो दैनिक समाचार पत्रों में, स्थानीय निकायों के सूचना पट्ट पर और सरकारी वेबसाइट पर प्रकाषित कराया जाता है।

घ्यातव्य है कि 50 एकड़ से कम भूमि के अधिग्रहण की मंजूरी जिला पदाधिकारी द्वारा दी जाती है जबकि 50 एकड़ से अधिक भूमि के अधिग्रहण के प्रस्ताव की मंजूरी समुचित सरकार द्वारा दी जाती है। यहां समुचित सरकार का तात्पर्य विभागीय मंत्री से है। पटना मेट्रो बिहार सरकार की एक महात्वाकांक्षी परियोजना है, जिसके जल्द शुरू होने का मार्ग प्रषस्त हो गया है।

रोहतास और कैमूर जिले के 26 मौजों में चकबंदी का काम पूरा हो गया है। इन मौजों में चकबंदी के काम को डिनोटिफाई कर दिया गया है। यह अनाधिसूचित करने का अधिकार सरकार में है जो वास्तविक मंत्री में निहित होता है। डिनोटिफिकेषन के साथ ही इन मौजों का खतियान और नक्षा संबंधित अंचल को सौंप दिया जाएगा और आगे से उन अंचलों का काम चकबंदी खतियान और नक्षे के आधार पर ही होगा।

राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री ने आज ही रोहतास जिले के 22 मौजों में चकबंदी को समाप्त घोषित किया है। इससे पहले उन सभी 28 मौजों की जहां चकबंदी पूरा हो गया था कि गहन जांच उपनिदेष चकबंदी, रोहतास से गहन जांच कराई गई। किंतु 6 मौजों में सुनवाई का काम पूरा नहीं होने और दो मौजे में चक के मुताबिक दखल कब्जा नहीं होने की वजह से कुल 22 राजस्व ग्रामों को ही चकबंदी अधिनियम की धारा 26 ;कद्ध के मुताबिक अनाधिसूचित किया गया है।

मंत्री श्री राम सूरत कुमार ने कहा कि भू-अर्जन का काम सरकार की प्राथमिकता में है। ज्यादा जरूरी परियोजनाओं को उनके द्वारा व्यक्तिगत रूचि लेकर निष्पादित किया जाता है ताकि भू-अर्जन की वजह से किसी परियोजना में विलंब नहीं हो।

पंचायत चुनाव के दौरान मतदान केन्द्रों पर बिना मास्क के पहुंचने पर 50 रुपया भरना पड़ेगा जुर्वाना

उत्तरप्रदेश पंचायत चुनाव के दौरान हुए कोरोना विस्फोट को देखते हुए बिहार राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रथम चरण के मतदान से ठीक पहले कोरोना को लेकर कई सख्त आदेश जारी किया है इसमें बिना मास्क लगाये जो वोटर वोट गिराने आयेंगे उन पर 50 रुपया जुर्वाना लगाया जायेंगा।

आयोग ने चुनाव कर्मियों को निर्देश दिया गया है कि वोटरों से भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित कराये।और इसके लिए आयोग ने वैसे वोटरों पर फाइन लगाने का निर्देश दिया है जो मास्क नही लगाएंगे। हालांकि आयोग की तरफ से सभी बूथों के प्रवेश द्वार पर वैसे वोटरों को मास्क उपलब्ध कराने के निर्देश हैं जो बिना मास्क के वोट डालने पहुंचेंगे। लेकिन मास्क मिलने के बावजूद जो लोग मास्क नाक और मुंह पर लगाये नही दिखें, उन पर प्रशासन फाइन लगाएगा। ये फाइन 50 रुपए का होगा।

साथ ही पंचायत चुनाव में कोरोना पॉजिटिव वोटर भी वोट डाल सकेंगे । राज्य निर्वाचन आयोग ने इसके लिए अलग से व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। आयोग ने ऐसे वोटरों के लिए टोकन व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। कोविड पॉजिटिव वोटर वोटिग के अंतिम घंटे में मतदान करेंगे।

बूथ पर ऐसे वोटरों के लिए पहले से 100 टोकन होंगे। बूथ पर आनेवाले सभी कोविड पॉजिटिव वोटरों को टोकन नंबर देकर वेटिंग लॉन्ज में बैठने की जगह दी जाएगी । मतदान के आखिरी घंटों में ये अपने टोकन के अनुसार अपना मत डालेंगे। कोविड पॉजिटिव वोटरों के वोटिंग के दौरान बूथ पर मौजूद सभी चुनावकर्मी पीपीई किट में होंगे ।

शरीर का तापमान हुआ ज्यादा तो आखिरी घंटों में डालना होगा वोट कोविड को देखते हुए की गई वोटिंग व्यवस्था में हर बूथ पर थर्मल स्कैनर की व्यवस्था की गई है । बूथ पर प्रवेश के दौरान सभी वोटरों के शरीर का तापमान लिया जाएगा । इस दौरान जिनके शरीर का तापमान ज्यादा होगा , उनका तापमान फिर से आधे घंटे बाद लिया जाएगा । दूसरी बार भी शरीर का तापमान ज्यादा होने पर ऐसे वोटरों को मतदान के आखिरी घंटों में मतदान का करने का मौका दिया जाएगा ।

इस बार पंचायत चुनाव की होगी लाइव वेब कास्टिंग

पंचायत चुनाव 2021 शांतिपूर्ण और निष्पक्ष सम्पन्न हो इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है जिसके तहत लोकसभा और विधानसभा की तरह ही मतदान और मतगणना की लाइव वेब कास्टिंग होगी। राज्य निर्वाचन आयोग के इस फैसले को राज्य कैबिनेट ने भी मोहर लगा दिया है।

11 चरणों में हो रहे पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Chunav 2021) में इस बार इलेक्ट्रॉनिक सर्वलान्स पर आयोग काफी भरोसा कर रहे हैं एक और जहां पहली बार मतदाताओं की पहचान के लिए बायोमीट्रिक मशीनों का सहारा लिया जाएगा वही स्ट्रांग रुम में इस तरह के ताले का इस्तमाल किया जा रहा है जिसके खुलने पर जिला से लेकर राज्यनिर्वाचन आयोग तक को सूचना मिल जायेगा।

कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने बताया कि मतदान केंद्रों पर बायोमीट्रिक मशीन लगाने की जिम्मेदारी ब्राडकास्ट इंजीनियरिंग कंसलटेंट इंडिया लि. बेंगलुरू (बीईसीआइएल) को सौंपी गई है। मतदान और मतगणना की लाइव वेबकास्टिंग का कार्य नेशनल इंफोमेटिक सेंटर सर्विस इंक (एनआइसीएसआइ) को सौंपा गया है। बिहार में 11 चरणों में पंचायत चुनाव हो रहे हैं, जिसके लिए करीब 1.13 लाख मतदान केंद्र बनाए जा रहे हैं।

