13 अक्टूबर 2022 । चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने राजीव रंजन सिंह व अन्य की जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जानना चाहा कि वे राज्य में ग्रीनफ़ील्ड एयरपोर्ट बनाने के लिए कितने गंभीर है ?
कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह विभिन्न एयरपोर्ट के निर्माण से संबंधित प्रगति और रिकॉर्ड को अगली सुनवाई में कोर्ट में पेश करे ।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री व पायलट राजीव प्रताप रूडी बताया कि बिहार में एक भी ग्रीनफ़ील्ड ऐयरपोर्ट नहीं है। राज्य सरकार ने राज्य में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाने के सम्बन्ध में अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं कर रही है । उन्होंने कहा कि 70 वर्ष से पटना अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर आज तक एक भी अंतराष्ट्रीय विमान का परिचालन नहीं हुआ है ।
उन्होंने कहा कि गया अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर भी आज तक कोई अंतर्राष्ट्रीय विमान का परिचालन नहीं हुआ है।अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट होने के बावजूद यहां अंतर्राष्ट्रीय विमान नहीं चलते हैं । राज्य सरकार भी ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाने पर अपना स्थिति स्पष्ट नहीं कर रही है ।
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इस पर कोर्ट ने सभी पक्षों से जानना चाहा कि ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट एवं अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट स्थापित करने के लिए क्या क्या अनिवार्यता हैं ? कोर्ट ने सभी पक्षों को अपने अपने पक्ष अगली सुनवाई तक कोर्ट में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।इस मामलें पर दीपावली अवकाश के बाद सुनवाई की जाएगी।
13 अक्टूबर 2022 । पटना हाईकोर्ट ने राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के अंतर्गत कालेजों व अन्य शिक्षण संस्थानों की खस्ताहाल स्थिति को काफी गम्भीरता से लिया।चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को सभी कालेजों व अन्य शिक्षण संस्थानों में उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं के सम्बन्ध में ब्यौरा तलब किया है।
कोर्ट ने कोर्ट में उपस्थित शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव, से जानना चाहा कि राज्य के सरकारी कालेजों,सेकंड्री और हायर सेकेण्डरी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं का इतना अभाव क्यों है। कोर्ट ने ये भी पूछा कि राज्य के स्कूलों में बड़ी संख्या में छात्र क्यों पढ़ना छोड़ देते है।
कोर्ट ने उपस्थित अधिकारी से जानना चाहा कि राज्य में शिक्षा के मद में कितना बजट रखा गया है।कोर्ट को बताया गया कि राज्य में शिक्षा के लिए 51 हज़ार करोड़ रुपए है,जो कि कुल बजट के बीस फी सदी से अधिक है।
पिछली सुनवाई में पटना के दानापुर स्थित बीएस कॉलेज में बुनियादी सुविधाएं मुहैया नहीं कराए जाने के मामले पर सुनवाई करते हुए शिक्षा विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को तलब किया था।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सिद्धार्थ प्रसाद ने कोर्ट को बताया कि कालेज में बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध नहीं होने के कारण छात्राओं को काफ़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस जनहित याचिका में ये भी माँग की गई कि छात्राओं को सेनेटरी नैपकिन मुहैया कराने के लिए कॉलेज परिसर में वेंडिंग मशीन भी लगाया जाना चाहिए।
