2 अक्तूबर 1947 को गाँधी ने अपने जन्मदिन पर कहा था-
“आज तो मेरी जन्मतिथि है। मैं तो कोई अपनी जन्मतिथि इस तरह से मनाता नहीं हूँ। मैं तो कहता हूँ कि फाका करो, चरख़ा चलाओ, ईश्वर का भजन करो, यही जन्मतिथि मनाने का मेरे ख़्याल में सच्चा तरीक़ा है। मेरे लिए तो आज यह मातम मनाने का दिन है। मैं आजतक ज़िंदा पड़ा हूँ। इस पर मुझकों ख़ुद आश्चर्य होता है, शर्म लगती है, मैं वही शख़्स हूँ कि जिसकी ज़बान से एक चीज़ निकलती थी कि ऐसा करो तो करोड़ों उसको मानते थे। पर आज तो मेरी कोई सुनता ही नहीं है। मैं कहूँ कि तुम ऐसा करो ” नहीं, ऐसा नहीं करेंगे”- ऐसा कहते हैं। ” हम तो बस हिन्दुस्तान में हिन्दू ही रहने देंगे और बाक़ी किसी को पीछे रहने की ज़रूरत नहीं है।” आज तो ठीक है कि मुसलमानों को मार डालेंगे, कल पीछे क्या करोगे? पारसी का क्या होगा और क्रिस्टी का क्या होगा और पीछे कहो अंग्रेज़ों का क्या होगा? क्योंकि वह भी तो क्रिस्टी है? आख़िर वह भी क्राइस्ट को मानते हैं, वह हिन्दू थोड़े हैं? आज तो हमारे पास ऐसे मुसलमान पड़े हैं जो हमारे ही हैं, आज उनको भी मारने के लिए हम तैयार हो जाते हैं तो मैं यह कहूँगा कि मैं तो ऐसे बना नहीं हूँ। जबसे हिन्दुस्तान आया हूँ मैंने तो वही पेशा किया कि जिससे हिन्दू, मुसलमान सब एक बन जाएँ। धर्म से एक नहीं लेकिन सब मिलकर भाई-भाई होकर रहने लगें। लेकिन आज तो हम एक-दूसरे को दुश्मन की नज़र से देखते हैं। कोई मुसलमान कैसा भी शरीफ़ हो तो हम ऐसा समझते हैं कि कोई मुसलमान शरीफ़ हो ही नहीं सकता। वह तो हमेशा नालायक ही रहता है। ऐसी हालत में हिन्दुस्तान में मेरे लिए जगह कहां है और मैं उसमें ज़िंदा रहकर क्या करूँगा? आज मेरे से 125 वर्ष की बात छूट गई है। 100 वर्ष की भी छूट गई है और 90 वर्ष की भीख, आज मैं 79 वर्ष में तो पहुँच जाता हूँ लेकिन वह भी मुझको चुभता है। मैं तो आप लोगों को जो मुझको समझते हैं और मुझको समझनेवाले काफ़ी पड़े है, कहूँगा कि हम यह हैवानियत छोड़ दें। “
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आज कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० शशिनाथ झा जी की अध्यक्षता में उनके द्वारा प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। उन्हें याद करते हुए शशिनाथ झा ने कहा कि लक्ष्मीश्वर विलास पैलेस वह पुण्य स्थान है जहां महाराज ने जन्म लिया। शिक्षा ग्रहण किया,यज्ञोपवीत का संस्कार से लेकर विवाह संस्कार तक इसी भवन में हुआ। यह मनोरम स्थल बहुत ही महत्वपूर्ण है ।
1952 में जमींदारी प्रथा खत्म होने के बाद भी दरभंगा महाराज कामेश्वर सिंह द्वारा लोगों की भलाई के लिए यह भवन शैक्षणिक कार्यों के लिए आमजनमानस को दिया गया। इसी परिप्रेक्ष्य में 1960 संस्कृत विश्वविद्यालय के रूप में यह भवन महाराज के द्वारा स्थापित किया गया। संस्कृत शिक्षा के सर्वांगीण विकास हेतु उनके द्वारा यह कदम उठाया गया था।
संस्कृत के प्रति उनका समपर्ण इस बात का गवाह है कि लक्ष्मीश्वर विलास पैलेस जैसे भवन में आज संस्कृत विश्वविद्यालय संचालित है।ऐसे दानवीर, दूरगामी, सामाजिक अध्येयता, समाज के हितैषी जनमानस में इन्ही कारणों से सर्वदा लोकप्रिय थे और आज भी उनके विचार और कार्य लोगों के लिए कल्याणकारी और प्रेणादायक है।
सर कामेश्वर सिंह को याद करते हुए इसमाद के राहुल कुमार ने कहा कि कामेश्वर सिंह ने हमेशा लोगों के जीवनयापन को सुलभ बनाने के लिए समर्पित रहते थे।और यही वजह के इनके जीवन काल में मिथिला एक सम्पन्न क्षेत्र हुआ करता था।
इसमाद के न्यासी संतोष कुमार ने कहा सर कामेश्वर सिंह ने दरभंगा समेत मिथिला को विकसित करने के लिए सभी आधुनिक सुविधाओं से तराशा,जिसका सुख आज आमजनमानस को प्राप्त हो रहा है। लेकिन उनकी असमय मृत्यु से उनके कई कार्य निर्माणधीन ही रह गए जिसे पूरा करने में मिथिला के लोगों को मशक्कत करनी पड़ी।
इस अवसर पर उनसे स्नेह रखने वाले ने संतोष चौधरी, अभिनव सिन्हा, रवि प्रकाश,राजीव कुमार झा, सौरभ आदि ने भी अपने विचार रखे। और आज उनकी पुण्यतिथि पर सबने उन्हें याद कर नमन किया।
कन्हैया को लेकर असहज राजद की और से शिवानंद तिवारी ने आखिरकार मौर्चा खोल ही दिया ,कन्हैया के कांग्रेस में शामिल होने पर शिवानंद तिवारी ने कहा है कि कन्हैया कुमार भाषण देने की कला में माहिर है उनके जैसा भाषण कोई नहीं दे सकता।
कांग्रेस जॉइन करते समय कन्हैया कुमार ने कहा था कि कांग्रेस एक डूबता हुआ जहाज है, जिसे बचाना है। अगर बड़ा जहाज नहीं बचेगा तो छोटी-छोटी कश्तियों का क्या होगा? इस बयान को उन्होंने ऐतिहासिक करार दिया है।
शिवानंद तिवारी ने कहा कि एक समय वामपंथी कन्हैया कुमार में अपना भविष्य देख रहे थे। अब कांग्रेस उनमें अपना भविष्य देख रही है। कन्हैया कुमार को ही कांग्रेस अपना अध्यक्ष बना दे। पिछले दो साल से ऐसे भी वहां कोई स्थायी अध्यक्ष नहीं है।
शिवानंद तिवारी यही नहीं रुके कांग्रेस पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के साथ मेरी पूरी सहानुभूति है। उन्होंने पंजाब का जिक्र करते हुए सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह की लड़ाई की बात कही शिवानंद तिवारी के इस बयान के बाद कांग्रेस भी शिवानंद तिवारी के सहारे राजद पर सीधे सीधे हमला शुरु कर दिया
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा ने कहा राष्ट्रीय जनता दल का भविष्य ही इस बात पर निर्भर करता है कि कांग्रेस सहित तमाम सेकुलर पार्टियां कितना अधिक से अधिक कमजोर रहती हैं और खास तौर से कांग्रेस जैसी धर्मनिरपेक्ष प्रतिबद्ध पार्टी की मजबूती से राष्ट्रीय जनता दल ज्यादा भयभीत रहती है।
कन्हैया कुमार एक राजनीतिक रूप से समझदार नौजवान हैं और उसके कांग्रेस में आने से बिहार कांग्रेस और मजबूत हुआ है,कांग्रेस नेता आनंद माधव ने शिवानंद तिवारी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि शिवानंद जी सठिया गए हैं। कन्हैया के बारे में निर्णय कांग्रेस को लेना है, वे अपना खून क्यों जला रहे हैं।
