Press "Enter" to skip to content

Posts published in “बिहार ब्रेकिंग न्यूज़”

post about बड़ी खबर

बेहद सादगी से सम्पन्न हुआ सुशील मोदी के पुत्र की शादी

बिहार के पूर्व डिप्टी CM व भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी के छोटे बेटे अक्षय अमृतांशु की शादी नोएडा में संपन्न हो गई है। इस हाईप्रोफाइल शादी समारोह को सादगी के साथ ही संपन्न कराया गया है।

कार्यक्रम स्थल पर CM नीतीश कुमार भी पहुंचे। साथ ही सांसद रविशंकर प्रसाद और बिहार सरकार में मंत्री मंगल पांडेय, शाहनवाज हुसैन, संजय झा भी वर-वधू को आशीर्वाद देने आए। इनके अलावा अधिकतर मेहमान ऑनलाइन शामिल हुए।

नोएडा के सेक्टर 121 में हो रहे इस समारोह में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच फेरे लिए गए। साथ ही शादी की अन्य रस्में भी पूरी हुई हैं। इससे पहले दूल्हा अक्षय और दुल्हन स्वाति ने एकदूसरे को वरमाला पहनाकर जयमाला की रस्म पूरी की। स्वाति के माता-पिता पुष्पा और सुधीर घिल्डियाल हैं। 

बिहार का लाल क्रिकेट की दुनिया में स्थापित किया नया कीर्तिमान

बिहार के रणजी क्रिकेटर सकिबुल गनी ने इतिहास रच दिया है। सकिबुल गनी फर्स्ट क्लास डेब्यू पर तिहरा शतक बनाने वाले पहले क्रिकेटर बने, मिजोरम के खिलाफ बिहार की शुरुआत कुछ खास नहीं रही थी, लेकिन सकीबुल और बाबुल कुमार ने मिलकर टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया।

साल्ट लेक के जेयू कैंपस मैदान पर खेले जा रहे इस मैच में बिहार ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 71 रनों तक तीन विकेट गंवा दिए थे। इसके बाद सकीबुल और बाबुल ने कोई विकेट नहीं गिरने दिया और स्कोर को 600 रनों के पार पहुंचा दिया। सकीबुल ने जहां तेज तर्रार ट्रिपल हंड्रेड जड़ा, वहीं बाबुल भी डबल सेंचुरी ठोक चुके हैं। सकीबुल 341 रन बनाकर आउट हुए।

इस पारी के दौरान उन्होंने 405 गेंदों का सामना किया और 84.20 के स्ट्राइक रेट से ये रन बनाए। सकीबुल ने 56 चौके और दो छक्के जड़े। दोनों बल्लेबाजों ने मिलकर चौथे विकेट के लिए 532 रनों की साझेदारी निभाई।

डेब्यू फर्स्ट क्लास में सबसे ज्यादा स्कोर का रिकॉर्ड इससे पहले अजय रोहेरा के नाम दर्ज था। मध्य प्रदेश के रोहेरा ने हैदराबाद के खिलाफ रणजी ट्रॉफी 2018-19 में नॉटआउट 267 रनों की पारी खेली थी।

जिलाधिकारी मोतिहारी शीर्षत कपिल ने सकीबुल को सम्मानित करने की घोषणा की।उन्होंने कहा कि सकीबुल ने पूरे विश्व के रिकॉर्ड को तोड़ा है,आज तक किसी भी खिलाड़ी ने रणजी के डेब्यू मैच में 341 का स्कोर नही किया है।यह जिले के लिए गौरव का क्षण है।

हिन्दुत्व के रास्ते पर बिहार

बीजेपी देश को हिन्दुत्व के एजेंडे पर आगे बढ़ाने में लगी है
बिहार विधानसभा के स्थापना दिवस के अवसर पर विधानसभा और विधान परिषद के सदस्यों के लिए कल प्रबोधन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।प्रथम सत्र के समापन पर मंच से घोषणा किया गया कि सभी लोग खड़े हो जाये राष्ट्रगीत गाया जाएगा और फिर शुरू हुआ

वन्दे मातरम् गीत
बिहार विधानसभा में पहले यह परम्परा कभी नहीं रही है हां इस बार बीजेपी और जदयू की जो सरकार बनी है उसके बाद से बिहार विधानसभा के पहले सत्र के समापन के दौरान पहली बार राष्ट्र गीत के साथ सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया था। बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह के याद में बिहार विधानसभा के मुख्य द्वार के सामने एकस्तम्भ बन रहा है कल उस स्तम्भ का स्वरूप क्या होगा इसका लोकार्पण लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिड़ला ने किया इस स्तम्भ का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी करेंगे ।

आजादी के बाद देश का यह पहला ऐसा स्तम्भ होगा जिसमें अशोक चक्र नहीं है अशोक चक्र की जगह स्वस्तिक चिन्ह को लगाया है संदेश साफ है देश की जो धर्मनिरपेक्षता वाली छवि रही है उस छवि से देश को बाहर निकालने कि कोशिश शुरु हो गयी है ।

इसी तरह दिल्ली पुलिस के लोगों पर अब अशोक स्तम्भ की जगह पर इंडियागेट रहेंगा साथ ही दिल्ली पुलिस लोगो के बीचों बीच लिखा गया संदेश ‘शांति, सेवा न्याय’ को हटा कर ‘फॉर द नेशन कैपिटल’ लिखा गया है ।

इससे पहले दिल्ली में जो नया संसद भवन बना है उस भवन में भी आजादी के साथ जिस परम्परा की शुरुआत की गयी थी कि महत्वपूर्ण पद पर आसीन व्यक्ति के पीछे अशोक स्तम्भ रहेगा उस परंपरा को भी खत्म कर दिया गया है अब नये संसद भवन में लोकसभा अध्यक्ष के पीछे अशोक स्तम्भ की जगह तिरंगा लहरेगा इस तरह के बदलाव का सिलसिला कहां जाकर रुकेगा कहना मुश्किल है क्यों कि संघ भारतीय संस्कृति,शासन व्यवस्था,अर्थनीति और सामाजिक मूल्यों को लेकर क्या सोचती है उसका कोई स्पष्ट रुप रेखा नहीं है।

संघ के अधिकृत विचार की बात करे तो उनकी एक मात्र अधिकृत विचार है एकात्म मानववाद जिसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मार्गदर्शक या दर्शन कहा जाता है। इस दर्शन को भारतीय जनसंघ ने 1965 के विजयवाड़ा अधिवेशन में उपस्थित सभी प्रतिनिधियों ने करतल ध्वनि से इस दर्शन को स्वीकार किया था और वचन लिया था कि जब भी हमारी सरकार बनेगी तो एकात्म मानववाद में जो विचार लिखे गये हैं उसका अनुपालन करेंगे ।

हालांकि इस पुस्तक में ऐसा कुछ भी नहीं है जो आज बीजेपी शासित राज्यों में हो रहा है या फिर जो मोदी कर रहे हैं हां यह जरूर है कि समय समय पर हिन्दूवादी सोच से जुड़े लेखक भारतीय चिंतन और सामाजिक मूल्यों को लेकर समय समय पर जो लिखा गया है संघ बीजेपी के सहारे हिन्दुत्व को थोपने कि कोशिश जरूर कर रही है हाल ही में पूर्व आईएएस अधिकारी दया प्रकाश सिन्हा द्वारा लिखी गयी पुस्तक में सम्राट अशोक की तुलना औरंगजेब से करने के मामले में भले ही बीजेपी पल्ला झाड़ लिया लेकिन सम्राट अशोक को लेकर जो चल रहा है वो दया प्रकाश सिन्हा की सोच के अनुसार ही आगे बढ़ाया जा रहा है

1–लव जिहाद और हिजाब तो बहना है निशाने पर तो बहुसंख्यक हिन्दू लड़की है
संघ और बीजेपी जिस सोच की तरफ बढ़ रहा है उस सोच के पीछे वही हिन्दुत्व का वो तालिबानी चेहरा है जिससे ज्योतिबा फुले ,राजा राम मोहन राय ,विवेकानंद,गांधी और भगत सिंह लड़े थे जी है विरोध लव जेहाद को लेकर नहीं है विरोध प्रेम विवाह से है ,विरोध हिजाब से नहीं है विरोध हिन्दू लड़कियों के जीन्स और टॉप पहने से हैं विरोध लड़कियों के आधुनिक सोच है ,क्यों कि आज भी संघ मानती है कि हिंदुत्व मेरा सर्वश्रेष्ठ है वो दिन दूर नहीं है जब आपको विज्ञान की जगह वेद और उपनिषद पढ़ने पर मजबूर किया जायेगा वो दिन दूर नहीं है जब आपको जेनुउ और भगवा ड्रेस पहनना होगा लड़कियों को साड़ी पहन कर स्कूल जाना होगा ।

2—संघ आजादी की सारी मान्यताओं को बदलना चाहता है जी है संघ भारत के आजादी को लेकर जो मान्यता रही है उसको बदलना चाहता है तिरंगा की जगह राष्ट्र ध्वज भगवा चाहता हैं,संघ देश के वर्तमान शिक्षा व्यवस्था के बदले पुरानी व्यवस्था चाहता है ,संघ वर्ण व्यवस्था को फिर से लागू करना चाहता है ,संघ जातीय आरक्षण को खत्म करना चाहता है संघ, भारत के संघीय ढांचा के खिलाफ है,संघ महिलाओं को लेकर पुरातन सोच रखता है और ये सब जो देश में चल रहा है इसके पीछे संघ का यही सोच है ।

युक्रेन में फंसे बिहारी छात्रों के परिजन युद्धा की आशंका को लेकर है परेशान

रुस और यूक्रेन के बीच जैसे जैसे युद्ध स्थिति बनती जा रही है यूर्केन में पढ़ाई कर रहे हजारों बिहारी छात्रों के परिजन किसी अनहोनी की आशंका से बैचेन है ।

