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NHRC की रिपोर्ट में खुलासा; बिहार में सारण जहरीली शराब त्रासदी में 77 लोगों की हुई है मौत, अधिकारियों ने जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या दबाई

पटना। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने बिहार में दिसंबर 2022 में सारण और सीवान जिलों में हुई जहरीली शराब त्रासदी में “मृतकों की संख्या को कम करने” के लिए अधिकारियों को दोषी ठहराया है और कहा है कि इस घटना में सरकार के खिलाफ कम से कम 77 लोग मारे गए थे। राज्य सरकार ने इस घटना में केवल 44 लोगों की मौत की बात स्वीकार की थी।

एनएचआरसी की एक 13-सदस्यीय टीम, जिसने जहरीली शराब त्रासदी की जांच की, ने यह भी देखा कि “2016 में राज्य में शराबबंदी लागू होने के बाद से नकली शराब के सेवन से होने वाली मौतें बिहार की कानून व्यवस्था का हिस्सा बन गई हैं।”

NHRC की रिपोर्ट, जिसे हाल ही में एनएचआरसी की वेबसाइट पर अपलोड किया गया था ने घटना में स्थानीय प्रशासन और आबकारी विभाग की “अक्षमता” को भी उजागर किया है। एनएचआरसी ने अपनी 18 पन्नों की रिपोर्ट में दावा किया कि जिला प्रशासन ने बिना किसी पोस्टमॉर्टम के 33 लोगों के शवों का अंतिम संस्कार कर दिया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मौतों के अलावा, सात लोगों ने जहरीली शराब त्रासदी में अपनी आंखों की रोशनी खो दी थी।

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रिपोर्ट में मृतकों के परिवारों को मुआवजा नहीं देने के राज्य सरकार के फैसले को भी ‘अनुचित’ बताया गया है।

NHRC ने घटना का स्वत: संज्ञान लेने के बाद 21 से 23 दिसंबर के बीच जांच करने के लिए एक टीम भेजी थी। टीम ने सदर अस्पताल, विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का दौरा किया था और शोक संतप्त परिवार के सदस्यों से बात की थी।

NHRC की रिपोर्ट का हवाला देते हुए, सारण के सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कहा “रिपोर्ट में पटना उच्च न्यायालय की टिप्पणी का भी जिक्र है कि राज्य सरकार शराबबंदी कानून को लागू करने में विफल रही है। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि मरने वालों में से अधिकांश गरीब और समाज के कमजोर वर्ग से थे।

बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुभानी ने कहा: “बिहार सरकार को अभी तक एनएचआरसी जांच समिति की रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है।”

35 हजार करोड़ के नुकसान, 1000 मौतों के बाद भी शराबबंदी की समीक्षा क्यों नहीं ? :सुशील मोदी

पटना । पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार को 35 हजार करोड़ की राजस्व क्षति, जहरीली शराब पीने वाले 1000 से ज्यादा लोगों की मौत और 6 साल में 4 लाख गरीबों के जेल जाने के बाद भी क्या शराबबंदी की समीक्षा नहीं होनी चाहिए?

  • सारण में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 100 पार, आंकड़े छिपा रही सरकार
  • गरीब आश्रितों को मिले मुआवजा, इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न न बनायें मुख्यमंत्री

उन्होंने कहा कि भाजपा शुरू से पूर्ण मद्यनिषेध नीति का समर्थन करती रही हैै, लेकिन नीतीश सरकार इसे लागू करने में पूरी तरह विफल है।

श्री मोदी ने कहा कि सरकार की नाकामी के कारण शराबबंदी ने पुलिस-प्रशासन के लोगों को 10 हजार करोड़ की अवैध कमाई करने और गरीबों को प्रताड़ित करने की खुली छूट दी। क्या इन बातों की समीक्षा नहीं होनी चाहिए?

उन्होंने कहा कि सारण में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 100 से ज्यादा हो चुकी है। राज्य सरकार वास्तविक आंकड़े छिपा रही है।

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श्री मोदी ने कहा कि मृतकों के परिवारों को पुलिस धमका रही है, इसलिए लोग दूसरी जगह जाकर अन्त्येष्टियां कर रहे हैं।

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उन्होंने कहा कि शराब पीने वालों पर परिवार का कोई जोर नहीं चलता। जहरीली शराब से मौत होने पर मुसीबतें परिवार पर टूटती हैं, इसलिए उन्हें मुआवजा मिलना चाहिए।

श्री मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार गरीब, पिछड़ा, अतिपिछड़ा और दलित समाज के विरोधी हो गए हैं। उन्हें मुआवजे को प्रतिष्ठा का प्रश्न नहीं बनाना चाहिए।

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शराबबंदी को लेकर जहानाबाद उत्पाद विभाग लगातार कर रही कार्रवाई, एक बार फिर 53 लोग गिरफ्तार

जहानाबाद। बिहार में पूर्ण शरराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद शराब का कारोबारी और इसका सेवन करने वाले लोग अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं। शराबबंदी कानून के उल्लंघन के आरोप में हर दिन सैकड़ों लोग पकड़े भी जा रहे हैं लेकिन यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।