बिहार में पहली बार फिरौती के लिए किसी लड़की का हुआ है अपहरण

बिहार में पहली बार फिरौती के लिए किसी लड़की का अपहरण हुआ है ।अपहरण की खबर मुजफ्फरपुर जिले के सदर थाना क्षेत्र स्थित शेरपुरा गांव से जुड़ा है जहां ठेकेदार चंदन तिवारी की 12 वर्ष की बेटी को बुधवार रात घर के दरवाजे से अपराधियों ने पिस्टल का भय दिखाते हुए अपहरण कर लिया है।

अपहरणकर्ताओं ने टूटी-फूटी अंग्रेजी में पांच लाख रुपए फिरौती वाला पत्र भी फेंका। इसमें लिखा है कि रुपए नहीं देने पर बच्ची की हत्या कर देंगे। घटना के बाद दहशत का माहौल बन गया। सूचना मिलते ही टाउन DSP रामनरेश पासवान और सदर थानेदार सत्येन्द्र मिश्रा मौके पर पहुंचे। फिरौती वाला पत्र ले लिया। इसके बाद ठेकेदार से पूछताछ कर घटना की जानकारी ली।

दरवाजे पर खेल रही थी पल्लवी ठेकेदार ने बताया कि पल्लवी सातवीं कक्षा की छात्र है। वह दरवाजे पर चचेरी बहन के साथ
खेल रही थी। चन्दन तिवारी के पिता प्रमोद तिवारी भी बैठे हुए थे। इसी दौरान दो बाइक से तीन अपराधी पहुंचे। एक ने उतरते ही बच्ची को झट से पकड़कर बाइक पर बैठा लिया और मुंह दाब दिया। इसके बाद पल्लवी की चचेरी बहन को फिरौती वाला पत्र थमाकर कहा कि, जाओ बूढ़े को ये दे दो। इसके बाद वो बच्ची को बाइक से लेकर भाग निकले।

अपहरण की सूचना आसपास के सभी थानेदारों को दी गई। शहर के सभी एग्जिट और इंट्री पॉइंट पर नाकाबंदी कराई गई। बच्ची की तस्वीर भी पुलिस के वॉट्सऐप ग्रुप पर फॉरवर्ड की गई है। पुलिस की एक टीम मनियारी और गायघाट में टोल प्लाजा पर लगे CCTV कैमरे को खंगालने लगी, लेकिन देर रात तक कोई सुराग नहीं मिला।

घटना के बाद गांव में दहशत का माहौल घटना के बाद से गांव में दहशत का माहौल है। लोग तरह-तरह की चर्चा कर रहे हैं।
स्थानीय अनुकूल ने बताया कि यह गांव में पहली घटना है। पल्लवी की मां का रो-रोकर हाल बेहाल है। वह बच्ची के वियोग में बार-बार बेहोश हो रही है। पिता चन्दन तिवारी बताते हैं कि उनका किसी से कोई विवाद नहीं है। जिससे किसी पर घटना को अंजाम देने का शक कर सकें।

पत्र की लिखावट की भी जांच फिरौती वाला पत्र अंग्रेज़ी में है, लेकिन ये जिस तरह से लिखा गया है उससे लग रहा है कि अपहरणकर्ता अच्छी अंग्रेज़ी नहीं जानता है। उसने काफी टूटी फूटी भाषा में पत्र लिखा है। इसे पढ़कर ये समझ में आता है कि पांच लाख फिरौती नहीं देने पर बेटी की हत्या कर देगा। इसमें ये भी लिखा है कि अगर पुलिस को बताया तो भी बेटी की जान से हाथ धोना होगा। पुलिस एक्सपर्ट की मदद से इस पत्र के लिखावट की जांच कराने में जुट गई है।

पुलिस ने पल्लवी की तस्वीर पुलिस ग्रुप में शेयर किया है. देर रात तक बच्ची का सुराग नहीं मिल सका है. परिजन इस घटना से काफी भयभीत है. पल्लवी के पिता व मां का बुरा हाल है. नगर डीएसपी रामनरेश पासवान ने बताया कि मामले की जानकारी होने पर वह खुद पहुंचे हुए है. बच्ची की बरामदगी को लेकर विशेष टीम का गठन किया गया है. मामले को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने की कवायद की जा रही है।

साइबर क्रायम को रोकने को लेकर अमेरिका ने बढ़ाया हाथ

अमेरिकी वाणिज्यदूतावास कोलकाता और कट्स इंटरनेशनल भारत के सूक्ष्म, मध्यम और छोटे व्यवसायों के लिए साइबर खतरों को कम करने के लिए हुआ करार

यूएस कांसुलेट जनरल कोलकाता (U.S. Consulate Kolkata) और कट्स इंटरनेशनल(CUTS International) ने एमएसएमई-डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (एमएसएमई-डीआई), रांची (MSME-Development Institute (MSME-DI), Ranchi, और सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग (सी-डैक) (Centre for Development of Advanced Computing (C-DAC) के सहयोग से रांची में माइक्रो, स्मॉल और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) के लिए एक दिवसीय कार्यशाला

का आयोजन किया, उन्हें साइबर सुरक्षा खतरों की पहचान करने, और उनका मुकाबला करने, और अधिक साइबर-लचीला बनने के बारे में ज्ञान और व्यावहारिक प्रशिक्षण से लैस करने के लिए। कार्यशाला में रांची की विभिन्न एमएसएमई इकाइयों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

विश्व स्तर पर बढ़ते डिजिटलीकरण के साथ, अधिक से अधिक व्यवसाय धीरे-धीरे व्यवसाय करने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म की ओर बढ़ रहे हैं। साइबर अपराधों में लगातार वृद्धि हुई है। मैलवेयर, फ़िशिंग, रैंसमवेयर आदि के माध्यम से साइबर हमले आम हो गए हैं। कैसपर्सकी के एक सर्वेक्षण के अनुसार, एमएसएमई में खतरों की समझ की कमी और एमएसएमई में साइबर सुरक्षा के महत्व के कारण लगभग 48% एमएसएमई ने डेटा उल्लंघनों का सामना किया है।

