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Patna High Court : बिहार में जनजाति शोध संस्थान को स्थापित करने के मामले में राज्य के मुख्य सचिव को दो हफ्ते के अंदर ठोस निर्णय लेने का निर्देश दिया

पटना हाईकोर्ट ने बिहार में जनजाति शोध संस्थान को स्थापित करने के मामले में राज्य के मुख्य सचिव को दो हफ्ते के अंदर ठोस निर्णय लेने का निर्देश दिया है ।

चीफ जस्टिस संजय करोल संजय करोल की खण्डपीठ ने आदिवासी अधिकार मंच (फोरम) की तरफ से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने मुख्य सचिव को अपना निर्णय हलफनामे पर दायर करने का निर्देश भी दिया ।

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सुनवाई के दौरान सरकारी अधिवक्ता प्रशांत प्रताप ने पिछले अदालती आदेश के आलोक में कोर्ट को बताया कि वर्तमान में राज्य में जनजातीय शोध संस्थान स्थापित नही है ।

संस्थान को स्थापित करने का पूरा खर्च केंद्र सरकार को करना है ,जबकि संस्थान के सारे स्टाफ का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।

याचिकाकर्ता के वकील विकास पंकज ने कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार के जनजाति कल्याण मंत्रालय से जारी दिशानिर्देश के अनुसार जनजाति के कल्याण , एवम उनके संरक्षण हेतु एक शोध संस्थान (टीईआरआई ) बनाने का भी प्रावधान हैं।
इस मामलें पर आगे भी सुनवाई होगी।

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने नालंदा के बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड के द्वारा निर्माणाधीन ग्रिड सब स्टेशन का निरीक्षण किया

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने नालंदा जिला के अस्थावां प्रखंड स्थित बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड के द्वारा निर्माणाधीन ग्रिड सब स्टेशन अस्थावां 220/132/33 के0वी0 का निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से ग्रिड सब स्टेशन के कार्य प्रगति के विषय में पूरी जानकारी ली।

 निरीक्षण के पश्चात अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पावर ग्रिड सब स्टेशन को रिचार्ज कर यथाशीघ्र चालू करें। शेष कार्य समय एवं आवश्यकतानुसार चलता रहेगा। उन्होंने कहा कि अस्थावां पावर ग्रिड सब स्टेशन जल्द से जल्द शुरू हो जाने से आस-पास के इलाके में रहनेवाले लोगों को इसका लाभ मिलने लगेगा।

इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री श्री संजय झा, ग्रामीण विकास मंत्री श्री श्रवण कुमार, सांसद श्री कौशलेंद्र कुमार, विधायक डॉ0 जितेंद्र कुमार, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त परामर्शी श्री मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, आयुक्त पटना प्रमंडल श्री कुमार रवि, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

गाँव को आपकी जरूरत है

बिहार का सुधा राष्ट्रीय स्तर पर ब्रांड कैसे बन गया यह सवाल बार बार मुझे परेशान करता है, पटना आने के बाद इस रहस्य को समझने के लिए कई बार सुधा से जुड़े लोगों से मैं मिला भी लेकिन इस ऊंचाई पर पहुंचने राज वो बता नहीं पाये ।

दरभंगा प्रवास के दौरान दरभंगा बहेड़ी मुख्य मार्ग पर जोरजा एक गांव हैं वहां चैती दुर्गा पूजा पूरे धूमधाम से मनाया जाता है इस गांव से मेरा पुराना रिश्ता रहा है पूजा कमेटी के लोगों ने मुझे पूजा में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया दरभंगा जिला घूम ही रहे थे इसी क्रम में जोरजा पहुंच गये पूजा में शामिल होने के बाद वैसे ही बात हो रही थी तो मेरी नजर दुर्गा स्थान के पीछे स्थित बगीचा पर पड़ा गया पता चला बहुत बड़े कृषि वैज्ञानिक हैं। रिटायर होने के बाद पिछले 15 वर्षो से गांव में ही रह रहे हैं इनको दो बेटा है दोनों आईआईटीएन है और अमेरिका में रहता है ये यहां अकेले रहते हैं गांव में पर्यावरण पर काम करते रहते हैं।

चले गये उनसे मिलने एक घंटा का साथ मिला बात चलते चलते पता चला कि 1990 के दशक में डेयरी के क्षेत्र में काम करने वाले कई बड़े बिहार के रहने वाले वैज्ञानिक जो अमूल,राजस्थान और पंजाब हरियाणा डेयरी में काम करते थे उन्हें बिहार सरकार ने बिहार में काम करने के लिए आमंत्रित किया इसी कड़ी में राजस्थान डेयरी से डाँ धीरेन्द्र कुमार सिन्हा बिहार आये और ये फिर अलग अलग राज्यों में डेयरी के फील्ड में काम करने वाले बिहारी का बिहार आने का न्यौता दिया और फिर एक ऐसा टीम तैयार हुआ जिसके बुनियाद पर आज सूधा अमूल को चुनौती दे रहा है इन्होंने दूध का बायप्रोडक्ट पर काफी काम किये साथ ही जिस समय बिहार में दूध काफी होता है उस दूध को पाउडर के रूप में परिणत कैसे किया जाये इस तकनीक को भी बिहार में लाये।