खासकर दीपावली के त्योहार को लेकर इन दिनों पुलिस और उत्पाद विभाग की टीम काफी सख्त हो गई है। ताजा मामला जहानाबाद से सामने आया है, जहां उत्पाद विभाग की टीम ने अभियान चलाकर तीन महिला समेत 53 लोगों को गिरफ्तार किया है।

उत्पाद विभाग की टीम ने शनिवार की रात जहानाबाद के विभिन्न थाना क्षेत्रों के अलग-अलग गांवों में विशेष अभियान चलाकर शराब बेचने वाली तीन महिला समेत कुल 53 लोगों को गिरफ्तार किया है।

गिरफ्तार लोगों में कुछ शराब के कारोबार में लिप्त हैं तो वहीं कुछ लोग शराब का सेवन करने के आरोप में पकड़े गए हैं। उत्पाद विभाग की इस कार्रवाई के बाद शराब कारोबारियों और शराब पीने वाले लोगों में हड़कंप मच गया है।

शराब बंदी के बावजूद धड़ल्ले से जारी है तस्करी, जहानाबाद स्टेशन से एक तस्कर गिरफ्तार।

जहानाबाद। जहानाबाद की जीआरपी थाना पुलिस ने स्थानीय स्टेशन पर जांच के दौरान 36 बोतल शराब के साथ एक कारोबारी को गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तार शराब कारोबारी से पूछताछ के बाद जीआरपी ने उसे जेल भेज दिया। जीआरपी थानाध्यक्ष मोनू राजा ने बताया कि बुधवार की सुबह स्टेशन पर जांच के दौरान प्लेटफार्म एक पर खड़े एक व्यक्ति को संदेह के आधार पर पकड़ा गया।

मोनू राजा, जीआरपी प्रभारी, जहानाबाद

पकड़े गए व्यक्ति की तलाशी लेने पर उसके पास स्थित बैग से 36 बोतल शराब जो कि 18लीटर है बरामद की गई। जीआरपी ने तत्काल उसे गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तार शराब कारोबारी रंजन कुमार जिले के मंगल बिगहा के रहने वाला है।

पुलिस के लिए परेशानी का सबब बना बभना गांव, शराब तस्कर खुलेआम दे रहे चुनौती।

जहानाबाद पुलिस के लिए वार्ड नंबर एक का बभना गांव सर दर्द साबित हो रहा है। पुलिस हर हफ्ते 2 हफ्ते पर इस गांव में छापेमारी करती है और धंधेबाज फिर से शराब बनाने के काम में जुट जाते हैं।

शनिवार को एक बार फिर से डीएसपी और उत्पाद अधीक्षक के नेतृत्व में टाउन थाने की पुलिस के साथ थी एंटी लिकर टास्क फोर्स ने संयुक्त कार्रवाई की। बभना महादलित टोले के समीप छापेमारी कर गैलन और बोतलों में बंद महुआ शराब जब्त किया। छापेमारी के क्रम में एक धंधेबाज को गिरफ्तार किया गया है। किसके ऊपर उत्पाद अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया।

अश्विनी कुमार, उत्पाद अधीक्षक, जहानाबाद

अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ने बताया कि गांव में शराब बनाने का काम लगातार जारी है। पुलिस कार्रवाई करती है और धंधेबाज फिर से उसी काम में जुड़ जाते हैं। एसडीपीओ ने यह भी बताया कि शराब तस्करों के ऊपर कार्रवाई लगातार जारी रहेगी जब तक कि यह पूरी तरह बंद ना हो जाए।

अशोक पांडेय, एसडीपीओ, जहानाबाद

पुलिस को धोखा देकर जारी है शराब कारोबार, हजारों लीटर शराब नष्ट

पुलिस ने जहां भी हाथ डाला शराब ही शराब। यह तस्वीरें हैं जहानाबाद शहर के नजदीक बभना गांव की। जहां एसडीपीओ अशोक कुमार पांडे और उत्पाद अधीक्षक अश्विनी कुमार के नेतृत्व में शराब कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई।

कार्रवाई में 50 लीटर शराब बरामद किया गया तो हजारों लीटर शराब को बर्बाद करना पड़ा। इस दौरान छापेमारी दल को भारी मात्रा में जावा महुआ मिला। इस दौरान शराब के धंधे में लिप्त एक घर को सील भी किया गया है। हालांकि पुलिस के आने की खबर मिलते ही कारोबारी फरार हो गए।

दरअसल जहानाबाद की पुलिस शराब का धंधा करने एवं पीने वालों के खिलाफ लगातार अभियान चला रही है। जिसके तहत उत्पाद विभाग की पुलिस के साथ ही टाउन थाने की पुलिस लगातार शराब कारोबारियों पर दबिश डाल रही है। नगर थाना क्षेत्र के बभना का इलाका शराब के धंधे के लिए बदनाम रहा है यहां पुलिस लगातार कार्रवाई करती है और धंधा वालों पर नकेल कसती है।

कुछ दिन पहले ही टाउन थाना के दरधा नदी इलाके से भारी मात्रा में शराब की बरामदगी की गई थी। एक बार फिर इस बड़ी कार्रवाई के बाद शराब के धंधेबाजों में खलबली मच गई है।