युक्रेस से जो खबर आ रही है उसके अनुसार बिहार के करीब 800 छात्र मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने गए हुए हैं। युक्रेन में रह रहे बिहार के विभिन्न जिलों के रहने वाले छात्र काफी डरे-सहमे हैं। ये बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगा रहे हैं कि उनकी जान की रक्षा की जाए।
एयर टिकट मिलने में हो रही परेशानी

युक्रेन स्थित ओडेसा नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे बिहार के छात्र काफी परेशान हैं। ये छात्र अब भारत लौटना चाह रहे हैं। लेकिन इनके सामने एक परेशानी ये है कि वहां एयर टिकट मिलने में काफी दिक्कत हो रही है, जिसके कारण उनकी चिंता बढ़ती जा रही है। अब ये गुहार लगा रहे हैं कि उनकी जान की रक्षा एयरलिफ्ट कराकर करें, क्योकि यहां टिकट महंगा हो गया है।

UkraineRussiaCrisis

लगातार बढ़ रही चिंता
बिहार के पूर्णिया के रहने वाले राकिब रहमान बताते हैं कि मो. नसीम, शकिब खान, राकेश, सूरज यादव, आलोक यादव सहित कई छात्र यूक्रेन के ओडेसा नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में MBBS कर रहे हैं। ये सभी साथ रहते हैं। छात्रों का कहना है कि ‘वैसे शहर के अंदर किसी प्रकार की दिक्कत नहीं है। पर हालात नाजुक होते जा रहे हैं। इससे इनकी चिंता बढ़ती जा रही है। बिहार सरकार और भारत सरकार विशेष पहल कर यहां से हमें निकाले। छात्र अपील कर रहे हैं कि सरकार चाहे तो हमें एयरलिफ्ट करा सकती है।’

उधर, रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध का बिगुल कभी भी बज सकता है। रूस ने अपने एक लाख से ज्यादा सैनिक सीमा पर तैनात कर रखा है। सभी देशों ने अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने की एडवाइजरी जारी की है।

यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार स्कूल संचालक को बिहार के एक सीनियर आईपीएस अधिकारी के दिलायी थी रुम

बोध गया से यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार स्कूल संचालक के खुलासे से बिहार पुलिस में हड़कम्प मच गया है। जी हां दिल्ली स्थित सीआरपीएफ के जिस गेस्ट हाउस में मनीष रुखरियार ने लड़की के साथ शारीरिक संबंध बनाया था उस गेस्ट हाउस में मनीष रुखरियार के लिए बिहार के एक सीनियर आईपीएस अधिकारी ने रुम बुक करवाया था ।

मालूम हो कि मनीष रूखैयार के खिलाफ दिल्ली के लाजपत नगर थाना में एक युवती ने इसी माह 07 फरवरी 22 को प्राथमिकी दर्ज करायी थी जिसमें युवती ने मनीष रुखरियार पर शादी का झासा देकर यौन शोषण करने का आरोप लगाया है। थाने में दर्ज कांड संख्या 167-22 की जांच के दौरान दिल्ली पुलिस ने युवती द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकी को सत्य पाया है।

जिस दिन की घटना का जिक्र युवती अपने प्राथमिकी में की है उस रात मनीष और युवती दोनों का मोबाइल लोकेसन सीआरपीएस गेस्ट हाउस ही दिखा रहा है साथ ही गेस्ट हाउस में दोनों ठहरे हैं इसका साक्ष्य भी दिल्ली पुलिस को मिला है इस कारण से मनीष के खिलाफ 376 व 328 के तहत दर्ज मामले को सत्य मानते हुए डीसीपी ने मनीष को गिरफ्तार करने का आदेश दिया था।

युवती प्राथमिकी में लिखी है कि मनीष शादी डाट काम पर अपना एक प्रोफाइल डाला था। इसमें कहा था कि 10 साल पहले पत्नी से तलाक हो गया है। इसलिए शादी करना चाहते हैं।शादी डाट काॅम पर लिखा था कि मनीष को बोधगया और गया में सीबीएसई मान्यता प्राप्त स्कूल है, दो पट्रोल टंकी और कई व्यवसाय है।

करीब दो सौ करोड़ का टर्न ओवर है। इस प्रोफाइल के बाद पीड़िता ने मनीष से संपर्क किया फिर दोनों एक दूसरे से बात करने लगे इस दौरान युवती गया भी आयी थी और गया के एक होटल में कई दिनों तक ठहरी भी थी इसी दौरान मनीष उस युवती को लेकर पटना भी आया था जहां राज्य के एक सीनियर आईपीएस अधिकारी से मुलाकात भी कराया था ।


तीन जनवरी को मुकेश दिल्ली पहुंचा और दोनों सीआरपीएफ के गेस्ट हाउस में तीन दिनों तक ठहरा था गेस्ट हाउस बिहार के एक सीनियर आईपीएस अधिकारी ने बुक करवाया था युवती का कहना है कि सीआरपीएफ गेस्ट हाऊस के बाद से मनीष से सम्पर्क करने की बहुत कोशिश कि लेकिन सम्पर्क नहीं हो पा रहा था दो तीन बार बातचीत हुई भी तो मनीष डांटते हुए सभी वादे से मुकर गया ।

इस कारण से पीड़िता द्वारा दिल्ली के लाजपत नगर थाना में मनीष पर प्राथमिकी दर्ज करायी । दिल्ली पुलिस 9 फरवरी को मुकेश को उसके हंसराज स्कूल से गिरफ्तार किया है हालांकि इस दौरान भी मनीष दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के साथ अभद्र व्यवहार भी किया और देश के कई सीनियर आईपीएस अधिकारी के रिश्तेदार और दोस्त होने का रौब दिखाते हुए दिल्ली पुलिस को डराने की कोशिश किया लेकिन दिल्ली पुलिस गिरफ्तारी पर अड़ गया तो मनीष ने दिल्ली पुलिस के एक जवान पर हाथ चला दिया लेकिन दिल्ली पुलिस इसके धौस से डरा नहीं और गिरफ्तार करके दिल्ली ले गया ।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजगीर जू सफारी राज्य को किया समर्पित

राजगीर की पहाड़‍ियों पर जंगल में दिखेंगे बंगाल के बाघ और गुजरात के शेर, बंद जीप से पास जाकर कर सकेंगे दीदार जी है आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजगीर सफारी जू का उदघाटन किया इस मौके पर विभागीय मंत्री के साथ साथ कई विधायक और सांसद मौजूद थे बिहार का यह पहला इस तरह का सफारी है जहां जू को जंगल का रुप दिया गया है इसके लिए पार्क की साढ़े चार किमी लंबी है चहारदीवारी

बनायी गयी हो जो सोनागिरी की तराई, जरासंध अखाड़ा से जेठियन मार्ग तक साढे चार किलोमीटर है। वहीं मांसाहारी जू सफारी के जीव-जंतु में शामिल शेर, बाघ, भालू व तेंदूआ के लिए इन्क्लोजर यानि बड़े-बड़े घेरान में रहेगा।

23 फुट ऊंची घेरान में लोहे की जाली व फेंसिंग लगाया गया है गई, इस इंक्‍लोजर में नाइट शेल्टर यानी जानवरों के लिए विश्राम स्थल बनाए गए हैं। इसमें पेयजल, बीमार पशुओं के इलाज, टहलने, प्रजनन, साफ- सफाई तथा भोजन की व्यवस्था है। इधर, हर्वीवारस यानी शाकाहारी जू सफारी में हिरण, चीतल, काला हिरण, सांभर रखे जाने हैं। इनके लिए भी नाइट शेल्टर बनाया गया है। जू सफारी में जानवरों को डबल प्रोटेक्शन में रखा जाएगा।

बिहार में जमीन को लेकर गांव गांव में मचा है महाभारत, डांक्टर शकुनी मामा की भूमिका में

दरभंगा में जमीन विवाद को लेकर भूमाफिया ने भाई बहन को जिंदा जलाकर मारा।मोतिहारी में जमीन रजिस्ट्री कराने आये एक युवक की रजिस्ट्री ऑफिस में घूस कर गोली से छलनी कर दिया।मोतिहारी में ही कांग्रेस नेता शाश्वत गौतम के जमीन पर कब्जा करने को लेकर उनकी हत्या की साजिश रची गयी।

मोतिहारी में ही जमीन माफिया ने आरटीआई कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल की सीओ के दफ्तर के सामने गोली से छलनी कर मार दिया ।आये दिन बिहार के अलग अलग हिस्सों से इस तरह की घटनाएं घटती रहती है।

बिहार में आज जिनके पास जमीन है वो सबसे ज्यादा असुरक्षित है गांव गांव में जमीन पर कब्जा को लेकर पुलिस और अंचल ऑफिस के मिली भगत से सिडिकेंट चल रहा है और बिहार में हो रही हत्या के आंकड़ों पर गौर करेंगे तो 80 फीसदी हत्या और मारपीट की घटना जमीन के विवाद की वजह से हो रही है ।

1—बिहार में 15 वर्षो में जमीन के दाम में 20 से 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है

2005 में नीतीश कुमार के नेतृत्व में जब बिहार में सरकार बनी तो अपराध मुक्त समाज का माहौल बना ।वही बिहार के विकास को लेकर बड़ी बड़ी परियोजनाओं पर काम शुरू हुआ गांव गांव में सड़क का जाल बिछने लगा और इसका प्रभाव यह हुआ कि गांव के छोटे छोटे चौक चौराहे से लेकर फोरलेन और स्टेट हाईवे और ग्रामीण सड़कों के किनारे व्यावसायिक कार्यों में काफी तेजी।