हलाकि इस तरह का बयावबाजी आने वाले समय में और तेज होगी क्यों कि कन्हैया को लेकर राजद का जो कोर ग्रुप है वो सहज नहीं है और उस ग्रुप का मानना है कि कन्हैया के मजबूत होने से राजद और तेजस्वी के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है ।
देश के जवानों का साहस और मनोबल काफी ऊँचा है – नित्यानंद राय
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय जम्मू और कश्मीर के तीन दिवसीय प्रवास के क्रम में भारत-पाकिस्तान सीमा अर्थात लाइन ऑफ कंट्रोल का दौरा किया ।
एलओसी पर स्थित भारतीय सेना एवं सीमा सुरक्षा बल की फारकियन टॉप , पात्रा बेस कैंप , गुर्जरडोर एवं सुंदरमाली स्थित अलग-अलग चौकियों का दौरा कर केंद्रीय मंत्री श्री राय ने अधिकारियों और सैनिकों से संवाद किया तथा उनका मनोबल बढ़ाया ।
मंत्री श्री नित्यानंद राय ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देश की सीमा और संप्रभुता पूरी तरह सुरक्षित है । देश के जवानों का साहस और मनोबल काफी ऊँचा है ।
उन्होंने कहा कि सीमा पर -30 से -35 डिग्री तापमान तक से लेकर किसी भी परिस्थिति से विजय पाने में देश के जवान सबल और सक्षम है । मंत्री श्री राय ने कठिन इलाकों में भी उच्च मनोबल और प्रेरणा बनाए रखने के लिए सैनिकों की सराहना किया ।
एलओसी के दौरा में मंत्री श्री नित्यानंद राय के साथ बीएसएफ के आईजी डॉ राजेश मिश्रा , डीआईजी एक के विद्यार्थी तथा कमांडेंट श्री संजय शर्मा सहित अन्य अधिकारी गण शामिल रहे ।
पटना हाई कोर्ट ने छपरा नगर निगम द्वारा आवंटित दुकानों के एग्रीमेंट को रद्द करने व दुकानों को खाली करने के निगम आयुक्त के आदेश को रद्द करने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई की। जस्टिस अनिल कुमार सिन्हा ने छपरा के डी एम व निगम आयुक्त को नोटिस जारी किया। जिलाधिकारी और निगम के कमिश्नर को नोटिस जारी किया है।
साथ ही कोर्ट ने यथास्थिति बनाये रखने का आदेश देते हुए राज्य सरकार, निगम और जिलाधिकारी से जवाब तलब किया है। छपरा निगम क्षेत्र स्थित खनुआ ड्रेनेज को स्थानीय लोगों द्वारा ढकने का अनुरोध किया गया था।
उसके बाद ढके गए ड्रेनेज पर वर्ष 1997 में दुकान का निर्माण प्रारंभ किया गया, जो वर्ष 2000 में पूरा हुआ। याचिकाकर्ताओं को दुकान आवंटित किया गया और उनके साथ करार भी हुआ।
छपरा के नगरपालिका द्वारा द्वारा वर्ष 2011 में अखबार में यह समाचार प्रकाशित करवाया गया कि ड्रेनेज पर किये गए अवैध अतिक्रमण को हटाया जाएगा। इसके बाद वर्ष 2011 में ही पटना हाई कोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया। याचिका के निष्पादित होने की तिथि पांच दिन के भीतर दुकानदारों के अभ्यावेदन को निष्पादित करने का आदेश दिया।
वर्ष 2017 में फिर से दुकानों को खाली करने को लेकर समाचार प्रकाशित किया गया।
वर्ष 2017 में कुछ याचिकाकर्ताओं समेत अन्य लोगों ने पटना हाई कोर्ट के समक्ष रिट याचिका दायर किया, जोकि अभी भी लंबित है। याचिका के लंबित रहने के दौरान याचिकाकर्ताओं को परेशान नहीं किया गया।
वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने कोर्ट को बताया कि निगम आयुक्त के हस्ताक्षर से 25 अगस्त, 2021 को आवंटित किये गए दुकानों का करार को रद्द करते हुए नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर दुकानों खाली करने का आदेश दिया गया।
इसी मामले में कोर्ट ने आदेश पारित करते हुए अधिकारियों को नोटिस जारी जवाब माँगा गया। इस मामले पर अब तीन सप्ताह बाद सुनवाई की जाएगी।
कोरोना काल के दौरान एक एक बेड और एक एक बूंद आक्सीजन के लिए जिस तरीके से तरप तरप कर लोगों की मौत हुई थी सारी दुनिया ने देखा ।लेकिन बाद में इसको लेकर सरकार के अलग अलग राय आने लगे और जिस मौत को नंगी आंखों पूरी दुनिया ने देखा उस सवाल खड़े होने लगे लेकिन नीति आयोग की रिपोर्ट ने देश की पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल करके रख दिया है ।
देश में एक लाख की आबादी में सबसे अधिक 20 बेड मध्यप्रदेश में है और सबसे कम बिहार में एक लाख आबादी में मात्र 06 है मतलब अस्पताल में बेड के मामले में बिहार देश का सबसे फिसड्डी राज्य है जब बेड नहीं है तो आप डाँ और अन्य संशाधनों के बारे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है हलाकि नीति आयोग के रिपोर्ट को लेकर जब स्वास्थ्यमंत्री से सवाल किया गया तो जबाव देना तो दूर मीडिया से बचते बचाते भागते दिखे।
हलाकि इसको लेकर नेता प्रतिपंक्ष तेजस्वी ने ट्वीट करते हुए लिखा, 16 वर्षों के थकाऊ परिश्रम के बूते बिहार को नीचे से नंबर-1 बनाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी को बधाई. 40 में से 39 लोकसभा MP और डबल इंजन सरकार का बिहार को अद्भुत फ़ायदा मिल रहा है. नीति आयोग की रिपोर्ट अनुसार देश के जिला अस्पतालों में सबसे कम बेड बिहार में हैं, 1 लाख की आबादी पर मात्र 6 बेड।
हलाकि नीति आयोग के रिपोर्ट को लेकर सरकार रिपोर्ट के सार्वजनिक होने से पहले से ही सवाल खड़े कर रहे थे राज्य के योजना एंव विकास मंत्री विजेन्द्र यादव चार दिन पहले पीसी करके नीति आयोग के कार्यशैली पर जमकर भड़ास निकाला था ।
नीति आयोग देश के स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर जो रिपोर्ट जारी किया है उसके अनुसार नीति देश के जिला अस्पतालों में सबसे कम बेड बिहार में हैं, 1 लाख की आबादी पर मात्र 6 बेड.” जिला स्तर पर प्रति लाख आबादी अस्पतालों में बेड की उपलब्धता के मामले में सभी राज्यों से बिहार के सबसे खराब प्रदर्शन गुरुवार को जारी नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार जिला अस्पतालों में प्रति लाख आबादी बेड की संख्या के मामले में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ सबसे ऊपर है. यहां प्रति लाख आबादी 20 बेड हैं. जबकि पश्चिम बंगाल, राजस्थान और गुजरात में 19, पंजाब, आंध्रप्रदेश और असम में 18, जम्मू कश्मीर में 17, महाराष्ट्र में 14, हरयाणा और उत्तरप्रदेश में 13, तेलंगाना में 10, झारखंड में नौ और बिहार में केवल छह बेड प्रति लाख आबादी उपलब्ध हैं.
भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानक (आईपीएचएस) 2012 के दिशानिर्देश के अनुसार जिला अस्पतालों को प्रति 1 लाख आबादी (2001 की जनगणना के जिला जनसंख्या औसत के आधार पर) कम से कम 22 बिस्तर बनाए रखने की सलाह दिया गया है. लेकिन गुरुवार नीति आयोग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार कई राज्य ऐसे हैं जहां मानकों का पालन नहीं किया जा रहा. खासकर बिहार की स्थित बदतर है।
हलाकि यह रिपोर्ट काफी कुछ हकीकत बया कर रहा है बिहार के जिला अस्पताल का हाल सच में काफी बूरा है ।
कमजोर ग्लोबल संकेतों के बीच हफ्ते के आखिरी दिन शुक्रवार को लगातार चौथे दिन भारतीय बाजार में भी गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स 360.78 अंक नीचे 58,765.58 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 86.10 अंक नीचे 17,532.05 पर बंद हुए। पूरे हफ्ते की बात करें तो इस पूरे हफ्ते में सेंसेक्स 1282 पॉइंट और निफ्टी 321 पॉइंट टूटा है।
आज दिन के सबसे निचले स्तर पर सेंसेक्स 575 अंक तक गिरकर 58,551 के इंट्रा डे लो और निफ्टी 50 इंडेक्स अपने महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक स्तर 17,500 से नीचे गिर गया।
मिड और स्मॉल-कैप शेयर बड़े पैमाने पर फ्लैट नोट पर समाप्त हुए । बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स आज 0.48% चढ़ा, जबकि बीएसई मिडकैप इंडेक्स 0.11% नीचे बंद हुआ। फार्मा, मीडिया और मेटल हरे निशान में बंद हुए। बैंक, वित्तीय और आईटी शीर्ष ड्रैग थे।
सेक्टोरल मोर्चे पर, निफ्टी रियल्टी इंडेक्स करीब 2 फीसदी गिर गया और बैंक निफ्टी आधा फीसदी से अधिक नीचे था। जबकि निफ्टी फार्मा करीब एक फीसदी ऊपर था।
बजाज फिनसर्व, मारुति सुजुकी, एशियन पेंट्स, बजाज फाइनेंस, भारती एयरटेल, हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (एचडीएफसी), एनटीपीसी, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) शीर्ष इंडेक्स ड्रैगर्स थे। दूसरी तरफ, एमएंडएम, डॉ रेड्डीज लैबोरेट्रीज, अल्ट्राटेक सीमेंट, पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल), बजाज-ऑटो सेंसेक्स के शीर्ष लाभार्थियों में से थे।
सेंसेक्स के 30 शेयर्स में से 19 शेयर्स कमजोरी के साथ और 11 शेयर्स बढ़त के साथ बंद हुए। बीएसई पर कारोबार के दौरान 226 शेयर्स 52 हफ्ते के ऊपरी स्तर पर और 25 शेयर्स 52 हफ्ते के निचले स्तर पर कारोबार करते दिखे।
निफ्टी के प्रमुख शेयरों के टॉप गेनर और लूजर का हाल
पटना। स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने कहा कि पूर्णिया में सरकारी ब्लड बैंक खोलने के लिये लाइसेंस जारी कर दिया है। साथ ही मुंगेर, मधेपुरा, श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज और दरभंगा मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक के लाइसेंस का नवीनीकरण किया गया है। पूर्णिया और मुंगेर के लिए बल्ड कंपोनेंट सेपरेशन का भी लाइसेंस निर्गत किया गया है। शेष बचे जिलों में भी स्वास्थ्य विभाग बल्ड बैंक खोलने की दिशा में प्रयासरत है।
श्री पांडेय ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग जरूरतमंदों को समय पर रक्त उपलब्ध कराने को लेकर निरंतर प्रयास कर रहा है। राज्य के सभी मरीजों को बल्ड की उपलब्घता सुनिश्चित कराने को लेकर हर जिला में सरकारी ब्लड बैंक खोलने की प्रक्रिया चल रही है। पूर्णिया में बल्ड बैंक खुलने के बाद अब प्रदेश में सरकारी ब्लड बैंक की संख्या 41 हो जायेगी, वहीं मुंगेर 12वां बल्ड कंपानेंट सेपरेशन यूनिट होगा। उन्होंने कहा कि हर साल समय पर रक्त नहीं मिलने के कारण जरूरतमंद लोगों की असमय मौत हो जाती है। कोई भी स्वस्थ पुरुष तीन माह के बाद यानी साल में चार बार और कोई भी स्वस्थ महिला चार माह के बाद यानी साल में तीन बार रक्तदान कर सकती हैं।
“हम सब जानते हैं कि स्वस्थ तन में ही स्वस्थ मन का वास होता है। इसके लिए स्कूलों में एक स्वस्थ वातावरण बनाने और उचित स्वास्थ्य और स्वच्छता व्यवहार विकसित करने की नितांत आवश्यक है ताकि हमारे बच्चे स्वस्थ रहकर पढ़ाई-लिखाई कर सकें। लड़कियों की ड्राप आउट रेट कम करने हेतु यह अत्यंत आवश्यक है। विद्यालयों में जल, सफ़ाई एवं स्वच्छता (WASH) मानकों को बेहतर करने में विद्यालय स्वच्छता पुरस्कार मील का पत्थर साबित होगा। ग्रामीण क्षेत्रों और दुर्गम स्थानों में स्थित स्कूलों की भागीदारी सुनिश्चित करने पर हमें विशेष ध्यान देना होगा। इसके ज़रिए कोविड महामारी के संदर्भ में स्कूलों में स्वच्छता मानकों को सुनिश्चित करने में भी मदद मिलेगी। सरकार इसके सफल क्रियान्वयन हेतु हर संभव मदद देने के लिए प्रतिबद्ध है.” ये बातें शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने नया सचिवालय परिसर में आयोजित राज्य स्तरीय बिहार स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार एवं स्कूलों में राज्य विशिष्ट WASH (Wins) बेंचमार्किंग सिस्टम के लॉन्चिंग समारोह के दौरान कहीं।
