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सीतामढी ज़िला के आर्थिक रूप से कमज़ोर और शारीरिक अपंग लड़कियों की जांच और ईलाज के सम्बन्ध में सुनवाई करते हुए पटना हाइकोर्ट ने AIIMS पटना के अधिवक्ता को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया

पटना हाइकोर्ट ने सीतामढी ज़िला के आर्थिक रूप से कमज़ोर और शारीरिक अपंग लड़कियों की जांच और ईलाज के सम्बन्ध में सुनवाई की। एसीजे जस्टिस सी एस सिंह की खंडपीठ ने इस मामलें पर सुनवाई करते हुए एम्स,पटना के अधिवक्ता को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है।

एम्स,पटना के अधिवक्ता विनय कुमार पाण्डेय ने बताया कि तीन लड़कियों में से दो लड़कियों को हड्डी सम्बन्धी रोग है।उनका ईलाज पटना के एम्स हॉस्पिटल में शुरू हो गया है। इन दोनों लड़कियों के ईलाज पर तीन लाख साठ हज़ार रुपया खर्च हो रहा है।ये धनराशि बिहार सरकार ने दे दिया।

उन्होंने बताया कि एक नेत्र सम्बन्धी बीमारी से ग्रस्त है।इसके ईलाज के लिए इसे दिल्ली,एम्स भेजा जाना है।इसके प्रारंभिक ईलाज के मद में राज्य सरकार ने बीस हज़ार रुपये एम्स,पटना के खाते में स्थानांतरित कर दिया।ये धनराशि एम्स,दिल्ली के खाते में एम्स,पटना को स्थानांतरित करना है।इसी सम्बन्ध में कोर्ट ने एम्स,पटना को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है।

गौरतलब है कि सीतामढी के ज़िला व सत्र न्यायाधीश ने इनके सम्बन्ध में पटना हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पत्र लिखा था।इसमें ये बताया गया कि दो लड़कियों को हड्डी रोग की समस्या है,जबकि एक लड़की नेत्र की समस्या से ग्रस्त है।

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इनके आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण इनके माता पिता इनका ईलाज नही करवा पा रहे थे।इनके ईलाज में अस्पताल और ईलाज का खर्च काफी होता है, जो कि इनके वश में नहीं था।

कोर्ट ने इनके ईलाज के क्रम में जांच के लिए पटना के एम्स अस्पताल भेजा था।एम्स के अधिवक्ता विनय कुमार पाण्डेय ने कोर्ट को बताया था कि एम्स अस्पताल में जांच का कार्य हो गया।इस मामलें की सुनवाई के क्रम में कोर्ट ने एम्स अस्पताल, पटना व राज्य सरकार समाज कल्याण विभाग को पार्टी बनाने का आदेश दिया गया था।

इस मामलें पर 20 फरवरी,2023 को फिर सुनवाई होगी।

बिहार सरकार का बड़ा फैसला: सभी फर्जी शिक्षकों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए

पटना । बिहार सरकार ने फर्जी शिक्षक मामले में बड़ी कार्रवाई की है, सभी नकली टीचर को गिरफ्तार करने का आदेश जारी किया है । हर जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखकर आदेश दिया गया है कि जिन-जिन नियोजित शिक्षकों पर FIR दर्ज है उन पर त्वरित कार्रवाई की जाए।

बिहार पुलिस के DG ने बताया कि इस महीने के अंत तक बैठक का आयोजन होने वाला है जिसमें इस विषय पर चर्चा विमर्श किया जाएगा । कुल मिलाकर इतना कहा जा सकता है कि ऐसा कोई जिला नहीं है जहां फर्जी शिक्षकों की पहचान ना की गई हो।

निगरानी ब्यूरो इस मामले की जांच 2015-16 से ही कर रहा है। इससे पहले भी कुछ फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई हुई थी, लेकिन इसकी जानकारी जिलास्तर पर ही है। वहां से मुख्यालय को इसकी जानकारी नहीं दी गई है।

निगरानी ब्यूरो की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक:

  • सबसे ज्यादा गया जिला में 71 एफआईआर दर्ज की गयी है, जिसमें 218 आरोपी हैं
  • सारण में 42 एफआईआर और 170 आरोपी
  • मुंगेर में 44 एफआईआर में 142 आरोपी
  • जहानाबाद में 46 एफआईआर और 124 आरोपी
  • बेगूसराय में 46 में 136 आरोपी
  • भागलपुर में 17 में 113 आरोपी
  • सुपौल में 12 में 104 आरोपी
  • बांका में 39 में 101 आरोपी
  • अरवल में 43 में 87 आरोपी
  • नालंदा में 79 में 81
  • समस्तीपुर में 33 में 89 आरोपी
  • जमुई में 54 में 81 आरोपी
  • पटना में 36 में 67 आरोपी
  • पूर्णिया में 69 में 70
  • रोहतास में 36 में 74 आरोपी
  • खगड़िया में 31 में 72 आरोपी और
  • गोपालगंज में 59 एफआईआर में 76 आरोपी बनाए गये हैं।

पटना हाइकोर्ट ने पटना-गया-डोभी राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के सन्दर्भ में केंद्र, राज्य सरकार, NHAI और निर्माण कार्य करने वाली कम्पनियों को कार्य के सम्बन्ध में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया

पटना हाइकोर्ट में पटना गया डोभी राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के मामलें पर सुनवाई की गई। एसीजे जस्टिस सी एस सिंह की खंडपीठ के समक्ष वकीलों की टीम ने निर्माण कार्य का निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत किया।

