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राज्य निर्वाचन आयोग ने शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव कराने को लेकर नियु्कत किया प्रेक्षक

राज्य निर्वाचन आयोग ने एडीएम, उप सचिव, संयुक्त सचिव स्तर के 170 प्रेक्षकों की तैनाती की है। ये अधिकारी बिहार राज्य खाद्य निगम, श्रम संसाधन विभाग, निबंधन, उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, समाज कल्याण विभाग, भू-अर्जन निदेशालय, विज्ञान एवं प्रावैद्यिकी विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, ऊर्जा विभाग, योजना पर्षद, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार लोक सेवा आयोग, आपदा प्रबंधन विभाग, पिछडा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, सहकारिता विभाग, बिहार राज्य अल्पसंख्यक वित निगम, बिहार राज्य चिकित्सा सेवा इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी लिमिटेड, परिवहन विभाग,भवन निर्माण विभाग, बिहार कर्मचारी चयन आयोग, सामान्य प्रशासन विभाग, जीविका में पदस्थापित हैं।

आयोग ने सभी जिलाधिकारियों को प्रेक्षकों की सूची भेज दी है। हालांकि प्रेक्षक के पद पर जिन अधिकारियों की तैनाती हुई है, उन्हें किस जिले में जाना है। अभी इसकी सूची प्रशासन को नहीं मिली है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि ट्रेनिंग समाप्त होने के बाद प्रेक्षकों को जिलावार सूची भी जारी कर दी जाएगी।

बिहार के स्वास्थ्य विभाग का हाल बेहाल

आज हम आपको बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था से जुड़ी तीन तस्वीरें दिखा रहे हैं और उन तस्वीरों के सहारे कोरोना के तीसरी लहर से लड़ने को लेकर जो दावे किये जा रहे हैं उसकी सच्चाई से आप रुबरु हो सकते हैं ।

पहली तस्वीर राज्य में फैले वायरल बुखार से जुड़ी है खबर यह है कि शहर से लेकर गांव तक में बच्चे वायरल बुखार से पीड़ित है पीड़ित बच्चों में पांच से आठ प्रतिशत बच्चें ऐसे हैं जिनको अस्पताल की जरुरत है हाल यह है कि राज्य के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच,आईजीएमएस.एनएमसीएच और एम्स जहां कोरोना के तीसरी लहर को देखते हुए विशेष तौर पर पीकू व नीकू अस्पताल तैयार किया गया था वहां एक भी बेड खाली नहीं है ।

अस्पताल के बाहर गलियारे में इलाज के अभाव में बच्चा तरप रहा है ।वही कोरोना वाला हाल माँ के गंधे पर बीमार बच्चा और बाप के हाथ में आँक्सीजन का सिलेंडर ।बेड की जगह बाथरुम के गेट पर बच्चों को गोद में लिए मां हैरान परेशान मरीज के परिजनों को निहार रही है और अपने पति से बार बार कह रही है कुछ कीजिए ना बाबू बहुत रो रहा है ।

पति परेशान है अस्पताल में ना डां है ना बेड है और ना ही दवा है,करे तो करे क्या हर आने जाने वालों को टकटकी निगाह से देख रहा है कही किसी रास्ते से फरिस्ता की तरह कोई डाँ आये और उसके बच्चे को बचा ले ।ये हाल राज्य के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच का है जिला और अनुमंडल अस्पताल की तो बात ही छोड़ दे ।

दूसरी तस्वीर सिवान सदर अस्पताल की है जहां एक व्यक्ति की लाश 15 घंटे तक फर्श पर पड़ी रही और वार्ड में कुत्ते घूमते रहे, लेकिन किसी ने इसकी सुध नहीं ली।

तीसरी तस्वीर जीएमसीएच बेतिया की है जहां चोरों ने आईसीयू में घुसकर मरीज को लगा आक्सीजन मॉनिटर चुरा लिया। मरीज के परिजनों के टोकने पर चोर ने खुद को अस्पताल का कर्मचारी बताया। खराब होने व बदलने के नाम पर मॉनिटर चुराकर ले गया। जल्दबाजी में मॉनिटर खोलने के दौरान चोर ने ऑक्सीजन पाइप भी नोंच दिया थोड़ी देर बाद मरीज की स्थिति जब बिगड़ने लगी तो परिचन भागे भागे नर्स रुम में गयी वहां नर्स मौजूद नहीं थी हल्ला हंगामा शुरु हुआ तो कही से एक नर्स पहुंची और फिर किसी तरह आंक्सीजन का पाइप लगायी ये मेडिकल कांलेज का हाल है ।

इस मामले में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे का कहना है कि राज्य स्वास्थ्य समिति के टीम को अस्पताल का दौरा करने के लिए भेजा गया है उन्हें रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है कई विशेषज्ञों से बातचीत में पता चला है कि वायरल फीवर है और सभी सरकारी अस्पतालों में बच्चों के समुचित इलाज का निर्देश दिया गया है पूरे मामले पर मैं खुद नजर रख रहा हूं और लगातार अधिकारियों के संपर्क में हूं

संभार–संतोष सिंह के वाल से

उतार-चढ़ाव के बाद बाजार हरे निशान में बंद; सेंसेक्स 58,305, निफ्टी 17,369 पर बंद; एयरटेल, नेस्ले टॉप गेनर

साप्ताहिक एफएंडओ समाप्ति सत्र में घरेलू बेंचमार्क सूचकांक मामूली बढ़त के साथ सपाट बंद हुए । बीएसई सेंसेक्स 54.81 अंक (0.09 प्रतिशत) बढ़कर 58,305.07 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 50 15.75 अंक (0.09 प्रतिशत) ऊपर 17,369.25 पर बंद हुआ।

बीएसई मिडकैप इंडेक्स 72.07 अंक (0.29 फीसदी) ऊपर 24,639.15 पर कारोबार कर रहा था, जबकि एसएंडपी बीएसई स्मॉलकैप 105.72 अंक (0.38 फीसदी) ऊपर 27,607.00 पर था। बैंक निफ्टी अपने इंट्राडे लाभ को बनाए रखने में विफल रहा, 0.23% कम 36,683 पर समाप्त हुआ ।

भारती एयरटेल 2.73% की बढ़त के साथ सेंसेक्स में शीर्ष पर रही, इसके बाद नेस्ले इंडिया, टाटा स्टील और बजाज फिनसर्व का स्थान रहा। टाइटन गुरुवार को सेंसेक्स का सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला था, जो लगभग 1% गिर गया। इसके बाद अल्ट्राटेक सीमेंट, बजाज ऑटो, एक्सिस बैंक और एचडीएफसी बैंक का स्थान रहा। मीडिया, एफएमसीजी, धातु सबसे अधिक लाभ में रहे ।

सेंसेक्स एक नजर में

सेंसेक्स के 30 शेयर्स में से 18 शेयर्स बढ़त के साथ और 12 शेयर्स लाल निशान में बंद हुए। बी एस ई पर कारोबार के दौरान 196 शेयर्स 52 हफ्ते के ऊपरी स्तर पर और 23 शेयर्स 52 हफ्ते के निचले स्तर पर कारोबार करते दिखे।

निफ्टी के प्रमुख शेयरों के टॉप गेनर और लूजर का हाल

निफ्टी एक नजर में

बाढ़ को लेकर सीएम की अध्यक्षता में हुई मैराथन बैठक

राज्य में बाढ़ आपदा एवं अल्पवृष्टि से उत्पन्न स्थिति पर मुख्यमंत्री की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक, मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में साढ़े पांच घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय,
प्रभावित लोगों की हरसंभव सहायता करने का मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिया निर्देश

मुख्य बिन्दु :-
1. बाढ़ के कारण जहां किसानों द्वारा फसल नहीं लगायी जा सकी, उसे फसल क्षति मानते हुये उन सभी किसानों को उचित सहायता उपलब्ध करायें। साथ ही किसानों की फसल क्षति का भी आंकलन कर उन्हें सहायता उपलब्ध करायें।

2. कृषि विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग एवं सभी जिलों के जिलाधिकारी बाढ़ के कारण हुई क्षति का पंचायतवार सही तरीके से आंकलन करें ताकि उसके आधार पर सभी प्रभावितों की मदद की जा सके। कोई भी बाढ़ आपदा पीड़ित सहायता से वंचित नहीं रहे।

3. तीन से चार दिनों में बाढ़ से हुई क्षति का पूर्ण आंकलन कर लें। इसके पष्चात् जिलों के प्रभारी मंत्री संबंधित जिलों में जाकर जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर इसे अंतिम रुप दें।

4. पषु एवं मत्स्य संसाधन विभाग बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशु क्षति का भी ठीक से आंकलन कराये और पशुपालकों की सहायता करें।

5. जल संसाधन विभाग बाढ़ के स्थायी समाधान के लिए दीर्घकालीन योजना बनाकर कार्य करे ताकि बाढ़ का असर कम से कम हो।