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कोर्ट को सरकार की ओर से बताया गया कि बी एस कालेज,दानापुर के बाउंड्री निर्माण का काम छह माह में पूरा कर लिया जाएगा।कालेज में शौचालय बनाने का काम 30अक्टूबर,2022 तक पूरा हो जाएगा।साथ ही लेबोरेट्री बनाने का कार्य भी तीन माह में पूरा हो जाएगा।
13 अक्टूबर 2022 । पटना हाईकोर्ट ने औरंगाबाद में अतिक्रमण हटाने में अधिकारियों द्वारा अनियमितता बरतने के मामलें पर सुनवाई की।जस्टिस मोहित शाह ने इस मामलें पर सुनवाई की।
कोर्ट में उपस्थित डी एम और एस पी, औरंगाबाद ने कोर्ट को बताया कि ओबरा के सी ओ और खुदवा के थानाध्यक्ष के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर लिया गया।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने औरंगाबाद के डी एम और एस पी को निर्देश दिया था कि अतिक्रमण नहीं हटाने के मामलें में गड़बड़ी करने वाले ओबरा के सीओ और खुदवा के थानाध्यक्ष के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर 48 घंटों में गिरफ्तार किया जाए।कोर्ट ने इस मामलें पर सुनवाई करते डी एम और एस पी को सख्त चेतावनी दी थी कि अगर कोर्ट के आदेश का पालन नहीं हुआ,तो औरंगाबाद के डी एम और एस पी को कस्टडी में लिया जा सकता है।
ये अधिकारीगण आज कोर्ट में उपस्थित हो कर इस मामलें में किए गए कार्रवाई का ब्यौरा पेश किया।कोर्ट ने इस मामलें पर कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि इस तरह के गलत कार्य करने वाले सरकारी अधिकारियो और कर्मचारियों को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।कोर्ट इस प्रकार की घटनाओं पर काफी सख्त कार्रवाई करेगा।
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याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिषेक कुमार ने बताया कि खुदवा थानाध्यक्ष एक महिला को सहयोग दे कर जिनके भूमि पर अतिक्रमण था,उनके पूरे परिवार के विरुद्ध एस सी/एस टी एक्ट के तहत औरंगाबाद सिविल कोर्ट में मामला दर्ज करवा दिया है।
उन्होंने बताया कि जिनकी भूमि है,उन्हें तरह तरह से धमकाया जा रहा था।साथ ही सीओ की भूमिका संदिग्ध है।कोर्ट ने इस मामलें पर सुनवाई कर मामलें को निष्पादित कर दिया।
जहानाबाद, 13 अक्टूबर 2022 । बिहार में आए दिन घूसखोर अधिकारी एवं कर्मचारी को लगातार पकड़ा जा रहा है इसके बावजूद वे लोग अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं। घूसखोर सरकारी कर्मियों और अधिकारियों की गिरफ्तारी भी रँगे हाथ रिश्वत लेते इन दिनों लगातार पकड़ा जा रह है।
ताजा मामला जहानाबाद का है जहां नगर थाना क्षेत्र के गांधीनगर मोहल्ले से एक घूसखोर अंचलाधिकारी विजिलेंस के हत्थे चढ़ गया। मामला काको प्रखंड के अंचलाधिकारी का है जो मोटेशन के नाम पर एक लाख रुपये घूस लेते विजिलेंस ने रंगे हाथ पकड़ा गया। अंचलाधिकारी दिनेश कुमार को पटना से आये निगरानी की टीम ने एक लाख रुपये नकद लेते रंगेहाथ दबोचा है।
निगरानी के डीएसपी अरुण पासवान ने बताया कि अंचलाधिकारी दिनेश कुमार के खिलाफ निगरानी विभाग में शिकायत दर्ज किया गया था।यह शिकायत राहुल कुमार के द्वारा गत 29 सितंबर को दर्ज कराया गया था और उन्होंने यह आरोप लगाया था कि काको के अंचलाधिकारी दिनेश कुमार के द्वारा जमीन दाखिल खारिज करने के लिए एक लाख रुपए की मांग की जा रही है। शिकायत के बाद और केस के आधार पर सत्यापन किया गया। सत्यापन में मामला सही पाया गया। जिसके आधार पर कार्रवाई की गई। जिसमें एक लाख घूस लेते सीओ को रंगेहाथ दबोचा गया।
