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सृजन घाेटाले में फंसी पूर्व एडीएम जयश्री ठाकुर व उनके परिवार के सदस्याें की 10 जगहाें पर संपत्ति काे ईडी की टीम ने जब्त किया

ईडी की टीम ने सृजन घाेटाले में फंसी पूर्व एडीएम जयश्री ठाकुर व उनके परिवार के सदस्याें की 10 जगहाें पर संपत्ति काे ईडी की टीम ने जब्त किया ।

इनमें खलीफाबाग के पास आनंदराम ढांढानिया विद्या मंदिर के बगल में बन रहे अपार्टमेंट में चार केवाला, तिलकामांझी चाैक के पास सत्यम अपार्टमेंट में एक फ्लैट, शीतला स्थान राेड स्थित एक अपार्टमेंट की जमीन काे जब्त किया गया।

इसके अलावा सबाैर थाना के पास, फतेहपुर समेत आसपास में पांच जगहाें पर जमीन काे जब्त किया गया।

BPSC प्रश्नपत्र लीक मामले में 6 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल

बिहार लोक सेवा आयोग के प्रश्नपत्र लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई ने 6 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दिया है। इनमें राजस्व पदाधिकारी राहुल कुमार शामिल है ।

BPSC
BPSC

अभी तक आर्थिक अपराध इकाई 15 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है जबकि अभी तक अनुसंधान के दौरान 18 आरोपी को गिरफ्तार किया जा चुका है।

श्री अवध बिहारी चौधरी ने बिहार विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए किया नामांकन

RJD विधायक श्री अवध बिहारी चौधरी जी ने माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार एवं उपमुख्यमंत्री श्री Tejashwi Yadav जी की उपस्थिति में बिहार विधान सभा अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किए।

विधान सभा के प्रभारी सचिव पवन कुमार पांडेय के कक्ष में किया नामांकन।

अवध बिहारी चौधरी

पटना हाईकोर्ट में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा NDA गठबंधन को छोड़ कर महागठबंधन के साथ सरकार बनाने के विरुद्ध दायर जनहित याचिका पर सुनवाई 7 सितम्बर,2022 को की जाएगी

ये जनहित याचिका धर्मशीला देवी ने दायर की है। इस जनहित याचिका की चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के एडवोकेटजनरल और याचिकाकर्ता के अधिवक्ता वरुण सिन्हा को इस मुद्दे को स्पष्ट करने को कहा कि चुनाव पूर्व गठबंधन को खत्म करने के सम्बन्ध में संवैधानिक और कानूनी प्रावधान क्या है।

कोर्ट ने सुनवाई के शुरुआत में याचिकाकर्ता वरुण सिन्हा से जानना चाहा कि क्या कोई ऐसा कानून है,जिसके तहत चुनाव पूर्व गठबंधन तोड़ा जा सकता है या नहीं।

इस जनहित याचिका में ये कहा गया है कि 2020 में नीतीश कुमार ने एन डी ए के साथ चुनाव लड़ा और उनके साथ सरकार बनायीं।लेकिन फिर उन्होंने यह गठबंधन छोड़ कर राजद व अन्य दलों के महागठबंधन की सरकार बना कर फिर मुख्यमंत्री बन गए।

ये संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन और जनादेश का अपमान हैं।याचिका में यह कहा गया है कि संविधान के प्रावधानों के 163 और 164 के तहत राज्यपाल को नीतीश कुमार को पुनः मुख्यमंत्री नहीं नियुक्त करना चाहिए था, क्योंकि उन्होंने बहुमत वाले गठबंधन को छोड़ कर अल्पसंख्यक वाले गठबंधन के साथ सरकार बना ली।

इससे पहले भी 2017 में भी नीतीश कुमार ने राजद के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने बाद राजद छोड़ कर बीजेपी के साथ सरकार बना का मुख्यमंत्री बने।जिस गठबंधन के आधार मत ले कर सरकार बनाते है,बाद में उसी जनादेश नजरअंदाज और अपमान कर दूसरे गठबंधन के साथ मिल कर सरकार बना ली हैं।

