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बिहार के उच्च शिक्षा को कैंसर हो गया है वक्त आ गया है इसे काट करके अलग करने का

जहां तक मुझे याद है बिहार में भ्रष्टाचार को लेकर अभी तक जितनी भी छापेमारी हुई है उनमें से किसी के पास से दो करोड़ रुपया कैश बरामद नहीं हुआ है जबकि बिहार में पूर्व डीजीपी से लेकर बड़े से बड़े अधिकारी और इंजीनियर के घर छापेमारी हो चुकी है।              

बरामद कहां से हो रहा है शिक्षा के मंदिर से जी है आपके लिए यह आश्चर्य की बात हो सकती है लेकिन मेरा अनुभव कहता है शिक्षा के मंदिर में जिस तरीके का भ्रष्टाचार है किसी और संस्थान में नहीं है खास करके उच्च शिक्षा के क्षेत्र में।       

 जब से मैं पत्रकार बना हूं दो विषय मेरे पसंद का रहा है पहला अपराध और दूसरा शिक्षा और यही वजह है कि आज मेरे मित्रों में सबसे अधिक पुलिस वाले हैं या फिर प्रोफेसर और सबसे ज्यादा मुझसे पीड़ित भी यही दो वर्ग है।बात उन दिनों की है जब मैं रोसड़ा अनुमंडल से दैनिक जागरण के लिए खबर भेजता था मेरे यहां एक संस्कृत कॉलेज है उसमें पढ़ाने वाले शिक्षक में एक हमारे पुरोहित भी थे एक दिन उनका बेटा मेरे पास आया  जजमान(हमारे घर पूजा कराते थे इसलिए मैं उनका जजमान हुए ) मेरे पापा के साथ बहुत अन्याय हो रहा है पांच वर्ष से वेतन नहीं मिल रहा है और फर्जी तरीके से बहाल प्रोफेसर जो दरभंगा में रहता है एक दिन भी रोसड़ा संस्कृत कॉलेज नहीं आते हैं और वो वहीं से वेतन उठा लेते हैं ।मैं संस्कृत कॉलेज में प्रोफेसर बहाली की पूरी फाइल को पढ़ा उसी दौरान एक प्रोफेसर की नियुक्ति 26 जनवरी को हुआ जबकि वह दिन राष्ट्रीय छुट्टी का होता है ।फिर पूरी बहाली प्रक्रिया से जुड़ी फाइल पढ़ने के बाद सीरीज में खबर चलाने लगे कैसे कैसे लोग प्रोफेसर बन रहे हैं पीजी बाद में पास किये प्रोफेसर पहले बन गये ।        

खुब हंगामा हुआ एक दिन दैनिक जागरण के पटना दफ्तर से फोन आया आप कल पटना पहुंचिए दो दिन बाद आफिस पहुंचे उस व्यक्ति का नाम याद नहीं है लेकिन वो प्रादेशिक डैक्स के प्रभारी थे काठ वाले कुर्सी पर वो बैठते थे जैसे मैंने कहां सर मैं संतोष रोसड़ा से आया हूं इतना सुनते ही वो भड़क गये और मेरा क्लास लगाना शुरु कर दिये मैं हैरान था आखिर इनको हो क्या गया ।खैर उसके कुछ दिनों बाद ही मेरा ईटीवी में हो गया और मैं जागरण छोड़ दिया। ईटीवी में मेरी पोस्टिंग दरभंगा हुई, दरभंगा में दो विश्वविद्यालय है एक ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय और दूसरा महाराजा कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय और एक दरभंगा मेडिकल कॉलेज के साथ साथ तीन डेंटल कॉलेज था ।                               

उस समय के विधान पार्षद निलाम्बर चौधरी के इच्छा के विपरीत उन दोनों विश्वविद्यालय में पत्ता नहीं हिलता था, वही रंजीत डॉन जो दरभंगा मेडिकल कॉलेज का ही छात्र था और वह मेडिकल कॉलेज में नामांकन के ठेका वहीं से शुरू किया था ।वही डेंटल कॉलेज का कहना ही क्या था वहां तो कश्मीरी बच्चों का शारीरिक और मानसिक और आर्थिक शोषण का केंद्र बन गया था ये सारे कॉलेज ।            

ऐसे में मेरे लिए पर्याप्त मटेरियल मौजूद था बम फोड़ने के लिए इसी दौरान एक दिलचस्प खबर मेरे हाथ आ गया निलाम्बर चौधरी जी का एक रिश्तेदार विश्वविद्यालय के राजनीति शास्त्र के प्रोफेसर था उन्होंने पीएचडी राजेन्द्र प्रसाद पर किया था और उनसे जुड़े कई आर्टिकल प्रकाशित हो चुका था जिसके आधार पर उनका प्रमोशन हुआ था ,ये जनाब जिस आर्टिकल के प्रकाशन के सहारे प्रमोशन पाये थे वो आर्टिकल हुबहु दिल्ली विश्वविद्यालय के किसी प्रोफेसर के आर्टिकल से चुरा कर अपने नाम से छपवा लिया थे इस खबर को मैं पूरी प्रमुखता से चलाया।                               

चलने के बाद बड़ा बवाल मचा और मेरे बारे में खोजबीन शुरू हुई यह कौन है इसी दौरान रंजीत डॉन के टीम पर भी हाथ डाल दिए वहां तो जान जाते जाते बची लेकिन हार नहीं माने दरभंगा मेडिकल कॉलेज कैम्पस में जो परीक्षा होती थी वह सेंटर टूट गया और डेंटल कॉलेज वाले को तो नानी याद आ गयी ।           

खैर इस दौरान पता चला कि बिहार के उच्च शिक्षा का हाल कितना बुरा है किस तरीके से अनपढ़ लोगों को प्रोफेसर बनाया गया आप सोच नहीं सकते हैं कई प्रोफेसर ऐसे मिले वो अपने विषय का नाम भी ठीक से नहीं लिख पा रहे थे जिस विषय से वो डॉक्टर किये हुए थे                            

 यह सब चल ही रहा था कि एक दिन माफिया तत्व मेरे संस्थान पर भारी पर गया और मेरा तबादला दरभंगा से शिवहर करवा दिया लेकिन संस्थान के किसी सीनियर अधिकारी को इस खेल की जानकारी मिल गयी और मेरा तबादला शिवहर को रद्द करते हुए पटना कर दिया ।पटना की कहानी कुछ और ही है इस बीच ईटीवी से कशिश में आ गये और आते ही एक अच्छा ब्रेक मिल गया 2014–2015 में जेपी विश्वविद्यालय के कुलपति हुआ करते थे डां द्विजेन्द्र कुमार गुप्ता ये  जनाब भी यूपी के रहने वाले थे उन्होंने भी मगध विश्वविद्यालय के कुलपति की तरह अपने रिश्तेदार के नाम फर्जी कंपनी बना कर उस परीक्षा की कॉपी सप्लाई करने का ठेका दे दिया और करोड़ों रुपया खा गया खबर चलाना शुरु किये निगरानी में केस हुआ अंत में राजभवन को हटाना पड़ा। इसके कुछ दिनों के बाद ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति साकेत कुशवाहा के  कारनामे सामने आने लगे हैं जहां देखिए फर्जी ही फर्जी है ।यह मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति अरविंद अग्रवाल के बारे में जानकारी मिली कि ये जनाब भी फर्जी डिग्री के सहारे भीसी बने हुए है चला सीरीज में खबर अंतत इनको रिजाइन देकर जाना पड़ा जांच में फर्जी डिग्री की बात सही साबित हुई ।           

वर्तमान में अभी जो भीसी हैं कहां जाता है कि ये कुमार विश्वास के भाई है इनकी डिग्री को लेकर भी रोजाना वहां से फोन आता है एक बार आकर इसका भी ऑपरेशन करिए इसी केन्द्रीय विश्वविद्यालय में एक शिक्षक की नियुक्ति हुई थी जब इनके भी डिग्री को लेकर बवेला मचना शुरू हुआ तो बिहार सरकार उनको पुरस्कार स्वरूप बीपीएससी का सदस्य बना दिया ।         

 मतलब उच्च शिक्षा में जहां आप हाथ डालिएगा वही आपको आकंठ भ्रष्टाचार मिलेगा मेरा अनुभव यही है कि उच्च शिक्षा से जुड़े भ्रष्ट लोग जितना दुस्साहसी होता है किसी दूसरे विभाग में आपको नहीं मिलेगा सब कुछ खुल्लम खुला चलता है और इस खेल में राजभवन से लेकर सरकार तक शामिल है                                      

 इसी सरकार में यूपी मांडल का प्रवेश हुआ और एक रणनीति के तरह बिहार के लोगों को कुलपति बनने से रोका गया ताकि हर पद पर बोली लगाने में कोई कठिनाई ना हो और इस मॉडल ने बिहार के उच्च शिक्षा को और भी गर्त में मिला दिया ।मगध विश्वविद्यालय के कुलपति के घर से दो करोड़ कैश के साथ साथ करोड़ो के निवेश का कागजात भी बरामद होता है और अभी छापामारी चल ही रही है ऐसे में सवाल उठना तो लाजमी है ना शिक्षा के मंदिर के पुजारी के घर लक्ष्मी क्या करने पहुंच गई ।            

 एक चोर रहे तब ना जेपी विश्वविद्यालय के जिस कुलपति के खिलाफ निगरानी जांच हुई जांच में कांपी घोटाले में जिस प्रोफेसर को दोषी पाया गया रवि प्रकाश बब्लू कोर्ट से जमानत पर है उसको राजभवन जेपी विश्वविद्यालय का रजिस्ट्रार बना दिया है ।’बर्बाद गुलिस्तां करने को बस एक ही उल्लू काफी है यहां तो हर शाख पे उल्लू बैठा है अंजाम ऐ गुलिस्तां क्या होगा।

पंचायत चुनाव में बैंककर्मियों के उपयोग पर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई

पटना हाईकोर्ट ने राज्य के पंचायती राज संस्थानों में कराए जा रहे पंचायत आम निर्वाचन 2021 के चुनाव कार्य मे बैंककर्मियों के साथ साथ केंद्रीय बोर्ड व निगम सहित पब्लिक सेक्टर में कार्यरत कर्मी को चुनाव ड्यूटी पर तैनात किए जाने के मामलें पर सुनवाई की।

चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने इस रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्रीय चुनाव आयोग के साथ साथ राज्य निर्वाचन आयोग और राज्य सरकार से जबाब तलब किया है।

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ऑफिसर्स एसोसिएशन द्वारा बैंक कर्मियों को चुनाव कार्य मे लगाए जाने संबंधी चुनाव आयोग के अधिसूचना की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया।

याचिकाकर्ता ने जिला निर्वाचन पदाधिकारी (पंचायत)- सह- जिला पदाधिकारी पटना के द्वारा दिनांक 12 अगस्त 2021 को चीफ मैनेजर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया मुख्य कार्यालय पटना को लिखे उस पत्र को चुनौती दी है।

इसके माध्यम से पटना में कार्यरत सभी पदाधिकारियों एवम कर्मियों को चुनाव कार्य मे लगाए जाने के लिये नाम पद एवं उनका मोबाइल नंबर माँगा था, ताकि चुनाव कार्य के लिये उनका डाटा बेस तैयार किया जा सके।

कोर्ट को याचिकाकर्ता द्वारा बताया गया कि इससे बैंक का कार्य प्रभावित होता है।
एसबीआई पटना सर्किल ( बिहार व झारखंड क्षेत्र ) के अफसरों के संघ के महासचिव व अन्य अधिकारियों की तरफ से दायर इस याचिका में बिहार पंचायती राज कानून की संशोधित धारा 125 की संवैधानिकता को चुनौती दी गयी है।

इस धारा के तहत चुनाव ड्यूटी पर तैनात करने हेतु बैंक कर्मियों को भी राज्य सरकार के कर्मियों के समतुल्य माना गया है।
इस मामले पर फिर अगली सुनवाई 22 दिसम्बर को फिर होगी।

मुख्यमंत्री ने पटना म्युजियम और बिहार म्युजियम का किया भ्रमण

मुख्यमंत्री ने पटना म्युजियम और बिहार म्युजियम का किया भ्रमण, नये प्रस्तावित बस अड्डा के निर्माण को लेकर विभिन्न स्थलों का किया निरीक्षण

पटना, 17 नवम्बर 2021 :- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज पटना म्युजियम का भ्रमण कर वहां चलाए जा रहे अपग्रेडेशन एवं एक्सटेंशन कार्यों की जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को पटना म्युजियम के ग्राउंड प्लान, पटना म्यूजियम सब-वे लेबल प्लान तथा पटना म्यूजियम एवं बिहार म्युजियम की अंडरग्राउंड कनेक्टिविटी को लेकर प्रस्तावित सब–वे की भी जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने पटना म्युजियम एवं बिहार म्युजियम को जोड़ने वाले अंडरग्राउंड टनल (पाथ) बनाने की योजना की विस्तृत जानकारी ली और निर्माण कार्य को लेकर अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुये कहा बड़ी संख्या में लोग पटना म्युजियम एवं बिहार म्युजियम आते हैं और आगे भी आयेंगे। इसे ध्यान में रखते हुये यहां पार्किंग की समुचित व्यवस्था करें ताकि यहां आने वाले लोगों को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो।

पटना म्युजियम का सीएम ने किया निरीक्षण

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पाटलिपुत्र एक ऐतिहासिक स्थल है। पुरातात्विक दृष्टिकोण से पटना म्युजियम का यह स्थल काफी महत्वपूर्ण है। इस दृष्टिकोण से पटना म्युजियम के एक हिस्से में खुदाई कराना आवश्यक है। ताकि पुरातात्विक अवशेषों की प्राप्ति से यहां के इतिहास के बारे में और विशेष जानकारी मिल सकेगी।

मुख्यमंत्री ने पटना म्युजियम भ्रमण के उपरांत बिहार म्युजियम का भी निरीक्षण किया और पटना म्युजियम एवं बिहार म्युजियम को जोड़ने वाले अंडरग्राउंड पाथ के निर्माण कार्य को लेकर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने पटना म्युजियम एवं बिहार म्युजियम के भ्रमण के पश्चात् नये प्रस्तावित बस अड्डे के निर्माण हेतु फुलवारीशरीफ के मुरादपुर, बिहटा के नेउरा तथा कन्हौली में स्थल निरीक्षण किया।

निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री के परामर्शी श्री अंजनी कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, अपर मुख्य सचिव पथ निर्माण श्री प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव श्री आनंद किशोर, प्रमंडलीय आयुक्त श्री संजय कुमार अग्रवाल, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, कला-संस्कृति एवं युवा विभाग की सचिव श्रीमती बंदना प्रेयसी, भवन निर्माण विभाग के सचिव श्री कुमार रवि, अपर सचिव कला संस्कृति एवं युवा विभाग श्री दीपक आनंद, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, जिलाधिकारी श्री चंद्रशेखर सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक श्री उपेंद्र शर्मा सहित अन्य वरीय अधिकारी मौजूद थे।

फुलवारीशरीफ कब्रिस्तान को अतिक्रमण से मुक्त कराने का निर्देश

पटना हाईकोर्ट ने फुलवारीशरीफ के टमटम पड़ाव स्थित वक्फ बोर्ड की भूमि पर बने मजार और कब्रिस्तान पर हुए अतिक्रमण की जांच कर उसे अतिक्रमण से मुक्त कराने का निर्देश डी एम, पटना को दिया। मंसूर आलम द्वारा दायर किये गए जनहित याचिका जस्टिस राजन गुप्ता की डिवीजन बेंच ने पर सुनवाई की।

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि फुलवारीशरीफ में टमटम पड़ाव के पास 3.5 एकड़ में सुन्नी वक्फ का काफी समय से कब्रिस्तान है।यह मिनहाज रहमातुल्लाह अल्लाएह मजार और बाबा मखदूम साहेब मजार के नाम से जाना जाता है।

इस भूमि को सुल्तान मियां नामक व्यक्ति द्वारा अतिक्रमित कर लिया गया है।अतिक्रमणकारी द्वारा इस कब्रिस्तान के भूमि पर अवैध रूप से दुकान का निर्माण भी किये जाने लगा है।

कोर्ट को बताया गया कि याचिकाकर्ता द्वारा अतिक्रमण करने वाले जमीन माफिया के विरुद्ध कार्रवाई करने को लेकर राज्य के मुख्य मंत्री को एक आवेदन भी 25 सितंबर, 2020 को दिया गया।

साथ ही याचिकाकर्ता ने संयुक्त आवेदन पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक, जिलाधिकारी, सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष, फुलवारीशरीफ के डी एस पी व एस एच ओ को भी दिया, जिसकी प्रति राज्य के डी जी पी, फुलवारीशरीफ के सी ओ व राज्य के गृह सचिव को भी भेजा गया, लेकिन अबतक अतिक्रमण हटाने के लिए को प्रभावी कदम नहीं उठाए गए हैं। को लेकर कोई ठोस कार्रवाई नही की गई। कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर उक्त आदेश देने के बाद मामले को निष्पादित कर दिया।

पटना हाईकोर्ट ने सेकेंड्री स्कूल हेडमास्टर के नियुक्ति के लिए बनी नियमावली को चुनौती देने वाली याचिका को किया स्वीकार

पटना हाईकोर्ट ने राज्य में सीनियर सेकेंड्री स्कूल हेडमास्टर के नियुक्ति के लिए बनी नियमावली की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया है । टेट/एस टेट उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ की रिट याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की। कोर्ट ने राज्य सरकार को चार हफ्ते में जवाब देने का आदेश दिया

हाई कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य में इस नियमावली के तहत हो रही नियुक्तियां इस याचिका में पारित फैसले पर निर्भर करेगा ।

याचिकाकर्ता के वकील कुमार शानू ने कोर्ट को बताया कि 18 अगस्त 2021 को अधिसूचित हुई बिहार राज्य उच्चतर माध्यमिक स्कूल हेडमास्टर नियमावली में हेडमास्टर की नियुक्ति की शर्ते परस्पर विरोधी हैं । एक ओर 2012 नियमावली के तहत टी ई टी परीक्षा पास करना अनिवार्य है ,वही दूसरी ओर शैक्षणिक कार्य अनुभव को न्यूनतम 10 साल रखा गया है ।

इसमें मुश्किल ये हैं कि 2012 की नियमावली के तहत टीईटी परीक्षा को पास कर अधिकांश अभ्यर्थी 2014 में शिक्षक बने । इसलिए टीईटी पास शिक्षकों का न्यूनतम कार्य अनुभव 10 साल तक का नही हो पाया ।
इस कारण हेडमास्टर बहाली में मनमानी हो रही है।

हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के आरोपों पर सरकार को जवाब देने के लिए चार सप्ताह की मोहलत दिया है।इस मामले पर
अगली सुनवाई 8 हफ्ते बाद होगी ।

शिक्षा माफिया के खिलाफ बड़ी कार्रवाई मगध विश्वविधालय के कुलपति के ठीकाने पर चल रहा रेड

बिहार में स्पेशल विजिलेंस यूनिट (SVU) ने बुधवार को बोध गया स्थित मगध यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के ठिकानों पर छापेमारी की। कुलपति के ऑफिस के साथ-साथ घर को खंगाला जा रहा है। इस बात की पुष्टि स्पेशल विजिलेंस यूनिट ADG नैयर हसनैन खान ने की है।

कुलपति के कार्यालय में चल रहा है छापामारी

कुलपति पर रुपए की हेराफेरी का आरोप है। इसमें कुलपति अकेले नहीं हैं। कुलपति के PA सुबोध कुमार, आरा स्थित वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी के फाइनेंशियल ऑफिसर ओम प्रकाश, पटना स्थित पाटलिपुत्रा यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार जितेंद्र कुमार और लखनऊ के मेसर्स पूर्वा ग्राफिक्स एंड ऑफसेट व मेसर्स एक्सलिकट सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मालिक शामिल हैं।