और इस वजह से रातो रात जमीन का दाम आसमान छूने लगा स्थिति यह हो गया है कि अब गांव में भी सड़क के किनारे जो जमीन है उसकी कीमत दो लाख से पांच लाख रुपया कट्ठा हो गया है। इसका असर यह हुआ कि वर्षों पहले बिहार छोड़ चुके ऐसे बिहारी जो अपने हिस्से का जमीन भाई भतीजा को खेती करने के लिए छोड़ दिये थे ऐसे लोग रातो रात जमीन देख अपने हिस्से का जमीन बेचने के जुगत में लग गये हैं ।

वही जमीन के मालिकाना हक की बात करे तो कागजात पीढ़ी दर पीढ़ी से दादा परदादा के नाम से मौखिक बटवारे में चला आ रहा है इस वजह से जमीन बेचने में परेशानी हो रही है ऐसे भी गांव गांव भू माफिया खड़ा हो गया है जो इस तरह के जमीन बेचने वाले को निशाने पर लेता है इस वजह से गांव गांव में खून खराबा बढ़ गया है।

BiharNewsPost

2–जमीन विवाद को खत्म करने का सरकारी प्रयास विफल है
जमीन को लेकर विवाद को देखते हुए नीतीश कुमार ने जमीन के खरीद बिक्री से लेकर मोटेशन (दाखिल खारिज) तक में बड़ा बदलाव किया गया है।

ऐसे जमीन मालिक जिसका जमीन पीढ़ी दर पीढ़ी से एक ही नाम से चला आ रहा है उसके लिए राज्य सरकार ने एक रुपया में रजिस्ट्री का नियमावली बनाया लेकिन ब्यूरोक्रेसी ने सरकार के फैसले को जमीन पर लागू नहीं होने दिया जिस वजह से मामला पेचीदा होता जा रहा है वही कोर्ट का हाल तो और भी बूरा है जिसका जमीन है अगर धोखे से किसी ने लिखा कर कब्जा कर लिया तो फिर उस जमीन को हासिल करने में कितना जमीन बेचना पड़ेगा कह नहीं सकते ।

3–बिहार में जमीन के खेल में डॉक्टर शामिल है
जी है बिहार में जमीन बिक्री को लेकर जो खेल चल रहा है उस खेल के तह में जायेंगे तो पता चलेगा कि अधिकांश मामले में डॉक्टर शामिल है दरभंगा में भी जमीन के लिए जिस तरीके से भाई बहन को जिंदा जला दिया गया है उस मामले में भी हकीकत यही है कि जो जमीन खरीदा है उसके पीछे डॉक्टर खड़ा है डॉक्टर ने ही पैसा लगाया है सामने वाले का सिर्फ नाम है पूरे बिहार में आप अपने आस पास जमीन खरीद बिक्री को लेकर जो खेल चल रहा है उप गौर करिए बड़े खरीदारों में 80 फीसदी डॉक्टर है ।

पटना से लेकर बिहार के अनुमंडल स्तर के शहर में आप चले जाये बड़ा मकान, बड़ा मार्केट कम्पलेक्स जमीन का बड़ा प्लोट ,बड़ा स्कूल ,बड़ा होटल पता कीजिए किसका है तो पता चलेगा डॉक्टर का है इस समय बिहार में काले धन का सबसे बड़ा निवेशक डॉक्टर है। दरभंगा से समस्तीपुर और दरभंगा से मुजफ्फरपुर चले जाये सड़क किनारे बीस बीस एकड़ में आपको बोन्ड्री देखने को मिलेगा सारे के सारे जमीन का मालिक डाँक्टर है ।
जमीन को लेकर जहां कही भी विवाद हो रहा है फसके पीछे कही ना कही आपको डाँक्टर मिलेगा।
यू कहे तो आज बिहार का सबसे बड़ा भूमाफिया कोई है तो डॉक्टर है।

4—जमीन विवाद के समाधान पर नये सिरे से काम करने की जरुरत है
बिहार में इन दिनों सर्वे का काम चल रहा है ,रजिस्टर टू को डिजिटल बनाया गया है थोड़ी सावधानी बरते तो आने वाले पीढ़ी को बिहार में जमीन को लेकर जारी खेल से राहत पहुंचा सकते हैं ।

थोड़ा समय देने कि जरूरत है और पीढ़ी दर पीढ़ी से जो जमीन दादा परदादा के नाम से चला आ रहा है उस पर आपस में बैठकर सुलझाने की कोशिश करिए ।ऐसे कानून बने है जो जमीन के शांतिपूर्ण बंटवारे और बिना खर्च के आपको मदद पहुंचा सकता है वक्त जो लगे मिल बैठ कर समाधान निकालने कि कोशिश करिए नहीं तो बिहार में आने वाले समय में घर घर में महाभारत होना तय है ।

आरोग्य दिवस सत्रों पर लोगों को मिलेगी टेलीमेडिसीन से चिकित्सकीय सुविधाः मंगल पांडेय

पटना। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य के ग्रामीण एवं दूर-दराज क्षेत्रों के व्यक्तियों को चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस हेतु राज्य में ई.संजीवनी के माध्यम से टेलीमेडिसीन से चिकित्सकीय परामर्श प्रदान किया जा रहा है। अब 18 फरवरी से ई-संजीवनी के माध्यम से सभी आरोग्य सत्र दिवसों (विलेज हेल्थ सेनिटेशन एंड न्यूट्रीशन डे) पर पूर्व से दिए जाने वाले सेवाओं के अतिरिक्त चिकित्सकीय परामर्श की सुविधा उपलब्ध होगी।

श्री पांडेय ने कहा कि इसके लिए सभी आरोग्य दिवस सत्रों को चिन्हित कर जिला स्तरीय हब के साथ संबद्ध किया जा रहा है। स्पोक के रूप में यह सेवा प्रत्येक आरोग्य दिवस के सत्रों अर्थात बुधवार और शुक्रवार को दिए जाएगें, जो जिलास्तरीय हब से संबद्ध होंगे। आरोग्य दिवस सत्रों पर चिकित्सकीय परामर्श सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक लिया जा सकेगा। इस कार्यक्रम के संचालन के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसमें प्रखंड स्तर पर टेलीमेडिसीन हेतु चिह्नित चिकित्सा पदाधिकारी, एएनएम, जीएनएम, सीएचओ, बीएम एंड ई, बीएचएम, बीसीएम और हेल्थ एडुकेटर्स को प्रशिक्षित प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

श्री पांडेय ने बताया कि टेलीमेडिसीन के माध्यम से उपचारित मरीजों को चिकित्सकीय परामर्श के अनुरूप निशुल्क दवा उपलब्ध करायी जाएगी। ई-संजीवनी के तहत 37 तरह की जरूरत की दवा उपलब्ध है। यह दवा आरोग्य सत्र दिवसों पर नियमित टीकाकरण के अंतर्गत कार्यरत अल्टरनेट वैक्सीन डिलीवरी के द्वारा भेजा जाएगा। वहीं इस सेवा के शुभारंभ के लिए व्यापक रूप से प्रचार .प्रसार भी होगा। दूसरी ओर आरोग्य दिवस सत्रों पर टेलीकाउंसलिंग के दौरान उच्च जोखिम वाले केसेस जैसे गर्भवती महिलाएं एवं अतिकुपोषित बच्चों इत्यादि के लिए उपर्युक्त रेफरल व्यवस्था कराया जाना है। आवश्यकतानुसार पैथेलॉजिकल सुविधाएं तथा एम्बुलेंस की सुविधा भी उपलब्ध करायी जाएगी।

सीबीआई की विशेष न्यायलय ने चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले में लालू प्रसाद सहित 75 आरोपी को दोषी ठहराया

रांची. राजद सुप्रीमो लालू यादव को सीबीआई की विशेष अदालत ने आज चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले डोरंडा कोषागार से 139.5 करोड़ रुपए की अवैध निकासी के मामले में लालू को दोषी करार दिया गया है।मंगलवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने इस मामले में लालू प्रसाद सहित 99 आरोपी में 75 आरोपी को दोषी करार दिया गया और 24 को कोर्ट ने बरी कर दिया है ।सजा पर बिन्दूवार 18 फरवरी को फैसला आयेंगा।

चारा घोटाले से जुड़ा यह पांचवा मामला है. चारा घोटाले में लालू यादव वर्ष 1997 से ही जेल का चक्कर लगा रहे हैं. 30 जुलाई 1997 को पहली बार लालू प्रसाद 135 दिन जेल में रहे. 28 अक्टूबर, 1998 को दूसरी बार 73 दिन जेल में रहे. 5 अप्रैल 2000 तीसरी बार 11 दिन जेल रहे. 28 नवंबर 2000 को आय से अधिक संपत्ति मामले में एक दिन जेल में रहे. 3 अक्टूबर 2013 चारा घोटाले के दूसरे मामले दोषी करार दिए जाने पर 70 दिन जेल में कटा. 23 दिसंबर 2017 को चारा घोटाले से तीसरे मामले में सजा हुई. 24मार्च 2018 को दुमका कोषागार से जुड़े चौथे मामले में सजा हुई, जिसके बाद करीब तीन साल बाद पिछले साल अप्रैल में जेल से बाहर आए.

