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Bihar News in Hindi: The BiharNews Post - Bihar No.1 News Portal

बिहार में बीजेपी ने जदयू के खिलाफ शुरु किया छद्ग युद्ध

बीजेपी बिहार विधान परिषद चुनाव में भी छद्म युद्ध के सहारे जदयू को हराने में जुटा

कल देर शाम मधुबनी से एक फोन आया बिहार विधान परिषद चुनाव को लेकर बीजेपी और जदयू में गठबंधन तो हो गया ना ,सीट की भी घोषणा हो गयी और मधुबनी सीट जदयू के खाते में गया है, लेकिन यहां तो बीजेपी के विधान पार्षद घूम रहे हैं और कह रहे हैं बीजेपी यहां से चुनाव लड़ेगी अभी थोड़ी देर पहले बात हुई तो महासेठ बोले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष से कल भी हमारी बात हुई है वो बोले हैं कि चुनाव लड़ना है।

इस तरह की खबर सिर्फ मधुबनी से ही नहीं आ रही है इस तरह की खबर वैसे अधिकांश सीटों से आ रही है जहां जदयू चुनावी मैदान में है, ठीक उसी तरीके से जैसे 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान चिराग की पार्टी से बीजेपी के नेता चुनाव लड़े थे ।

बीजेपी पर खास नजर रखने वाले पत्रकारों का भी मानना है कि बीजेपी बिहार विधान सभा चुनाव की तरह ही बिहार विधान परिषद के चुनाव में भी छद्म युद्ध के सहारे इस चुनाव में भी जदयू को हराना चाह रही है।

और इसी रणनीति के तहत बिहार विधान परिषद चुनाव से ठीक पहले वैसे तमाम बीजेपी के नेता को पार्टी में शामिल करवाया गया जो एलजेपी के टिकट पर जदयू को हराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाये थे ।

संदेश साफ है जदयू बीजेपी में पहले वाली बात नहीं रही आप जदयू का विरोध भी करते हैं तो कोई बात नहीं है आपकी वापसी तय है।

जानकार बता रहे हैं कि पिछले दो माह से जाति जनगणना और विशेष राज्य के दर्जा को लेकर बीजेपी जिस तरीके से जदयू पर हमलावर है इसके पीछे बीजेपी की रणनीति यह है कि पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच ये संदेश जाता रहे कि जदयू से रिश्ता पहले जैसा नहीं है ऐसे में आप निर्णय लेने को स्वतंत्र है।

सोमवार को बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल जिस अंदाज में विशेष राज्य की मांग पर सवाल खड़े करते हुए जिन बिन्दू पर फोकस किये हैं उससे कही ना कही यह संदेश देने कि कोशिश है कि मंत्रिमंडल में भी जो बीजेपी के मंत्री है उन्हें काम करने नहीं दिया जा रहा है उन्होंने लिखा है कि शाहनवाज हुसैन अच्छा प्रयास कर रहे हैं पर पूरे मंत्रिमंडल का सहयोग आवश्यक है।

इसी तरह जनसंख्या नीति पर सवाल खड़े करते हुए नीतीश पर सीधा हमला बोला है संजय जायसवाल ने लिखा है कि आज भी हम जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए कोई अभियान नहीं चला रहे हैं जबकि इसमें भी बिहार पूरे देश में सबसे ज्यादा फिसड्डी है।
इन सबके पीछे भी बीजेपी की रणनीति यही है कि बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच संदेश साफ जाये कि जदयू से 2005 वाला रिश्ता नहीं रहा है ऐसे में गठबंधन धर्म उतना मायेने नहीं रखता है ।
इसलिए विधान परिषद चुनाव तक यह खेल बीजेपी की ओर से जारी रहेगा ।

गायघाट रिमांड होम मामले में सुनवाई टली

पटना हाईकोर्ट में पटना के गाय घाट स्थित उत्तर रक्षा गृह ( आफ्टर केअर होम ) की घटनाओं पर सुनवाई 11फरवरी, 2022 को होगी। हाई कोर्ट ने इस याचिका को पटना हाई कोर्ट जुवेनाइल जस्टिस मोनिटरिंग कमेटी की अनुशंसा पर रजिस्टर्ड किया है।


इस मामलें की सुनवाई चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ कर रही है।आज पीड़िता की ओर से एक हस्तक्षेप याचिका दायर किया गया।लेकिन इसकी प्रति राज्य सरकार को प्राप्त नहीं होने के कारण सुनवाई 11 फरवरी, 2022 तक टाल दी गई।

इस कमेटी में जस्टिस आशुतोष कुमार अध्यक्ष हैं, जबकि जस्टिस अंजनी कुमार शरण और जस्टिस नवनीत कुमार पांडेय इसके सदस्य हैं। कमेटी ने उक्त मामले में 31 जनवरी को अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट को गंभीरता से लिया है।

इस केअर होम में 260 से भी ज्यादा महिलाएं रहती हैं। कमेटी की एक आपात बैठक बुलाई गई थी। बेसहारा महिलाओं को लेकर अखबार में छपी खबर पर बैठक में चर्चा की गई।

समाचारों के अनुसार पीड़िता व केअर होम में रहने वाली उसके जैसी और अन्य को दवा देकर जबरन अनैतिक कार्यों के लिए मजबूर किया जाता है।

पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया है कि केअर होम में रहने वाली पीड़िताओं को भोजन और बिस्तर की सुविधाएं भी नहीं मुहैया कराई जाती है।

बहुत महिलाओं को गृह को छोड़ने की अनुमति भी नहीं दी जाती है। कमेटी द्वारा अन्य बातों के अलावा ऐसा देखा गया कि पीड़िता द्वारा आश्चर्यजनक देने वाला खुलासा यह भी किया गया है कि अजनबियों को रिश्तेदार के रूप में बहाना बनाकर आने दी जाती है।ये आकर बेसहारा महिला को उठाते हैं।
ये इनके जीवन और मर्यादा को और जोखिम में डाल देता है। यह भी आश्चर्य जनक है कि पीड़िता द्वारा किये गए खुलासे के बाद भी कोई एफ आई आर दर्ज नहीं किया गया है।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने अनुपालन के संबंध में हलफनामा दायर करने को भी कहा था। इस मामले पर अब 11 फरवरी, 2022 को सुनवाई की जाएगी।

विशेष राज्य के दर्जा को लेकर जदयू बीजेपी आमने सामने

बिहार को विशेष राज्य दर्जा को लेकर जारी जदयू द्वारा जारी बयानबाजी के बीच बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने अपने फेसबुक पेज के सहारे जदयू पर हमला बोला है और कहां है कि

नीचे दिया गया डाटा यह बताने में सक्षम है कि केंद्र सरकार बिहार का कितना ध्यान रखती है ।
महाराष्ट्र की आबादी बिहार से एक करोड़ ज्यादा है फिर भी बिहार को महाराष्ट्र के मुकाबले 31हजार करोड़ रुपए ज्यादा मिलते हैं ।बंगाल भी बिहार की भांति पिछड़ा राज्य है पर उसके मुकाबले भी बिहार को 21हजार करोड़ रुपए ज्यादा मिलता है ।

आकड़ा बता रही है कि बिहार को विशेष राज्य से ज्यादा मदद मिल रही है


दक्षिण भारत के राज्यों की हमेशा शिकायत रहती है कि केंद्र सरकार हमें कम पैसे देती है क्योंकि हमने आबादी को 70 के दशक में ही केंद्र की नीतियों के कारण रोक लिया था । अब केंद्र सरकार इसको अपराध मानती हैं।
जीएसटी से सबसे ज्यादा फायदा बिहार जैसे राज्य को हुआ है । पहले जिस राज्य में उद्योग स्थापित होते थे उनको अलग से कमाई होती थी ।अब इस कमाई का बडा़ हिस्सा उपभोक्ता राज्य में बंटता है जिसके कारण बिहार को 20हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त फायदा हुआ है ।
बिहार को अगर आगे बढ़ाना है तो सरकार को ये लक्ष्य रखने ही होंगे ।

बिहार को केन्द्र से पूरी मदद मिल रही है

1) बिहार सरकार को हर हालत में उद्योगों को बढ़ावा देना होगा। जब तक हम औद्योगिक नीतियां लाकर नए उद्योगों को बढ़ावा नहीं देंगे तब तक ना हम रोजगार देने में सफल हो पाएंगे और ना हीं बिहार की आय बढ़ेगी। शाहनवाज हुसैन अच्छा प्रयास कर रहे हैं पर पूरे मंत्रिमंडल का सहयोग आवश्यक है।

2) जहां भी संभव हो वहां प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप होनी चाहिए। उद्योग लगाने वालों को विलेन समझने की मानसिकता बिहार को कहीं का नहीं छोड़ेगी । बड़ौदा बस स्टैंड विश्व स्तर का है पर ऊपर की मंजिलों में दुकानें खोलकर सारी राशि की भरपाई कर ली गई और गुजरात सरकार का एक पैसा भी नहीं लगा ।वैसे ही गांधीनगर के पूरे साबरमती फ्रंट का डेवलपमेंट उसीमें एक निश्चित भूमि प्राइवेट हाथों में देकर अनेक पार्क सहित पूरे फ्रंट को विकसित करने का कीमत निकाल लिया गया ।

