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15 वर्षो के सुशासन में बिहर का स्वास्थ्य व्यवस्था देश में सबसे फिसड्डी– नीति आयोग

कोरोना काल के दौरान एक एक बेड और एक एक बूंद आक्सीजन के लिए जिस तरीके से तरप तरप कर लोगों की मौत हुई थी सारी दुनिया ने देखा ।लेकिन बाद में इसको लेकर सरकार के अलग अलग राय आने लगे और जिस मौत को नंगी आंखों पूरी दुनिया ने देखा उस सवाल खड़े होने लगे लेकिन नीति आयोग की रिपोर्ट ने देश की पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल करके रख दिया है ।

देश में एक लाख की आबादी में सबसे अधिक 20 बेड मध्यप्रदेश में है और सबसे कम बिहार में एक लाख आबादी में मात्र 06 है मतलब अस्पताल में बेड के मामले में बिहार देश का सबसे फिसड्डी राज्य है जब बेड नहीं है तो आप डाँ और अन्य संशाधनों के बारे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है हलाकि नीति आयोग के रिपोर्ट को लेकर जब स्वास्थ्यमंत्री से सवाल किया गया तो जबाव देना तो दूर मीडिया से बचते बचाते भागते दिखे।

हलाकि इसको लेकर नेता प्रतिपंक्ष तेजस्वी ने ट्वीट करते हुए लिखा, 16 वर्षों के थकाऊ परिश्रम के बूते बिहार को नीचे से नंबर-1 बनाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी को बधाई. 40 में से 39 लोकसभा MP और डबल इंजन सरकार का बिहार को अद्भुत फ़ायदा मिल रहा है. नीति आयोग की रिपोर्ट अनुसार देश के जिला अस्पतालों में सबसे कम बेड बिहार में हैं, 1 लाख की आबादी पर मात्र 6 बेड।

हलाकि नीति आयोग के रिपोर्ट को लेकर सरकार रिपोर्ट के सार्वजनिक होने से पहले से ही सवाल खड़े कर रहे थे राज्य के योजना एंव विकास मंत्री विजेन्द्र यादव चार दिन पहले पीसी करके नीति आयोग के कार्यशैली पर जमकर भड़ास निकाला था ।

नीति आयोग देश के स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर जो रिपोर्ट जारी किया है उसके अनुसार नीति देश के जिला अस्पतालों में सबसे कम बेड बिहार में हैं, 1 लाख की आबादी पर मात्र 6 बेड.” जिला स्तर पर प्रति लाख आबादी अस्पतालों में बेड की उपलब्धता के मामले में सभी राज्यों से बिहार के सबसे खराब प्रदर्शन गुरुवार को जारी नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार जिला अस्पतालों में प्रति लाख आबादी बेड की संख्या के मामले में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ सबसे ऊपर है. यहां प्रति लाख आबादी 20 बेड हैं. जबकि पश्चिम बंगाल, राजस्थान और गुजरात में 19, पंजाब, आंध्रप्रदेश और असम में 18, जम्मू कश्मीर में 17, महाराष्ट्र में 14, हरयाणा और उत्तरप्रदेश में 13, तेलंगाना में 10, झारखंड में नौ और बिहार में केवल छह बेड प्रति लाख आबादी उपलब्ध हैं.

भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानक (आईपीएचएस) 2012 के दिशानिर्देश के अनुसार जिला अस्पतालों को प्रति 1 लाख आबादी (2001 की जनगणना के जिला जनसंख्या औसत के आधार पर) कम से कम 22 बिस्तर बनाए रखने की सलाह दिया गया है. लेकिन गुरुवार नीति आयोग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार कई राज्य ऐसे हैं जहां मानकों का पालन नहीं किया जा रहा. खासकर बिहार की स्थित बदतर है।
हलाकि यह रिपोर्ट काफी कुछ हकीकत बया कर रहा है बिहार के जिला अस्पताल का हाल सच में काफी बूरा है ।

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