कोर्ट ने वकीलों की टीम के रिपोर्ट के सन्दर्भ में केंद्र,राज्य सरकार,एनएचएआई और निर्माण कार्य करने वाली कम्पनियों को कार्य के सम्बन्ध में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने वकीलों की टीम को इस राजमार्ग के निर्माण कार्य का निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था। वकीलों की टीम राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण कार्य के निरीक्षण पिछले सप्ताह के अंत में किया। कोर्ट ने निर्माण कार्य में लगायी गई मशीन और मानव संसाधन के सम्बन्ध में भी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने फेज 2 के निर्माण में उत्पन्न कर रही बाधाओं और अतिक्रमण को राज्य सरकार शीघ्र हटाना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था।कोर्ट ने इसके लिए आवश्यक पुलिस बल और व्यवस्था मुहैया कराने का निर्देश सबंधित ज़िला प्रशासन को दिया है।

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इससे पूर्व राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण करने वाली कंपनी ने इसका निर्माण कार्य 30 जून,2023 तक पूरा करने का अश्वासन कोर्ट को दिया था।साथ ही कोर्ट ने इस फेज के निर्माण में बाधा उत्पन्न होने वाले सभी अवरोधों को तत्काल हटाने का निर्देश सम्बंधित अधिकारियों को दिया था।

कोर्ट ने फेज दो के 39 किलोमीटर से 83 किलोमीटर के बीच सभी प्रकार के अतिक्रमण को तेजी से हटाने का आदेश दिया।वही फेज तीन के 83 किलोमीटर से 127 किलोमीटर के बीच के अतिक्रमण को भी हटाने का आदेश दिया।

पिछली सुनवाई कोर्ट ने पटना गया डोभी राष्ट्रीय राजमार्ग के फेज दो व तीन के निर्माण में लगी निर्माण कंपनी ने कोर्ट को बताया था कि पटना गया डोभी एनएच के निर्माण में कई जगह बाधा उत्पन्न किया जा रहा है।

इस मामलें पर 20 फरवरी,2023 को फिर सुनवाई की जाएगी।

बिहार के अनुदानित 2459 मदरसों की जांच किये जाने से सबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाइकोर्ट ने CID को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 4 माह की मोहलत दी

पटना हाइकोर्ट ने राज्य के अनुदानित 2459 मदरसों की जांच किये जाने से सबंधित याचिका पर सुनवाई की। एसीजे जस्टिस सी एस सिंह की खंडपीठ ने सीतामढी जिले के मदरसों की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए सीआईडी को चार माह की मोहलत दी।

इससे पूर्व कोर्ट ने राज्य के अनुदानित 2459 मदरसों की जांच का आदेश राज्य के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को दिया था।कोर्ट ने अल्लाउद्दीन बिस्मिल की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को इनकी जांच चार महीने में पूरा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव को शीघ्र राज्य के सभी डी एम के साथ बैठक कर उनके संसाधनों के बारे में जांच करने का आदेश दिया।वही जांच पूरी होने तक 609 मदरसों को अनुदान राशि नहीं देने का आदेश दिया था।

कोर्ट ने जाली कागजात पर मदरसों को दी गई मान्यता पर दर्ज प्राथमिकी पर राज्य के डीजीपी को अनुसंधान के बारे में पूरी जानकारी कोर्ट को देने का निर्देश दिया था।कोर्ट को इस सम्बन्ध में बताया गया कि राज्य की ओर से सीतामढी जिले के 88 मदरसों की जांच सीआईडी कर रही है।

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याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राशिद इजहार ने कोर्ट को बताया कि माध्यमिक शिक्षा के विशेष निदेशक मो तस्नीमुर रहमान ने सीतामढ़ी जिला के सरकारी अनुदान लेने वाले मदरसों की जांच रिपोर्ट दी थी।इसमें कहा गया था कि सीतामढ़ी जिला में फर्जी कागजात पर करीब 88 मदरसों ने सरकारी अनुदान ली है।

कोर्ट ने इन सभी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई करने की बात कही थी।उनका कहना था कि शिक्षा विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने हाई कोर्ट में जबाबी हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को बताया कि राज्य के अन्य जिलों के 609 मदरसों जो सरकारी अनुदान प्राप्त किये हैं,उन सभी के जांच के लिए एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था।

कोर्ट मामले पर चार माह के बाद फिर सुनवाई करेगी।

पटना हाईकोर्ट ने राज्य के निःशक्त बच्चों के लिए बने विशेष विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के मामलें पर सुनवाई की

पटना हाईकोर्ट ने राज्य के निःशक्त बच्चों के लिए बने विशेष विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के मामलें पर सुनवाई की। एसीजे जस्टिस सी एस सिंह की खंडपीठ ने मामलें पर सुनवाई करते हुए पटना के कदमकुआं स्थित नेत्रहीन स्कूल के शिक्षकों का ब्यौरा तलब किया।

कोर्ट को राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि इस स्कूल में एडहॉक आधार पर बारह शिक्षकों की बहाली की गई। कोर्ट ने जानना चाहा कि इन शिक्षकों की बहाली की क्या प्रक्रिया थी।

राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि इन दिव्यांग स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति हेतु अनुशंसा करने हेतु बिहार कर्मचारी चयन आयोग को प्रस्ताव भेजा गया था।लेकिन आयोग के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि 2018 के बाद कोई प्रस्ताव सरकार की ओर से नहीं आया है।

