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Breaking News of Bihar

हिना शहाब पर नीतीश खेल सकते हैं दाव

आरसीपी सिंह के राज्यसभा जाने को लेकर अभी भी संशय बरकरार है आज भी नीतीश कुमार पटना से बाहर रहेंगे वैसे नीतीश कुमार अक्सर शनिवार को ही बड़े फैसले लेते रहे हैं। इस बीच नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह के बीच हुए मुलाकात को लेकर एक सूचना ये आ रही है कि नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह से पुछा है कि आपने मीडिया में जो बयान दिया है कि नीतीश जी के सहमति से मंत्रिमंडल में शामिल हुए थे ये सही है क्या ऐसा क्यों बोल रहे हैं।        

ललन जी बताइए इनके मंत्री बनने को लेकर मैंने सहमति दिया था क्या जिस समय मंत्रिमंडल में शामिल होने की बात हो रही थी आप थे और वशिष्ठ भाई थे मैंने ऐसा कुछ कहा था क्या, आपको इस तरह से मीडिया में नहीं बोलना चाहिए था।  जानकार भी बता रहे हैं कि इसी नाराजगी की वजह नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से हटाया था ऐसा नहीं है पहले भी दो पद पर रहते हुए जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर नीतीश कुमार और शरद यादव रहे हैं।         

 1—नीतीश कुमार आरसीपी सिंह को लेकर असहज क्यों हैं   बिहार की राजनीति पर नजर रखने वाले विशेषज्ञ भी मानते हैं कि आरसीपी सिंह के मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद नीतीश और आरसीपी सिंह के बीच दूरी बढ़ी है ऐसा कई मौके पर देखने को मिला है वही जब से राज्यसभा सीट को लेकर चर्चा शुरू हुई है उसके बाद से नीतीश कुमार की जो गतिविधि रही है वो सारी गतिविधि आरसीपी सिंह के विरुद्ध रहा है ।        

 राज्यसभा सीट को लेकर उम्मीदवार के चयन का अधिकार खुद लेना फिर ऐसे विधायक जिनका आरसीपी सिंह से बहुत ही करीबी का रिश्ता रहा है उससे साफ साफ यह पूछना की आरपीसी सिंह को लेकर आपकी कोई राय तो नहीं है फिर किंग महेंद्र जिनका कार्यकाल बचा हुआ था उसके परिवार वाले चाह भी रहे थे जिस आधार पर  किंग महेंद्र को राज्यसभा भेजा जाता है वो पूरा करेगा फिर भी नीतीश नहीं माने और अनिल हेगड़े को राज्यसभा भेज दिये जबकि इस सीट के सहारे बिहार के भूमिहार राजनीति को साधा जा सकता है जो आज कल नीतीश से नाराज चल रहा है ।           

लेकिन नीतीश कुमार ने अनिल हेगड़े को टिकट देकर राजनीति में शुचिता का एक लकीर खींचने की कोशिश ,इसके अलावे इस बीच कई ऐसे मौके आये है जिस दौरान नीतीश आरसीपी सिंह से दूरी बना रहे हैं ऐसा देखने को मिला है ।चाहे वो नीतीश कुमार के पारिवारिक सदस्य हरेन्द्र कुमार के बेटे की शादी का मौका रहा हो चाहे बेटे हरेन्द्र सिंह के बेटे के रिसेप्शन का मौका रहा हो या फिर विजय चौधरी के बेटे की शादी का मौका रहा हो इसके अलावा भी कई ऐसी बात हुई हो जो दिखा रहा है कि नीतीश आरसीपी सिंह को लेकर सहज नहीं है।

2—आरसीपी सिंह के विभीषण बनने पर क्या नुकसान हो सकता है उसके आकलन में लगे है नीतीश  एक ये भी चर्चा है कि नीतीश कुमार आरसीपी सिंह को हटाने का निर्णय लेते हैं तो क्या क्या नुकसान हो सकता है इसके मूल्यांकन की वजह से नीतीश राज्यसभा सीट पर उम्मीदवार कौन हो इसको लेकर वक्त ले रहे हैं हालांकि नीतीश कुमार उम्मीदवार चयन में जितना वक्त ले रहे हैं उसका असर यह हो रहा है कि आरसीपी सिंह के समर्थक भाषाई मर्यादा तक तोड़ दिया है ।              

सोशल मीडिया पर आरसीपी सिंह के करीबी ललन सिंह को निशाने पर ले रहे हैं, नीतीश पर भी हमला बोल रहा है, सीबीआई का डर दिखाया जा रहा है ऐसे में नीतीश अंतिम क्षण में आरसीपी सिंह को टिकट देते भी हैं तो पार्टी को एकजुट रखना नीतीश के लिए मुश्लिक हो जायेगा ।         

वही आरसीपी सिंह का टिकट काटना का फैसला भी नीतीश के लिए बहुत ही मुश्किल भरा निर्णय होगा क्यों कि आरसीपी सिंह नीतीश कुमार के राजदार रहे हैं उन्हें नीतीश कुमार की खासियत और कमजोरी सब पता है ऐसे में नीतीश के लिए आरसीपी सिंह को बाहर का रास्ता दिखाना इतना आसान नहीं होगा क्यों कि आरसीपी सिंह बाहर होते हैं जो बीजेपी के नीतीश कुमार के घर का दूसरा ऐसा विभीषण मिल जायेंगा जिसके पास नीतीश कुमार के हर राजनीतिक दांव और ताकत की जानकारी है इसलिए आरसीपी सिंह को राज्यसभा का टिकट काटना नीतीश के लिए बहुत आसान नहीं होगा ।

