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बोचहां विधानसभा उपचुनाव, राजद उम्मीदवार अमर पासवान भारी मतो से जीते

बोचहां विधानसभा उपचुनाव मतगणना समाप्त । राजद उम्मीदवार अमर पासवान बड़े अंतर से बीजेपी की बेबी देवी को हराया।

राजद उम्मीदवार अमर पासवान 36653 वोट से जीते ।
राजद के अमर पासवान को 82562 वोट।
बीजेपी की बेबी कुमारी को 45909 वोट।
वीआईपी की गीता कुमारी को 29279 वोट ।

बोचहां विधानसभा उपचुनाव मतगणना खत्म राजद भारी मतो से चुनाव जीता

तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर बोचहा की जनता को हार्दिक धन्यवाद दिया है

राजद प्रत्याशी के जीत पर राजद प्रत्याशी अमर पासवान की पत्नी ने क्या बोली जरा आप भी सुनिए

बीजेपी की करारी हार पर मुकेश सहनी हुए खुश, मिठाई खिलाकर एक दूसरे को दे रहे है बधाई
कार्यकर्ताओ द्वारा राजद की जीत पर जश्न के माहौल
वीआईपी प्रमुख मुकेश साहनी लडू खिलाकर कर रहे है ख़ुशी व्यक्त

बिहार विधान परिषद में राबड़ी देवी नेता प्रतिपक्ष होगी

बिहार विधान परिषद में राबड़ी देवी नेता प्रतिपक्ष होगी, इस संबंध में बिहार विधान परिषद सचिवालय ने आदेश जारी कर दिया है ।

राष्ट्रीय जनता दल ने बिहार विधान परिषद के चुनाव के बाद नेता प्रतिपक्ष के तौर पर राबड़ी देवी का नाम विधान परिषद के कार्यकारी सभापति को नेता प्रतिपक्ष की मान्यता देने के लिए भेजा था जिसे स्वीकार कर लिया गया है और विधान परिषद सचिवालय ने आदेश जारी कर दिया है।

बीजेपी जदयू के गठबंधन तोड़ने का वक्त आ गया है – पूर्व विधान पार्षद रजनीश कुमार

पटना । बेगूसराय खगड़िया विधान परिषद चुनाव में हार का सामना करने वाले एनडीए के भाजपा उम्मीदवार रजनीश कुमार ने भाजपा जदयू के गठबंधन पर सवाल खड़ा करते हुए भाजपा को जदयू से अलग होने का आग्रह किया है।

रजनीश कुमार ने कहा कि गठबंधन का समय चला गया है, भाजपा के शीर्ष नेताओं से आग्रह करते हुए कहा कि जिस तरह से भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी में आत्मनिर्भर बना है उसी तरह बिहार में भी भाजपा आत्मनिर्भर बनने के लिए अकेले चलने का काम करें। रजनीश कुमार ने कहा कि बिहार में गठबंधन की सरकार है लेकिन निचले स्तर पर गठबंधन का कोई औचित्य नहीं रह गया है।

बेगूसराय विधान परिषद चुनाव में जदयू की इकाई और विधायक ने खुलेआम एनडीए उम्मीदवार के विरोध में प्रचार किया। भाजपा और जदयू नेतृत्व को सूचना देने के बावजूद जदयू ने साथ नहीं दिया और धोखा देने का काम किया। बिहार में उपचुनाव में भाजपा हमेशा जदयू के साथ रही है लेकिन जदयू हमेशा चुनाव में गठबंधन धर्म का पालन नहीं करती है।

अब समय आ गया है कि गठबंधन को साथ नहीं चल सकते हैं ऐसे में भाजपा नेतृत्व से आग्रह है कि भाजपा को बिहार में मजबूत बनाने के लिए अकेले चलने का समय आ गया है।

बिहार विधान परिषद चुनाव 24 सीटों पर वोटिंग समाप्त, 97.84% हुआ मतदान

बिहार विधान परिषद 24 सीटों पर वोटिंग समाप्त, 97.84%  हुआ मतदान। 185 प्रत्याशियों के बीच मुकाबला है, 7 अप्रैल को मतगणना होगी।