डीएसपी ने बताया कि गिरफ्तार अंचलाधिकारी को पटना ले गया और आगे की विधिसम्मत कार्रवाई करने में निगरानी की टीम जुट गई है। इधर वैना गांव निवासी राहुल कुमार शिकायतकर्ता की माने उन्होंने काको के हाजीपुर गांव में एक बीघा जमीन खरीदी थी। जिसके दाखिल खारिज के नाम पर काको अंचलाधिकारी दिनेश कुमार एक लाख रुपया घुस की मांग की थी। जिसकी शिकायत उन्होंने पटना विजिलेंस कार्यालय में की थी। जिसके आधार पर आज सुबह यह कार्रवाई की गई।
निगरानी के द्वारा किए गए इस कार्रवाई के बाद जहानाबाद जिले में पदस्थापित विभिन्न विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के बीच हड़कंप मचा हुआ है अधिकारियों एवं कर्मचारी अब सहमे नजर आ रहे हैं।
13 अक्टूबर 2022 । रणजीत पंडित की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय क़रोल की खंडपीठ सुनवाई कर रही है।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने अकाउंटेंट जनरल और राज्य सरकार को जवाब देने का निर्देश दिया था।इस जनहित याचिका में ये आरोप लगाया गया है कि राज्य सरकार के कई विभागों द्वारा उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं जमा किया गया है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया था कि ये राशि लगभग एक लाख बारह हज़ार करोड़ का हैं,जिसका उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं दायर किया गया है।ये आंकड़े 31अगस्त,2022 तक का हैं।
ये राशि 2002 – 03 से ले कर 2020 – 21तक सामंजित किया जाना लंबित हैं।कोर्ट ने अकाउंटेंट जनरल के पक्ष प्रस्तुत कर रहे अधिवक्ता से जानना चाहा कि इस सन्दर्भ में अकाउंटेंट जनरल की क्या शक्तियां हैं।
राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने कोर्ट को बताया कि इस सम्बन्ध में अकाउंटेंट जनरल और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के सचिवों के बीच माह में एक बार इस मुद्दे पर बैठक किये जाने की योजना है।
साथ ही राज्य सरकार के मुख्य सचिव को भी व्यक्तिगत रूप से हलफनामा दायर कर बताने को कहा कि विभिन्न विभागों द्वारा2003 -04 से 2020- 21 तक उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं जमा करने पर क्या कार्रवाई की।
बेतिया में एक युवक ने अपने परिवार के साथ घर पर बैठे वार्ड सदस्य पर फायरिंग कर दी जिससे मौके पर अफरा तफरी मच गई।फायरिंग कर भागने के दौरान आरोपी ने कई राउंड फायरिंग की जिसमे तीन अन्य लोगो को गोली लगी है।
इस गोलीबारी में कुल चार लोगों को गोली लगी है जिन्हें ईलाज के लिए जीएमसीएच में भर्ती कराया गया है। घटना योगापट्टी थाना क्षेत्र के गोलाघाट डुमरी पंचायत के अहिरौली गांव की है। हालांकि ग्रामीणों ने हमलावर युवक को घेरकर पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया है।
घायलों में वार्ड सदस्य राजाबाबू पटेल उसका भाई विजय पटेल,सुधन मांझी और रुस्तम अंसारी शामिल है।घायल राजाबाबू पटेल ने बताया कि हमलावर बाइक से आया था और आते ही उसने फायरिंग शुरू कर दी।उसने बताया कि हमलावर ने अपना चेहरा ढका हुआ था और उसके हाथ मे पिस्तौल थी और कंधे पर बैग रखा हुआ था।बताया जा रहा है कि आरोपी को पकड़ने के लिए जब ग्रामीण दौरे तो हमलावर ने फायरिंग शुरू कर दी जिसमे वार्ड सदस्य के भाई और दो अन्य ग्रामीण को गोली लग गई।
हालांकि सभी घायलों की स्थिति बेहतर बताई जा रही है।वहीं घटना की सूचना पर पहुंची योगापट्टी थाना की पुलिस और एसडीपीओ सदर मुकुल परिमल पांडेय आरोपी से पूछताछ कर रहे है।एसडीपीओ सदर ने बताया कि आरोपी हमलावर की भी पिटाई की गई है जिसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा है।
वहीं उन्होंने बताया कि हमलावर युवक घायल वार्ड सदस्य का रिश्तेदार है और प्रथम दृष्टया यह मामला अवैध सम्बन्ध से जुड़ा हुआ लग रहा है।फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है।