 वैसे आरसीपी सिंह गये तो यह तय है कि नीतीश 2024 से पहले बीजेपी के खिलाफ मैदान में उतर सकते हैं लेकिन यहां समस्या यह है कि नीतीश के इस फैसले के साथ ललन सिंह ,संजय झा और अशोक चौधरी जैसे मिडिल ऑर्डर के खिलाड़ी खड़े नहीं होंगे ये भी एक संकट है ऐसे में नीतीश कुमार के सामने विकल्प बहुत ही सीमित है लेकिन इतना तय है इस परिस्थिति में भी नीतीश अगर आरसीपी सिंह को टिकट से वंचित कर देते हैं तो यह तय है कि नीतीश कुमार 20-20 के अंदाज में राजनीतिक पारी खेल सकते हैं क्यों इनके पास खोने के लिए अब कुछ नहीं बचा है ।

नीतीश के पजल गेम में उलझा बिहार आरसीपी सिंह के राज्यसभा जाने पर अभी भी संशय बरकरार

समझें तो जाने जी है इस समय बिहार जिस राजनीति के दौर से गुजर रहा है वो किसी पजल गेम से कम नहीं है ।
बिहार के सामने आरसीपी सिंह राज्यसभा जायेंगे या नहींं जायेंगे यही पजल गेम है। ऐसा पहली बार हो रहा है जब पजल गेम के एक से एक माहिर खिलड़ी भी दो राहे पर आकर खड़े हो जा रहे हैं और तय नहीं कर पा रहे हैं कि आरसीपी सिंह जायेंगे या नहीं जायेंगे मैं तो यह दावे के साथ कह सकता हूं कि आरसीपी सिंह जायेंगे या नहीं जायेंगे ये बात ललन सिंह और उपेन्द्र कुशवाहा को भी पता नहीं है ।

हां अटकल जरुर लगा सकते हैं पिछले 24 घंटे के दौरान इस पजल गेम को साँल्भ करने की दिशा में इस तीन तस्वीर की सहायता ली जा सकती है ।

1–पहली तस्वीर है आरसीपी सिंह और नीतीश कुमार के बीच मुलाकात की आरसीपी सिंह पीले रंग के फाइल के अंदर लिखी गयी मजमून को पढ़ रहे हैं और नीतीश कुमार सुन रहे हैं नीतीश के चेहरे के भाव से आप कयास लगाइए क्या पढ़ रहे थे आरसीपी सिंह

2–दूसरी तस्वीर है मंंत्री विजय चौधरी के बेटे के शादी समारोह का मुख्यमंत्री सहित जदयू के अधिकांश मंत्री जब चले गये तब आरसीपी सिंह पहुंचे थे और हाल यह था कि जदयू का कार्यकर्ता भी साथ चलने से कतरा रहे थे।

3–तीसरी तस्वीर पंडित जवाहरलाल नेहरू के पूण्यतिथि पर आयोजित राजकीय समारोह का है इस कार्यक्रम में मंत्री शीला मंडल मुख्यमत्री नीतीश कुमार के बगल में बैठी हैं ,शीला मंडल आरसीपी सिंह के खासे करीब हैं उन्हें के कहने पर टिकट दिया गया था और पहली बार विधायक बनने के बाद मंत्री भी आरसीपी सिंह के ही कोटे से बनी थी। शीला पहली बार किसी राजकीय कार्यक्रम में नीतीश के साथ मंच पर देखी गयी है इस का तस्वीर मतलब निकाले पजल गेम साँल्भ करो ।

इस पजल गेम को लेकर कुछ इनपुट भी है शायद आपको साँल्फ करने में मदद करे
1–इधर राज्य सरकार के सीनियर अधिकारियों का मानना है कि आरसीपी सिंह राज्यसभा जरुर जायेंगी ज्यादा उड़ने लगे थे हैसियत बता दिया गया ।

2–आज आरसीपी सिंह चुनाव आयोग के रिटायर उप निर्वाचन पदाधिकारी बैजनाथ कुमार मिलने पहुंचे हैं कहा जा रहा है कि नॉमिनेशन फॉर्म भरने आये हैं ।

हाहहाहहाहाहा मजा आ रहा है ना आरसीपी पजलगेम को साँल्भ करने में ।वैसे इस खेल में अब बचा कुछ नहीं है बस देखना यही है कि इस गेम के निर्माता के रीढ़ में ताकत बची है की नहीं ।

आज का औरंगजेब कौन

कोई 1 वर्ष पहले मैंने अपने फेसबुक वॉल पर मोदी जी की तुलना औरंगजेब से की थी.