अमेरिकन सेंटर कोलकाता के नए निदेशक श्री एड्रियन प्रैट(Adrian Pratt) ने कहा, “अमेरिकी वाणिज्य दूतावास कोलकाता के लिए साइबर सुरक्षा पर कार्यशालाओं की एक श्रृंखला आयोजित करने के लिए “साइबर सेफ ईस्ट इंडिया” नामक इस महत्वपूर्ण परियोजना पर CUTS अंतरराष्ट्रीय थिंक टैंक के साथ साझेदारी करके खुश है ई-व्यवसायों के लिए। यह परियोजना इस क्षेत्र को ई-व्यवसायों के लिए साइबर अपराधों के बढ़ते खतरे से निपटने में मदद करेगी क्योंकि कई कंपनियां महामारी के दौरान ऑनलाइन हो गई हैं।”

कट्स इंटरनेशनल के नीति विश्लेषक अर्नब गांगुली(Arnab Ganguly) ने कार्यशालामें उल्लेख किया कि COVID-19 महामारी के कारण डिजिटल तकनीकों को अपनाने में तेजी आई है, और कई एमएसएमई साइबर हमलों से निपटने के लिए आवश्यक समझ और सुरक्षा उपायों के बिना ऑनलाइन हो गए, जिससे वे असुरक्षितहो गए। यह देखते हुए कि एमएसएमई भारत के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 30% का योगदान करते हैं, साइबर सुरक्षा उल्लंघनों के लिए लचीला बनने और अपने व्यवसायों को स्थायी रूप से विकसित करने के लिए उन्हें ज्ञान और उपकरणों से लैस करना अनिवार्य है।

एस के साहू(S K Sahoo), निदेशक, एमएसएमई मंत्रालय, भारत सरकार, ने कहा कि, जहां कोविड-19 महामारी ने एमएसएमई के लिए काफी चुनौतियां पैदा की हैं, वहीं इसने एमएसएमई के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपने व्यवसाय का विस्तार करने का अवसर भी पैदा किया है। हालांकि, एमएसएमई के लिए साइबर सुरक्षा गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई की कमजोरियां कई कारकों से उपजी हैं, जैसे – साइबर सुरक्षा जोखिमों की समझ की कमी, साइबर सुरक्षा के लिए कम प्राथमिकता, साइबर सुरक्षा के लिए सीमित पूंजी आवंटन, आदि। साइबर सुरक्षा उल्लंघनों का सामना करने पर कैसे प्रतिक्रिया दें उसका आवश्यक कौशल और ज्ञान प्रदान करके इन अंतरालों को पाटना महत्वपूर्ण है।

सी-डैक(C-DAC, Patna) पटना के निदेशक और केंद्र प्रमुख आदित्य कुमार सिन्हा (Aditya Kumar Sinha) ने बताया कि सीमित जागरूकता और साइबर स्वच्छता के कारण साइबर अपराधों में भारी वृद्धि हुई है। एसएमई के साइबर स्पेस की भेद्यता को देखते हुए जोखिम कई गुना बढ़ जाता है। सी-डैक पटना का लक्ष्य एक राष्ट्रीय संसाधन केंद्र के रूप में काम करना है, ताकि साइबर सुरक्षा के मुद्दों को हल किया जा सके, सुरक्षित, मानक-आधारित प्रौद्योगिकियों और समाधानों के निर्माण, तैनाती और उपयोग में तेजी लाई जा सके।

अगले कदम के रूप में, अक्टूबर, 2021 के दौरान गुवाहाटी में इसी तरह की क्षमता निर्माण कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा। कार्यशालाओं के बाद, एमएसएमई को साइबर स्पेस को सुरक्षित रूप से नेविगेट करने और साइबर जोखिम कम करने में मदद करने के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं की साइबर सुरक्षा का एक संग्रह जारी किया जाएगा।

बिहार का एक लाल हार्वर्ड विश्वविद्यालय छात्र संघ का बना अध्यक्ष

देश और दुनिया में बिहार का नाम रोशन करने वाला दूसरा बिहारी भी जीरादेई का ही लाल है जी है एक लाल डाँ राजेन्द्र प्रसाद हुए जो देश के पहले राष्ट्रपति बने और अब दूसरा लाल शरद सागर जो हार्वर्ड विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गये हैं।

हलाकि सागर का बहुत कम वक्त जीरादेई में बीता है लेकिन आज भी उसके दिल और दिमाग पर जीरादेई का अमित छाप मौजूद है । इस चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए नौ उम्मीदवार खड़े थे। इसमें शरद को जीत हासिल हुई है।

वे मई 2022 यानी हार्वर्ड में अपने दीक्षांत समारोह तक इस पद पर बने रहेंगे। सागर को हार्वर्ड में उच्चतम स्कॉलरशिप प्राप्त है और वह प्रतिष्ठित केसी महिंद्रा स्कॉलर भी हैं। हार्वर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ एजुकेशन में पढ़ रहे 50 देशों के 1200 से अधिक छात्रों ने उनका चयन किया।

हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने मंगलवार यानी 21 सितंबर को चुनाव परिणामों की आधिकारिक घोषणा की। 14 सितंबर से 19 सितंबर के बीच मतदान हुआ था। अध्यक्ष के रूप में शरद सागर छात्र संघ का नेतृत्व करेंगे। इसमें एक उपाध्यक्ष, एक प्रशासक और अन्य निर्वाचित सीनेटर शामिल होंगे।

शरद सागर ने हार्वर्ड में उच्चतम स्कॉलरशिप प्राप्त किया है और वो प्रतिष्ठित के.सी महिंद्रा स्कॉलर भी हैं.
शरद सागर 16 वर्ष की आयु में उन्होंने राष्ट्रीय संगठन डेक्सटेरिटी ग्लोबल की स्थापना की, और 24 वर्ष की आयु में फोर्ब्स ने उन्हें 30 वर्ष तक की आयु के 30 सबसे प्रभावशाली उद्यमियों की सूची में शामिल किया.