6. जिलों के उन विषिष्ट क्षेत्रों का भी आंकलन कर लें, जहॉ अल्पवृष्टि की स्थिति बन रही हो।

7. हर वर्ष बाढ़ के कारण बिहार का बहुत बड़ा क्षेत्र प्रभावित होता है, उससे बचाव एवं राहत के लिए हमलोग लगातार काम कर रहे हैं।

पटना 08 सितम्बर 2021 :- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित ‘संवाद’ में राज्य में बाढ़ आपदा एवं अल्पवृष्टि से उत्पन्न स्थिति की उच्चस्तरीय समीक्षा की। साढ़े पांच घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के जिलाधिकारी भी शामिल हुए।

बैठक के दौरान प्रस्तुतीकरण के माध्यम से भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के प्रतिनिधि ने अब तक की वर्षापात की स्थिति और आने वाले दिनों के वर्षा पूर्वानुमान के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।

आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री प्रत्यय अमृत ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से राज्य में बाढ़ एवं अल्पवृष्टि को लेकर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष अब तक तीन चरणों, प्रथम चरण- 13 से 17 जून, द्वितीय चरण- 1 जुलाई से 7 जुलाई, तृतीय चरण- 8 अगस्त से 22 अगस्त में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई है। आपदा पीड़ितों के लिए सभी प्रकार के राहत एवं बचाव कार्य किये गये। मुख्यमंत्री द्वारा हवाई सर्वेक्षण एवं बाढ़ राहत शिविरों में शरणार्थियों से मिलकर राहत कार्यों का जायजा लिया गया। इससे पीड़ितों का काफी मनोबल बढ़ा। अब तक 7,95,538 परिवारों के बीच 477.32 करोड़ रुपये ग्रैच्युट्स रिलीफ की राशि का वितरण किया जा चुका है और बाकी बचे लोगों में जी0आर0 का वितरण 25 सितंबर तक कर दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि बाढ़ से 26 जिलों के 16.60 लाख परिवारों की 69.63 लाख जनसंख्या प्रभावित हुई है, जिन्हें हरसंभव मदद की जा रही है।

समीक्षा बैठक में कृषि विभाग के सचिव श्री एन0 सरवन कुमार, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सचिव श्री जितेंद्र श्रीवास्तव, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की प्रधान सचिव श्रीमती एन0 विजयलक्ष्मी एवं जल संसाधन विभाग के सचिव श्री संजीव हंस ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बाढ़ के दौरान अपने-अपने विभागों द्वारा किये गये कार्यों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
समीक्षा के दौरान सभी जिलों के जिलाधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने-अपने जिलों के आपदा प्रभावित क्षेत्रों, जी0आर0 वितरण, क्षतिग्रस्त सड़कें, फसल क्षति, पशु क्षति आदि के साथ-साथ बाढ़ के दौरान किये गये राहत एवं बचाव कार्यों की भी जानकारी दी।

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष अधिक वर्षापात होने से नदियों के जलस्तर में वृद्धि के कारण राज्य में बाढ़ की स्थिति बनी। हमने हवाई सर्वेक्षण कर राज्य के सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया। साथ ही प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों को भी हवाई सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया ताकि वे अपने जिलों के पूरे क्षेत्रों का ठीक से जायजा ले सकें। प्रभावित लोगों के बीच राहत एवं बचाव कार्य कर उन्हें हरसंभव मदद मुहैया कराया गया। हमने राहत शिविरों में जाकर बाढ़ पीड़ितों के लिए चलाये जा रहे राहत कार्यों एवं वहां की व्यवस्थाओं की जानकारी ली और अधिकारियों को सभी प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। सभी जिलाधिकारी अभी भी मौसम पूर्वानुमान के आधार पर आगे की स्थिति के लिए सचेत रहें और पूरी तैयारी रखें।

मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि बाढ़ के कारण जहां किसानों द्वारा फसल नहीं लगायी जा सकी, उसे फसल क्षति मानते हुये उन सभी किसानों को उचित सहायता उपलब्ध करायें। साथ ही किसानों की फसल क्षति का भी आंकलन कर उन्हें सहायता उपलब्ध करायें। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग एवं सभी जिलों के जिलाधिकारी बाढ़ के कारण हुई क्षति का पंचायतवार सही तरीके से आंकलन करें ताकि उसके आधार पर सभी प्रभावितों की मदद की जा सके। कोई भी बाढ़ आपदा पीड़ित सहायता से वंचित नहीं रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन से चार दिनों में बाढ़ से हुई क्षति का पूर्ण आंकलन कर लें। इसके पष्चात् जिलों के प्रभारी मंत्री संबंधित जिलों में जाकर जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर इसे अंतिम रुप दें। उन्होंने कहा कि पषु एवं मत्स्य संसाधन विभाग बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशु क्षति का भी ठीक से आंकलन कराये और पशुपालकों की सहायता करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संसाधन विभाग बाढ़ के स्थायी समाधान के लिए दीर्घकालीन योजना बनाकर कार्य करे ताकि बाढ़ का असर कम से कम हो। उन्होंने कहा कि जिलों के उन विषिष्ट क्षेत्रों का भी आंकलन कर लें, जहॉ अल्पवृष्टि की स्थिति बन रही हो। हर वर्ष बाढ़ के कारण बिहार का बहुत बड़ा क्षेत्र प्रभावित होता है, उससे बचाव एवं राहत के लिए हमलोग लगातार काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मौसम पूर्वानुमान के अनुसार भविष्य के लिये सचेत रहते हुये पूरी तैयारी रखें।

बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री सह आपदा प्रबंधन मंत्री श्रीमती रेणु देवी, शिक्षा मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, ऊर्जा मंत्री श्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडे, जल संसाधन मंत्री श्री संजय कुमार झा, भवन निर्माण मंत्री श्री अशोक चौधरी, कृषि मंत्री श्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, पथ निर्माण मंत्री श्री नितिन नवीन, ग्रामीण विकास मंत्री श्री श्रवण कुमार,पंचायती राज मंत्री श्री सम्राट चौधरी, परिवहन मंत्री श्रीमती शीला कुमारी, लघु जल संसाधन मंत्री श्री संतोष कुमार सुमन, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री श्री मुकेश सहनी, समाज कल्याण मंत्री श्री मदन सहनी, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्रीमती लेशी सिंह, पर्यटन मंत्री श्री नारायण प्रसाद, कला, संस्कृति एवं युवा मामले के मंत्री श्री आलोक रंजन, ग्रामीण कार्य मंत्री श्री जयंत राज, श्रम संसाधन मंत्री श्री जिवेश मिश्रा, विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री श्री सुमित कुमार सिंह, मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन मंत्री श्री सुनील कुमार, गन्ना उद्योग मंत्री श्री प्रमोद कुमार, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री श्री रामसूरत कुमार, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री व्यास जी, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य श्री पी0एन0 राय, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य श्री उदयकांत मिश्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री त्रिपुरारी शरण, पुलिस महानिदेशक श्री एस0के0 सिंघल, विकास आयुक्त श्री आमिर सुबहानी, आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री प्रत्यय अमृत, पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री अमृत लाल मीणा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, अपर मुख्य सचिव पथ श्री अमृत लाल मीणा सहित सभी जिलां के प्रभारी अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्योग मंत्री श्री शाहनवाज हुसैन, संबंधित विभागों के अन्य वरीय पदाधिकारीगण, सभी प्रमंडलीय आयुक्त, रेंज के आई0जी0/डी0आई0जी0, सभी जिलों के जिलाधिकारी, वरीय पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक जुड़े हुए थे।

दरभंगा एम्स के निर्माण की प्रक्रिया शुरु विभाग ने निकाली टेंडर

डीएमसीएच परिसर में प्रस्तावित एम्स निर्माण स्थल पर बालू भराई व समतलीकरण को लेकर निकाल दी गयी है. 21 सितंबर तक निविदा डालने की तिथि निर्धारित की गयी है. तकनीकी बीड 23 सिंतबर को खुलेगा तथा उसी दिन अग्रधन की राशि जमा होगी. द्वितीय बीड खोलने की तिथि बाद में प्रकाशित करने की जानकारी संबंधित विज्ञापन में दी गयी है.निविदा की वैधता अवधि 120 दिन बतायी गयी है. काम पूरा करने का समय तीन माह है. बिहार मेडिकल सर्विसेज एण्ड इनफ्राक्सट्रक्चर कोपरेशन लिमिटेड (बीएमएसआइसिएल) ने यह निविदा निकाली है. इसके तहत 75 एकड़ भूखंड पर बालु भराई व समतलीकरण का काम होना है. इस पर 12 करोड़ 41 लाख 35 हजार रुपया खर्च होगा.पिछले कई दिनों से दरभंगा में छात्र संगठन एमएसयू दरभंगा में एम्स निर्माण की प्रक्रिया शुरू करने की मांग कर रहे थे. साथ ही एमएसयू ने ऐलान किया था कि दरभंगा में आठ सितंबर को प्रतीकात्मक शिलान्यास भी करेंगे. वहीं इसके बाद प्रशासन हरकत में आ गई .