कोर्ट ने इस बात को बहुत को बहुत गम्भीरता से लिया कि पटना के कदमकुआं स्थित दिव्यांग( नेत्रहीन) स्कूल में मात्र एक शिक्षक है।वह भी संगीत शिक्षक हैं।जबकि वहां स्कूल में शिक्षकों के स्वीकृत पद ग्यारह है।

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पिछली सुनवाई में कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि इस मामलें दिन प्रतिदिन सुनवाई होगी।इससे पहले इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए स्टाफ सेलेक्शन कमीशन को पार्टी बनाने का निर्देश दिया था ।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता वृषकेतु शरण पांडेय ने कोर्ट को बताया कि 2014 में विज्ञापित पदों पर अब तक नहीं भरा जा सका है। यह अपने आप में राज्य का उदासीन रवैया दर्शाता है।

गौरतलब है कि इस मामले में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने हलफनामा दायर कर बताया था कि निःशक्त बच्चों से जुड़ी सभी परियोजनाएं तीन महीनों के भीतर कार्यरत हो जाएंगे ।

इस पर हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को हलफनामा दायर कर अपनी कार्य परियोजना बताने के लिए कहा था। इस मामले की अगली सुनवाई 20 फरवरी,2023 को होगी।

पटना के विक्रम ब्लॉक में प्रस्तावित ट्रामा सेंटर के निर्माण मामलें पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की

पटना जिले की विक्रम ब्लॉक में प्रस्तावित ट्रामा सेंटर के निर्माण के मामलें पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की। एसीजे जस्टिस सी एस सिंह की खंडपीठ ने रजनीश कुमार तिवारी की जनहित याचिका पर सुनवाई की।

कोर्ट में राज्य स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव और पटना के डी एम उपस्थित हुए। उन्होंने को कोर्ट को बताया कि विक्रम स्थित ट्रामा सेंटर बन गया है। इसमें कुछ काम और चिकित्सकों को पदस्थापित करने का कार्य शीघ्र पूरा हो जाएगा।

कल कोर्ट ने इस मामलें पर सख्त रुख अपनाते हुए स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव और पटना के डी एम को 14 फरवरी,2023 को कोर्ट में उपस्थित हो कर स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया था।

पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने हैरानी जताया कि 2016 से लंबित या मामला अभी तक अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर सका। याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया की सरकार द्वारा प्रस्तावित सुपर स्पेशलिटी ट्रामा सेंटर सह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना के लिए अक्टूबर 2016 से ही यह प्रस्तावित

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पिछली सुनवाई 9 जनवरी,2023 को हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को निर्देश दिया था कि जमीन चिन्हित होते के 3 दिनों के अंदर ट्रामा सेंटर को स्थापित करने की कार्रवाई शुरू कर देनी होगी।

कोर्ट ने आज स्वास्थ्य विभाग अपर मुख्य सचिव के स्थिति बताने के कोर्ट ने उन्हें जिम्मेदारी दी कि ये ट्रामा सेंटर पूर्ण रूप से कार्यशील हो जाए।इसके साथ ही कोर्ट ने मामलें को निष्पादित कर दिया।

पटना हाईकोर्ट ने राज्य के निःशक्त बच्चों के लिए बने विशेष विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के मामले पर सख्त नाराजगी जाहिर की

पटना हाईकोर्ट ने राज्य के निःशक्त बच्चों के लिए बने विशेष विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के मामले पर सुनवाई करते हुए स्थिति पर सख्त नाराजगी जाहिर की। एक्टिंग चीफ जस्टिस सी एस सिंह की खंडपीठ ने कहा कि इनके शिक्षा की उपेक्षा करना संवेदनहीनता प्रदर्शित करता है।

कोर्ट ने इस बात को बहुत को बहुत गम्भीरता से लिया कि पटना के कदमकुआं स्थित दिव्यांग( नेत्रहीन) स्कूल में मात्र एक शिक्षक है।वह भी संगीत शिक्षक हैं।जबकि वहां स्कूल में शिक्षकों के स्वीकृत पद ग्यारह है।

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस मामलें दिन प्रतिदिन सुनवाई होगी।इससे पहले इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए स्टाफ सेलेक्शन कमीशन को पार्टी बनाने का निर्देश दिया था ।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता वृषकेतु शरण पांडेय ने कोर्ट को बताया कि 2014 में विज्ञापित पदों पर अब तक नहीं भरा जा सका है। यह अपने आप में राज्य का उदासीन रवैया दर्शाता है।

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गौरतलब है कि इस मामले में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने हलफनामा दायर कर बताया था कि निःशक्त बच्चों से जुड़ी सभी परियोजनाएं तीन महीनों के भीतर कार्यरत हो जाएंगे ।

इस पर हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को हलफनामा दायर कर अपनी कार्य परियोजना बताने के लिए कहा था। इस मामले की अगली सुनवाई 15फरवरी,2023 को होगी।

JDU नेता गुलाम रसूल बलियावी के पहले ‘हर शहर को कर्बला में बदल देंगे’ और अब ‘सेना में मुस्लिमों के 30% आरक्षण’ जैसे बयानों के लिए उन पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए: सुशील मोदी

पटना। राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सम्प्रति राज्य सभा सांसद श्री सुशील कुमार मोदी ने एक बयान में जदयू नेता गुलाम रसूल बलियावी के पहले ‘हर शहर को कर्बला में बदल देंगे’ और अब सेना में मुस्लिमों के 30% आरक्षण जैसे बयानों के लिए उन पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए।

• बलियावी पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हो
• बलियावी को पार्टी से निष्कासित करें
• जदयू को सेना के शौर्यपर भरोसा नहीं