वर्ष 2016 में शरद सागर राष्ट्रीय और वैश्विक तब सुर्खियों में आए थे, जब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उन्हें एकमात्र भारतीय के रूप में व्हाइट हाउस में होने वाले एक विशेष सभा के लिए आमंत्रित किया था. उसी वर्ष नोबेल शांति केंद्र ने सागर को नॉर्वे में होने वाले नोबेल शांति पुरस्कार समारोह में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया. शरद सागर अमिताभ बच्चन द्वारा होस्ट प्रसिद्ध टेलीविजन गेम शो कौन बनेगा करोड़पति (केबीसी) के विशेषज्ञ भी हैं।

आईआईटी पटना को गूगल से मिला आंफर 54.50 लाख सालाना का दिया पैकेज

IIT, Patna के बीटेक के 34 छात्र-छात्राओं को इंटर्नशिप के आधार पर कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने प्री-प्लेसमेंट आफर (Pre Placement Offer) दिया है। ये सभी 2022 में पासआउट होंगे। गूगल (Google) ने सबसे अधिक 54.50 लाख सालाना का पैकेज छह छात्रों को दिया है। इसके अतिरिक्त एडोब, गोजेक, मीडिया.नेट और मोरगन ने एक-एक छात्र, क्लाउड आधारित अमेरिकी साफ्टवेयर कंपनी ने दो छात्रों, निवेश बैंकिंग फर्म गोल्डमैन सैक्स ने तीन, बीमा और स्वास्थ्य सेवा फर्म ऑप्टम ने सात, सैमसंग रिसर्च बेंगलुरु ने तीन, पब्लिसिस सैपिएंट ने तीन छात्रों को पीपीओ की पेशकश की है। इन कंपनियों ने 25 से 53 लाख सालाना तक के आफर पीपीओ के अंतर्गत दिए हैं।

2020 में 19 छात्रों को मिला था पीपीओ
अब तक मिले पीपीओ का औसत 24 लाख सालाना का है। प्लेसमेंट का पहला फेज सितंबर से दिसंबर तक चलेगा। जबकि, दूसरा फेज जनवरी से मार्च तक चलेगा। वर्ष 2020 में 19 छात्रों को प्री-प्लेसमेंट आफर मिला था। इस वर्ष 78 फीसद वृद्धि दर्ज की गई है। इन छात्र-छात्राओंने मई से जुलाई के बीच इन कंपनियों में इंटर्नशिप की है। इसके आधार पर कंपनियों ने ये आफर दिए हैं। सभी छात्रों काे आनलाइन साक्षात्कार के बाद ये आफर मिले हैं।

कंपनी के नियमों की अनदेखी करके काम देने का मामला आया सामने

भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस और शुचिता का दावा करने वाली नीतीश सरकार इस बार अपने ही उपमुख्यमंत्री के कृत्य से बैकफुट पर है।मामला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सबसे महात्वाकांक्षी योजना’हर घर नल का जल’ योजना से जुड़ी हुई है जिसमें उपमुख्यमंत्री तारकेश्वर प्रसाद पर अपने पद के प्रभाव का इस्तमाल कर साले और दमाद की कम्पनी को काम दिलाने का आरोप है।

हलाकि इस आरोप के बावजूद पूरी बीजेपी तारकेश्वर प्रसाद के साथ खड़ी है तारकेश्वर प्रसाद भी कह रहे हैं की मैं राजनीति में हूं इसका क्या मतलब मेरे परिवार के लोग बिजनेस व्यापार करना छोड़ दे ये सारा काम मेरे उपमुख्यमंत्री बनने से पहले का है और काम के आवंटन में कोई गड़बड़ी नहीं है ।

उपमुख्यमंत्री के रिश्तेदार को मिला काम यह पूरा मामला उपमुख्यमंत्री तारकेश्वर प्रसाद के गृह जिले कटिहार से जुड़ा हुआ है जहां हर घर नल का जल’ योजना के तहत जीवनश्री इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड और दीपकिरण इंफ्रास्ट्रक्टर प्राइवेट लिमिटेड को 48 करोड़ और 3 करोड 60 लाख का काम दिया गया है आरोप यह है कि इस दोनों कम्पनी के निदेशक मंडल में उपमुख्यमंत्री के साले और दमाद शामिल है यो दोनों कंपनी पटना के पते पर रजिस्टर्ड है ।

वन श्री जीवनश्री इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का पता 319,ASHIANA TOWER EXHIBITION ROAD PATNA Patna BR 800001 दर्ज और दूसरी कंपनी दीपकिरण इंफ्रास्ट्रक्टर प्राइवेट लिमिटेड का पता 74,SARSWATI APARTMENT, S.P. VERMA ROAD, PATNA BR 800001 दर्ज है ।

सरकारी काम करने के लिए योग्य नहीं है यह कपंनी आशियाना टावर कमरा नम्बर 319 में दो कपंनी का दफ्तर है
पहला BRITESKY BUILDCON( P )LTD. और दूसरा JEEVANSHREE INFASTRURE,(P)LTD का है। दोनों कंपनी के निदेशक मंडल में दो व्यक्ति संतोष कुमार और ललित किशोर का नाम शामिल है । इस कंपनी को 48 करोड़ रुपया का काम दिया गया है इस कंपनी का टर्नओभर काफी है लेकिन इससे पहले किसी भी तरह के सरकारी काम करने को लेकर कोई अनुभव नहीं है पीडब्लूडी नियमावली के अनुसार ऐसी कंपनी को काम नहीं दिया जा सकता है।

आशियाना टावर स्थित कमरा नम्बर 319 में जब बिहार न्यूज पोस्ट का रिपोर्टर पहुंचा तो दफ्तर में एक दो लोग बैठे थे जो इस मसले पर बात करने से साफ इनकार कर दिया वही दूसरी कंपनी दीपकिरण इंफ्रास्ट्रक्टर प्राइवेट लिमिटेड का जो पता दर्ज है 74,SARSWATI APARTMENT, S.P. VERMA ROAD, PATNA BR 800001 वहां जब बिहार न्यूज पोस्ट का संवाददाता पहुंचा तो दफ्तर का कोई भी साइनबोर्ड लगा हुआ नहीं था , कॉल बेल बचाया तो प्रदीप कुमार भगत निकले उनसे जब संवाददाता ने पुंछा कि इस पते पर एक कम्पनी का नाम दर्ज है और यहां तो आपका आवास है जबतक उनसे सवाल किया जाता तब तक वो रुम बंद करते हुए इतना ही कहा मेरे वकील से बात करिए मुझे कुछ भी नहीं कहना है ।

उपमुख्यमंत्री के साले की कंपनी की आँडिट रिपोर्ट कंपनी के फर्जी होने का दे रहा है प्रमाण
दीपकिरण इंफ्रास्ट्रक्टर प्राइवेट लिमिटेड के वर्ष 2019 और 2020 के ऑडिट रिपोर्ट पर गौर करे तो उस रिपोर्ट में कही भी किसी भी तरह के सरकारी कामकाज करने का जिक्र ही नहीं है वर्ष 2019–2020 के बीच कंपनी आँडिट रिपोर्ट में लिखा है कि इस वर्ष 78लाख 6 हजार 800 रेवेन्यू प्राप्त हुआ है जिसमें 44 लाख 26हजार 136 रुपया 68 पैसा समान खरीद बिक्री से और सर्विस में 33 लाख 80 हजार 664 रुपया आया है लेकिन इस आँडिट रिपोर्ट में कही भी टीडीएस देने की चर्चा नहीं है जबकि किसी भी तरह के काम में कंपनी को टीडीएस भरना ही है जबकि इस कंपनी को सरकारी ठेका मिला है गौर करने वाली बात यह है कि इस कंपनी के वित्तीय वर्ष 2018–2019 का जो आँडित रिपोर्ट है वो शून्य है मतलब उस वर्ष कंपनी कोई काम नहीं कि है। इस तरह के कंपनी को किस आधार पर सरकारी ठेका दिया गया एक बड़ा सवाल है ।हलाकि इस मामले में विभाग के अधिकारियों से जब सवाल किया गया तो कहां गया कि मामले की जांच चल रही है ऐसी कोई बात संज्ञान में आती है तो कारवाई होगी।