यूनिसेफ के तकनीकी सहयोग से शुरू किए जा रहे इस अनूठी पहल को संजय कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग, श्रीकांत शास्त्री, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक, यासुमासा किमुरा, यूनिसेफ इंडिया के उप प्रतिनिधि, नफ़ीसा बिंते शफ़ीक़, यूनिसेफ बिहार प्रमुख, यूनिसेफ बिहार के WASH विशेषज्ञ डॉ. प्रभाकर सिन्हा, शिक्षा विभाग एवं यूनिसेफ़ के अन्य अधिकारीगण और मीडियाकर्मियों की उपस्थिति में लॉन्च किया गया।
शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय कुमार ने कहा कि बिहार में पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु मुख्य रूप से निमोनिया और डायरिया के कारण होती है जो सीधे तौर पर WASH के प्रावधान की कमी से संबंधित है। हमारे बच्चों के लिए सुरक्षित पेयजल सुनिश्चित करके इन बीमारियों, विशेष रूप से डायरिया को रोका जा सकता है. इसी तरह, स्कूलों में स्वच्छ पेयजल की सतत उपलब्धता और रखरखाव बहुत ज़रूरी है। इस संदर्भ में राज्य सरकार के प्रमुख कार्यक्रम “हर घर, नल का जल” योजना की विशेष भूमिका है. स्कूलों में शौचालयों का रखरखाव और नियमित सफाई भी हमारी प्राथमिकता है। इस पुरस्कार के माध्यम से प्रत्येक स्कूल में इन सभी मुद्दों का निदान किया जाएगा. इसी वर्ष से हम पुरस्कार के लिए स्कूलों की शत-प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित करने जा रहे हैं।
पुरस्कार की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए बिहार शिक्षा परियोजना परिषद् के स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर श्रीकांत शास्त्री ने कहा कि बिहार की विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रखकर 2016 में केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार के अनुरूप इस पुरस्कार से संबंधित दिशानिर्देश विकसित किए गए हैं. इस संदर्भ में, स्कूलों में WASH के लिए राज्य विशिष्ट बेंचमार्किंग प्रणाली सभी संबंधित हितधारकों को स्कूल में WASH को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। इसके अलावा, इससे स्कूल प्रशासन को WASH के बुनियादी ढांचे में सुधार करने और इसे बनाए रखने में मदद मिलेगी। इसके लिए एक परामर्शी प्रक्रिया के ज़रिए सात थीम और पचास संकेतकों की पहचान की गई है. राज्य सरकार की देखरेख मे स्कूलों के चयन से लेकर पुरस्कार वितरण प्रक्रिया संपन्न होगी. स्कूलों द्वारा स्व-नामांकन के लिए एक मोबाइल आधारित एप्लिकेशन विकसित किया जा रहा है। एक स्वतंत्र एजेंसी द्वारा सभी नामांकनों के सत्यापन की भी व्यवस्था है। 5 स्टार रेटिंग के तहत स्कूलों की रैंकिंग की जाएगी। इसके अलावा, सरकार राष्ट्रीय एसवीपी के विपरीत आवधिक मूल्यांकन प्रक्रिया को संस्थागत रूप दे सकती है।
लड़कियों की विशेष ज़रूरतों को रेखांकित करते हुए यूनिसेफ़ बिहार की राज्य प्रमुख नफ़ीसा बिन्ते शफ़ीक़ ने कहा कि लड़कियों के लिए पृथक शौचालयों के अलावा मासिक धर्म प्रबंधन हेतु स्कूलों में पर्याप्त और सुचारू स्वच्छता सुविधाओं का प्रावधान काफी अहम है. संवेदनशील स्वास्थ्य प्रोत्साहन लड़कियों को स्कूल में रहने और अपनी शिक्षा पूरी करने के लिए एक ज़रूरी शर्त है. आरटीई अधिनियम 2009 के तहत सभी बच्चों को स्कूलों में सुरक्षित जल, शौचालय और स्वच्छता की सुविधा का सामान लाभ लेने का अधिकार है।
एक प्रभावी WASH कार्यक्रम के तहत बाल-अनुकूल सुविधाओं से लैस समावेशी डिजाइन के माध्यम से बाधाओं को दूर किया जा सकता है, जो किशोरियों, छोटे बच्चों और बीमार या दिव्यांग बच्चों के लिए लाभकारी है. इसके ज़रिए बच्चे अपने परिवार और समुदाय में WASH प्रथाओं में सुधार के लिए चेंज एजेंट के तौर पर विकसित हो सकते हैं. बिहार सरकार ने इस दिशा में यह महत्वपूर्ण क़दम उठायाहै और इसकी सफलता हेतु यूनिसेफ़ अपना हर संभव सहयोग देने के लिए तत्पर है।
विषयगत प्रावधानों की व्याख्या करते हुए, यूनिसेफ बिहार के WASH विशेषज्ञ डॉ. प्रभाकर सिन्हा ने कहा कि ‘स्कूलों में जल, सफ़ाई और स्वच्छता’ के संदर्भ में तकनीकी और मानव विकास घटक दोनों का महत्व है. जहां तकनीकी घटकों में पीने योग्य पानी, साबुन से हाथ धोना, लड़के-लड़कियों और शिक्षकों के लिए पृथक शौचालयों की सुविधा शामिल हैं, वहीं मानव विकास घटक के तहत स्कूल के भीतर अनुकूल स्थितियों और बच्चों के अंदर व्यवहार परिवर्तन को बढ़ावा देने वाली गतिविधियाँ आती हैं जो कई बीमारियों से बचाव में मदद करती हैं. उपरोक्त बिन्दुओं के अलावा स्कूलों में स्थायी WASH संरचना व मानकों के रखरखाव व संचालन, क्षमता निर्माण और सुदृढ़ करने हेतु समर्थन तंत्र विकसित करना एवं सामुदायिक स्वामित्व सुनिश्चित करना निर्धारित ‘सात थीम’ का हिस्सा हैं।
बिहार के स्कूलों में WASH सुविधाओं की स्थिति
यू-डाइस 2019-20 के मुताबिक़ बिहार के 72,517 स्कूलों में से 99.8 फ़ीसदी में पेयजल की सुविधा उपलब्ध है. इसी प्रकार, लगभग 98 प्रतिशत स्कूलों में लड़कियों के लिए अलग शौचालय की व्यवस्था है. अगर सभी WASH सुविधाओं (पृथक चलायमान शौचालय, पेयजल, हैण्ड वाशिंग) की बात करें, तो राज्य के कुल 17,329 प्राथमिक, 13,174 मिडिल, 2,055 हायर सेकण्ड्री और 1,210 सेकण्ड्री स्कूलों में ये उपलब्ध हैं।
प्रमुख मुद्दे/चुनौतियाँ
हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में स्कूलों में पेयजल और शौचालय की सुविधा का प्रावधान लगातार बढ़ा है, लेकिन बुनियादी गुणवत्ता और पर्याप्तता संबंधी मानदंडों, संचालन और रखरखाव को पूरा करने और समान पहुंच में सुधार के लिए काफ़ी कुछ किए जाने की आवश्यकता है. सबसे बढ़कर, पानी और स्वच्छता सुविधाओं का हर दिन उपयोग किया जाना चाहिए और ऐसा होने के लिए ये सुविधाएं सुचारू होनी चाहिए. इसमें साबुन से हाथ धोने का प्रावधान और रखरखाव भी शामिल हैं. कई स्कूलों में WASH से जुड़ी बुनियादी ढांचागत कमियों के चलते स्वच्छता प्रथाओं का यथोचित प्रबंधन नहीं हो पाता है, जिससे कई ऐसी बीमारियां फैलती हैं जो बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा को गंभीर रूप से प्रभावित करती हैं। प्राथमिकता के आधार पर कोविड-19 महामारी के प्रसार को प्रभावी ढंग से रोकने के लिए स्कूल परिसर में स्वच्छता प्रथाओं का समुचित पालन एक बड़ी चुनौती है।
अपर मुख्य सचिव के विशेष कार्य पदाधिकारी, शिक्षा विभाग विनोदानंद झा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया. कार्यक्रम के दौरान माध्यमिक शिक्षा निदेशक मनोज कुमार और प्राथमिक शिक्षा निदेशक अमरेंद्र सिंह, यूनिसेफ बिहार के कार्यक्रम प्रबंधक शिवेंद्र पांडेय और WASH अधिकारी सुधाकर रेड्डी मौजूद रहे।
पटना हाईकोर्ट ने मुंगेर में दुर्गा विसर्जन दौरान हुए गोलीकांड की सीआईडी जांच की मॉनिटरिंग कर रहे एडीजी के हुए स्थानांतरण को सशर्त मंजूरी दी है। जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने अमरनाथ पोद्दार की आपराधिक रिट याचिका में राज्य सरकार की तरफ से दायर अर्ज़ी को मंज़ूर करते हुए यह आदेश दिया ।
कोर्ट ने यह अनुमति राज्य सरकार के इस आश्वासन पर दिया है कि एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के पद पर रहते हुए भी , एडीजी विनय कुमार इस स्थिति में रहेंगे कि वह इस गोलीकांड के जांच की निगरानी को देखते रहें । इस बारे में वे सीआईडी के नए एडीजी से आवश्यक सलाह मशविरा कर सकते हैं ।
गौरतलब है कि 7 अप्रैल 2021 को राज्य सरकार की तरफ से एड्वोकेट जनरल ललित किशोर ने कोर्ट को यह आश्वासन दिया था कि बगैर हाई कोर्ट की अनुमति के विनय कुमार का बतौर एडीजी , सीआईडी के पद से कहीं भी स्थानांतरित नही किया जाएगा। चूंकि एडीजी विधि व्यवस्था केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए हैं और उस महत्वपूर्ण पद पर विनय कुमार का स्थानांतरण प्रशासनिक तौर पर आवश्यक था, इसलिए राज्य सरकार की तरफ से याचिका दायर की गई थी ।
हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के आश्वासन पर बाद इस स्थानांतरण की मंजूरी दी हैं।
बिहार राज्य में न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, 1948 के अंतर्गत सभी 88 अधिसूचित नियोजनों में दिनांक 01.10.2021 से प्रभावी न्यूनतम मजदूरी की दरों हेतु अतिरिक्त परिवर्तनशील महंगाई भत्ता निर्धारित की गयी है|
प्रत्येक वर्ष अनुसूचित नियोजनों में नियोजित विभिन्न श्रेणियों के कर्मचारियों के लिए निर्धारित / पुनरीक्षित न्यूनतम मजदूरी के दरों पर परिवर्तनशील महंगाई भत्ता लागू करने हेतु श्रम संसाधन विभाग द्वारा वर्ष में 02 बार अर्थात 01अप्रैल एवं 01अक्टूबर से न्यूनतम मजदूरी के दरों को पुनरीक्षण किया जाता है|
न्यूनतम मजदूरी की दरों के निर्धारण/ पुनरीक्षण हेतु न्यूनतन मजदूरी अधिनियम, 1948 के अंतर्गत अधिसूचित बिहार न्यूनतम मजदूरी परामर्शदात्रि पर्षद की बैठक में अनुशंसित किया गया है|
उक्त अनुशंसाओं के आलोक में सामान्य नियोजनों में कार्यरत अकुशल, अर्धकुशल, कुशल, अतिकुशल एवं पर्यवेक्षीय एवं लिपिकीय कामगारों को लाभ होगा एवं उन्हें देय मजदूरी क्रमश: 02 रूपया, 02 रूपया, 03 रूपया, 04 रुपया एवं 68 रूपया की बढ़ोतरी होगी| उक्त निर्णय से घरेलु कामगार नियोजन, कृषि नियोजन के कामगारों को भी लाभ होगा|
पटना हाईकोर्ट के जज जस्टिस राजेंद्र कुमार मिश्रा सेवानिवृत हो रहे हैं।इनके सेवानिवृत होने पर पटना हाईकोर्ट में विदाई समारोह आयोजित किया गया।इस अवसर पर चीफ जस्टिस व अन्य जज उपस्थित रहे।
इनके सेवानिवृत होने की बाद पटना हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस समेत कुल जजों की अठारह रह जाएगी।पटना हाईकोर्ट में जजों के स्वीकृत पदों की संख्या 53 है,लेकिन अब तक इस संख्या तक जजों के पद नहीं भरे जा सके है।
बिहार के जनसंख्या के अनुपात में जजों की वर्तमान जजों की स्वीकृत संख्या 53 की जगह कम से कम 75 जज होने चाहिए थे,परंतु अभी वर्तमान स्वीकृत जजों की संख्या के एक तिहाई जज ही कार्यरत हैं।
सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने अभी हाल में पटना हाईकोर्ट के जज जस्टिस ए अमानुल्लाह को आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट स्थानांतरित करने की अनुशंसा की हैं।दूसरी ओर दूसरे हाईकोर्ट से चार जजों के पटना हाईकोर्ट स्थानांतरित करने की भी अनुशंसा सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने कर दी है।
इनमें पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस राजन गुप्ता,कर्नाटक हाईकोर्ट से जस्टिस पी बी बजनथ्री,राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा और केरल हाईकोर्ट से जस्टिस ए एम बदर के नाम शामिल हैं।