BIHAR-विधानपरिषद-चुनाव-2022
BIHAR-विधानपरिषद-चुनाव-2022
  1. पटना -98.02 %
  2. नालंदा – 99.33%3.गया -जहानाबाद – अरवल – 99.57%
  3. औरंगाबाद – 99.80%
  4. नवादा – 99.54%
  5. भोजपुर -बक्सर –  99%
  6. रोहतास – कैमूर – 99.49 %
  7. सारण –  94%
  8. सिवान -99.46 %
  9. गोपालगंज -98.98 %
  10. पश्चिम चंपारण – 98.93%
  11. पूर्वी चंपारण – 91%
  12. मुजफ्फरपुर -99.49 %
  13. वैशाली – 99.67%
  14. सीतामढ़ी – शिवहर – 99%
  15. दरभंगा –  99.40%
  16. समस्तीपुर –  97.99%
  17. मुंगेर- जमुई -लखीसराय – शेखपुरा -99.34 % 
  18. बेगूसराय – खगड़िया -97.86 %
  19. सहरसा- मधेपुरा- सुपौल – 98.38 %
  20. भागलपुर- बांका – 99.30 %
  21. मधुबनी -95.76  %
  22. पूर्णिया -अररिया -किशनगंज – 98.38 %
  23. कटिहार – 99%

Bihar MLC Election 2022: बिहार विधान परिषद चुनाव का मतदान आज

मतदान सुबह 8:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक होगा इसके लिए राज्य में 534 बूथ स्थापित किए गए हैं चुनाव के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है 185 प्रत्याशियों के बीच मुकाबला है राज्य के कुल 132116 मतदाता 185 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे 7 अप्रैल को मतगणना होगी।

भाजपा ने 12 प्रत्याशी उतारे हैं जबकि जदयू ने 11 प्रत्याशी उतारे हैं एक सीट रालोसपा कर दी गई है राजद ने 23 उम्मीदवार उतारे हैं यह एक ईसीपीआई को दी है कांग्रेस की ओर से 24 विधान परिषद सीटों में 16 निर्वाचन क्षेत्र में प्रत्याशी उतारा गया है।

BIHAR-विधानपरिषद-चुनाव-2022
BIHAR-विधानपरिषद-चुनाव-2022

बिहार एमएलसी चुनाव में मतदाता के रूप में वार्ड मेंबर पंचायत समिति सदस्य मुखिया जिला परिषद सदस्य के सदस्य के साथ अन्य जनप्रतिनिधि मतदान करेंगे पटना में स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत मतदाताओं की संख्या 5275 है जिसमें पुरुष की संख्या 2460 है महिलाओं की संख्या 2815 है।

विधान परिषद चुनाव के लिए पटना स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन के लिए 23 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। यह सभी मतदान केंद्र प्रखंड मुख्यालय में होंगे । सभी मतदान केंद्र प्रखंड परिसर में ही होंगे ।

पटना में कुल मतदाताओं की संख्या 5275 है। नौबतपुर में 305 मनेर में 311 दानापुर में दूसरे बिरहा चाहिए बेटा में 347 विक्रम में 268 दुल्हन बाजार में 208 पालीगंज में 374 मसौढ़ी में जो सविधान बे झंडू बाम a319 पुनपुन में 198 फुलवारी शरीफ में 264 पटना सदर में 14 संपतचक में 53 फतुहा में 245 दनियावां में 106 खुसरूपुर में 126 बख्तियारपुर में 278 अथमलगोला122 बेलछी में 104 पंडारक में 250 और घोश्वरी में 218 मोकामा में 246 है।

आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय मीठापुर में बजरी और मतदान केंद्र बनाया गया है मतगणना 7 अप्रैल को होगी।

पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा-योगी को बिहार का मुख्यमंत्री बना दीजिए

पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने पटना में लगातार हो रही हत्या पर बताया कि सरकार पूरी तरह फेल कर चुकी है, कानून व्यवस्था की स्थिति बिल्कुल खराब है । सरकार से कानून व्यवस्था नहीं संभल पा रहा है और हालात बिहार के काफी खराब है। कोई सुरक्षित नहीं रहा है और हालात बिहार के काफी खराब है।