लोहियावाद जातिवादी राजनीति के कारण संकट में है

हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी यूपी चुनाव के सहारे ही सही परिवारवाद पर बड़ा हमला बोला है और कहा कि राजनीति में परिवारवाद एक बड़ा खतरा है और यह लोकतंत्र का सबसे बड़ा दुश्मन है। इससे राजनीति में आने वाली प्रतिभा को गंभीर रूप से समझौता करना पड़ता है।

पीएम मोदी राम मनहोर लोहिया और जार्ज फर्नांडीस के नाम की चर्चा करते हुए कहा था कि क्या उन्होंने कभी अपने परिवारों पर कभी जोर नहीं दिया और इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को समाजवादी नेता कहा ।

कल नीतीश कुमार जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे। इसी दौरान पत्रकारों ने समाजवाद को लेकर पीएम मोदी की टिप्पणी पर सवाल किया इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी तो कृपा है कि उन्होंने यह बात बोल दी।

हम सब लोग लोहिया जी के ही शिष्य हैं। समाजवाद का निर्माण उन्होंने ही किया और उसे चलाया। हमलोग छात्र जीवन से समाजवाद में हैं। समाजवाद से उसी समय से प्रभावित हैं। राजनीति में परिवारवाद से समाजवाद को खतरा उत्पन्न हो गया है आगे सीएम ने कहा कि कुछ लोगों को समाजवाद से मतलब नहीं है, परिवारवाद से मतलब है और इसका असर समाजवादी विचारधारा पर पड़ रहा है ।

बात बिहार की करे तो लोहियावाद के सहारे लालू और नीतीश कुमार 30 वर्षो से बिहार में शासन कर रहे हैं ।बात लालू के 15 वर्षो के शासन काल की करे तो साधु और सुभाष के कारण सरकार की छवि को जितना नुकसान नहीं पहुंचा उससे कही अधिक नुकसान यादववाद और मुस्लिम तुष्टीकरण से हुआ और इसका असर राज्य के विकास और कानून व्यवस्था पर पड़ा और उसका खामियाजा आज भी लालू परिवार को उठाना पड़ रहा है।2021 के विधानसभा चुनाव में सत्ता के करीब आते आते लालू परिवार इसलिए फिसल गया कि अंतिम चरण में जंगल राज को इस तरह से याद दिलाया गया कि नीतीश कुमार के कुशासन को लोग भूल गये।

यूपी में भी अखिलेश के सत्ता में वापसी को लेकर जो संशय दिख रहा है उसकी वजह भी मुलायम और अखिलेश के शासनकाल का यादववाद और मुस्लिम तुष्टीकरण है जिसके कारण राज्य का कानून व्यवस्था बेपटरी हुआ और इसी को साधने के लिए मोदी कानून व्यवस्था और परिवारवाद के सहारे अखिलेश पर हमला बोल रहे हैं ।

वही बात नीतीश के शासनकाल की करे तो भले ही नीतीश के परिवार के लोग शासन व्यवस्था में प्रत्यक्ष रूप से नहीं दिख रहा है, लेकिन याद करिए 2005 से हाल के दिनों तक पटना का डीएम कुर्मी ही होता था, देश स्तर पर अलग अलग राज्यों में जितने भी कुर्मी अधिकारी थे वो बिहार बुलाया गया और उन्हें अच्छी पोस्टिंग दी गयी ।

इसी तरह नीतीश के शासनकाल में जीतनी भी बहाली हुई आकड़ा बताता है कि नालंदा का प्रतिनिधुत्व हर बहाली में राज्य के अन्य जिलों की तुलना में ज्यादा रहा है इसी तरह नीतीश कुमार के 15 वर्षो के शासन काल में राज्य सरकार में जितने भी महत्वपूर्ण पद हैं वहां कुर्मी का प्रमुखता दी गयी है ।इतना ही नहीं हर सवर्ग में कुर्मी अधिकारियों को प्राइम पोस्टिंग मिली है किसी भी जिले में चले जाये अगर कुर्मी दरोगा या इंस्पेक्टर है देख लीजिए उसकी पोस्टिंग कहां है।

ये अलग बात है कि कुर्मी अधिकारी यादव अधिकारी की तरह बदमिजाज नहीं है बल्कि मिजाज से सरल और सहज हैं इसलिए नीतीश कुमार के जाति आधारित पोस्टिंग को लेकर ज्यादा उबाल नहीं है लेकिन इसका असर गवर्नेंस पर जरुर पड़ा है और नीतीश कुमार के सुशासन के दावे अब हस्यास्पद लगने लगा है।

याद करिए 28 अगस्त 2021 की सुबह मुजफ्फरपुर-पटना मार्ग एनएच-77 पर कुढऩी थाना के फकुली ओपी के निकट वाहन जांच के दौरान ग्रामीण कार्य विभाग, दरभंगा के तत्कालीन प्रभारी अधीक्षण अभियंता (कार्यपालक अभियंता) अनिल कुमार के पास के 67 लाख रुपया बरामद हुआ था सत्ता की हनक देखिए थाने से ही उन्हें जमानत दे दी गयी।

पिछले विधानसभा सत्र के दौरान सत्ता पक्ष के विधायक ही सरकार के भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस के वादे पर सवाल खड़े करते हुए जमकर हंगामा किया था फिर भी सरकारी तंत्र उसे बचाने में लगी रही लेकिन कल देर शाम मुजफ्फरपुर पुलिस अनिल कुमार को गिरफ्तार कर लिया। कहा ये जा रहा है कि 25 फरवरी से जो विधानसभा सत्र शुरु हो रहा है उसमें एक बार फिर यह मुद्दा उठने वाला था क्यों कि विधानसभा द्वारा जो जांच कमिटी बनायी गयी थी उसको विभाग सहयोग नहीं कर रही थी और इसको लेकर कमिटी के सदस्य काफी आक्रोशित थे ।

ये उदाहरण है वैसे भ्रष्टाचार को लेकर नीतीश कुमार के जीरो टाँलरेंस के वादे की पड़ताल करेंगे तो 2005 से 2022 तक भ्रष्टाचार को लेकर निगरानी,आर्थिक अपराध इकाई और विशेष निगरानी विभाग के अधिकारियों पर जो कार्रवाई हुई है उसकी सूची पर गौर करेंगे तो उसमें सबसे कम कुर्मी जाति से आते हैं।

आसीपी सिंह क्या है नीतीश की पार्टी में नम्बर दो की हैसियत रखते हैं और आज डीएम एसपी से लेकर डीएसपी और एसडीओ की पोसिंटग में पैसे उगाही का जो आरोप लगता है निशाने में आरसीपी सिंह है और इससे नीतीश की छवि धुमिल हुई ।चर्या सरेआम है गया के पूर्व डीएम अभिषेक सिंह पर आरसीपी का हाथ था और जब एक्शन की बात आयी तो रातो रात उसे त्रिपुरा विरमित करवा दिया ।

इसलिए लोहिया का समाजवाद परिवाद के कारण संकट में नहीं है जातिवाद के कारण संकट में है ।
लोहिया सर्वण थे कोई पिछड़ी जाति से नहीं आते थे मात्र 23 साल की उम्र में जर्मनी से पीएचडी करने के बाद वे आज़ादी की जंग में कूद गये थे। 60 के दशक में लोहिया ने कांग्रेस और ‘हिंदुस्तानी वामपंथ’ के ब्राह्मणवादी चरित्र पर सवाल करते हुए पहली दफा पिछड़ों के आरक्षण की मांग करते हुए नारा दिया था ‘संसोपा ने बांधी गांठ, पिछड़े पावें सौ में साठ’ वो तो मिल गया लेकिन इसके पीछे जो लोहिया का विचार था वो विचार शासन में आते ही धीरे धीरे खत्म हो गया आज लोहिवाद पूरी तरह से जातिवाद में बदल गया है ऐसा नहीं है कि कांग्रेस के शासनकाल में जातिवाद नहीं था कांग्रेस भी सत्ता और शासन में बने रहने के लिए जमकर जातिवाद किया।

बीजेपी में परिवारवाद नहीं है राजनाथ सिंह से लेकर बीजेपी के जिला स्तर तक पहुंच जाये ढ़ेर सारे ऐसे नेता मिल जायेंगे जो परिवारवाद की वजह से पार्टी में बने हुए हैं वजह परिवार नहीं है वजह जातिगत पहचान है जो परिवारवाद से ज्यादा मजबूत है और इससे राजनीति में आने वाली प्रतिभा को गंभीर रूप से समझौता करना पड़ रहा है।

घर बैठे अपने जमीन का हाल देख सकते हैं

एनआरआई बिहारी इन जमिनी बातें

अपनी जमीन और अपनी माटी से लगाव क्या होता है यह उन लोगों से बेहतर कोई नहीं समझ सकता है जो अपनी धरती से हजारों किमी दूर परदेष में रह रहे हैं। रोजी-रोटी और नाम कमाने के लिए बाहर निकले और विदेषों में अपने दम पर कामयाबी की नित नई दास्तान लिख रहे बिहारी अप्रवासी किस तरह अपने पुरखों की धरोहर को बचाकर रखने के लिए चिंतित है यह जमीनी बातें सीरीज- 5 में देखने को मिली।

जमीनी बातें सीरीज- 5 का आयोजन एन0आर0आई0 बिहारियों की सुविधा के लिए बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका के बिहार फाउंडेषन के साथ मिलकर किया गया। इसमें अमेरिका के विभिन्न प्रांतों में रह रहे बिहार और झारखंड के लोगों के एक दर्जन से अधिक संगठनों से जुड़े लोगों ने हिस्सा लिया। बिहार फाउंडेषन के अलावा, बजाना, बजाव, बुजु और उत्तरी अमेरिका के मैथिली मंच ने इसमें सक्रिय रूप से हिस्सा लिया।

2 घंटे तक चले इस कार्यक्रम में 125 से अधिक एन0आर0आई0 बिहारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में भाग लेने को लेकर अप्रवासियों में इस कदर उत्साह था कि क्षमता से अधिक प्रतिभागी होने की वजह से सिर्फ 75 लोग ही एक्टिव रूप से जुड़ पाए जबकि 50 से अधिक अप्रवासियों को पैसिव रूप से जोड़ना पड़ा। इस कार्यक्रम में अमेरिका के विभिन्न शहरों से अप्रवासियों ने हिस्सा लिया।