13 अक्टूबर 2022 । चीफ जस्टिस संजय करोल की डिवीजन बेंच डा आशीष कुमार सिन्हा व अन्य की याचिकाओं पर सभी पक्षों की लम्बी सुनवाई करने के बाद फैसला सुरक्षित रखा।
यह मामला नगरपालिका में संवर्ग की स्वायत्तता से जुड़ा हुआ है।कोर्ट को अधिवक्ता मयूरी ने बताया कि इस संशोधन के तहत नियुक्ति और तबादला को सशक्त स्थाई समिति में निहित अधिकार को ले लिया गया है। यह अधिकार अब राज्य सरकार में निहित हो गया है।
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता मयूरी ने कोर्ट को बताया था कि अन्य सभी राज्यों में नगर निगम के कर्मियों की नियुक्ति नियमानुसार निगम द्वारा ही की जाती है।
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उनका कहना था कि नगर निगम एक स्वायत्त निकाय है, इसलिए इसे दैनिक क्रियाकलापों में स्वयं काम करने देना चाहिए।कोर्ट को आगे यह भी बताया गया की चेप्टर 5 में दिए गए प्रावधान के मुताबिक निगम में ए और बी केटेगरी में नियुक्ति का अधिकार राज्य सरकार को है। जबकि सी और डी केटेगरी में नियुक्ति के मामले में निगम को बहुत थोड़ा सा नियंत्रण दिया गया है।
31 मार्च को किये गए संशोधन से सी और डी केटेगरी के मामले में भी निगम के ये सीमित अधिकार को भी मनमाने ढंग से ले लिये गए है।
बेशर्मी की सारे हदें पार कर चचेरे भाई ने कर दिया दोस्त के साथ मिलकर सामूहिक दुष्कर्म और वीडियो बना कर दिया वायरल। कोचिंग के लिए घर से निकली थी छात्रा रास्ते में रोक कर जबरन ले गया बगीचा में और कर दिया गंदा काम कहते हैं भाई और बहन का पवित्र रिश्ता होता है लेकिन जब भाई ही दरिंदा बन जाए और बेशर्मी की सारी हदें पार कर दे तो दूसरा बचाने वाला कौन मिलता है।
कुछ ऐसा ही हुआ है पटना के नौबतपुर में जहां एक चचेरे भाई ने अपनी बेशर्मी की सारी हदें पार कर अपने दोस्त के साथ मिलकर अपनी चचेरी बहन के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया यही नहीं उसने एक-एक कर वीडियो भी बनाया और इस शर्मनाक वाक्य का वीडियो वायरल कर दिया छात्रा कोचिंग के लिए घर से निकली थी और यही मौका देखकर उसका चचेरा भाई उसके पीछे पीछे निकला और अपने एक दोस्त को भी बुला लिया जैसे ही वह सुनशान जगह पर पहुंची की पीछे से आ रहा उसका भाई अभिषेक और उसका दोस्त अभिषेक अपनी चचेरी बहन को उठाकर बगीचा में ले गया और फिर एक एक करके कपड़े उतारे और दुष्कर्म की दरिंदगी दिखाई, इसका वीडियो भी बनाया और उसे वायरल भी कर दिया।
पीड़िता के अनुसार वह अपने घर से नौबतपूर कोचिंग के लिए निकली और अपने गांव से लगभग 600 मीटर की दूरी पर आगे अजवां एवं बाला ठाकुर गांव के बीच स्थित फोनू बाबू के बगीचा के पास पहुँची तभी मेरा चचेरा भाई अभिषेक कुमार पिता राजकुमार उर्फ पिन्टू यादव अपने एक दोस्त अभिषेक कुमार पिता अनेश यादव दोनों ग्राम- बालाठाकुर , थाना- नौबतपुर , जिला पटना मेरे पास आए तथा मेरा रास्ता रोके तो मैं रूक गई ।
इसके बाद दोनों मेरे साथ जबरदस्ती करने लगे , तब में हल्ला करने लगी , लंकिन रास्ता सुनसान होने के कारण कोई मदद के लिए नहीं आया । इसके बाद मेरा भाई अभिषेक कुमार मेरा मुंह बंद कर दिया तथा अपने दोस्त अभिषेक कुमार मुझे उठाकर फोनु सिंह के बगीचा में लेकर चला गया तथा दोनों ने नंगा कर बारी – बारी से बलात्कार किया बलात्कार करने के दौरान दोनों ने एक दूसरे का बिडियो भी बनाया । इसके बाद हल्ला – गुल्ला की सुनकर वहां कुछ अन्य ग्रामीण आए इसके वह दोनों अपराधी मुझे अर्द्धनग्न अवस्था में छोड़कर वहां से भाग गए ।