राबड़ी देवी ने भारतीय जनता पार्टी के द्वारा राज्य में योगी मॉडल लागू किए जाने पर कहा कि कौन रोक रखा है योगी को बिहार का मुख्यमंत्री बना दीजिए और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बना दीजिए कौन रोक कर रखा है।

शराब बंदी कानून में संशोधन पर उन्होंने कहा कि सरकार यही कर सकती है सरकार से कुछ नहीं संभल रहा है और लगातार शराब मिल रहा है, सरकार शराब बंदी कानून को पालन करने में लोगों को प्रताड़ित कर रही है। ।

विधानपरिषद चुनाव को लेकर दरभंगा के अहिल्यास्थान में हुई एनडीए की बैठक

BiharLegislativeCouncilElection दरभंगा । विधानपरिषद चुनाव को लेकर दरभंगा के अहिल्यास्थान में हुई एनडीए की बैठक। बैठक में दरभंगा के सांसद गोपालजी ठाकुर और मधुबनी के सांसद अशोक यादव सहित चुनाव के प्रभारी मंत्री जीवेश मिश्रा ।

चुनाव के प्रभारी मंत्री जीवेश मिश्रा का बयान……..हमसभी एनडीए की बैठक कर चुनाव पर चर्चा कर रहे है यही के प्रत्यासी की जीत सुनिश्चित करानी है….सभी सपोर्टर मिलकर वोटर को एकजुट कर वोट कराएंगे…..यह चुनाव नेताओं के नेता का चुनाव कराने है।

वार्ड सदस्य की इस चुनाव में बड़ी भूमिका है………हमसबका काम है कि अपने प्रत्यासी को जिताने का काम करेंगे।

दरभंगा और मधुबनी में एनडीए घटक दल के सबसे ज्यादा जनप्रतिनिधि जीत कर आये है…..एनडीए के सभी कार्यकर्ता अपने पंचायत वार्ड में कोर्डिनेशन बनाकर काम करे।

शरद यादव अपनी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल (LJD) का विलय राजद में किया।

Bihar Breaking News : दिल्ली । औपचारिक रूप से राष्ट्रीय जनता दल में लोकतांत्रिक जनता दल का विलय हो गया। शरद यादव अपनी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल (LJD) का विलय राजद में किया।

शरद यादव जदयू से अलग होकर 2018 में अपनी पार्टी का गठन किया था।

लेकिन 2019 में लोकसभा चुनाव राजद के साथ महागठबंधन में शरद यादव की पार्टी ने लड़ी थी।

इन दिनों शरद यादव बीमार चल रहे हैं।

आज रजधानी दिल्ली में नेताप्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में शरद यादव अपनी पार्टी का विलय राजद में किया।

दिल्ली में नेताप्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, राजद सांसद एडी सिंह, राजद सांसद मीसा भारती, राजद सांसद मनोज झा, राजद नेता श्याम रजक, राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी, राजद नेता जय प्रकाश नारायण यादव और राजद नेता शिवानन्द तिवारी मौजूद रहे।

संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू, 14 मार्च से 8 अप्रैल तक बजट सत्र का दूसरा चरण चलेगा।

आज से संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू हो रहा है। आज 14 मार्च से 8 अप्रैल तक बजट सत्र का दूसरा चरण चलेगा।

लोकसभा और राज्यसभा एक साथ सुबह 11 बजे से शुरू होगी।

इस बार कोविड-19 संबंधी हालात में काफी सुधार आने के कारण लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही पूर्वाह्न 11 बजे से एक साथ चलेगी।

विपक्ष सरकार को बेरोजगारी-महंगाई के मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगी।

बजट सत्र का पहला चरण 11 फरवरी 2022 को खत्म हुआ था।

बजट सत्र के पहले चरण में 29 जनवरी से 11 फरवरी तक दो अलग-अलग पालियों में लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही संचालित की गई थी।

बजट सत्र का दूसरा चरण उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद आज यानी सोमवार से शुरू हो रहा है। 