इस मामलें पर अगली सुनवाई 7 सितम्बर,2022 को की जाएगी।

सीबीआई के छापे पर उठा सवाल; सीबीआई बेकफुट पर

नौकरी के बदले जमीन लेने के मामले में दर्ज एफआईआर के सिलसिले में दो माह के दौरान सीबीआई की यह दूसरी बड़ी रेड है इस बार राजद के दो राज्यसभा सांसद एक विधायक ,एक पूर्व विधान पार्षद और एक बालू कारोबारी के घर सीबीआई ने छापेमारी किया है ।छापेमारी देर रात को खत्म हुई है लेकिन सीबीआई को नौकरी के बदले जमीन से जुड़े मुकदमा में ऐसा कुछ भी नहीं मिला जिसके सहारे लालू परिवार पर शिकंजा कसा जा सके। हां यह जरुर है कि इस छापेमारी से राजद का जो अर्थतंत्र है वो जरुर प्रभावित हो सकता है ।

1 . नौकरी के बदले जमीन लेने का मामला

सीबीआई ने इसी वर्ष मई में लालू प्रसाद यादव पर 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में ग्रुप डी की नौकरियों के बदले में जमीन लेने का आरोप लगाते हुए एक मुकदमा दर्ज किया है जिसमें सीबीआई ने पूर्व रेल मंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उनकी बड़ी बेटी मीसा भारती और हेमा के अलावे 13 अन्य लोगों को आरोपी बनाया है ,इस तरह इस मामले में कुल 16 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है।

सीबीआई ने अभी तक इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है जिसमें एक भोला यादव है जो लालू प्रसाद के निजी सहायक रह चुके हैं और दूसरी गिरफ्तारी नौकरी के बदले जमीन देने के एक आरोपि हृदयानंद चौधरी हैं।

सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर में हृदयानंद चौधरी पर आरोप यह है कि ब्रजनंदन राय ने महुआबाग की अपनी 3375 वर्गफीट जमीन 29 मार्च 2008 को गोपालगंज निवासी हृदयानंद चौधरी को 4.21 लाख लेकर ट्रांसफर की. बाद में यह जमीन हृदयानंद चौधरी ने लालू प्रसाद की बेटी हेमा यादव के नाम कर दी. जमीन जब तोहफे में दी गई उस वक्त सर्किल रेट 62.10 लाख रुपये था. हृदयानंद चौधरी को पूर्व मध्य रेलवे, हाजीपुर में साल 2005 में ही नौकरी मिल गई थी।

रेलवे में नौकरी देने के बदले जमीन लेने के मामले में सीबीआई ने जो प्राथमिकी दर्ज की है उसमें इसी तरह के सात ऐसे परिवार का नाम दर्ज है जिससे लालू प्रसाद पैसा लेकर रेलवे के डी ग्रुप में नौकरी दिये हैं ।

प्राथमिकी दर्ज करने के बाद सीबीआई ने इस वर्ष मई माह में दिल्ली, पटना और गोपालगंज में 17 ठिकाने पर छापा मारा था और लालू प्रसाद और मीसा भारती से घंटो पुछताछ किया था।

2 . सीबीआई की छापेमारी सवालों के घेरे मेंं

सांसद अशफाक करीम ,फैयाज अहमद,और विधान पार्षद सुनील सिंह के यहां छापेमारी से सीबीआई की कार्यशैली सवालों के घेरे में आ गया है क्यों कि जिस प्राथमिकी के आधार पर सीबीआई ने छापेमारी किया है (नौकरी के बदले जमीन देने के मामले में ) उस प्राथमिकी में दर्ज घटना के वर्ष की बात करे तो यह खेल लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहते हुए 2004 से 2009 के बीच हुआ है। मतलब घटना की तिथि 2004 से 2009 के बीच है लेकिन कल जिनके यहां भी छापेमारी हुई है उन सभी पर गौर करेंंगे तो सांसद अशफाक 2018 में राजद कोटे से राज्यसभा गये हैं और जिस दौर में लालू यादव रेलमंत्री थे उस दौर में अशफाक करीब लोजपा के बड़े नेता थे उनका राजद और लालू प्रसाद के परिवार से दूर दूर का रिश्ता नहीं था।

इसी तरह सांसद फैयाज अहमद की बात करे तो 2010 में ये पहली बार राजद के टिकट पर बिस्पी मधुवनी से विधायक बने थे और राजद में इसकी कोई हैसियत 2004 के 2009 के बीच कुछ भी नहीं था ।

वही बात विधान पार्षद सुनील सिंह की करे 2004 से 2009 के बीच राजद में इनकी हैसियत क्या थी किसी से छुपा हुआ नहीं है इनकी राजद मेंं सक्रियता 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान पहली बार देखने को मिली इसी तरह पूर्व विधान पार्षद सुबोध राय उस दौर मे ठीक से हाफ पैंट भी नहीं पहन पा रहा होगा जिस दौर में नौकरी के बदले जमीन का खेल हुआ था ।