कार्यक्रम को वर्चुअली आयोजित करने की जिम्मेदारी एन0आई0सी को दी गई थी। राज्य सूचना विज्ञान पदाधिकारी श्री राजेष कुमार सिंह के नेतृत्व में एन0आई0सी0 की टीम ने स्वदेषी एप भारत वी0सी0 के जरिए शास्त्रीनगर स्थित सर्वे प्रषिक्षण संस्थान में बैठे अधिकारियों को अमेरिकी अतिथियों को जोड़ा। अपर मुख्य सचिव श्री विवेक कुमार सिंह मसूरी से और सर्वे निदेषक श्री जय सिंह चंडीगढ़ से इस कार्यक्रम में जुड़े हुए थे।

कार्यक्रम का आयोजन रात 10 बजे शुरू हुआ जो रात 12 बजे तक चला। कार्यक्रम की शुरूआत बिहार फाउंडेषन के ईस्ट कोस्ट चैप्टर के चेयरमैन और दरभंगा के मूल निवासी श्री आलोक कुमार के स्वागत भाषण से हुआ। श्री आलोक कुमार ने राजस्व विभाग द्वारा हाल के वर्षों में शुरू की गई ऑनलाइन सेवाओं की तारीफ की और इसके लिए राज्य सरकार और विभाग को धन्यवाद दिया।

बिहार में भूमि राजस्व प्रषासन के ऐतिहासिक पहलुओं खासकर स्थायी बंदोबस्त के संदर्भ पर अपर मुख्य सचिव श्री विवेक कुमार सिंह ने जानकारी दी। बिहार में चल रहे विषेष सर्वेक्षण के मुख्य-मुख्य बातों की जानकारी निदेषक, श्री जय सिंह द्वारा दी गई। ऑनलाइन सेवाओं के बारे में आई0टी0 मैनेजर श्री आनंद शंकर ने संक्षेप में बताया। आखिर में ऑनलाइन सेवाओं और सर्वे पर बनी शॉर्ट डॉक्यूमेंटरी को दिखाया गया।

इंटरएक्षन सेषन में अप्रवासियों द्वारा मुख्य रूप से म्युटेषन, लगान भुगतान, परिमार्जन, सीलिंग, लगान निर्धारण से संबंधित सवाल पूछे गए। कईयों को अपनी जमीन का अता-पता लेना था। सभी का सवाल लेना संभव नहीं था इसलिए आयोजकों द्वारा सीमित अप्रवासियों को ही अपनी बात रखने का मौका दिया गया। कार्यक्रम में 12 अप्रवासियों ने खुलकर अपनी समस्या और सुझाव रखे।

पटना के पोस्टल पार्क इलाके से जाकर अमेरिका के न्यू जर्सी में अपनी आई0टी0 कंपनी चलाने वाले श्री राजेष कुमार का सुझाव था कि ऑनलाइन भुगतान के लिए दिए गए निदेषों में हर जगह हिंदी और इंग्लिष का विकल्प नहीं दिया गया है, खासकर ड्रॉप डाउन में। कहीं हिंदी है तो कहीं अंग्रजी। जिससे उनलोगों को जिन्हेें हिंदी नहीं आती है, लगान भुगतान में दिक्कत होती है।

गोपालगंज के कुचायकोट के रहनेवाले और ऑस्टन शहर निवासी श्री विनय दुबे ने बताया कि म्युटेषन के लिए ऑनलाईन अप्लाई किया था लेकिन अंचल अधिकारी ने रिजेक्ट कर दिया है। गया के अतरी अंचल के रहनेवाले संजीव सिंह की समस्या थी कि दादा ने 1930 में 48 बीघा जमीन खरीदी थी जिसपर लोगों ने कब्जा कर लिया है।

जहानाबाद के काको थाना के श्री अनिल कुमार शर्मा की षिकायत थी कि पुष्तैनी बेलगानी जमीन है जो लगान निर्धारण के लिए भूमि सुधार उपसमाहर्ता के लिए पिछले 2 साल से लंबित है। सीवान निवासी सुनीत कुमार की षिकायत है कि चचेरे दादाजी के नाम से संयुक्त संपत्ति है, अपने नाम पर कैसे चढ़वाया जाए। मधेपुरा के निवासी हर्ष सिंह को आलमनगर के अंचल अधिकारी से षिकायत थी जो उनकी जमीन से स्थानीय लोगों के कब्जे का खाली नहीं करा रहे हैं।

अररिया की मूल निवासी अपराजिता झा को फारबिसगंज अंचल से षिकायत थी कि जमीन खरीदने के समय सब ठीक था, दाखिल-खारिज भी हो गया, अब रसीद नहीं कट रहा है, बताया जा रहा है कि जमीन लालकार्ड का है। विक्रम मिश्रा की समस्या यह थी कि जमाबंदी को ऑनलाइन कराने के लिए पिछले साल ही परिमार्जन में आवेदन लिए थे जो आजतक नहीं हुई है।
बैठक में डेनबर्ग से डॉ अजय झा, प्रख्यात कॉर्डियोलाजिस्ट डॉ अविनाष गुप्ता, न्यू हैंपषायर से मनीष कुमार, नार्थ कैरोलीना से संजय राय, टेक्सॉस से साकेत कुमार, बिहार फाउंडेषन के वेस्ट कोस्ट चैप्टर के अध्यक्ष श्री रंजीत कुमार समेत बड़ी संख्या में अप्रवासियों ने हिस्सा लिया।

जिन लोगों को अपनी बात रखने का मौका नहीं मिल पाया उन्हें सलाह दी गई कि विभाग के ई-मेल पर अपनी समस्या को विस्तार से लिखकर भेजें ताकि विभाग उनको संबंधित अधिकारियों को भेजकर उनका निष्पादन करा सके।

इससे पहले कार्यक्रम में भाग लेने के लिए अतिथियों का निबंधन कराया गया था। 4 सौ से अधिक अप्रवासियों ने निबंधन कराया था। कुछ लोगों ने अपनी समस्या भी भेजी जिसे सुलझा दिया गया। मुजफ्फरपुर के मुषहरी अंचल के मूल निवासी रूस्तम अली ने दाखिल-खारिज के लिए सितंबर, 21 को आवेदन दिया था जो कर्मचारी के स्तर पर लंबित था। अंचल अधिकारी ने पूछने पर बताया कि कर्मचारी रिपोर्ट मिल गया है, नोटिस पीरियड में है, 25 फरवरी को समय पूरा होते ही वाद का निष्पादन कर दिया जाएगा।

कार्यक्रम के आखिर में अपर मुख्य सचिव ने कहा कि भूमि विवाद में दो पक्ष होते हैं। एक पक्ष आप हैं, लेकिन दूसरे का पक्ष सुने बगैर निर्णय नहीं लिया जा सकता है। अपनी जमीन और अपनी संपत्ति के संरक्षण की प्राथमिक जिम्मेदारी आपकी है। तकनीक की मदद से इस काम में सहूलियत हो रही है। इसका फायदा उठाएं।

बिहार फाउंडेषन ने गुजारिष की इस तरह के कार्यक्रम भविष्य में भी आयोजित किए जाएं। ताकि और लोगों की समस्या भी रखी जा सके। सहमति बनी कि अप्रवासियों की भूमि संबंधी समस्या को लेकर जमीनी बातें की श्रृंखला आगे भी आयोजित की जाएगी। आनेवाले अप्रैल/मई में अगली श्रृंखला का आयोजन किया जा सकता है।

बिहार फाउंडेषन अमेरिका में कार्यरत बिहारियों की ऐसा संगठन है जो सरकार के माध्यम से वहां के लोगों की समस्या का समाधान करता है। अध्यक्ष, आलोक कुमार ने बताया कि बिहार के किसी विभाग से बात कर अपने लोगों की समस्या का समाधान निकालने का पहला प्रयास है। जल्द ही फाउंडेषन और विभागों से बात करके अमेरिकी बिहारियों की समस्या का समाधान निकालने का प्रयास करेगा।

अमेरिका में रह रहे बिहारी अप्रवासियों ने षनिवार की देर रात राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अधिकारियों से संवाद किया। इसमें अमेरिका में रह रहे बिहार और झारखंड के वैसे लोगों ने हिस्सा लिया जिनकी यहां जमीन है और जिनको अपनी जमीन के बारे में जानकारी हासिल करनी है। कुछ लोगों ने अपने बिहार दौरे में जमीन से संबंधित समस्या के समाधान के लिए आवेदन दिया था, उन्हें अपनी समस्या का समाधान जानना था।

बैठक में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री विवेक कुमार सिंह, सर्वे निदेषक श्री जय सिंह, भू अर्जन निदेषक श्री सुषील कुमार, चकबंदी के संयुक्त निदेषक श्री नवल किषोर, संयुक्त सचिव कंचन कपूर और श्री चंद्रषेखर प्रसाद विद्यार्थी समेत विभाग के सभी अधिकारी और तकनीकी शाखा के कर्मी उपस्थित थे। इस वर्चुअल बैठक में कोई परेषानी नहीं हो इसके लिए एन0आई0सी0 की पूरी टीम बैठक में उपस्थित थी।

पुलवामा अटैक का मुख्य आरोपी अभी पकड़ से बाहर है

आज 14 फरवरी है प्यार को पाने का दिन वो प्यार जिसमें घृणा की कोई जगह नहीं है और इंसान अपने प्यार को पाने के लिए सब कुछ दाव पर लगा देता है । वही दूसरी और आज पुलवामा अटैक की तीसरी पुण्यतिथि भी है जो जताता है कि इंसान किस हद तक पागल हो गया है धर्म के नाम पर ,कौम के नाम ,और छद्म राष्ट्रवाद के नाम पर।