इस सत्र में भी हंगामे होने की संभावना है।

कांग्रेस यूक्रेन, महंगाई, बेरोजगारी और ईपीएफ के मुद्दों पर सरकार को घेरेगी।

कांग्रेस रणनीति तय करने के लिए रविवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर कांग्रेस संसदीय दल की बैठक हुई।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को ही जम्मू-कश्मीर के लिए बजट पेश करेंगी और इस पर भोजनावकाश के बाद चर्चा कराई जा सकती है।

इस बार फिर बिहार से जेडीयू सांसद सदन में बिहार को विशेष राज्य की दर्जा मिले इसके लिए आवाज उठाएंगे।

बिहार विधान परिषद चुनाव के लिए भजपा ने प्रत्याशियों की सूची जारी की है

इस सूचियों में औरंगाबाद से दिलीप कुमार सिंह,
रोहतास-कैमूर से संतोष सिंह,
सारण से धर्मेंद्र कुमार,
सीवान से मनोज कुमार सिंह,
गोपालगंज से राजीव कुमार,
पूर्वी चंपारण से राजेश कुमार उर्फ बबलू गुप्ता,
दरभंगा से सुनील चौधरी,
समस्तीपुर से डॉ. तरुण कुमार,
बेगूसराय-खगरिया से रजनीश कुमार,
सहरसा-मधेपुरा-सुपौल से नूतन सिंह,
पूर्णिया-अररिया-किशनगंज से दिलीप जायसवाल
और कटिहार से अशोक अग्रवाल का नाम है

BJP List
BJP List

बिहार विधानसभा में महिलाओ को लेकर संघ प्रमुख के बयान को लेकर हुआ हंगामा

पटना — विधान सभा सदस्या ने कहा संघ महिलाओं को घर मे रखना चाहता है । बिहार विधानसभा में महिलाओ को लेकर संघ प्रमुख के बयान को लेकर हुआ हंगामा।

पटना-बिहार विधान परिषद सीट को लेकर कल दिल्ली मे बीजेपी राष्ट्रीकार्यकारणी की होगी बैठक

बैठक के बाद उम्मीदवारों की होगी घोषणा कुछ सीटों पर अभी भी नामों को लेकर नही बन पायी है सहमित

तेजस्वी प्रसाद यादव ने आज वरिष्ठ नेता श्री शरद यादव जी से शिष्टाचार मुलाकात की

नेता प्रतिपक्ष, बिहार विधानसभा श्री तेजस्वी प्रसाद यादव जी ने आज दिल्ली में वरिष्ठ समाजवादी नेता श्री शरद यादव जी से उनके दिल्ली स्थित आवास पर शिष्टाचार मुलाकात की वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों पर विचार विमर्श किया।

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तेजस्वी प्रसाद यादव की शरद यादव जी से शिष्टाचार मुलाकात

राष्ट्रपति पद को लेकर नीतीश के नाम की चर्चा समझ से पड़े: शिवानन्द तिवारी

राष्ट्रपति पद के लिए नीतीश कुमार के नाम की चर्चा पता नहीं कहाँ से शुरू हुई. भारतीय जनता पार्टी अगर उनको राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाना चाहती हो तो इसमें विपक्ष को क्या एतराज़ हो सकता है !

जहाँ तक विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में उनको पेश करने की बात होती है तो वह मुझे असंभव दिखाई देता है. क्योंकि उस हालत में तो नीतीश कुमार को भारतीय जनता पार्टी से अलग होना होगा. क्या यह मुमकिन है ? यहां याद करें कि नीतीश कुमार की नरेन्द्र मोदी के प्रति क्या धारणा थी और क्या संकल्प लेकर ये उनसे अलग हुए थे ?

आज उन्हीं नरेंद्र मोदी द्वारा सच्चे समाजवादी होने के प्रमाण पत्र को जो व्यक्ति अपने ऊपर उनकी कृपा मानता हो वह भाजपा से अलग हो सकता है ?कोई इसकी कल्पना भी कैसे कर सकता है! इसके अलावा यह भी देखने की बात है कि राष्ट्रपति सेना के तीनों अंगों का सर्वोच्च कमाण्डर होता है.