वही इस मामले को लेकर पूर्व मंत्री और अब राष्ट्रीय जनता दल के नेता रामप्रकाश महतो का कहना है कि जब भी इससे संबंधित शिकायत की गयी तो पुलिस द्वारा ग्रामीणों को धमकाया जाता था.’हर घर नल का जल’ योजना का हाल बेहाल है, ग्रामीणों का कहना है कि जब से ‘हर घर नल का जल’ योजना का काम हुआ है तब से नल में पानी नहीं मिल रहा तो कहीं नल का पाइप टूटा हुआ है ।

फिजिकल कोर्ट खोलने के निर्णय का हाईकोर्ट के वकील ने किया स्वागत

बिहार स्टेट बार कॉउन्सिल के अध्यक्ष रमाकांत शर्मा ने 27 सितंबर से पटना हाई कोर्ट में फिजिकल कोर्ट शुरू होने पर संतोष जाहिर की है। श्री शर्मा पटना हाई कोर्ट में फिजिकल कोर्ट शुरू होने के बाद मामलों के निष्पादन की गति तेज होने की उम्मीद जताई।

गौरतलब है कि पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल, स्टैंडिंग कमेटी और सुरक्षा कमेटी द्वारा हाई कोर्ट में फिजिकल कोर्ट शुरू करने का निर्णय लिया हैं। बिहार स्टेट बार कॉउन्सिल ने जनरल बॉडी की बैठक में पटना हाई कोर्ट समेत राज्य के सभी अदालतों में फिजिकल कोर्ट प्रारंभ करने के लिए चीफ जस्टिस से अनुरोध किया था।


उनका कहना था कि जब देशभर में मॉल, स्कूल, बिजनेस और कमर्शियल इकाइयां खोले जा रहे हैं ,तो कोविड के गाइडलाइंस का पालन करते हुए राज्य के सभी कोर्ट में भी फिजिकल कोर्ट शुरू होना चाहिए।

कॉउन्सिल का यह भी कहना था कि मुकदमा लड़ने वालों व न्याय की आस लगाए लोगों को संकट का सामना करना पड़ रहा था। कॉउन्सिल का यह भी कहना था कि 95 फीसदी राज्य के अधिवक्ता आर्थिक कठिनाई झेल रहे थे। अब सभी लोगों द्वारा राहत की सांस ली है।

अब 27 सितंबर, 2021 से सप्ताह में चार दिन फिजिकल और एक दिन वर्चुअल कोर्ट शुरू किए जाने के निर्णय से अब मामलों की सुनवाई में गति आने की संभावना बढ़ गई हैं।

पंचायत चुनाव के साथ ही बिहार में चुनावी हिंसा का दौर शुरु मुखिया प्रत्याशी के पुत्र की हुई हत्या

पंचायत चुनाव के साथ ही बिहार के ग्रामीण इलाकों से हिंसा की खबर आने लगी है ताजा मामला नक्सली प्रभावित शिवहर से आ रही है जहां शिवहर के तरियानी थाना क्षेत्र के विशंभरपुर पंचायत के निवर्तमान उप मुखिया मदन प्रसाद और मुखिया प्रत्याशी इंदु देवी के बेटे विक्की कुमार (22) की गोली मारकर हत्या कर दी गई।

घटना सुल्तानपुर नदी घाट के पास ब की है। युवक की लाश धान के खेत में मिली। ग्रामीणों ने प्रथम दृष्टया हत्या का कारण चुनावी प्रतिद्वंदिता बताई है। हालांकि, पुलिस अभी कुछ भी कहने से इनकार कर रही है।

घटनास्थल पर ही एक मोबाइल मिला। इससे लोग आशंका जाहिर कर रहे हैं कि अपराधी के साथ विक्की की हाथापाई भी हुई होगी। इधर, ग्रामीणों ने इसकी सूचना स्थानीय थाना पुलिस को दी। घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवा मामले की जांच में जुट गई है।

बड़ी खबर शिवहर से आई है जहां एक मुखिया प्रत्याशी के बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। मृतक की पहचान 22 वर्षीय विक्की कुमार के रूप में हुई है। विक्की की लाश धान के खेत में मिली। मृतक विक्की कुमार तरियानी थाना क्षेत्र के विशंभरपुर पंचायत की मुखिया प्रत्याशी इंदु देवी का बेटा था।

इंदु देवी के पति मदन प्रसाद पंचायत के निवर्तमान उप मुखिया हैं। बुधवार को सुल्तानपुर घाट के पास धान के खेत में विक्की का शव मिला। मामले की जांच तरियानी थाना पुलिस कर रही है।

चुनावी माहौल में हत्या चुनावी माहौल में हुई इस हत्या को लेकर इलाके में तनाव है। इसे देखते हुए डीएसपी संजय कुमार के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती कर दी गई है।डीएसपी ने कहा है कि जल्द ही इस हत्याकांड की गुत्थी सुलझा ली जाएगी। इधर प्रत्याशी इंदु देवी और उनके पति मदन प्रसाद बदहवासी की हालत में हैं। इसलिए वे कुछ भी नहीं बता पा रहे हैं।

अखिलेश की तरह तेजस्वी भी अब टोपी में आयेंगे नजर लालू प्रसाद ने राजद कार्यकर्ताओं के लिए जारी किया ड्रेसकोर्ड

राजद के दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के आखिरी दिन आज लालू यादव ने राजद कार्यकर्ताओं एवं नेताओं को आनलाइन संबोधित किया। वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए लालू यादव ने राजद नेताओं को टिप्स दिया जिस दौरान लालू प्रसाद ने कहा कि यूपी के तर्ज पर राजद कार्यकर्ताओं को भी अब ड्रेस कोड का पालन करना होगा। राजद सुप्रीमो ने अपने संबोधन के दौरान ही ड्रेस कोर्ड तय भी कर दिया ।