उन्होंने आरोप लगाया कि श्री नीतीश कुमार समाज में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण तथा अल्पसंख्यकों का वोट लेने के लिए बलियावी से ऐसे बयान दिलवा रहे हैं। जदयू में हिम्मत है तो बलियावी जैसे नेताओं को पार्टी के बाहर का रास्ता दिखला देना चाहिए।

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श्री मोदी ने कहा कि इन्हें सेना के शौर्य पर भरोसा नहीं है। इन्हें पुलवामा की चौथी वर्षगांठ पर सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत की आवश्यकता है।

भारतीय सेना में धर्म के आधार पर नियुक्ति नहीं होती है। सेना ने हमेशा पाक सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब दिया है। परंतु इन्हें सेना पर भरोसा नहीं है। ये सेना का भी सांप्रदायिककरण चाहते हैं।

श्री मोदी ने अविलंब बलियावी पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कर पार्टी से निकालने की मांग की है।

PatnaHighCourtNews: बिहार सरकार के वकीलों की फीस में पिछले 14 सालों से कोई बढ़ोतरी नहीं होने के मामलें पर सुनवाई दो सप्ताह के लिए टली

पटना हाइकोर्ट में राज्य सरकार के वकीलों की फीस में पिछले 14 सालों से कोई बढ़ोतरी नहीं होने के मामलें पर सुनवाई दो सप्ताह के लिए टली। एक्टिंग चीफ जस्टिस सी एस सिंह की खंडपीठ ने अधिवक्ता सत्यम शिवम सुंदरम की जनहित याचिका पर सुनवाई की।

कोर्ट को राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि सरकारी वकीलों की फीस बढोतरी के सम्बन्ध में कार्रवाई चल रही है।इसी सम्बन्ध में 17 फरवरी,2023 इस मामलें पर विचार करने के लिए बैठक आयोजित की गई है।

पूर्व की सुनवाई में PatnaHighCourt ने सुनवाई करते हुए वरीय अधिवक्ता पी के शाही समेत पाँच वरीय अधिवक्ताओं को राज्य के मुख्य कार्यपालक ( मुख्य मंत्री) से मिल कर इस सम्बन्ध में विचार करने का निर्देश दिया था।

उन्होंने कोर्ट को बताया था कि 29 दिसम्बर,2022 को अधिवक्ताओं की टीम ने मुख्यमंत्री से भेंट कर सरकारी वकीलों के फीस बढोतरी के सम्बन्ध में चर्चा की।उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया था।

पहले की सुनवाइयों में PatnaHighCourt को बताया गया था कि केंद्र सरकार सहित अन्य राज्य राज्य सरकार के वकीलों की तुलना में यहाँ के सरकारी वकीलों को काफी कम फीस का भुगतान किया जाता है।

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कोर्ट को ये भी जानकारी दी गई थी कि PatnaHighCourt में ही केंद्र सरकार के वकीलों की जहाँ रोजाना फीस न्यूनतम 9 हज़ार रुपये है, वहाँ बिहार सरकार के वकीलों को इसी हाई कोर्ट में रोजाना अधिकतम फीस रू 2750 से 3750 तक ही है।

कोर्ट को जानकारी दी गई थी कि पंजाब व हरियाणा, दिल्ली सहित पड़ोसी राज्य झारखंड और बंगाल में भी वहाँ के सरकारी वकीलों का फीस बिहार के सरकारी वकीलों से ज्यादा है।

सबसे दयनीय स्थिति राज्य के सहायक सरकारी वकीलों की है, जिन्हे रोजाना मात्र 1250 रुपये फीसही काम करना पड़ता है। बिहार में राज्य सरकारों के वकीलों के फीस में वृद्धि 14 साल पहले हुई थी।

इस मामले पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद की जाएगी।

पटना में प्रस्तावित ट्रामा सेंटर को सरकारी मंजूरी मिलने के 5 वर्ष बाद भी शुरू नहीं किए जाने के मामले पर पटना हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव और पटना के डीएम को 14 फरवरी,2023 को कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया

पटना जिले की विक्रम ब्लॉक में प्रस्तावित ट्रामा सेंटर को सरकारी मंजूरी मिलने के 5 वर्ष बाद भी शुरू नहीं किए जाने के मामले पर पटना हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की।

कोर्ट ने इस मामलें पर सख्त रुख अपनाते हुए स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव और पटना के डी एम को 14 फरवरी,2023 को कोर्ट में उपस्थित हो कर स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया।

ए सी जे चक्रधारी शरण सिंह और जस्टिस मधुरेश प्रसाद की खंडपीठ ने रजनीश कुमार तिवारी की जनहित याचिका पर सुनवाई की।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने हैरानी जताया कि 2016 से लंबित या मामला अभी तक अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर सका। याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया की सरकार द्वारा प्रस्तावित सुपर स्पेशलिटी ट्रामा सेंटर सह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना के लिए अक्टूबर 2016 से ही यह प्रस्तावित है।

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केंद्र का निर्माण लंबित है। पिछली सुनवाई 9 जनवरी को हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को निर्देश दिया था कि जमीन चिन्हित होते के 3 दिनों के अंदर ट्रामा सेंटर को स्थापित करने की कार्रवाई शुरू कर देनी होगी।

आज सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता एसडी यादव ने कोर्ट को बताया कि जमीन चिन्हित कर लिया गया है।कोर्ट ने राज्य सरकार से स्पष्ट कहा था कि 3 दिन के अंदर सेंटर शुरू किया जाए, इस पर सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला।