3) हम 6 वर्षों में भी प्रधानमंत्री जी के दिए हुए पैकेज का पूरा इस्तेमाल नहीं कर पाए हैं।अभी भी दस हजार करोड रुपए से ज्यादा बकाया है ।एक छोटा उदाहरण मेरे लोकसभा का रक्सौल हवाई अड्डा है जिसके लिए प्रधानमंत्री पैकेज में ढाई सौ करोड़ रुपए मिल चुके हैं पर बिहार सरकार द्वारा अतिरिक्त जमीन नहीं देने के कारण आज भी यह योजना रुकी हुई है।
प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना में भी बिहार को हजारों करोड़ रुपए मिलने हैं । अगर हमने भूमि उपलब्ध नहीं कराया तो ये किस्से कहानियों की बातें हो जाएंगी।

4) केंद्र सरकार की योजनाओं का समुचित उपयोग करना होगा ।जैसे बिहार सरकार के जल नल योजना में केंद्र की 50% राशि लगी है जिसका इस्तेमाल हम पंचायती राज की अन्य योजनाओं में कर सकते थे और जल नल योजना की राशि सीधे जल संसाधन विभाग से ले सकते थे। पिछले वित्तीय वर्ष में 6 हजार करोड़ की राशि बिहार सरकार को आवंटित की गई थी पर जल नल योजना के मद में हमने यह पैसे नहीं लिए।इस तरह की राशियों का सही उपयोग हमें करना होगा।

5) जनसंख्या नियंत्रण के लिए हमें स्वयं काम करना होगा ।केवल यह सोच कि समाज स्वयं शिक्षा के साथ जनसंख्या को नियंत्रित कर लेगा, के चक्कर मे बहुत ही देर हो जाएगी। आज भी हम जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए कोई अभियान नहीं चला रहे हैं जबकि इसमें भी बिहार पूरे देश में सबसे ज्यादा फिसड्डी है।


6) अगर केरल के अस्पताल 100 बेड जोड़ते हैं तो प्रति हजार व्यक्ति में इसका इजाफा दिखता है। हम 200 बेड भी जोड़ते हैं तो 300 बच्चे पैदा करने के कारण वह नीति आयोग के आंकड़े में कहीं नहीं दिखता और हम अपनी कमी दूर करने के बजाय नीति आयोग की शिकायत करते हैं ।


7) जब हमने एक अच्छे लक्ष्य के लिए गुजरात की भांति 15 हजार करोड़ रुपए की तिलांजलि दी है तो सरकारी राशि का उपयोग होटल और बस स्टैंड जैसी योजनाओं में सैकड़ों करोड़ खर्च करके भवन निर्माण विभाग को खुश करने के बजाय गरीबों के कल्याणकारी योजनाओं में होना चाहिए। पीपीपी मोड में इन सब चीजों को बनाने से सरकार का एक पैसा भी नहीं लगेगा उल्टे उसकी आमदनी बढ़ेगी। वैसे भी फाइव स्टार होटल बनाना सरकार का काम नहीं है।


2020 में एनडीए सरकार का गठन आत्मनिर्भर बिहार के 7 निश्चय के आधार पर हुआ था । हमें इस मूल मुद्दे से कभी भटकना नहीं चाहिए

भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद की स्मारकों की दुर्दशा मामलें में आज भी हुई सुनवाई

पटना हाईकोर्ट भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद की स्मारकों की दुर्दशा के मामलें में दायर जनहित पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की। विकास कुमार की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की डिविजन बेंच ने सुनवाई करते हुए बिहार विद्यापीठ के सम्बन्ध में दायर हलफनामा पर असंतोष जाहिर किया।

कोर्ट ने पटना के डी एम को निर्देश दिया कि बिहार विद्यापीठ में हुए अतिक्रमण का विस्तृत ब्यौरा पेश करें।इसमें अतिक्रमणकारियों के नाम,इस सम्बन्ध में विभिन्न अदालतों में सुनवाई के लिए लंबित मामलों और उनके नाम,जो इन भूमि पर अपना दावा करते हैं।

साथ ही हाई कोर्ट ने
बिहार विद्यापीठ से जुड़े विवादित भूमि की खरीद बिक्री पर तत्काल रोक लगाने का आदेश दिया है । कोर्ट ने बिहार विद्यापीठ के तमाम ज़मीन के स्वत्व सम्बन्धित कागज़ात पटना डीएम कार्यालय को हस्तगत करने का निर्देश विद्यापीठ की प्रबन्ध समिति को दिया है ।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने पटना के बांस घाट स्थित डा राजेंद्र प्रसाद की समाधि स्थल और बिहार विद्यापीठ के हालात का जायजा लेने के लिए याचिकाकर्ता अधिवक्ता विकास कुमार को पटना के जिलाधिकारी के साथ भेजा था।

उन्होंने कोर्ट को वहां की वस्तुस्थिति से अवगत कराया।कोर्ट ने पटना के जिलाधिकारी को डा राजेंद्र प्रसाद के बांस घाट स्थित समाधि स्थल के सौंदर्यीकरण व विकास के लिए योजना प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने बिहार विद्यापीठ के प्रबंधन समिति की कार्यशैली पर नाराजगी जताई।जीरादेई स्थित डॉ राजेन्द्र प्रसाद के म्यूज़ियम संग्रहालय हेतु उनके निजी भूमि को राज्य सरकार को हस्तगत किये जाने के मामले में डीएम सिवान को चार दिनों के भीतर हलफनामा दायर करने का भी निर्देश है ।

जीरादेई सड़क से स्मारक स्थल तक जाने के लिए रेलवे लाइन के नीचे से भूमिगत रास्ता बनाने हेतु डीआरएम वाराणसी को पार्टी बनाते हुए रेलवे को जीरादेई में स्थल निरीक्षण कर एक्शन प्लान बनाने निर्देश दिया है ।

रेलवे के अधिवक्ता सिद्धार्थ प्रसाद ने कोर्ट को बताया कि इस सिलसिले में वाराणसी रेल डिवीजन के अफसरों की अगुवाई में एक समिति गठित हो गयी है, जो स्थल निरीक्षण कर सिवान ज़िला प्रशासन के साथ बैठक करेगी ।

इस बैठक के बारे में जानकारी मामले की अगली सुनवाई 11 फरवरी को दी जाएगी ।इस मामले पर अब अगली सुनवाई 11 फरवरी,2022 को की जाएगी।

कैसा भारत चाहिए आपको

रविवार का दिन खेती,मित्र और परिवार के बीच इस तरह उलझ कर रहा है कि लता दी के सम्मान में क्या हो रहा उससे पूरी तरह से अनभिज्ञ रह गये ,लेकिन 150 किलोमीटर के सफर के दौरान लता दी के गीत के सहारे उनसे जरुर जुड़े रहे फिर भी मन बैचेन था क्या हो रहा है लता दी के सम्मान में।


देर शाम पटना पहुंचे तो लता दी से जुड़ी खबरें पढ़ना शुरू किया बात टीवी की करे तो टीवी पर समाचार देखना कब बंद कर दिये मुझे भी ठीक से याद नहीं है।
इसलिए अखबार की एक एक रिपोर्ट पढ़ना शुरु किये वैसे लता दी का जाना मुझे तो बहुत भाया सत्य तो यही है कि जो आया है उसको जाना है हर किसी को ऐसे ही जाना चाहिए। कुछ ऐसा छोड़ कर जो आपको पीढ़ी दर पीढ़ी याद रखे मन में यह सब चल ही रहा था की इसी दौरान एक खबर पर मेरी नजर पड़ गयी ।

शाहरुख खान लता दी से शव पर थूक फेका है और इस खबर को लेकर हंगामा खड़े करने कि कोशिश चल रही है शुरुआत में एक दो पोस्ट दिखा लेकिन रात होते होते इस तरह का पोस्ट ट्रेंड
होना शुरु हो गया । कुछ देर बाद वजह भी समझ में आने लगा था एक तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा था जिसमें लता दी के पार्थिव शरीर के सामने शाहरुख खान दुआ कर रहा है और उसका पीए हाथ जोड़ कर प्रार्थना कर रही है ।इस तस्वीर के सहारे यह संदेश दिया जा रहा था कि यही भारत है स्वभाविक है आज जिस मिजाज की राजनीति चल रही है उसमें इस तरह की तस्वीर उनके उद्देश्य को नुकसान पहुंचा सकता है ।

वैसे पिछले कुछ वर्षो से देश में हिन्दू मुसलमान को लेकर जो चल रहा है पहली बार मन अंदर से बहुत व्यथित हो गया लता दी के विदाई पर भी ये लोग हिन्दू मुसलमान के बीच घृणा पैदा करने का मौका निकाल ही लिया। कोई लिखता है ये तो हमारे सनातन धर्म पर हमला है, कोई लिखता है इस्लाम संगीत को सही नहीं मानता है इसलिए शाहरुख लता दी के शव पर थूक कर चला गया।


अभी भी कोशिश जारी है कैसे इस मुद्दे को लेकर देश में आग लग जाये, पता नहीं ये लोग देश को कहां ले जाना चाहते हैं घृणा ऐसी आग है जो एक बार मनुष्य को लग गयी तो फिर हिन्दू मुसलमान तक ही सीमित रहेंगा ऐसा होता नहीं है ।इस आग के लपेटे में धीरे धीरे उसका खुद का समाज और परिवार आयेगा ही इतिहास इसका गवाह है ।

