पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) के विरुद्ध देश में साम्प्रदायिक द्वेष और आतंकवाद को बढावा देने वाली गतिविधियों में लिप्त होने के पर्याप्त प्रमाण मिलने के बाद बिहार सरकार को केंद्र से परामर्श कर इस संगठन पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।
पीएफआइ इस्लामी छात्रों के संगठन सिमी का बदला हुआ रूप है। इससे सीमावर्ती प्रदेश बिहार और पूरे देश की सुरक्षा को खतरा बढ़ा।
राजद नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल कांग्रेस आतंकवादी साजिश में लिप्त पीएफआइ को बढ़ावा देती रही।
कर्नाटक में जब कांग्रेस की सिद्धारमैया सरकार सत्ता में आयी, तब इसने वर्ष 2013 में पीएफआई और इसकी राजनीतिक इकाई सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया ( एसजीपीआइ ) के 1600 कार्यकर्ताओं के विरुद्ध दंगा करने से संबंधित 176 मुकदमें वापस ले लिए थे।
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कांग्रेस सरकार के फैसले से कर्नाटक के विभिन्न इलाकों में साम्प्रदायिक हिंसा और तोड़फोड़ करने वाले पीएफआइ के लोगों का दुस्साहस बढ़ा।