कल से सोशल मीडिया पर  एक मीम चल रहा है  सेना की वर्दी में खड़ा एक नौजवान वैलेंटाइन डे के मौके पर गिफ्ट खरीद रही लड़कियों से पूछ रहा है आज क्या है लड़की कह रही है वैलेंटाइन डे, सैनिक उदास हो जाता है बहना याद करो आज क्या हुआ था ,इस मीम के सहारे क्या याद दिलाना चाह रहे हैं यही ना कि आज हमारे  40 सपूत शहीद हो गये लेकिन अच्छा होता कि आप यह मीम बनाते कि पुलवामा अटैक  के पीछे कौन है , किसने रची थी ये साजिश, कहां से आया था आरडीएक्स अगर मास्टरमाइंड मौलाना मसूद अजहर  ही था तो पुलवामा अटैक के तीन वर्ष हो गये मौलाना मसूद अजहर को इसकी सजा मिले इसके लिए तीन वर्ष के दौरान क्या कार्रवाई हुई है जो कौम सवाल करना करना छोड़ देता है उस कौम के होने का कोई मतलब नहीं है ।

 आज भेल ही सुबह से हमारे उन 40 शहीद जवानों के मंजार पर आसू बहाने लोग पहुंच रहे हैं लेकिन सच्चाई यही है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पुलवामा आतंकी अटैक केस में जो 13,500 पन्नों का जो चार्जशीट दायर किया गया है वो सिर्फ कोरी कहानी है ,उस पन्ने में अटैक से जुड़ी कई सवालों का जवाब नहीं है मसलन इतनी बड़ी साजिश के पीछे देश में कौन बैठा हुआ था जम्मू से जब हमारे जवान का काफिला श्रीनगर के लिए चला तो पल पल की जानकारी आतंकी को कौन मुहैया करा रहा था ,छोटे मोटे दुकान चलाने वाले ,कार मिस्त्री देहारी का काम करने वाला इतनी बड़ी साजिश को अंजाम कैसे दे सकता है ।

आरडीएक्स कहां से आया, गाड़ियों के काफिला को सुरक्षित ले जाने को लेकर जो रणनीति बनायी गयी उस रणनीति में कहां चूक हुई और फिर इतनी बड़ी साजिश बिना विभीषण  के सम्भव है क्या। 

ऐसे कई सवाल है इस मामले एनआईए ने 19 आरोपी को बनाया है इनमें से 6 आतंकियों की मौत हो चुकी है इस आतंकी हमले को आदिल अहमद डार नाम के आत्मघाती आतंकी ने अंजाम दिया था. जो मारा गया था. आदिल के साथ मिलकर हमले के लिए आईईडी बनाने वाला उमर फारूक भी मारा गया है

1—-सात  पाकिस्तानी को भी आरोपी बनाया गया है

जैश-ए मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर को एनआईए ने अपनी चार्जशीट में सबसे पहला आरोपी बनाया है. मसूद के अलावा  उसके भाई अब्दुल राउफ और मौलाना अम्मार को भी आरोपी बनाया गया है. मौलाना अम्मार बालाकोट में जैश के आतंकियों को ट्रेनिंग देता है,इनके अलावा इस्माइल, उमर फारूक, कामरान अली और कारी यासिर के नाम भी चार्जशीट में हैं. ये चारों भी पाकिस्तानी हैं. इनमें से उमर, यासिर और कामरान  मारे जा चुके हैं।

12 कश्मीरी हैं. कश्मीरी आतंकियों में आदिल डार, सज्जाद अहमद भट्ट और मुदस्सिर अहमद खान मारे जा चुके हैं.

 शाकिर ने हमले के लिए कार उपलब्ध कराई थी, साथ ही विस्फोटक, आईईडी भी उपलब्ध कराया था. अब्बास राथर ने ऑनलाइन शॉपिंग के जरिए हमले में मदद की थी बस इतनी बड़ी घटना को अंजाम देने वालो की यही सूची है घटना के पीछे जो भी वजह हो सकती है वह सब पाकिस्तान में बैठे मसूद अजहर पर थोप दिया गया है मसलन आरडीएक्स मसूद ने उपलब्ध कराया ,ट्रेनिंग मसूद ने ही करवाया ।

गायघाट आफ्टर केअर होम मामले की हुई सुनवाई डीएसपी स्तर के अधिकारी करे मामले की जांच-हाईकोर्ट

पटना हाई कोर्ट ने पटना के गाय घाट स्थित आफ्टर केअर होम की घटना के मामले पर सुनवाई करते हुए अनुसंधान को डी एस पी रैंक की महिला पुलिस अधिकारी से कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने अगली सुनवाई में जांच रिपोर्ट भी तलब किया है।

कोर्ट का यह भी कहना था कि बिहार स्टेट लीगल सर्विसेज ऑथोरिटी, यदि पीड़िता को जरूरत हो ,तो जो मदद हो सके पीड़िता को उपलब्ध करवाए।

कोर्ट ने राज्य के समाज कल्याण विभाग समेत सभी संबंधित विभागों को अपने अपने हलफनामा को रिकॉर्ड पर लाने को भी कहा है, जिसमें पीड़िता द्वारा 4 फरवरी, 2022 का बयान भी शामिल हो।

राज्य सरकार के महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि दोनों पीडितों की ओर से महिला थाना में प्राथमिकी दर्ज हो गई है। एक का पी एस केस नंबर – 13/2022 है और दूसरे का पी एस केस नंबर -17/ 2022 दर्ज कर लिया गया है।

पीड़िता की संबंधित अधिकारियों के समक्ष जांच भी की गई। महाधिवक्ता ने पीड़िता द्वारा दिये गए बयान के उद्देश्य पर संदेह भी जताया है। उनका कहना था कि पीड़िता ने केअर होम को वर्ष 2021 के अगस्त महीने में ही छोड़ दिया था, लेकिन वह पहली बार जनवरी, 2022 में आरोप लगा रही है।

पीड़िता की अधिवक्ता मीनू कुमारी ने कोर्ट को बताया कि कोर्ट ने महिला विकास मंच द्वारा दायर हस्तक्षेप याचिका को भी सुनवाई हेतु स्वीकार कर लिया है। हाई कोर्ट इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई कर रहा है।
हाई कोर्ट ने इस याचिका को पटना हाई कोर्ट जुवेनाइल जस्टिस मोनिटरिंग कमेटी की अनुशंसा पर रजिस्टर्ड किया है। कमेटी में जस्टिस आशुतोष कुमार चेयरमैन हैं, जबकि जस्टिस अंजनी कुमार शरण और जस्टिस नवनीत कुमार पांडेय इसके सदस्य हैं। कमेटी ने उक्त मामले में 31 जनवरी को अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट को गंभीरता से लिया है।

चाय स्टांल का स्टार्टअप सफल हुआ तो देश भर में 300 स्टाल खोलेगे आईअईटी के छात्र

बिहार के आरा के रमना मैदान में रोजाना लगने वाली एक चाय दुकान इन दिनों काफी चर्चा में है उस चाय दुकान का नाम है आईआईटियन चाय वाला । नाम के अनुरूप ही यह टी स्टाल आईआईटी और विभिन्न संस्थानों में पढ़ाई के रहे टेक्नोलॉजी के छात्रों का आइडिया है।मद्रास आईआईटी में डेटा साइंस में बीएससी प्रथम वर्ष के छात्र और टी-स्टाल खोलने वाले रणधीर कुमार बताते हैं, यह उनका स्टार्टअप है। उनके साथ देश के अलग-अलग संस्थानों में पढ़ रहे चार दोस्तों ने रोजगार सृजन के लिए यह स्टार्टअप शुरू किया। इसमें खड़गपुर आईआईटी में प्रथम वर्ष के छात्र जगदीशपुर के अंकित कुमार, बीएचयू में पढ़ रहे इमाद शमीम और एनआईटी सूरतकल में पढ़ रहे सुजान कुमार का आइडिया लगा है।

कोचिंग में पढ़ाई के दौरान हुई दोस्‍ती
रणधीर बताते हैं कि वे लोग पहले एक ही कोचिंग संस्थान में पढ़ते थे और वहीं उनकी दोस्ती हुई। उन लोगों ने भविष्य में कुछ ऐसा करने का निर्णय लिया था, जिससे कुछ लोगों को रोजगार देकर उन्हें आत्मनिर्भर बना सकें। एक टी-स्टाल में दो से तीन लोगों को रोजगार मिला है। अभी आरा में एक स्टाल है और इसी महीने यहां बमपाली और बाजार समिति में स्टाल खुलने वाला है। एक टी-स्टाल जल्द वे लोग पटना में बोरिंग रोड में खोल रहे हैं।

साल के अंत तक देश में 300 स्‍टाल खोलने की योजना
उनकी योजना साल के अंत तक देशभर में 300 स्टाल खोलने की है। स्टार्टअप को आगे बढ़ाने के लिए वे वित्तीय संस्थानों से मदद लेंगे। रणधीर बताते हैं कि इस स्टार्टअप से उनकी पढ़ाई बिल्कुल प्रभावित नहीं हो रही है, यह तो बस एक आइडिया है तो उन लोगों ने धरातल पर उतार दिया, बाकी काम वहां स्टाफ को करना है। पिता मनोज पांडेय गोपालगंज में बिहार पुलिस में एएसआई हैं और बीच-बीच मे आकर मॉनिटरिंग करते रहते हैं।