लोगों की सूचना पर मेरे पिताजी वहां आए और अपने घर लेकर गए । इसके बाद अभिषेक कुमार पिता यादव के द्वारा बनाए गए विडियों को अपने दोस्तों तथा मेरे परिजनों के बीच वायरल कर दिया । उसके बाद मुझे राजकुमार उर्फ पिन्टु श्रीमान् इज्जत की लज्जा एवं अपराधियों दबंगगता के कारण अभी तक इस अपराध के लिए कोई आवेदन नहीं दिया गया है । क्योंकि उनके एवं उनके परिवार वालों के द्वारा घटना के बाद से ही प्रायः हमारे परिवार , मां – बाप , भाई को जान से मार देने के साथ तरह – तरह की धमकी दे रहे है ।
अंततः हमने हिम्मत बांधी और पुलिस के पास बुधवार 12 अक्टूबर को शिकायत दर्ज कराई । जिसके बाद पुलिस करवाही में जुट गई है। इस मामले में नौबतपुर थानाध्यक्ष रफीकूर रहमान ने बताया की मामला 7 अक्टूबर को घटित हुई और 12 अक्टूबर को पीड़िता का आवेदन प्राप्त हुआ है जिसके बाद पुलिस ने तुरंत करवाही करते हुए मामले में पॉस्को एक्टिव साथ मामला दर्ज करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है और अग्रिम करवाही में जुटी है।
नवादा । अवैध बालू लदे ट्रैक्टर को रिश्वत लेकर छोड़ने में थी संलिप्तता । नगर थानाध्यक्ष समेत 3 पुलिसकर्मी हुए निलंबित । 10 अक्टूबर को ट्रैक्टर को पकड़ कर लाया गया था थाना।
एसडीपीओ सदर और सर्किल इंस्पेक्टर द्वारा करायी गयी मामले की जांच । टाउन इंस्पेक्टर विजय सिंह की सहमति से एएसआई रामानंद यादव,एएसआई रघुवीर सहनी ने ट्रैक्टर को रिश्वत लेकर छोड़ा।
एसपी ने तीनों पुलिसकर्मियों को तत्काल किया निलंबित । इंस्पेक्टर संजीव कुमार सिंह बनाये गए नए नगर थानाध्यक्ष।
एसपी डॉ गौरव मंगला ने प्रेस रिलीज जारी कर दी जानकारी।
पटना हाईकोर्ट में पटना के जय प्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा समेत राज्य के अन्य एयरपोर्ट के विस्तार और विकास के मामले पर सुनवाई कल की जाएगी।चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ इन जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।
कोर्ट ने राज्य के हवाईअड्डों की समस्यायों के मामलें पर अगली सुनवाई में केंद्र सरकार को जवाब देने का निर्देश दिया था।
राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बिहार के विभिन्न हवाईअड्डों के विकास और विस्तार से जुड़ी समस्यायों को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया गया।इनमेंं भूमि से सम्बंधित मामलें थे।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को राज्य में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनाए जाने के मामलें में स्थिति स्पष्ट करते हुए जवाब देने का निर्देश दिया था।
एक अन्य याचिकाकर्ता की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री व पायलट राजीव प्रताप रूडी ने कोर्ट के समक्ष पक्ष प्रस्तुत किया था।उन्होंने राज्य में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाए जाने के मुद्दे को उठाया था।
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उन्होंने कहा कि कई राज्यों में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाए जा रहे हैं।उन्होंने कहा कि बिहार में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाया जाना चाहिए।
कोर्ट को बताया गया था कि राज्य में पटना के जयप्रकाश नारायण अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के अलावा गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, भागलपुर, फारबिसगंज , मुंगेर और रक्सौल एयरपोर्ट हैं। लेकिन इन एयरपोर्ट पर बहुत सारी आधुनिक सुविधाओं के अभाव एवं सुरक्षा की समस्याएं हैं।
इस मामलें पर अगली सुनवाई 13 अक्टूबर, 2022 को होगी।
जस्टिस सुनील कुमार पंवार ने इस मामले में पुलिस से केस डायरी की मांग कर दी है। अब केस डायरी की स्टडी करने के बाद ही कार्तिकेय सिंह की अग्रिम जमानत याचिका पर आगे की सुनवाई होगी।