हमारी आपकी मुसलमानों से कहां भेट होती है सामान्य तौर पर चप्पल के दुकान पर ,मीट मुर्गा की दुकान पर ,गाड़ी बनाने वाले गैरेज पर ,कपड़े सिलने वाले दुकान पर ,गाड़ी के ड्राइवर के रूप में मुलाकात होती है, इन सब जगहों के अलावे मेरी मुलाकात मुस्लिम अधिकारी, नेता और पत्रकार से भी होता है।

धर्म को लेकर उसकी अपनी सोच है और धर्म के मामले में आप उसे कट्टर भी कह सकते हैं लेकिन ये भी सही है कि धर्म ने उन्हें दान और ईमानदारी का जो पाठ पढ़ता है उस पर आज भी बहुसंख्यक मुसलमान अमल कर रहा है ।एक दो नहीं एक दर्जन से अधिक ऐसे अधिकारी को मैं जानता हूं जो घूस लेना हराम समझते हैं ईद के मौके पर जिस तरीके वो अपने समाज के गरीब लोगों को दान देता है कभी सपने में भी हिन्दू समाज सोच भी सकता है,कट्टरता की वजह से उसको जो नुकसान हो रहा है उसे पूरी दुनिया देख रहा है आप अपने अंदर झाकिए ना आप कहां थे कहां पहुंच गये हैं ।

याद करिए हर गांव में एक ठाकुरबाड़ी हुआ करता था जहां साधु संत आकर ठहरते थे सत्संग होता था
धर्म पर चर्चा होती थी एक से एक संत आते थे हर ठाकुरबारी में धर्म और शास्त्र से जुड़ी पुस्तकालय हुआ करता था।
कभी हरिद्वार से तो ,कभी बनारस से .तो कभी देवघर से धर्म के जानकार ठाकुरबाड़ी पर आते थे ठहरते थे और प्रवचन होता था आज अधिकांश ठाकुरबाड़ी का हाल यह है कि तीनों समय भगवान को भोग नहीं लग पा रहा है जिसके पूर्वज ठाकुरबाड़ी को जमीन दान में दिये थे उनके परिवार वाले जमीन वापस ले लिये हैं ।

मुसलमान क्या कर रहा है कहां जा रहा है जाने दीजिए जैसा करेगा वैसा भरेगा आ हम आप कहां जा रहे हैं उस पर जरा गौर करिए ना महिला है तो हिन्दू धर्म बची हुई है, घर और मंदिर में आरती और घूप भी जल जा रहा है ।

लेकिन21 सदी की लड़कियों से ये भी उम्मीद छोड़ दीजिए हाल तो यह हो गया है कि अब गांव में भी छठ करने वाली नहीं मिल रही है एक एक महिला आठ से दस घर वालों का पूजा कर रही है।

ऐसी बहुत सारी बाते हैं जिस पर सोचने कि जरुरत है ।हिन्दू धर्म में अब बचा क्या है कर्मकांड, कहां है नैतिक मूल्य ,कहां है सत्य। सनातन धर्म को इन मुसलमानों से खतरे में नहीं है हमारे आपकी वजह से खतरे में है ये तो मुसलमान आ गया जो मंदिर मंदिर की बात भी हो रही है नहीं तो ये मंदिर कब तोड़ कर हमलोग होटल बना देते कह नहीं सकते।

खुल गया बिहार फिर भी सावधान रहने की जरूरत है

#Covid19 कोरोना की स्थिति की समीक्षा की गई। कोरोना संक्रमण की स्थिति में सुधार को देखते हुए 8वीं कक्षा तक के सभी विद्यालय 50 प्रतिशत क्षमता के साथ तथा 9वीं एवं ऊपर की कक्षाओं से संबंधित सभी विद्यालय एवं महाविद्यालय तथा कोचिंग संस्थान शत-प्रतिशत उपस्थिति के साथ खुल सकेंगे।

सभी सरकारी कार्यालय प्रतिदिन सामान्य रूप से खुलेंगे। केवल टीका प्राप्त आगंतुकों को ही कार्यालय में प्रवेश अनुमान्य होगा।

सभी दुकानें, प्रतिष्ठान, शॉपिंग मॉल एवं धार्मिक स्थल सामान्य रूप से खुल सकेंगे। सभी पार्क एवं उद्यान प्रातः 6 बजे से अपराह्न 2 बजे तक खुलेंगे। सिनेमा हॉल, क्लब, जिम, स्टेडियम, स्वीमिंग पूल, रेस्टोरेंट एवं खाने की दुकानें (आगंतुकों के साथ) 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खुल सकेंगी।

जिला प्रशासन की पूर्वानुमति से सभी प्रकार के सामाजिक, राजनीतिक, मनोरंजन, सांस्कृतिक एवं धार्मिक आयोजन अपेक्षित सावधानियों के साथ आयोजित किए जा सकेंगे। विवाह समारोह, अंतिम संस्कार/श्राद्ध कार्यक्रम अधिकतम 200 व्यक्तियों की उपस्थिति के साथ आयोजित किये जा सकेंगे।

हम सभी बिहारवासियों को कोविड के कारण अभी भी सावधानी बरतने की जरूरत है। मास्क के उपयोग के साथ ही सामाजिक दूरी का पालन करना नितांत आवश्यक है।

फिल्म स्पेशल 26 की तरह आईटी अधिकारी बन ठीकेदार को लाखों का लगाया चूना

फिल्म स्पेशल 26 की कहानी याद है आपको अक्षय कुमार और अनुपम खेर नकली सीबीआई ऑफिसर बनकर राजनीतिज्ञों तथा व्यवसायियों के काले धन को लूटने के लिए छापा मारता है।ठीक उसी तरीके से बिहार के लखीसराय जिले के कबैया गांव के रहने वाले बालू कारोबारी के घर आयकर अधिकारी बन कर आता है और लाखों रुपये लेकर चंपत हो जाता है। क्या है पूरा मामला जरा आप भी समझ लीजिए

लखीसराय में फर्जी आयकर अधिकारी (आईटी अफसर) बनकर बालू ठेकेदार के घर लूट को अंजाम देने के मामले में लखीसराय पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है और पुलिस ने सभी आरोपी को लूट के पैसे के साथ गिरफ्तार कर लिया है।
लखीसराय एसपी की माने तो इस गैग का सरगना चंदन कुमार है जो पेशे मेकेनिकल इंजीनियर है और इस तरह से कई अपराधों का अंजाम दे चुका है ।

आईटी अधिकारी बन ठीकेदार को लाखों का लगाया चूना

घटना 31 जनवरी की दोपहर की है जब कबैया थाना क्षेत्र में रहने वाले बालू कारोबारी संजय सिंह के घर स्कार्पियो पर सवार होकर 5 पुरूष और दो महिलाएं इनकमटैक्स अधिकारी बनकर आए और पूरे घर की तलाशी लिया इस दौरान घर में रखे रूपये और जेवरात को जप्त कर चलते बने थोड़ी देर बाद घर वाले को एहसास हुआ कि उसके साथ कुछ गड़बड़ हुआ है और तुंरत इसी सूचना थाने को दिया।

पुलिस जब छानबीन शुरु किया तो यह बात सामने आया कि इनकम टैक्स का कोई रेड नहीं था इसके साथ ठगी हुई ,इसकी सूचना मिलते ही एसपी लखीसराय ने एसआईटी का गठन किया और छानबीन शुरु किया इस दौरान जिस गांड़ी का इस्तमाल किया था उसका नम्बर भी फर्जी निकला लेकिन गांड़ी का लोकेसन सीसीटीवी में जहां जहां दर्ज हुआ था उसको देखते हुए पुलिस आगे बढ़ रही थी और इसी दौरान पटना में इसका लोकेसन मिल गया और पहली गिरफ्तारी हुई और उसी के निशानदेही पर सारे अपराधी पकड़े गये ।

इस घटना में ठिकेदार का पड़ोसी भी शामिल था जो इस गैंग को पूरा सूचना दिया था

चर्चित मामले को पुलिस ने पर्दाफाश कर लिया है। पुलिस ने फर्जी इनकमटैक्स रेड में शामिल छहः फर्जी इनकमटैक्स अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। सभी की गिरफ्तारी पटना और शेखपुरा जिले से हुई है। वहीं लूट के 5 लाख 70 हजार रूपये के साथ फर्जी आइ कार्ड, मोबाइल, कोट, पैन्ट एवं घटना में प्रयोग किए गए बैग को बरामद कर लिया गया है।

जिन छह अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है उसमें चंदन कुमार और सुमित कुमार पटना जिले के रहनेवाले हैं। वहीं मंजित कुमार और सोनू कुमार नालंदा जिले के रहने वाले हैं। जबकि कुश कुमार शेखपुरा और गु़जन चौके पश्चिम चंपारण के रहनेवाले हैं।

बिहार में एक ऐसा गांव है जहां लड़किया जनेऊ पहनती है

बिहार में एक गांव ऐसा भी है जहां लड़किया जनेऊ पहनती है । यह सूनने में थोड़ा अटपटा लगा रहा होगा लेकिन यह सच्चाई है । बक्सर जिले के डुमरांव अनुमंडल के नावानगर प्रखंड में एक गांव है मणियां जहां प्रति वर्ष बसंत पंचमी के दिन लड़कियों का यज्ञोपवीत संस्कार कराया जाता है।