भागलपुर में मौत का आकड़ा 17 तक पहुँचा

शमशान घाट में लगता जा रहा लाशों का अंबार, जहरीली शराब ने कितनों की ले ली आंखों की रौशनी तो कितनों की गई जान, कई मोहल्लों में छाया मातम। शासन अलर्ट मोड में, कहां – बॉर्डर पर रहेगी नाकेबंदी, शराब तस्कर पर नकेल कसने के लिए प्रशासन पूर्णरूपेण है तैयार।

भागलपुर,होली के दौरान पिछले 48 घंटे में भागलपुर जिले के अलग-अलग जगहों में 17 लोगों की संदिग्ध हालत में मौत हो जाने से पूरा प्रशासनीक महकमा सवाल के घेरे में आ गई है । सवाल है आखिर बिहार में जहरीली शराब आ कैसे रही है।वही दुसरी ओर बांका में 12 और मधेपुरा में भी 3 लोगों की इसी तरह जान चली गई। सबों के मौत का सिस्टम एक ही, पहले पेट दर्द फिर उल्टी होना उसके बाद सांस लेने में परेशानी और सिर चकराने लगना उसके बाद मौत। कई परिजनों ने शराब पीने की बात भी बताई।

कोविड के दो साल बाद होली का रंग चढ़ा ही था की पूरे सूबे को फिर से किसी की नजर लग गई। उसका दाग भागलपुर के अलावे कई शहरों को दागदार बना दिया। एक साथ कई लोगों की संदिग्घ मौत प्रशासन के सिस्टम पर सीधे सवाल खड़ा कर रही है। पूरे सूबे में सरेआम चर्चा है कि जहरीली शराब के पीने से ही मौत हो रही है। फिलहाल जांच किया जा रहा है। डीएम सुब्रत सेन और एसएसपी बाबू राम पूरी घटना के बाद अलर्ट हैं। लेकिन एक बात है कि शराब पीने वाला शराब ही नहीं पीता, माँ की खुशी, पत्नी का सुकून, बच्चों के सपने और पिता की प्रतिष्ठा भी पी जाता है। भागलपुर के बरारी शमशान घाट पर जलती लाश जो बयां कर रहा है, वह कोविड काल की याद दिला रहा है।

अब सवाल यह उठता है कि जब पूरे बिहार में शराबबंदी है तो फिर बिहार के हर जिले में शराब आता कहां से है? पूरे बिहार में शराबबंदी के बाबजूद है लोग शराब पीते क्यों हैं?

शराबबंदी कानून को लेकर नीतीश कुमार को थानेदारी ने दी चुनौती

सात समुन्दर पार मैं तेरे पीछे पीछे आ गयी मैं तेरे पीछे पीछे आ गयी , हाथ में जाम और बाहों में हसीना के साथ कोलकत्ता के सोना गांछी में थिरक रहा ये नौजवान किसी नेता का पुत्र नहीं है, किसी बड़े व्यापारी का बेटा भी नहीं है, ये हैं कानून के रखवाले बिहार के सहरसा जिले के सदर थाना का थाना अध्यक्ष जयशंकर प्रसाद का। जिनका यह वीडियो सोमवार की दोपहर में सहरसा से पटना के लिए चला लेकिन इसका रसुख यह है कि पटना में जहां पहुंचा वहां थानेदार का सिक्का पहुंच गया कई जगह खबर लगी भी लेकिन कुछ देर में उतरभी गयी

देर शाम यह वीडियो मेरे पास भी आया भेजने वाले का यही कहना था अब सब कुछ आपके ही हवाले है। कोई चलाने को तैयार नहीं है लगता है थानेदार को बचाने में कोई ना कोई बड़ी ताकत खड़ा है।

हसीनों के बाहो में जाम छलकाता थानेदार

खैर जितनी भी बड़ी ताकत क्यों ना हो लेकिन जिस जिले की यह घटना है वहां की एसपी लेडी सिंघम है और डीआईजी सुपर कॉप शिवदीप लांडे हैं इन दोनों के रहते वीडियो के वायरल होने के 24 घंटे बाद भी कार्रवाई नहीं हुई है तो मामला गंभीर जरुर है वो भी मामला सीधे सीधे शराब से जुड़ा है ।फिर पड़ताल शुरु हुआ और इस दौरान कोसी और सीमाचंल में क्या हो रहा है इसको लेकर बहुत कुछ समझने को मिला।

थानेदार जयशंकर प्रसाद को लेकर जो खबरें आ रही है वो बेहद चौकाने वाला है 2009 बैच का यह दरोगा है इसके पहले यह पूर्णिया जिला में था जहां भूमाफिया के साथ साठगांठ का गंभीर आरोप लगा था उसके इसी चरित्र की वजह से एसएसपी और डीआईजी ने कार्रवाई भी किया था लेकिन वहां से वह बच निकला।