इस संदर्भ में कि शताब्दियों बाद भारत में औरंगजेब की तरह काम करने वाला कोई शासक फिर से आया है .
औरंगजेब में बहुत सारी खूबियां थीं , अच्छाइयां भी थी। परंतु लोगों को धार्मिक चश्मे से बांटकर देखने वाली बुराई ऐसी थी जो उसके तमाम गुणों पर भारी पड़ गई ।

यही बात मोदी जी के साथ भी है। उनमें कई गुण और अच्छाइयां मिल जाएंगी। परन्तु इन सब पर समाज को कई भागों में बांट कर देखने वाली उनकी नजर , इस कदर हावी है ,कि उनके प्रभाव से एक राष्ट्र के रुप में भारत की बुनियाद ही टूट और बिखर रही है।
वास्तव में सत्ता का नजरिया बहुत ही ताकतवर होता है। और होता है तो बहुत खतरनाक भी।

असल में समाज ही तो सत्ता का निर्माता है , आधार है। समाज ही टूट गया तो सत्ता का बिखर जाना तय है ।
दूसरे ही क्षण वह लोगों के सर को तोड़ती हुई गिरेगी, और अराजकता के धुंध में लोग लापता होने लगेंगे ।

आज हमारा संविधान उपेक्षित है हमारी संसद श्रीहिन हो चुकी है । सांसद महत्वहीन है । चुनाव आयोग ,आदेश पालक हो गया है । सीएजी अपनी सार्थकता बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है ।मानवाधिकार आयोगअपमानित है। दिशाहीन शिक्षा जगत अधोगति कीतरफ़ जा रहा है । सर्वोच्च न्यायालय पूरी तरह मुख्य न्यायाधीश के व्यक्तिगत चरित्र की दृढ़ता पर आधारित है।

लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए बनाई गई प्रत्येक संवैधानिक संस्था का मनोबल तोड़ दिया गया है। आखिर ये ही तो वे ईंटें हैं जिन्होंने हमारे राष्ट्र राज्य की बुनियाद को बनाया है।

इधर हमारे एक अनजान मित्र प्रियदर्शन ने नए औरंगजेबों की चर्चा की है। हजारों की संख्या में ये नए औरंगजेब पुराने औरंगजेब से बदला लेने निकल पड़े हैं। बहुत अच्छा आलेख है ।

मेरे लिए यह संदर्भ जयप्रकाश जी से जुड़ा हुआ है । जेपी ने कहा था कि भ्रष्टाचार की गंगोत्री ऊपर होती है ।
यानी सत्ता का शीर्ष जब भ्रष्ट होता है तो भ्रष्टाचार वहीं से नीचे उतरता हुआ समाज में फैल जाता है ।

यही बात समाज तोड़क नजरिये वाली सत्ता पर भी लागू है । नफरत का जहर सत्ता के शीर्ष से ही बहता हुआ नीचे आता है। हजारों औरंगजेब पैदा हो जाते हैं। हम नीचे रिहायशी समाज मे आपसी नफरत से भर जाते हैं । मारते हैं और मरते हैं ।

ऊपर की सत्ता शांति से नफरत की बंसी बजाती है ।
लेखक–कुमार शुभमर्ति

जातीय जनगणना को लेकर शिवानंद तिवारी ने ली चुटकी कहा नीतीश के सामने बीजेपी ने टेका घुटना

नीतीश कुमार ने अपना मक़सद पुरा कर लिया. देश में अमीर और गरीब, दो ही जातियाँ हैं, यह बोलने वाली भाजपा अब नीतीश जी के साथ जातियों की गिनती करायेगी.

यही तो नीतीश चाहते थे. ऐसा नहीं है कि भाजपा का हृदय परिवर्तन हो गया है इसलिए वह जातिय जनगणना के लिए तैयार हो गई है. दरअसल भाजपा के सामने 2024 का लोकसभा चुनाव है. उसके लिए अभी से उसकी गोलबंदी शुरू हो चुकी है.

नीतीश कुमार ने बहुत चतुराई से इसका लाभ उठाया. इफ़्तार पार्टी ने अनुकूल मौक़ा दे दिया. संदेश चला गया कि ग़लतफ़हमी में मत रहिए. मेरे पास बना बनाया विकल्प है . 2015 के विधानसभा चुनाव में भाजपा नीतीश और लालू के संयुक्त ताक़त का परिणाम देख चुकी है.

आलाकमान का निर्देश आया और सर्वदलीय बैठक में शामिल होने का फ़ैसला हो गया. भाजपा ने एक कदम आगे और दो कदम पिछे नहीं बल्कि दो कदम आगे और एक कदम पिछे की रणनीति के तहत सर्वदलीय बैठक में शामिल होने का फ़ैसला किया. नीतीश जी को सिर्फ़ इसी से मतलब था. जातीय जनगणना के सवाल पर पिछले कुछ दिनों से चल रहे नाटक को देख कर जो लोग नई सरकार बनने की उम्मीद लगाए बैठे थे वे ज़रूर निराश हुए होंगे।

सोनू के बाद सोनी का बयान सरकार के मुश्किले खड़ी कर सकती है

एक पैर से दिव्यांग सीमा के पढ़ाई के जज्बे को जमुई डीएम ने किया सलाम।

सोनू के बाद सोनी ने बिहार सरकार की शिक्षा व्यवस्था और समाज कल्याण से जुड़ी योजनाओं का पोल खोल कर रख दिया है । सोनू ने बिहार की शिक्षा और शराबबंदी पर सवाल क्या खड़ा किया राज्य सहित पूरे देश में हंगामा खड़ा हो गया और अब एक पैर से दिव्यांग सीमा के पढ़ाई कैसे घर से एक किलोमीटर जाती है यह खबर वायरल क्या हुआ एक बार फिर से देश में हंगमा खड़ा हो गया और आज डीएम उनके गांव पहुंच कर ट्राइ साईकिल दिये हैं और अभिनेता सानू सूद मुबंई का टिकट भेजा है ताकी इसका पैर लगाया जा सके।