दरभंगा में एम्स निर्माण को लेकर जारी आंदोलन के बीच आज बिहार मेडिकल सर्विसेज एण्ड इनफ्राक्सट्रक्चर कोपरेशन लिमिटेड (बीएमएसआइसिएल) ने निविदा निकाला है. इसके तहत 75 एकड़ भूखंड पर बालु भराई व समतलीकरण का काम होना है. इस पर 12 करोड़ 41 लाख 35 हजार रुपया खर्च होगा।

विभाग ने जो निविदा जारी किया है उसके अनुसार 21 सितंबर तक निविदा डालने की तिथि निर्धारित की गयी है. तकनीकी बीड 23 सिंतबर को खुलेगा द्वितीय बीड खोलने की तिथि बाद में प्रकाशित करने की जानकारी संबंधित विज्ञापन में दी गयी है.निविदा की वैधता अवधि 120 दिन बतायी गयी है तथा काम पूरा करने का समय तीन माह निर्धारित किया गया है।

हनुमान मंदिर की सुरक्षा को लेकर हाईकोर्ट सख्त सरकार से मांगी विस्तृत रिपोर्ट

पटना हाई कोर्ट ने राजधानी के पटना सिटी स्थित जल्ला हनुमान मंदिर की सुरक्षा व संरक्षण तथा वहाँ जलाशय पर किये गए अतिक्रमण के मामले पर सुनवाई की।चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने गौरव कुमार सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए नगर निगम आयुक्त को सफाई और रौशनी की व्यवस्था के मामले पर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।

कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि चूँकि राजस्व सचिव ने कमेटी का गठन कर दिया है, इसलिए राजस्व सचिव इस मामले पर हलफनामा दायर करें।

इस मामले में कोर्ट ने विगत 5 जुलाई को राजस्व सचिव को एक कमेटी का गठन करने का आदेश दिया था। पटना के जिला विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन कर दिया गया है।

कोर्ट ने जलाशय की सुरक्षा के लिये उपाय करने को भी कहा था। पटना के जिलाधिकारी को संबंधित क्षेत्र को वीडियोग्राफी करवाकर के की गई कार्रवाई के संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया था।

पिछले 27 जुलाई को कोर्ट ने राजस्व रिकॉर्ड में सुधार करने को भी कहा था। उसके बाद अपर जिलाधिकारी ने राजस्व रिकॉर्ड में सुधार करते हुए आवश्यक आदेश पारित किया।

पिछले 23 अगस्त को कोर्ट ने पटना के जिलाधिकारी को राजधानी के बीचों बीच स्थित इस जलाशय की सुरक्षा हेतु कार्रवाई करने को कहा था। कोर्ट ने जलाशय की घेराबन्दी करने को भी कहा ,ताकि जलाशय में कोई नया अतिक्रमण नहीं हो। राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार ने बताया कि इस आदेश के अनुपालन में हलफनामा दायर करने को कहा गया था, लेकिन आज को कोई हलफनामा दायर नहीं किया जा सका।

याचिकाकर्ता का कहना था कि मंदिर के पास के जल क्षेत्र में स्थानीय लोगों द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया है। इस वजह से इसकी सुरक्षा व्यवस्था और संरक्षण को लेकर खतरा उत्पन्न हो गया है। इस मामले में आगे की सुनवाई आगे भी की जाएगी।

सेंसेक्स 58250, निफ्टी 17353 पर सपाट बंद ; मिडकैप, स्मॉलकैप का बेहतर प्रदर्शन

बीएसई सेंसेक्स 29 अंक की गिरावट के साथ 58,250 पर, एनएसई निफ्टी 8.60 अंक फिसलकर 17,353 पर बंद हुआ। सेक्टरों में, निफ्टी बैंक, निजी बैंक, पीएसयू बैंक और वित्तीय सेवा सूचकांक प्रत्येक में लगभग एक प्रतिशत की वृद्धि हुई। दूसरी तरफ, आईटी, मीडिया, ऑटो और फार्मा इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए।

कारोबार के दौरान बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। बाजार को बैंकिंग शेयर्स का सपोर्ट मिला। PSU और प्राइवेट बैंक के शेयर्स ने अच्छा प्रदर्शन किया।

मिडकैप और स्मॉलकैप 50 बढ़त के साथ बंद हुए. बैंक के शेयर आज शीर्ष प्रदर्शन करने वालों में से थे। शीर्ष इंडेक्स गेनर के रूप में कोटक महिंद्रा बैंक 3.5% उछलकर बंद हुआ, इसके बाद एनटीपीसी, टाइटन और सन फार्मा का स्थान रहा। नेस्ले इंडिया 2.27% नीचे था, जो दिन का सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला सेंसेक्स घटक था। मारुति, बजाज फिनसर्व और बजाज ऑटो अन्य पिछड़ों में से थे।

सेंसेक्स के 30 में से 15 शेयर्स तेजी के साथ जबकि 15 शेयर्स कमजोरी के साथ बंद हुए।

निफ्टी के प्रमुख शेयरों के टॉप गेनर और लूजर का हाल

पंचायत चुनाव में सम्पति के ब्योरा पड़ भी आयोग की रहेंगी नजर

राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत चुनाव शांतिपूर्ण और निष्पक्ष सम्पन्न हो इसको लेकर कई तरह के सुधार किये हैं साथ ही उन तमाम कानूनों को लागू करने की छूट चुनाव कार्यों से जुड़े अधिकारियों को दिया है जिससे चुनाव निष्पक्ष सम्पन्न हो सके ।
इसके लिए इस बार आयोग ने चुनाव में नामंकन के दौरान जो भी प्रत्याशी अपने सम्पति का ब्योरा सही नहीं देंगे और वो चुनाव जीत जाते हैं तो उनकी सदस्याता रद्द कर दी जायेंगी साथ ही उन पर अपराधिक मामला भी दर्ज किया जायेंगा ।

सरकार ऐसे लोगों पर लोक प्रहरी के माध्यम से कार्रवाई करेगी।जो भी इस बार चुनाव में नामांकन का पर्चा दाखिल करेंगे, उन्हें संपत्ति की घोषणा करनी होगी। अगर गलत संपत्ति की घोषणा की तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। गलत संपत्ति की घोषणा करने पर सरकार नियम 18 (5) के तहत कार्रवाई करेगी। ऐसे पंचायत प्रतिनिधियों की बर्खास्तगी भी होगी।

12 सितंबर को लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक व पूर्व दिवंगत केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पहली बरसी पटना में मनाई जाएगी और बरसी के बहाने चिराग बड़ी राजनैतिक लकीर खींचने की तैयारी में लगा है आज इसको लेकर बिहार के नेता प्रतिपंक्ष तेजस्वी यादव और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी से मुलाकात कर आने का निमंत्रण दिया है वही इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत शीर्ष राष्ट्रीय नेताओं को भी न्योता भेजा है। हलाकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निमंत्रण को लेकर जब चिराग से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि अभी तक मिलने का समय नहीं मिला है ।
वही निमंत्रण कार्ड पर चिराग ने पूरे पासवान परिवार का नाम छपवाया है।कार्ड के एक भाग में शोकाकुल परिवार के तौर पर सबसे पहले केंद्रीय मंत्री और अपने चाचा पशुपति कुमार पारस, चचेरे भाई कृष्ण राज, चचेरे भाई व समस्तीपुर सांसद सह प्रदेश अध्यक्ष (पारस गुट वाली लोजपा) प्रिंस राज और यश राज का नाम लिखा हुआ है। कार्ड के दूसरे भाग में विनीत के तौर पर चिराग पासवान का नाम सांसद सह राष्ट्रीय अध्यक्ष लोजपा लिखा हुआ है।

रामविलास पासवान की पहली बरसी मनायी जायेंगी पटना तैयारी जोड़ो पर

लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) नेता चिराग पासवान अपने पिता व दलित नेता रामविलास पासवान की पहली बरसी पर 12 सितंबर को पटना में बड़े आयोजन करने की तैयारी में हैं। उन्होंने इस आयोजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत शीर्ष राष्ट्रीय नेताओं को न्योता भेजा है।

12 सितंबर को लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक व पूर्व दिवंगत केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पहली बरसी पटना में मनाई जाएगी और बरसी के बहाने चिराग बड़ी राजनैतिक लकीर खींचने की तैयारी में लगा है आज इसको लेकर बिहार के नेता प्रतिपंक्ष तेजस्वी यादव और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी से मुलाकात कर आने का निमंत्रण दिया है वही इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत शीर्ष राष्ट्रीय नेताओं को भी न्योता भेजा है। हलाकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निमंत्रण को लेकर जब चिराग से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि अभी तक मिलने का समय नहीं मिला है ।