इसी तरह से सीबीआई ने कृष्णापूरी में रेलवे के एक पूर्व इंजीनियर सुनील कुमार के घर भी छापा मारा था इसकी नौकरी उस समय रेलवे में हुई थी जिस समय रामविलास पासवान रेलमंत्री थे।

वैसे जो खबर आ रही है कि छापेमारी समाप्त होने के बाद इन लोगों को सीबीआई ने जो सीजर लिस्ट दिया है उसमें लिखा है कि नौकरी के बदले जमीन लेने के मामले में दर्ज प्राथमिकी से जुड़ी हुई कोई भी दस्तावेज या अन्य साक्ष्य बरामद नहीं हुआ है।
फिर भी इसमें कोई शंक नहीं है कि ये सभी लोग राजद के फंड रेजर हैं लेकिन इसमें भी कोई शंक नहीं है कि ये तीनों लालू परिवार के सम्पर्क में आने से पहले से ही बड़े कारोबारी रहे हैं।

3 . आरजेडी विधायक सैयद अबू दोजाना और बालू माफिया सुभाष यादव

इन दोनों की हैसियत 2004 से 2009 के बीच क्या रही है कहने कि जरुरत नहीं है इन दोनों का राजद परिवार से रिश्ता 2015 में सत्ता वापसी के बाद हुई है इसलिए इनके यहां नौकरी ये बदले जमीन मामले में छापेमारी का कोई मतलब नहीं बनता है वैसे इन दोनों पर 2017 में आईआरसीटी घोटाला मामले में जब लालू प्रसाद पर मुकदमा दर्ज हुआ था उसके बाद इन दोनों के यहां भी छापेमारी हुई थी और करोड़ो के आयकर चोरी का मामले पकड़ाया था ।

ऐसी स्थिति में कहां जा सकता है कि कल की छापेमारी नौकरी के बदले जमीन मामले के बजाय राजद के आर्थिक स्रोत निशाने पर था ताकि राजद भाजपा को लेकर मुखर ना हो सके।

पटना हाईकोर्ट में पटना के जय प्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा समेत राज्य के अन्य एयरपोर्ट के मामले पर सुनवाई 31अगस्त,2022 को की जाएगी

चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ द्वारा इन जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही हैं।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को राज्य में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनाए जाने के मामलें में स्थिति स्पष्ट करते हुए जवाब देने का निर्देश दिया था।ये जनहित याचिकाएं गौरव सिंह व अन्य द्वारा की गई हैं।

एक अन्य याचिकाकर्ता की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री व पायलट राजीव प्रताप रूडी ने कोर्ट के समक्ष पक्ष प्रस्तुत किया था।उन्होंने राज्य में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाए जाने के मुद्दे को उठाया था।

उन्होंने कहा कि कई राज्यों में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाए जा रहे हैं।उन्होंने कहा कि बिहार में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाया जाना चाहिए।

कोर्ट को उन्होंने बताया था कि बिहार में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाया जाना चाहिए।बिहार में एक भी ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट नहीं है।उन्होंने बताया कि छपरा के पास इसके लिए पर्याप्त और सस्ती भूमि उपलब्ध हैं।

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याचिकाकर्ता की अधिवक्ता अर्चना शाही ने बताया था कि गया एयरपोर्ट के विकास के लिए एक बड़ी धनराशि आवंटित की गई है।लेकिन अभी तक गया एयरपोर्ट का विकास कार्य प्रारम्भ नहीं हुआ है।

कोर्ट को बताया गया था कि राज्य में पटना के जयप्रकाश नारायण अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के अलावा गया, मुजफ्फरपुर,दरभंगा,भागलपुर,फारबिसगंज , मुंगेर और रक्सौल एयरपोर्ट हैं।लेकिन इन एयरपोर्ट पर बहुत सारी आधुनिक सुविधाओं के अभाव एवं सुरक्षा की समस्याएं हैं।

इस मामलें पर अगली सुनवाई 31अगस्त,2022 , को की जाएगी।

बिहार में होगा मध्यावदी चुनाव; 6 माह से अधिक नहीं चलेगी महागठबंधन की सरकार, नीतीश कुमार का इस बार नहीं खुलेगा खाता

खबर हाजीपुर से है। जहाँ पटना से दरभंगा जाने के दौरान लोजपा रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान हाजीपुर पहुंचे। जहां उन्होंने चुहरमल नगर में स्थापित रामविलास पासवान की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