यह भी विचारणीय है कि सेना का सर्वोच्च कमांडर क्या ऐसा होना चाहिए जो अपने सार्वजनिक जीवन में हर चुनौती के सामने घुटने टेकता आया है ! जो अपने संकल्पों पर टिकता नहीं हो ! ऐसा व्यक्ति संकट के समय हमारी सेना को अनुप्राणित कैसे कर सकता है ! लेखक–शिवानन्द

स्वास्तिक हमारी संस्कृति का हिस्सा, विवाद खड़ा करना अनावश्यक: सुशील कुमार मोदी

स्वास्तिक शुभ चिह्न हमारी हजारों वर्ष पुरानी वैदिक सभ्यता और संस्कृति का हिस्सा है, इसलिए इस पर राजनीति करना अनावश्यक और दुर्भाग्यपूर्ण है।

धर्मनिरपेक्षता का अर्थ देश के बड़े वर्ग की आस्था, परम्परा और प्रतीक चिह्न से अनादरपूर्वक दूरी बनाना नहीं होता।

हम जब विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलित कर या नारियल फोड़ कर भी करते हैं, तब देश की सांस्कृतिक परम्परा का ही पालन करते हैं, लेकिन फीता काटने की रवायत बंद नहीं की गई है।

बिहार विधानसभा के स्मृति चिह्न में अशोक चक्र के साथ स्वास्तिक चिह्न भी रहे, तो इसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
विधानसभा के आधिकारिक लेटरहेड पर भी स्वास्तिक चिन्ह का प्रयोग होता है।

जिनके पास जनहित के मुद्दे नहीं हैं, वे कभी वंदेमातरम् गायन का विरोध करते हैं तो कभी स्वास्तिक चिन्ह का विरोध करने लगते हैं।

इनलोगों को यह भी नहीं मालूम है कि भारत का स्वास्तिक चिन्ह हिटलर के चिन्ह से बिल्कुल भिन्न है।

सदियों से भारत में शुभ अवसरों पर स्वास्तिक चिह्न बनाये जाते रहे हैं, लेकिन जिनकी समझ अपने मनीषियों के ग्रंथों की उपेक्षा और भारत-विरोधी लेखकों की चंद किताबें पढ़ाने से बनी हो, केवल वे ही स्वास्तिक से दुराग्रह प्रकट कर सकते हैं।

विशेष राज्य के दर्जा को लेकर जदयू बीजेपी आमने सामने

बिहार को विशेष राज्य दर्जा को लेकर जारी जदयू द्वारा जारी बयानबाजी के बीच बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने अपने फेसबुक पेज के सहारे जदयू पर हमला बोला है और कहां है कि

नीचे दिया गया डाटा यह बताने में सक्षम है कि केंद्र सरकार बिहार का कितना ध्यान रखती है ।
महाराष्ट्र की आबादी बिहार से एक करोड़ ज्यादा है फिर भी बिहार को महाराष्ट्र के मुकाबले 31हजार करोड़ रुपए ज्यादा मिलते हैं ।बंगाल भी बिहार की भांति पिछड़ा राज्य है पर उसके मुकाबले भी बिहार को 21हजार करोड़ रुपए ज्यादा मिलता है ।

आकड़ा बता रही है कि बिहार को विशेष राज्य से ज्यादा मदद मिल रही है


दक्षिण भारत के राज्यों की हमेशा शिकायत रहती है कि केंद्र सरकार हमें कम पैसे देती है क्योंकि हमने आबादी को 70 के दशक में ही केंद्र की नीतियों के कारण रोक लिया था । अब केंद्र सरकार इसको अपराध मानती हैं।
जीएसटी से सबसे ज्यादा फायदा बिहार जैसे राज्य को हुआ है । पहले जिस राज्य में उद्योग स्थापित होते थे उनको अलग से कमाई होती थी ।अब इस कमाई का बडा़ हिस्सा उपभोक्ता राज्य में बंटता है जिसके कारण बिहार को 20हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त फायदा हुआ है ।
बिहार को अगर आगे बढ़ाना है तो सरकार को ये लक्ष्य रखने ही होंगे ।