इनके एमडी के कार्यकाल को आज भी सुधा से जुड़े लोग याद करते हैं इन्होंने एक ऐसा चैन खड़ा कर दिया कि आज सुधा की पहचान देश स्तर पर पहुंच गया है ।80 वर्ष इनका उम्र है, बीस और जीना चाहते हैं ताकी अपने गांव को एक ऐसा आदर्श गांव बना सके जिसकी पहचान देश स्तर पर औषधीय और ऑर्गेनिक खेती के रूप में हो सके। ये अपने बगान में बहुत सारे ऐसे फल सब्जी और अनाज पैदा कर रहे हैं जो हमारे फूड चैन से खत्म होते जा रहा है । पोस्ट के साथ कुछ तस्वीर लगा है पहचानिए इसमें से एक बथुआ का साग है जो हमारे आपके खेत में वैसे ही उगता रहता है इनका मानना है कि इससे पोस्टिंग साग दूसरा कोई भी नहीं है इस साग को कोई लगाता नहीं है लेकिन हर किसी के खेत में देखने को मिल जायेगा इस साग के खाने से बहुत सारे बीमारी से बचा जा सकता है ।

ऐसे कई फल , फूल और साग सब्जी इनके बगान में आपको मिल जायेगा जिसे देख आप हैरान रह जायेंगे मुझे लगता है कि ऐसे बिहारी जो पटना ,दिल्ली ,मुंबई में अपार्टमेंट की जिंदगी जी रहे हैं उन्हें गांव लौटना चाहिए क्यों आज भी जितने बिहारी ऊंचाई पर है उनकी पढ़ाई लिखाई और परवरिश कही ना कही किसी ना किसी बिहार के गांव से ही हुआ है गांव को आज आप जैसे लोगों की जरूरत है बिहार में बदलाव की अभी भी अपार सम्भावना है ।

Patna High Court : मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन में कई व्यक्तियों के आंख की रौशनी खो जाने के मामले पर सुनवाई करते हुए मुजफ्फरपुर के एस एस पी से कार्रवाई रिपोर्ट तलब किया है

पटना हाई कोर्ट ने मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन में कई व्यक्तियों के आंख की रौशनी खो जाने के मामले पर सुनवाई करते हुए मुजफ्फरपुर के एस एस पी से कार्रवाई रिपोर्ट तलब किया है।चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ के समक्ष याचिकाकर्ता के अधिवक्ता वी के सिंह ने बताया कि इस मामलें में दायर प्राथमिकी पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

पिछली सुनवाई में राज्य सरकार ने हलफनामा दायर कर कार्रवाई रिपोर्ट पेश किया था।मुकेश कुमार ने ये जनहित याचिका दायर की है।

कोर्ट ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वे इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए पी एम सी एच या एम्स ,पटना के डॉक्टरों की कमिटी गठित करें।इनमें आँख रोग विशेषज्ञ भी शामिल हो। इस कमिटी को दो सप्ताह में गठित करने का निर्देश दिया।

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साथ कोर्ट ने मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल के प्रबंधन को भी जवाब देने का आदेश दिया।पिछली सुनवाई में कोर्ट ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को इस अस्पताल के प्रबंधन को पार्टी बनाने का निर्देश दिया था।

इसमें कोर्ट को बताया गया कि आँखों की रोशनी गवांने वाले पीडितों को बतौर क्षतिपूर्ति एक एक लाख रुपए दिए गए हैं।साथ ही मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल को बंद करके एफ आई आर दर्ज कराया गया है।लेकिन अब तक दर्ज प्राथमिकी पर ठोस कार्रवाई नहीं की गई ।

इस याचिका में हाई लेवल कमेटी से जांच करवाने को लेकर आदेश देने अनुरोध किया गया है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विजय कुमार सिंह ने आरोप लगाया गया है कि कथित तौर पर आई हॉस्पिटल के प्रबंधन व राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा बरती गई अनियमितता और गैर कानूनी कार्यों की वजह से कई व्यक्तियों को अपनी आँखें खोनी पड़ी।

उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार के अधिकारियों को भी एक नियमित अंतराल पर अस्पताल का निरीक्षण करना चाहिए था। याचिका में आगे यह भी कहा गया है कि जिम्मेदार अधिकारियों व अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज करनी चाहिए, क्योंकि इन्हीं की लापरवाही की वजह से सैकड़ों लोगों को अपनी ऑंखें गंवानी पड़ी।

मुजफ्फरपुर आई अस्पताल प्रबंधन व जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही की वजह से आंख खोए व्यक्तियों को मुआवजा देने का भी आग्रह किया गया है। पीड़ितों को सरकारी अस्पताल में उचित इलाज करवाने को लेकर आदेश देने का भी अनुरोध किया गया है।

इस मामले पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद की जाएगी।

Patna High Court : बिहार ट्रक ऑनर एसोसिएशन व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई 7 अप्रैल,2022 तक के लिए टली

पटना हाई कोर्ट में बिहार ट्रक ऑनर एसोसिएशन व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई 7 अप्रैल,2022 तक के लिए टली। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ द्वारा इन मामलों पर सुनवाई की जा रही है।

इन याचिकाओं में बिहार सरकार द्वारा 14 चक्कों के ट्रक के जरिये गिट्टी व बालू आदि की ढुलाई पर 16 दिसंबर, 2020 को ही एक अधिसूचना जारी कर प्रतिबंध को challenge किया गया है।