इनके अतिरिक्त पटना हाईकोर्ट के वकील कोटा से 6 वकीलों के नाम और बिहार न्यायिक सेवा से दो लोगों के नाम जज की बहाली के सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम अनुशंसित किया है।
वकील कोटा से पटना हाईकोर्ट के जज नियुक्त करने के लिए जिनकी अनुशंसा की गई है,उनके नाम खातीम रजा, संदीप कुमार,अंशुमान पांडे,पूर्णेंदु कुमार सिंह,सत्यव्रत वर्मा और राजेश कुमार वर्मा है।न्यायिक सेवा से पटना हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल नवनीत कुमार पांडे और सुनील कुमार पंवार के नाम की अनुशंसा की गई है।
अगर ये सभी जज के रूप में अपना योगदान दे देते हैं, तो जजों की संख्या निश्चित रूप से बढ़ेगी,लेकिन फिर भी जजों के स्वीकृत पदों की संख्या के लगभग आधे पद रिक्त पड़े रहेंगे।
माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में जम्मू और कश्मीर विकास पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है – नित्यानन्द राय
केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री श्री नित्यानन्द राय तीन दिवसीय दौरा पर 29 सितंबर को जम्मू और कश्मीर पहुँचे । कुपवाड़ा जिले में में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों को संबोधित करते हुए मंत्री श्री राय ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में जम्मू और कश्मीर विकास पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है ।
श्री राय ने कहा कि
कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य सहित अनेक क्षेत्रों में आधारभूत संरचना के विकास का काम भी गतिशील है। कुपवाड़ा जिले के खहिपोरा जाचलदरा में गृह राज्यमंत्री श्री राय ने मॉडल एग्रीकल्चर फार्म का शिलान्यास किया एवं फार्म में मटर के बीज बोए ।
इस क्रम में केन्द्रीय मंत्री श्री राय DDC/BDC/PRI प्रतिनिधिमंडल, पहाड़ी स्पीकिंग लोगों के एडवाइजरी बोर्ड के प्रतिनिधियों, स्वंय सहायता समूह के इंजीनियर्स से मुलाकात की एवं सभी से सरकार द्वारा चलाये जा रहे विकास की नई पहलों का लाभ उठाने को कहा ।
इस अवसर पर मंत्री श्री राय कुपवाड़ा के सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा पार्टी कार्यसमिति के कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात किये एवं विभिन्न विषयों पर उनसे बातचीत की ।
ये बिहार है भाई यहां सब कुछ चलता है नया मामला कोरोना टेस्ट के फर्जी रिपोर्ट से जुड़ा हुआ है यह खुलासा तब हुआ जब पटना एयरपोर्ट पर एक ही लैब से रोजाना कोरोना से जुड़ी रिपोर्ट आने लगा जांच हुई तो पता चला सारे रिपोर्ट फर्जी तरीके से बनाया जा रहा है।
राजा बाजार स्थित प्लाज्मा डायग्नोस्टिक को लेकर यह सूचना मिली कि मात्र 1200 रुपया लेकर कोरोना पॉजिटिव को निगेटिव की RT-PCR रिपोर्ट बनाकर देती थी। यह लैब संक्रमित लोगों को भी कोरोना की निगेटिव RT-PCR जांच रिपोर्ट देता था, जिसे दिखाकर लोगों ने हवाई यात्रा भी की।
पटना की एयरलाइंस कंपनियों ने बड़े पैमाने पर चल रहे इस खेल को पकड़ा और फिर निदेशक को सूचना दी। उन्ही के सूचना के आधार पर कल देर शाम शास्त्रीनगर थाने कि पुलिस ने छापा मारा जिस दौरान फर्जीवाड़े से जुड़े कई साक्ष्य बरामद हुए है ।पुलिस लैब के कर्मचारी और मालिक पर FIR दर्ज किया है।
राजा बाजार के प्लाज्मा डायग्नोस्टिक में खेल
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि राजा बाजार स्थित प्लाज्मा डायग्नोस्टिक में फर्जी जांच रिपोर्ट का बड़ा खेल चल रहा था और इसका नेटवर्क एयरपोर्ट से लेकर कई इलाकों में फैला था। पटना एयरपोर्ट पर एयरलाइंस कंपनियों ने इस खेल को पकड़ा और गोपनीय तरीके से इसकी लिखित जानकारी एयरपोर्ट डायरेक्टर को दी।
डायरेक्टर ने डीएम को पत्र लिखकर कोरोना फैलाने के इस खतरे को तत्काल बंद कराने की मांग की थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी ने जांच टीम का गठन किया था जिसमें खुलासा हुआ।
ऐसे हुआ खुलासा
डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने पटना एयरपोर्ट पर फर्जी RTPCR परीक्षण रिपोर्ट रैकेट की जांच के लिए टीम का गठन किया था। इसमें नगर दंडाधिकारी जिला नियंत्रण कक्ष, नयाचार पदाधिकारी पटना, जिला कार्यक्रम प्रबंधक डीएचएस, डॉ प्रशांत और थानाध्यक्ष पटना एयरपोर्ट को लगाया गया था।
विभिन्न सूत्रों से जानकारी के आधार पर जांच टीम ने राजाबाजार के प्लाज्मा डायग्नोस्टिक में छापेमारी कराई। जांच में पाया गया कि फर्जी जांच रिपोर्ट की जड़ प्लाज्मा डायग्नोस्टिक से जुड़ी है।
बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहा था लैब, जांच में पाया गया कि प्लाज्मा डायग्नोस्टिक क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत नहीं है। डायग्नोस्टिक सेंटर की जांच में चार लैब का रिपोर्ट एवं पैसे का रसीद पाया गया।
यह पुष्टि हुई कि सेंटर द्वारा अवैध टेस्ट किए जाते थे तथा फर्जी रिपोर्ट जारी किया जाता था। साथ ही कोरोना के मानक का पालन नहीं किया जाता था। जांच में चार विभिन्न लैब का रिपोर्ट एवं पैसे का रसीद बरामद किया गया।
सवालों के घेरे में कई लैब, छापेमारी में पटना के चार लैब सवालों के घेरे में हैं।