अब राजद के कार्यकर्ता और नेता हरी गमछी और टोपी पहने नजर आएंगे। इन्होंने आगे कहा कि पार्टी के प्र‍ति निष्‍ठावान बनें। बिहार आने के बाद मैं हर जिले का दौरा करुंगा और अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से मुलाकात भी करुंगा। लालू यादव ने कहा कि हमारी पार्टी बिहार में सबसे बड़ी पार्टी है।

वोट हमारा कम नहीं होता है। जो हार जाता है वो पार्टी छोड़ देता है, जिसे टिकट नहीं मिलती वो अपनी ही पार्टी के उम्मीदवार को हराने में जुट जाता है। ऐसा नहीं होना चाहिए। इस तरह की बातों पर उन्‍होंने घोर आपत्ति जताई। उन्‍होंने प्रशिक्षण शिविर के आयोजन की सराहना की और कहा कि आगे भी ऐसा होगा।

आरजेडी सुप्रीमो ने इस दौरान अपने छोटे बेटे व बिहार के पूर्व उप मुख्‍यमंत्री रहे तेजस्वी यादव को लेकर भी बड़ी बात कही। उन्होंने तारीफ करते हुए कहा कि तेजस्वी के नेतृत्व को बिहार की जनता ने स्वीकारा है। दूसरे दलों के नेता भी कहते हैं कि तेजस्वी काफी अच्छा कर रहे हैं। बिहार का भविष्‍य युवा हाथों में होना चाहिए।

इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने भी नेताओं और कार्यकर्ताओं से कहा कि पार्टी का हर कार्यकर्ता अपने घर पर आरजेडी का झंडा लगाए। यही हमारी पहचान है। वही प्रशिक्षण शिविर में राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि दल की मर्यादा के लिये जो कुछ करना होगा करेंगे. बूथ, पंचायत, ज़िला कमेटी को को मजबूत करने से राजद का पताका फहरायेगा. अनुसाशन को अपनाओगे तो दुनिया से अराजकता समाप्त होगी ।

राम के सहारे बिहार की राजनीति साधने की तैयारी में लगा बीजेपी

जाति आधारित राजनीति का मक्का कहे जाने वाले बिहार में इन दिनों धर्म आधारित राजनीति को मजबूत करने को लेकर कशमकश तेज हो गई है और इसको लेकर आये दिन कुछ ना कुछ बखेड़ा खड़ा हो रहा है ।इस बार मामला रामायण की पढ़ाई को पाठ्यक्रम में शामिल करने को लेकर खड़ा हुआ है ।बीजेपी मध्यप्रदेश के तर्ज पर ही बिहार में भी रामायण की पढ़ाई को पाठ्यक्रम में शामिल करने को लेकर सरकार पर दबाव बनाने लगा है ।

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने सिलेबस में रामायण को शामिल करने की बात करते हुआ कहा कि रामायण हमें सदियों से सही राह दिखाती आई है. हम इतिहास पढ़ते हैं तो रामायण भी पढ़नी चाहिए. इतिहास के साथ हर वो विषय लोगों को पढ़नी चाहिए जो लोगों को बेहतर संदेश देती है.।

वहीं बिहार सरकार के वन एवं पर्यवरण मंत्री नीरज कुमार बबलू (Bihar Minister Neeraj Kumar Bablu) ने कहा कि बिहार के स्कूलों और कॉलेजों में भगवान श्री राम (Lord Shree Ram) से जुड़ी तमाम जानकारियों को सिलेबस में शामिल किया जाए ताकि लोग अधिक से अधिक भगवान श्री राम के बारे में जान सकें।

विवाद बढ़ते देख जदयू कोटे से मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बीच का रास्ता निकालते हुए कहा कि रामायण और गीता की जानकारी रखना सबके लिए अच्छी बात है, लेकिन इस तरह का कोई भी प्रस्ताव पर अभी तक शिक्षा विभाग के विचाराधीन नहीं है ।

लेकिन हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के बयान से एक नया बखेड़ा खड़ा हो गया है जीतनराम मांझी ने भगवान श्रीराम (Lord Shree Rama) के अस्तित्व को ही काल्पनिक करार देते हुए कहा कि श्रीराम कोई जीवित और महापुरुष व्यक्ति थे, ऐसा मैं नहीं मानता. पर रामायण कहानी में जो बातें बताई गई है वो सीखने वाली है. रामायण कथा में कई श्लोक और संदेश ऐसे हैं जो लोगो को बेहतर व्यक्तित्व के निर्माण में सहायक है सिलेबस में शामिल हो मुझे कोई एतराज नहीं है ।

मांझी के इस बयान पर बीजेपी के विधायक काफी गुस्से में है बीजेपी विधायक हरि भूषण ठाकुर बचोल ने कहा कि राम के अस्तित्व पर सवाल करने वाले मांझी जी जरा बताये उनके माता-पिता जी जीतन राम मांझी की जगह जीतन राक्षस मांझी क्यों नहीं रखा।मांझी सेकुलर दिखने के चक्कर में ओछी राजनीति कर रहे हैं।जीतनराम मांझी को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए हलाकि बीजेपी विधायक के इस बयान के बाद जीतनराम मांझी ने एक बार फिर अपने पूराने बयान पर कायम रहते हुए कहा कि मैं माफी किस बात मांगू जो सही है वो मैंने कहा ।

हनुमान मंदिर के अतिक्रमण को लेकर हाईकोर्ट ने जिसा प्रशासन को दिया सख्त निर्देश

पटना हाई कोर्ट ने राजधानी के पटना सिटी स्थित जल्ला हनुमान मंदिर क्षेत्र में हुए अतिक्रमण के मामलें पर सुनवाई करते हुए ज़िला प्रशासन को बताने को कहा कि कितने क्षेत्र में अतिक्रमण हुआ है।चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने गौरव कुमार सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई की।
कोर्ट ने जिलाधिकारी,पटना को यह जानकारी देने को कहा कि अतिक्रमण से सम्बंधित कितने मामलें चल रहे हैं और इनकी क्या स्थिति है।

आज कोर्ट में जिलाधिकारी,पटना ने कोर्ट को बताया कि जल्ला हनुमान मंदिर क्षेत्र में लगभग बीस बीघा में अतिक्रमण हुआ है,जबकि सी ओ ने काफी कम ज़मीन पर अतिक्रमण की बात कही।कोर्ट ने मामलें को गम्भीरता से लेते हुए डी एम,पटना को इस मामलें पर अगली सुनवाई में विस्तृत हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।
पिछ्ली सुनवाई में कोर्ट ने पटना नगर निगम आयुक्त को सफाई और रौशनी की व्यवस्था के मामले पर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था।

