पटना हाई कोर्ट ने बिहार स्टेट फूड कमीशन के चेयरमैन की नियुक्ति मामले पर सुनवाई करते हुए कमीशन के चेयरमैन को नोटिस जारी किया है।चीफ जस्टिस संजय करोल की संजय करोल की खंडपीठ ने वेटरन्स फोरम फोर ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक लाइफ की जनहित याचिका पर सुनवाई की।कोर्ट ने मामले को सुनवाई के लिए याचिका को स्वीकार कर लिया।
याचिका में राज्य सरकार के खाद्य व उपभोक्ता संरक्षण विभाग के एडिशनल सेक्रेटरी के हस्ताक्षर से जारी उस अधिसूचना को रद्द करने का आग्रह किया गया है।इसके तहत ही राज्यपाल के आदेश से चेयरमैन के पद पर नियुक्त किया गया है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार का उक्त मामले में कहना है कि बिहार स्टेट फूड कमीशन रूल, 2014 के सेक्शन 7 के तहत की गई नियुक्ति नेशनल फूड कमीशन एक्ट, 2013 के सेक्शन 16 और बिहार स्टेट फ़ूड कमीशन रूल, 2014 के सेक्शन 7 की पूरी तरह से उपेक्षा करके किया गया है।
अधिवक्ता दीनू कुमार ने कहा कि इस प्रकार से नियुक्ति करना सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट द्वारा दिये गए निर्णयों के विपरीत भी है। इसलिए चेयरमैन के पद पर की गई नियुक्ति गैरकानूनी, अनुचित और मनमाना है। चेयरमैन की नियुक्ति के लिए राज्यपाल के आदेश से राज्य सरकार के विशेष सचिव के हस्ताक्षर से 6 अप्रेल, 2017 को जारी अधिसूचना किया गया।
जबकि इसे अमल में लाने के लिए तीन सदस्यीय चयन कमेटी को बिहार स्टेट फ़ूड कमीशन के चेयरमैन मेम्बर की नियुक्ति हेतु अनुशंसा करनी थी। इस तरह ये नियुक्ति प्रावधान के विरूद्ध हैं।इस मामले पर आगे भी सुनवाई की जाएगी।