बिहार में ट्रांसफर पोस्टिंग के नाम पर जो खेल चल रहा है पूर्णिया एसपी उसका एक प्यादा है और इस प्यादा के सहारे इस खेल को समझा जा सकता है, दयाशंकर 2014 बैच का आईपीएस अधिकारी है। ट्रेनिंग पूरी करने के बाद 2016 में उसकी पोस्टिंग अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के रूप में आरा जिला में हुआ और फिर वही से इसे शेखपुरा जिला का एसपी बनाया गया।
शेखपुरा जिला एक अनुमंडल और 9 थाने का जिला है लेकिन अवैध पहाड़ खनन के कारण बिहार का यह धनबाद है । तीन वर्ष से अधिक समय तक ये शेखपुरा का एसपी रहाइस दौरान एसपी के संरक्षण में अवैध खनन की लगातार शिकायतें पुलिस मुख्यालय को मिल रही थी ,हुआ क्या इस पर कार्यवाही होने के बजाय इन्हें 31 दिसम्बर 2021 को शेखपुर से सीधे उठा कर चार अनुमंडल 40 थाना और प्रमंडल मुख्यालय पूर्णिया जिला का एसपी बना दिया गया।
जबकि एसपी की पोस्टिंग करने के समय पटना,मुजफ्फरपुर, दरभंगा,भागलपुर,गया और पूर्णिया में जो सीनियर आईपीएस अधिकारी होते हैं जिनके पास तीन चार जिले में पुलिसिंग का अनुभव रहता है उन्हें पोस्ट किया जाता है । ऐसे में दयाशंकर को सीधे शेखपुरा से पूर्णिया का एसपी बनाये जाना साधारण बात नहीं है क्यों कि नीतीश कुमार के यहां ट्रांसफर और पोस्टिंग को लेकर एक व्यवस्था है फाइल हमेशा डीजीपी के यहां से मूव होता है और उसमें डीजीपी को पूरी स्वतंत्रता रहती है किसको कहां पोस्ट करना है और उस अधिकारी का कार्यक्षमता कैसा है वो लिखनी पड़ती है इतना ही नहीं अगर किसी तरह की शिकायत है तो वह भी उस फाइल पर दर्ज करना है और पोस्टिंग से पहले खुल कर चर्चा होती है बहुत कम ऐसे मौके आये हैं जब सीधे सीएम के यहां से नाम डीजीपी को भेजा गया हो। फिर उस लिस्ट पर सीएम,मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ साथ सीएम के प्रधान सचिव बैठ कर निर्णय लेते हैं जिसका पैरवी रहता है उस अधिकारी के नाम के सामने उस नेता का नाम लिखा रहता है ।
पैसा वाला खाता अलग रहता है जो पूरी तौर पर अधिकारी के स्तर पर ही चलता है और उसका अलग अलग तरीका है चाहे आरसीपी का ही जमाना क्यों ना रहा हो है। कौन किस कोटा से हैं इसकी जानकारी सीएम को जरूर रहती है । साथ ही एसपी और डीएसपी स्तर के अधिकारियों के तबादले में नीतीश कुमार डीजीपी के पसंद को नजरअंदाज नहीं करते हैं अभयानंद के बाद जो भी डीजीपी बने सीएम के इस शैली का खूब लाभ उठाया है और जमकर वसूली किया है।
जहां तक मेरी जानकारी है दयाशंकर मामले में नाम डीजीपी कार्यालय से ही आया था और इसके उपर खनन माफिया से साठगांठ और थाना बेचने का जो आरोप लगा था बैठक में इसकी चर्चा तक नहीं हुई ।कहा ये जा रहा है कि दयाशंकर को शेखपुरा से सीधे पूर्णिया पोस्टिंग पर सवाल भी उठे थे लेकिन बैठक में मौजूद अधिकारी दयाशंकर के साथ खड़े थे ।
दयाशंकर बिहार का रहने वाला है लेकिन इसकी कोई ऐसी राजनीतिक पैरवी नहीं है जिसके सहारे शेखपुरा से सीधे पूर्णिया पहुंच जाये हालांकि दयाशंकर के पूर्णिया एसपी बनने के कुछ ही दिनों के बाद सीएम तक यह खबर पहुंचने लगी थी कि पूर्णिया एसपी शराब माफिया से जुड़ कर डालखोला से ट्रक से शराब का तस्करी करावा रहा है और इस सूचना के बाद ही सीएम ने एसपी पूर्णिया पर एक्शन लेने को कहा ।
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि ऐसे अधिकारियों का फिल्ड में पोस्टिंग कैसे हो जा रहा है जबकि जिला जाने की स्थिति में सौ से ज्यादा आईपीएस अधिकारी सरकार के पास नहीं है कौन क्या है क्या कर सकता है बिहार का बच्चा बच्चा जानता है ऐसे में मुख्यमंत्री जिस विभाग के मंत्री हो वहां इस तरह का खेल हो तो सवाल उठना लाजमी है वैसे इस एक्शन से आईपीएस अधिकारियों में भय तो जरूर व्याप्त हुआ है और पुलिस मुख्यालय स्तर से इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर के फील्ड में भेजने से जुड़ी एक फाइल जो काफी तेजी से मूवमेन्ट कर रहा था कल सुबह ही रुक गया देखिए आगे आगे होता है क्या वैसे इस एक्शन के बाद तबादले नीति में बदलाव आएगा ऐसा दिख रहा है।