ADG के मुताबिक, इन सभी के खिलाफ 16 नवंबर को SVU ने IPC की धारा 120B, 420, R/W की धारा 12 के सेक्शन 13(2) & 13(B) और PC एक्ट 1988 के तहत FIR दर्ज की गई। फिर स्पेशल विजिलेंस कोर्ट से कुलपति के ठिकानों पर छापेमारी करने और वहां की जांच करने के लिए सर्च वारंट मांगा। इसे कोर्ट ने जारी कर दिया। इसके बाद बुधवार सुबह छापेमारी की गई।

मधुबनी पत्रकार हत्याकांड ने खड़े किये कई सवाल

पत्रकार अविनाश झा हत्याकांड मामले में पुलिस प्रशासन क्या कर रही है इस पर मेरी भी नजर है और अविनाश को न्याय कैसे मिले इसको लेकर राज्य के सीनियर अधिकारियों से भी लगातार संपर्क में है आईजी दरभंगा को देखने का निर्देश पुलिस मुख्यालय की और से दिया गया है।

जो जानकारी मिल रही है अविनाश मधुबनी जिले में चल रहे अवैध नर्सिंग होम के खिलाफ अभियान चला रखा था और उसी वजह से उसकी हत्या हुई है ऐसा परिवार के लोगों का कहना है ।

वजह जो भी रहा हो लेकिन इस तरह के सार्वजनिक हितों से जुड़े मामले में झूठे मुकदमे में फंसाने से लेकर हत्या तक की घटनाए आम होती जा रही है वही इस तरह के व्हिसल ब्लोअर के संरक्षण के लिए जो कानून बनाये गये वो अब निष्प्रभावी होते जा रहा है। वजह भ्रष्टाचार और अन्याय के खिलाफ लड़ने वालों को सरकार ,न्यायपालिका और मीडिया से जो पहले संरक्षण मिलता था वो अब नहीं मिल रहा है मीडिया का हाल क्या कहना है शहाबुद्दीन की बेटी की शादी में व्यस्त है, रहे भी क्यों नहीं सबसे अधिक इसी तरह के खबर को लोग पढ़ते हैं ।

वही पुलिस और प्रशासन का हाल यह है कि सिस्टम में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाता है तो आवाज उठाने वालो पर ही पुलिस कार्रवाई करनी शुरु कर देती है, पहले ये सब थाना स्तर पर होता था लेकिन अब यह सब डीएम और एसपी के स्तर पर होने लगा है ऐसे में आप किससे न्याय की उम्मीद करते हैं ।

कोर्ट का हाल आप देख ही रहे हैं याद है या भुल गये पटना हाईकोर्ट ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में रिपोर्ट करने पर रोक लगा दिया था ।ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि इस भ्रष्ट व्यवस्था से कैसे लड़ा जाये ,मैं अपने अनुभव के आधार पर कुछ बाते कहना चाहता हूं भारत में लोकतंत्र के अंदर जो व्यवस्था है आप उन्ही के सहारे लड़ाई लड़ सकते हैं ।

1970 के दशक में हमारे कुछ उत्साही नौजवान बंदूक के सहारे व्यवस्था बदलने की सोच को लेकर नक्सल आंदोलन की शुरुआत किये भले ही आज यह आंदोलन एक अपराधी गैंग के हाथों सिमट कर रह गया है लेकिन इस आंदोलन ने सिस्टम को अपनी कार्यशैली में बदलाव लाने के लिए जरुर मजबूर किया लेकिन हिंसा आधारित आन्दोलन का जो हश्र होता है वही हश्र नक्सल आंदोलन का भी हुआ ।

दूसरा विकल्प गांधीवाद है उसके लिए आपके अंदर नैतिक बल होना चाहिए साथ ही जेल जाने के डर से बाहर निकलना पड़ेगा आज ना तो इसके लिए समाज तैयार है ना ही हमारी युवा पीढ़ी ।सोशल मीडिया के आने से थोड़ी उम्मीद जगी थी लेकिन भाई साहब लोग इसको भी गर्त में पहुंचा दिये आज हर गांव में एक सोशल मीडिया से जुड़े लोग मिल जायेंगे जो सुबह से शाम तक मिड डे मील की जांच करने स्कूल स्कूल में घूमता रहता है , बात नहीं बनी तो फिर जनवितरण प्रणाली के दुकान पर चला जाता है, इससे भी बात नहीं बनी तो अस्पताल पहुंच जाता है और दिन भर में सौ दो सौ करते करते एक हजार रुपया तक उगाही कर लेता है ।

यही चल रहा है बिहार में हाल ही छपरा से एक सीनियर पुलिस अधिकारी का फोन आया संतोष जी सामने एक लड़का बैठा है कह रहा है कि मैं पटना के एक पोर्टल का संपादक हूं देखिए कैसे ये जनाब एक गरीब का फसा दिया है। हुआ ऐसा कि संपादक महोदय कुछ दिन पहले छपरा गये थे और एक चप्पल बनाने वाले कारोबारी को ऑर्डर दिया कि इस नाम से एक हजार हवाई चप्पल बना दो और इसके लिए एडभान्स के रूप में 5 हजार रुपया भी दे दिया, जिस दिन चप्पल लेने के लिए वो कारोबारी फोन किया उस दिन संपादक महोदय उस कंपनी के बिहार हेड को लेकर छपरा पहुंचे और थाने में बड़े ब्रांड का नकली समान बनाने का आरोप लगाते हुए केस करवा दिया ।

पुलिस उस कारोबारी के घर छापा मारा तो ब्रांडेड कंपनी का नकली चप्पल उसके घर से बरामद हुआ पुलिस वहां काम करने वाला जो भी कारीगर था सबको पकड़ कर थाने ले आया पुलिस के लिए ये बड़ी उपलब्धि थी इसलिए पूछताछ के लिए सीनियर अधिकारी भी थाने पहुंच गये इस बीच संपादक महोदय पुलिस की कार्रवाई का लाइव रिपोर्टिंग करते रहे।

सीनियर अधिकारी जब थाना पहुंचा तो पूछताछ में पता चला कि चप्पल कारोबारी कानपुर के चप्पल बनाने वाली कंपनी में काम करता था लॉकडाउन में कंपनी बंद हो गया तो छपरा लौट आये और यहां आकर चप्पल बनाना जानते थे ही ,यही घर पर छोटा सा फैक्ट्री बैठा कर चप्पल बनाते हैं और गांव गांव घूम कर बेचते हैं ये मेरा भतीजा है जो साथ कानपुर में काम करता था।

ये जो मोबाइल चला रहे हैं वहीं आये हुए थे एक माह पहले मुझे एक नाम दिये और पांच हजार एडभान्स दिये और बोले जो एक हजार पीस चप्पल इस नाम से बना दो मैंने बना करके फोन कर दिये फिर ये घटना घटी है ।

पुलिस जब कंपनी वाले से पूछा तो पता चला ब्रांडेड कंपनी इस तरह जो नकली सामान बेचता है उसको पकड़ने पर कंपनी पकड़वाने वाले व्यक्ति को अच्छा खासा पैसा देता है, संपादक महोदय मीडिया के आर में यही धंधा चला रहा है ।

कभी सूने हैं पत्रकार को भी जिला बदर किया जाता है नहीं ना सूने हैं तो सुन लीजिए यह घटना दरभंगा का है जहां एक राष्ट्रीय चैनल के पत्रकार को डीएम जिला बदर कर दिया इसलिए कि वो रोज एफसीआई गोदाम पहुंच कर उगाही करना चाह रहे थे।

यही हाल सूचना का अधिकार की लड़ाई लड़ने वाले अधिकांश आरटीआई कार्यकर्ता का हर पंचायत में आपको दो चार मिल जाएगा जिसका दिन भर काम यही है सूचना मांगना और पैसा लेना और यही वजह है कि यह कानून ही निष्प्रभावी हो गया ।ऐसे में समाज भी तय नहीं पा रही है कि असली कौन है और नकली कौन है और इसी का फायदा सिस्टम उठा रहा है ।

ऐसे में भ्रष्टाचार और जुल्म के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए संगठित होने कि जरूरत है आज हो क्या रहा है भ्रष्टाचार और गलत काम करने वालो को बचाने के लिए सारा चोर एक साथ खड़ा हो जा रहा है लेकिन सही के लिए लड़ाई लड़ने वाले अक्सर अकेले पड़ जाता है ।

हाईकोर्ट ने पूर्वी चम्पारण के केसरिया ज़िला परिषद के चुनाव में उम्मीदवार या उनके प्रतिनिधि के समक्ष मतगणना नहीं होने के मामले पर की सुनवाई

पटना हाईकोर्ट ने पूर्व चम्पारण के केसरिया ज़िला परिषद के चुनाव में उम्मीदवार या उनके प्रतिनिधि के समक्ष मतगणना नहीं होने के मामले पर सुनवाई की।हेमंत कुमार की जनहित याचिका पर जस्टिस राजन गुप्ता की डिवीजन बेंच ने सुनवाई करते हुए राज्य निर्वाचन आयोग को मतगणना के समय वीडिओ और सीसीटीवी फुटेज की जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने को कहा।
इस जनहित याचिका में यह आरोप लगाया गया कि चुनाव के बाद हुए मतगणना के दौरान न तो उम्मीदवार उपस्थित थे और न ही उनके प्रतिनिधि।मतगणना उनके अनुपस्थिति में हुआ और बाद में एक चार्ट में मतगणना का परिणाम दे दिया गया।

राज्य निर्वाचन आयोग के वरीय अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया गया कि चुनाव के बाद मतगणना नियमानुकूल हुई।इसमें किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं हुई।साथ ही सारी मतगणना प्रक्रिया का वीडिओ और सीसीटीवी फुटेज मौजूद है।

इस पर कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया कि मतगणना से सम्बंधित वीडिओ और सीसी टीवी फुटेज की जांच व् परीक्षण कर आवश्यक कार्रवाई करें।इसके साथ ही कोर्ट ने मामले को निष्पादित कर दिया।

अपराधिक घटनाओं से जुड़े मेडिकल रिपोर्ट और पोस्टमार्टम रिपोर्ट को लेकर हाईकोर्ट सख्त

