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आपदा को अवसर में बदलने का वक्त नहीं है मिल कर यूक्रेन में फंसे भारतीय को निकालने पर सोचे

आत्ममुग्धता और अपने पूर्वजों के सर ठीकरा फोड़ने की प्रवृति कमजोरी की निशानी है, इस समय भारत इसी दौर से गुजर रहा है। जो भी गड़बड़ हुआ उसके लिए गांधी और नेहरू जिम्मेदार है और जो अच्छा हो रहा है उसके लिए मैं और सिर्फ मैं ही हूं।

कल से अचानक यूक्रेन में फंसे छात्रों का परेशानी भरा मैसेज और फोन कॉल आना तेज हो गया इधर अभिभावक का हाल और बूरा हो गया है और जब से रूसी सेना द्वारा भारतीय लड़की को अगवा करने की खबर आयी है लोग और परेशान हो गये हैं ।

यूक्रेन में 15 हजार से अधिक भारतीय छात्र और छात्राएं फंसी हुई है पिछले दो दिनों के दौरान दो सौ तीन सौ करके चार पाच फ्लाइट भारत पहुंचा है एयरपोर्ट पर आत्ममुग्धता की यह स्थिति दिख रही थी जैसे जंग जीत करके आ रहे हैं मंत्री से लेकर संतरी तक पहुंचे हुए थे लेकिन रात से खबर आ रही है कि रूसी सेना भारतीय लड़की को अगवा कर लिया है मीडिया से लेकर मंत्री संतरी तक चुप्पी साध लिए हैं सरकार हेल्पलाइन नम्बर जारी कर दी है एयरपोर्ट पर स्वागत के लिए रेड कारपेट और गुलाब छात्र छात्राओं के आने का इन्तजार कर रहा है वही यूक्रेन में जो छात्र फंसे हुए हैं वो कह रहे हैं कि दूतावास फोन नहीं उठा रहा है ,देश स्तर पर जो हेल्पलाइन जारी किया गया है वो कोई रिस्पांस नहीं ले रहा है ।

ukraine

बिहार की बात करे तो अभी तक 51 लौटे है जबकि बिहार के 1200 सौ अधिक छात्र वहाँ मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है ।
पटना डीएम से बात हुई इन्होंने कहा कि बिहार के कितने छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं इसकी कोई सूची नहीं है बस जो दिल्ली और मुंबई पहुंच रहा है उसके घर तक पहुंचाने कि जिम्मेदारी सरकार ने दी है वही हो रहा है ।

बिहार सरकार के श्रम मंत्रालय के अधिकारी और मंत्री का भी यही हाल है बिहार के कितने बच्चे यूक्रेन में पढ़ रहे हैं कोई जानकारी नहीं है हां एक खगड़िया के डीएम है जो सूची जारी किया है कि उनके जिले के 11 बच्चे यूक्रेन में फंसा हुआ है अभी थोड़ी देर पहले खगड़िया डीएम का एक मैसेज आया है कि एक छात्र थोड़ी देर में मुंबई पहुंचने वाला है।

कल देर शाम बिहार के मुख्यसचिव बिहार के सभी डीएम से सूची उपलब्ध कराने को कहाँ है वैसे देश स्तर पर सूची जारी होनी चाहिए थी कि कितने छात्र और नागरिक यूक्रेन में फसा हुआ है ।

मंत्री जी भेजे गये हैं तो क्या हो रहा है छात्र उनसे कैसे सम्पर्क करे कहां से निकाला जा रहा है क्यों कि इस समय मीडिया ही एक ताकत है जो भारतीय नागरिक तक सूचना पहुंचा सकता है यूक्रेन के दूतावास को मजबूत बनाने कि जरूरत है और इस सब के लिए रूस क्या मदद कर सकता है इस पर बात होनी चाहिए सीधे वोट में शामिल नहीं होंगे इसका कोई मतलब नहीं है हर सहयोग के लिए रूस से सौदा होना चाहिए की हमारे नागरिक को सुरक्षित निकालने का मौका दीजिए ।

क्यों कि युद्ध विनाशकारी होगा ऐसा दिखने लगा है रूस यूक्रेन पर कब्जा करने को लेकर किसी भी हद तक जाने का मन बना लिया है वही यूक्रेन भी झुकने को तैयार नहीं है ऐसे में अब जो युद्ध होगा वो बेहद भयानक होगा और इस दौरान मानवता के सारे रिश्ते खत्म हो जाएंगे ऐसे में भारत सरकार को पहले लड़कियों को वहां से बाहर निकाले क्यों कि जो सोशल मीडिया का जमाना है और जो खबरें आ रही है वो परेशान करने वाली है ।

आपदा में अवसर की तलाश छोड़ के इस समय सब मिल के काम करने की जरूरत है ।

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