इस मामले में कोर्ट ने विगत 5 जुलाई को राजस्व सचिव को एक कमेटी का गठन करने का आदेश दिया था। पटना के जिला विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन कर दिया गया है।

कोर्ट ने जलाशय की सुरक्षा के लिये उपाय करने को भी कहा था। पटना के जिलाधिकारी को संबंधित क्षेत्र को वीडियोग्राफी करवाकर के की गई कार्रवाई के संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया था।पिछले 27 जुलाई,2021 को कोर्ट ने राजस्व रिकॉर्ड में सुधार करने को भी कहा था।

उसके बाद अपर जिलाधिकारी ने राजस्व रिकॉर्ड में सुधार करते हुए आवश्यक आदेश पारित किया।पिछले 23 अगस्त को कोर्ट ने पटना के जिलाधिकारी को राजधानी के बीचों बीच स्थित इस जलाशय की सुरक्षा हेतु कार्रवाई करने को कहा था। कोर्ट ने जलाशय की घेराबन्दी करने को भी कहा ,ताकि जलाशय में कोई नया अतिक्रमण नहीं हो।

याचिकाकर्ता का कहना था कि मंदिर के पास के जल क्षेत्र में स्थानीय लोगों द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया है। इस वजह से इसकी सुरक्षा व्यवस्था और संरक्षण को लेकर खतरा उत्पन्न हो गया है। इस मामले में आगे की सुनवाई 27अक्तुबर ,2021 को की जाएगी।

कोरोना के बाद पहली बार 27 सितंबर से शुरु होगा फिजिकल कोर्ट

पटना हाई कोर्ट में 27 सितंबर से पहले की तरह सामान्य फिजिकल अदालती कामकाज शुरू होगी। पटना हाई कोर्ट के तीनों अधिवक्ता संघों के समन्वय समिति के अध्यक्ष वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने ये जानकारी दी है।

उन्होंने बताया कि पटना हाई कोर्ट के तीनों अधिवक्ता संघों के समन्वय समिति की पूरी टीम हाई कोर्ट के सुरक्षा समिति से मिला ,जिसमें जस्टिस ए अमानुल्लाह,जस्टिस आशुतोष कुमार, जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद व जस्टिस अरविंद श्रीवास्तव शामिल रहे।

सुरक्षा समिति के साथ बैठक के बाद चीफ जस्टिस संजय करोल ने घोषणा किया कि आगामी 27 सितंबर से फिजिकल कोर्ट शुरू होगा। पूरे मामले में चीफ जस्टिस का भी सकारात्मक रुख रहा।

यह भी तय हुआ है कि कोर्ट के पांच दिनों के कार्य दिवस में चार दिन फिजिकल और एक दिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से वर्चुअल कोर्ट चलेगा।

कोर्ट में प्रवेश के लिये हाई कोर्ट परिसर का तीन मुख्य गेट को खोला जाएगा। वकील संघों को भी दस – दस वकिलों के नाम सुझाने को कहा गया है, जो प्रवेश द्वार पर वकीलों की पहचान करेंगे, ताकि सभी लोग नियंत्रित रहे।

यह भी तय हुआ है कि संक्रमण फैलने की स्थिति में चीफ जस्टिस उचित कार्रवाई करेंगे। उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व हाई कोर्ट के एडवोकेट्स एसोसिएशन, लॉयर्स एसोसिएशन और बार एसोसिएशन के अध्यक्षों ने पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से मिलकर हाई कोर्ट में फिजिकल कामकाज शुरू करने का अनुरोध किया था। इसके बाद चीफ जस्टिस ने उक्त मामले में इन्हें हाई कोर्ट की सुरक्षा कमेटी से मिलने को कहा है।

अधिवक्ता संघों की समन्वय समिति में एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सह समन्वय समिति के अध्यक्ष वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा, लॉयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष, अजय कुमार ठाकुर, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सिंह व् अन्य सदस्य शामिल थे।

बिहार पुलिस का जवान निकला करोड़पति

ये बिहार है भाई जहां बात हमेशा भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की होती है लेकिन बिहार पुलिस का एक अदना सिपाही किस तरह से कमाई कर रहा है उसका खुलासा आज आर्थिक अपराध इकाई के छापा से हुआ है ।
बालू कारोबारी से मिलकर अकूत सम्पत्ति संपत्ति अर्जित करने वाला बिहार पुलिस का जवान नरेंद्र कुमार धीरज के जिन 9 ठीकाने पर छापामारी चल रहा था उन ठीकानों से करोड़ो की सम्पत्ति का खुलासा हुआ है

आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की टीम ने सिपाही नरेंद्र कुमार धीरज के ऊपर शिकंजा कसा है। नरेंद्र की पोस्टिंग पटना जिले में है। वे सिपाहियों के संगठन बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। इनके ऊपर भी आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का गंभीर आरोप है। EOU की जांच में करोड़ों रुपए की संपत्ति का पता चला है।

आर्थिक अपराध इकाई की माने तो अभी तक छापेमारी में 9 करोड़ 40 लाख 66 हजार सात सौ ₹45 से अधिक की परिसंपत्ति अर्जित किए जाने का साक्ष्य मिला है जो इनके वास्तविक आय से 544% अधिक है । एक दर्जन से अधिक ट्रक भी इसके परिवार के सदस्यों के नाम से चल रहा है ।

तलाशी के क्रम में कई दस्तावेज जमीन का निबंधन दस्तावेज, बीमा निगम पॉलिसी बैंक खाते वाहनों से संबंधित दस्तावेज बरामद हुए हैं जिसके बारे में कार्रवाई की जा रही है।

सिपाही नरेंद्र कुमार धीरज बिहार पुलिस एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष है और इस इसकी पोस्टिंह पटना है और आरा का रहने वाला है और कुछ दिन पहले इसके भाई की गिरफ्तारी बालू माफिया से सांठगांठ के आरोप में हुई थी
इन 9 ठिकानों पर हुई छापामारी
पटना के बेउर में महावीर कॉलोनी स्थित नरेंद्र कुमार धीरज के घर पर।
भोजपुर जिले के सहार थाना के तहत मुजफ्फरपुर गांव स्थित पुश्तैनी घर।
अरवल में भाई अशोक के घर पर।

आरा के भेलाई रोड में कृष्णा नगर स्थित भाई सुरेंद्र सिंह के 4 मंजिला मकान पर।
आरा के भेलाई रोड में कृष्णा नगर स्थित भाई सुरेंद्र सिंह के 5 मंजिला मकान पर।
आरा के भेलाई रोड में कृष्णा नगर स्थित भाई विजेंद्र कयमर विमल के 5 मंजिला मकान पर।