यह अनोखी परंपरा मणियां गांव स्थित दयानंद आर्य हाईस्कूल में प्रति वर्ष आयोजित होती है। इस स्कूल में पढ़ने वाली छात्राएं स्वेच्छा से जनेऊ धारण करती हैं। यहां जनेऊ धारण करने वाली छात्राएं रुढ़िवादी परंपरा को खत्म करने के साथ चरित्र निर्माण की शपथ लेती हैं। अभिभावकों का कहना कि इससे नारी शक्ति को बढ़ावा मिल रहा है।

परिवार व समाज का मिल रहा सहयोग
यज्ञोपवीत पहनने की मुहिम में लड़कियों को परिवार व समाज से भी भरपूर सहयोग मिल रहा है। पिछले साल आचार्य श्रीहरिनारायण आर्य और सिद्धेश्वर शर्मा के नेतृत्व में शिल्पी कुमारी, बसंती कुमारी, अनु कुमारी, नीतु कुमारी, खुशबू कुमारी एवं नीतु कुमारी सहित अन्य कई छात्राओं का उपनयन संस्कार किया गया था। इस बार भी बसंत पंचमी के दिन लड़कियों को जनेऊ पहनाने की तैयारी चल रही है। इस आयोजन को लेकर गांव में उत्‍सवी माहौल बना हुआ है।

विद्यालय के संस्थापक ने चलाई थी यह परंपरा
मणियां उच्च विद्यालय के संस्थापक और इसी क्षेत्र के छपरा गांव निवासी स्व. विश्वनाथ सिंह ने 1972 ई. में इस परंपरा की शुरुआत की थी। उन्होंने सर्वप्रथम अपनी पुत्रियों को जनेऊ धारण कराया था। उसके बाद फिर यह परंपरा चल पड़ी। तब से हर वर्ष यहां लड़‍कियों का यज्ञोपवीत संस्‍कार किया जाता है। स्व. सिंह आर्यसमाजी थे। मणियां के ग्रामीणों का कहना है कि गुरुजी का इसके पीछे मुख्य उद्देश्य था कि नारी शक्ति को श्रेष्ठ कराने से समाज का कल्याण हो सकता है।

मूर्तिपूजा का नहीं है प्रचलन
आचार्य सिद्धेश्वर शर्मा का कहना है, बसंत पंचमी के दिन विद्यालय की छात्र-छात्राएं हवनकुंड के समक्ष बैठकर आचार्य से श्रेष्ठ आचरण, आदर्श जीवन व सद्चरित्र का संस्कार ग्रहण करती हैं।

सरकार को हाईकोर्ट से बड़ी राहत हर घर जल नल योजना की नहीं होगी सीबीआई जांच

पटना हाईकोर्ट ने राज्य में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा प्रारम्भ किये गए हर घर नल का जल योजना में हुई गडबड़ी और बरती गई अनियमितताओं की जांच कर कार्रवाई करने के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की।

संजय मेहता की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस संजय करोल की डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार के सम्बंधित अधिकारियों को अभ्यावेदन देने का निर्देश दिया।

इस जनहित याचिका को अधिवक्ता अलका वर्मा और मीरा कुमारी ने संजय मेहता की ओर कोर्ट में दायर किया हैं।इस जनहित में राज्य के मुख्य सचिव समेत अन्य सम्बंधित अधिकारियों को पार्टी बनाया गया था।इस जनहित याचिका में ये कहा गया है कि इस योजना में अनियमितताएं बरतने वाले के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए।

साथ ही इस हर घर नल का जल योजना का कार्यान्वयन सही ढंग से किया जाए।यह आम जनता के हितों के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की काफी महत्वपूर्ण योजना हैं।

शुद्ध पेय जल आम लोगों की बुनियादी आवश्यकता हैं।इसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुई हैं और अनियमितताएं बरती गई हैं।

पूर्णियां,सहरसा,अररिया,सुपौल,किशनगंज,मधेपुरा व राज्य के अन्य जिलों में शुद्ध पेय जल, विशेषकर गर्मी के दिनों में, आम जनता को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैं।

इस महत्वपूर्ण जनहित योजना में भ्रष्ट्राचार और अनियमितता बरता जाना गंभीर अपराध हैं।इसकी पूरी जांच स्वतन्त्र एजेंसी से करा कर दोषियों को दंड देने की कार्रवाई की जाए।

सात निश्चय योजना के अंतर्गत हर घर नल का जल योजना में सिकटी विधानसभा क्षेत्र में काफी गड़बड़ियां हुई।विधायक विजय कुमार मंडल ने डी एम, अररिया को आवेदन दे कर बताया गया कि जलापूर्ति के लिए घटिया पाइप लगाया गया।
साथ ही सही गहराई में पाइप नहीं लगाया गया।

इस कारण जहां आए दिन पाइप फटता रहता है, वहीं सड़क भी क्षतिग्रस्त होता रहा हैं।इस सम्बन्ध में सम्बंधित मंत्री और अधिकारियों को भी पत्र के जरिये सूचना दी गई थी।

कोर्ट ने याचिकाकर्ता को राज्य सरकार के सम्बंधित अधिकारियों के समक्ष अभ्यावेदन देने के निर्देश के साथ ही इस जनहित याचिका को निष्पादित कर दिया।

बालिकागृह जैसे मामलों में समग्रता से सोचने कि जरुरत है तभी बेहतर हो सकता है

कल दोपहर को एक फोन आया मैं पटना हाईकोर्ट में एडवोकेट हूं आपके फेसबुक से काफी दिनों से जुड़ा हुआ हूं और पढ़ता रहता हूं ।बालिकागृह मामले में आपसे कुछ बात करनी है , हाईकोर्ट ने जो स्वत संज्ञान लिया है उसमें गुड्डू बाबा के माध्यम से मैं भी अपना पक्ष रखना चाहता हूं आपके पास इसको लेकर जो भी जानकारी है वो मुझे चाहिए।

समय तय हुआ शाम में मिलना है उन्होंने बताया कि कृष्णापुरी पार्क के सामने मेरा आवास है आपका इन्तजार करेंगे। मैं नियत समय पर उनके आवास पर पहुंच गया बाहर से कॉल किया सर किधर आना है,मेरा पहले से कोई परिचय नहीं था, घर के बाहरी आवरण से लगा जनाब पटना हाईकोर्ट के बड़े वकील है,भव्य मकान फिर कैंपस में बागवानी का सलीका ,ड्राइंग रूम की भव्यता और फिर उनका ऑफिस मन ही मन में हो रहा था जनाब का रहन सहन ऐसा है तो वो खुद कैसे होगे ।

जैसे ही उनके ऑफिस में पहुंचा एक साधारण सा नाटा कद का व्यक्ति कुर्सी पर बैठा है और उनके सामने तीन चार लोग बैठे हुए है। चंद मिनट में ही पूर्व से बैठे लोगों का विदा कर दिया इस दौरान वो अपने क्लाइंट से जिस अंदाज में बात कर रहे थे मुझे भरोसा ही नहीं हो रहा था कि ये व्यक्ति अपनी कमाई से इस तरह का घर द्वारा बना सकता है ।

मुझे लगा बाप दादा का सम्पत्ति पर हाक रहा है मैं चुपचाप सुनता रहा , बाबू मैं बोरा छाप स्कूल से पढ़ कर यहां पहुंचा हूं तुम जब तक मुकदमे के बारे में मुझे संतुष्ट नहीं कर दोगे मैं जज साहब को कैसे संतुष्ट कर पाऊँगा । क्यों कि मेरी समझदारी थोड़ी गांव वाली है इसलिए समझने में थोड़ा वक्त लगता है लेकिन समझ गये तो फिर आपका केस बड़ी मजबूती से लड़ेंगे ।

खैर इन लोगों के जाने के बाद बातचीत शुरू हुई संतोष जी पहले आपको आज ही मेरे गांव से मिठाई आया है वो खिलाते हैं फिर भागलपुर के चूरा का भूजा खाना पसंद करेंगे वो खिलाते हैं।

पहले मिठाई आया काला काला गोला गोला मुझे लगा काला जाबुन होगा संतोष जी यह आरा में ठंड के समय खास तोड़ पर बनता है मैं समझ गया हाल ही में मेरी सासू माँ भी लेकर आयी थी।

कैसे चावल को पीसा जाता है और इसमें क्या क्या मिलाया जाता है एक स्वर में सब बता दिए संतोष जी इस मिठाई को सोईठ कहते हैं ठंड में बहुत फायदा करता है।

बातचीत चल ही रही थी तभी उनकी पत्नी आयी परिचय हुआ वो भी पटना हाईकोर्ट में वकील है,कहने लगी करिए करिए कुछ होने वाला नहीं है ।गायघाट बालिका गृह के अधीक्षक की क्या हैसियत होगी वो तो पटना में पोस्टिंग बनी रहे इसलिए अधिकारियों की गुलामी कर रही होगी ताकी किसी तरह बाल बच्चा को पढ़ा ले या फिर पति पटना में ही रहता होगा, या मायिका पटना होगा ,सास ससुर बिमार रहते होंगे इसलिए किसी तरह पटना में बनी रहना चाह रही होगी इससे ज्यादा वो सोच नहीं रही होगी संतोष जी यही सच्चाई है देख लीजिएगा मंत्री के घर लड़की पहुंचाना ये सब फालतु बात है कोई माँ ये काम नहीं कर सकती है कुछ ऐसी रहती है लेकिन सरकारी अधिकारी काहे को यह सब करेंगे जो होता है वह सब उपर लेबल पर होता है ये चुपचाप देखती रहती होगी इससे ज्यादा इसकी हैसियत नहीं होगी।

मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में क्या हुआ बस आईवास कुछ बदलने वाला नहीं है आप लोगों के पेट की आग बुझी हुई है इसलिए ये सब कर रहे हैं कुछ होने वाला नहीं है।

वकील साहब चुपचाप मैंडम की बात सून रहे थे और फिर अंत में इतना ही कहा संतोष जी इस देश का आम आदमी इसी तरीके से सोचता है क्यों कि चारो तरफ घोर निराशा छाया हुआ है सारे सिस्टम ध्वस्त हो चुके हैं ।

याद करिए पहले किसी सरकारी दफ्तर में जाते होंगे और किसी कर्मचारी के बारे पता करते होंगे तो साथ काम करने वाला अधिकारी कहता था उसको खोज रहे हैं बिना पैसा लिये काम नहीं करेंगा बाहर चाय की दुकान पर बैठा होगा ।

और आज अड़े वो पगला है ना पैसा लेगा ना काम करेगा मतलब ईमानदारी पागलपन है फिर भी फाइट करते रहना है संतोष जी ।
आपसे जो जानकारी मिली है इसका यह मतलब है की बालिका और बालक के संरक्षण लिए कानूनी प्रावधान काफी सख्त है लेकिन कार्यान्वयन में समस्या है मैं इसी बिन्दु को हाईकोर्ट के सामने लाते हैं क्यों कि जो व्यवस्था बनायी गयी है इस तरह के गृह को चलाने का वो सही तरह से चल सके ।

बात खत्म हुई एक दूसरे से विदा लिये लेकिन उनकी और उनकी पत्नी की एक एक बात अभी भी मेरे जेहन में चल रहा है महिलाएं अक्सर प्रैक्टिकल होती है उनकी सोच प्रैक्टिकल होती है और हम लोग चीजों को ऊपर ऊपर सोचते हैं गायघाट की अधीक्षिका की सोच इतना ही होगी किसी तरह पटना में पोस्टिंग बनी रहे ताकि बच्चों को पढ़ा सके यही हाल अधिकांश सरकार कर्मी और अधिकारियों का है बस छोटी ही चाहत के लिए कितनीबड़ी से बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है सोचिए
इसलिए ऐसे मामलों में समग्रता में सोचने कि जरूरत है तभी कुछ सार्थक बदलाव सामने आ सकता है ।

नेपाल भागते हुए पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक स्कैम के आरोपी गिरफ्तार

पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (PMC) के 4,355 करोड़ रुपए के स्कैम के मुख्य आरोपियों में से एक बैंक के डायरेक्टर दलजीत सिंह बल को रक्सौल बॉर्डर से गिरफ्तार कर लिया गया है। उसे देश छोड़कर भागने के दौरान इमिग्रेशन विभाग ने गिरफ्तार किया गया है।

2019 में उजागर हुए इस घोटाले की जांच महाराष्ट्र की EOW टीम कर रही है। दलजीत सिंह बल अब तक जांच एजेंसी को चकमा देकर फरार था।

पूछताछ में दलजीत ने बताया है कि देश छोड़कर नेपाल के रास्ते कनाडा भगाने के फिराक में थे। महाराष्ट्र से रक्सौल बॉर्डर तक आसानी से पहुंच गया था। नेपाल में इंटर करने से 200 मीटर पहले ही इमिग्रेशन विभाग ने हिरासत में ले लिया।
2019 में सामने आया था घोटाला

2019 में लोन की धोखाधड़ी और घोटाला सामने आया था। इसके बाद RBI ने PMC बैंक के बोर्ड को भंग कर दिया था। साथ ही RBI ने बैंक से पैसे निकालने पर रोक लगा दी थी। इस धोखाधड़ी और घोटाले में बैंक के कई सीनियर अधिकारी शामिल पाए गए थे। बैंक द्वारा रियल एस्टेट कंपनी HDIL को दिए गए लोन की RBI को सही जानकारी नहीं दी थी। इस लोन में भी घोटाले के आरोप हैं।

HDIL को दिया था कर्ज
PMC बैंक ने अवैध तरीके से HDIL ग्रुप को 6500 करोड़ रुपए लोन दिया था, जो सितंबर 2019 में बैंक के टोटल लोन बुक साइज 8880 करोड़ रुपए का 73% था। मार्च, 2019 में बैंक की डिपॉजिट 11,617 करोड़ रुपए थी। PMC Bank के पूर्व एमडी जॉय थॉमस और पूर्व चेयरमैन वरयाम सिंह को पिछले साल अक्टूबर में मुंबई की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग ने गिरफ्तार कर लिया था।

PMC की 7 राज्यों में 137 शाखाएं
PMC अरबन को-ऑपरेटिव बैंक है। महाराष्ट्र, दिल्ली, कर्नाटक, गोवा, गुजरात, आंध्रप्रदेश और मध्यप्रदेश में इसका कामकाज है। इसकी 137 शाखाएं हैं।

रिमांड होम से लड़कियों की सप्लाई बिहार सरकार के कई मंत्रियों तक की जाती है

गायघाट रिमांड होम मामले में सरकार की मश्किले लगातार बढ़ती जी रही है राज्य के पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास ने सरकार पर बड़ा ही गभीर आरोप लगाया है. राज्यपाल को लिखे पत्र में अमिताभ कुमार दास ने गायघाट रिमांड होम (Patna Remand Home Case) मामले कहा है कि रिमांड होम से लड़कियों की सप्लाई बिहार सरकार के कई मंत्रियों तक की जाती है, इसलिए सरकार इस मामले पर लीपापोती कर रही है. राज्य सरकार इस मामले में सही तरीके से जांच नहीं करवा रही है. आनन-फानन में सरकार के समाज कल्याण विभाग ने खुद से जांच की और रिपोर्ट जारी कर दिया.

अमिताभ कुमार दास ने अपने लेटर में सीधे तौर सरकार और उनके कई मंत्रियों पर आरोप लगाते हुए राज्यपाल से सीबीआई जांच के आदेश दिए जाने की मांग कर दी है. उन्होंने अपने लेटर में मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड का हवाला भी दिया है और बताया है कि कैसे मुजफ्फपुर वाले कांड में उस वक्त की समाज कल्याण विभाग की मंत्री मंजू सिन्हा को इस्तीफा तक देना पड़ा था.

वही दूसरी और आज महिला संगठनों की संयुक्त बैठक हुई. बैठक में गायघाट रिमांड होम से मुक्त हुई महिला के बयान के संदर्भ में विचार विमर्श किया गया.कल शाम को महिला संगठनों की प्रतिनिधियों को उक्त महिला ने विस्तार से अपनी बातें बताई. कल ही एक अन्य लड़की के भी बयान की जानकारी मिली है.

पटना हाई कोर्ट ने इस मामले का स्वतःसंज्ञान लिया है. महिला संगठनों की ओर से हम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हैं और सरकार से मांग करते हैं कि

  1. समाज कल्याण विभाग की तरफ से महिला के चरित्र का मूल्यांकन और परिचय उजागर करने वाला बयान अखबारों में आया है यह गलत है और इस पर कार्रवाई की जाए
  2. गायघाट रिमांड होम मामले में संपूर्ण मामले की जांच पटना हाई कोर्ट के सिटिंग जज की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनाकर की जाए.
  3. रिमांड होम में लड़कियों को जेल की तरह बंद रखने के बजाए सुधार गृह के रूप में लाने के लिए कदम उठाना जरूरी है. मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड ने इसे सिद्ध किया है.इसके लिए गृह के भीतर स्कूल, मानसिक रूप से बीमार के लिए डॉक्टर का इंतजाम किया जाए.
    आत्मनिर्भर बनाने के लिए रोजगार की ट्रेनिंग की बात तो होती है लेकिन यह कहीं मुक्कमल नहीं है. इसकी व्यवस्था की जाए.
  4. सुधार गृह में जांच-पड़ताल और संवासिनो से समय-समय पर बातचीत करने के लिए महिला संगठनों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों की टीम नियमित समय अंतराल में भेजी जाए.
    5.महिला संगठनों ,मानवाधिकार संगठनों को अधिकार हो कि वे जब चाहें,सुधार गृह में जा सकें.इसकी अनुमति देने की प्रक्रिया सरल बनाई जाए.
    बैठक में अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन(ऐपवा) की और मीना तिवारी, शशि यादव, अफ्शां जबीं, बिहार महिला समाज की निवेदिता, रिंकू, अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की रामपरी, रश्मि श्रीवास्तव, ए डब्ल्यू एस एफ की आसमां खान, ए आइ एम एस एस की अनामिका, कोरस की समता राय आदि शामिल हुईं.
    महिला संगठनों की तरफ से हम सरकार से उम्मीद करते हैं कि वह तत्काल कदम उठाए.ऐसा नहीं होने पर 9 फरवरी को प्रतिवाद कार्यक्रम किया जाएगा.