इस दरोगा के सिर पर किसी ना किसी का हाथ तो जरुर है दागी होने के बावजूद इसको सहरसा में सदर थाना का थाना अध्यक्ष बना दिया गया जबकि यह थाना पुलिस मुख्यालय स्तर पर इंस्पेक्टर रैक के अधिकारी के लिए नोटिफाइड है।फिर भी ये सिर्फ प्रशासनिक मसला है ,बड़ा मसला यह है कि जिस शराबबंदी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार किसी स्तर पर समझौते को तैयार नहीं है ऐसे में एक थानेदार का यह चरित्र बहुत कुछ कहता है आखिर थाने स्तर पर हो क्या रहा है इस वीडियो के सहारे समझा जा सकता है।

वैसे कोसी और सीमाचंल में तैनात बहुत सारे पदाधिकारियों का यही हाल है मुख्यमंत्री के सख्त रुख के बावजूद इनका वीकेंड नेपाल या फिर कोलकत्ता में गुजरता है।

बिहार में शराब, शराब माफिया और पुलिस की मिलीभगत से बिक रहा है -हाईकोर्ट

पटना हाईकोर्ट ने राज्य में शराबबंदी के बाद भी हर दिन बड़ी मात्रा में विभिन्न श्रोतों से लगातार शराब की बरामदगी पर कड़ी टिप्पणी की। जस्टिस संदीप कुमार ने गंगाराम की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए टिप्पणी किया कि ये स्थिति क्यों नहीं पुलिस और शराब कारोबारियों के बीच मिलीभगत माना जाए।

कोर्ट ने सरकार की कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुते कहा कि कोर्ट यह क्यों नही माने को शराब के अवैध व्यापार का नेटवर्क चलाने वाले माफिया का पुलिस के साथ साठगांठ है ?

कोर्ट ने उत्पाद आयुक्त सह आई जी,उत्पाद अधिकारियों और पुलिस के अधिकारियों से जवाब तलब किया हैं।कोर्ट ने ये भी बताने को कहा कि अब तक राज्य में शराबबंदी में कितने आपूर्तिकर्ता या माफिया को पकड़ा गया और क्या कार्रवाई की गई है ।

हाई कोर्ट ने कहा कि करीब एक साल पुराने मामले में आरोपी अग्रिम जमानत मांग रहा है। पुलिस इसे नही पकड़ पाई है ,तो उन माफियाओं न जाने कितने साल से नही पकड़ पा रही होगी ,जिनके व्यापारिक नेटवर्क के जरिये शराब का अवैध व्यापार होता है।

इस अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए एपीपी झारखंडी उपाध्याय ने कोर्ट को बताया कि पुलिस सेशल टास्क फोर्स गठित कर शराबबंदी को तोड़ने वालों पर लगाम लगा रही है ।

मामले की अगली सुनवाई एक हफ्ते बाद होगी ।

शराबबंदी को लेकर बीजेपी और जदयू आमने सामने

शराबबंदी को लेकर बीजेपी और जदयू अब दो दो हाथ करने के मूड में पिख रहा है बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा शराबबंदी कानून पर सवाल खड़े करने पर जदयू ने भी तीखा प्रहार किया है और जदयू के प्रवक्ता अभिषेक झा ने संजय जायसवाल को अज्ञाणी तक कह दिया माननीय Sanjay Jaiswal जी,

इस देश में जघन्य अपराधों के लिए कड़े कानून हैं लेकिन उसके बावजूद वैसे अपराध होते हैं।
बिहार में सुशासन है और सुशासन में जो भी गलत करेगा, अफसर हो या कोई और, दंडित होगा। सुशासन की सरकार की नीति है ना किसी को फसाना और ना किसी को बचाना।

थोड़ा ज्ञान वर्धन कर लीजिए अध्यक्ष जी,

गोपालगंज में जहरीली शराब कांड एक उदाहरण है जहां जहरीली शराब बेचने वाले लोगों को फांसी तक की सजा हुई है।

पुलिस विभाग के 250 से ज्यादा और एक्साइज डिपार्टमेंट के 10 से ज्यादा लोगों को शराबबंदी कानून में गड़बड़ी करने की वजह से बर्खास्त तक किया गया है और बड़ी संख्या में अधिकारियों पर विभागीय कारवाई चल रही है।

शराबबंदी के पहले चरण में देशी शराब को बंद किया गया। विधान परिषद में आपके सम्मानित नेता सुशील कुमार मोदी जी ने विदेशी शराब को बंद करने की मांग की लिहाजा दूसरे चरण में विदेशी शराब को बंद करके पूर्ण शराबबंदी को लागू किया गया।
यदि स्मरण ना हो तो विधान परिषद की प्रोसिडिंग मंगाकर पढ़ लीजिए।

अपने पूर्व के बयानों को भी जरा ध्यान से पढ़िए जहां आप गठबंधन की जड़ में मट्ठा देने की बात कर रहे थे और आज एक बार फिर से अपने ही गठबंधन की सरकार के विरोध में बोल रहे हैं।
हर आदमी को कुछ बोलने से पहले आत्म अवलोकन करना चाहिए।