12 अक्टूबर 2022 । पटना हाईकोर्ट में राज्य के पूर्व एवं वर्तमान सांसदों, विधायकों के विरुद्ध लंबित आपराधिक मुकदमों से सम्बंधित मामलों पर सुनवाई हुई।चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ द्वारा इस मामलें पर सुनवाई की जा रही है।
सुनवाई के दौरान बिहार सरकार के महाधिवक्ता ललित किशोर ने कोर्ट को बताया कि अप्रैल,2022 में इन मामलों के निष्पादन का दर शून्य था।लेकिन जब से कोर्ट ने इन मामलों की सुनवाई और निगरानी प्रारम्भ किया,जुलाई,2022 तक ऐसे 164 मामलों को निष्पादित किया जा चुका है।ये सकारात्मक प्रगति है।
पूर्व की सुनवाई में महाधिवक्ता ललित किशोर ने कोर्ट को बताया था कि वर्तमान और पूर्व एमपी व एमएलए के विरुद्ध 78 आपराधिक मामलों में 12 मामलों पर आरोप पत्र और 4 मामलों पर अंतिम प्रपत्र दायर किया जा चुका है।
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उन्होंने कोर्ट को बताया था कि 280 मामलों में कुल 481 गवाहों का परिक्षण किया जा चुका है | पिछली सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ललित किशोर ने बताया था कि वर्तमान व पूर्व एमपी और एमएलए के विरुद्ध कुल 598 आपराधिक मुकदमें लंबित है, जिसमें अधिकतर केस में अनुसंधान पूरा हो गया है।
लगभग 78 आपराधिक मुकदमों में अनुसंधान लंबित है। इस मामले पर अगली सुनवाई 13 अक्टूबर,2022 , को होगी ।
बिहार में मॉनसून की विदाई से पहले बारिश संबंधी गतिविधियां अपने चरम पर है। मौसम विभाग ने बुधवार को राज्य भर में वज्रपात के साथ बरसात होने के आसार जताए हैं।
सभी जिलों में ठनका का अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, गया, नवादा समेत चार जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी हुई है।
पूर्वी बिहार और सीमांचल-कोसी क्षेत्र में भी बुधवार को अच्छी बरसात हो सकती है।
मखदुमपुर। मंगलवार की देर शाम पटना गया राष्ट्रीय मार्ग के वीर्रा गांव के समीप हाईवा ट्रक एवं टेंपो में सीधी टक्कर हो गई। जिसमें एक व्यक्ति की मौत एवं दो अन्य लोग घायल हो गए।
मृतक उमता धरनई ओपी के छतियाना गांव निवासी अमन कुमार बताया जाता है। जबकि घायल व्यक्ति भी छतियाना गांव निवासी ललन साव एवं अजीत कुमार बताए जाते हैं।
मिली जानकारी के अनुसार छतियाना गांव से टेंपो यात्री लेकर मखदुमपुर आ रहा था तभी बिर्रा गांव के समीप पटना से गया की ओर जा रहे हाइवा ट्रक ने सीधी टक्कर मार दिया, जिसमे में टेम्पो चालक रहे अमन कुमार की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
घटना की सूचना पाकर मखदुमपुर थाने की पुलिस घटनास्थल पर पहुंचे और स्थानीय लोगो के सहयोग से घटना में घायल रहे ललन साव एवं अजीत कुमार को इलाज के लिए रेफ़रल अस्पताल मखदुमपुर लाया गया, जहां डॉक्टरों में घायलों की स्थिति को देखते हुए विशेष इलाज हेतु पीएमसीएच रेफर कर दिया।
वहीं घटना में टेंपो के पचखे उड़ गए , थाना अध्यक्ष रवि भूषण ने बताया कि पुलिस शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज रही है।
स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने पूर्णिया के एसपी दया शंकर के कम से कम आठ ठिकानों पर रेड किया है। इस छापेमारी में उनके पास से उनकी आय से 71 लाख 42 हजार अधिक रुपए के सबूत मिले हैं।