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राज्य सरकार द्वारा रोक के आदेश के विरुद्ध संबंधित पक्ष ने मामले को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष भी ये मामला उठाया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 3 जनवरी, 2022 को इसे वापस पटना हाई कोर्ट के समक्ष भेज दिया था। साथ ही साथ सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को 8 सप्ताह के भीतर निपटारा करने को भी कहा था।

इन मामलों पर हाई कोर्ट में फिजिकल कोर्ट शुरू होने के बाद सुनवाई शुरू हुई थी।

अब इस बीच राज्य सरकार समेत अन्य सम्बंधित सभी पक्षों को अपना अपना पक्ष लिखित तौर पर कोर्ट के समक्ष दायर करने का निर्देश दिया गया था।

अब इन मामलों पर 7 अप्रैल,2022 को कोर्ट में फिर सुनवाई की जाएगी।

Patna High Court : राज्य में नारको टेस्ट की व्यवस्था नहीं रहने पर पटना हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की

पटना हाईकोर्ट ने राज्य में नारको टेस्ट की व्यवस्था नहीं रहने पर नाराजगी जाहिर की।जस्टिस संजीव कुमार शर्मा ने एक आपराधिक मामलें पर सुनवाई करते हुए राज्य के मुख्य सचिव से जवाबतलब किया है।कोर्ट ने उनसे जानना चाहा है आखिर किस कारण से बिहार जैसे राज्य में यह व्यवस्था नहीं है।

कोर्ट ने इसके पहले एफएसएल को यह निर्देश दिया था कि इस मामले के अपराधी की नारको टेस्ट कर उसका रिपोर्ट कोर्ट को दिया जाए। एफएसएल के डायरेक्टर की ओर से कोर्ट को बताया गया कि बिहार में नारको टेस्ट करने की कोई व्यवस्था नहीं है।

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उनके द्वारा यह भी बताया गया कि नारको टेस्ट करने के लिए अलग से जो व्यवस्था और पदाधिकारियों की नियुक्ति करनी हैं, उसके लिए राज्य के मुख्य सचिव और गृह विभाग को पहले ही उनके द्वारा लिखा जा चुका है।

लेकिन अभी तक इस मामले में न तो किसी पदाधिकारी की नियुक्ति की गई है और ना ही नारको टेस्ट करने की व्यवस्था ही बिहार में की गई है । इसी मामले पर नाराजगी जाहिर करते हुए पटना हाईकोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव से 2 सप्ताह में जवाब तलब किया है.

कोर्ट ने अपर लोक अभियोजक झारखंडी उपाध्याय को कहा कि वह इस आदेश की जानकारी राज्य के मुख्य सचिव को दें, ताकि उनके द्वारा इस मामले में 2 सप्ताह के अंदर कोर्ट में जवाब दाखिल किया जा सके । इस मामले पर 2 सप्ताह के बाद सुनवाई फिर की जाएगी।

बिहार विधान परिषद चुनाव 24 सीटों पर वोटिंग समाप्त, 97.84% हुआ मतदान

बिहार विधान परिषद 24 सीटों पर वोटिंग समाप्त, 97.84%  हुआ मतदान। 185 प्रत्याशियों के बीच मुकाबला है, 7 अप्रैल को मतगणना होगी।

BIHAR-विधानपरिषद-चुनाव-2022
BIHAR-विधानपरिषद-चुनाव-2022
  1. पटना -98.02 %
  2. नालंदा – 99.33%3.गया -जहानाबाद – अरवल – 99.57%
  3. औरंगाबाद – 99.80%
  4. नवादा – 99.54%
  5. भोजपुर -बक्सर –  99%
  6. रोहतास – कैमूर – 99.49 %
  7. सारण –  94%
  8. सिवान -99.46 %
  9. गोपालगंज -98.98 %
  10. पश्चिम चंपारण – 98.93%
  11. पूर्वी चंपारण – 91%
  12. मुजफ्फरपुर -99.49 %
  13. वैशाली – 99.67%
  14. सीतामढ़ी – शिवहर – 99%
  15. दरभंगा –  99.40%
  16. समस्तीपुर –  97.99%
  17. मुंगेर- जमुई -लखीसराय – शेखपुरा -99.34 % 
  18. बेगूसराय – खगड़िया -97.86 %
  19. सहरसा- मधेपुरा- सुपौल – 98.38 %
  20. भागलपुर- बांका – 99.30 %
  21. मधुबनी -95.76  %
  22. पूर्णिया -अररिया -किशनगंज – 98.38 %
  23. कटिहार – 99%

Patna High Court : गाँधी मैदान थाना में जब्त की गई सम्पत्ति समेत अन्य अवरोधो को हटाने के अदालती आदेश का पालन नहीं करने पर सख्त नाराजगी जाहिर की

पटना हाईकोर्ट ने गाँधी मैदान थाना में जब्त की गई सम्पत्ति समेत अन्य अवरोधो को हटाने के अदालती आदेश का पालन नहीं करने पर सख्त नाराजगी जाहिर की।चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता अधिवक्ता शिल्पी केशरी की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए डी जी पी,बिहार को 24 घंटों में गाँधी मैदान थाना से सभी अवरोध हटाने का आदेश दिया है।

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पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को पटना हाईकोर्ट ने गाँधी मैदान थाना में जब्त की गई संपत्ति समेत सभी अवरोधों को दो सप्ताह में हटाना सुनिश्चित करने का आदेश दिया था।