और साथ ही नीतीश कुमार पर जमकर बरसे। चिराग ने कहा कि नीतीश कुमार को विश्वास मत की चिंता है जबकि जनता का विश्वास वो खो चुके है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन की सरकार 6 माह से अधिक नहीं चल सकती। और बिहार में मध्यावदी चुनाव होगा। लेकिन इस बार नीतीश कुमार का खाता भी नहीं खुलेगा।

चिराग पासवान

साथ शिक्षक अभ्यर्थियों पर हुए लाठी चार्ज की निंदा करते हुए सरकार पर जमकर प्रहार किया।

मुजफ्फरपुर में बड़ा हादसा: बेला में फैक्ट्री का चिमनी गिरा, एक की मौत

बड़ी खबर मुजफ्फरपुर से आ रही हैं, जहाँ बेला औद्योगिक क्षेत्र फेज 2 में बड़ा हादसा हुआ हैं। बेला में मेडिकल वेस्टेज प्लांट में चिमनी गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई हैं. जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हैं, जिसका इलाज SKMCH में चल रहा है।

मिली जानकारी के अनुसार मुजफ्फरपुर के बेला औद्योगिक क्षेत्र फेज 2 में मेडिकल वेस्टेज प्लांट मेडीकेयर में दोपहर में यह घटना घटी। बताया जा रहा हैं कि पुरानी चिमनी हटाया जा रहा था, तभी वाह चिमनी टूट गई जिससे रहमत (35वर्षीय) मजदूर की मौत हो गई।

वहीं इस मामले में बेला थाना के थानाध्यक्ष कुंदन कुमार ने बताया कि इस मामले में कम्पनी के मैनेजर और ठेकेदार को फिलहाल पूछताछ के लिए थाना ले जाया गया है. वहीं मृतक के परिजन ने आरोप लगाया कि यहाँ लापरवाही बरती गई हैं, वहीं घटना के बाद इलाज में भी कोताही बरती गई है।

विष्णुपद मंदिर में किया जा रहा है शुद्धीकरण अनुष्ठान और क्षमा याचिका पूजा

गया। विष्णुपद मंदिर में किया जा रहा है शुद्धीकरण अनुष्ठान और क्षमा याचिका पूजा, मंदिर के गर्भ गृह में किया जा रहा है पूजा अर्चना।

गया पाल पंडा के द्वारा किया जा रहा है शुद्धिकरण पूजा, विष्णुपद मंदिर प्रबंध कारिणी समिति के अध्यक्ष व अन्य गया पाल पंडा के द्वारा किया जा रहा है विशेष पूजा अर्चना।


2 दिन पूर्व मंदिर में सीएम नीतीश के साथ प्रवेश कर गए थे सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री इसराइल मंसूरी, विष्णुपद मंदिर में आहिंदू निषेध है।

पटना हाईकोर्ट ने गया के ऐतिहासिक विष्णुपद मंदिर से सटे फाल्गु नदी प्रदूषित होने के मामलें पर सुनवाई कल तक के लिए टली

चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ इस जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है।

पिछली सुनवाई में कोर्ट को जानकारी दी गई थी कि बूडको ने वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने हेतु चुनी हुई कम्पनी से अग्रीमेंट 11अगस्त,2022 को किया जा चुका हैं।

कोर्ट को बताया गया था कि एग्रीमेंट में ये तय हुआ है कि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का काम तीन महीने में पूरा हो जाएगा।इस पर कोर्ट ने निर्माण कंपनी को इस सम्बन्ध में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।

ये जनहित याचिका गौरव कुमार सिंह की ओर से दायर की गई थी। पहले की सुनवाई में कोर्ट ने बुडको से यह भी कहा कि यदि वह चुनिंदा कम्पनी के काम करने से संतुष्ट है, तो अग्रीमेंट की प्रक्रिया जल्द पूरा करे ।

कोर्ट ने ये भी चेतावनी दी थी कि ऐसा न करने पर बूडको के एमडी के वेतन पर रोक लगा दी जाएगी और उन पर अवमानना की कार्यवाही चलाई जा सकती है।

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याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सुमित कुमार सिंह ने कोर्ट को बताया कि ऐतिहासिक फाल्गु नदी कचरे से भर रही ऊन्होने बताया कि सारे गया शहर की गन्दगी और कचडा फल्गु नदी में जाता है,जिस कारण नदी का पानी काफी प्रदूषित हो गया।

ऐतिहासिक महत्व वाले इस महान शहर को पर्यटकों के लिए एक यादगार यात्रा बनाने के लिए संयुक्त प्रयास करने होंगे।