सामाजिक कर्तव्य राजनीति से जुड़ा मसला होता है। शराबबंदी के लिए कानून बनाने की प्रक्रिया में आप भी साझीदार रहे हैं। शराबबंदी के लिए जब सदन के अंदर शपथ लिया गया, सभी दल साथ थे। हाल के दिनों में एनडीए विधायक दल की बैठक में सभी सदस्यों ने दोनों हाथ उठाकर शराब बंदी के पक्ष में अपना समर्थन दिया।
आप अपने दल के प्रदेश अध्यक्ष हैं लेकिन अद्भुत विरोधाभास है कि आप अपने अनुभव से विधायकों को लाभान्वित नहीं करवाते हैं।
आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने गांधी मैदान के प्रकाश उत्सव में साफ तौर पर कहा था कि माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के द्वारा लिया गया शराबबंदी का फैसला साहसिक व सराहनीय है। सभी दलों और संगठनों को इसमें सहयोग करना चाहिए।

आदरणीय प्रधानमंत्री जी की भावना का सम्मान करते हुए आपने भी शराबबंदी कानून को बनाने की प्रक्रिया में अपना सहयोग दिया लेकिन जहां तक मेरी स्मरण शक्ति है आपको शराबबंदी की आलोचना करने का अधिकार नहीं दिया गया है फिर भी न जाने कौन से ऐसे अज्ञात कारण है जिसके चलते आपके द्वारा आलोचना के ही सुर निकलते हैं।

आलोचना करिए, आपका अधिकार है लेकिन ज्ञान वर्धन भी कीजिए।

अपने संगठन के प्रदेश अध्यक्ष के रुप में आप दावा करते हैं कि आपका संगठन बूथ आधारित है। हम आपसे अनुरोध करेंगे कि प्रधानमंत्री जी की भावना और आपके विधानमंडल दल के सदस्यों की भावना का सम्मान करते हुए आप संगठन की प्रारंभिक इकाई को शराबबंदी को सफल बनाने का सामाजिक उत्तरदायित्व दें।
माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने हर गांव तक बिजली पहुंचाई है और बिजली के हर खंभे पर शराबबंदी कानून को तोड़ने वाले लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करने हेतु टॉल फ्री नंबर जारी किया गया है। अपने प्रारंभिक इकाई के सदस्यों को भी इस टॉल फ्री नंबर का उपयोग करने का निर्देश दें।

आपको हमसे राजनीतिक पीड़ा हो सकती है लेकिन आपसे हाथ जोड़कर अनुरोध है कि जिस तरह आप लोग राजनीतिक कार्यशाला का आयोजन करते हैं उसी तरह शराबबंदी को सफल बनाने हेतु भी कार्यशाला का आयोजन करिए। प्रधानमंत्री जी और अपने दल के विधायकों की भावना का सम्मान करते हुए आप यदि अपनी प्रारंभिक इकाई को भी शराब बंदी के इस अभियान में शामिल होने का निर्देश दीजिएगा तो और अच्छा होगा।

प्रधानमंत्री जी ने सभी संगठन और दलों से शराबबंदी को सफल बनाने के लिए कहा था जिसमें आप लोग भी शामिल थे।
आपको उनकी भावना की कद्र करनी चाहिए, लेकिन आपको आलोचना करने का अधिकार किसने दिया?

शराबबंदी कानून को लेकर राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका कहां बेवजह कोर्ट का समय जाया ना करे

शराबबंदी को लेकर राज्य सरकार के जिद्द को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है मंगलवार को राज्य के कड़े शराबबंदी कानून के तहत आरोपियों को अग्रिम और नियमित जमानत देने को चुनौती देने वाली विभिन्न अपील को यह कहते हुए सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया कि इन मामलों ने अदालतों के काम पर असर डाला है।पटना हाईकोर्ट के 14 से 15 जज केवल इन मामलों की ही सुनवाई कर रहे हैं. सीजेआई एन वी रमण के नेतृत्व वाली पीठ ने बिहार सरकार की इस दलील को खारिज कर दिया कि आरोपियों से जब्त की गई शराब की मात्रा को ध्यान में रखते हुए जमानत आदेश पारित करना सुनिश्चित करने के लिए दिशा निर्देश तैयार किए जाएं.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ‘आप जानते हैं कि इस कानून (बिहार मद्य निषेध और उत्पाद अधिनियम 2016) ने पटना हाईकोर्ट के कामकाज पर कितना प्रभाव डाला है और वहां एक मामले को सूचीबद्ध करने में एक साल लग रहा है, सभी अदालतें शराब से संबंधित जमानत मामलों से भरी पड़ी हैं.’