याचिकाकर्ता अधिवक्ता शिल्पी केशरी ने डी जी पी, बिहार के द्वारा दायर हलफनामे पर आपत्ति की।उन्होंने कोर्ट को बताया कि अब तक गाँधी मैदान थाना में जब्त की गई गाडियां और अन्य संपत्ति पड़ी हुई है।उन्होंने फोटो के जरिये अपने सबूत दिया।

उन्होंने बताया कि पटना के अगमकुआं,कंकड़बाग़,पत्रकार नगर समेत अन्य कई थानो की ऐसी ही स्थिति हैं।कोर्ट ने इस मामलें को काफी गम्भीरता से लेते हुए डी जी पी, बिहार को चौबीस घंटों के भीतर कार्रवाई कर कोर्ट के समक्ष कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।कोर्ट ने इस स्थान की खूबसूरती के कारण इसे पटना का गौरव और ज्वेल की संज्ञा दी थी।
इस मामलें पर अगली सुनवाई 6 अप्रैल,2022 को होगी।

Patna High Court : देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद के स्मारकों की दयनीय हालत के सम्बन्ध में सुनवाई

पटना हाईकोर्ट में देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद के स्मारकों की दयनीय हालत के सम्बन्ध में सुनवाई की। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ को अधिवक्ता विकास कुमार की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान बताया गया कि बिहार विद्यापीठ परिसर में सभी गैर कानूनी अतिक्रमण को हटा दिया गया।

कोर्ट को ये भी जानकारी दी गई कि बिहार विद्यापीठ के प्रबंधन का जिम्मा पटना के प्रमंडलीय आयुक्त को सौंपा गया है।कोर्ट को यह भी बताया गया कि जमाबंदी रद्द करने की प्रक्रिया चल रही है।

कोर्ट ने पिछली सुनवाई में डी एम, पटना को पटना स्थित बिहार विद्यापीठ के भूमि के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देने का निर्देश दिया था।

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पिछली सुनवाई में कोर्ट ने स्पष्ट कहा था कि बिहार विद्यापीठ के चारदीवारी के भीतर की भूमि राष्ट्र की धरोहर है, न कि किसी निजी संपत्ति।

कोर्ट ने डी एम, पटना को बिहार विद्यापीठ की भूमि का विस्तृत ब्यौरा देने का निर्देश दिया था।साथ ही यह भी बताने को कहा था कि बिहार विद्यापीठ की भूमि पर कितना अतिक्रमण है और इससे सम्बंधित कितने मामलें अदालतों में सुनवाई के लिए लंबित हैं।

इससे पहले कोर्ट को सीवान के डी एम ने बताया कि डा राजेंद्र प्रसाद के वंशजों ने जीरादेई में स्मारकों के विकास के लिए भूमि दान की है।साथ राज्य सरकार ने भी अपनी ओर से भूमि दान किया था।

याचिकाकर्ता अधिवक्ता विकास कुमार ने कोर्ट को बताया कि पटना स्थित बांसघाट के सौंदर्यीकरण के लिए ढाई एकड़ भूमि ज़िला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराने की बात कही गई है।

पिछली सुनवाई में वरीय अधिवक्ता पी के शाही ने बताया कि कोर्ट ने ए एस आई के कोलकाता स्थित क्षेत्रीय निर्देश और पटना ए एस आई के अधीक्षक को कोर्ट ने जीरादेई जा कर विकास की संभावना पर विचार कर एक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था।

कोर्ट ने पटना स्थित बिहार विद्यापीठ के प्रबंध समिति के कामकाज पर कोर्ट ने गहरा असंतोष व्यक्त करते हुए पूछा कि क्यों नहीं इसके प्रबंधन का जिम्मा फिलहाल राज्य सरकार को दे दिया जाए।

साथ ही जीरादेई स्थित रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण के लिए रेलवे और राज्य सरकार ने सहमति दे दी।कोर्ट ने इस सम्बन्ध में रेलवे को आगे की कार्रवाई के लिए दो सप्ताह में निर्णय लेने का निर्देश दिया था।


इस मामलें पर अगली सुनवाई 18 अप्रैल,2022 को होगी।

Patna High Court : बिहार ट्रक ऑनर एसोसिएशन व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई अधूरी रही

पटना हाई कोर्ट में बिहार ट्रक ऑनर एसोसिएशन व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई अधूरी रही। इन मामलों पर चीफ जस्टिस संजय करोल व जस्टिस एस कुमार की खंडपीठ कल भी सुनवाई जारी रखेंगे।

इन याचिकाओं में बिहार सरकार द्वारा 14 चक्कों के ट्रक के जरिये गिट्टी व बालू आदि की ढुलाई पर 16 दिसंबर, 2020 को ही एक अधिसूचना जारी कर प्रतिबंध लगाने के आदेश को challenge किया गया है। दिया गया था।

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राज्य सरकार द्वारा रोक के आदेश के विरुद्ध संबंधित पक्ष ने मामले को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष भी ये मामला उठाया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 3 जनवरी, 2022 को इसे वापस पटना हाई कोर्ट के समक्ष भेज दिया है। साथ ही साथ सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को 8 सप्ताह के भीतर निपटारा करने को भी कहा है।