इस मामलें पर अगली सुनवाई 25 अगस्त,2022 को होगी ।

पटना हाईकोर्ट ने मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन में कई व्यक्तियों के आंख की रौशनी खो जाने के मामले पर सुनवाई की

चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को जवाब देने के लिए 3 सप्ताह का मोहलत दिया।

कोर्ट ने पिछली सुनवाई में निदेशक प्रमुख,स्वास्थ्य सेवा और सिविल सर्जन, मुजफ्फरपुर द्वारा हलफनामा नहीं दायर करने को गम्भीरता से लिया थ।पूर्व की सुनवाई में मुजफ्फरपुर के एस एस पी को कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कोर्ट ने निर्देश दिया था।मुकेश कुमार ने ये जनहित याचिका दायर की है।

पूर्व की सुनवाई में कोर्ट के समक्ष याचिकाकर्ता के अधिवक्ता वी के सिंह ने कोर्ट को बताया था कि इस मामलें में दर्ज प्राथमिकी पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है।

कोर्ट ने इससे पहले की सुनवाई में कहा था कि इस मामलें में गठित डॉक्टरों की कमिटी को चार सप्ताह मे अपना रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

इसमें कोर्ट को बताया गया था कि आँखों की रोशनी गवांने वाले पीडितों को बतौर क्षतिपूर्ति एक एक लाख रुपए दिए गए हैं।साथ ही मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल को बंद करके एफ आई आर दर्ज कराया गया था,लेकिन अब तक दर्ज प्राथमिकी पर ठोस कार्रवाई नहीं की गई ।

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याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विजय कुमार सिंह ने आरोप लगाया गया है कि कथित तौर पर आई हॉस्पिटल के प्रबंधन व राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा बरती गई अनियमितता और गैर कानूनी कार्यों की वजह से कई व्यक्तियों को अपनी आँखें की रोशनी खोनी पड़ी।

याचिका में आगे यह भी कहा गया है कि जिम्मेदार अधिकारियों व अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज करनी चाहिए, क्योंकि इन्हीं की लापरवाही की वजह से सैकड़ों लोगों को अपनी ऑंखें गंवानी पड़ी।

इस मामले पर अगली सुनवाई तीन सप्ताह के फिर सुनवाई की जाएगी।

बिहार विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से पहले राजद के नेताओं के घर छापेमारी, दबिश देने पहुंची ईडी और आईटी की टीम

बिहार में केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई और ईडी की छापेमारी जारी है. बताया जा रहा है कि सीबीआई ने जॉब के बदले जमीन मामले में पटना में राजद एमएलसी सुनील सिंह और राज्यसभा सांसद अशफाक करीम के यहां भी छापेमारी चल रही है.

बिहार में राजद नेता यहां सीबीआई की छापेमारी ऐसे वक्त पर हुई, जब आज विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होना है. आरजेडी एमएलसी सुनील सिंह ने कहा, यह जानबूझकर किया जा रहा है. इसका कोई मतलब नहीं है. वे यह सोचकर जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करा रहे हैं कि डर के मारे विधायक उनके पक्ष में आ जाएंगे.

बिहार में आज सुबह से ही राजद के एमएलसी और सांसदों के ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है. इस कड़ी मे अब तक एमएलसी सुनील सिंह और राज्यसभा सांसद अशफाक करीम के ठिकाने पर छापेमारी की बात सामने आ रही थी. अब इसमें तीसरा नाम कुछ माह पहले राजद कोटे से राज्यसभा पहुंचे सांसद फैयाज अहमद और राजद नेता सुबोध राय का भी नाम सामने आ गया है.बताया जा रहा है अवैध खनन को लेकर फैयाज अहमद के मधुबनी स्थित ठिकानों पर सुबह से ही सीबीआई की टीम छापेमारी कर रही है. फैयाज अहमद को हाल में लालू प्रसाद की बड़ी बेटी मीसा भारती के साथ राज्यसभा सांसद बनने का मौका मिला था.

वहीं दूसरी तरफ पटना में राजद के पूर्व एमएलसी सुबोध राय के ठिकानों पर भी छापेमारी की बात कही जा रही है. जानकारी के अनुसार सुबोध राय के ठिकाने पर भी सीबीआई की टीम कार्रवाई करने के लिए पहुंची है. आरोप है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते जॉब लगवाने के बदले में जमीन और प्लॉट लिए गए थे. सीबीआई ने इसी मामले में जांच के बाद पिछले दिनों लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा यादव, हेमा यादव और कुछ ऐसे उम्मीदवारों पर केस दर्ज किया है, जिन्हें प्लॉट या प्रॉपर्टी के बदले जॉब दी गई.