कोई चार वर्ष पहले सड़क दुर्घटना में सीमा एक पैर से दिव्यांग हो गई है। फतेहपुर गांव की 10 वर्षीय सीमा कुमारी के पिता ख़िरन मांझी और माता बेबी देवी मेहनत मजदूरी कर किसी तरह घर चलाते हैं। दुर्घटना की शिकार होने से पढ़ाई छोड़ देने वाली सीमा फिर से एक सप्ताह पहले ही उत्क्रमित मध्य विद्यालय फतेहपुर के कक्षा चार में नामांकित हुई है। अपने घर से एक किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित विद्यालय में वह पैदल ही पढ़ने जाती है।

दिव्यांग सीमा के जज्बे को जमुई डीएम ने सलाम करते हुए दिया ट्रायसाइकिल और प्रोत्साहन राशि दिया है।
उत्क्रमित मध्य विद्यालय फतेहपुर में कार्यरत शिक्षक गौतम गुप्ता ने बताया एक पैर से दिव्यांग सीमा अपने जज्बे के दम पर प्रतिदिन विद्यालय में पढ़ाई के लिए आती है। डीएम साहब को जानकारी दिया हूं विद्यालय के लिए शीघ्र ही अतिरिक्त वर्ग कमरा निर्माण का भरोसा दिए हैं।

दिव्यांग सीमा की मां बेबी देवी ने बताया 4 साल पहले मेरी बेटी की सड़क दुर्घटना में एक पैर गवां देने के कारण पढ़ाई छूट गई थी । फिर से पढ़ने की बात करने पर उसे एक सप्ताह पहले उत्क्रमित मध्य विद्यालय फतेहपुर में नाम दाखिल किया गया। मेरे पति बाहर मेरा कार मजदूरी का काम करते जिससे घर परिवार चलता है।

दिव्यांग सीमा से मिलने पहुंचे जमुई जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह ने कहा जानकारी मिलने के उपरांत सीमा से मिलने उसके घर पहुंचा हूं। सीमा को विद्यालय जाने में कठिनाई ना हो इसके लिए ट्रायसाइकिल और प्रोत्साहन राशि दिया गया है साथ ही सीमा के कच्चे घर को पक्का किया जाएगा एवं सीमा जिस विद्यालय में पढ़ रही है उस विद्यालय को और ब्यवस्थित किया जाएगा। दिव्यांग सीमा को आगे भी पठन-पाठन में कोई कठिनाई न हो इसके लिए जिला प्रशासन सदैव तत्पर रहेगी।

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए आज का दिन है अहम, सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी पर आज सुनवाई होगी

सीएम हेमंत सोरेन के करीबियों द्वारा सेल कंपनियों में निवेश और माइनिंग लीज मामले में झारखंड हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी पर आज सुनवाई होगी।

मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना और न्यायाधीश हिमा कोहली की खंडपीठ के समक्ष झारखंड सरकार की ओर से एसएलपी दाखिल की गयी थी।

जिसमें वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी की ओर से कहा गया था कि ईडी पीड़ित पक्ष को बिना नोटिस जारी किये हाइकोर्ट में सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट दाखिल कर दी।

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को खनन लीज आवंटन और सेल कंपनियों में निवेश मामले में सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को आंशिक सुनवाई हुई थी।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस एसआर भट्ट और जस्टिस एस धुलिया की अदालत ने राज्य सरकार की अपील याचिका को अवकाशकालीन पीठ में भेजते हुए 24 मई को सुनवाई की तिथि निर्धारित कर दी थी।

Supreme Court

आज सुबह 11 बजे झारखंड हाई कोर्ट में भी इस मामले में सुनवाई होनी है।

राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में ईडी की ओर से पेश सीलबंद रिपोर्ट पेश किए जाने और याचिका की वैधता के खिलाफ अपील दायर की है।

राज्य सरकार का पक्ष रखते हुए अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि यह मामला राज्य के मुख्यमंत्री से जुड़ा है और ईडी इस तरह सीलबंद रिपोर्ट अदालत में पेश नहीं कर सकती है।

कपिल सिब्बल ने कहा सीलबंद रिपोर्ट सरकार को भी दिया जाना चाहिए। बिना दस्तावेज सरकार किस आधार पर जवाब दाखिल करेगी।

आज सुप्रीम कोर्ट में इसी मुद्दे पर सुनवाई होनी है।

राबड़ी आवास सहित 15 ठिकानों पर सीबीआई की छपेमारी

आरआरबी मामले में छपेमारी,
पैसा लेकर नौकरी देने का मामला।
रेल मंत्री के दौरान 2004-2009 तक नौकरी में पैसा लेकर देने का मामला।

बिहार बीजेपी कांग्रेस के राह पर

बिहार बीजेपी कांग्रेस के राह पर

हाल ही बीजेपी के मीडिया प्रभारी द्वारा दिवा भोज का आयोजन किया गया था उसमें पार्टी के अधिकांश बड़े नेता मौजूद थे ।हंसी मजाक का दौर चल रहा था इसी दौरान बीजेपी के एक विधायक ने कहा कि संतोष जी इतना बड़ा लिखते हैं फिर भी पढ़ना पड़ता है आज कल हम लोगों के पीछे पड़े रहते हैं वैसे ये भी संघ परिवार से आते हैं।