वही निमंत्रण कार्ड पर चिराग ने पूरे पासवान परिवार का नाम छपवाया है।कार्ड के एक भाग में शोकाकुल परिवार के तौर पर सबसे पहले केंद्रीय मंत्री और अपने चाचा पशुपति कुमार पारस, चचेरे भाई कृष्ण राज, चचेरे भाई व समस्तीपुर सांसद सह प्रदेश अध्यक्ष (पारस गुट वाली लोजपा) प्रिंस राज और यश राज का नाम लिखा हुआ है। कार्ड के दूसरे भाग में विनीत के तौर पर चिराग पासवान का नाम सांसद सह राष्ट्रीय अध्यक्ष लोजपा लिखा हुआ है।

कांग्रेस के कद्दावर नेता सदानंद सिंह नहीं रहे

कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री सदानंद सिंह का आज निधन हो गया है। पटना में खगौल के पास एक निजी अस्पताल क्यूरिस हॉस्पिटल में उन्होंने अंतिम सांसें ली। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। लीवर सिरोसिस की बीमारी से परेशान थे। दिल्ली के प्रसिद्ध डॉक्टर एसके सरीन से लीवर का इलाज कराया था। उसके बाद पटना लौटे, लेकिन तकलीफ बढ़ी तो फिर अस्पताल में एडमिट होना पड़ा। खगौल के पास क्यूरिस हॉस्पिटल में लगभग दो माह से उनका इलाज चल रहा था। लीवर सिरोसिस जब बढ़ने लगा तो किडनी में इंफेक्शन हो गाया। इसके बाद मंगलवार को उनका डायलिसिस किया गया। लेकिन उनके शरीर ने डायलिसिस बर्दाश्त नहीं किया और बुधवार की सुबह नौ बजकर नौ मिनट पर उनका निधन हो गया। उन्हें एक पुत्र और तीन पुत्रियां हैं।

राज्यपाल ,सीएम नीतीश कुमाप और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने भी जताया शोक
सीएम नीतीश कुमार ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सदानंद सिंह के निधन पर गहरा शोक जताया है। उन्होंने कहा है कि वे एक अनुभवी राजनेता थे। क्षेत्र के लोगों में भी काफी लोकप्रिय थे। 2000 से 2005 तक विधानसभा के अध्यक्ष भी रहे थे। उनसे मेरा व्यक्तिगत संबंध था। उनके निधन से मर्माहत हूं। इधर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सदानंद सिंह जी के निधन पर गहरी शोक-संवेदना व्यक्त करता हूं। उनका लंबा सामाजिक-राजनीतिक अनुभव रहा। वो एक कुशल राजनेता थे। ईश्वर से उनकी आत्मा को शांति तथा शोक संतप्त परिजनों को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं।

पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने भी शोक जताया है। उन्होंने कहा कि सदानंद बाबू की कमी हमेलंबा है राजनीतिक इतिहास, नौ बार रहे थे विधायक
सदानंद सिंह का लंबा राजनीतिक सफर रहा है। वह पहली बार कहलगांव सीट से 1969 में जीत कर विधायक बने थे। विधानसभा अध्यक्ष के अलावा बिहार सरकार में कई विभागों के मंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वह भागलपुर की कहलगांव विधानसभा सीट से नौ बार विधायक भी रहे थे।

लड़कियां अभी भी सुरक्षित नहीं है बिहार में

तमाशबीन हूं मैं बात 2008 की है सुशासन उस वक्त लोगों के जुबान पर था उस वक्त मैं ईटीवी सा जुड़ा हुआ था और आंफिस एग्जीबिशन रोड स्थित शाही भवन में था । यही कोई रात के आठ बज रहे होंगे ।हमलोगों के साथ काम करने वाले एक सहयोगी के शादी का रिसेप्शन था आंफिस लगभग खाली हो गया था और सबसे विलम्भ से मैं ही आंफिस से निकला था ।जैसे ही गांधी मैदान से सामने स्थित रामगुलाम चौक से बाये मौर्या होटल की और मुड़े सामने देखते हैं बीच सड़क पर एक गांड़ी खड़ी है और एक लड़की को जबरन सड़क पर से उठा कर गांड़ी में बिठा रहा है तब तक मैं वहां पहुंच गया लड़की को तो बचा लिये लेकिन मेरे साथ जो हुआ उसकी कई बार चर्चा कर चुके हैं ।

लड़की को उठाने वालों में एक जंगलराज में चर्चित साले का साला था एक उस समय के जदयू के कद्दावर नेता और मंत्री के साढ़ू का बेटा था और तीसरा एक पुलिस अधिकारी का बेटा था इस घटना की चर्चा मेैं इसलिए कर रहा हूं कि लड़कियों के लेकर जंगलराज हो या फिर कानून की राज वाली सरकार हो लड़कियों को लेकर अपराधी प्रवृति वाले लोगों के नजरिया में कोई फर्क नहीं आया जैसे पहले होता था वैसे उस समय भी हो रहा था।

आज भी बिहार में अक्सर खबर आती है कि बेटी को छेड़खानी से रोकने पर बाप को गोली मार दिया भाई को पीट पीट कर अधमरा कर दिया मतलब आज भी राजधानी पटना में बेटी ,बहन और पत्नी को लेकर चलना सुरक्षित नहीं है कब कहां कोई छींटाकशी कर दे, छेड़छाड़ कर दे कहना मुश्किल है यह प्रवृति लड़कियों को लेकर सिर्फ शहर में ही नहीं है ,गांव में भी यही स्थिति है इस तरह की खबरे गांव से भी आती रहती है ।

आज भी किसी की बेटी और बहन घर से बाहर निकलती है तो जब तक वो वापस नहीं लौटती है पूरा परिवार तनाव में रहता है ।इसी तरह की एक घटना राजधानी पटना से सटे मनेर से आ रही है जहां ब्यापुर राजकीय मध्यविधालय में पढ़ने वाली छात्रा और शिक्षिका स्कूल आना बंद कर दी है ।

वजह आये दिन स्कूल जाने के दौरान आसपास के अपराधिक प्रवृति के लड़के स्कूल की छात्रा और शिक्षिका के साथ छेड़छाड़ करता रहता है स्कूल के प्राचार्य राज कुमार ने विभाग और थाने को लिख कर शिकायत किया है फिर भी कारवाई तो दूर अब ये गुंडे प्राचार्य को ही जान से मारने की धमकी दे रहा है जबकि इस स्कूल में 690 छात्राएं और 9शिक्षिकाएं है कार्यरत है फिर भी जब लड़कियां स्कूल के लिए निकलती है आस पास के लड़के सरेआम छेड़खानी करता है और शिक्षिका द्वारा आपत्ति करने पर शिक्षिका के साथ गाली गलौज और छेड़छाड़ करने से भी परहेज नहीं करता है ।

इस मानसिकता को क्या कहा कहेंगे, ये कोई सिर्फ मनेर की ही घटना नहीं है इस तरह की घटनाएं सरेआम बिहार के स्कूलों में होता रहता है ।हमें लगता है वक्त आ गया है समाज और कानून के रखवाले एक साथ मिल बैठ कर इसका समाधान निकाले ।नहीं तो फिर मुश्किले बढ़ेगी क्यों कि लड़किया भी अब फाइट करने लगी है ऐसे में बड़ी घटना घट सकती है ।

संभार –संतोष सिंह के वाल से

हाईकोर्ट से सरकार को फिर लगा झटका सृजन मामले में बैक से वसूली पर लगाया रोक

पटना हाई कोर्ट ने सृजन घोटाला से जुड़े मामले में सर्टिफिकेट केस के जरिये पैसे की वसूली की कार्यवाही पर यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया है। जस्टिस मोहित कुमार शाह ने बैंक ऑफ बरोडा की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया।

सृजन घोटाला में कथित तौर पर संलिप्त भागलपुर शाखा के बैंक ऑफ बड़ौदा के तत्कालीन शाखा प्रबंधक से राज्य सरकार की 189 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि को सर्टिफिकेट केस चला कर वसूली करने की कार्यवाही शुरू की थी। पर फिलहाल यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश देते हुए जिला प्रशासन को हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है।

याचिकाकर्ता बैंक के वरीय अधिवक्ता पी के शाही ने बताया कि सृजन घोटाले में जो पैसा है, जिला प्रशासन ने पैसा बसूली के लिए सर्टिफिकेट केस किया है। इसमें बैंक का कहना है कि ये सर्टिफिकेट केस नहीं हो सकता है, क्योंकि कानून में लोक मांग नहीं है। अभी सृजन घोटाले का मुकदमा चल रहा है, कोई फैसला नहीं हुआ है, इसलिए बैंक से पैसा वसूला नहीं किया जा सकता है।श्री शाही ने सुनवाई के दौरान सर्टिफिकेट ऑफिसर के क्षेत्राधिकार पर भी सवाल उठाया।