इस मामलें पर अगली सुनवाई 14फरवरी,2023 को की जाएगी।

आनंद मोहन की रिहाई के लिए पहल करे नीतीश सरकार: सुशील मोदी

पटना । पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जब राजीव गाँधी की हत्या में दोषी पाए गए लोगों को रिहा किया जा सकता है, तब पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई भी संभव है और इसके लिए राज्य सरकार को कानून का पालन करते हुए गंभीरता से पहल करनी चाहिए।

  • राजीव हत्याकांड के दोषी बरी हो सकते हैं, तो आनंद मोहन क्यों नहीं?
  • कृष्णैया हत्याकांड में सीधे उनकी कोई भूमिका नहीं थी

श्री मोदी ने कहा कि यद्यपि कृष्णैया हत्याकांड में भीड़ को उकसाने या हत्या के अपराध में आनंद मोहन सीधे तौर पर दोषी नहीं थे, फिर भी उन्हें उम्र कैद की सजा हुई। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा को बरकरार रखा।

उन्होंने कहा कि आनंद मोहन जब 14 साल से अधिक की सजा काट चुके हैं और बंदी के रूप में उनका आचरण भी अच्छा रहा है, तब उन्हें रियायत देकर रिहा करने के कानूनी विकल्पों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाना चाहिए।

श्री मोदी ने कहा कि आनंद मोहन एनडीए के पुराने साथी रहे। उन्होंने नीतीश कुमार के साथ मिल कर चुनाव लड़ा था।

उन्होंने कहा कि एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना आनंद मोहन जी के जीवन और परिवार पर बहुत भारी पड़ी। उन्हें मुक्ति मिलनी चाहिए ताकि वे सार्वजनिक जीवन में योगदान कर सकें।

बिहार में एयरपोर्ट के स्थापित करने, विकास, विस्तार और सुरक्षा से जुड़े मामलों पर सुनवाई पटना हाइकोर्ट ने की

पटना हाइकोर्ट ने राज्य में एयरपोर्ट के स्थापित करने,विकास,विस्तार और सुरक्षा से जुड़े मामलों पर सुनवाई की। एसीजे जस्टिस सी एस सिंह की खंडपीठ ने इन मामलों पर सुनवाई की।

कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से ये बताने को कहा कि राज्य में नए एयरपोर्ट बनाए जाने के मामलें क्या कार्रवाई की गई। दोनों सरकारों को बताने को कहा गया कि वे बताए कि इनके सम्बन्ध में क्या प्रस्ताव बना रहे है।

कोर्ट ने उन्हें ये भी बताने को कहा कि क्या वे नए एयरपोर्ट के निर्माण के लिए उन्हें चिन्हित करने की कार्रवाई की है।कोर्ट ने ये जानना चाहा कि इन नए एयरपोर्ट के निर्माण के लिए उनकी क्या योजना है।

साथ ही कार्यरत एयरपोर्ट पटना,गया,बिहटा और दरभंगा के एयरपोर्ट के विकास,विस्तार और सुरक्षा के लिए केंद्र और राज्य सरकारों की क्या योजना है।बहुत सारी सुविधाओं की कमी है।इन्हें बेहतर बनाने के क्या कार्रवाई की जा रही है।

इससे पूर्व में हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए केंद्र और राज्य सरकार को पटना और बिहटा में एक ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाने पर विचार करने को कहा था। तत्कालीन चीफ संजय करोल की खंडपीठ ने इस सम्बन्ध में अभिजीत कुमार पाण्डेय की जनहित याचिका पर फैसला सुनाया था।

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ये राज्य में पहला मामला है, जिसमें कोर्ट ने राज्य में एक ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाने पर विचार करने का निर्देश दिया था।

इस मामलें पर पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत करते हुए कहा था कि कई अन्य राज्यों में कई ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट है, लेकिन बिहार में एक भी ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट नहीं है।जबकि ये बहुत ही आवश्यक और उपयोगी है।

कोर्ट ने केंद्र सरकार की इस दलील को अस्वीकार दिया था कि राज्य में एयरपोर्ट के निर्माण का मामला जनहित के अंतर्गत नहीं है।कोर्ट ने कहा कि छोटे एयरपोर्ट पर बड़े हवाई जहाज कैसे आ सकते है।

कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि राज्य की जनता को विकसित और सुरक्षित हवाई यात्रा की सुविधा दिया जाना मौलिक अधिकारों के अंतर्गत आता है।केंद्र और राज्य सरकार इन्हें विकसित और सुरक्षित हवाई यात्रा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

इस मामलें पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद की जाएगी।

RJD बताये झारखंड में पिछड़ों को आरक्षण दिये बिना क्यों हुए पंचायत चुनाव: सुशील कुमार मोदी

पटना । पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि झारखंड में राजद के समर्थन से चलने वाली झामुमो सरकार जब पंचायत-निकाय चुनावों में पिछड़ों को आरक्षण देने और जातीय जनगणना कराने से कतरा रही है, तब तेजस्वी प्रसाद यादव बताएँ कि उनकी पार्टी सरकार के साथ क्यों है?

  • राजद समर्थित सोरेन सरकार ने क्यों नहीं करायी जातीय जनगणना?
  • लालू प्रसाद झारखंड के विरोधी रहे, चारा घोटाला कर आदिवासियों को लूटा

श्री मोदी ने कहा कि झारखंड में पिछड़ी जातियों को बिना आरक्षण दिये पंचायत चुनाव कराये गए और इसी तरह नगर निकाय चुनाव कराने की तैयारी है।

श्री मोदी ने कहा कि जब देश के सभी राज्यों ने पिछड़ों को आरक्षण देकर निकाय चुनाव कराये, तब झारखंड के साथ अन्याय क्यों किया जा रहा है?