तभी एक पूर्व विधायक और पार्टी के प्रवक्ता हंसते हुए उस बातचीत में शामिल हो गये और कहा संतोष जी जल्द ही हमारे साथ आ जायेंगे जिस दिन जदयू और भाजपा की सरकार राजद से हटने के बाद बनी थी उसी दिन इन्होंने कहा था आज से बीजेपी वीट छोड़ रहे हैं और अब हम आपके दफ्तर में उसी दिन आयेंगे जब आप विपक्ष में होंगे, क्या संतोष जी समय तो आ रहा है इतना कहना था कि हम सब लोग एक साथ हंसने लगे।

बात आयी गयी लेकिन कल बीजेपी के एक सीनियर नेता का फोन आया इनका फोन आने का मतलब होता है कुछ ना कुछ बात गंभीर है संतोष जी कैसे हैं ठीक है सर ये BPSC प्रश्न पत्र लीक मामला क्या है आर्थिक अपराध इकाई ने जो खुलासा किया है उससे आप सहमत है।

सर आर्थिक अपराध इकाई जो प्रेस रिलीज जारी किया है उससे बहुत कुछ स्पष्ट नहीं हुआ है सारी कार्यवाही उस गैंग के खिलाफ की गयी है जो प्रश्न पत्र का हल करके छात्रों को भेजता है लेकिन उस तक प्रश्न पत्र कहां से पहुंचता है ये अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है ,फिर वैशाली के जिस शिक्षक को आर्थिक अपराध इकाई गिरफ्तार किया है वही व्यक्ति रंजीत कुमार सिंह और छात्र नेता दिलीप को भी प्रश्न पत्र लीक होने कि सूचना दिया था, इसकी गिरफ्तारी समझ से पड़े हैं वैसे इसकी गिरफ्तारी बड़ी मछली के शामिल होने का भी इशारा कर रहा है।

चलिए नजर बनाये रखिए वैसे राज काज कैसा चल रहा है, सर आपसे बेहतर कौन जानता है लेकिन एक बात अब समझ में आने लगा है जो हाल बिहार में लालू प्रसाद के साथ रहते कांग्रेस का हुआ, वही हाल जदयू के साथ रहते बीजेपी का होते जा रहा है यह साफ दिखने लगा है ।

अरे संतोष जी क्या बात कर रहे हैं आपकी प्रतिक्रिया को हम लोग हलके में नहीं लेते हैं,सही कह रहे हैं सर आपका आधार वोट वैसे ही आपसे दूरी बनाये जा रहा है जैसे कांग्रेस से बना लिया। कैसे संतोष जी देखिए कहने को सुशासन और कानून का राज है व्यापारी वर्ग आज भी उसी तरह परेशान है जैसे लालू राज में परेशान था 15 वर्षो में जितने व्यापारी की हत्या हुई है उसका आंकड़ा उठा लीजिए और लालू प्रसाद के 15 वर्षो के कार्यकाल में जितने व्यापारी की हत्या हुई थी उसका आंकड़ा उठा लीजिए।

संतोष जी आप कुछ ज्यादा नहीं बोल रहे हैं सर ज्यादा बोलने कि बात कहां है 2020 के विधानसभा चुनाव के आंकड़े को देख लीजिए आपसे बनिया वोटर दूरी बना लिया है दूसरा आधार वोट आपका सवर्ण है वो भी बनिया की तरह ही छला हुआ महसूस कर रहा है ।नीतीश कुमार के 15 वर्षों के कार्यकाल में उन्हें क्या मिला पहले की तरह हर प्रतियोगिता परीक्षा में उसी तरह की गड़बड़ी हुई जिसके लिए लालू का राज बदनाम था ।

सांसद और विधायक के टिकट को लेकर आप देख लीजिए किस तरीके से सवर्णों का प्रतिनिधित्व एक साजिश की तहत कम की जा रही है और ऐसे नेता को आप लोग तवज्जो दे रहे हैं जिसका कोई सामाजिक आधार नहीं है , शिक्षा का हाल देख ही रहे हैं ,कब तक लालू का भय दिखा कर इसके मूलभूत अधिकार से वंचित करते रहिएगा। अधिकारियों के पोस्टिंग को ही देखिए लालू राज वाला ही नजरिया है यह कब तक सहता रहेंगा ।

ठीक है बोचहा उप चुनाव वाली बात मुख्य चुनाव में नहीं होगा लेकिन संकेत आपके लिए सही नहीं है । आपकी जिम्मेवारी बनती थी कि जो आपका परम्परागत वोटर है उसके अधिकारी के साथ खड़े रहे लेकिन ऐसा 15 वर्षो के दौरान कही नहीं देखने को मिला है । सवर्ण की नयी पीढ़ी है ये अब महसूस करने लगा है हिन्दू मुसलमान पर जीतना दिन खीच लीजिए हाल आपके पार्टी का भी कांग्रेस वाला ही होने वाला है यह साफ दिख रहा है वही जब से नित्यानंद के नाम की चर्चा शुरू हुई है उस दिन से तो सच में गांव गांव में चर्चा होना शुरू हो गया है कि नित्यानंद तो तेजस्वी क्यों नहीं ऐसे में ये दो आधार वोटर साथ छोड़ दिया तो फिर क्या होगा सोच लीजिए।