पटना हाईकोर्ट में राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों से जारी की जाने वाली मेडिकल,इंजुरी व पोस्टमार्टम रिपोर्ट को computerised (डिजिटल) करने के जनहित याचिका दायर किया गया है।ये जनहित याचिका अधिवक्ता ओम प्रकाश ने दायर किया है।

उन्होंने इस जनहित याचिका में यह आरोप लगाया कि अधिकतर सरकारी और निजी अस्पतालों से निर्गत मेडिकल,इंजुरी व पोस्टमॉर्टम हस्तलिखित होता हैं।इससे न सिर्फ पढ़ने में कठिनाई होती है, बल्कि सही अर्थ भी नहीं निकल पाता है।
रिपोर्ट की लिखावट स्पष्ट नहीं होने के कारण पढ़ने में बहुत मुश्किलें होती है।यहीं रिपोर्ट पुलिस थाना से होते हुए कोर्ट में आता है।यहाँ इस तरह के रिपोर्ट पढ़ने में मुश्किल होने के कारण न्यायिक प्रक्रिया मे बाधा उत्पन्न होता हैं।

इससे पूर्व 16 दिसंबर,2020 को याचिकाकर्ता ने इस सम्बन्ध में जनहित याचिका दायर किया था।हाईकोर्ट ने इस मामले पर सभी पक्षों को सुनने के बाद याचिकाकर्ता को राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को इस सम्बन्ध में अभ्यावेदन दायर करने का आदेश दिया था।साथ ही सम्बंधित अधिकारी को यह निर्देश दिया था कि इस मामले में विचार कर दो माह में निर्णय लें।लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं होने पर कोर्ट के निर्देश के अनुसार इस सम्बन्ध में याचिककर्ता दुबारा हाईकोर्ट के समक्ष ये मामला विचार के लिए रखा।

पुलिस कस्टडी में गुड्डु राय के मृत्यु के मामले में इंस्पेक्टर कमलेश कुमार को हाईकोर्ट से मिली राहत

पटना हाईकोर्ट ने कथित रूप से पुलिस कस्टडी में गुड्डु राय नाम के एक क़ैदी के मृत्यु के मामले में इंस्पेक्टर कमलेश कुमार की अग्रिम जमानत की याचिका पर सुनवाई की। जस्टिस अरविन्द श्रीवास्तव ने अग्रिम जमानत की याचिका पर सुनवाई करते हुए केस डायरी तलब किया है। साथ ही साथ कोर्ट ने याचिकाकर्ता कमलेश कुमार की गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगा दी है।

याचिकाकर्ता के विरुद्ध हुई विभागीय जांच में यह पाया गया था कि मारने की वजह से गुड्डु राय की मृत्यु हुई थी। छपरा स्थित सदर अंचल के पुलिस निरीक्षक हीरालाल प्रसाद द्वारा 20 अगस्त, 2019 को सारण के दाउदपुर पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज करवाई गई थी।

प्राथमिकी के अनुसार याचिकाकर्ता तत्कालीन थाना प्रभारी दाउदपुर पर कस्टडी में जाने के बाद जांच के क्रम में गुड्डु राय को गंभीर रूप से मारपीट करने का आरोप है। जिसकी वजह से इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई थी। घटना स्थल दाउदपुर थाना परिसर स्थित थानाध्यक्ष का कक्ष बताया गया है।

याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने आरोपी पुलिस अधिकारी का बचाव करते हुए कहा कि मृतक गुड्डु राय एक कुख्यात अपराधी था। उसके विरुद्ध बहुत सारे केस थे। पुलिस अधिकारी द्वारा कानून के दायरे में मृतक के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई की गई थी।

जेल में ही कुछ कैदियों द्वारा मारपीट किये जाने की वजह से इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई थी। आगे उन्होंने बताया कि गुड्डु राय को 21 जुलाई, 2017 को जुडिशियल रिमांड में जेल भेजा गया था।उसकी मृत्यु 26 जुलाई, 2017 को पटना के पी एम सी एच में इलाज के दौरान हुई थी।मृतक का पोस्टमार्टम भी पटना के पी एम सी एच में किया गया था।

न राज्य में शराब आने देंगे और न किसी को शराब पीने देंगे इसी मानसिकता के साथ काम करें -सीएम नीतीश कुमार

मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 7 घंटे तक मद्य निषेध के क्रियान्वयन से संबंधित उच्च स्तरीय मैराथन समीक्षा बैठक की

मुख्यमंत्री के निर्देश :

  • शराबबंदी के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। जिन्हें जिम्मेदारी दी गई है वे पूरी मुस्तैदी एवं मनोयोग के साथ काम करें।
  • न राज्य में शराब आने देंगे और न किसी को शराब पीने देंगे इसी मानसिकता के साथ काम करें।
  • जो भी सरकारी अधिकारी, कर्मी गड़बड़ी करते हैं उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई करें।
  • शराब के धंधे एवं शराब के सेवन में लिप्त किसी भी व्यक्ति पर कठोरता के साथ कार्रवाई करें।
  • पटना राजधानी है यहां विशेष सतर्कता बरतें।
  • शराब सेवन से होने वाली हानि के बारे में लोगों को जागरुक करें। मद्य निषेध को लेकर गांधी जी के विचारों का व्यापक प्रचार-प्रसार करें।
  • वर्ष 2016 में डब्ल्यू०एच०ओ० ने एक सर्वे कराया था, जिसमें शराब के सेवन से होने वाली हानियों के संबंध में रिपोर्ट प्रकाशित की गयी थी, इसके बारे में भी लोगों को बतायें।
  • सतत् जीविकोपार्जन योजना के तहत लाभार्थियों की सही पहचान कर उन्हें इसका लाभ दिलाएं।
  • कॉल सेंटर में कॉल करने वाले लोगों की गोपनीयता बरकरार रखें और इसका बेहतर ढंग से क्रियान्वयन करें। शिकायतकर्ता की संतुष्टि और शिकायतों के निष्पादन के संबंध में पूरी तरह से एक्टिव रहें ।
  • बॉर्डर एरिया में शराब सप्लाई के रुट्स को चिन्हित कर लगातार छापेमारी करें।
  • ए०डी०जी० / आई०जी० / डी०आई०जी० स्तर के पदाधिकारी नियमित रूप से क्षेत्र भ्रमण करें और निचले स्तर तक क्रियान्वयन का जायजा लें।गृह विभाग तथा मद्य निषेध विभाग आंतरिक सतर्कता विंग की व्यवस्था करें ताकि विभागीय अधिकारियों/ कर्मियों पर भी नियमित नजर रखी जा सके।
  • 15 दिन में जिलाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक / पुलिस अधीक्षक, उत्पाद अधीक्षक एवं विशेष लोक अभियोजक एक बार साथ बैठक कर शराबबंदी के क्रियान्वयन के संबंध में समीक्षा करें। जिलों के प्रभारी मंत्री और प्रभारी सचिव महीने में एक बार जिलों के विकास कार्यों की समीक्षा करने के साथ-साथ शराबबंदी के क्रियान्वयन की भी समीक्षा करें।
  • सभी थानों में चौकीदारों पर विशेष नजर रखें और उन्हें गांव में गड़बड़ी करने वालों के संबंध में पूरी सूचना देने को कहें। जिन थाना प्रभारियों के कार्य में शिथिलता पायी गई हैं उन्हें 10 वर्षों तक थाना प्रभारी नहीं बनाए जाने का निर्णय लिया गया था, इस पर पूरी सख्ती से अमल करें।

पटना, 16 नवम्बर 2021 :- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित ‘संवाद’ में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 7 घंटे तक मद्य निषेध के क्रियान्वयन से संबंधित उच्च स्तरीय मैराथन समीक्षा बैठक की। समीक्षा के दौरान पुलिस अधीक्षक मद्य निषेध ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रोविशन इनफोर्समेंट लीकर रिकवरी एंड डिस्ट्रक्शन, केस रजिस्टर्ड एंड अरेस्टिंग, कन्विक्शन, प्रोनिशन कॉल सेंटर, डिसिप्लिनरी एक्शन, प्रचार-प्रसार अभियान आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।

समीक्षा के दौरान पुलिस महानिदेशक श्री एस०के० सिंघल ने मुख्यमंत्री द्वारा पूछे गये शराबबंदी से जुड़े प्रश्नों का सिलसिलेवार जवाब दिया और आगे की जाने वाली कार्रवाईयों के संबंध में भी विस्तृत जानकारी दी।

अपर मुख्य सचिव, गृह श्री चैतन्य प्रसाद ने विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों के संबंध में अद्यतन जानकारी दी।

सभी जिलों के वरीय पुलिस अधीक्षक / पुलिस अधीक्षक ने अपने-अपने जिलों में मद्य निषेध के क्रियान्वयन के संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जानकारी दी। समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं की मांग पर 05 अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू की गयी। विधानसभा और विधान परिषद् में सर्वसम्मति से शराबबंदी कानून परित किया गया। सभी विधान सभा एवं विधान परिषद् सदस्यों सहित सभी सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने शराबबंदी के पक्ष में शपथ ली थी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 से 2019 तक शराबबंदी के क्रियान्वयन की लगातार समीक्षा भी की गई है। उसके बाद कोरोना का दौर आया और उसमें भी शराबबंदी के क्रियान्वयन को लेकर समय-समय पर समीक्षा की जाती रही है। 21 जनवरी 2017 को 04 करोड़ लोगों ने मानव श्रृंखला बनाकर शराबबंदी के पक्ष में अपना समर्थन दिया था। हाल ही में 05 नवंबर को शराबबंदी को लेकर भी समीक्षा बैठक हुई थी, जिसमें तय किया गया था कि 18 नवंबर को शराबबंदी के क्रियान्वयन के एक-एक बिंदु पर विस्तृत समीक्षा की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2016 में डब्ल्यूएचओ ने सर्वे कराया था, जिसमें बताया गया था कि शराब के सेवन से कितनी हानि होती है 20 से 39 वर्ष आयु वर्ग के लोगों की पूरी दुनिया में जितनी मौतें होती है उसमें शराब पीने के कारण 13.5 प्रतिशत लोगों की मृत्यु होती है 2018 में पूरी दुनिया में शराब पीने के कारण 30 लाख लोगों की मृत्यु हुयी है जो कुल मृत्यु का 6.3 प्रतिशत है। इस रिपोर्ट में शराब पीने के कारण होने वाली कई गंभीर बीमारियों के बारे में बताया गया है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी के कारण राज्य में अपराध की घटनाओं में और कमी आयी है। पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया है। उन सभी जनप्रतिनिधि महिलाओं, अन्य संस्थाओं एवं जीविका के माध्यम से लोगों को शराब सेवन से होने वाली हानि के बारे में जागरूक किया जा रहा है, इस काम में और तेजी लायें मद्य निषेध को लेकर गांधी जी के विचारों का व्यापक प्रचार-प्रसार करें पेंटिंग, नुक्कड़ नाटक एवं अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को शराब से होने वाली हानि के संबंध में जागरूक करें। शराब सेवन से छुटकारे के लिए अस्पतालों में बनाए गए नशामुक्ति केंद्र में जाने के लिए लोगों को प्रेरित करें।