इसमें सरल पैथ लैब, जेनरल डायग्नोस्टिक इंटरनेशनल, हिंद लैब्स डायग्नोस्टिक सेंटर शामिल हैं। छापेमारी के बाद अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अविनाश कुमार सिंह के आवेदन के आधार पर शास्त्री नगर थाने में प्लाज्मा डायग्नोस्टिक पिलर नंबर 83 के सामने राजा बाजार पटना के संबंधित मालिक और कर्मियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है।
पटना हाईकोर्ट ने पटना के पानापुर दियारा की ज़मीन गंगा के बढ़े जलस्तर कारण बेघर हुए महादलित परिवारों का जल्द पुनर्वास कराने का राज्य सरकार को प्रभावी कार्रवाई करने का निर्देश दिया । रंजीत राम की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की।
कोर्ट ने इस मामले पर कड़ा रुख अपनाते से हुए आपदा प्रबंधन के विशेष सचिव व पटना के जिलाधिकारी को संयुक्त बैठक करने का निर्देश दिया।
गंगा नदी के बाढ़ से विस्थापित हुए 159 महादलित परिवारों के प्रतिनिधियों से बातचीत कर उन्हें प्रति परिवार चार डिसमल भूमि पुनर्वास हेतु मुहैय्या कराने का निर्देश दिया है ।
याचिकाकर्ता के वकील डॉ रंजीत कुमार ने कोर्ट को बताया कि प्राकृतिक आपदा से विस्थापित या बेघर हुए महादलितों के पुनर्वास हेतु राज्य सरकार खुद की बनाई नीति पर अमल नही कर रही है । राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को आश्वास्त किया गया कि इस मामले पर प्रभावी कार्रवाई की जाएगी।
बिहार विधानसभा उपचुनाव में कुशेश्वरस्थान से कांग्रेस पार्टी का चुनाव लड़ना तय हो गया है हलाकि पार्टी की ओर से अशोक राम का टिकट तय माना जा रहा है फिर भी कांग्रेस आलाकमान ने पार्टी प्रत्याशी के चयन के लिए कांग्रेस(Congress) ने पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया है।
कमेटी से चयनित उम्मीदवार के नामों की सूची दो अक्टूबर तक मांगी गई है। कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्तचरण दास ने इस विधानसभा क्षेत्र की अद्यतन स्थिति की जानकारी देने और उम्मीदवारों के चयन के लिए जो कमेटी बनाई है उसमें आनंद माधव, कपिल देव प्रसाद यादव, कैसर खान, आइपी गुप्ता और अजय पासवान को शामिल किया है।पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष समीर कुमार सिंह द्वारा जारी आदेश के मुताबिक कमेटी को अगले दो दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट सौपनी होगी।
2020 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट से डा. अशोक कुमार को अपना प्रत्याशी बनाया था। यहां से जदयू ने शशिभूषण हजारी को सिंबल दिया था।
शशिभूषण हजारी ने मुकाबले में उतरे कांग्रेस उम्मीदवार डा. अशोक कुमार को 7222 वोट से पराजित किया। शशिभूषण का इस वर्ष जुलाई महीने में निधन हो गया। जिसके बाद से कुशेश्वरस्थान की यह सीट खाली है।
बिहार में महिला सशक्तिकरण को लेकर भले ही बड़ी बड़ी बाते हो रही है लेकिन एनसीआरबी का आकड़ा कह रहा है कि महिलाये देश में सबसे अधिक असुरक्षित बिहार में है । वर्ष 2020 की एनसीआरबी (National Crime Record Bureau) की रिपोर्ट के अनुसार बिहार अश्लीलता संबंधी अपराध में देश में नंबर वन पर है।
वहीं दहेज प्रताड़ना और जबरन शादी के मामले भी बढ़े हैं। साथ ही छोटी उम्र की बच्चियों के साथ हिंसा के मामले में भी इजाफा हुआ है।
अश्लीलता संबंधी अपराध में एक वर्ष में दौरान पूरे देश में 553 मामले दर्ज हुआ जिनमें केवल बिहार में 106 घटनाएं हुईं। जबकि, 83 मामलों के साथ केरल दूसरे नंबर पर रहा। तीसरे स्थान पर बिहार का ही पड़ोसी राज्य झारखंड रहा, जहां 71 मामले दर्ज हुए।
चौथे नंबर पर कनार्टक और तमिलनाडु रहा। वहां क्रमश: 54 और 53 मामने दर्ज किए गए।हलाकि इस तरह के मामलो में महिलाएं या लड़कियां अभी भी शिकायत करने से बचती है लेकिन जिस तरीके के आकड़े सामने आये हैं वो चौकाने वाला है ।
महिलाओं के प्रति हिंसा के आंकड़े, एक नजर
वर्ष 2018 2019 2020
कुल 16920 185687 15359
वर्ष 2020 में महिलाओं के साथ हुए अपराध
दुष्कर्म के बाद हत्या : 03
दहेज के लिए हत्या : 1046
आत्महत्या का प्रयास : 21
एसिड अटैक : 01
पति से प्रताड़ित : 1935
अपहरण : 6671
शादी के लिए अपहरण : 5308
अपहरण के बाद हत्या : 11
जबरन शादी : 2688
मानव तस्करी : 24
दुष्कर्म : 806
दहेज हत्या : 24
पति से प्रताड़ना : 101
महिलाओं का अपहरण : 187
18 साल की कम उम्र की लड़की का अपहरण : 61
18 साल से अधिक लड़की से दुष्कर्म का प्रयास : 8
दहेज प्रताड़ना : 105
यौन उत्पीड़न : 3
परीक्षा में केवल कड़ाई ही या सरकारी स्कूल-कॉलेजों में पढ़ाई भी —अभयानंद
वर्ष 1989 की बात है। मैं नालंदा का पुलिस अधीक्षक हुआ करता था। बोर्ड की परीक्षा होने वाली थी। जिले के जिला पदाधिकारी बहुत ही गंभीर और संजीदा व्यक्ति हुआ करते थे। उन्होंने मेरे समक्ष प्रस्ताव रखा कि इस वर्ष परीक्षा में नकल नहीं होने देना है। चूंकि नीयत नेक थी इसलिए मैंने पुलिस विभाग की पूरी शक्ति को इस दिशा में लगा देने का आश्वासन दे डाला।
उस वर्ष परीक्षाओं में नकल बिलकुल नहीं हुई। चारों ओर प्रशंसा हुई।
कॉलेजों में नामांकरण हुआ। एक दिन, हम दोनों पदाधिकारी कार्यालय में एक साथ बैठ कर मंथन कर रहे थे। अचानक विद्यार्थियों का एक बड़ा समूह सामने आ गया। शांत भाव से उन्होंने प्रश्न किया, “केवल कड़ाई ही या पढ़ाई भी?” प्रश्न वाजिब था। हम दोनों ने कार्यवाई करने का आश्वासन दिया और बच्चे चले गए।