गया के आईजी ,एसएसपी और पूर्व डीएम पर कार्रवाई के पीछे का इनसाइड स्टोरी

गया के आईजी ,एसएसपी और पूर्व डीएम पर कार्रवाई के पीछे क्या है इनसाइड स्टोरी

बिहार में इन दिनों राजधानी पटना से लेकर एक छोटे से गांव तक शराब और जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर बड़ा सिडिकेंट काम कर रहा है और इस सिडिकेंट में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ साथ उस इलाके के अपराधी भी शामिल है।गया के डीएम ,एसएसपी और आईजी पर कार्रवाई उसी की एक कड़ी है जहां इन अधिकारियों ने गया में जंगल राज कायम कर रखा था।

सरकार शराबबंदी को लेकर बैचेन है वही गया में पुलिस के संरक्षण में शराब का कारोबार बड़े पैमाने पर चल रहा था ,पहाड़ का अवैध खनन दिन में चलता था, भूमाफिया का मनोबल इतना बढ़ गया था कि जमीन आपकी कब्जा किसी ओर को करवा कर पुलिस की मौजदूगी में घर बनवा देता था जिसे कहते हैं प्रशासन का नंगा नाच वह नाच गया में चल रहा था

पिछले वर्ष 2021 के अक्टूबर माह में परिवार के साथ बौद्ध गया घूमने गया था इसी दौरान उस इलाके के कुछ किसान मुझसे मिलने बौद्ध गया आये हुए थे उन्होंने बताया कि संतोष जी गया का डीएम ,एसएसपी और सिटी लूट मचाये हुए हैं।डीएम पहाड़ का अवैध खनन करवा रहा है ,एसएसपी और सिटी एसपी थानेदार से मिल कर जमीन पर कब्जा करवा रहा है और शराब माफिया से मिल कर पूरे जिले में अवैध शराब का खेल चल रहा है कुछ कीजिए ।

मैने पुछा अमित लोढ़ा आईजी की छवि तो बढ़िया रही है वो गया एसएसपी भी रहे हैं उनसे मिलिए संतोष जी वो भी मिले हुए हैं गया में अधिकारियों के संरक्षण में जंगल राज चल रहा है ,बातचीत के दौरान ही गया के हमारे जो पुराने पत्रकार मित्र है उनसे भी बात हुई हलात सच में बेहद खराब था लूट मची हुई थी ठीक उसी दिन मैंने गया से ही इस खबर को ब्रेक किया देखिए क्या चल रहा गया में खबर ब्रेक करने के बाद और भी जानकारी मिलनी शुरु हो गयी ।

इसी दौरान मुझे जानकारी मिली की मगध मेडिकल कॉलेज के आसपास की जमीन पर कब्जा को लेकर एसएसपी के इशारे पर उस इलाके के एक किसान राकेश रंजन के भतीजे को पुलिस आर्म्स एक्ट लगा कर जेल भेज दिया ।

मामला पुलिस मुख्यालय पहुंचा और इस मामले की जांच सीआईडी कर रही है जांच के दौरान सीआईडी ने पाया कि मगध मेडिकल कॉलेज के इलाके में जमीन कब्जा करने को लेकर एक बड़ा सिडिकेंट चल रहा है और उसी सिडिकेट के इशारे पर किसान राकेश रंजन के भतीजे को पुलिस ने आर्म्स एक्ट के झूठे मुकदमे में जेल भेज दिया है ।

सीआईडी ने आईजी मगध को राकेश रंजन के भतीजे के गिरफ्तारी में शामिल पुलिस टीम पर कार्रवाई करने का आदेश दिया शुरुआत में आईजी तीन सिपाही पर कार्रवाई कर शांत बैठ गये लेकिन सीआईडी द्वारा फिर से पत्राचार करने पर इस रेड में शामिल दरोगा को आईजी ने निलंबित कर दिया वह दरोगा एसएसपी का चहेता था और यही से एसएसपी और आईजी के बीच विवाद शुरू हो गया हालांकि कहा ये जाता है कि इससे पहले सब कुछ आपसी सहमति से ही चल रहा था ।

लेकिन एसएसपी भूमाफिया से मिले हुए थे कि सीआईडी के जांच में आर्म्स एक्ट का मामला झूठा पाये जाने के बावजूद भी मामले में गिरफ्तार व्यक्ति के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दिया बवाल हो लेकिन खबर ये आई कि एसएसपी गया पर किसी खास की मेहरबानी है इसलिए सीआईडी के आदेश के बावजूद भी एसएसपी इस कदर दुस्साहस कर रहे हैं

चुकी इससे पहले आईजी ने जब एसएसपी के चहते दरोगा पर कार्रवाई (जिन पर झूठे आर्म्स एक्ट का मुकदमा करने का आरोप था) किया था तब एसएसपी ने डीजीपी से मिल कर आईजी के रीडर रणधीर सिंह को मधेपुर का तबादला करवा दिया ऐसी गया में चर्चा आम है ।

हालांकि इस तबादले के बाद एसएसपी और आईजी पूरी तौर पर आमने सामने आ गये और इसी दौरान आईजी ने एसएसपी पर शराब माफिया से सांठगांठ का आरोप लगाते हुए फतेहपुर थाना अध्यक्ष द्वारा शराब बरामदगी मामले में एफआईआर न दर्ज कर सनहा दर्ज कर छोड़ने का मामला उठाते हुए सरकार को पत्र लिख दिया ।

आईजी मधनिषेध ने जांच शुरू किया और जांच में मामले को सही पाया आईजी मधनिषेध ने गया एसएसपी को पत्र लिख कर इस मामले में जवाब मांगा और फतेहपुर थाना अध्यक्ष जिनका तबादला औरंगाबाद हो गया था उस पर कार्रवाई करने को कहा आईजी मधनिषेध ने इसकी पूरी जानकारी सरकार को दिया सरकार के संज्ञान में आते हैं जांच शुरू हुई तो यह खेल सामने आ गया अब देखना यह है कि सरकार इन अधिकारियों का तबादला करके छोड़ देती है या फिर बड़ी कार्रवाई करती है ।

रामसर साइट में शामिल कावर झील के विकास का मुद्दा एक बार फिर राज्यसभा में उठा

अंतरराष्ट्रीय महत्व के बेगूसराय के रामसर साइट में शामिल कावर झील के विकास का मुद्दा एक बार फिर राज्यसभा में भाजपा सांसद राकेश सिन्हा ने सवाल उठाया है।

कावर झील के विकास को लेकर राज्यसभा में उठा मामला

एशिया का सबसे बड़ा झील कहा जाने वाला कावर झील के विकास के लिए राज्य सभा सांसद राकेश सिन्हा ने राज्यसभा में सवाल उठाते हुए विकास करने की मांग की है। कावर झील की महत्व को देखते हुए उसका विकास करने की मांग की है। राज्य सभा में सांसद ने कहा कि रामसर साइट में शामिल कावर झील 24 सौ एकड़ में फैला हुआ है उसके पास में भगवान बुध का ऐतिहासिक स्तुप स्थल भी है लेकिन आज तक इसका विकास नहीं हुआ है।

कावर झील में 59 प्रकार के विदेशी और 107 प्रकार के देसी पक्षी रहते और हर वर्ष आते हैं लेकिन कावर झील का आज तक विकास नहीं हो पाया है। खासकर जमीन को सही से चिहिंत तक नहीं किया जा सका है जिससे किसान यहां ना तो सही से खेती कर पाते हैं ना ही अपनी जमीन को बेच पाते हैं ऐसे में सरकार इस कावर झील को विकसित करने के लिए कारगर कदम उठाए ताकि पर्यावरण और सांस्कृतिक स्तर पर यह विकसित हो सके।
क्या महत्व है कावर झील है

कावर झील एशिया का सबसे बड़ी शुद्ध जल की झील है और यह पक्षी अभयारण्य (बर्ड संचुरी) भी है। इस बर्ड संचुरी मे ५९ तरह के विदेशी पक्षी और १०७ तरह के देसी पक्षी ठंडे के मौसम मे देखे जा सकते है। यह बिहार राज्य के बेगूसराय में है। पुरातत्वीय महत्व का बौद्धकालीन हरसाइन स्तूप इसी क्षेत्र में स्थित है।काबर झील अथवा कावर झील जिसे स्थानीय रूप से काबर ताल, कनवार ताल या कावर ताल भी कहते हैं यह बिहार के बेगूसराय जिले में मीठे पानी[3] की एक उथली झील है। यह झील जिला मुख्यालय बेगूसराय से तकरीबन 22 किलोमीटर उत्तर में और बिहार के राजधानी नगर पटना से 100 किलोमीटर पूरब में स्थित है। इस झील और आसपास की नमभूमि (वेटलैंड) को पक्षी विहार का दर्जा प्राप्त है।

बिहार सरकार के वन विभाग के आँकड़ों के मुताबिक़ इसे पक्षी विहार का दर्जा 1989 में दिया गया और यह कुल 63.11 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है ।यहाँ जाड़ों में काफी प्रवासी पक्षी आते हैं जिनमें विदेशी पक्षी भी शामिल हैं, हालाँकि, हाल के समय में यह झील पानी की कमी से जूझ रही है और सरकारी योजनाओं के पारित होने के बावज़ूद उपेक्षा के चलते संकटपूर्ण स्थिति में है। झील पर निर्भर स्थानीय मछुआरे (मल्लाह) भी इसके कारण संकट झेल रहे हैं।

