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कौन किसको नचा रहा है आज भी इस सवाल का हल नहीं मिला है – अभयानंद

कौन किसको खेला रहा है?

उम्र रही होगी 5 साल की। रहता था बिहार के छपरा शहर में जो पूरे सारण जिले का मुख्यालय हुआ करता था। मेरे पिताजी जिले के पुलिस कप्तान थे। छुट्टी का दिन था। कप्तान साहब का बेटा होने के नाते घर से बाहर जाने की अनुमति नहीं थी। बाहर से पहरा होता था।

रिश्ते के एक बड़े भाई हमारे यहाँ आए हुए थे। उम्र में मुझसे काफ़ी बड़े थे। भोजन पश्चात उन्होंने मुझे बताया कि वे घूमने निकल रहे हैं, मैं भी चल सकता हूँ। घर की सुरक्षा में रहते रहते ऊब गया था सो बिना सोचे ही हामी भर दी। दोनों पैदल निकल पड़े। कुछ ही दूरी पर, उन्होंने मुझे एक बड़े मैदान में लोगों के बीच बैठा दिया। हम एक फुटबॉल मैच देखने लगे। मैं ज़िन्दगी में पहली बार यह देख रहा था। समझने की कोशिश कर रहा था। कुछ सवाल बड़े भाई से करता, तो वे अधिक नहीं बताते क्यूंकि स्वयं तल्लीन थे। कुछ देर बाद, समझ आया कि लोग बॉल को पैर से मार कर, एक-दूसरे से छीनने का प्रयास कर रहे हैं। मैं देख पा रहा था कि बॉल के हिसाब से खिलाड़ी भागते और बॉल भी खिलाड़ियों के अनुसार मारा जाता। खेल समाप्त हुआ। कुछ लोग खुश नज़र आ रहे थे, तो कुछ दुखी।

लौटते समय, प्रश्न बराबर आ रहा था – इस खेल में बॉल खिलाड़ियों को नचा रहा था या खिलाड़ी बॉल को नचा रहे थे? घर पहुँच गया पर उत्तर नहीं मिला। अभी तक इस उत्तर की तलाश में हूँ।

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