इन मामलों पर हाई कोर्ट में अब 5 अप्रैल ,2022 को सुनवाई की जाएगी।। इस से पहले कोर्ट ने राज्य सरकार समेत अन्य सम्बंधित सभी पक्षों को अपना अपना पक्ष लिखित तौर पर कोर्ट के समक्ष दायर करने का निर्देश दिया था।

Bihar MLC Election 2022: बिहार विधान परिषद चुनाव का मतदान आज

मतदान सुबह 8:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक होगा इसके लिए राज्य में 534 बूथ स्थापित किए गए हैं चुनाव के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है 185 प्रत्याशियों के बीच मुकाबला है राज्य के कुल 132116 मतदाता 185 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे 7 अप्रैल को मतगणना होगी।

भाजपा ने 12 प्रत्याशी उतारे हैं जबकि जदयू ने 11 प्रत्याशी उतारे हैं एक सीट रालोसपा कर दी गई है राजद ने 23 उम्मीदवार उतारे हैं यह एक ईसीपीआई को दी है कांग्रेस की ओर से 24 विधान परिषद सीटों में 16 निर्वाचन क्षेत्र में प्रत्याशी उतारा गया है।

BIHAR-विधानपरिषद-चुनाव-2022
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बिहार एमएलसी चुनाव में मतदाता के रूप में वार्ड मेंबर पंचायत समिति सदस्य मुखिया जिला परिषद सदस्य के सदस्य के साथ अन्य जनप्रतिनिधि मतदान करेंगे पटना में स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत मतदाताओं की संख्या 5275 है जिसमें पुरुष की संख्या 2460 है महिलाओं की संख्या 2815 है।

विधान परिषद चुनाव के लिए पटना स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन के लिए 23 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। यह सभी मतदान केंद्र प्रखंड मुख्यालय में होंगे । सभी मतदान केंद्र प्रखंड परिसर में ही होंगे ।

पटना में कुल मतदाताओं की संख्या 5275 है। नौबतपुर में 305 मनेर में 311 दानापुर में दूसरे बिरहा चाहिए बेटा में 347 विक्रम में 268 दुल्हन बाजार में 208 पालीगंज में 374 मसौढ़ी में जो सविधान बे झंडू बाम a319 पुनपुन में 198 फुलवारी शरीफ में 264 पटना सदर में 14 संपतचक में 53 फतुहा में 245 दनियावां में 106 खुसरूपुर में 126 बख्तियारपुर में 278 अथमलगोला122 बेलछी में 104 पंडारक में 250 और घोश्वरी में 218 मोकामा में 246 है।

आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय मीठापुर में बजरी और मतदान केंद्र बनाया गया है मतगणना 7 अप्रैल को होगी।

मुम्बई से जयनगर(मधुबनी) आ रही लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस डिरेल हुई; रेलवे ने हेल्पलाइन जारी किया

लोकमान्य तिलक से जयनगर जाने वाली लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस के पटरी से उतरने का मामला, रेलवे ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि किसी की मौत नहीं हुई है 2 लोग घायल हुए हैं रेलवे यात्रियों को खाने के साथ-साथ सभी सुविधा दी जा रही है उन लोगों को वहां से बस से दूसरे रेलवे स्टेशन में भेजा जा रहा है और अन्य ट्रेनों के माध्यम से उन्हें गंतव्य स्थान के लिए भेजा रेलवे ने पूरे मामले में उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया है।

कोई भी परिजन फोन करके जरुरी जानकारी ले सकते हैं….रेलवे यात्रियों को पहुचायेगी उनके घर

HJP- 9771425969
Hajipur- 8252912078, 7033591016
Muzaffarpur- 8252912066
SPJ-8102918596
DBG-9264492779
MBI-9262297168
JYG-9262297170

DY SS COML MMR :- 02591-222269/7987315756(MOB NO)

DY SS COML NKRD :- 0253-2465816

DY SS COML KNW :- 0733-2222252

DY SS COML AK :-07242411029

DY SS COM CSN:-02589-222034

DY SS COML JL:-0257-2229664


बिहार विधान परिषद चुनाव का मतदान 4 अप्रैल को होना है, 185 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होगा

मतदान सुबह 8:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक होगा इसके लिए राज्य में 534 बूथ स्थापित किए गए हैं चुनाव के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है 185 प्रत्याशियों के बीच मुकाबला है राज्य के कुल 132116 मतदाता 185 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे 7 अप्रैल को मतगणना होगी।

BIHAR-विधानपरिषद-चुनाव-2022
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भाजपा ने 12 प्रत्याशी उतारे हैं जबकि जदयू ने 11 प्रत्याशी उतारे हैं एक सीट रालोसपा कर दी गई है राजद ने 23 उम्मीदवार उतारे हैं यह एक ईसीपीआई को दी है कांग्रेस की ओर से 24 विधान परिषद सीटों में 16 निर्वाचन क्षेत्र में प्रत्याशी उतारा गया है।

बिहार एमएलसी चुनाव में मतदाता के रूप में वार्ड मेंबर पंचायत समिति सदस्य मुखिया जिला परिषद सदस्य के सदस्य के साथ अन्य जनप्रतिनिधि मतदान करेंगे पटना में स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत मतदाताओं की संख्या 5275 है जिसमें पुरुष की संख्या 2460 है महिलाओं की संख्या 2815 है।

Patna High Court : राजीव रंजन सिंह की राष्ट्रीय राजमार्ग से सम्बंधित याचिका पर सुनवाई हुआ