राज्य सरकार के अपील को खारिज करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि इन मामलों में 2017 में उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दी गई थी, इसलिए अब इसके लिए याचिकाओं से निपटना उचित नहीं होगा, चीफ जस्टिस ने इस पर चुटकी लेते हुए कहा कि आपके हिसाब से हमें सिर्फ इसलिए जमानत नहीं देनी चाहिए, क्योंकि आपने कानून बना दिया है।

पीठ ने तब हत्या पर भारतीय दंड संहिता के प्रावधान का हवाला दिया और कहा कि जमानत और कभी-कभी, इन मामलों में अदालतों द्वारा अग्रिम जमानत भी दी जाती है. पीठ ने कहा कि राज्य में इन मामलों की वजह से अदालतों का काम बुरी तरह प्रभावित हुआ है।पीठ ने राज्य सरकार से मुकदमे आगे बढ़ाने को कहा है, क्योंकि उसने जांच पूरी करने के बाद इन मामलों में आरोप पत्र दाखिल किया है।

सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का बिहार में शराबबंदी कानून पर दूरगामी परिणाम सामने आयेंगा और आने वाले समय में इस मामले में गिरफ्तार अभियुक्त राहत मिल सकती है ।

शराबबंदी को लेकर मांझी ने नीतीश पर फिर बोला हमला कहां शराबबंदी कानून गरीबों के लिए है

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने आज एक बार फिर शराबबंदी को लेकर नीतीश पर हमला बोला है मांझी ने कहा कि बिहार में भले ही पूर्ण शराबबंदी का दावा सरकार कर रही है लेकिन अभी भी राज्य में ये ओपन सीक्रेट है, ये सत्य है कि जो बड़े लोग हैं, जो ठेकेदार हैं, धनवान हैं और रसूख वाले लोग जैसे- आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर, इंजीनियर रात में शराब पीते है इस कानून में मारा गरीब जा रहा है इसलिए नीतीश कुमार को एक बार फिर से सोचना चाहिए ।

शराबबंदी पर मांझी ने नीतीश को फिर घेरा कहाँ बड़े लोग खुब पीते हैं शराब

न राज्य में शराब आने देंगे और न किसी को शराब पीने देंगे इसी मानसिकता के साथ काम करें -सीएम नीतीश कुमार

मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 7 घंटे तक मद्य निषेध के क्रियान्वयन से संबंधित उच्च स्तरीय मैराथन समीक्षा बैठक की

मुख्यमंत्री के निर्देश :

  • शराबबंदी के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। जिन्हें जिम्मेदारी दी गई है वे पूरी मुस्तैदी एवं मनोयोग के साथ काम करें।
  • न राज्य में शराब आने देंगे और न किसी को शराब पीने देंगे इसी मानसिकता के साथ काम करें।
  • जो भी सरकारी अधिकारी, कर्मी गड़बड़ी करते हैं उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई करें।
  • शराब के धंधे एवं शराब के सेवन में लिप्त किसी भी व्यक्ति पर कठोरता के साथ कार्रवाई करें।
  • पटना राजधानी है यहां विशेष सतर्कता बरतें।
  • शराब सेवन से होने वाली हानि के बारे में लोगों को जागरुक करें। मद्य निषेध को लेकर गांधी जी के विचारों का व्यापक प्रचार-प्रसार करें।
  • वर्ष 2016 में डब्ल्यू०एच०ओ० ने एक सर्वे कराया था, जिसमें शराब के सेवन से होने वाली हानियों के संबंध में रिपोर्ट प्रकाशित की गयी थी, इसके बारे में भी लोगों को बतायें।
  • सतत् जीविकोपार्जन योजना के तहत लाभार्थियों की सही पहचान कर उन्हें इसका लाभ दिलाएं।
  • कॉल सेंटर में कॉल करने वाले लोगों की गोपनीयता बरकरार रखें और इसका बेहतर ढंग से क्रियान्वयन करें। शिकायतकर्ता की संतुष्टि और शिकायतों के निष्पादन के संबंध में पूरी तरह से एक्टिव रहें ।
  • बॉर्डर एरिया में शराब सप्लाई के रुट्स को चिन्हित कर लगातार छापेमारी करें।
  • ए०डी०जी० / आई०जी० / डी०आई०जी० स्तर के पदाधिकारी नियमित रूप से क्षेत्र भ्रमण करें और निचले स्तर तक क्रियान्वयन का जायजा लें।गृह विभाग तथा मद्य निषेध विभाग आंतरिक सतर्कता विंग की व्यवस्था करें ताकि विभागीय अधिकारियों/ कर्मियों पर भी नियमित नजर रखी जा सके।
  • 15 दिन में जिलाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक / पुलिस अधीक्षक, उत्पाद अधीक्षक एवं विशेष लोक अभियोजक एक बार साथ बैठक कर शराबबंदी के क्रियान्वयन के संबंध में समीक्षा करें। जिलों के प्रभारी मंत्री और प्रभारी सचिव महीने में एक बार जिलों के विकास कार्यों की समीक्षा करने के साथ-साथ शराबबंदी के क्रियान्वयन की भी समीक्षा करें।
  • सभी थानों में चौकीदारों पर विशेष नजर रखें और उन्हें गांव में गड़बड़ी करने वालों के संबंध में पूरी सूचना देने को कहें। जिन थाना प्रभारियों के कार्य में शिथिलता पायी गई हैं उन्हें 10 वर्षों तक थाना प्रभारी नहीं बनाए जाने का निर्णय लिया गया था, इस पर पूरी सख्ती से अमल करें।