ऐसा नहीं है संतोष जी ये सही है कि 15 वर्षो के दौरान कुछ वर्ष को छोड़ दे तो हम लोग सरकार में रहे हैं उस दौरान इन लोगों का ख्याल नहीं रखा गया ऐसा नहीं है लेकिन सवाल यह है ना कि जितनी हिस्सेदारी बनेगी उतना ही मिलेगा ना । उसमें कोई कमी नहीं किया गया है लालू राज में क्या हाल था। सर लालू राज में हिंसा हुई हिंसा के बदले हिंसा हुई जन और धन का जो भी नुकसान हुआ हो लेकिन उस दौर में जो गांव छोड़कर बाहर निकला एक सच्चाई यह भी है कि आज वो पढ़ाई लिखाई और व्यापार में काफी आगे निकल गया है।

अभी तो हाल यह है कि कुछ बोल भी नहीं सकते लेकिन आक्रोश बढ़ रहा है इससे इनकार नहीं किया जा सकता और इसका असर चुनाव पर पड़ेगा संतोष जी आपकी ये बात सवर्णवादी मानसिकता को दर्शा रही है ऐसा नहीं है सर। और सब ठीक है संतोष जी सर ठीक है बच्चों का पढ़ाई लिखाई ठीक से चल रहा है जी सर ठीक है आते हैं पटना तो आइए मिलने बहुत दिन हो गया है आमने सामने बैठ कर बात किये हुए ,वैसे चिंता करने की बात नहीं है सब ठीक हो जायेगा हाहाहाहा ऐसा क्या है राजनीति आपकी खेती है मेरी नहीं जो दिख रहा है बस वही बोल रहा हूं वैसे आपकी मर्जी नमस्ते सर जल्द मिलते हैं ।

सुब्रत रॉय के गिरफ्तारी वारंट पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

सुब्रत रॉय के गिरफ्तारी वारंट पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

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पढ़ें सुप्रीम कोर्ट का आदेश

बीपीएससी प्रश्न पत्र लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई का साख लगा दाव पर

BPSC प्रश्न पत्र लीक मामले को लेकर आज मुख्य सचिव और बीपीएससी के अध्यक्ष की अध्यक्षता में बिहार के सभी डीएम के साथ बैठक हुई है जिसमें परीक्षा के स्वच्छ संचालन को लेकर विस्तृत चर्चा हुई है।वही दूसरी ओर आर्थिक अपराध इकाई का अनुसंधान एक जगह आकर ठहर गया है और अब सवाल खड़े होने लगे हैं कि आरा से गिरफ्तारी कही आई वास तो नहीं है।

वही आईएएस अधिकारी रंजीत कुमार सिंह भले ही प्रश्नपत्र लीक मामले में अपना संवैधानिक दायित्व के निर्वाहन की बात कर रहे हैं लेकिन सवाल यह उठना शुरू हो गया है कि एक आईएएस अधिकारी कैसे खुद कोचिंग चला सकता है और इसके लिए वो सरकार से अनुमति लिए हैं या फिर सर्विस कोड उन्हें यह करने कि अनुमति देता क्या है ।                        

बात पहले आरा से हुई गिरफ्तारी की करते हैं बरहरा के बीडीओ जयवर्धन गुप्ता ,वीर कुंवर सिंह कॉलेज के उप केंद्र अधीक्षक योगेंद्र प्रसाद सिंह, सहायक केंद्र अधीक्षक कुमार सहाय और परीक्षा उप नियंत्रक सुशील कुमार सिंह की गिरफ्तारी पर अब सवाल उठने लगे हैं क्यों कि जो आरोप लगाया जा रहा है कि ये सारे पदाधिकारी छात्रों को मदद करने के लिए दो तीन कमरे में पहले प्रश्न पत्र दे दिया  और अन्य कमरे में प्रश्न पत्र बाटा ही नहीं ।                        

आरा सेंटर पर हंगामा कर रहे छात्रों को समझाते पुलिस

इस संदर्भ में जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार आरा के उस केंद्र पर जितने छात्रों का सेंटर था उतना प्रश्न पत्र बीपीएससी द्वारा मुहैया ही नहीं कराया गया था जैसे ही झात हुआ आरा के उस सेंटर पर मौजूद अधिकारी ने तुरंत इसकी सूचना जिला मुख्यालय स्थिति नियंत्रण कक्ष को दिया।              

नियंत्रण कक्ष तुरंत प्रश्न पत्र भेजने कि बात करते हुए परीक्षा शुरू करने का निर्देश दिया,इसी निर्देश के आलोक में प्रश्न पत्र बांटना शुरू कर दिया गया था लेकिन प्रश्न पत्र जब तक आता तब तक दूसरे कमरे में प्रश्न पत्र का इन्तजार कर रहे छात्रों ने हंगामा शुरु कर दिया।                    

हंगामे की सूचना के बाद जब स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक पदाधिकारी आरा के उस परीक्षा केन्द्र पर पहुंचा उस समय छात्र चीख चीख कर कह रहा था कि कॉलेज वाले कुछ छात्रों को पहले प्रश्न पत्र देकर मदद पहुंचा रहा है उस समय डीएसपी और अनुमंडल पदाधिकारी मौजूद थे उन्होंने इतने गंभीर आरोप को अनसुना कैसे कर दिया  जबकि आरा पुलिस को एफआईआर दर्ज करके तत्काल छात्रों का बयान लेकर लाभ उठा रहे छात्रों को हिरासत में लेकर जांच उस दिशा में बढ़ानी चाहिए थी लेकिन आरा पुलिस ने ऐसा तो कुछ भी नहीं ।