झील के नजदीक ही जय मंगल गढ़ के नाम से एक प्रसिद्ध एक मंदिर भी है जिसे पाल वंश के काल में स्थापित माना जाता है और यह भी अनुमान है कि यह एक किले के रूप में था ।

मुजफ्फरपुर रिमांड होम से सरकार सीख लेती तो आज गायघाट मामले में नजर झुकाना नहीं पड़ता

मुजफ्फरपुर बालिकागृह से सरकार ने नहीं ली सीख
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चिहिंत दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की गयी होती तो आज गायघाट मामले में कोर्ट को संज्ञान नहीं लेना पड़ता है ।

गायघाट रिमांड होम मामले में हाईकोर्ट द्वारा स्वतः संज्ञान लेने के बाद सरकार की साख एक बार फिर दांव पर है हाईकोर्ट ने समाज कल्याण विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को प्रतिवादी बनाते हुए फौरन अपने स्तर से जांच करने का आदेश दिया है। और यह सब पटना हाई कोर्ट के जुवेनाइल जस्टिस मॉनिटरिंग कमेटी की अनुशंसा पर किया गया है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि बालिका गृह में यह सब चल रहा था इसकी जानकारी बालिका गृह पर नजर रखने वाली संस्था को नहीं हुई ,क्यों कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हाईकोर्ट से जिला कोर्ट तक और राजधानी से लेकर पंचायत स्तर तक बच्चे और बच्चियों के राइट के लिए कमिटी गठित है जिन्हें बच्चों और बच्चियों के अधिकार को संरक्षित करने का कानूनी अधिकार प्राप्त है फिर भी यह धंधा रुक क्यों नहीं रहा है यह एक बड़ा सवाल है ।

सुप्रीम कोर्ट मानती है कि इस तरह के जो भी लड़के लड़कियां है उसके अभिभावक कोर्ट है और इसके लिए विधिवत कमेटी गठित है।हाईकोर्ट में जुवेनाइल जस्टिस मॉनिटरिंग सेल है जिसका खुद का एक अलग से दफ्तर है कर्मचारियों की बड़ी फौज है,जस्टिस आशुतोष कुमार चेयरमैन हैं,जस्टिस अंजनी कुमार शरण और जस्टिस नवनीत कुमार पांडेय इसके सदस्य हैं।

इसी तरह की कमेटी जिला स्तर पर न्यायालय में भी है इसके अलावे डीएम की अध्यक्षता में हर जिले में बाल संरक्षण समिति,जे0जे0 बोर्ड गठिक है जिसके अधीन बाल गृह और बालिका गृह काम करता है इतना ही नहीं जिले के सीनियर पदाधिकारी इस सारे कमिटी के नोडल पदाधिकारी होते है जिन्हें चाइल्ड प्रोटेक्शन ऑफिसर कहा जाता है।जिनकी जिम्मेवारी है रिमांड होम में रहे रही बच्ची और बच्चों को किसी भी तरह का शारीरिक और मानसिक कष्ठ ना हो इस पर चौकसी बरतना। इतना ही नहीं जिला जज साहब का माह में एक दो बार इस तरह के होम में जाकर बच्चे और बच्चियों का हाल जानना है।
इसके अलावा भारत सरकार की और से एक हेल्पलाइन नम्बर जारी है 1098 किसी भी बच्चे या बच्चों के साथ शारीरिक या मानसिक प्रताड़ना होता है तो वो तुरंत इस नम्बर पर काॅल कर सकता है और इस कॉल पर त्वरित कार्रवाई हो इसके लिए देश के हर जिले में दो से तीन चाइल्ड लाइन काम कर रहा है।

जिसके पास उस बच्चे के कांल के सम्बन्ध में जानकारी दी जाती है और उस पर त्वरित कार्रवाई में कोई परेशानी ना हो इसके लिए जिले का पुलिस कप्तान जबावदेह होता है।इतना ही नहीं बच्चे और बच्चियों के संरक्षण के लिए पंचायत के वार्ड में वार्ड आयुक्त बाल संरक्षण कमिटी का अध्यक्ष होता है ,पंचायत में मुखिया अध्यक्ष होते हैं प्रखंड में प्रमुख अध्यक्ष होते हैं सीडीपीओ और आंगनबाड़ी सेविका नोडल पदाधिकारी होती है इस स्तर तक कमिटी गठित है ।

लोकतंत्र के सभी स्तम्भ विधियका,कार्यपालिका और न्यायपालिका सभी सीधे तौर जिम्मेवार है फिर भी लड़कियों और लड़कों का ट्रैफिकिंग जारी है ।

इसकी वजह है सरकार इसको लेकर आज भी गंभीर नहीं है यू कहे तो सरकार के प्राथमिकता में यह विषय है ही नहीं या फिर इस तरह के खेल में सरकार खुद शामिल है इसलिए यह खेल चल रहा है।

याद करिए मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश बावजूद अभी तक उन आईएएस अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई है जिन पर बालिका गृह में हो रहे कृत्य को नजरअंदाज करने और ब्रजेश ठाकुर को संरक्षण देने का आरोप था ।इस स्थिति में बालिकागृह में रहने वाली लड़कियां कैसे सुरक्षित रह पायेंगी क्यों कि अधिकारियों को पता है सरकार मेरे साथ खड़ी है या फिर सरकार इस मामले में इतनी लाचार है कि कुछ नहीं कर पायेंगी ऐसे में यह धंधा संस्थागत रुप लेगा ही इसलिए ना गायघाट रिमांड होम मामले में 24 घंटे के अंदर समाज कल्याण विभाग और पटना जिला प्रशासन क्लीनचीट दे दिया ।

बिहार न्यूज पोस्ट के खबर का असर, गाय घाट स्थित उत्तर रक्षा गृह मामले में हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान

पटना हाई कोर्ट ने पटना के गाय घाट स्थित उत्तर रक्षा गृह ( आफ्टर केअर होम ) की घटना पर स्वतः संज्ञान लिया है। कोर्ट ने इस याचिका को पटना हाई कोर्ट जुवेनाइल जस्टिस मोनिटरिंग कमेटी की अनुशंसा पर रजिस्टर्ड किया है।

कमेटी में जस्टिस आशुतोष कुमार चेयरमैन हैं, जबकि जस्टिस अंजनी कुमार शरण और जस्टिस नवनीत कुमार पांडेय इसके सदस्य हैं। कमेटी ने उक्त मामले में 31 जनवरी को अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट को गंभीरता से लिया है।

इस केअर होम में 260 से भी ज्यादा महिलाएं वास करती हैं। कमेटी की एक आपात बैठक बुलाई गई थी। बेसहारा महिलाओं को लेकर अखबार में छपी खबर पर बैठक में चर्चा की गई। खबर के मुताबिक पीड़िता व केअर होम में रहने वाली उसके जैसी और अन्य को दवा देकर जबरन अनैतिक कार्यों के लिए मजबूर किया जाता है।

पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया है कि केअर होम में रहने वाली पीड़िताओं को भोजन और बिस्तर की सुविधाएं भी नहीं मुहैया कराई जाती है। यहां तक कि बहुतों को गृह को छोड़ने की अनुमति भी नहीं दी जाती है।

कमेटी द्वारा अन्य बातों के अलावा ऐसा देखा गया कि पीड़िता द्वारा आश्चर्यजनक देने वाला खुलासा यह भी किया गया है कि अजनबियों को रिश्तेदार के रूप में बहाना बनाकर आने दी जाती है, जो आकर बेसहारा महिला को उठाते हैं।जो कि इनके जीवन और मर्यादा को और जोखिम में डाल देता है।

यह भी आश्चर्य जनक है कि पीड़िता द्वारा किये गए खुलासे के बाद भी कोई एफ आई आर दर्ज नहीं किये गए हैं।

इससे ज्यादा आश्चर्य जनक यह है कि समाज कल्याण विभाग के डायरेक्टर ने उक्त मामले में एक जांच किया है और सिर्फ केअर होम में लगाए गए सी सी टी वी के फुटेज के आधार पर वे इस निष्कर्ष पर तथाकथित पीड़िता द्वारा लगाया गया आरोप को बेबुनियाद और गलत बताया।

कोर्ट ने फिलहाल राज्य सरकार के समाज कल्याण विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को प्रतिवादी बनाते हुए फौरन अपने स्तर से जांच करने का आदेश दिया है।

साथ ही साथ कोर्ट ने की गई कार्रवाई के संबंध में रिपोर्ट देने को कहा है। कोर्ट ने कमेटी द्वारा की गई अनुशंसा को भी तत्काल लागू करने का आदेश दिया है। संस्थान के सुधार को लेकर और सी सी टी वी कैमरा लगाने, कमसे कम दो और प्रशिक्षित सलाहकार की नियुक्ति करने, संख्या को देखते हुए अन्य केअर होम की जरूरत, प्रशिक्षित स्टाफ, स्टाफ और अधीक्षक में चाइल्ड से संबंधित कानून और मुद्दों की जागरूकता समेत अन्य अनुशंसा किये गए हैं।

कोर्ट ने अगली तिथि के पूर्व अनुपालन के संबंध में हलफनामा दायर करने को भी कहा है। इस मामले पर आगे की सुनवाई 7 फरवरी, 2022 को की जाएगी।

