Press "Enter" to skip to content

पूर्ण शराबबंदी के बावजूद जारी है शराब का सेवन, छपरा में 1 साल में 50 की मौत

बिहार में पूर्ण शराबबंदी है लेकिन इसके बावजूद शराब से महिलाओं का सुहाग उजड़ रहा है। पिछले 1 साल में छपरा में बात करें तो शराब के कारण 50 से अधिक मौतें हुई हैं। इनमें कई मौतें प्रशासन की नजर में नहीं है।

छपरा के मकेर में शराब कांड की घटना के बाद एक बार फिर महिलाओं की आंखों में आंसू है और महिलाएं पूछ रही है कि सरकार बताइए कि शराबबंदी क्यों सफल नहीं है। छपरा शराब कांड में मृतकों की संख्या 9 पहुंच चुकी है जबकि 30 से अधिक लोग अब भी में बीमार है।

छपरा सदर अस्पताल में भी 11 मरीजों का इलाज चल रहा है जिसमें कुछ की हालत गंभीर है। बीमार लोगों में मकेर के भाथा नोनिआटोली के कामेश्वर महतो और लखन महतो का नाम भी शामिल है जिनकी की हालत अब गंभीर हो गई है। कामेश्वर महतो की पत्नी सुकांति देवी का रो रो कर बुरा हाल है। पति ने गांव में हुए पूजा के दौरान शराब पी थी और अब बीमार है। नौ लोगों की मौत हो चुकी है लिहाजा सुकांति देवी की आंखों में भय साफ तौर पर देखा जा सकता है।

सुकांति के तीन बच्चे हैं ऐसे में अगर कामेश्वर की मौत होती है तो बच्चों का क्या होगा इसकी चिंता अभी से ही सुकांति के चेहरे पर नजर आ रही है लेकिन सुकांति ने कामेश्वर का हाथ काफी मजबूती से थाम रखा है। उसे डर है कि कहीं हाथ छोड़ने पर जिंदगी की डोर न टूट जाए। कुछ ऐसी हालत सदर अस्पताल में भर्ती लखन महतो की भी है जिसने शराब पी और उसकी तबीयत बिगड़ गई। पत्नी लखनऊ में थी। घटना की सूचना मिली तो किसी तरह तरह भागते हुए छपरा सदर अस्पताल पहुंची और अब पति के पास डॉक्टर से उम्मीद लगाए बैठी है।

लगातार आ रही मौत की खबरों से लखन महतो की पत्नी ज्ञानती देवी के चेहरे पर भय साफ तौर पर देखा जा सकता है। ज्ञानती देवी देवी अपने पति के हाथ को पकड़ कर रखा है मानव छोड़ना नहीं चाहती कि कहीं पति उसे छोड़कर ही ना चला जाए। पास में बैठा बच्चा पापा को तड़पते देख रहा है। उसने कई बार पापा को रोका कि पापा शराब मत पियो लेकिन पापा ने शराब पी और अब हालत आपके सामने हैं।

More from खबर बिहार कीMore posts in खबर बिहार की »