आरा सेंटर पर मौजूद छात्र क्या कह रहे थे

आर्थिक अपराध इकाई तो घटना के 24 घंटे बाद एफआईआर दर्ज किया है इतने समय तक आरा पुलिस क्यों सोयी रही सवाल उठना लाजमी है ।हालांकि आर्थिक अपराध इकाई ने इन चारों को प्रश्न पत्र लीक मामले में गिरफ्तार नहीं किया है इन्हें सूचना प्रौद्योगिकी कानून और बिहार परीक्षा आचरण कानून, 1981 की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया है ।            

प्रश्न पत्र कम होने का मामला सिर्फ आरा में ही नहीं हुआ है बेगूसराय,अरवल सहित बिहार के एक दर्जन से अधिक जिलों में इस तरह प्रश्न पत्र छात्रों की संख्या से कम पहुंचा है और बाद में स्थानीय स्तर पर इसको मैनेज किया गया और यही वजह रही है कि कई जिलों के कई परीक्षा केन्द्र पर 12.45 मिनट पर परीक्षा शुरू हुआ है।          

जानकार बता रहे हैं कि अगर इस तरह की गड़बड़ी हुई है तो इसके लिए आयोग पूरी तरह जिम्मेदार है क्यों कि आयोग को पता है कि जिले के किस परीक्षा केन्द्र पर कितना छात्र परीक्षा दे रहा है और उस हिसाब से उन्हें प्रश्न पत्र मुहैया करना है ।

बिहार सरकार का साख एक बार फिर दाव पर

BPSC प्रश्नपत्र लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई की चुनौती लगातार बढ़ती जा रही है तो तथ्य सामने आ रहा हैं वो कही ना कही आरा वाले थ्योरी को कमजोर कर रहा है । क्यों कि परीक्षा के दौरान प्रश्न पत्र पहले वितरण करने को लेकर भले ही विवाद हुआ है ।

लेकिन प्रश्न प्रत्र के लीक होने के मामले में अभी भी आरा की भूमिका संंदिग्ध ही है क्यों कि प्रश्न पत्र लीक का मामला जैसे ही सामने आया वैसे ही छात्रों का फोन आना शुरु हो गया था मेरे पास जो साक्ष्य है उसके अनुसार प्रश्न पत्र जहां से भी लीक हुआ है वो समय है 10 बजकर 24 मिनट है,मतलब ट्रेजरी से निकलने के साथ ही प्रश्न पत्र लीक हो गया था गौर करने वाली है कि प्रश्न पत्र पीडीएफ फाइल में लीक किया गया है मतलब प्रश्न पत्र लीक करने वाला मानसिक तौर पर पहले से ही इसकी तैयारी में लगा हुआ था ।

आर्थिक अपराध इकाई ने जो प्राथमिकी दर्ज की है उसके अनुसार 67वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा प्रारंभ होने के निर्धारित समय से पहले ही प्रश्न सेट-सी का हिंदी प्रश्न पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो चुका था. यह भी बताया गया है कि बिहार लोक सेवा आयोग के परीक्षा नियंत्रक को प्रश्न पत्र की प्रति उनके मोबाइल नंबर 9472276281 पर किसी व्यक्ति द्वारा मोबाइल नंबर 9472343001 से उन्हें दिनांक 8 मई 2022 को 11:43 बजे पूर्वाह्न में भेजा गया था।

BPSC Paper

वैसे 947234001नंबर से परीक्षा नियंत्रक अमरेंद्र कुमार को प्रश्न पत्र की कांपी के साथ लीक होने का मैसेज आया था वो नंबर बिहार पंचायती राज के निदेशक और चर्चित आईएएस रंजीत कुमार सिंह का है।एक बात और गौर करने वाली है कि आर्थिक अपराध इकाई की एफआईआर कॉपी से एक बात और स्पष्ट होती है कि आरा में हंगामा शुरू होने से पहले ही बीपीएससी के दफ्तर में पेपर लीक की खबर मिल गई थी. आरा में हंगामा लगभग सवा 12 बजे यानी कि 12:15 के बाद शुरू हुआ जबकि उससे आधा घंटा पहले ही बीपीएससी के परीक्षा नियंत्रक के पास पेपर की कॉपी पहुंच गई थी वैसे प्रश्न पत्र 10.24 मिनट पर ही छात्रों के पास पहुंच गया था ।

ऐसे में आरा पर प्रश्न पत्र लीक करने का ठीकरा फोड़ना जल्दबाजी होगा वैसे एक और बड़ा सवाल है जिसका जबाव आरा डीएम को देना चाहिए क्यों कि मान्यता प्राप्त कांलेज में 10 वीं या 12वीं के परीक्षा का सेंटर बनाया जाता है तो परीक्षा नियंत्रक किसी ना किसी सरकारी स्कूल और सरकारी कांलेज के शिक्षक या फिर प्रोफेसर को बनाया जाता है ऐसे में बीपीएससी जैसे महत्वपूर्ण परीक्षा में किस परिस्थिति में परीक्षा पूरी तौर पर मान्यता प्राप्त कांलेज के प्रोफेसर और प्रिंसिपल के जिम्मे छोड़ दिया गया जबकि उस कांलेज को लेकर पहले भी शिकायत रही है।