राज्य सरकार का पक्ष रखते हुए सरकारी अधिवक्ता प्रशांत प्रताप ने नीलाम वाद के आदेश के विरुद्ध अपील दायर किये बगैर ही सीधे हाई कोर्ट में मामला दायर करने पर आपत्ति जताई।

वायरल बुखार ने बिहार के बच्चों की बढ़ाई परेशानी 3हजार से अधिक बच्चे भर्ती है अस्पताल में

कोरोना के तीसरी लहर की आशंका के बीच बिहार में वायरल बुखार ने पूरी सरकार की नींद हराम कर दी है अभी तक जो सूचनायें आ रही उसके अनुसार पीएमसीएच ,आईजीएमएस और एम्स पटना में कोरोना के सम्भावित खतरे को देखते हुए बच्चों के लिए जीतने भी बेड लगाये गये थे वो सारे फुल हो चुके हैं यही स्थिति SKMCH मुजफ्फरपुर और डीएमसीएच दरभंगा का है अभी तक सरकारी अस्पतालओं की ही बात करे तो 3000 हजार से अधिक बच्चों का राज्य के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है ।

एनएमसीएच के शिशु रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. गोपाल शंकर साहनी ने बताया कि वायरल बरोंकोलिस्ट बीमारी में श्वांस नली में सूजन हो जाता है। यह स्थिति जुकाम से शुरू होती है। सांस नली में सूजन होने से सांस फूलना, खांसी और सांस लेने में तकलीफ होती है। यह एक सप्ताह से एक महीने तक रह सकता है। अगर सही से और समय पर इलाज नहीं हुआ तो यह गंभीर रूप ले लेता है अभी तक पांच सौ से अधिक बच्चे भर्ती हो चुके हैं सभी में इसी तरह के लक्षण पाये गये हैं आज सिविल सर्जन डॉ. विनय शर्मा के नेतृत्व ने एक टीम SKMCH में निरीक्षण करने पहुंची। टीम में पटना के भी स्वास्थ्य विभाग के एक वरीय अधिकारी हैं। SKMCH अधीक्षक डॉ. बीएस झा के साथ बैठक हुई। इसके बाद पीकू वार्ड निरीक्षण किया। सिविल सर्जन ने अधीक्षक से पूरी रिपोर्ट मांगी है। कहा है जिस इलाके के बच्चे अधिक प्रभावित होंगे। वहां पर विशेष निगरानी की जाएगी और जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा।

एम्स के शिशुरोग विशेषज्ञ डां लोकेस तिवारी की माने तो अभी तक अधिकांश बच्चों में वायरल बुखार के ही लक्षण देखने को मिल रहा है फिर भी सतर्क रहने कि जरुरत है क्यों कि कोरोना में भी कुछ ऐसा ही लक्षण मरीजों में देखा जाता है हलाकि अभी तक एम्स में एक बच्चे में कोरोना पाँजिटिभ पाया गया है और दो बच्चों में पोस्ट कोरोना के लक्षण दिखे गये हैं ।

हाईकोर्ट से सरकार को बड़ा झटका ,राज्यपाल कोटे से मनोनयन मामले में कोर्ट कर सकती है सुनवाई

पटना हाईकोर्ट ने राज्य में राज्यपाल कोटा से मनोनीत किये गए 12 विधान पार्षदों के मनोनयन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि कोर्ट इन मामलों की सुनवाई कर सकता हैं। वरीय अधिवक्ता वसंत चौधरी की याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की।

कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि मनोनीत किये गए ये विधान पार्षद को राजनीतिज्ञों को समाजसेवी माना जाए या नहीं,इस मामले पर विचार करने की जरूरत नहीं। याचिकाकर्ता अधिवक्ता वसंत चौधरी का कहना था कि इस तरह के मामले में भारत का संविधान के प्रावधानों के तहत साहित्य, कलाकार, वैज्ञानिक, सामाजिक कार्यकर्ता व सहकारिता आंदोलन से जुड़े हुए विशिष्ट लोगों के मनोनयन हो सकता है।

जिन बारह लोगों का विधान पार्षद के रूप में मनोनयन किया गया है ,वे बहुमत बढ़ाने और जो लोग विधान सभा में चुन कर नहीं आ सके हैं, उन्हें विधान परिषद में इस तरह से लाया गया है। यह संविधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है।
उन्होंने कोर्ट को बताया कि इनमें कोई भी न तो सामाजिक कार्यकर्ता है, न ही साहित्य से जुड़ा व्यक्ति या न ही कोई वैज्ञानिक उपलब्धियां हैं। उन्होंने दलील देते हुए कहा था कि एक सामाजिक कार्यकर्ता को काम का अनुभव, व्यवहारिक ज्ञान और विशिष्ट होना चाहिए।लेकिन इन सब बातों पर गौर नहीं किया गया है।

श्री चौधरी ने कोर्ट को बताया कि इनमें कोई पार्टी का अधिकारी है ,तो कोई कहीं का अध्यक्ष। पिछ्ली सुनवाई मे कोर्ट ने राज्य सरकार के महाधिवक्ता से पूछा कि क्या मनोनीत किये गए एम एल सी में राज्य के मंत्री पद पर है क्या।

विधान पार्षद के रूप में अशोक चौधरी, जनक राम, उपेंद्र कुशवाहा, डॉ राम वचन राय, संजय कुमार सिंह, ललन कुमार सर्राफ, डॉ राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता, संजय सिंह, देवेश कुमार, प्रमोद कुमार, घनश्याम ठाकुर और निवेदिता सिंह को राज्यपाल के कोटे से मनोनयन किया गया।
अब इस मामले पर अगली सुनवाई 13 सितंबर को की जाएगी।

सृजन घोटाले मामले में हुआ बड़ा खुलासा, कई आईएएस अधिकारियों का हस्ताक्षर पाया गया सही

सृजन घोटाले मामले में हुआ बड़ा खुलासा
कई आईएएस अधिकारियों का हस्ताक्षर पाया गया सही
फोरेंसिक रिपोर्ट ने भागलपुर के तत्तकालीन डीएम के दावे को किया खारिज
फर्जी हस्ताक्षर के दावे को किया खारिज
कई आईएएस अधिकारियों का हस्ताक्षर पाया गया सही
ऐसे आईएएस अधिकारियों पर कारवाई तय

सृजन घोटाले मामले में पहली बार सीबीआई के शिकंजे में बड़ी मछली फंसी है ।जी है कल तक भागलपुर में तैनात आईएएस अधिकारी इस आधार पर बच रहे थे कि सृजन को जो भुगतान हुआ है उस चेक पर मेरा हस्ताक्षर नहीं है ।लेकिन फोरेंसिक जांच में ये बाते सामने आयी है कि भागलपुर में पदस्थापित कई डीएम के हस्ताक्षर और चेक पर दर्ज हस्ताक्षर एक है ।ऐसी स्थिति में सीबीआई कभी भी उक्त आईएएस अधिकारी को गिरफ्तार कर सकती हलाकि सीबीआई फिलहाल उक्त अधिकारी को पुछताछ के लिए बुलाना चाह रही है।

ऐसे अधिकारियों जिनका हस्ताक्षर चेक के हस्ताक्षर से मिल रहा वैसे अधिकारियों ने 28 करोड़ ,56 लाख और 27 लाख रुपये के चेक पर हस्ताक्षर किए हैं। देश की चार बड़ी फोरेंसिक लैबोरेटरीज में उनके हस्ताक्षर के नमूने की जांच कराई गई। जिसमें हस्ताक्षर सही पाया गया।

उतार-चढ़ाव के बीच बाजार लाल निशान में बंद; सेंसेक्स 58279 पर, निफ्टी 17,400 से नीचे। भारती एयरटेल टॉप गेनर

बीएसई सेंसेक्स 17 अंक टूटकर 58,279 पर बंद हुआ। निफ्टी 50 15.7 अंक की गिरावट के साथ 17,362 पर बंद हुआ। सेक्टरों में आईटी, रियल्टी और तेल एवं गैस सूचकांक 1-2 फीसदी नीचे , जबकि एफएमसीजी नामों में कुछ खरीदारी देखी गयी। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में मामूली गिरावट, दिन के सपाट अंत के लिए सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी 50 ने समापन घंटे में सभी लाभ छोड़ दिए। बैंक निफ्टी लाल निशान में बंद हुआ।

दिन के दौरान, सेंसेक्स 256 अंक बढ़कर 58,553.07 के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया और निफ्टी 50 इंडेक्स 17,436.50 के रिकॉर्ड उच्च स्तर को छू गया।

सेंसेक्स में शीर्ष पर रहने वाले के रूप में भारती एयरटेल 2.79% ऊपर था, इसके बाद एचडीएफसी, इंडसइंड बैंक और आईटीसी का स्थान रहा। टेक महिंद्रा 1.64% नीचे था। इसके बाद सन फार्मा, एक्सिस बैंक और एचसीएल टेक्नोलॉजीज का स्थान रहा। भारत VIX मंगलवार को 1.39% फिसल गया।