एसवीयू ने भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कर कोर्ट से सर्च वारंट मिलने के बाद कार्रवाई की है।
दया शंकर, साल 2014 बैच के आईपीएस अफसर हैं। बिहार के कई जिले में एसपी रहे हैं। उनका पदस्थापन विवादित रहा है और उनके खिलाफ लगातार भ्रष्टाचार की शिकायत मिलती रही है। एसवीयू को लगातार मिली शिकायतों के बाद एडीजी नैय्यर हसनैन खां ने एक जांच टीम गठित किया था। जांच में यह पुष्टि हुई कि आईपीएस दया शंकर ने कई चल -अचल संपत्तियां बनाई हैं, जो उनके आय स्रोत से अधिक है।
प्रथम दृष्टया मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा पाया गया है। प्राथमिक जांच में 71 लाख 42 हजार के सबूत एसवीयू के हाथ लगे हैं।
कोर्ट से सर्च वारंट मिलने के बाद एसवीयू की टीम ने मंगलवार की सुबह पूर्णिया एसपी दया शंकर के पटना स्थित घर और अन्य ठिकानों पर रेड किया। बताया जाता है कि जांच के क्रम में उनसे जुड़े दूसरे लोगों से भी पूछताछ हो सकती है।
बिहार में किसी आईपीएस पर लंबे समय के बाद इस तरह की कार्रवाई हुई है।
बताया जा रहा है कि एसपी के साथ ही उनके रीडर सावन और सदर थाने के एसएचओ संजय सिंह के आवास पर भी छापेमारी चल रही थी।
रंजीत पंडित की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ सुनवाई कर रही हैं।
पहले की सुनवाई में कोर्ट ने अकाउंटेंट जनरल और राज्य सरकार को इस सम्बन्ध में जवाब देने का निर्देश दिया था।इस जनहित याचिका में ये आरोप लगाया गया है कि राज्य सरकार के कई विभागों द्वारा उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं जमा किया गया है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि ये राशि लगभग एक लाख बारह हज़ार करोड़ का हैं,जिसका उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं दायर किया गया है।ये आंकड़े 31अगस्त,2022 तक का हैं।
ये राशि 2002 – 03 से ले कर 2020 – 21तक सामंजित किया जाना लंबित हैं।कोर्ट ने अकाउंटेंट जनरल के पक्ष प्रस्तुत कर रहे अधिवक्ता से जानना चाहा कि इस सन्दर्भ में अकाउंटेंट जनरल की क्या शक्तियां हैं।
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कोर्ट ने जानना चाहा था कि उन्होंने अपने शक्तियों का प्रयोग क्यों नहीं किया।साथ ही राज्य सरकार के मुख्य सचिव को भी व्यक्तिगत रूप से हलफनामा दायर कर बताने को कहा कि विभिन्न विभागों द्वारा2003 -04 से 2020- 21 तक उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं जमा करने पर क्या कार्रवाई की।
पटना-गया रेल लाइन पर कई सारे अवैध रेलवे क्रॉसिंग। जिस पर अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती है। रेलवे ने अवैध क्रॉसिंग को बंद करने का फैसला लिया है। जिसके बाद पटना–गया खंड पर 47 अनऑथराइज्ड क्रॉसिंग को बंद किया जा चुका है।
वही मंगलवार को रेलवे के अधिकारी और आरपीएफ की टीम स्थानीय पुलिस को लेकर सेवन हॉल्ट रेलवे क्रॉसिंग को बंद करने पहुंची थी। इस बात की जानकारी मिलते ही सेवनन पंचायत और आसपास के 11 गांव के लोग रेलवे हॉल्ट के पास पहुंच गए। और रेल प्रशासन की कार्रवाई का विरोध करने लगे।
स्थानीय मुखिया और लोगों की मांग पर फिलहाल रेल प्रशासन की टीम बिना कार्रवाई किए लौट गई। स्थानीय लोगों की मानें तो जब से रेल ट्रैक बिछा है तब से अब तक इसी रास्ते से लोगों का आना जाना होता है। ऐसे में रास्ता बंद कर दिए जाने से लोगों की परेशानी बढ़ जाएगी।
स्थानीय लोगों ने कहा कि जल्द ही वे लोग सांसद और जनप्रतिनिधियों से मिलकर वैकल्पिक व्यवस्था की मांग करेंगे। हालांकि लोगों के माल को देखते हुए रेल प्रशासन ने कार्रवाई का फैसला टाल दिया है। लेकिन जल्द ही समाधान नहीं निकला तो इसको लेकर आंदोलन तेज होने की आशंका है।