Press "Enter" to skip to content

Patna High Court : मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन में कई व्यक्तियों के आंख की रौशनी खो जाने के मामले पर सुनवाई करते हुए मुजफ्फरपुर के एस एस पी से कार्रवाई रिपोर्ट तलब किया है

पटना हाई कोर्ट ने मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन में कई व्यक्तियों के आंख की रौशनी खो जाने के मामले पर सुनवाई करते हुए मुजफ्फरपुर के एस एस पी से कार्रवाई रिपोर्ट तलब किया है।चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ के समक्ष याचिकाकर्ता के अधिवक्ता वी के सिंह ने बताया कि इस मामलें में दायर प्राथमिकी पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

पिछली सुनवाई में राज्य सरकार ने हलफनामा दायर कर कार्रवाई रिपोर्ट पेश किया था।मुकेश कुमार ने ये जनहित याचिका दायर की है।

कोर्ट ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वे इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए पी एम सी एच या एम्स ,पटना के डॉक्टरों की कमिटी गठित करें।इनमें आँख रोग विशेषज्ञ भी शामिल हो। इस कमिटी को दो सप्ताह में गठित करने का निर्देश दिया।

PatnaHighCourt
#PatnaHighCourt

साथ कोर्ट ने मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल के प्रबंधन को भी जवाब देने का आदेश दिया।पिछली सुनवाई में कोर्ट ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को इस अस्पताल के प्रबंधन को पार्टी बनाने का निर्देश दिया था।

इसमें कोर्ट को बताया गया कि आँखों की रोशनी गवांने वाले पीडितों को बतौर क्षतिपूर्ति एक एक लाख रुपए दिए गए हैं।साथ ही मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल को बंद करके एफ आई आर दर्ज कराया गया है।लेकिन अब तक दर्ज प्राथमिकी पर ठोस कार्रवाई नहीं की गई ।

इस याचिका में हाई लेवल कमेटी से जांच करवाने को लेकर आदेश देने अनुरोध किया गया है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विजय कुमार सिंह ने आरोप लगाया गया है कि कथित तौर पर आई हॉस्पिटल के प्रबंधन व राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा बरती गई अनियमितता और गैर कानूनी कार्यों की वजह से कई व्यक्तियों को अपनी आँखें खोनी पड़ी।

उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार के अधिकारियों को भी एक नियमित अंतराल पर अस्पताल का निरीक्षण करना चाहिए था। याचिका में आगे यह भी कहा गया है कि जिम्मेदार अधिकारियों व अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज करनी चाहिए, क्योंकि इन्हीं की लापरवाही की वजह से सैकड़ों लोगों को अपनी ऑंखें गंवानी पड़ी।

मुजफ्फरपुर आई अस्पताल प्रबंधन व जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही की वजह से आंख खोए व्यक्तियों को मुआवजा देने का भी आग्रह किया गया है। पीड़ितों को सरकारी अस्पताल में उचित इलाज करवाने को लेकर आदेश देने का भी अनुरोध किया गया है।

इस मामले पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद की जाएगी।

More from खबर बिहार कीMore posts in खबर बिहार की »