बिहार को केन्द्र से पूरी मदद मिल रही है

1) बिहार सरकार को हर हालत में उद्योगों को बढ़ावा देना होगा। जब तक हम औद्योगिक नीतियां लाकर नए उद्योगों को बढ़ावा नहीं देंगे तब तक ना हम रोजगार देने में सफल हो पाएंगे और ना हीं बिहार की आय बढ़ेगी। शाहनवाज हुसैन अच्छा प्रयास कर रहे हैं पर पूरे मंत्रिमंडल का सहयोग आवश्यक है।

2) जहां भी संभव हो वहां प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप होनी चाहिए। उद्योग लगाने वालों को विलेन समझने की मानसिकता बिहार को कहीं का नहीं छोड़ेगी । बड़ौदा बस स्टैंड विश्व स्तर का है पर ऊपर की मंजिलों में दुकानें खोलकर सारी राशि की भरपाई कर ली गई और गुजरात सरकार का एक पैसा भी नहीं लगा ।वैसे ही गांधीनगर के पूरे साबरमती फ्रंट का डेवलपमेंट उसीमें एक निश्चित भूमि प्राइवेट हाथों में देकर अनेक पार्क सहित पूरे फ्रंट को विकसित करने का कीमत निकाल लिया गया ।

3) हम 6 वर्षों में भी प्रधानमंत्री जी के दिए हुए पैकेज का पूरा इस्तेमाल नहीं कर पाए हैं।अभी भी दस हजार करोड रुपए से ज्यादा बकाया है ।एक छोटा उदाहरण मेरे लोकसभा का रक्सौल हवाई अड्डा है जिसके लिए प्रधानमंत्री पैकेज में ढाई सौ करोड़ रुपए मिल चुके हैं पर बिहार सरकार द्वारा अतिरिक्त जमीन नहीं देने के कारण आज भी यह योजना रुकी हुई है।
प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना में भी बिहार को हजारों करोड़ रुपए मिलने हैं । अगर हमने भूमि उपलब्ध नहीं कराया तो ये किस्से कहानियों की बातें हो जाएंगी।

4) केंद्र सरकार की योजनाओं का समुचित उपयोग करना होगा ।जैसे बिहार सरकार के जल नल योजना में केंद्र की 50% राशि लगी है जिसका इस्तेमाल हम पंचायती राज की अन्य योजनाओं में कर सकते थे और जल नल योजना की राशि सीधे जल संसाधन विभाग से ले सकते थे। पिछले वित्तीय वर्ष में 6 हजार करोड़ की राशि बिहार सरकार को आवंटित की गई थी पर जल नल योजना के मद में हमने यह पैसे नहीं लिए।इस तरह की राशियों का सही उपयोग हमें करना होगा।

5) जनसंख्या नियंत्रण के लिए हमें स्वयं काम करना होगा ।केवल यह सोच कि समाज स्वयं शिक्षा के साथ जनसंख्या को नियंत्रित कर लेगा, के चक्कर मे बहुत ही देर हो जाएगी। आज भी हम जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए कोई अभियान नहीं चला रहे हैं जबकि इसमें भी बिहार पूरे देश में सबसे ज्यादा फिसड्डी है।


6) अगर केरल के अस्पताल 100 बेड जोड़ते हैं तो प्रति हजार व्यक्ति में इसका इजाफा दिखता है। हम 200 बेड भी जोड़ते हैं तो 300 बच्चे पैदा करने के कारण वह नीति आयोग के आंकड़े में कहीं नहीं दिखता और हम अपनी कमी दूर करने के बजाय नीति आयोग की शिकायत करते हैं ।


7) जब हमने एक अच्छे लक्ष्य के लिए गुजरात की भांति 15 हजार करोड़ रुपए की तिलांजलि दी है तो सरकारी राशि का उपयोग होटल और बस स्टैंड जैसी योजनाओं में सैकड़ों करोड़ खर्च करके भवन निर्माण विभाग को खुश करने के बजाय गरीबों के कल्याणकारी योजनाओं में होना चाहिए। पीपीपी मोड में इन सब चीजों को बनाने से सरकार का एक पैसा भी नहीं लगेगा उल्टे उसकी आमदनी बढ़ेगी। वैसे भी फाइव स्टार होटल बनाना सरकार का काम नहीं है।