शराबबंदी को लेकर सरकार एक्शन में

मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। जिन्हें जो जिम्मेदारी दी गई है वो पूरी मुस्तैदी एवं मनोयोग के साथ काम करें। न राज्य में शराब आने देंगे और न किसी को शराब पौने देंगे, इसी मानसिकता के साथ काम करें जो भी सरकारी अधिकारी, कर्मचारी गड़बड़ी करते हैं उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई करें। समाज में कुछ गड़बड़ करने वाले लोग होते हैं। ज्यादातर लोग अच्छे होते हैं गड़बड़ करने वाले लोगों की पहचान कर उन पर ऐक्शन लें कोई भी व्यक्ति किसी से संबद्ध हो पूरी पारदर्शिता के साथ उन पर कार्रवाई करें। सभी लोगों पर नियमानुसार कार्रवाई किसी को बख्शना नहीं है। वास्तविक रूप से शराब के धंधे में लिप्त लोगों की गिरफ्तारी हर हालत में हो। पटना राजधानी है यहां विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 28 नवंबर को नशामुक्ति दिवस पर सभी सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को एक बार पुनः शराबबंदी को लेकर मजबूती से शपथ दिलाएं सभी मंत्रीगण, सभी विधायकगण, सभी विधान पार्षदगण सहित सभी जनप्रतिनिधि भी शपथ लें। उन्होंने कहा कि सभी को संकल्प लेकर शराबबंदी को कारगर बनाने के लिए एकजुट होकर काम करना है। उन्होंने कहा कि नीरा उपयोगी है। इसका न सिर्फ स्वाद अच्छा है बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। इससे लोगों की आमदनी भी बढ़ेगी और रोजगार भी मिलेगा। नीरा के उत्पादन को पुनः शुरू करायें सतत् जीविकोपार्जन योजना के तहत लाभार्थियों की सही पहचान कर उन्हें इसका लाभ दिलाएं।

शराबबंदी पर सरकार किसी भी तरह के समझौते के मूड में नहीं

मुख्यमंत्री ने कहा कि कॉल सेंटर में कॉल करने वाले लोगों की गोपनीयता बरकरार रखें और इसका बेहतर क्रियान्वयन करें शिकायतकर्ता की संतुष्टि और शिकायतों के निष्पादन के संबंध में पूरी तरह से एक्टिव रहें बिजली के पोल तथा ट्रांसफार्मर पर कॉल सेंटर का नंबर हर जगर अंकित होना चाहिए। बॉर्डर एरिया में शराब सप्लाई के फट्स की पहचान करें और लगातार छापेमारी करें। उन्हों कहा कि एण्डी०जी० आई०जी० / डी०आई०जी० स्तर के पदाधिकारी नियमित रूप से क्षेत्र भ्रमण कर निचले स्तर पर क्रियान्वयन का जायजा लें गृह विभाग तथा मद्य निषेध विभाग आंतरिक सतर्कता विंग की व्यवस्था करे ताकि विभागीय अधिकारियों/ कर्मियों पर भी नियमित नजर रखी जा सके 15 दिन में जिलाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक / पुलिस अधीक्षक, उत्पाद अधीक्षक एवं लोक अभियोजक एक बार साथ बैठक कर शराबबंदी के क्रियान्वयन को लेकर अवश्य समीक्षा करें जिलों के प्रभारी मंत्री और प्रभारी सचिव महीने में एक बार जिलों के विकास कार्यों की समीक्षा करने के साथ-साथ शराबबंदी के क्रियान्वयन की भी समीक्षा करें। सभी थानों में चौकीदारों पर विशेष नजर रखें और उन्हें गांव में गड़बड़ी करने वालों की पूरी सूचना देने के लिए कहें। जिन थाना प्रभारियों के कार्य में शिथिलता पायी गई हैं उन्हें 10 वर्षों तक थाना प्रभारी नहीं बनाए जाने का निर्णय लिया गया था. इस पर पूरी सख्ती से अमल करें।मुख्यमंत्री ने कहा कि विधि व्यवस्था एवं अपराध नियंत्रण के लिए हर हालत में काम करना है साथ ही शराबबंदी के नियंत्रण के लिए भी उतनी ही मुस्तैदी के साथ काम करना है।

जिस थाने क्षेत्र में शराब बरामद होगा थानेदार की जायेंगी नौकरी

बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री श्रीमती रेणु देवी, ऊर्जा सह योजना एवं विकास मंत्री श्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, शिक्षा मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन मंत्री श्री सुनील कुमार, उद्योग मंत्री श्री शाहनवाज हुसैन, जल संसाधन मंत्री श्री संजय झा, भवन निर्माण मंत्री श्री अशोक कुमार चौधरी, ग्रामीण विकास मंत्री श्री श्रवण कुमार, स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडे, समाज कल्याण मंत्री श्री मदन सहनी, विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री श्री सुमित कुमार सिंह, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री श्री जमां खान, पथ निर्माण मंत्री श्री नितिन नवीन, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्रीमती लेशी सिंह, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री श्री रामप्रीत पासवान, पर्यटन मंत्री श्री नारायण प्रसाद, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री श्री मुकेश सहनी, लघु जल संसाधन मंत्री श्री संतोष कुमार सुमन, ग्रामीण कार्य मंत्री श्री जयंत चौधरी, परिवहन मंत्री श्रीमती शीला कुमारी, कृषि मंत्री श्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, खान एवं भूतत्व मंत्री श्री जनक राम, कला संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री श्री आलोक रंजन, श्रम संसाधन-सह- सूचना एवं प्रावैधिकी मंत्री श्री जीवेश कुमार, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री श्री राम सूरत कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री त्रिपुरारी शरण, पुलिस महानिदेशक श्री एस0के0 सिंघल, विकास आयुक्त श्री आमिर सुबहानी, अपर मुख्य सचिव गृह श्री चैतन्य प्रसाद मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, अ पुलिस महानिदेशक लॉ एंड ऑर्डर श्री विनय कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक, मुख्यालय श्री जे०एस० गंगवार, अपर पुलिस महानिदेशक, स्पेशल ब्रांच श्री सुनील कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, उत्पाद आयुक्त श्री बी० कार्तिकेय धनजी विशेष सचिव गृह श्री विकास वैभव, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अन्य मंत्रीगण, संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव / प्रधान सचिव / सचिव, संबंधित विभागों के अन्य वरीय अधिकारी, रेंज के पुलिस महानिरीक्षक / पुलिस उप महानिरीक्षक, जिलाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक / पुलिस अधीक्षक जुड़े हुए थे।

पत्रकार हत्याकांड के खिलाफ परिजन उतरे सड़क पर कहां पुलिस दोषी को बचाने में लगी है

पत्रकार अविनाश कुमार उर्फ बुद्धिनाथ झा की हत्या को लेकर आज भी पूरे बिहार में हंगामा जारी रहा वहीं अविनाश के परिजन मधुबनी पुलिस के कार्यशैली को लेकर सड़क पर उतर आये और थाने के सामने सड़क पर बैठकर परिजनों ने विरोध प्रदर्शन किया।

अविनाश सोशल मीडिया पर खबरों का चैनल चलाते थे। साथ ही वे नवजातों की थेरेपी का क्लीनिक भी चलाते थे। परिजनों का आरोप है कि अविनाश बेनीपटट्टी के कई फर्जी नर्सिंग होम के खिलाफ कार्रवाई के लिए कागजी प्रक्रिया कर रहे थे, इसलिए उनकी हत्या की गई है।

पुलिस ने इस मामले में नर्स समेत छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। बेनीपट्टी एसडीपीओ अरुण कुमार सिंह ने जल्द ही पूरे मामले का खुलासा करने का दावा भी किया है। उन्होंने बताया कि अविनाश झा हत्याकांड में अरेर थाना क्षेत्र के अतरौली की पूर्णकला देवी, बेनीपट्टी के रोशन कुमार साह, बिट्टू कुमार पंडित, दीपक कुमार पंडित, पवन कुमार पंडित व मनीष कुमार को गिरफ्तार किया गया है। सभी से सघन पूछताछ की जा रही है। हत्या मामले में पुलिस प्रेम प्रसंग और नर्सिंग होम संचालकों की संलिप्तता दोनों बिन्दुओं पर जांच कर रही है।

बिहार के विकास का सच आया सामने

विधानसभा के आम चुनाव में देरी है। सो, तारापुर-कुशेश्वरस्थान के उप चुनाव को मिनी आम चुनाव तो नहीं, रिहर्सल कह सकते हैं। उप चुनाव के अनुभव से आम चुनाव के लिए सटीक पात्र तय होंगे। विषय वस्तु का निर्धारण होगा। दर्शकों की रुचि की विविधता को देखते हुए कुछ रोचक पटकथा लिखी जाएगी। तारापुर में जदयू और राजद-दोनों ने कठोर श्रम किया।

हाल के दिनों का यह पहला उप चुनाव था, जिसमें हर घर नेता पहुंचे। कड़ी मेहनत किसे कहते हैं, इसका अहसास सभी दलों को हुआ।जदयू के नए बने राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह इसी क्षेत्र में बंधे रहे। भवन निर्माण मंत्री डा. अशोक चौधरी प्रभारी बनाए गए थे।