पर्यावरण संरक्षण से जोड़ेंगे स्टार्टअप को
रणधीर बताते हैं कि भविष्य में वे अपने स्टार्टअप को पर्यावरण संरक्षण से जोड़ेंगे। अभी वे लोग स्टाल पर किसी तरह का प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करते हैं और केवल कुल्हड़ में चाय देते हैं। भविष्य में वे लोग उपयोग में लाये गए कुल्हड़ को हाई प्रेसर पानी से धोने के बाद उसमें पौधा का बीजारोपण कराएंगे और उसे भी स्टाल के जरिये काफी कम कीमत पर ग्राहकों को देंगे।

10 फ्लेवर में मिलती है चाय
आईआईटियन चाय दुकान में एक-दो नहीं, बल्कि 10 फ्लेवर में चाय मिलती है। इनमें, निम्बू, आम, सन्तरा, पुदीना, ब्लूबेरी आदि फ्लेवर की चाय लोग पसंद करते हैं। चाय बना रहे कर्मचारी ने बताया कि 10 रुपये में यहां कुल्हड़ में चाय मिलती है। चाय देने से पहले वे लोग कुल्हड़ को चूल्हे की आग में गर्म करते हैं, जिससे इसमें अनोखा स्वाद आ जाता है। स्टाल पर चाय की चुस्की ले रहे जिला जदयू मीडिया सेल के अध्यक्ष भीम सिंह बबुआन ने कहा कि युवाओं में सोच बदल रही है, यह स्टाल उसी सकारात्मक सोच का नतीजा है।

स्टाल की डिजाइन है खास
टी-स्टाल की सबसे बड़ी खासियत दुकान की डिजाइनिंग है। केवल 16 वर्ग फीट में पहिये पर स्टाल इस तरह से डिजाइन की गई है कि चाय बनाने से लेकर जरूरत का सारा सामान इसमे समा जाए। केवल कुल्हड़ को गर्म करने के लिए चूल्हा को स्टाल से अलग रखना पड़ता है।

कन्हैया को लेकर राजद सहज नहीं राजद कांग्रेस गठबंधन दाव पर

कन्हैया को लेकर राजद सहज नहीं
इस बार राजद कार्यकारणी की बैठक में नीतीश और मोदी से कही ज्यादा कांग्रेस छाया रहा। तेजस्वी कांग्रेस के साथ रिश्ते को लेकर खुल कर अपनी बात रखी उन्होंंने कहा कि कांग्रेस के बिना देश मे विपक्ष की मजबूती सम्भव नही है,पर क्षेत्रीय दलों को राज्यों में ड्राइविंग सीट पर रखना होगा,बिहार में सबसे बड़ी पार्टी राजद है,बिहार में राजद को ही कमजोर किया जा रहा है,ऐसा नही चलने वाला।

बिहार विधानसभा में हमने कांग्रेस को 70 सीटें दी ,हर लोग कहते है यह बहुत ज्यादा था और महागठबंधन की सरकार नहीं बनी इसमें कांग्रेस का परफॉर्मेंस आड़े आया ।,राष्ट्रीय मुद्दों पर मेरी पार्टी कांग्रेस के साथ है,बिहार में भी कांग्रेस को साथ देना चाहिए,राजद ने हमेशा त्याग किया है,बीजेपी को रोकने के लिए राजद को समर्थन करना चाहिए।हर क्षेत्रीय पार्टी ने एनडीए के साथ कभी न कभी समझौता किया,राजद ने कभी भी एनडीए के साथ समझौता नहीं किया ।राजद के इस चरित्र का सम्मान होना चाहिए।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा ने तेजस्वी के बयान पर कहा है कि बिहार में धर्मनिरपेक्ष ताकतों के साथ कांग्रेस हमेशा खड़ी रही है और 1991 और 2000 में कांग्रेस के कारण ही उनकी सरकार बनी और इस वजह से बिहार में कांग्रेस को अपना आधार वोट भी दाव पर लगाना पड़ा फिर भी कांग्रेस धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए हमेशा खड़ी रही ।

कांग्रेस विधायक शकील अहमद खा का कहना है कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान राजद की भूमिका ऐसा लग रहा था जैसे राजद बीजेपी को मदद कर रही है जो गठबंधन विधानसभा चुनाव के दौरान हुआ वह गठबंधन लोकसभा चुनाव के दौरान हुआ रहता तो परिणाम कुछ और ही हुआ होता है ।

रही बात विधानसभा चुनाव में 70 सीट देने का तो देख लीजिए कैसा कैसा सीट कांग्रेस को दिया गया वो भी नामांकन शुरु होने के बाद कहा जा रहा था कि इस सीट पर आप चुनाव लड़िए ।

कांग्रेस के परफॉर्मेंस की बात हो रही है राजद को जवाब देना चाहिए ना अब्दुल बारी सिद्दीकी सहित 7 मुस्लिम उम्मीदवार क्यों चुनाव हार गये । बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी ऐसे में बेहतर है कि मिल बैठकर बात करे कांग्रेस हमेशा धर्मनिरपेक्षता को बचाये रखने के लिए कुर्बानी देती रही है क्षेत्रीय दलों को भी उसका सम्मान करना चाहिए ।

लेकिन बड़ा सवाल यह है कि अचानक ऐसा क्या हुआ जो राजद को इस तरह का बयान देना पड़ा,बिहार की राजनीति पर नजर रखने वाले राजनीतिक टीकाकार का मानना है कि समस्या कांग्रेस नहीं है समस्या कन्हैया है लोकसभा चुनाव में भी गठबंधन को लेकर जो समस्या खड़ी हुई थी उसके पीछे भी वजह कन्हैया ही था राहुल गांधी चाहते थे कि राजद कन्हैया का समर्थन करे लेकिन राजद इसके लिए तैयार नहीं हुआ।

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस जिस तरह का गठबंधन चाह रही थी उसके लिए राजद तैयार हो जाता तो फिर लोकसभा का जो चुनाव परिणाम सामने आया वो स्थिति नहीं रहती है। इसकी वजह यह है कि राजद के जो थिंक टैंक हैं वो शुरु से ही कन्हैया को लेकर कुछ ज्यादा ही सजग है उनका मानना है कि कन्हैया की बिहार की राजनीति में सक्रियता बढ़ी तो तेजस्वी को नुकसान हो सकता है।

और इसी सोच के तहत राजद काम कर रही है दूसरी और कन्हैया का मुस्लिम वोटर पर अच्छा पकड़ है समस्या यह भी है इसलिए राजद चाहती है कि कन्हैया को लेकर कांग्रेस अपने रुख में बदलाव करे और विधानसभा उप चुनाव में और विधान परिषद के चुनाव में जो समझौता नहीं हुआ उसकी वजह यही है ।

पुरानी सड़क के मैटीरियल से चकाचक हो सकती है राज्य और देश की सड़कें

पुरानी सड़क के मैटीरियल से चकाचक हो सकती है राज्य और देश की सड़कें बिहार के इंजीनियर के शोध में आया सामने जी है सड़क बनाने में रिक्लेम एसफोर्टिंग पेवमेंट एक ऐसी तकनीक है, जिससे सड़क की लागत आधी हो जाएगी।

पुरानी और खस्ताहाल सड़कों को उखाड़कर उसी मैटीरियल से उन्हें चकाचक कर दिया जाएगा। इस तकनीक के जरिए आरएपी मशीन में पुराने मैटीरियल को डालकर उसे सड़क निर्माण में इस्तेमाल होने लायक बनाया जाता है।

पूरानी सड़क के मैटीरियल से बन सकती है अच्छी सड़के

उन्होने बताया कि इसके व्यापक इस्तेमाल के लिए शासन स्तर पर भी नीति बनाई जाने की जरूरत है। बता दें कि वर्तमान में विभाग को सिंगल लेन सड़क की लागत 80 से 82 लाख रुपये प्रति किमी पड़ती है। मगर सड़कों को खोद कर उनके मैटीरियल से सड़क बनाए जाने से ये लागत घटकर 28 से 30 लाख रुपये हो जाएगी।

कई राज्यों में इस तकनीक से सड़कों का निर्माण हो रहा है। डा चौधरी ने आगे बताया कि पुरानी सड़क को उखाड़कर उसी सामग्री से सड़क बनाने से सिर्फ लागत ही कम नहीं होगी। दरअसल, इससे सड़कों के दोनों किनारों पर स्थित प्रतिष्ठानों और आवासों को भी लाभ मिलेगा।

बार-बार डामरीकरण से सड़कों का तल किनारों के तल से ऊपर उठ जाता है जिससे बरसात के दिनों मे आसपास के घरों और प्रतिष्ठानों में पानी भर जाता है। सड़कों को खोदकर उन्हीं के मैटीरियल से जब दोबारा बनाया जाएगा तो उनका तल समान रहेगा। व्यापक इस्तेमाल से पर्यावरण को भी फायदा मिलेगा।

राज्य के शिशु रोग विशेषज्ञ उच्च जोखिम वाले नवजातों की उचित देखभाल के लिए होंगे प्रशिक्षितः मंगल पांडेय

पटना। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य में समय पूर्व जन्म लेने वाले, कम वजन वाले एवं बीमार नवजातों के उचित उपचार के लिए शिशु रोग विशेषज्ञों एवं स्टाफ नर्स को प्रशिक्षित करने पर विशेष जोर है। जिलों में प्रशिक्षित करने के लिए 20 शिशु रोग विशेषज्ञों, जो एम्स एवं आईजीआईएमएस, पटना समेत विभिन्न मेडिकल कॉलेजों से चयनित किये गए हैं, को 14 से 16 फरवरी तक तीन दिवसीय ट्रेनिंग एम्स, पटना में दिया जाएगा।