इससे पहले सीबीआई ने मई में इस मामले में लालू यादव से जुड़ीं 17 जगहों पर छापेमारी की थी. सीबीआई की यह कार्रवाई करीब 14 घंटे तक चली थी. ये छापे लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती के पटना, गोपालगंज और दिल्ली स्थित जगहों पर ये छापेमारी की गई थी.इस मामेल में सीबीआई ने जुलाई में बड़ी कार्रवाई करते हुए लालू यादव के पूर्व ओएसडी भोला यादव को गिरफ्तार किया था.

इस दौरान सीबीआई ने बिहार के पटना और दरभंगा में चार ठिकानों पर छापे भी मारे हैं. भोला यादव 2004 से 2009 तक लालू यादव के ओएसडी रहे. लालू यादव उस वक्त केंद्रीय रेल मंत्री थे. उसी समय रेलवे में भर्ती घोटाला हुआ था. आरोप है कि भोला यादव ही घोटाले का कथित सरगना है

मुजफ्फरपुर के बरियारपुर ओपी क्षेत्र में कदाने नदी में तैरता मिला एक अज्ञात शव

मुजफ्फरपुर के बरियारपुर में कदाने नदी में पानी में तैरता हुआ करीब 35 वर्षीय एक अज्ञात युवक का शव मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई है।

वही अज्ञात युवक का शव नदी में तैरता हुआ मिला। वही युवक की पहचान अभी नही हो पाई है। वही माैके पर बरियारपुर थानाध्यक्ष दल – बल के साथ वहां पहुंच क शव को पानी से बाहर निकाल कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

आज पटना हाईकोर्ट में क्या है खास; इन मामलों की होगी सुनवाई

पटना, 24 अगस्त 2022। पटना हाईकोर्ट में आज इन मामलों की होगी सुनवाई :

1. पटना हाईकोर्ट में गया के ऐतिहासिक विष्णुपद मंदिर से सटे फल्गु नदी प्रदूषित होने के मामलें पर सुनवाई की जाएगी। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ द्वारा इस जनहित याचिका की जा रही हैं।

पिछली सुनवाई में कोर्ट को जानकारी दी गई थी कि बूडको ने वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने हेतु चुनी हुई कम्पनी से अग्रीमेंट 11अगस्त,2022 को हो चुका है।

कोर्ट को बताया गया था कि एग्रीमेंट में ये तय हुआ है कि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का काम तीन महीने में पूरा हो जाएगा।इस पर कोर्ट ने निर्माण कंपनी को इस सम्बन्ध में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था।

2. पटना हाईकोर्ट में थर्ड जेंडर के कैदियों को जेल में रखे जाने की व्यवस्था के मामलें से सम्बंधित जनहित याचिका पर सुनवाई की जाएगी।

लॉ फाउंडेशन की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय क़रोल की खंडपीठ सुनवाई कर रही हैं।

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भागवत कथा में शामिल होने पहुंचे सीएम नीतीश, बख्तियारपुर के बड़ी ठाकुरबाड़ी मंदिर में है आयोजन

बाढ़ अनुमंडल के बख्तियारपुर में चल रहे भागवत कथा में शामिल होने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बख्तियारपुर पहुंचे। श्री व्यंकटेशवरनाथ बड़ी ठाकुरवाड़ी मंदिर में आयोजित भागवत ज्ञान कथा यज्ञ में मंगलवार को आचार्य श्री बनबारी लाल गौड़ जी महाराज ने मुख्यमंत्री को शाल भेंट किया।

मुख्यमंत्री ने महाराज जी से आशीर्वाद लिया।गंगा नदी के महत्व के बारे बताते हुए कहा कि गंगा अवतरण की कथा सुनने से भी गंगा स्नान का फल मिलता है।

सागर के पांच पीढ़ी के बाद उनके वंश में उत्पन्न हुए राजा भगीरथ ने गंगा को धरती पर लाए। इस दौरान भगवान कृष्ण के लीलाएं का वर्णन किया गया।मुख्यमंत्री आगमन पर पूरा प्रशासनिक तंत्र तैनात दिखा।

बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा त्याग पत्र नहीं देंगे

बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा का बयान, मैं इस्तीफा नही दूंगा । सदन में अपनी बात रखूंगा।

हमारे खिलाफ जो अविश्वास किया गया उसमे संसदीय नियमो का पालन नही किया गया इसीलिए हमने उसे स्वीकार नही किया।