चुनाव के दौरान वह एक दिन के लिए भी पटना नहीं आए। मतदान के दिन भी वे जमुई जिले में बैठे थे। राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल और उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने रोड शो किया। केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने कई गांवों में गए। पार्टी संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा इस क्षेत्र के गांवों में गए।

विधानसभा के पिछले चुनाव में रालोसपा उम्मीदवार को पांच हजार से अधिक वोट मिले थे। कुशवाहा ने इन वोटरों को जदयू में हस्तांतरित कराने की पूरी कोशिश की। सरकार का शायद ही कोई मंत्री और जदयू का सांसद या विधायक हो, जिन्होंने उप चुनाव में वोट नहीं मांगा।

जाति बनाम विकास
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नारा न्याय के साथ विकास है। चुनाव जीतने के लिए यह काफी नहीं होता है। इसलिए जिस जाति का गांव था, उसी जाति के नेता की ड्यूटी लगाई गई। प्रचार के दौरान यह भी पता चला कि अंदरूनी हिस्से में विकास की रफ्तार ठीक नहीं है।

प्रचार के दौरान जदयू प्रवक्ता संजय सिंह को ग्रामीणों ने खराब सड़क की शिकायत की। ललन सिंह को कई जगहों पर कहना पड़ा कि प्राथमिकता के आधार पर अंदरूनी सड़कों की मरम्मत करा देंगे। इसके अलावा अफसरों की काम टालू प्रवृति और रिश्वखोरी की शिकायतें भी इफरात में मिली। सवाल उठता है कि किसी एक क्षेत्र में इतनी मेहनत आम चुनाव में भी संभव है क्या?

तेजस्वी को शुद्ध लाभ
कड़ी मेहनत के बावजूद राजद चुनाव हार गया। जदयू की तरह उसके भी विधायक-पूर्व विधायक पंचायतों में भर चुनाव मौजूद रहे। तेजस्वी यादव ने अकेले चुनाव लड़ने और अपने समीकरण से बाहर का उम्मीदवार देकर नया प्रयोग किया था। इन प्रयोगों पर उन्हें अफसोस करने की जरूरत नहीं है। तेजस्वी को शुद्ध लाभ यह हुआ कि परिवार ने भी उनके नेतृत्व को स्वीकार कर लिया।

विश्लेषण का एक पक्ष यह भी है कि राजद अपने संस्थापक लालू प्रसाद के दौर से निकल गया है। उनकी पुरानी शैली राजद के बदले प्रतिद्वंद्वी को लाभ पहुंचाती है। हां, लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान को भी उप चुनाव से संदेश मिला-अकेले चलते रहे तो घाटे में ही रहेंगे।

लेखक –अरुण अशेष

रोड एक्सीडेंट मामले में बिहार देश में बना अव्वल

स्पीड का कहर जी है बिहार में इन दिनों अपराधिक घटनाओं से कही अधिक मौते स्पीड के कहर से हो रहा है आज सुबह से ही बिहार के अलग अलग हिस्सों से अभी तक एक दर्जन से अधिक लोगों की सड़क दुर्घटना में मौत की खबर आ चुकी है वही कई लोग जिंदगी और मौत से जुझ रहे हैं ।

सुशांत सिंह राजपूत के रिश्तेदारों की सड़क दुर्घटना में हुई थी मौत


सुबह सुबह आज लखीसराय जिले में हुए एक हादसे में (Lakhisarai Road Accident) जमुई जिले के खैरा थाना इलाके के भंडरा गांव के एक परिवार के छह लोगों की मौत हो गई. हादसे का शिकार हुए छह लोगों में से चार लोग सुशांत सिंह राजपूत के जीजा के रिश्तेदार थे. जीजा जी हरियाणा कैडर के डीजी रैक के अधिकारी ओमप्रकाश सिंह के चार रिश्तेदार इस दुर्घटना में मारे गए हैं.

ओमप्रकाश सिंह की बहन का अंतिम संस्कार कर उनकी बहन के पति अपने दो बेटे और एक बेटी समेत कुल 10 लोगों के साथ सुमो विक्टा में सवार थे जो अंतिम संस्कार में शामिल होने के बाद पटना से अपने घर लौट रहे थे. लखीसराय के पास उनकी गाड़ी सड़क हादसे का शिकार हो गई जिसमें 6 लोगों की मौत मौके पर ही हो गई जबकि चार गंभीर रूप से घायल हो गए. घायलों में दो लोगों को जमुई जबकि दो लोगों को पटना रेफर किया गया है.
दूसरी खबर बगहा से है जहां बगहा नगर थाना के सिकटिया मच्छरगावा गांव के समीप तेज गति से आ रहे बाइक व बैल गाड़ी के आमने सामने हुई भिड़ंत में एक की मौत हो गई। वही दो लोग गम्भीर रूप से घायल हो गए। घायलों का इलाज स्थानीय स्तर पर चल रहा है। मृतक चिउटांहा थाना क्षेत्र के रतनपुरवा के निवासी मृतक अतुल कुमार है जो अपने मां बाप के एकलौता संतान था।
तीसरी खबर कटिहार के पोठिया प्रखंड से कुरसेला से आ रही है अनियंत्रित मारुति कार पेड़ से टकराई,जिसमे कार में सवार एक दिव्यांग महिला की मौत इलाज के दौरान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हो गयी ,जबकि चालक गंभीर रूप से घायल है,मृतक फारबिसगंज के बताए जा रहे है और अपने घर से महेशखूंट जा रहे थे,घटना कुर्सेला के महेशपुर के समीप की है
चौथी खबर गोपालगंज से आ रही है जहां मीरगंज थाना के नरैनिया एसबीआई बैक के पास एक जिला प्रशासन लिखी तेज़ रफ़्तार अनियंत्रित गाडी ने एक बाइक को कुचल दिया। घटना स्थल पर ही बाइक सवार की मौत हो गयी। वहीं दूसरा युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसे डॉक्टरों ने बेहतर इलाज के लिए गोरखपुर रेफर कर दिया। मृतक की पहचान मीरगंज थाना क्षेत्र के मानिकपुर गांव निवासी कपिल देव पंडित के पुत्र हरि किशुन पंडित के तौर पर हुई है। घायल युवक नगर थाना के गोसाई टोला निवासी घोघी पण्डित के पुत्र मुंद्रिका पण्डित है।