पांडेय ने कहा कि प्रशिक्षण में राज्य स्तरीय प्रशिक्षकों को विभिन्न प्रकार के तकनीकी उपकरणों को संचालित करने के साथ-साथ उच्च गुणवत्ता वाले मेडिकल सुविधाओं की जानकारी दी जायेगी। ट्रेनिंग राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके वरीय चिकित्सक देंगे। यहां से प्रशिक्षित होने वाले ट्रेनर अलग-अलग जिलों में जाकर 41 नवजात शिशु स्थिरीकरण इकाई (एनबीएसयू) में कार्यरत चिकित्सक एवं स्टाफ नर्स को प्रशिक्षण देंगे।

पांडेय ने कहा कि ऐसा कर राज्य में नवजातों को उच्च जोखिम की स्थिति से निकाला जा सकता है। अरवल एवं शिवहर को छोड़कर शेष 36 जिलों में चयनित प्रथम रेफरल इकाई में एनबीएसयू की स्थापना की गई है, जहां बीमार नवजातों का उपचार एवं स्थिरीकरण की जरूरत पड़ने पर उन्हें विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाइयां व नवजात गहन चिकित्सा इकाई रेफर किया जाता है।

बिहार सरकार द्वारा 14 चक्कों के ट्रक के जरिये गिट्टी व बालू ढुलाई मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई शुरु

पटना हाई कोर्ट में बिहार ट्रक ऑनर एसोसिएशन व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस संजय करोल व जस्टिस एस कुमार की खंडपीठ ने इन मामलों पर सुनवाई की।

इस याचिका पर बिहार सरकार द्वारा 14 चक्कों के ट्रक के जरिये गिट्टी व बालू आदि की ढुलाई पर 16 दिसंबर, 2020 को ही एक अधिसूचना जारी कर प्रतिबंध लगा दिया गया था।इसी मामलें को याचिकाएं दायर कर राज्य सरकार के निर्णय challenge किया गया।

राज्य सरकार द्वारा रोक के आदेश के विरुद्ध संबंधित पक्ष ने मामले को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष भी ये मामला उठाया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 3 जनवरी, 2022 को इसे वापस पटना हाई कोर्ट के समक्ष भेज दिया है। साथ ही साथ सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को 8 सप्ताह के भीतर निपटारा करने को भी कहा है।

इस मामले पर हाई कोर्ट में अब 22 फरवरी,2022 को फिजिकल रूप से सुनवाई की जाएगी।। इस बीच राज्य सरकार समेत अन्य सम्बंधित सभी पक्षों को अपना अपना पक्ष लिखित तौर पर कोर्ट के समक्ष दायर करने का निर्देश दिया है।

बीजेपी जदयू में शह मात का खेल जारी बिहार विधान परिषद का चुनाव टला

यूपी में जारी सियासी घमासान का असर अभी से ही बिहार की राजनीति पर दिखने लगा है खबर ये आ रही है कि बिहार विधान परिषद चुनाव को मार्च तक के लिए टाल दिया गया है।जबकि पहले से जो तैयारी चल रही थी उसके अनुसार 10 मार्च को यूपी सहित जिन पांच राज्यों की वोटों की गिनती होनी थी उसी दिन बिहार के 24 विधान परिषद सीटों की गिनती होना तय हुआ था लेकिन अब इसकी संभावना खत्म हो गयी है।

चुनाव आयोग से जो खबर क्षण कर आ रही है वो खबर यह है कि बिहार विधान परिषद के मतदाता सूची के प्रकाशन से पहले आयोग की राज्य के सभी डीएम से जो संवाद होना था उसकी तिथि निर्धारित नहीं हो पायी है जबकि सभी जिले में मतदाता सूची बन कर तैयार है लेकिन जब तक चुनाव आयोग मतदाता सूची को प्रकाशित करने का आदेश निर्गत नहीं करती है तब तक चुनाव की घोषणा नहीं हो सकती है।

वही 25 फरवरी से बिहार विधानसभा का बजट सत्र शुरु हो रहा है जो 31 मार्च तक चलेगा ऐसे में इस अवधि में चुनाव हो इसके लिए सरकार तैयार नहीं है उनका मानना है सत्र चलने की वजह से विधायक प्रचार अभियान में कैसे शामिल होगा।
वही दूसरी और बिहार राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर निकाय चुनाव की तैयारी शुरु कर दी है और 11 फरवरी तक नगर निकाय के सीमांकन का कार्य पूरा करके आदेश है। जिस स्तर पर राज्य निर्वाचन आयोग तैयारी में जुटा है उससे यह लग रहा है अप्रैल मई में बिहार में नगर निकाय का चुनाव हो जायेगा।

बिहार विधान परिषद के चुनाव में नगर निकाय के सदस्य भी वोटर होते हैं ऐसे में ये भी खबरें आ रही है कि बीजेपी चाहती है कि नगर निकाय चुनाव के बाद बिहार विधान परिषद का चुनाव हो वैसे भी एक माह के लिए किसी भी वोटर को उसके वोटिंग राइट से वंचित करना गैर संवैधानिक माना जायेगा क्यों कि इस समय बिहार के अधिकांश नगर निकाय भंग है ।

वही हाईकोर्ट से भी एक खबर आ रही है कि पंच और सरपंच की और से एक याचिका दायर किया गया है जिसमें बिहार विधान परिषद के चुनाव में उन्हें वोटिंग राइट नहीं होना गैर संवैधानिक बताया है। हाईकोर्ट शीघ्र ही इस मामले की सुनवाई करने जा रही है वैसे खबर ये आ रही है कि इस याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार पंच और सरपंच को वोटिंग राइट मिले इस पर सहमति जाता सकता है अगर यह स्थिति बनी तो बिहार विधान परिषद का चुनाव जून तक के लिए टल जाये तो कोई बड़ी बात नहीं होगी ।

राजनीतिक गलियारों से जो खबरें आ रही है कि बिहार विधान परिषद के 24 सीटों पर चुनाव होना है जो बिहार विधान परिषद में बहुमत के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है ऐसे में नीतीश कुमार की कोशिश है कि इस चुनाव को जितना दिन हो सके टाला जाये।

बीजेपी नीतीश कुमार की इस रणनीति को समझ रही है इसलिए चुनाव की घोषणा से पहले सीटों का बंटवारा कर लिया और नगर निकाय चुनाव तक विधान परिषद का चुनाव टल जाये इसकी पूरी कोशिश में बीजेपी लगी हुई है क्यों कि बीजेपी का मानना है कि नगर निकाय में जो जीत कर आएगा उनमें बीजेपी समर्थकों की संख्या ज्यादा होगी और इसी के काट के लिए जदयू की ओर से ही पंच और सरपंच को वोटिंग राइट मिले इसके लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर करवाया गया है ताकि संतुलन बना रहे वैसे इस बार के पंचायत चुनाव की बात करे तो राजद की पकड़ काफी मजबूत है और इसका एहसास जदयू और भाजपा दोनों को है वही यूपी चुनाव के बाद क्या स्थिति बनती है इस पर भी जदयू की विशेष नजर है क्यों कि जिस तरीके से भाजपा जदयू पर हमलावर रुख अख्तियार किये हुए हैं उससे नीतीश खासे नाराज है और नीतीश कुमार यूपी चुनाव के बाद बड़े फैसले ले सकते हैं और इसके लिए कांग्रेस से बातचीत भी चल रही है।

बिहार का पहला धूप घड़ी पर चोरों ने किया हाथ साफ 1871 में लगी थी घड़ी

बिहार के रोहतास जिले के डेहरी शहर में 1871 में स्थापित बिहार का पहला ऐतिहासिक धूप घड़ी को मंगलवार रात चोर उखाड़ कर ले गए। बुधवार सुबह जब लोग मॉर्निंग वॉक के लिए निकले तो कुछ लोगों की नजर धूप घड़ी पर पड़ी, तो देखा कि धूप घड़ी की धातु की प्लेट वहां से गायब है।

लोगों ने इसकी सूचना तत्काल पुलिस को दी। पुलिस मौके पर पहुंच इसकी जांच कर रही है। डेहरी ऑन सोन के एनीकट रोड में आज भी लगभग डेढ़ सौ वर्ष पुरानी धूप घड़ी का उपयोग उस रास्ते से आने-जाने वाले लोग समय देखने के लिए करते थे। जिस तरह कोणार्क मंदिर के पहिए सूर्य की रोशनी से सही समय बताते हैं। ठीक उसी प्रकार यह धूप घड़ी भी काम करती थी।
1871 में स्थापित की गई थी धूप घड़ी

1871 में स्थापित राज्य की यह ऐसी घड़ी है जिससे सूर्य के प्रकाश से समय का पता चलता है। तब अंग्रेजों ने सिंचाई विभाग में कार्यरत कामगारों को समय का ज्ञात कराने के लिए इस घड़ी का निर्माण कराया गया और एक चबूतरे पर स्थापित किया गया था। इसी वजह से इसका नाम धूप घड़ी रखा गया। इस घड़ी में रोमन और हिन्दी के अंक अंकित है, उस समय नहाने से लेकर पूरा कामकाज समय के आधार पर होता था।

श्रमिकों के लिए घड़ी स्थापित की गई थी
घड़ी के बीच में धातु की त्रिकोणीय प्लेट लगी है। कोण के माध्यम से उस पर नंबर अंकित है। शोध अन्वेषक के अनुसार यह ऐसा यंत्र है, जिससे दिन में समय की गणना की जाती है। इसे नोमोन कहा जाता है। यंत्र इस सिद्धांत पर काम करता है कि दिन में जैसे-जैसे सूर्य पूर्व से पश्चिम की तरफ जाता है। उसी तरह किसी वस्तु की छाया पश्चिम से पूर्व की तरफ चलती है। सूर्य लाइनों वाली सतह पर छाया डालता है, जिससे दिन के समय घंटों का पता चलता है।