हमने निर्णय लिया कि हम स्वयं कॉलेज में जा कर देखेंगे। अगले ही दिन हम जिला मुख्यालय के एक प्रतिष्ठित कॉलेज में पहुँचे, बिना किसी पूर्व सूचना के। फ़िज़िक्स के प्रैक्टिकल का क्लास था। हम सीधे प्रयोगशाला में पहुँचे। सभी विद्यार्थी आए हुए थे। वर्नियर कैलिपर से लम्बाई निकालने की क्लास थी। सब उपलब्ध थे केवल शिक्षक नहीं थे।
सूचना मिलते ही, प्रधानाचार्य आ गए। उन्होंने बताया कि शिक्षक बिना सूचना के अनुपस्थित हैं। तब तक पुलिस इंस्पेक्टर साहब को भी सूचना मिल गई थी। वे भी थाने की जीप पर सवार होकर कॉलेज आ गए थे। इंस्पेक्टर साहब से मैंने अनुरोध किया कि वे शिक्षक मोहदय के आवास पर जा कर उनको स्मरण कराएँ कि बच्चे आ गए हैं और उनका इंतज़ार कर रहे हैं।
उतनी देर में, हम दोनों पदाधिकारियों ने बच्चों की वर्नियर कैलिपर की क्लास लेनी शुरू कर दी। मनोरम दृश्य था। पूरा कॉलेज इस दृश्य को रुचि से देख रहा था। आधे घंटे के बाद पुलिस जीप पर शिक्षक महोदय पधारे। हम दोनों ने उनका दायित्व उनको सौंपा और अपना दायित्व निभाने निकल पड़े।
चलते समय शिक्षक महोदय ने धीरे से मेरे बगल में आ कर कहा कि आपको पुलिस की गाड़ी घर पर नहीं भेजनी चाहिए थी, बेइज़्ज़ती हुई है। मैंने मात्र मुस्करा कर प्रणाम करते हुए अलविदा कहा।
पढ़ाई की स्थिति में गिरावट उसके 30 वर्षों के बाद आज कहाँ तक पहुँच चुकी है, इसका अंदाजा अब मैं लगाने में सक्षम नहीं हूँ।
मासिक वायदा और विकल्प समाप्ति सत्र में इक्विटी सूचकांक घाटे के साथ बंद हुए, जो लगातार तीसरे दिन नुकसान का प्रतीक है। सेंसेक्स 287 अंक गिरकर 59,126 पर और निफ्टी 50 इंडेक्स 93 अंक गिरकर 17,618 पर बंद हुआ। आज दिन के सबसे निचले स्तर पर सेंसेक्स 394 अंक की गिरावट के साथ 59,019.28 के इंट्रा डे लो और निफ्टी 50 इंडेक्स 17,590.95 के इंट्रा डे लो को छू गया।
रियल्टी, फार्मा, पावर और पीएसयू बैंकिंग शेयरों में खरीदारी के साथ सेक्टोरल मोर्चे पर मिलाजुला रुख देखा गया, जबकि ऑटो, बैंक, आईटी, मेटल नामों में बिकवाली देखी गई। निफ्टी बैंक इंडेक्स में करीब 1 फीसदी की गिरावट, निफ्टी रियल्टी इंडेक्स 1.47% बढ़ा । निफ्टी मेटल, आईटी, मीडिया, प्राइवेट बैंक, ऑटो और फाइनेंशियल सर्विसेज इंडेक्स भी 0.4-1 फीसदी के बीच गिरे, दूसरी ओर, रियल्टी, पीएसयू बैंक, फार्मा, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और हेल्थकेयर इंडेक्स बढ़त के साथ बंद हुए।
बैंक निफ्टी 0.84% कम जबकि मिडकैप और स्मॉलकैप इक्विटी इंडेक्स बढ़त के साथ बंद हुए। बजाज फिनसर्व 2.19% उछलकर सेंसेक्स में शीर्ष पर रहा, इसके बाद बजाज फाइनेंस, एनटीपीसी और सन फार्मा का स्थान रहा। पावरग्रिड सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला सेंसेक्स घटक था, जो बंद होने पर 3% गिर गया। एशियन पेंट्स, एक्सिस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक ने पीछा किया।
सेंसेक्स के 30 शेयर्स में से 21 शेयर्स कमजोरी के साथ और 9 शेयर्स बढ़त के साथ बंद हुए। बीएसई पर कारोबार के दौरान 220 शेयर्स 52 हफ्ते के ऊपरी स्तर पर और 24 शेयर्स 52 हफ्ते के निचले स्तर पर कारोबार करते दिखे।
निफ्टी के प्रमुख शेयरों के टॉप गेनर और लूजर का हाल
बिहार में चाचा और भतीजा के बीच जारी सियासी दाव पेंच थमने का नाम ही नहीं ले रहा है।कल राष्ट्रपति के बिहार आगमन को लेकर चल रहे तैयारी का जायजा लेने पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जब मीडिया ने किसान समस्या ,बिहार में जातिगत जनगणना (Caste Census) और विशेष राज्य के दर्जे को लेकर तेजस्वी के चिट्ठी लिखे जाने पर सवाल किया तो सीएम नीतीश कुमार मुस्कुराते हुए कहा था कि वे मुझे पत्र लिखते ही कहां हैं? उनकी चिट्ठी तो मीडिया में आती है सीएम ने कहा था कि ऐसे कहीं लिख कर भेज देने पर हम कैसे पढ़ेंगे।
सीएम नीतीश कुमार की इस टिप्पणी के बाद आज तेजस्वी ने ट्टीट करके चिट्ठी का प्रूफ दिखाते हुए कहा कि चाचा जी का हाल ये हो गया है कि सचिवालय भी उनको सूचना देना मुनासिब नहीं समझते हैं
बुधवार को तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दो पन्नों का पत्र लिखा। इस पत्र में उन्होंने बिहार के किसानों की समस्या का जिक्र किया और लिखा था कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सर्वदलीय नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र से मुलाकात कर किसानों की समस्याओं का स्थायी हल निलाकने की मांग करें। तेजस्वी के ट्टीट से एक बार फिर बिहार की राजनीति आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरु हो गया है ।
और जेडीयू के नेता निखिल मंडल (Nikhil Mandal) ने ट्वीट कर गुरुवार को कहा कि तेजस्वी यादव को अनुरोध की जरूरत नहीं है, बाढ़ से निजात कैसे पाया जाए इसपर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार काम कर रहे हैं. वैसे कुछ सवाल हैं, बाढ़ घोटाला में आपके परिवार के कितने सदस्य थे? बाढ़ आई मछली लाई किसने कहा था? गंगा मैया आपके द्वार आईं जिसने कहा था, क्या वो सही थे? जवाब है तो दीजिए?