बिहार में शराबबंदी को लेकर पत्रकार का पत्र सीएम के नाम

राज्य के मुख्यमंत्री के नाम एक पत्रकार का पत्र

नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री , बिहार

आज के सभी अखबारों में शराबबंदी को लेकर आपका एक संदेश छपा है जिसमें शराबबंदी को लेकर कई महत्वपूर्ण सुझाव है ।साथ ही आज आप शराबबंदी कानून को और प्रभावी ढंग से कैसे लागू किया जाये इस पर बैठक करने वाले हैं ।
शायद आपको याद नहीं होगा लेकिन मुझे पूरी तौर पर याद है जब आपकी सरकार ने बिहार के गांव गांव में शराब बिक्री केन्द्र खोलने का निर्णय लिया था उस निर्णय के एक वर्ष पूरे होने पर उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग द्वारा अभियंता भवन में बड़े स्तर पर मध निषेध दिवस का आयोजन किया गया था ।
कार्यक्रम के समापन के बाद चलते चलते मैंने आपसे एक सवाल किया था एक तरफ आप शराब से होने वाले नुकसान को लेकर आज पूरे बिहार में मध निषेध दिवस मना रहे हैं दूसरी और गांव गांव में आप शराब बिक्री केन्द्र खोल रहे हैं जिस वजह से गांव स्तर पर शराब पीने वाले एक नये वर्ग का उदय हुआ, घरेलू हिंसा और अन्य अपराध में काफी वृद्धि हुई है और गांव की शांति समाप्त हो गयी है ।
आप हंसते हुए उस समय के उत्पाद एवं मद्य निषेध विजेंद्र यादव की ओर देखते हुए कहा था विजेंद्र बाबू संतोष जी के सवाल का जबाव दीजिए, ऐसा लगा मंत्री जी इस सवाल के जबाव को लेकर पूरी तैयारी के साथ कार्यक्रम में भाग लेने आये थे ।
मंत्री जी बोलने लगे महाराष्ट्र ,हरियाणा ,पंजाब और उत्तर प्रदेश में आबादी के हिसाब से जितनी दुकाने हैं उससे आज भी बिहार में आधे से कम शराब की दुकाने हैं अभी भी बिहार में और शराब की दुकाने खोलने पर सरकार विचार कर रही है और बात घरेलू हिंसा कि है तो इसलिए तो आज पूरे बिहार में स्कूल स्तर पर भी मध निषेध दिवस मनाया जा रहा है ताकी लोगों में जागरुकता आ सके कि शराब पीना से सेहत और परिवार का कितना नुकसान होता है ।
खैर अब इन सवालों का कोई मतलब नहीं रह गया है बात अब हम शराबबंदी कानून को लेकर करते हैं पहली बात आपके जानकारी के लिए पत्रकार होने के बावजूद शराब के एक बूंद का सेवन मैंने अभी तक नहीं किया हूं ।
मैं ही नहीं मेरे पूरे परिवार में चाहे वो बहन का पक्ष हो ,ससुराल का पक्ष हो, ननिहाल का पक्ष हो स्थिति यह है कोई लेता भी होगा तो पता किसी को नहीं है शराब को लेकर यह धरना आज भी है इसलिए शराबबंदी कानून के पक्षकार में भी हूं लोग इस कानून की जीतनी भी आलोचना कर ले आज भी कितने भी रसुख वाले लोग क्यों ना हो शराब पीकर चौक चौहारे पर गुंडागर्दी नहीं कर सकता है पीये हुए हैं तो साइज में है यह स्थिति अभी भी है।
वहीं दूसरी ओर सच्चाई यह भी सच्चाई है कि शराब बिहार के हर गांव में उपलब्ध है और जब चाहे आपको आपके घर पहुंचा दिया जायेगा और यह सब पुलिस और उत्पाद विभाग से जुड़े कर्मियों के सहयोग से ही चल रहा है और इसको रोकना आपके बस में नहीं है क्यों कि इस धंधे ने पूरे बिहार में एक ऐसा नेटवर्क खड़ा कर दिया है जिसको तोड़ना सम्भव नहीं है कुछ दिन पहले तक इस खेल में पुलिस मुख्यालय के आलाधिकारी भी शामिल थे लेकिन फिलहाल वैसी स्थिति नहीं है लेकिन अवैध शराब से जो कमाई हो रही है उसका हिस्सा गांव के चौकीदार से लेकर पटना तक पहुंचता है ।
आज बिहार का हर थाना धनबाद के किसी भी थाने से कम नहीं है बिहार के अधिकांश जिलों का हाल यह है कि इन दिनों धनबाद भी फेल है थाने की बोली लाखो में लगती है और फिर महिना अलग से आपको जानकारी में हो या नहीं हो सीनियर अधिकारी से लेकर थाने स्तर पर पोस्टिंग के लिए पटना में एक लाँबी काम कर रही है हलांकि इसको आप तोड़ सकते हैं ।
लेकिन शराब के अवैध कारोबार की वजह से गांव गांव में शराब कारोबारी पैदा हो गया जो लाखो में खेल रहा है और अब स्थिति यह है कि हर गांव में एक अलग तरह का अर्थतंत्र पैदा ले लिया है जो गांव की पूरी व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया है।
मुख्यमंत्री जी आपके जानकारी के लिए इस बार के पंचायत चुनाव में 500 करोड़ से अधिक की राशी मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए उम्मीदवारों की और से खर्च किया गया है और इसमें शराब कारोबारी सबसे आगे हैं कैमूर से शुरु करिए और किशनगंज पहुंच जाइए बगहा से शुरु करिए वैशाली पहुंच जाइए कई शराब माफिया तो जेल में रहते हुए चुनाव जीता है ।
हलात यह है कि पंचायत में दो तरह के माफिया पैसा लूटा रहा है एक तरफ शराब माफिया पैसा बहा रहा है तो दूसरी और हर घर नल जल योजना को लूटने वाला मुखिया है एक एक पंचायत में मुखिया उम्मीदवार 40 से 50 लाख रुपया खर्च किया है,बड़ी संख्या में शराब कारोबारी चुनाव जीत कर आया है हाल ही छठ के दौरान बिहार के कई अधिकारियों से मिलने के मौका मिला जब इस विषय पर चर्चा हुई तो उन्होंने कहा कि संतोष जी जिस शराब माफिया को पकड़ने के लिए खगड़िया ,बेगूसराय और समस्तीपुर की पुलिस परेशान था दो माह पूर्व वो पकड़ा गया अभी जेल में बंद है और कल वो जेल में रहते मुखिया का चुनाव जीत गया है ।
हर पंचायत का यही हाल है हर पद पर शराब कोराबारी चुनाव लड़ रहा है ऐसे में पुलिस और प्रशासन क्या करेंगा कल वो प्रखंड प्रमुख बनेगा ,जिला परिषद का अध्यक्ष बनेगा ,मुखिया बन ही गया है ऐसे में इन लोगों पर कार्रवाई करना और मुश्किल हो जायेंगा अवैध पैसा का इस्तमाल इस स्तर पर होने लगा है ।
पुलिस के आलाधिकारी का कहना है कि शराब माफिया के खिलाफ कार्रवाई करना बहुत मुश्किल होता जा रहा है जो थानेदार हाथ डालता है उसके क्षेत्र में अलग तरह का क्राइम बढ़ जाता है कोई भी घटना घटती है ऐसे तत्व पुलिस पर हमला कराने में जुट जाता है बहुत मुश्किल होता जा रहा है फिल्ड में काम करना।
छठ के दौरान बेगूसराय के बखरी में एक व्यक्ति की डूबने से मौत हो गयी और इस घटना के बाद आक्रोशित भीड़ ने बखरी के अनुमंडल पुलिस अधिकारी (डीएसपी) के सरकारी आवास पर हमला बोल दिया उस वक्त उनकी पत्नी और बच्चा घर में मौजूद था वो चिखती और चिल्लाती रही और भीड़ आवास में तोड़फोड़ करता रहा तत्तकालिक कारण जो भी रहा लेकिन उस हंगामे में शराब माफिया की बड़ी भूमिका थी ।
आये दिन पुलिस को लोग पीट रहे है कही पैर में बांध कर तो कही बिजली के खम्भे में बांध कर पिटाई करते वीडियो वाइरल हो रहा है यू कहे तो सरकार का इकबाल खतरे में है ऐसे में ये अब आपके जिद्द से राज्य को नुकसान हो रहा है कानून का राज खतरे में है ,पूरी व्यवस्था भ्रष्ट होने के कगार पर है ऐसे में शराबबंदी कानून पर नये सिरे से सोचने कि जरुरत है ।

मधुबनी पत्रकार हत्याकांड मुख्यमंत्री से उच्चस्तरीय जॉच की माँग

मधुबनी जिले के आरटीआई एक्टिविस्ट और पत्रकार बुद्धिनाथ झा उर्फ अविनाश हत्याकांड मामले में पुलिस ने हत्या का जो कारण बताया है उसको लेकर परिजनों में खासा आक्रोश है ।
पत्रकार अविनाश झा हत्याकांड के विरोध में आज भी पूरे बिहार में लोग सड़क पर उतरे हैं।

मधुबनी पत्रकार हत्याकांड को लेकर सड़क पर उतरे लोग


देश भर में ‘पढ़ाई कमाई दवाई’ का नारा देने वाले अनुपम के नेतृत्व में चल रहे ‘युवा हल्ला बोल’ ने पत्रकार अविनाश झा की निर्मम हत्या के विरोध में बिहार के कई जिलों में प्रदर्शन किया।

मधुबनी पत्रकार हत्याकांड मुख्यमंत्री से उच्चस्तरीय जॉच की माँग


वही अविनाश हत्याकांड की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग को लेकर मधुबनी प्रेस क्लब ने मुख्यमंत्री को लिखा है जिसमें अविनाश झा की निर्मम हत्या की जांच में जिले के पुलिस अधिकारियों को अलग रखाने की मांग की है वही 5 दिनों तक प्रेस क्लब के पत्रकारों द्वारा काला बिल्ला लगाकर काम करने का निर्णय लिया है ।

3270 स्थाई आयुष चिकित्सकों नियुक्ति शीघ्रः मंगल पाण्डेय

3270 स्थाई आयुष चिकित्सकों नियुक्ति शीघ्रः मंगल पाण्डेय
प्रदेश के लोगों में देसी चिकित्सा के प्रति बढ़ रहा विश्वास

पटना। स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग प्रदेश में देसी चिकित्सा पद्धति को विकसित करने का लगातार प्रयास कर रही है। साथ ही आयुष अस्पतालों की स्थिति को सुधारने के लिए भी कवायद चल रही है। इसके तहत देसी चिकित्सा कॉलेज और अस्पतालों को सुदृढ़ किया जा रहा है। इसके लिए आधारभूत संरचनाओं को मजबूत और चिकित्सको के रिक्त पदों पर नई नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। उन्होंने कहा कि अगले साल जनवरी तक 3270 आयुष चिकित्सकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी।
श्री पांडेय ने कहा कि आयुर्वेदिक, यूनानी एवं होम्योपैथिक चिकित्सकों की 3270 पदों पर नियुक्ति के लिए अधियाचना बिहार तकनीकी सेवा आयोग को भेजी गयी थी। इसके आलोक में आयोग द्वारा नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। कुल 3270 पदों में से 50 फीसदी यानि 1635 पर आयुर्वेद, 30 फीसदी यानि 981 पर होमियोपैथी और 20 फीसदी यानि 654 पदों पर यूनानी चिकित्सक नियुक्त किये जाएंगे। राज्य सरकार के प्रयासों से प्रदेश में आयुष चिकित्सा के प्रति भी लोगों का आकर्षण बढ़ा है। राज्य आयुष समिति की रिपोर्ट भी इस बात की तस्दीक करती है कि प्रदेश के लोग एलोपैथी के साथ-साथ आयुष चिकित्सा को एक बेहतर विकल्प के रूप में देख रहे हैं।
श्री पाण्डेय ने कहा कि आयुष चिकित्सा के विकास-विस्तार एवं इसकी सुविधा जन-जन तक पहुंचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। राज्य के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कुल 1384 आयुष चिकित्सकों का चयन कर नियोजन किया गया है। आयुर्वेदिक के 704, होमियोपैथी के 428 व यूनानी के 252 चिकित्सक हैं। 3270 नियमित आयुष चिकित्सकों की नियुक्ति होने से राज्य के लोग और बेहतर तरीके से अपना देसी चिकित्सा पद्धति से उपचार करा सकेंगे। इन चिकित्सकों की नियुक्ति आयुर्वेदिक, होमियोपैथिक और यूनानी चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के साथ-साथ अन्य अस्पतालों में की जाएगी।

छिटपुट घटनाओं को छोड़ पंचायत चुनाव का सातवा चरण का मतदान सम्पन्न

बिहार पंचायत चुनाव में सातवें चरण की सीटों पर मतदान छिटपुट घटनाओं को छोड़कर शांतिपूर्ण सम्पन्न हो गया है । आज 37 जिलों के 63 प्रखंडों के 903 पंचायतों में वोटिंग हुई है आज के वोटिंग में भी महिलाए बढ़ चढ़ कर हिस्सा ली है । आज के मतदान का मतगणना17 और 18 नवंबर को होगी। राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार सातवें चरण के मतदान में भी मतदाताओं ने जमकर उत्साह दिखाया 65 से 70 प्रतिशत मतदान की खबर है और अभी भी कई मतदान केन्द्रों पर अभी भी वोटिंग चल रही है ।आयोग के अनुसार आज के वोटिंग में 7 जगह ईवीएम खराब हुए हैं,मतदान केंद्र पर मारपीट हंगामा की तीन घटनाएं घटी है, बोगस वोटिंग के दो मामले हुए हैं बूथ कैपचरिंग के तीन मामले हुए हैं ।