सेंसेक्स के 30 में से 12 शेयर्स तेजी के साथ जबकि 18 शेयर्स कमजोरी के साथ बंद हुए। BSE पर कारोबार के दौरान 201 शेयर्स 52 हफ्ते के ऊपरी स्तर पर और 24 शेयर्स 52 हफ्ते के निचले स्तर पर कारोबार करते दिखे।

निफ्टी के प्रमुख शेयरों के टॉप गेनर और लूजर का हाल

पंचायत चुनाव के दौरान मतदाताओं को प्रलोभन देने वाले प्रत्याशियों पर होगी कड़ी कारवाई

पंचायत आम निर्वाचन 2021 के दौरान मतदाताओं को लुभाने के मामले आयोग इस बार काफी सख्त है चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों द्वारा मतदाताओं को लुभाने के लिए राशि, कपड़ा, शराब जैसी सामग्री वितरण की संभावना को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने हर प्रखंड में उड़नदस्‍ता दल का गठन करने का निर्देश दिया है जिसकी मॉनिटरिंग एसपी और डीएम खुद करेंगे और उड़नदस्ता दल के नोडल अधिकारी के रूप में उपविकास आयुक्त और राज्य कर संयुक्त आयुक्त होगे। इसके साथ ही चरणवार दंडाधिकारी व पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है।

उड़नदस्ता दल का प्रमुख कार्य अपने क्षेत्र के अंतर्गत होने वाले गैर कानूनी गतिविधियों पर पैनी नजर रखना और उसे नियंत्रित करना है। गैरकानूनी गतिविधि यथा शराब वितरण, अवैध नगदी अथवा वस्तु जिससे मतदाता को पर प्रलोभित किया जा सके
उसके संबंध में सूचना प्राप्त होते ही पुलिस अधिकारी के साथ समन्वय स्थापित करते हुए अविलंब छापामारी करेंगे। साथ ही निर्वाचन नियमों के सुसंगत धाराओं के तहत आवश्यक कानूनी कार्रवाई करना सुनिश्चित करेंगे।उड़नदस्ता दल सभी शिकायत योग्य निर्वाचन एवं आदर्श आचार संहिता से संबंधित मामलों पर तुरंत कार्रवाई करेंगे तथा पंचनामा दस्तावेज आदि भी तैयार करेंगे। यदि नगदी, उपहार, वस्तु, शराब या मुफ्त में भोजन के वितरण, निर्वाचकों को धमकी देने या डराने के बारे में या हथियारों, गोला बारूद, असामाजिक तत्वों की आवाजाही के बारे में शिकायत प्राप्त हो और उडऩदस्ते का घटनास्थल पर तत्काल पहुंच जाना संभव नहीं हो तो सूचना नजदीक के स्टैटिक या स्थानीय थानाध्यक्ष को देना सुनिश्चित करेंगे। अवैध नगदी का आदान-प्रदान या शराब का वितरण या अन्य वस्तुएं जिसे वोटरों को प्रभावित किया जा सके का पता लगाएंगे एवं विधि सम्मत आवश्यक कार्रवाई ससमय करना सुनिश्चित करेंगे।

राज्यपाल कोटा से मनोनयन को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर

हाल ही में राज्य में राज्यपाल कोटा से मनोनीत किये गए 12 एम एल सी के मनोनयन को चुनौती देने वाली याचिका पर पटना हाई कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। याचिका पटना हाई कोर्ट के वरीय अधिवक्ता बसंत कुमार चौधरी द्वारा दायर की गई है। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की।

इस मामले में याचिकाकर्ता का कहना था कि इस तरह के मामले में भारत का संविधान साहित्य, कलाकार, वैज्ञानिक, सामाजिक कार्यकर्ता व कॉपरेटिव मूवमेंट से जुड़े हुए जैसे खास तरह के लोगों को मनोनीत करने की अनुमति देता हैं।

जिन 12 लोगों को एम एल सी मनोनीत किया गया है, वह बहुमत बढ़ाने और जो लोग एम एल ए नहीं चुन कर नहीं आये हैं, उन्हें एडजस्ट करने के लिए मनोनीत किया गया है ,जो संविधान के विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन है।
याचिकाकर्ता का आगे कहना था कि इनमें कोई भी न तो सामाजिक कार्यकर्ता है और न ही साहित्य से जुड़ा व्यक्ति या फिर वैज्ञानिक और कलाकार। उनका कहना था कि एक सामाजिक कार्यकर्ता को काम का अनुभव, व्यवहारिक ज्ञान और एक्सपर्टीज होना चाहिए।
इन सब चीजों को नहीं देखा गया है।

खण्डपीठ ने राज्य सरकार के महाधिवक्ता से पूछा कि क्या मनोनीत किये गए एम एल सी में राज्य के मंत्री भी है ? उल्लेखनीय है कि राज्यपाल कोटे से अशोक चौधरी, जनक राम, उपेंद्र कुशवाहा, डॉ राम वचन राय, संजय कुमार सिंह, ललन कुमार सर्राफ, डॉ राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता, संजय सिंह, देवेश कुमार, प्रमोद कुमार, घनश्याम ठाकुर और निवेदिता सिंह को एम एल सी मनोनीत किया गया था। इस मामले पर कल भी सुनवाई जारी रहेगी।

लड़के और लड़कियों के बीच रिश्तों को लेकर नये तरीके से सोचने कि जरुरत है

बात कोई तीन माह पूरानी है शाम के समय मैं और रंजू आपस में कुछ बात कर रहे थे उसी दौरान रंजू के मोबाइल पर फोन आया बातचीत से समझ में आ रहा था कि रंजू के कोई भाई साहब का फोन है बात चल ही रही थी कि रंजू कहती हैं लीजिए ना भैया यही सामने हैं मेहमान ।

प्रणाम पाती के बाद बात शुरु हुई तो पता चला पटना में कोई लड़की इनके बेटा पर शादी की नियत से बहला फुसला कर रेप करने का आरोप लगाते हुए केस किया है लड़का भारतीय सेना में है और छह माह पहले बहन के घर शादी में गया था वही उस लड़की से दोस्ती हो गयी फिर दोनों पटना के किसी होटल में दो तीन बार रुका भी है ।बातचीत चल ही रहा था कि उन्होंने कहा कि लीजिए ना रोशन पास ही में है,रोशन वे से मेरा सीधा सवाल था होटल में उसके साथ शारीरिक सम्बन्ध भी बनाये थे जी फूफा जी लड़की फंसा करके ऐसा करवाई, अच्छा तुम बच्चा थे खैर शादी कर लो और तुम्हारे पास कोई विकल्प नहीं है।

खैर एक माह पहले ससुराल गये तो लड़का और उसके पिता जी मिलने आये और कहां मेहमान सब कुछ ठीक हो गया दोनों की शादी तय कर दिये हैं ।ये कोई एक मामला नहीं है रोजाना इस तरह के मामले हमलोगों के बीच आते रहता है कल सीएम के जनता दरबार में भी इस तरह के एक दर्जन से अधिक मामले आये जिसमें डीएसपी से लेकर दोरागा तक पर लड़कियों ने ये आरोप लगाया कि शादी का भरोसा दिला कर शारीरिक सम्बन्ध बनाया और अब शादी करने से इनकार कर रहा है।

इसी तरह का एक मामला सीएम के सामने आया जिसमें लां की छात्रा ने नीतीश कुमार के सामने आपबीती सुनाते हुए कहा कि वह 5 महीनों से इंसाफ के लिए दर-दर भटक रही है, लेकिन शिकायत सुनने के बावजूद आरोपी DSP अमन कुमार के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।जब इसकी शिकायत आपके डीजीपी से किये तो डीजीपी कहते हैं लड़कियां पहले अपनी अदाओं से लड़कों को फंसाती हैं, फिर उनके ऊपर आरोप लगाती हैं।

हलाकि डीजीपी का इस तरह से जबाव देना कोई अचरज की बात नहीं है सवाल मानसिकता का है भले ही लड़कियां सभी फिल्ड में आगे बढ़ रही है लेकिन लड़कियों को लेकर समाज का नजरिया अभी भी नहीं बदला है, फिर जिस तरीके से नौकरी और पढ़ाई के लिए लड़कियां घर से बाहर निकल रही है ऐसे में इस तरह के रिश्ते की गुंजाइश हजार गुना बढ़ गयी है।

क्यों कि आज के तारीख में भी कामकाजी महिला हो या फिर लड़कियां घर से बाहर वो अकेली रह रही है तकनीक का जवाना है हर किसी के हाथ में एंड्रॉयड फोन है जिस वजह से आपस में सम्पर्क करने में कोई अरचन भी नहीं है ।वही परिवेश का तानाबान आज भी ऐसा है कि बाहर रहने वाली लड़कियों को हमेशा एक पुरुष साथी की जरुरत महसूस होती रहती है और यही समस्या की वजह है ।