रेलवे भर्ती बोर्ड के मनमानी का मुद्दा उठा राज्यसभा में

• रेलवे भर्ती बोर्ड के परीक्षार्थी छात्रों का मुद्दा राज्यसभा में उठाया
• ग्रुप डी की 2 के बजाय एक परीक्षा तथा एनटीपीसी का 3.5 लाख और छात्रों का परिणाम घोषित करें

भाजपा सांसद और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी ने आज राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान रेलवे भर्ती बोर्ड की ग्रुप डी एवं एनटीपीसी की 1 करोड़ 35 लाख से ज्यादा परीक्षार्थियों के हाल में हुए आंदोलन का समर्थन करते हुए सरकार से उनकी मांग को पूरा करने का आग्रह किया।

श्री मोदी ने कहा कि ग्रुप डी कि पहले एक परीक्षा लेने का 2019 में प्रावधान किया गया था परंतु 24 जनवरी को अचानक दो परीक्षा लेने की घोषणा की गई। उसी प्रकार एनटीपीसी का परीक्षा परिणाम 20 गुना के बजाय 11 गुना रिजल्ट ही प्रकाशित किया गया। एक-एक छात्र का नाम तीन-तीन जगह शामिल है।

श्री मोदी ने मांग किया कि ग्रुप डी की दो के बजाय एक परीक्षा ली जाए तथा एनटीपीसी परीक्षा में शामिल और 3.5 लाख छात्रों का रिजल्ट घोषित किया जाए ताकि सरकार की घोषणा के अनुसार 20 गुना परिणाम घोषित किया जा सके ।

हाई कोर्ट ने लैब टेक्नीशियन की नियुक्ति प्रक्रिया को एक सप्ताह में पूरा करने का आदेश

पटना हाई कोर्ट ने लैब टेक्नीशियन की नियुक्ति प्रक्रिया को एक सप्ताह में पूरा करने का आदेश राज्य सरकार को दिया है। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने इस मामलें पर सुनवाई कर यह आदेश पारित किया।

21 जून, 2015 को प्रकाशित किये गए विज्ञापन के मामले में यह आदेश को कोर्ट ने पारित किया है। विज्ञापन बिहार स्टाफ सेलेक्शन कमीशन द्वारा निकाला गया था।

कुल 1772 रिक्तियां थी, किन्तु अब तक बहाली नहीं की गई थी। कोर्ट ने संबंधित अधिकारियों को एक सप्ताह में रिजल्ट प्रकाशित करने को भी कहा है। साथ ही साथ कोर्ट ने वर्ष 2019 में किये गए संशोधन के अनुसार अर्हता रखने वाले याचिकाकर्ताओं के मामलों पर भी विचार करने को कहा है।

याचिकाकर्ताओं का पक्ष रखते हुए वरीय अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा ने इनके मामलों पर भी विचार करने का आग्रह कोर्ट से किया था। अब इस मामले पर आगे की सुनवाई 2 सप्ताह बाद कि जाएगी।

विश्व कैंसर दिवस पर राज्यभर में आयोजित होंगे निःशुल्क कैंसर रोग परामर्श शिविरः मंगल पांडेय

विश्व कैंसर दिवस पर राज्यभर में आयोजित होंगे
निःशुल्क कैंसर रोग परामर्श शिविरः मंगल पांडेय
चार से 10 फरवरी तक सरकारी अस्पतालों में लगेंगे कैंप

पटना। स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने कहा कि विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा चार फरवरी से राज्यभर में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जायेगा। इसका मुख्य उद्देश्य जनमानस के बीच कैंसर के प्रति जागरूकता लाना तथा कैंसर के शुरुआती चरणों में ही इसका पता लगाकर निदान करना है।

चार से 10 फरवरी तक राज्य के जिला एवं अनुमंडलीय स्तरीय अस्पताल, रेफरल अस्पताल, प्राथमिक तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर और शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर निःशुल्क कैंसर रोग परामर्श शिविर आयोजित होगा।

श्री पांडेय ने कहा कि विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर राज्य के 14 जिलों औरंगाबाद, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, दरभंगा, गया, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, नालंदा, पटना, समस्तीपुर, सीवान, सुपौल एवं वैशाली के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में कैंसर की स्क्रीनिंग कार्य में होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, मुजफ्फरपुर से समन्वय स्थापित कर आवश्यक सहयोग ली जाएगी।

इन शिविरों के संबंध में लोगों तक जानकारी पहुंचाने के लिए दो दिन पहले से माइकिंग के द्वारा लोगों के बीच प्रसारित किया जाएगा। साथ ही स्वास्थ्य संस्थानों और शहर के प्रमुख स्थानों पर फ्लैक्स और होर्डिंग्स लगाई जाएगी।

श्री पांडेय ने कहा कि इन शिविरों में आने वाले मरीजों का चिकित्सक द्वारा कैंसर की स्क्रीनिंग के साथ कॉमन कैंसर जैसे- मुंह का कैंसर, स्तन कैंसर आदि के संभावित लक्षणों एवं उससे बचाव के प्रति जागरूक किया जाएगा।

शिविरों में सामान्य कैंसर रोग से संबंधित संदिग्ध व्यक्तियों को आइजीआइएमएस, एम्स, पटना, पीएमसीएच एवं महावीर कैंसर अस्पताल, पटना में उपचार के लिए रेफर किया जाएगा। इसके साथ ही इन अस्पतालो में निःशुल्क कैंसर रोग परामर्श शिविर का आयोजन किया जाएगा।

15 फरवरी तक धान अधिप्राप्ति की बढ़ाई गयी समय सीमा

मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से धान
अधिप्राप्ति की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की
मुख्य बिन्दुः-
• इस वर्ष 15 फरवरी तक धान अधिप्राप्ति की समय सीमा
निर्धारित की गई है। इच्छुक किसान समय सीमा में इसका
लाभ उठाएं।
• यह संतोष की बात है कि अब तक 4 लाख 50 हजार
किसानों से 32 लाख 61 हजार मीट्रिक टन की रिकॉर्ड धान
अधिप्राप्ति हो चुकी है।
लक्ष्य के अनुरुप धान अधिप्राप्ति को लेकर तेजी से काम
.
करें।
धान अधिप्राप्ति का भुगतान किसानों को ससमय करते रहें
ताकि उन्हें इसका लाभ मिले।
• उसना चावल मिलों की संख्या और बढायें। अरवा चावल
मिलर्स को उसना चावल मिल में कन्वर्ट करने के लिए प्रेरित
करें।
आज मुख्यमंत्री श्नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से धान अधिप्राप्ति की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की।
बैठक में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव विनय कुमार ने प्रस्तुतीकरण
के माध्यम से धान अधिप्राप्ति के संबंध में विस्तृत जानकारी |

उन्होंने खरीफ विपणन वर्ष
2021-22 के अंतर्गत धान अधिप्राप्ति की अद्यतन स्थिति, लक्ष्य तथा चावल मिलों की अद्यतन
स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चरणबद्ध तरीके से धान अधिप्राप्ति की प्रक्रिया
शुरु की गई है। किसानों को ससमय भुगतान किया जा रहा है, इससे उन्हें काफी फायदा हो
रहा है।

बैठक में सहकारिता विभाग की सचिव बंदना प्रेयसी ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम
से धान अधिप्राप्ति कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लक्ष्य के अनुरुप सभी जिलों से
धान का क्रय किया जा रहा है।

अब तक 4 लाख 50 हजार किसानों के माध्यम से 32 लाख
61 हजार मीट्रिक टन की रिकॉर्ड धान अधिप्राप्ति की गई है। प्रोक्योरमेंट पोर्टेबिलिटी सिस्टम
लागू की गई है, इसके माध्यम से 35 हजार किसानों द्वारा अब तक 2 लाख 63 हजार मीट्रिक
टन धान अधिप्राप्ति की गई है। उन्होंने बताया कि धान अधिप्राप्ति के लिए 15 फरवरी 2022
तक की समय सीमा निर्धारित की गई है।

माध्यम
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने अपने यहां सबसे पहले पैक्स के
धान अधिप्राप्ति की शुरुआत करायी, इससे किसानों को काफी लाभ हो रहा है। यह
संतोष की बात है कि अब तक 4 लाख 50 हजार किसानों से 32 लाख 61 हजार मीट्रिक टन
की रिकॉर्ड धान अधिप्राप्ति हो चुकी है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष 15 फरवरी तक धान
अधिप्राप्ति की समय सीमा निर्धारित की गई है, इच्छुक किसान समय सीमा में इसका लाभ
उठाएं।

मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुये कहा कि किसानों को धान अधिप्राप्ति में किसी प्रकार की
समस्या न हो इसके लिए निरंतर निगरानी एवं अनुश्रवण करते रहें। लक्ष्य के अनुरुप धान
अधिप्राप्ति को लेकर तेजी से काम करें। धान अधिप्राप्ति का भुगतान किसानों को ससमय
करते रहें ताकि उन्हें इसका लाभ मिले। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की हरसंभव
सहायता के लिये पूरी तरह तत्पर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में उसना चावल की खपत अधिक है। इसको लेकर
उसना चावल के मिलों की संख्या और बढायें। अरवा चावल मिलर्स को उसना मिल में कन्वर्ट
करने के लिए प्रेरित करें।