2020 में एनडीए सरकार का गठन आत्मनिर्भर बिहार के 7 निश्चय के आधार पर हुआ था । हमें इस मूल मुद्दे से कभी भटकना नहीं चाहिए

MLC चुनाव को जारी एनडीए में बनी सहमति 12 -11-1 के फार्मूले पर बनी सहमति

MLC चुनाव को लेकर NDA में जारी खींचतान आज खत्म हो गई। प्रेस कॉन्फ्रेंस कर NDA की ओर से सीटों का ऐलान किया गया। इससे पहले आज सुबह 11 बजे BJP नेता भूपेंद्र यादव और डिप्टी CM तारकिशोर प्रसाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के घर पहुंचे। उन्होंने एक घंटे तक साथ में बैठक की।

हालांकि, बैठक खत्म होने के बाद जब वह बाहर निकले तो उन्होंने पत्रकारों से कोई बात नहीं की। वहीं, डिप्टी CM ने बताया, ‘NDA में BJP-JDU के बीच सब ठीक है। दोनों पार्टियों के बीच सहमति पहले से बनी हुई थी। आज भी विचार-विमर्श किया गया।’

24 सीटों पर होना है चुनाव
विधान परिषद की 24 सीटों पर चुनाव होना है। इसको लेकर दोनों पार्टियों के बीच तनातनी चल रही थी। UP में जब से दोनों पार्टियों के बीच सीट का बंटवारा नहीं हुआ तब से दोनों ओर से बयानबाजी जारी है। इसको लेकर सभी की नजर विधान परिषद चुनाव को लेकर NDA के सीट बंटवारे पर थी।

बीजेपी को 12 सीटें
रोहतास
औरंगाबाद
सारण
सीवान
दरभंगा
पूर्वी चंपारण
किसनगंज
कटिहार
सहरसा
गोपालगंज
बेगूसराय
समस्तीपुर
RLJP
वैशाली
JDU की 11 सीटें
पटना
भोजपुर
गया
नालंदा
मुजफ्फरपुर
पश्चिमी चंपारण
सीतामढ़ी
भागलपुर
मुंगेर
नवादा
मधुबनी

मगध विश्वविधालय के कुलपति पर कार्रवाई पर राजभवन और सरकार आमने सामने, राजभवन ने कहा सरकार राजभवन के अधिकारी क्षेत्र पर हमला कर रही है

मगध विश्वविधालय के कुलपति पर कार्रवाई को लेकर कुलाधिपति सह राज्यपाल फागू चौहान भड़क गये हैं और स्पेशल विजिलेंस यूनिट की कार्रवाई को अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण मानते हुए कहा है कि यह कानून का उल्लंघन ही नहीं है यह राज्यपाल के अधिकारी क्षेत्र पर हमला है ।राज्यपाल के प्रधान सचिव आर एल चोंगथु ने इसको लेकर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को पत्र लिख है.

प्रधान सचिव ने पत्र में साफ लिखा है कि विश्विद्यालयों के मामले में सक्षम प्राधिकार कुलाधिपति हैं. ऐसे में कुलाधिपति की अनुमति के बिना विश्वविद्यालयों में स्पेशल विजिलेंस यूनिट की कार्रवाई पूरी तरह से कानून का उल्लंघन है. ऐसे में इस कार्रवाई को तत्काल रोकें।

राजभवन ने यहां तक कहा है कि इस कार्रवाई से विश्विद्यालयों की स्वायत्तता पर कुठाराघात है. प्रधान सचिव के पत्र में साफ है कि यह पत्र भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के सेक्शन 17A में उल्लिखित प्रावधानों का अक्षरशः पालन करने को लेकर लिखा जा रहा है. राजभवन ने कहा है कि ऐसी कार्रवाई से विश्विद्यालयों में अनावश्यक भय का वातावरण बन रहा। इस कार्रवाई से पदाधिकारियों और कर्मचारियों पर मानसिक दवाब भी पड़ रहा है।

मालूम हो कि मगध विश्वविधालय के कुलपति पर 30 करोड़ से अधिक के राशी के गबन का आरोप है और इस मामले में विशेष निगरानी की टीम ने विश्वविधालय से जुड़े कई अधिकारियों को गिरफ्तार भी किया है और लगातार दबाव के बाद पिछले दिनों ही कुलपति विशेष निगरानी के अधिकारी के सामने उपस्थिति हुए थे ।