सरकारी नौकरियों में सरकार ने 50 प्रतिशत महिलाओं को आरक्षण दे रही है लेकिन थाने लेकर डीजीपी के आंफिस तक स्कूल से लेकर शिक्षा विभाग के दफ्तर तक कही भी महिलाओं के लिए सही से एक वासरुम भी उपलब्ध नहीं है।

दरोगा से लेकर सिपाही तक में महिलाओं की संख्या हर थाने में लगभग आधी हो गयी है लेकिन आज भी उसके रहने कि व्यवस्था सही नहीं है ।एक बार मुझे सासाराम पुलिस लाइन जाने का मौका मिला देखते हैं एक बेड पर एक महिला दो बच्चों को लेकर किसी तरह से सोई है पता चला यह महिला महिला पुलिस की सास है रात में सास पुतहू और दोनों बच्चे को लेकर बारी बारी से सोती है ये किसी एक जिले का हाल नहीं है बिहार के अधिकांश जिलों का यही हाल है ऐसे में सहयोगी पुलिसकर्मियों से रिश्ता बनना स्वभाविक है लेकिन इसको लेकर ना तो परिवार ना ही समाज और ना ही सिस्टम तैयार है ।

ऐसे में फिलहाल इस समस्या को कोई हल निकलता दिख नहीं रहा है इस स्थिति में लड़कियों को इस तरह के रिश्ते को लेकर नये तरीके से सोचने कि जरुरत है क्यों कि आये दिन लड़के और लड़कियों के बीच रिश्तों को लेकर जो कानून बन रहे हैं या फिर सुप्रीम कोर्ट का समय समय पर जो जजमेंट आ रहा है उसमें अब लड़कियों को पहले जैसी कानूनी सुरक्षा प्राप्त नहीं है । वही समाज में भी पहले जैसी ताकत नहीं है वो अपने तरीके से इन चीजों को अभी भी देख रहाी है ऐसे में फिलहाल इस तरह की समस्याओं का क्या समाधान हो सकता है इस पर सोचने कि जरुरत है ।

पटना हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट समा सिन्हा का कहना है कि आर्थिक समाजिक और मानसिक से रुप लड़कियों को मजबूत होने कि जरुरत है तभी आप स्वंतत्र निर्णय मजबूती के साथ ले सकते हैं ।वही लड़के और लड़कियों के रिश्तों को लेकर जो नये कानून बने हैं उस वजह से समाजिक सोच और कानूनी प्रावधानों के बीच दूरी बढ़ गयी है, ऐसे में आपको कानूनी प्रावधानों से पहले जैसे संरक्षण नहीं मिल सकता है, इस स्थिति में रिश्ते बनाने को लेकर नजरिया बदलने कि जरुरत है ।

वीर कुंवर सिंह के राजनीतिशास्त्र के प्रोफेसर लक्ष्मी कुमारी का मानना है कि महिला सशक्तिकरण को लेकर सरकार की और से जो पहल किया गया है उसका सकारात्मक असर आने वाले समय दिखेगा।

लेकिन फिलहाल सरकार को वर्किंग वुमन को लेकर सपोर्ट सिस्टम बनाने कि जरुरत है जैसे वर्किंग वुमन होस्टल हर जिला मुख्यालय में होनी चाहिए बच्चों के पढ़ाई के लिए बेहतर विकल्प होना चाहिए (क्रेच)
साथ ही स्वास्थ्य को लेकर बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए।इससे बहुत सारी समस्याओं का समाधान निकल सकता है साथ ही इस तरह के सुधार से सिस्टम और पुरुष मानसिकता के प्रभाव से महिलाएँ बाहर आ सकती है।

20 वर्षो से पब्लिक फिल्ड में लगातार काम कर रही मधुमिता का कहना है कि लड़कियों में शॉर्ट टर्म में कुछ पाने कि जो लालसा बढ़ रही है समस्या की एक बड़ी वजह यही है इससे बाहर निकलने कि जरुरत है साथ ही लड़कियां मानसिक रुप से मजबूत कैसे हो इस पर सोचने कि जरुरत है ।

संभार–संतोष सिंह के वाल से

जनता के दरबार में सीएम पुलिस और भूमि विवाद मामले की हुई सुनवाई

‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में शामिल हुये मुख्यमंत्री, 195 आवेदकों के मामलों की सुनवाई कर अधिकारियों को दिये आवश्यक दिशा-निर्देश ।

पटना, 06 सितम्बर 2021:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार आज 4, देशरत्न मार्ग स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में आयोजित ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में शामिल हुए। जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 195 लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए।

आज ‘‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यकम‘‘ में सामान्य प्रशासन विभाग, गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग, निगरानी विभाग, खान एवं भूतत्व विभाग के मामलों पर सुनवाई हुयी।

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने जनता के दरबार में हाजिर होकर लोगों की शिकायतें सुनीं। मुंगेर से आए एक फरियादी ने कहा कि अपराधियों के आतंक से वो परेशान हैं। आगे उन्होंने कहा कि हमने दुकान लूट करने वालों पर मामला दर्ज कराया तो बदमाशों ने दो बार गोली चला दी, मेरे बेटे को पीटा गया। सी0आई0डी0 में मामला चल रहा है। इस संदर्भ में हमने ए0डी0जी0 सी0आई0डी0 से गुहार लगायी तब जाकर जान बची। इस तरह कितना दिन काम चलेगा, हमें न्याय चाहिए। शिकायत सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने आवेदक को पुलिस महानिदेाक के पास भेजा और कहा कि पूरे मामले को देखकर उचित कदम उठाया जाए।

वाल्मीकिनगर से आयी पीड़ित महिला ने जदयू के विधायक श्री रिंकू सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसके पति की हत्या के मामले में स्थानीय विधायक श्री रिंकू सिंह को आरोपित किया गया था लेकिन पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। इस शिकायत के बाद मुख्यमंत्री ने पीड़ित महिला को डी0जी0पी0 के पास भेजकर जांच कराने को कहा।

भगवानपुर, बेगूसराय के श्री अरुण कुमार सिंह ने अपनी शिकायत में कहा कि गैरमजरुआ जमीन पर दबंगों ने अतिक्रमण कर सार्वजनिक कुआं को भर दिया और उस पर कब्जा कर लिया है। वहीं डिहरी, रोहतास के श्री कुमार महेंद्र प्रताप ने उनके निजी जमीन पर असामाजिक तत्वों द्वारा कब्जा करने के संबंध में शिकायत की। ािकायत सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने समुचित कार्रवाई करने का निर्देा दिया।

एक महिला मुखिया ने मुख्यमंत्री से शिकायत करते हुए कहा कि उनके पति की हत्या कर दी गई, शिकायत करने के बाद भी थानेदार आरोपी को बचाने में लगे हुए हैं। अभियुक्त की गिरफ्तारी भी हुई और 17 दिनों में बेल भी मिल गया। अब वह आरोपी लगातार धमकी दे रहा है। मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव गृह एवं डी0जी0पी0 को इस मामले में कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

सीवान के सिसवां के श्री गौतम यादव ने पुलिस अधीक्षक और थाना प्रभारी के खिलाफ शिकायत करते हुए कहा कि हमारे द्वारा शराब विक्रेताओं के खिलाफ किए गए लिखित गोपनीय सूचना को व्हाट्सअप पर इनलोगों ने सार्वजनिक कर दी। मुख्यमंत्री ने इस पर संज्ञान लेते हुए संबंधित विभाग को शीघ्र कार्रवाई करने का आदेश दिया।

सुपौल से आए एक फरियादी ने मुख्यमंत्री के सामने 51 ऐसे मामलों की सूची सौंपी जो भ्रष्टाचार से जुड़े हुए थे। फरियादी ने आरोप लगाया कि यह मामले उनका व्यक्तिगत नहीं है बल्कि जिले से संबंधित है। सुपौल जिले में जबरदस्त भ्रष्टाचार है। जिले के डी0एम0 भ्रष्टाचारों को बढ़ावा दे रहे हैं। उनके खिलाफ कई तरह की शिकायतें एक साल से वह कर रहे हैं। मुख्य सचिव के सामने भी शिकायत की गई और मुख्यमंत्री कार्यालय में भी लेकिन डी0एम0 साहब के ऊपर कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है। जिले में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति से जुड़ी योजना में घोटाला किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं में भी जिले में जबरदस्त गड़बड़ी का आरोप फरियादी ने लगाया। इतना ही नहीं तालिमी मरकज घोटाले का भी आरोप डी0एम0 के ऊपर लगाया गया है। उस मामले में जांच कमिटी का गठन तो होता है लेकिन समाधान कुछ नहीं होता। मुख्यमंत्री ने मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित विभाग को इस पर उचित कार्रवाई करने को कहा।