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उन्होंने कहा कि बिहार में भाजपा के समर्थन से जातीय जनगणना कराने का निर्णय हुआ और यह काम शुरू भी हुआ, लेकिन झारखंड में जातीय जनगणना क्यों नहीं करायी जा रही है?

श्री मोदी ने कहा कि जब झामुमो जातीय जनगणना के पक्ष में है और उसके प्रतिनिधि भी इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री से भेंट करने वाले सर्वदलीय शिष्टमंडल में शामिल थे, तब सोरेन सरकार जातीय जनगणना से क्यों भाग रही है?

उन्होंने कहा कि राजद अलग झारखंड राज्य के गठन का प्रबल विरोधी था और लालू प्रसाद ने धमकी दी थी कि बिहार का बंटवारा उनकी लाश पर होगा। आज वे किस मुँह से झारखंड के हितैषी बन रहे हैं?

श्री मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद ने बिहार में झामुमो की मदद से अपनी सरकार बचाने की मजबूरी में अलग झारखंड की मांग का समर्थन किया था।

उन्होंने कहा कि लालू राज में गरीब आदिवासियों को लूटने के लिए चारा घोटाला हुआ था। इसके सभी पांच मामलों में लालू प्रसाद को सजा हुई।

बिहार बोर्ड (BSEB) की 10 वीं की परीक्षा 14 फरवरी से शुरू, परीक्षा से पहले जानें नए नियम

पटना । बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, पटना की मैट्रिक की परीक्षा 14 फरवरी से शुरू होने वाली है। मैट्रिक (10 वीं) की परीक्षा 14 फरवरी से शुरू होकार 22 फरवरी तक चलेगी ।

नए नियमों के अनुसार अब मैट्रिक की परीक्षा देने जा रहे परीक्षार्थियों को केंद्र पर आधे घंटे पहले पहुंचना होगा। अगर छात्र दिए गए समय पर परीक्षा केंद्र पर नहीं पहुंचते है तो उन्हें एंट्री नहीं मिलेगी ।

नए नियमों के मुताबिक मैट्रिक का एग्जाम सुबह की शिफ्ट 9.30 बजे से शुरू होगी। पहले शिफ्ट के परीक्षा के लिये केंद्र पर एंट्री का समय 9:00 बजे किया गया है। निर्धारित समय के बाद परीक्षा केंद्र पर कोई एंट्री नहीं होगी।

BSEB-10th-Exam

वही दोपहर की शिफ्ट यानि दूसरी शिफ्ट की परीक्षा 1.45 बजे से शुरू होगी। दुसरे शिफ्ट के परीक्षा के एंट्री का समय 1.15 बजे है। इस समय के बाद आने वाले परीक्षार्थियों को एंट्री नहीं मिलेगी।

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB), पटना ने इसकी जानकरी ट्विट करके दी है…

Latest Breaking Bihar News 12 February 2023: BJP नेता सुशील मोदी, बाहुबली नेता आनंद मोहन से उनके आवास पर मुलाकात की, बेटी की विवाह की दी शुभकामनाएं

Live News of Bihar – इस समय की बड़ी खबरें

  • सीवान : मुबारकपुर हत्याकांड का आरोपी सीवान से गिरफ्तार। SIT और पुलिस ने की संयुक्त कार्रवाई।
  • Bihar News: BPSC की प्रारंभिक परीक्षा आज से शुरु, जिला प्रशासन की ओर से सभी केंद्रों पर 200 मीटर की परिधि में लगाई गयी।
  • गोपालगंज: लूट के दौरान अपराधियों ने युवक को मारा चाकू, मीरगंज थाना के पिपरा पेट्रोल पंप के पास की घटना।
  • लखीसराय: पुलिस टीम पर हमला, फरार वारंटी अपराधी को पकड़ने गयी थी पुलिस।
  • Bihar News: BJP नेता सुशील मोदी, बाहुबली नेता आनंद मोहन से उनके आवास पर मुलाकात की, बेटी की विवाह की दी शुभकामनाएं।
  • कटिहार: कुरसेला में दो वाहनों की भीषण टक्कर, हादसे में 3 लोगों की मौके पर मौत।
  • मुजफ्फरपुर: 3 टाईम बम मिलने से शहर में सनसनी, जांच के लिए पटना से गई ATS की टीम।
  • Bihar News: बिहार के नए राज्यपाल बने राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर।
  • पूर्णिया: पांच साल की बच्ची के कथित बलात्कार और हत्या के मामले में एक नाबालिग सहित 3 लोग गिरफ्तार।
  • रांची: झारखंड की राजधानी रांची पहुंचे डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव; हेमंत सोरेन और तेजस्वी यादव की मुलाकात।
  • Bihar News: बिहार सरकार के गृह विभाग ने 3 IPS अफसरों का किया गया तबादला।
  • पटना : ह्यूमन ट्रैफिकिंग का खुलासा, RPF ने तीन नाबालिग बच्चियों का किया रेस्क्यू ।
  • पटना : IG विकास वैभव के ट्वीट पर सियासी घमासान तेज; बिहार डीजी शोभा अहोतकर ने आईजी विकास वैभव को किया शो-कॉज।
  • Bihar News: बिहार प्रशासनिक सेवा के 26 अधिकारियों का तबादला किया गया । उप सचिव स्तर एवं अपर समाहर्ता स्तर केअधिकारियों का तबादला।
  • Bihar News: नीतीश कैबिनेट में 18 एजेंडों पर मुहर; कंप्यूटर शिक्षक के पदों के सृजन की दी गई स्वीकृति।
  • पटना: मगध यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति राजेंद्र प्रसाद ने किया सरेंडर। उनके खिलाफ कई प्रकार के भ्रष्टाचार सहित वित्तीय अनियमितता से जुड़े आरोप हैं ।
  • Bihar News: कर चोरी के सिलसिले में पटना में जद (यू) एमएलसी राधा चरण साह और उनके करीबी सहयोगी के परिसरों पर आयकर की छापेमारी जारी।
  • सहरसा: बाहुबली पूर्व सांसद आनन्द मोहन जेल से निकले बाहर। 15 दिनों के लिए पुत्री की विवाह के लिए मिला पेरौल।
  • Bihar News: शिक्षा मंत्री का बड़ा ऐलान, 7वें चरण की शिक्षक बहाली जल्द शुरू होगी । महीने भर के अंदर सातवें चरण की शिक्षक बहाली की नियोजन नियमावली जारी कर दी जाएगी।
  • Bihar News: बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने BSSC CGL 3 Exam 2022 रद्द कर दिया। रद्द की गयी परीक्षा पुनः दिनांक 05.03.2023 को संभावित है