वही इस मामले में निगरानी कोर्ट ने कुलपति प्रो राजेंद्र प्रसाद की अग्रिम जमानत रद्द कर चुका है राज्यपाल के इस पत्र से यह साफ हो गया है कि कुलपति मामले में नीतीश कुमार और राज्यपाल के बीच दूरिया बढ़ सकती है ।

मालेगांव कांड के मुख्य आरोपी को जदयू ने दिया टिकट

आपको एक ऐसी खबर से रुबरु करा रहे हैं जिसे पढ़कर आप हैरान रह जायेंगे । जी हां यूपी विधानसभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने मालेगांव कांड के मुख्य आरोपी रमेश चंद्र उपाध्याय को बलिया के बैरिया विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया है, 5 साल पहले मुंबई हाईकोर्ट से मिली थी जमानत ।

2008 में हुए मालेगांव बम धमाके के आरोपी मेजर रमेश चंद्र उपाध्याय मुंबई हाई कोर्ट से जमानत पर है। 5 साल पहले उन्हें कोर्ट ने जमानत दी थी। रमेश चंद्र उपाध्याय 2020 में जदयू में शामिल हुए थे। उन्हें उत्तर प्रदेश के पूर्व सैनिकों की सेल का राज्य संयोजक भी बनाया गया था।

मालेगांव मामले में कथित भूमिका के लिए महाराष्ट्र ATS ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित के साथ रिटायर्ड मेजर रमेश उपाध्याय को गिरफ्तार किया था। उन्हें 2017 में जमानत पर रिहा किया गया था।

इस मामले पर स्पेशल NIA कोर्ट में ट्रायल जारी है। हालांकि मीडिया में खबर चलने के अब नई लिस्ट में बैरिया विधानसभा को फिलहाल छोड़ दिया गया है। इसकी जगह पर औरैया से मीरा दीवाकर को टिकट दिया गया है।

नीतीश की खामोशी उनकी बेचारगी है -शिवानंद

बिहार में सरकार डवांडोल हैं । गठबंधन के नेता आपस में मुँह लड़ा रहे हैं । नीतीश जी ने मौन साध लिया है. गठबंधन पर उनकी पकड़ पहले जैसी नहीं रही । सरकार पाँच वर्ष की अवधि पुरा कर पाएगी, इस पर लोग संदेह करने लगे हैं ।

सरकार की डवांडोल स्थिति की वजह से प्रशासन भी उहापोह की स्थिति में है. अपराधियों का मनोबल बढ़ गया है. बाकरगंज जैसे भीड़भाड़ वाले बाज़ार में कल अपराधियों जिस तरह का तांडव मचाया वह इसके पहले राजधानी में कभी नहीं हुआ था ।

आए दिन व्यापारियों को धमका कर उनसे रंगदारी माँगी जा रही है. जो नहीं दबते हैं उनपर गोली चलती है. पटना सरकार की नहीं बल्कि अपराध की राजधानी के रूप में तब्दील होता जा रहा है. नीतीश जी पर शराबबंदी का नशा सवार है. इसके अलावा बाक़ी सबकुछ उपेक्षित है ।

बिहार में भयंकर गैर बराबरी बढ़ी है.उसी अनुपात में ग़रीबी और बेरोज़गारी भी बढ़ी है. लाखों लोग अवैध और अपराध जनित कर्मों से अपना परिवार चला रहे हैं । हर ओर, चाहे जैसे हो, लखपति-करोड़पति बनने की होड़ मची हुई है. दिल्ली और पटना की सरकारों की नीतियों का यह नतीजा है । नीतीश जी की सरकार की विकास नीति ग़रीबी और बेरोज़गारी को दूर करने के बदले बढ़ा रही है. यह विकास नीति ही अपराध को भी बढ़ा रही है. इसीलिए अपराध के ख़िलाफ़ सरकार की सारी कार्रवाइयाँ पानी में लाठी पीटने के समान साबित हो रही हैं ।

लेखक – शिवानंद तिवारी