पटना हाईकोर्ट ने राजीव रंजन सिंह की राष्ट्रीय राजमार्ग से सम्बंधित याचिका पर सुनवाई की। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए इस बात पर नाराजगी जाहिर किया कि हाजीपुर में आर ओ बी का निर्माण एक दशक बाद भी पूरा नहीं हुआ।

कोर्ट ने गंडक नदी पर पुल निर्माण कार्य पूरा करने के लिए पुल निर्माण कंपनी को छह से सात माह का समय दिया।साथ ही कहा कि निर्माण कार्य दोनों ओर हाजीपुर और छपरा से शुरू होना चाहिए।निर्माण कंपनी द्वारा इस पुल के निर्माण के लिए दस महीने की मोहलत मांगी गई,जिसे कोर्ट ने स्वीकार नहीं किया।

याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने वैशाली के डी एम से पूछा कि प्रशासन इस मामलें में क्या कर रहा था।कोर्ट ने उनसे जानना चाहा कि जनता की मुश्किलों को दूर करने के लिए उन्होंने क्या कार्रवाई की।

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वैशाली के जिलाधिकारी ने बताया कि हाजीपुर के रामाशीष चौक से बस स्टैंड नेटवर्क से हटा दिया गया है। साथ ही ये भी बताया कि रामाशीष चौक पर जाम का मुख्य कारण अंजानपीर चौक से आर ओ बी का नहीं बनना और दोनों साइड
सड़कों का खस्ताहाल होना।साथ ही जगह जगह मनमाने तरीके से स्पीड ब्रेकर का निर्माण किया जाना।

कंपनी के अधिवक्ता सिद्धार्थ प्रसाद ने बताया कि अजानपीर दोनों ओर की सड़कों को एक माह में मरम्मत और निर्माण कार्य पूरा कर सड़क को ठीक कर दिया जाएगा। साथ ही अजानपीर के आसपास अनावश्यक स्पीड ब्रेकर को भी हटा दिया जाएगा।

साथ ही निर्माण कार्य करने वाली कंपनी की ओर से बताया गया कि हाजीपुर में आर ओ बी बनाने का कार्य चल रहा है और दो माह में यह चालू हो जाएगा।
साथ ही एन एच ए आई की सहमति से हाई वॉल्टेज ट्रांसमीटर टावर स्थानांतरित करने का कार्य दो माह में पूरा हो जाएगा।

कोर्ट को बताया गया कि जहां ओवरब्रिज बनाना है ,लेकिन अब तक यह नहीं बन सका है। इतना ही नहीं, अभी एक ही लेन चालू है। दूसरे लेन का काम 12 वर्षों के बाद भी पूरा नहीं किया जा सका है। इस वजह से गाड़ियां नीचे से होकर जाती है।

इस मामलें पर अगली सुनवाई अप्रैल,2022 के तीसरे सप्ताह में होगी।

Patna High Court : जय प्रकाश नारायण एयरपोर्ट समेत राज्य के अन्य एयरपोर्ट के विस्तार, विकास और भूमि अधिग्रहण मामले पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की

राज्य के पटना स्थित जय प्रकाश नारायण एयरपोर्ट,पटना समेत राज्य के अन्य एयरपोर्ट के विस्तार,विकास और भूमि अधिग्रहण व अन्य मुद्दों के मामले पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की। गौरव सिंह समेत अन्य की जनहित याचिकाओं पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की।

पटना के जयप्रकाश नारायण एयरपोर्ट के निर्देशक कोर्ट में स्वयम आज उपस्थित हो कर पटना और राज्य के अन्य एयरपोर्ट की स्थिति के सम्बन्ध में जानकारी दी।

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उन्होंने पटना एयरपोर्ट की समस्याओं को बताते हुए कहा कि हवाई जहाज लैंडिंग की काफी समस्या है।सामान्य रूप से रनवे की लम्बाई नौ हज़ार फीट होती हैं, जो कि पूर्णिया व दरभंगा में उपलब्ध है,जबकि पटना में रनवे की लम्बाई 68 सौ फीट हैं।

उन्होंने बताया कि एक ओर रेलवे लाइन है और दूसरी ओर सचिवालय हैं।उन्होंने कोर्ट को बताया कि रन वे की लम्बाई बढ़ाने के लिए सर्वे शुरू होगा।कोर्ट ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को यह जानकारी देने को कहा है कि बिहार के सटे राज्य झारखंड,बंगाल,उत्तर प्रदेश,ओडिशा,उत्तर पूर्व के राज्यों में कितने एयरपोर्ट हैं।

कोर्ट को राज्य के गया,पूर्णियां और अन्य एयरपोर्ट के विस्तार,विकास और भूमि अधिग्रहण से सम्बंधित समस्यायों के बारे में बताया गया।कोर्ट ने राज्य के एडवोकेट जनरल से कहा कि गया एयरपोर्ट के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए 268 करोड़ रुपए कोर्ट में जमा करा दे।सुप्रीम कोर्ट के अंतिम निर्णय के बाद उसका निबटारा होगा।एडवोकेट जनरल ने कोर्ट को बताया कि इसके लिए राज्य सरकार से निर्देश की आवश्यकता होगी।