पटना, 16 नवम्बर 2021 :- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित ‘संवाद’ में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 7 घंटे तक मद्य निषेध के क्रियान्वयन से संबंधित उच्च स्तरीय मैराथन समीक्षा बैठक की। समीक्षा के दौरान पुलिस अधीक्षक मद्य निषेध ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रोविशन इनफोर्समेंट लीकर रिकवरी एंड डिस्ट्रक्शन, केस रजिस्टर्ड एंड अरेस्टिंग, कन्विक्शन, प्रोनिशन कॉल सेंटर, डिसिप्लिनरी एक्शन, प्रचार-प्रसार अभियान आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।

समीक्षा के दौरान पुलिस महानिदेशक श्री एस०के० सिंघल ने मुख्यमंत्री द्वारा पूछे गये शराबबंदी से जुड़े प्रश्नों का सिलसिलेवार जवाब दिया और आगे की जाने वाली कार्रवाईयों के संबंध में भी विस्तृत जानकारी दी।

अपर मुख्य सचिव, गृह श्री चैतन्य प्रसाद ने विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों के संबंध में अद्यतन जानकारी दी।

सभी जिलों के वरीय पुलिस अधीक्षक / पुलिस अधीक्षक ने अपने-अपने जिलों में मद्य निषेध के क्रियान्वयन के संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जानकारी दी। समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं की मांग पर 05 अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू की गयी। विधानसभा और विधान परिषद् में सर्वसम्मति से शराबबंदी कानून परित किया गया। सभी विधान सभा एवं विधान परिषद् सदस्यों सहित सभी सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने शराबबंदी के पक्ष में शपथ ली थी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 से 2019 तक शराबबंदी के क्रियान्वयन की लगातार समीक्षा भी की गई है। उसके बाद कोरोना का दौर आया और उसमें भी शराबबंदी के क्रियान्वयन को लेकर समय-समय पर समीक्षा की जाती रही है। 21 जनवरी 2017 को 04 करोड़ लोगों ने मानव श्रृंखला बनाकर शराबबंदी के पक्ष में अपना समर्थन दिया था। हाल ही में 05 नवंबर को शराबबंदी को लेकर भी समीक्षा बैठक हुई थी, जिसमें तय किया गया था कि 18 नवंबर को शराबबंदी के क्रियान्वयन के एक-एक बिंदु पर विस्तृत समीक्षा की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2016 में डब्ल्यूएचओ ने सर्वे कराया था, जिसमें बताया गया था कि शराब के सेवन से कितनी हानि होती है 20 से 39 वर्ष आयु वर्ग के लोगों की पूरी दुनिया में जितनी मौतें होती है उसमें शराब पीने के कारण 13.5 प्रतिशत लोगों की मृत्यु होती है 2018 में पूरी दुनिया में शराब पीने के कारण 30 लाख लोगों की मृत्यु हुयी है जो कुल मृत्यु का 6.3 प्रतिशत है। इस रिपोर्ट में शराब पीने के कारण होने वाली कई गंभीर बीमारियों के बारे में बताया गया है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी के कारण राज्य में अपराध की घटनाओं में और कमी आयी है। पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया है। उन सभी जनप्रतिनिधि महिलाओं, अन्य संस्थाओं एवं जीविका के माध्यम से लोगों को शराब सेवन से होने वाली हानि के बारे में जागरूक किया जा रहा है, इस काम में और तेजी लायें मद्य निषेध को लेकर गांधी जी के विचारों का व्यापक प्रचार-प्रसार करें पेंटिंग, नुक्कड़ नाटक एवं अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को शराब से होने वाली हानि के संबंध में जागरूक करें। शराब सेवन से छुटकारे के लिए अस्पतालों में बनाए गए नशामुक्ति केंद्र में जाने के लिए लोगों को प्रेरित करें।

शराबबंदी को लेकर सरकार एक्शन में

मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। जिन्हें जो जिम्मेदारी दी गई है वो पूरी मुस्तैदी एवं मनोयोग के साथ काम करें। न राज्य में शराब आने देंगे और न किसी को शराब पौने देंगे, इसी मानसिकता के साथ काम करें जो भी सरकारी अधिकारी, कर्मचारी गड़बड़ी करते हैं उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई करें। समाज में कुछ गड़बड़ करने वाले लोग होते हैं। ज्यादातर लोग अच्छे होते हैं गड़बड़ करने वाले लोगों की पहचान कर उन पर ऐक्शन लें कोई भी व्यक्ति किसी से संबद्ध हो पूरी पारदर्शिता के साथ उन पर कार्रवाई करें। सभी लोगों पर नियमानुसार कार्रवाई किसी को बख्शना नहीं है। वास्तविक रूप से शराब के धंधे में लिप्त लोगों की गिरफ्तारी हर हालत में हो। पटना राजधानी है यहां विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 28 नवंबर को नशामुक्ति दिवस पर सभी सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को एक बार पुनः शराबबंदी को लेकर मजबूती से शपथ दिलाएं सभी मंत्रीगण, सभी विधायकगण, सभी विधान पार्षदगण सहित सभी जनप्रतिनिधि भी शपथ लें। उन्होंने कहा कि सभी को संकल्प लेकर शराबबंदी को कारगर बनाने के लिए एकजुट होकर काम करना है। उन्होंने कहा कि नीरा उपयोगी है। इसका न सिर्फ स्वाद अच्छा है बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। इससे लोगों की आमदनी भी बढ़ेगी और रोजगार भी मिलेगा। नीरा के उत्पादन को पुनः शुरू करायें सतत् जीविकोपार्जन योजना के तहत लाभार्थियों की सही पहचान कर उन्हें इसका लाभ दिलाएं।