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राष्ट्रीय लोक अदालत में सूचीबद्ध 385 मुकदमों में से 195 मुकदमों को निष्पादित किया गया

पटना हाई कोर्ट के समक्ष शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत में 385 मुकदमें सूचीबद्ध किए गए थे। इनमें 195 मुकदमों को निष्पादित किया गया (92 प्री – सिटींग में मिलाकर)।

इस प्रकार से कुल 195 मुकदमों को निष्पादित किया गया। 103 नेशनल लोक अदालत में और 92 प्री- सिटींग में। 195 मुकदमों में 81 रिट, 56 एमजेसी और 58 एम वी एक्ट से संबंधित मुकदमें।

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प्री- सिटींग 6 फरवरी और 7 फरवरी, 2023 को हुआ था। इस तरह से लोक अदालत में 103 और प्री- सिटींग में 92 मुकदमें निष्पादित किये गए।

Latest Breaking Bihar News of this hour: झारखंड की राजधानी रांची पहुंचे डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव; हेमंत सोरेन और तेजस्वी यादव की मुलाकात

Live News of Bihar – इस समय की बड़ी खबरें

  • Bihar News: बिहार सरकार के गृह विभाग ने 3 IPS अफसरों का किया गया तबादला।
  • रांची: झारखंड की राजधानी रांची पहुंचे डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव; हेमंत सोरेन और तेजस्वी यादव की मुलाकात।
  • भागलपुर: आज भागलपुर में CM नीतीश कुमार की समाधान यात्रा। लोगो से करेंगे मुलाकात, विकास कार्यों का लेंगे जायजा।
  • गया: शुक्रवार देर रात्रि में जदयू जिला उपाध्यक्ष सुनील सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
  • पटना : ह्यूमन ट्रैफिकिंग का खुलासा, RPF ने तीन नाबालिग बच्चियों का किया रेस्क्यू ।
  • पटना : IG विकास वैभव के ट्वीट पर सियासी घमासान तेज; बिहार डीजी शोभा अहोतकर ने आईजी विकास वैभव को किया शो-कॉज।
  • Bihar News: बिहार प्रशासनिक सेवा के 26 अधिकारियों का तबादला किया गया । उप सचिव स्तर एवं अपर समाहर्ता स्तर केअधिकारियों का तबादला।
  • बिहार दौरे पर संघ प्रमुख आज भागलपुर में, बाबा रामदेव भी रहेंगे साथ ।
  • छपरा: मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी 2 लाख घूस लेते गिरफ्तार।
  • Bihar News: कर चोरी के सिलसिले में पटना में जद (यू) एमएलसी राधा चरण साह और उनके करीबी सहयोगी के परिसरों पर आयकर की छापेमारी जारी।
  • पटना: राजधानी पटना में बेखौफ हुए बदमाश, सरेआम की फायरिंग । बदमाशों ने महिला समेत 4 लोगों को मारी गोली।
  • नालंदा : युवक की पीट-पीट कर हत्या के विरोध में हंगामा। परिजनों और ग्रामीणों ने बिहारशरीफ चंडी मार्ग पर लगाया जाम।
  • Bihar News: नीतीश कैबिनेट में 18 एजेंडों पर मुहर; कंप्यूटर शिक्षक के पदों के सृजन की दी गई स्वीकृति।
  • छपरा : मुबारकपुर कांड में अब 10 फरवरी तक बंद रहेगी इंटरनेट सेवा । बढ़ते तनाव के मद्देनज़र 23 सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर अब 10 फरवरी तक बैन लगा दिया गया है।
  • पटना: मगध यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति राजेंद्र प्रसाद ने किया सरेंडर। उनके खिलाफ कई प्रकार के भ्रष्टाचार सहित वित्तीय अनियमितता से जुड़े आरोप हैं ।
  • सहरसा: बाहुबली पूर्व सांसद आनन्द मोहन जेल से निकले बाहर। 15 दिनों के लिए पुत्री की विवाह के लिए मिला पेरौल।
  • Bihar News: शिक्षा मंत्री का बड़ा ऐलान, 7वें चरण की शिक्षक बहाली जल्द शुरू होगी । महीने भर के अंदर सातवें चरण की शिक्षक बहाली की नियोजन नियमावली जारी कर दी जाएगी।
  • Bihar News: बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने BSSC CGL 3 Exam 2022 रद्द कर दिया। रद्द की गयी परीक्षा पुनः दिनांक 05.03.2023 को संभावित है