अधिवक्ता अर्चना शाही ने कोर्ट को बताया कि सम्बंधित केंद्रीय मंत्री ने राज्य सभा में बताया कि पटना एयरपोर्ट के विस्तार और विकास के 1260 करोड़ रुपए की राशि निर्गत किया गया।लेकिन अर्चना शाही ने बताया कि अब तक इस धनराशि का 32% खर्च किया गया है।

राज्य में पटना के जयप्रकाश नारायण अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के अलावा गया, मुजफ्फरपुर,दरभंगा,भागलपुर,फारबिसगंज , मुंगेर और रक्सौल एयरपोर्ट हैं।लेकिन इन एयरपोर्ट पर बहुत सारी आधुनिक सुविधाओं के अभाव व सुरक्षा की भी समस्या हैं।
कोर्ट कल इस मुद्दे पर आदेश पारित करेगा।

बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा 2022 का परीक्षाफल घोषित

पटना । मैट्रिक परीक्षा 2022 का परीक्षाफल घोषित।
16लाख11हजार99 बच्चे शामिल हुए थे, प्रथम श्रेणी में 424597 छात्र सफल हुए।

बिहार बोर्ड में रामायणी रॉय पटेल हाई स्कूल औरंगाबाद 487 अंक से प्रथम स्थान पर रही।
दूसरे नंबर पर सानिया कुमारी प्रोजेक्ट गर्ल स्कूल रजौली नवादा 486 अंक लाकर दूसरे स्थान पर रही
विवेक कुमार ठाकुर न्यू अपग्रेड हाई स्कूल मधुबनी 486 अंक लेकर दूसरे स्थान पर
तीसरे स्थान पर प्रज्ञा कुमारी उत्कर्मित एमएस बाजार वर्मा गोह औरंगाबाद 485 अंक लेकर तीसरे स्थान पर है

Bihar-Board-BSEB-10-Result-2022
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टॉप फाइव में 8 बच्चों में से 4 लड़कियां और 4 लड़के शामिल है
चौथे स्थान पर निर्जला कुमारी महादेव हाई स्कूल खुसरूपुर पटना ने 484 अंक लेकर चौथे स्थान पर जगह बनाई
पांचवें स्थान पर 3 बच्चों ने 483 अंक लाकर जगह बनाई

अनुराग कुमार सर्वोदय हाई स्कूल भोजपुर
सुशील कुमार उत्कर्मित मिर्जागंज जमुई
निखिल कुमार उच्च माध्यमिक विद्यालय खेड़ाई

बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल बेहाल-CAG

बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक की रिपोर्ट आई है। इस रिपोर्ट में बिहार के पांच ज़िलों के ज़िला अस्पतालों का अध्ययन किया गया है कि वहाँ 2014-15 से 2019-20 के बीच किस तरह के बदलाव आए हैं। इन अस्पतालों में जाने और ख़राब इलाज के कारण दर दर भटकने वाली जनता को तो पता ही होगा।जब पांच साल में भी कुछ न बदले तब फिर ऐसी सूचना का क्या मतलब रह जाता है।

CAG ने बिहारशरीफ़, जहानाबाद, हाजीपुर, मधेपुरा और पटना के ज़िला अस्पतालों के बारे में लिखा है कि केवल जहानाबाद में आईसीयू है लेकिन वहां उपकरण नहीं है, नर्स, पैरामेडिक्स स्टाफ नहीं है। दवा भी नहीं है। क्या इसे ICU कहा भी जाएगा? पाँचों ज़िला अस्पतालों में कार्डिएक केयर यूनिट नहीं थी। स्ट्रोक और कैंसर के इलाज की कोई व्यवस्था नहीं थी। मतलब दिल का दौरा पड़ने पर किसी ने ज़िला अस्पातल का रुख़ किया तो मौत निश्चित है। पांच ज़िला अस्पताल में आपात स्थिति में आपरेशन के लिए आपरेशन थियेटर तक नहीं है। यही नहीं जहां ओटी मिली है वहां पर दवा भी नहीं है। अब आप सोचिए, ऐसी जगह पर स्वास्थ्य बीमा का कार्ड लेकर जाएँगे भी तो क्या इलाज होगा? लेकिन मेरी मानिए तो इसे लेकर परेशान न हों, धर्म या जाति का गौरव बढ़ाने में लगे रहिए। उस काम में कम से कम मानसिक शांति की तो गारंटी है ही।

बिहार के कई ज़िला अस्पतालों में दस साल से बेड की संख्या नहीं बढ़ाई गई है। जो स्वीकृत संख्या है, उससे भी काफ़ी कम बेड उपलब्ध हैं। पंजीकरण काउंटर पर मरीज़ों की संख्या में 13 से 208 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। यही नहीं स्वीकृत पदों में से केवल 24 से 32 प्रतिशत बेड ही ज़िला अस्पतालों में मौजूद हैं। 59 प्रतिशत रोगियों ने अपने पैसे से दवा ख़रीदी। ज़ाहिर है नि:शुल्क दवा की योजना काग़ज़ पर ही सभी के लिए है।