शराबबंदी पर सरकार किसी भी तरह के समझौते के मूड में नहीं

मुख्यमंत्री ने कहा कि कॉल सेंटर में कॉल करने वाले लोगों की गोपनीयता बरकरार रखें और इसका बेहतर क्रियान्वयन करें शिकायतकर्ता की संतुष्टि और शिकायतों के निष्पादन के संबंध में पूरी तरह से एक्टिव रहें बिजली के पोल तथा ट्रांसफार्मर पर कॉल सेंटर का नंबर हर जगर अंकित होना चाहिए। बॉर्डर एरिया में शराब सप्लाई के फट्स की पहचान करें और लगातार छापेमारी करें। उन्हों कहा कि एण्डी०जी० आई०जी० / डी०आई०जी० स्तर के पदाधिकारी नियमित रूप से क्षेत्र भ्रमण कर निचले स्तर पर क्रियान्वयन का जायजा लें गृह विभाग तथा मद्य निषेध विभाग आंतरिक सतर्कता विंग की व्यवस्था करे ताकि विभागीय अधिकारियों/ कर्मियों पर भी नियमित नजर रखी जा सके 15 दिन में जिलाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक / पुलिस अधीक्षक, उत्पाद अधीक्षक एवं लोक अभियोजक एक बार साथ बैठक कर शराबबंदी के क्रियान्वयन को लेकर अवश्य समीक्षा करें जिलों के प्रभारी मंत्री और प्रभारी सचिव महीने में एक बार जिलों के विकास कार्यों की समीक्षा करने के साथ-साथ शराबबंदी के क्रियान्वयन की भी समीक्षा करें। सभी थानों में चौकीदारों पर विशेष नजर रखें और उन्हें गांव में गड़बड़ी करने वालों की पूरी सूचना देने के लिए कहें। जिन थाना प्रभारियों के कार्य में शिथिलता पायी गई हैं उन्हें 10 वर्षों तक थाना प्रभारी नहीं बनाए जाने का निर्णय लिया गया था. इस पर पूरी सख्ती से अमल करें।मुख्यमंत्री ने कहा कि विधि व्यवस्था एवं अपराध नियंत्रण के लिए हर हालत में काम करना है साथ ही शराबबंदी के नियंत्रण के लिए भी उतनी ही मुस्तैदी के साथ काम करना है।

जिस थाने क्षेत्र में शराब बरामद होगा थानेदार की जायेंगी नौकरी

बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री श्रीमती रेणु देवी, ऊर्जा सह योजना एवं विकास मंत्री श्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, शिक्षा मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन मंत्री श्री सुनील कुमार, उद्योग मंत्री श्री शाहनवाज हुसैन, जल संसाधन मंत्री श्री संजय झा, भवन निर्माण मंत्री श्री अशोक कुमार चौधरी, ग्रामीण विकास मंत्री श्री श्रवण कुमार, स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडे, समाज कल्याण मंत्री श्री मदन सहनी, विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री श्री सुमित कुमार सिंह, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री श्री जमां खान, पथ निर्माण मंत्री श्री नितिन नवीन, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्रीमती लेशी सिंह, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री श्री रामप्रीत पासवान, पर्यटन मंत्री श्री नारायण प्रसाद, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री श्री मुकेश सहनी, लघु जल संसाधन मंत्री श्री संतोष कुमार सुमन, ग्रामीण कार्य मंत्री श्री जयंत चौधरी, परिवहन मंत्री श्रीमती शीला कुमारी, कृषि मंत्री श्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, खान एवं भूतत्व मंत्री श्री जनक राम, कला संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री श्री आलोक रंजन, श्रम संसाधन-सह- सूचना एवं प्रावैधिकी मंत्री श्री जीवेश कुमार, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री श्री राम सूरत कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री त्रिपुरारी शरण, पुलिस महानिदेशक श्री एस0के0 सिंघल, विकास आयुक्त श्री आमिर सुबहानी, अपर मुख्य सचिव गृह श्री चैतन्य प्रसाद मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, अ पुलिस महानिदेशक लॉ एंड ऑर्डर श्री विनय कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक, मुख्यालय श्री जे०एस० गंगवार, अपर पुलिस महानिदेशक, स्पेशल ब्रांच श्री सुनील कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, उत्पाद आयुक्त श्री बी० कार्तिकेय धनजी विशेष सचिव गृह श्री विकास वैभव, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अन्य मंत्रीगण, संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव / प्रधान सचिव / सचिव, संबंधित विभागों के अन्य वरीय अधिकारी, रेंज के पुलिस महानिरीक्षक / पुलिस उप महानिरीक्षक, जिलाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक / पुलिस अधीक्षक जुड़े हुए थे।