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पटना हाईकोर्ट ने बगैर प्राथमिकी दर्ज किए ही याचिकाकर्ताओं के घर में बांस के सहारे जहानाबाद के पुलिसकर्मियों के घुसने और मारपीट करने के मामले में सुनवाई की

पटना हाईकोर्ट ने बगैर प्राथमिकी दर्ज किए ही याचिकाकर्ताओं के घर में बांस के सहारे जहानाबाद के पुलिसकर्मियों के घुसने और मारपीट करने के मामले में सुनवाई की। जस्टिस चन्द्रशेखर झा ने अधिवक्ता जय प्रकाश और कमला कुमारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए जहानाबाद के एसपी और घोसी पुलिस स्टेशन के एसएचओ को 14 फरवरी,2023 को तलब किया है।

याचिकाकर्ताओं की ओर से बताया कि याचिकाकर्ता नंबर – 1 हाई कोर्ट के अधिवक्ता हैं और याचिकाकर्ता नंबर 2 उनकी मां हैं, जो जहानाबाद में एक साथ रहते हैं।

याचिकाकर्ता जय प्रकाश का अपनी पत्नी के साथ कुछ मतभेद हो गया था, जिसकी सूचना पत्नी द्वारा स्थानीय पुलिस को दी गई थी। इसके बाद पुलिस द्वारा कथित रूप से जय प्रकाश के घर पर 29 दिसंबर, 2022 को 4 बजे सुबह में बगैर किसी नोटिस के रेड किया गया था।

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जय प्रकाश को जबरन पुलिस थाना लाकर घोसी थाना के एसएचओ और अन्य पुलिसकर्मियों द्वारा बुरी तरह से पिटाई की गई थी।साथ ही धमकी भी दी गई थी। कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक को मामले की जांच कर बंद लिफाफे में रिपोर्ट देने का आदेश दिया है।

कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के सुरक्षा सुनिश्चित करने को भी कहा है। इस मामले में आगे की सुनवाई अब आगामी 14 फरवरी,2023 को की जाएगी।

पटना हाइकोर्ट ने BASA ( बिहार एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस एसोसिएशन) के निबंधन रद्द करने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की

पटना हाइकोर्ट ने BASA ( बिहार एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस एसोसिएशन) के निबंधन रद्द करने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की। जस्टिस पूर्णेन्दु कुमार सिंह ने याचिका पर सुनवाई करते हुए बासा के सदस्य को मुख्य सचिव की उपस्थिति में आईएएस अधिकारी के के पाठक के साथ बैठक कर आपसी सहमति से हल निकाले।

कोर्ट ने यह भी उम्मीद जाहिर की कि निबंधन रद्द करने के आदेश पर अगली सुनवाई (28 फरवरी,2023) तक कार्रवाई नहीं की जाएगी।

आईएएस अधिकारी के के पाठक वर्तमान में बिहार सरकार के उत्पाद, मध निषेध और निबंधन विभाग में अपर मुख्य सचिव के पद पर कार्य कर रहे हैं।पिछले दिनों उनका बासा के अधिकारियों के साथ मतभेद हो गया था।बासा के अधिकारियों ने उनका बहिष्कार किया था।

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कोर्ट ने के के पाठक के अधिवक्ता नरेश दीक्षित के सकारात्मक पहल को सराहा।उन्होंने कोर्ट को बताया कि श्री पाठक इस बैठक में शामिल होने की सहमति दे दी है।ये बैठक 16फरवरी,2023 को या इसके बाद सुविधा के अनुसार की जा सकती है।

अधिवक्ता दीक्षित ने श्री पाठक से टेलीफोन पर विचार कर कोर्ट को उनकी सहमति की जानकारी दी।इस मामलें पर अगली सुनवाई 28फरवरी, 2023 को होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) द्वारा ऑल इंडिया बार एग्जाम लिये जाने को सही ठहराया

सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) द्वारा ऑल इंडिया बार एग्जाम लिये जाने को सही ठहराया है। जस्टिस संजय किशन कॉल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस ए एस ओका, जस्टिस विक्रम नाथ व जस्टिस जे के माहेश्वरी की संवैधानिक पीठ ने ये आदेश को पारित किया।

सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट रूप से कहा है कि आल इंडिया स्तर पर बार की परीक्षा एनरोलमेंट के पहले लिया जाना चाहिए या बाद में, इस मामले में बीसीआई निर्णय ले सकता है।

इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने वी सुधीर बनाम बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया के मामले में इस निर्णय को भी खारिज कर दिया, जिसमें यह कहा गया था कि विधि का व्यवसाय करने वाले के ऊपर एडवोकेट एक्ट की धारा 24 में दिये गए प्रावधान के अलावे कोई अन्य शर्त नहीं लगाया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि एडवोकेट एक्ट द्वारा इस तरह के नियमों को बनाने के लिए बीसीआई को पर्याप्त शक्तियां दी गई है।

Supreme Court
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संवैधानिक पीठ की अध्यक्षता करने वाले सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस एस के कॉल ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को देते हुए कहा कि इस निर्णय का प्रभाव यह होगा कि अब यह बीसीआई के ऊपर निर्भर करेगा कि आल इंडिया बार की परीक्षा को एनरोलमेंट के बाद लेता है या पहले।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष बीसीआई का पक्ष रखने का काम बीसीआई अध्यक्ष सह वरीय अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा ने किया। गौरतलब है कि भारत में विधि व्यवसाय करने के लिए विधि स्नातक को आल इंडिया बार की परीक्षा पास करनी होती है।