पटना के अलावा नौ ज़िला अस्पतालों में ब्लैड बैंक तक नहीं था। चार अस्पतालों के ब्लड बैंक में कहीं भी हेपिटाइटिस ए का परीक्षण नहीं किया गया था। मतलब अगर यहां का ख़ून चढ़ गया और उस रक्त में हेपिटाइटिस ए होगा तो मरीज़ का क्या हाल होगा, आप समझ सकते हैं। हाजीपुर के ज़िला अस्पताल में वेंटिलेटर, ईसीजी मशीन, कार्डिएक मॉनिटर काम नहीं करते हैं। कई ज़िला अस्पतालों में टी टी ई का इंजेक्शन था लेकिन इंजेक्शन होते हुए भी गर्भवती महिलाओं को नहीं दिया गया। लेकिन आप इन सब को नज़रअंदाज़ करते हुए बिहार दिवस के मौक़े पर मैं बिहार हूँ टाइप की कविता लिखते रहिए, ताकि आपकी भावनाएँ गर्व कर सकें। अस्पताल और डॉक्टर को लेकर परेशान ही क्यों होना। जो आपका स्तर है, उसे किसी भी हाल में ऊपर नहीं आने देना है।

CAG की रिपोर्ट के अनुसार अस्पतालों में दवाओं और उपकरणों की सप्लाई के लिए बिहार मेडिकल सर्विसेज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर नाम की एक संस्था बनाई गई है। इसके पास 10 हज़ार करोड़ से अधिक का बजट है फिर भी खर्च केवल 3100 करोड़ हुआ है। पांच साल के दौरान BMSI के द्वारा 1000 से अधिक परियोजनाएं शुरू की हैं लेकिन 187 ही पूरी हुई हैं। 387 योजनाएं तो शुरू भी नहीं हो सकी हैं। 2014-20 तक डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिक्स स्टाफ की लगातार कमी रही लेकिन इन पदों को भरने के लिए कुल रिक्तियों को कभी प्रकाशित नहीं किया गया।

बीस साल से नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री हैं। बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था का यह रिकार्ड है। इलाज कराने के नाम पर घर और ज़मीन बेच देने, क़र्ज़ लेने में जो सुख मिलता है उसका कोई जवाब नहीं। कम से कम संतोष होता है कि इलाज के लिए जान लगा दिए। खूब सेवा किए। स्वास्थ्य को राजनीतिक सवाल बना देंगे तो फिर बिहार दिवस पर आप बिहार को लेकर गर्व ठेलते हुए कविता कैसे लिखेंगे। मैं बिहार हूँ फ़लाँ हूँ ढिमकाना हूँ। है कि नहीं।

लेखक –रवीश कुमार

Patna High Court : राज्य में शराब तस्करी करने वाले गिरोह के सदस्यों पर मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत करवाई शुरू नही किये जाने पर नाराजगी व्यक्त की

पटना हाईकोर्ट ने राज्य में शराब तस्करी करने वाले गिरोह के सदस्यों पर मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत करवाई शुरू नही किये जाने पर नाराजगी व्यक्त की।जस्टिस संदीप कुमार ने इस मामलें की सुनवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय के सयुंक्त निदेशक को 4 अप्रैल,2022 को तलब किया है।

कोर्ट ने गंगाराम की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया।कोर्ट ने चार हज़ार लीटर से अधिक शराब की खेप पकड़े जाने के मामले में अभियुक्त गंगाराम ने हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई की।

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इसके पहले इस मामले में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा था कि सिर्फ शराब पहुंचाने वालों को ही क्यों पकड़ा जाता है ? जखीरा खड़ा करने वाले गिरोह को पुलिस क्यों नही पकड़ रही है।

इसी सिलसिले में कोर्ट ने आयकर विभाग के डायरेक्टर, अनुसन्धान एवं प्रवर्तन निदेशालय को पक्षकार बनाते हुए एक महीने पहले उन्हें आदेश दिया था कि शराब की तस्करी करने वाले गिरोह के सदस्यों की संपत्ति वगैरह की छानबीन करने की कार्यवाही शुरू करें।

इस मामलें पर 4 अप्रैल, 2022 को सुनवाई होगी।

Patna High Court: पटना हाई कोर्ट ने चर्चित कैमूर केअर होम मामले में अग्रिम जमानत दी

जस्टिस सुनील कुमार पंवार ने पुनर्वास प्रशिक्षण अधिकारी संजू श्रीवास्तव औऱ बशिष्ठ मुनि पांडेय को दो अलग अलग अग्रिम जमानत हेतु याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए ये आदेश पारित किया। सी बी आई द्वारा दर्ज किए गए उक्त केस की निगरानी सुप्रीम कोर्ट द्वारा किया जा रहा है।

याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता दीपक कुमार सिन्हा ने दलील दी थी कि याचिकाकर्ता प्राथमिकी में नामित नहीं किये गए थे और इनका नाम नाबालिग लड़कियों द्वार सीआर पी सी की धारा 164 के तहत दिए गए बयान में आया था। इस कांड के मुख्य अभियुक्त पिंटू पाल के विरुद्ध पॉक्सो एक्ट व आई पी सी की धारा 354 के तहत कांड दर्ज किया गया था, जिसे पटना हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत दी जा चुकी है।

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इसके अलावा और भी आरोप लगाया गया था कि याचिकाकर्ता ने पुलिस में शिकायत करना सही नहीं समझा। इसके साथ ही पैसों और कागजात के गबन का भी आरोप था।

शुरुआत में बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग के महिला विकास निगम के अंतर्गत आने वाले एन जी ओ ग्राम स्वराज सेवा संस्थान, लालापुर, कुदरा केअर होम के विरुद्ध भभुआ स्थित महिला थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसे बाद में मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार मामले को सी बी आई ने ले लिया था।