ईवीएम अंधेरे में होने के 1 मामले सामने आए हैं,मतदान केंद्र पर विधुत व्यवस्था नहीं होने के 1 मामले सामने आए हैं वही कुछ नेपाली उपद्रवियों द्वारा मतदान केंद्र पर हंगामा बूथ कैपचरिंग का एक मामला सामने आया है।इन सभी मामलों को लेकर आयोग गंभीर है अभी तक प्राप्त शिकायत के आधार पर3 बूथो पर पुनर्मतदान का निर्णय आयोग ने लिया है ।

आज के मतदान में क्या खास रहा

1– सीतामढ़ी के सुरसंड प्रखंड बूथ संख्या 199 पर EVM खराब हो गया था इस वजह से प्रत्याशियों ने जमकर हंगामा किया ।

2–छपरा की नगरा पंचायत की सरपंच चंदू देवी के पति वोटिंग के दौरान शराब की बोतल के साथ गिरफ्तार। नशे में धुत सरपंच पति पर शराब और पैसे बांटने का आरोप

3–अररिया के रामपुर उत्तर बूथ संख्या 91 पर ईवीएम खराब होने के चलते दो घंटे तक मतदान बाधित रहा।

4—अररिया के फ़ारबिसगंज प्रखंड के रामपुर दक्षिण बूथ नंबर 104 पर बायोमेट्रिक नहीं होने पर लोगों ने हंगामा किया।

5—पूर्वी चंपारण के छौड़ादानो प्रखंड क्षेत्र के जुआफर गांव में मतदान के दौरान पुलिस व पब्लिक के बीच झड़प के बाद पहुंचे पुलिस अधीक्षक नवीन चंद्र झा ने दबंग निवर्तमान मुखिया व मुखिया प्रत्याशी सोनू कुमार उर्फ सोनू मुखिया सहित दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। मतदान के दौरान पुलिस से झड़प के दौरान पुलिस टीम पर पथराव भी हुआ था। इस झड़प में कुछ पुलिसकर्मी चोटिल हुए थे और कई वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए थे।

6———-सीतामढ़ी जिले के सुरसंड के दिवारी मतौना टोला प्राथमिक विद्यालय बूथ नंबर 189 क पर फर्जी मतदाता द्वारा मतदान करने को लेकर दो प्रत्याशियों के पोलिंग एजेंट आपस में भिड़े । पुलिस ने एक पोलिंग एजेंट मनजीत राय को हिरासत में लिया। दूसरा फरार हो गया। पुलिस कर रही तलाश।

7———भागलपुर में बड़ी कार्रवाई! एसएसपी निताशा गुड़िया ने मतदान प्रभावित होने से रोकने के लिए चार लोगों को हिरासत में लिया है। उन्हें मतदान खत्म होने के बाद छोड़ा जाएगा। एसएसपी के आदेश पर बूथ संख्या 78 के पास से हिरासत में लिए गए पप्पू सिंह।

8—-लखीसराय के सूर्यगढ़ा प्रखंड की चंदनपुरा पंचायत के मानो गाव में मुखिया प्रत्‍याशियों के दो गुटों के बीच झड़प हो गई है। इसमें कई लोग इसमें जख्मी हो गए हैं। पुलिस ने उपद्रवी तत्‍वों को बूथ के पास से खदेड़कर भगा दिया है।

9—दरभंगा के केवती में पंचायत चुनाव की वोटिंग के दौरान दो गांव के लोगों को बीच भिड़ंत हो गई. बोगस वोटिंग के आरोपों के बाद समैला के उसराहि मदरसे के पास समेला गांव और लालगंज गांव के लोगों के बीच जमकर पत्थरबाजी हुई, जिसमें 6 लोग घायल हो गए. कई गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की गई ।

10—हाजीपुर के भगवानपुर में पंचायत चुनाव की वोटिंग के दौरान बिठौली में बूथ नंबर 122 पर दो पक्षों में भिड़ंत हो गई. बूथ पर भारी हंगामा हुआ. पुलिस ने चार लोगों को हिरासत में लिया है ।

11—मधुबनी जिले के हरलाखी प्रखंड के पिपरौन पंचायत में सोमवार को सातवें चरण में 6 पदों के लिए मतदान हुआ. पिपरौन पंचायत बूथ नंबर 134, 135, 136 पर हंगामे की खबर के बाद स्थानीय लोगों ने मिलकर मामले को शांत किया. वहीं प्रत्याशियों ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाया है ।

जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में 121 लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार आज 4 देशरत्न मार्ग स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में आयोजित जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में शामिल हुए। ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 121 लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए।

आज जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में सामान्य प्रशासन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, पंचायती राज विभाग, ऊर्जा विभाग, पथ निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, कृषि विभाग, सहकारिता विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, जल संसाधन विभाग, उद्योग विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, परिवहन विभाग, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, लघु जल संसाधन विभाग योजना एवं विकास विभाग, पर्यटन विभाग, भवन निर्माण विभाग, वाणिज्य कर विभाग, सूचना एवं जन-संपर्क विभाग, गन्ना (उद्योग) विभाग के मामलों पर सुनवाई हुयी।

‘जनता दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में गोपालगंज से आए एक युवक ने बताया कि वर्ष 2013 में उसने बिजली का कनेक्शन लिया था। वह बिजली बिल का नियमित भुगतान करता है। बावजूद इसके उसे एक माह का बहुत अधिक बिल भेज दिया गया और संबंधित विभाग के oo द्वारा तंग किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को इसकी जांच कर समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। रोहतास जिले से आयीं एक वार्ड सदस्या ने मुख्यमंत्री को बताया कि नल-जल योजना की सारी राशि मुखिया द्वारा निकासी कर ली गई है। योजना के तहत सही तरीके से काम भी नहीं कराया गया है। वहीं समस्तीपुर से आए एक शख्स ने बताया कि 35-40 वर्ष पूर्व उनके गांव की सड़क बनाई गई थी। अब यह सड़क पूरी तरह बदहाल हो गई है।

मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को जांच कर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

छपरा से आये एक फरियादी ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि परिवहन विभाग ने निजी फिटनेस केंद्र को कार्यपालक के आदेश से बंद दिया है। फिटनेस सेंटर बंद होने से बिना फिटनेस के ही सड़कों पर गाड़ियां दौड़ रही हैं। फिटनेस सेंटर के बंद होने से बहुत सारे लोग बेरोजगार हो गये हैं। 

मुख्यमंत्री ने फरियादी की शिकायत सुनने के उपरांत  संबंधित विभाग को मामले की जांच कर न्यायोचित कदम उठाने का निर्देश दिया। कटिहार के एक युवक द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिलने के संबंध में शिकायत की तो वहीं गोपालगंज के एक व्यक्ति ने ऊर्जा विभाग से अवकाश प्राप्त करने के बाद उन्हें पेंशन, जी०पी०एफ० एवं ग्रेच्युटी का लाभ नहीं मिलने की शिकायत की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। बांका के एक व्यक्ति जन वितरण प्रणाली द्वारा अच्छी गुणवत्ता वाले खाद्यान्न का वितरण नहीं किए जाने की शिकायत की तो वहीं शिवहर की एक महिला ने शौचालय निर्माण कराने के दो वर्ष बाद भी राशि नहीं मिलने की शिकायत की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

पूर्णिया के एक व्यक्ति ने गुलाबबाग में वर्षों से बंद पड़े जलमीनार को चालू करने के संबंध में शिकायत की और कहा कि शुद्ध पेयजल उपलब्ध होने में दिक्कत हो रही है। वहीं पूर्वी चंपारण के एक शिकायतकर्ता ने शिकायत करते हुए कहा कि लाइसेंस प्राप्त उनके आरा मशीन को अनुचित तरीके से बंद कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

पटना सदर के एक व्यक्ति ने शिकायत करते हुए कहा कि उद्योग विभाग द्वारा बिहार राज्य हस्तकरघा बुनकर सहयोग समिति संघ लिमिटेड के खाता पर रोक लगा दी है, जिससे सतरंगी चादर का निर्माण कार्य प्रभावित हो रहा है और बुनकरों के काम में दिक्कत हो रही है। वहीं किशनगंज के एक व्यक्ति ने महानंदा नदी पर ठाकुरगंज प्रखंड खरखरी एवं भेरभेरी के बीच पुल निर्माण को लेकर आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को उचित कार्रवाई का निर्देश दिया।

 प्रदेश के बलिया जिले से आए एक बुजुर्ग ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि वे बिहार में सरकारी कर्मी थे और इसी साल सेवानिवृत्त हुये हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि कुछ दिनों से उनको मिलने वाली पेंशन में कटौती कर दी गई है। मुख्यममंत्री ने संबंधित विभाग को पूरे मामले की जांचकर समस्या समाधान करने का निर्देश दिया।

शराबबंदी को लेकर नीतीश कुमार कल करेंगे समीक्षा बैठक कई अधिकारियों पर गिर सकती है गाज

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराब बंदी की समीक्षा करने जा रहे हैं इसको लेकर आज मीडिया से बात करते हुए नीतीश कुमार ने दो टुक कह दिया कि मेरे रहते शराबबंदी कानून के वापस होने का सवाल ही पैदा नहीं होगा है इतना ही नहीं नीतीश कुमार ने कहा कि शराबबंदी का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। शराबबंदी कानून में कोताही बरतने वाले पदाधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

शराबबंदी को लेकर एक्शन में नीतीश कुमार

साथ ही शराब का सेवन लोग नहीं करें इसको लेकर जागरूकता अभियान चलेगा।बैठक में सभी मंत्री, पदाधिकारी और डीएम-एसपी बैठक में मौजूद रहेंगे।

मेरे रहते शराबबंदी कानून को वापस लेने का सवाल ही पैदा नहीं होता


वही समीक्षा बैठक पर तंज कसते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि यह समीक्षा नहीं भिक्षा बैठक है जहां आरसीपी टैक्स की वसूली होगी ,अभी तक जितनी भी समीक्षा बैठक हुई है उसका क्या रिजल्ट निकला है देख लीजिए बिहार का सारा शराब माफिया और पदाधिकारी सीधे सीएम आवास से जुड़ा है ।

देश में बिहार नजीर पेश करता रहा है शराबबंदी भी सफल होगा
शराबबंदी फेल होने को लेकर नीतीश जिम्मेवार