हमारे उपर तथ्यहीन आरोप लगाए गए।

बिहार विधानसभा अध्यक्ष के पद नहीं छोड़ने से बिहार में एक अलग तरह का संवैधानिक संकट खड़ा हो गया

बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष ने कहा अध्यक्ष मानसिक संतुलन खो बैठे हैं

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जवान ने पेश की ईमानदारी की मिसाल, रुपयों सहित पर्स लड़की को लौटाया

आजकल जहां लोगों में अविश्वास का माहौल है। लोग किसी पर भरोसा करने से डरते हैं। वहीं जहानाबाद में जीआरपी के एक सिपाही ने कुछ ऐसा किया है कि लोगों का भरोसा पुलिस पर बढ़ गया है।

जहानाबाद से पटना जा रही एक महिला यात्री का रुपयों से भरा पर्स जहानाबाद प्लेटफार्म पर छूट गया। आरपीएफ के सिपाही रंजय कुमार को को रुपये से भरा पर्स मिला। यह पर्स यात्री भूलवश ट्रेन में ही छोड़ गई थी। आरपीएफ के जवान ने बताया कि साधना प्रिया नाम की लड़की जो कि खगड़िया की रहने वाली थी जहानाबाद से पटना जा रही थी ट्रेन चढ़ने की जल्दी में उसने अपने फर्ज को प्लेटफार्म पर ही छोड़ दिया।

पर्स में 9 हजार रुपए थे। जाहिर है पैसा देखकर किसी का भी ईमान डोल सकता था। लेकिन रंजये ने ईमानदारी की मिसाल पेश की। जिसकी प्रशंसा दूसरे लोग भी कर रहे हैं।पर्स में जो नंबर उपलब्ध थे उसके आधार पर जीआरपी की टीम ने लड़की के परिजनों को फोन किया। जिसके बाद दूसरे स्टेशन से उतर कर पर्स की मालकिन साधन प्रिया वापस जहानाबाद लौटी।

पर्स में आधार कार्ड और नकदी समेत कई जरूरी दस्तावेज थे. जिस लड़की को उसका खोया हुआ पर्स मिला वह भी खुश थी, उसने पुलिस के प्रति आभार व्यक्त किया. साधना प्रिया अपना पर्स लेकर अपने गंतव्य पर चली गई। लेकिन रंजय की इमानदारी ने पुलिस के प्रति लोगों के विश्वास को और ज्यादा बढ़ा दिया है।

पटना हाईकोर्ट में पटना के राजीवनगर/नेपालीनगर क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के मामलें राज्य सरकार को स्थिति स्पष्ट करते हुए हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया

जस्टिस संदीप कुमार इस मामलें पर सुनवाई करते हुए जानना चाहा कि बदली राज्य सरकार की इस सम्बन्ध में क्या नीति है।

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के नगर विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव को इस सम्बन्ध में हलफनामा दायर कर स्थिति स्पष्ट करने को कहा।कोर्ट ने कहा कि नई राज्य सरकार यह स्पष्ट करें कि पटना के राजीवनगर/नेपालीनगर क्षेत्र में बने अतिक्रमित भवनों को तोड़े जाने की कार्रवाई जारी रहेगी या नहीं।

इससे पहले की सुनवाई में बिहार राज्य आवास बोर्ड की ओर से वरीय अधिवक्ता पी के शाही ने बहस की थी।उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में जो भी मकान बने है,उनका निर्माण वैध ढंग से नहीं किया गया है।

उन्होंने कोर्ट को बताया कि आवास बोर्ड ने जो भी नियमों के उल्लंघन मकान बने है,उन्हें अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए नोटिस जारी किया,लेकिन वे नहीं आवास बोर्ड के समक्ष नहीं आए।

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आज कोर्ट द्वारा नियुक्त एमिकस क्यूरी संतोष कुमार सिंह ने कोर्ट के समक्ष बहस किया।उन्होंने कहा कि राजीवनगर/नेपालीनगर क्षेत्र में हटाने की कार्रवाई सही नहीं थी।हटाने के पूर्व संचार माध्यमों में उन्हें नोटिस दे कर जानकारी देना चाहिए था।

उन्होंने कहा कि नागरिकों को मनमाने ढंग से नहीं हटाया जा सकता है।उन्होंने कहा कि या तो उन्हें उचित मुअबजा दिया जाए या उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिए।

इससे पूर्व की सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने पक्ष प्रस्तुत करते हुए कोर्ट को बताया था कि ये मामला सुनवाई योग्य नहीं हैं।साथ ही उनका कोई कानूनी अधिकार नहीं बनता है।

