संपादक का पत्र आरटीआई कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल के नाम
27–09—2021
स्वर्गीय विपिन अग्रवाल
आरटीआई कार्यकर्ता(हरसिद्धि ,मोतिहारी)
जिस तरीके से तुम भ्रष्टाचार और भूमाफिया के खिलाफ चला रहे अभियान को लेकर सूचना देते रहते थे ठीक उसी तरीके से सीओ के दफ्तर से निकलने के वक्त तुम पर हमला हुआ और मोतिहारी आने के रास्ते में तुम्हारी मौत हो गयी उसकी पल पल की सूचना मुझे मिल रही थी।
तुम्हारी मौत की सूचना मिलते ही मैंने सबसे पहले बिहार के चर्चित आरटीआई कार्यकर्ता शिव प्रकाश राय को फोन किया राय जी मोतिहारी में एक आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या हो गयी है उस सूचना के बाद राय जी क्या कर रहे हैं मुझे कोई जानकारी नहीं है ।कुछ बयान जरुर पढ़ने को मिला है वैसे राय जी जब भी मुझसे इस तरह की घटनाओं को लेकर मिलने आये हैं उनमें थोड़ा जातिवादी लगते हैं ।खैर इसके बाद मैंने पुलिस मुख्यालय के सीनियर अधिकारियों को फोन कर तुम्हारे साथ जो घटना घटी छी उसकी सूचना मैंने दी।
तुम्हारा एसपी तो फोन उठाया ही नहीं सुशासन और भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस का दावा नीतीश कुमार जरुर करते हैं उसमें बिहार में अभी सबसे अधिक खड़ा तुम्हारा एसपी ही उतरा है ।हद है लूट मची हुई है तुम्हारे जिले में मुझे तो कोई उम्मीद नहीं है कि इस एसपी के रहते तुमको न्याय मिल पायेगा ।हलाकि मुख्यमंत्री सचिवालय की संक्रियता के बाद तुम्हारा एसपी हरसिद्दि परसो रात को गया था पांच घंटा थाना पर बैठा है लेकिन तुम्हारे परिवार से मिलने शायद नहीं गया है ।
अभी भी खबर आ रही है कि भूमाफिया तुम्हारे परिवार को धमकी दे रहा है और इस वजह से तुम्हारे पापा चुप्पी साध लिये हैं ।होना ही था ये बिहार है भाई सब कुछ जाति तय करता है आज तुम राजपूत भूमिहार,ब्राह्रण, यादव कोयरी कुर्मी होते तो सोशल मीडिया से लेकर तुम्हारे घर पर नेताओं का ताता लगा रहता। देख रहे हो ना सोशल मीडिया और मुख्यधारा की मीडिया कैसे चुप्पी साधे हुए हैं सुशील मोदी का फोन गया है कि नहीं ,रितू जायसवाल तो गयी थी अब ये भी नेता हो गयी है ।
खैर तुमको कहते थे ना रे मारवाड़ी काहे तुम इस लफरे में पड़ गये हो कोई साथ नहीं देगा सरकार की जमीन है सरकारी अधिकारी उस जमीन पर कब्जा करा रहा है तुम्हारा क्या जा रहा है नहीं सर जान चला जाये होने नहीं देगे देखिए झुठा मुकदमा करवा रहा है फिर भी नहीं ना झुके पेट्रोल पंप सील करवा दिये ना ,जब तक एक एक इंच जमीन खाली नहीं करवा देगे चैन से नहीं बैठेंगे सर तू पागल है जी सर पागल हैं तभी तो लड़ रहे हैं आपका साथ है ना हां जी पूरी साथ है।
हरसिद्दि बाजार और उसके आसपास मुख्य सड़क से सटे बेतिया राज का सैकड़ों एकड़ जमीन है उस सरकारी जमीन के काफी बड़े हिस्से पर अनधिकृत तौर पर मोतिहारी जिले के बीजेपी के पूर्व जिला अध्यक्ष राजेन्द्र गुप्ता और अजय सिंह सहित दर्जनों बड़े लोग कब्जा कर रखा है उसी को खाली कराने को लेकर विपिन अग्रवाल हाईकोर्ट तक लड़ गया परिणाम यह हुआ कि राजेन्द्र गुप्ता और अजय सिंह को सरकारी जमीन खाली करना पड़ा ।
राजेन्द्र गुप्ता का पेट्रोल पम्प जो सरकार की जमीन का अतिक्रमण करके बनाया गया था विपिन अग्रवाल के कानूनी लड़ाई की वजह से ही प्रशासन को सील करना पड़ा था। यू कहे तो विपिन अग्रवाल के पहल की वजह से सरकार की कोरोड़ो की जमीन अतिक्रमण मुक्त हो सका ।इस दौरान भूमाफिया द्वारा मोटी रकम का भी प्रलोभन दिया इससे बात नहीं बनी तो विपिन अग्रवाल के घर पर हमला हुआ, झूठे मुकदमों मे फंसाया गया इसके बावजूद ये समझौता नहीं किया।
घटना के दिन भी हरसिद्दि के सीओ से सरकारी जमीन के अतिक्रमण को लेकर हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन शीघ्र कैसे हो इसको लेकर मिलने गया था और जैसे ही मिलकर बाहर निकला पहले से घात लगाये अपराधियों ने गोली से छलनी कर दिया।
तू तो चला गया लेकिन एक सवाल छोड़ गया है सिस्टम ,समाज ,सरकार और न्याय व्यवस्था को ईमानदारी और ईमानदार लोग पसंद नहीं है ।तुमसे बेहतर ये कौन जानता है कि यहां न्याय पाना कितना कठिन है इसलिए तुमको मारने वालों को सजा मिलेगी या नहीं मिलेगी कहना मुश्किल है ।लेकिन इस पत्र के सहारे एक कोशिश है इस सिस्टम और समाज को आईना दिखाने की। वैसे मुझे पता है जिंदगी फिल्म नहीं है जिसमें हमेशा सुखद अंत होता है सच्चाई यही है तुम्हारे संघर्ष का दुखद अंत हो गया तुम्हारी ये लड़ाई यही ठहर गयी।
कल फिर से उस सरकारी जमीन पर कब्जा होना शुरु हो जायेंगा और तुम्हारे हत्या में शामिल लोग उसी जमीन पर फाइवस्टार होटल बनायेंगा जहां रोज शाम सिस्टम,सरकार ,न्याय व्यवस्था और समाज का महफ़िल जमेगी रंगीन नजारा होगा और इस सब के बीच तुम्हारे संर्घष की गाथा कभी किसी गरीब के जुवान पर बंद कमरे में आ जाये तो बड़ी बात होगी।
तुमको पहले भी हतोत्साहित नहीं करते थे और तुम्हारे जाने के बावजूद भी हतोत्साहित नहीं कर रहे हैं। तुम तो हीरो निकले यार अब देखना यह है कि उसी मोतिहारी की धरती पर गुजरात से गांधी आकर अमर हो गये और उसी मोतिहारी की धरती पर तुम्हारी शहादत क्या रंग लाती है इसका मुझे भी इन्तजार रहेंगा ।
तुम्हारे जाने का मुझे दुख है अब कौन सुबह सुबह फोन करके कहेगा कैसे हैं संतोष सर सुबह सुबह फिर तंग करने के लिए फोन कर दिये ।जहां रहो सिस्टम से लड़ते रहो और मुस्कुराते रहो जाना तो नियति है ।
तुम्हारा संतोष
संतोष सिंह पत्रकार के फेसबुक वाल से लिया गया है