आरा के नारायणपुर स्थित भाई श्याम बिहारी सिंह के मॉल और घर पर।
आरा के अनाइठ स्थित भतीजा धर्मेंद्र कुमार के आशुतोष ट्रेडर्स नामक दुकान पर।
आरा के नारायणपुर स्थित भाई सुरेंद्र सिंह के छड़ व सीमेंट के दुकान और घर पर।

बिहार के एकमा, सारण में पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र का 24 सितंबर को होगा शुभारंभ

बिहार के एकमा, सारण में पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र का 24 सितंबर को होगा शुभारंभ केंद्रीय उर्जा मंत्री राजकुमार सिंह सेवा केंद्र का करेंगें उद्घाटन ।

पटना, 21.9.2021

इस सेवा केंद्र का शुभारंभ विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय उर्जा, विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार के मंत्री राजकुमार सिंह 24 सितंबर को अपराहन 03 बजे करेंगें।

मौके पर महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र से सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, एकमा के विधायक, श्रीकांत यादव, विदेश मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव, प्रभात कुमार, पूर्वी क्षेत्र भागलपुर के पोस्ट मास्टर जनरल अदनान अहमद उपस्थित रहेंगे।

शुरूआत में एकमा पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र कैंप मोड में काम करेगा। बाद में यह पासपोर्ट सेवा केंद्र के रूप में कार्य करने लगेगा। इस सेवा केंद्र में नये और पुनर्निगमन पासपोर्ट आवेदन ही स्वीकार किए जाएंगें।

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और विस्तृत जानकारी के लिए www.passportindia.gov.in पर जाया जा सकता है। आवेदक ऑनलाइन अप्यांटमेंट लेकर अपने नियत समय पर पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र में जा सकते हैं।

साथ ही उन्हें आवश्यक कागजातों की मूल प्रति और सभी संबंधित दस्तावेजों को स्वअभिप्रमाणित फोटो कॉपी लेकर जमा करने के लिए सशरीर उपस्थित होना होगा।

मंत्री अशोक चौधरी और मंत्री जनक राम की कुर्सी खतरे में हाईकोर्ट ने सुनवाई के लिए याचिका स्वीकार की

पटना हाईकोर्ट ने राज्य के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी और खनन तथा भूतत्व मंत्री जनक राम को राज्यपाल कोटा से विधान पार्षद मनोनीत किये जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सुनवाई के लिए स्वीकृत कर लिया। Veteran फोरम फॉर ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक लाइफ की याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की।

कोर्ट को अधिवक्ता अधिवक्ता दीनू कुमार ने पिछ्ली सुनवाई में बताया था कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 171के सब क्लॉज 3 और क्लॉज(5) के तहत उक्त मंत्रियों के मनोनयन को चुनौती दी गई है।

अधिवक्ता दीनू कुमार का कहना था कि अशोक चौधरी को मंत्री के तौर पर नियमों के विपरीत 6 मई, 2020 से 5 नवंबर, 2020 तक कार्य करने दिया गया। बाद में उन्हें और जनक राम को 16 नवंबर, 2021 को कथित तौर से अवैध रूप से मंत्री बनाया गया, जबकि वे विधानसभा या विधान परिषद के सदस्य नहीं थे।

विधान परिषद के सदस्य के रूप में श्री चौधरी का कार्यकाल 6 मई, 2020 को ही समाप्त हो गया था। उन्होंने कोई चुनाव भी नहीं लड़ा। उन्हें 17 मार्च, 2021 को विधान परिषद का सदस्य मनोनीत किया गया।

उनका कहना था कि इस प्रकार से 6 मई, 2020 से 5 नवंबर, 2020 तक उनका मंत्री मंत्री पद पर बने रहना असंवैधानिक है।
साथ ही 16 नवंबर, 2020 को मंत्री पद पर नियुक्ति और राज्यपाल कोटे से विधान परिषद का सदस्य मनोनीत किया जाना भारतीय संविधान के मूल भावना के विपरीत है।

दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया था कि संविधान के अनुच्छेद 164(4) का लाभ दोबारा नहीं मिल सकता है, इसलिए किसी व्यक्ति को राज्य में मंत्री नियुक्त पर 6 महीने की अवधि के भीतर उन्हें एमएलए या एमएलसी बनना होगा।

राज्यपाल कोटे से विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्टता प्राप्त व्यक्तियों को मनोनीत करने का संवैधानिक प्रावधान हैं।
आगे इस मामलें पर कोर्ट विस्तृत सुनवाई करेगा।

हाईकोर्ट के सेवानिवृत जज को सरकारी आवास खाली कराने को लेकर जनहित याचिका दायर

पटना हाई कोर्ट के जजों के सेवानिवृत होने के कई महीनों बाद भी अपने सरकारी आवास खाली नहीं करने के मामलें में पटना हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है।अधिवक्ता दिनेश कुमार सिंह ने ये जनहित याचिका दायर की हैं।

इस जनहित याचिका में यह बताया गया है कि सेवानिवृत जज जस्टिस दिनेश कुमार सिंह, जस्टिस अंजना मिश्रा,जस्टिस पी सी जायसवाल और जस्टिस ए के त्रिवेदी कई माह पहले सेवा निवृत हो चुके हैं, लेकिन उन्होंने अब तक सरकारी आवास खाली नहीं किया है।

याचिकाकर्ता दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि जस्टिस दिनेश कुमार सिंह अक्टूबर, 2020,जस्टिस पी सी जायसवाल दिसम्बर, 2019 और जस्टिस ए के त्रिवेदी अगस्त,2020ं में अपने पद से सेवानिवृत हो चुके हैं, लेकिन वे अभी सरकारी आवास में बने हुए हैं।

उन्होंने अपनी याचिका में बताया है कि जजों के सेवानिवृत होने के एक महीने के भीतर उन्हें सरकारी आवास खाली करने का प्रावधान है।अगर वे एक महीने के बाद भी सरकारी आवास में रहते हैं,तो उन्हें आवास में रहने के लिए प्रावधान के अनुसार किराया देना होगा।

उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि अगर कोई राजनीतिज्ञ या नौकरशाह अपना सरकारी आवास खाली नहीं करते है, तो कोर्ट उन्हें सरकारी आवास खाली करने का आदेश देता है, लेकिन उनके द्वारा सेवानिवृत होने के बाद सरकारी आवास खाली नहीं किया जाना दुखद है।

उन्होंने कोर्ट से इस सम्बन्ध में उचित आदेश पारित करने का अनुरोध किया है, ताकि सेवानिवृत जज अपने सरकारी आवास को खाली कर दे।