पूर्णिया के डगरुआ के श्री सोहैब आलम ने अपनी फरियाद में कहा कि न्यायालय के आदेश के बावजूद मेरे दखल भूमि को अंचलाधिकारी द्वारा मेरे पड़ोसी द्वारा कब्जा किए जाने में बढ़ावा देते हैं। वहीं वैशाली की सहदेई बुजुर्ग की श्रीमती प्रियंका कुमारी न्यायालय द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बावजूद अब तक आरोपी को थाना द्वारा गिरफ्तार नहीं किए जाने की शिकायत की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को कार्रवाई करने को कहा।

कैमूर के भभुआ के श्री परमानंद केसरी ने शिकायत करते हुए कहा कि धार्मिक न्यास परिषद, पटना द्वारा भभुआ स्थित स्व0 कनीराम धर्मशाला को संचालित किया जा रहा है। इसमें अनेक अनियमिततायें बरती जा रही है। वहीं टेकारी, गया के श्री अमरजीत दास ने श्रीराम जानकी बेलवन ठाकुरबाड़ी की जमीन पर दबंगों द्वारा अवैध रुप से कब्जा किए जाने एवं जान से मारने की धमकी की शिकायत की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को उचित कार्रवाई करने का आदेश दिया।

पूर्वी चंपारण की सुश्री रुचि भारती ने शिकायत करते हुए कहा कि मेरे पिता जी जो कि दैनिक जागरण समाचार पत्र में पत्रकार हैं उनको तंग तबाह किए जाने की नीयत से फंसाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने संज्ञान लेते हुए संबंधित विभाग को कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री श्री रामसूरत कुमार, खान एवं भूतत्व मंत्री श्री जनक राम, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री श्री सुनील कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री त्रिपुरारी शरण, पुलिस महानिदेशक श्री एस0के0 सिंघल, विकास आयुक्त श्री आमिर सुबहानी, अपर मुख्य सचिव राजस्व एवं भूमि सुधार श्री विवेक कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव गृह श्री चैतन्य प्रसाद, संबंधित विभागों के प्रधान सचिव/सचिव, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, पटना के जिलाधिकारी श्री चंद्रशेखर सिंह तथा वरीय पुलिस अधीक्षक श्री उपेंद्र शर्मा उपस्थित थे।

‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम के पश्चात् मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत की। जातीय जनगणना को लेकर पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसको लेकर हमलोगों ने एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रधानमंत्री से मिलकर अपनी बातों को रख दिया है। इसके संबंध में सभी बातों को पहले ही मीडिया के सामने रख दी गई है। अब निर्णय लेना केंद्र सरकार का काम है। देश में अभी जनगणना की शुरुआत नहीं हुई है। देश के विभिन्न राज्यों से इसकी मांग उठ रही है। अभी कुछ भी सामने नहीं आया है, ऐसे में अभी इस पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि मीडिया की खबरों में यह बात सामने आ रही है कि सभी राज्यों के लोग जातीय जनगणना की मांग कर रहे हैं। ये देश के हित में है। इससे सभी को लाभ मिलेगा। जातीय जनगणना होने से समाज के वैसे वर्ग जिनको आगे बढ़ाने की जरुरत है के संबंध में जानकारी मिलेगी। हमलोग इसको लेकर हमेशा अपनी बातों को रखते रहे हैं। कुछ लोग जातीय जनगणना के खिलाफ में बोलते और लिखते रहते हैं लेकिन ऐसी बात नहीं है, यह समाज को बांटने के लिए नहीं बल्कि एकजुट करने के लिए जरुरी है।

किसान आंदोलन के संबंध में पूछे गये सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग पहले से इसको लेकर बोल रहे हैं। यह कुछ इलाकों की समस्या है। केंद्र सरकार ने किसानों से कई बार बात की है। बिहार सरकार ने किसानों के लिए काफी काम किया है। यहां प्रोक्योरमेंट काफी हो रहा है, इससे किसानों को फायदा हो रहा है। उन्होंने कहा कि अगर किसान आंदोलन को कोई चुनाव और राजनीति से जोड़ता है तो यह उनलोगों का काम है, इस बारे में हमंे कुछ भी नहीं कहना है। सभी का राजनीति करने का अपना-अपना तौर तरीका है। हम इसको राजनीतिक ष्टिकोण से नहीं देखते हैं। जनता की भलाई और राज्य के विकास को लेकर हमलोग काम करते हैं। बिहार में उत्पादन और उत्पादकता बढ़ी है। बिहार में पहले काफी कम उत्पादकता थी, अब यहां की उत्पादकता बढ़ी है। इससे किसानों को लाभ हुआ है। हमलोग शुरु से ही षि रोडमैप बनाकर काम कर रहे हैं। हमलोग काम में विश्वास करते हैं, प्रचार-प्रसार में नहीं रहते हैं।

कोरोना काल में बेरोजगारी की समस्या बढ़ने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले डेढ़ साल से ज्यादा समय से पूरी दुनिया कोरोना से प्रभावित हुई है। कोरोना के कारण कई चीजों में रुकावट आने से स्वाभाविक रुप से आर्थिक स्थिति पर इसका प्रभाव पड़ा है। अभी सबसे जरुरी यह है कि कैसे हम जल्द से जल्द कोरोना से मुक्ति पायें। इसको लेकर केंद्र और राज्य सरकार ने मिलकर तेजी से काम किया है। बड़े पैमाने पर टीकाकरण का काम किया जा रहा है। बिहार में लगभग 4 करोड़ लोगों का टीकाकरण हो चुका है। पिछले दिनों बिहार में एक ही दिन में 25 लाख लोगों को टीका लगाया गया है। राज्य में कोरोना की जांच भी काफी तादाद में की जा रही है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में भी कोरोना की जांच और टीकाकरण तेजी से किया जा रहा है। कोरोना से बचाव को लेकर केंद्र और राज्य सरकार मिलकर काफी खर्च कर रही है। इस पर राज्य सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किया है। कोरोना से किसी की मृत्यु होने पर 4 लाख रुपये की मदद शुरु से ही दी जा रही है। कोरोना से मुक्ति पाना अभी प्राथमिकता में सबसे ऊपर है। अभी ऐसा नहीं माना जा सकता है कि सब कुछ ठीक हो गया है। कोरोना से मुक्ति मिलते ही देश भर में विकास कार्यों में तेजी आयेगी। हमलोग लोगों की सुविधा के लिए विकास का काम लगातार कर रहे हैं। कोरोना के कारण कई प्रकार की बाधायें सामने आयी है। लोगों की मदद के लिए हमलोग जो कुछ भी कर सकते हैं वो कर रहे हैं। इसको लेकर अधिकारियों को भी निर्देश दिया गया है। जो भी जरूरी चीज है उसके लिये काम किया जा रहा है। आपदा प्रबंधन का काम तेजी से हो रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थिति में कुछ कठिनाई होती है। सभी को इन सब चीजों को महसूस करना चाहिये।

अधिक वर्षापात और बाढ़ से संबंधित सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग ये बार-बार कह रहे हैं कि जो छोटी नदियां हैं उसको जोड़ेंगे तो पानी का बचाव होगा, आगे के लिये अच्छा होगा। जल संसाधन विभाग इसके लिये अध्ययन भी कर रहा है। इसको लेकर जो भी संभव है वह करेंगे। सितंबर माह में भी बाढ़ की संभावना बनी रहती है। इसको लेकर सचेत रहना है। आज से एक सप्ताह पहले बाढ़ से प्रभावित लोगों का जो आकलन किया गया था उसके अनुसार लगभग 57 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। सबके लिये राहत का काम हमलोग करवा रहे हैं। कहीं तो बहुत तेजी से पानी बढ़ा और फिर घटा है, लेकिन अभी कैसे कह सकते हैं कि पानी फिर से नहीं बढ़ेगा। सचेत तो रहना ही है।

बाढ़ से हुई क्षति का आकलन करने आई केंद्रीय टीम को लेकर पूछे गये सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जब कहीं भी फ्लड होता है तो राज्य सरकार की तरफ से केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजी जाती है। हमलोग तो अपनी तरफ से लोगों की मदद के लिए काम कर ही रहे हैं, लेकिन केन्द्र सरकार की टीम आकर देखेगी और देखकर लगेगा कि यहां मदद करनी चाहिये तो मदद करेगी। ये हर साल रिक्वेस्ट किया जाता है कि आकर देख लीजिये कि कितना ज्यादा इलाका प्रभावित हुआ है। सितंबर माह में भी परेशानी होती है। उन्होंने कहा कि साउथ बिहार में भी अनेक जगहों पर नुकसान हुआ है। उन सब जगहों पर जो मदद मिलनी चाहिये उसके लिये निर्देश दिया गया है। अगर कहीं सूखे की स्थिति आयेगी तो उस पर नजर रखी जा रही है। जो सूखे से पीड़ित होंगे उनको भी हमलोग सहायता देंगे इसमें कोई शक नहीं है लेकिन अभी ऐसी कोई सूचना नहीं आई है।