इस मामलें पर अगली सुनवाई 30 अगस्त,2022 को होगी।

नाबालिग लड़की के साथ गैंग रेप और हत्या के नामजद अभियुक्तों को गिरफ्तार करने के लिए एक याचिका पटना हाईकोर्ट में दायर

पटना हाई कोर्ट में एक नाबालिग लड़की के साथ गैंग रेप और हत्या के नामजद अभियुक्तों को गिरफ्तार करने के लिए एक याचिका दायर की गई है। मृतिका संध्या कुमारी के परिजनों ने ये याचिका पटना हाईकोर्ट में दायर की है।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ओम प्रकाश ने बताया कि मुज़फ़्फ़रपुर थाना कांड संख्या 258/22, धारा- 363, 364, 376, 302, 328 एवं पोक्सो एक्ट की धारा 4, 6 एवं 8 में नामजद अभियुक्तों को गिरफ्तार करने के लिए ये याचिका दायर की गई है।याचिका में कोर्ट से आग्रह किया गया है कि केस में नामजद अभियुक्तों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए एवं इस केस की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच करवाई जाए।

साथ ही इस केस में कार्रवाई नही कर रहे पुलिस पदाधिकारियों के विरुद्ध भी विभागीय कार्यवाही चलाई जाए।

अधिवक्ता ओम प्रकाश ने बताया कि दिनांक 26 अप्रैल, 2022 को याचिकाकर्ता की पुत्री अपने घर से बाहर गयी थी, लेकिन वह वापस नही लौटी ।इसके बाद परिजन वालों ने अपनी पुत्री को बहुत खोजने का प्रयास किया, परन्तु वह नही मिली।

उसी दिन रात 12.47 बजे एक कॉल आया, जिसमे याचिकाकर्ता की पुत्री की आवाज सुनाई दी और वह दर्द से कराह रही थी। जिसके बाद फोन कट गया और पुनः प्रयास करने पर मोबाइल बंद मिला।

सुबह में ग्रामीणों ने बताया कि याचिकाकर्ता की पुत्री की मृत शरीर पोखर में पड़ा मिला।

इसके बाद परिजनों ने घटना स्थल पर जाते समय देखा कि गांव के ही मो0 वसीम खान के द्वारा याचिकाकर्ता की पुत्री को बोलेरो कार से लेकर कहीं ले जाया जा रहा है। वह बोलेरो मोहम्मद वसीम के घर पर जाकर रुकती है और फिर मोहम्मद वसीम के परिवार वाले गाड़ी में बैठते है।

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उसके बाद वैष्णवी हॉस्पिटल, मुज़फ़्फ़रपुर याचिकाकर्ता की पुत्री को लेकर जाते हैं, जहाँ याचिकाकर्ता की पुत्री के परिजन भी पहुँचते हैं ।

अपनी पुत्री से बात करते हैं, तो याचिकाकर्ता की पुत्री द्वारा बताया जाता है कि लगभग 8 लोग द्वारा उसके साथ बलात्कार किया गया और जहर पिलाया गया। इसमें संध्या ने चार लोगों का नाम भी लिया था। जिसमे से एक व्यक्ति मोहम्मद वसीम खान को गिरफ्तार कर लिया गया है

लेकिन अभी भी तीन नामजद अभियुक्त पुलिस के गिरफ्त से बाहर हैं।अधिवक्ता ने अपनी याचिका में मुज़फ़्फ़रपुर पुलिस के कार्यशैली पर भी सवाल उठाया है औऱ ठीक ढंग से कार्य नही कर रहे पुलिस पदाधिकारियों पर विभागीय कार्यवाही करने की भी मांग की है।

मुजफ्फरपुर के SKMCH में वही जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल, तेजस्वी के खिलाफ लगे नारे

अपनी मांगो को लेकर राज्य के अलग अलग मेडिकल कॉलेजो के जूनियर डॉक्टर्स अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए.इससे OPD की व्यवस्था चरमरा गई है।

जूनियर डॉक्टर्स अपनी स्टापेंड बढ़ाने को लेकर हड़ताल पर चले गए है, इससे स्वास्थ्य व्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. डॉक्टरों की मांग है कि कई मेडिकल कॉलेजो में प्रशिक्षुओ को 30 से 35 हजार का स्टापेंड दिया जाता है, जबकि यहाँ सिर्फ 15 से 16 हजार दिया जाता है।

वहीं इसको लेकर जूनियर डॉक्टरों ने सरकार और स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।