इतना ही नहीं इस परीक्षा में शामिल वीक्षक की सूची दो दिन पहले ही जारी कर दिया गया था जबकि ऐसा पहले नहीं होता था कई ऐसे सवाल हैं जो बीपीएससी के कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रही है जो जानकारी मिल रही है यह खेल बड़े स्तर पर चल रहा था डीएसपी के लिए 70 लाख रुपये लिये गये हैं वहीं किसी भी पद के लिए 30 से 40 लाख रुपया पटना के कई कोचिंग संस्थान वालो ने जमा करवाया है।

Fire in Vishweshwaraiya Bhavan Patna : विश्वश्रेया भवन में लगी आग और इससे हुई नुकसान का जांच कराएंगे – जयंत राज

पटना । विश्वश्रेया भवन में लगी आग और इससे हुई नुकसान का जांच कराएंगे ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री जयंत राज

बोले मंत्री जयंत राज….अधिकारी की टीम करेगी मुआयना

आग बुझने के बाद होगा सही आकलन

विश्वश्रेया भवन में लगी आग

कई कागजात और फाइल जलकर खाक होने के मंत्री ने लगाया अनुमान

मंत्री के चैम्बर और अन्य कार्यालय जलकर खाक

बोले मंत्री इसकी होगी बड़े अधिकारी से जांच

शराब कारोबारी पर कसा अनन्य उत्पाद न्यायालय का शिकंजा, आरोपी को 5 साल का कठोर कारावास

शराब कारोबारी पर मंगलवार को एक बार फिर अनन्य उत्पाद न्यायालय ने शिकंजा कसा है। न्याय मंडल स्थित अनन्य उत्पाद न्यायालय दो के न्यायाधीश धीरेंद्र मिश्र ने शराब कारोबारी अजय कुमार उर्फ मधुरवा उर्फ विधायक के मामले में सुनवाई पूरा करने के उपरांत आरोपी को 5 साल का कठोर कारावास भुगतने का फैसला सुनाया साथ ही न्यायालय ने आरोपी को एक लाख रूपया अर्थदंड भुगतान करने का भी निर्देश दिया है।

इतना ही नहीं अर्थदंड की राशि का भुगतान नहीं करने पर आरोपी को एक साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा ।उपरोक्त आशय की जानकारी विशेष लोक अभियोजक उत्पाद प्रमोद कुमार ने दी है।

उन्होंने बताया कि इस मामले में कुर्था थाने में पदस्थापित सहायक अवर निरीक्षक राम विनय कुमार ने अजय कुमार उर्फ मधुरवा उर्फ विधायक को नामजद कर कुर्था थाने में प्राथमिकी दर्ज कराया था । दर्ज प्राथमिकी में सूचक ने आरोप लगाया था कि उसे 25 जनवरी 2022 को गुप्त सूचना मिली की थाना क्षेत्र के बेलदारी बीघा गांव में अजय कुमार उर्फ विधायक महुआ शराब निर्माण कर बेचने का कारोबार कर रहा है । इस सूचना के सत्यापन के लिए जब रात्रि 8:00 बजे बेलदारी बीघा पहुंचकर उसके घर की तलाशी ली गई तो उसके घर से 3 गैलन में 45 लीटर अवैध महुआ शराब बरामद किया गया ।

इतना ही नहीं शराब निर्माण को लेकर उसके घर में रखा हुआ तीन गैस सिलेंडर गैस का चूल्हा एवं अल्युमिनियम का तसला बरामद किया गया था ।इस मामले में अभियोजन के तरफ से न्यायालय के समक्ष 6 गवाह पेश किए गए थे ।

जबरदस्त हादसे के बावजूद नहीं हुई जान माल की क्षति, 100 मीटर तक घसीटता गया बाइक

फानूस बनकर जिसकी हिफाजत खुदा करे, वो शमा क्या बुझे जिसे रोशन हवा करे। ये कहावत आज चरितार्थ हुआ है!जहानाबाद में, जहां एक अनियंत्रित हाईवा की चपेट में दो ऑटो और एक बाइक आ गया।

दोनों ऑटो क्षतिग्रस्त हो गया, वहीं बाइक 100मीटर तक घसीटाता रहा लेकीन चालक को रेफ तक नहीं लगा। दरअसल जहानाबाद नालंदा मार्ग पर जबरदस्त सड़क हादसा हुआ। गनीमत यह रही कि जानमाल की क्षति नहीं हुई। सड़कों पर एक तो लग्न की भीड़ उस पर से चालकों की जल्दबाजी, जिसकी वजह से लगातार सड़क दुर्घटनाएं हो रही है। जहानाबाद से नालंदा की ओर जाने वाली सड़क पर आज एक अनियंत्रित हाईवा ने बाइक चालक को जोरदार टक्कर मार दिया। वहीं हाईवा की चपेट में एक ऑटो भी आया। गनीमत यह रही ऑटो चालक और बाइक चालक दोनों की जान बच गई।

सूचना के बाद नगर थाने की पुलिस पहुंची और तीनों वाहनों को अपने कब्जे में लेकर पुलिस थाने ले गई। हालांकि पुलिस की माने तो किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। गाड़ियों को कब्जे में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है। स्थानीय लोगों ने बताया जहानाबाद से काको के बीच निजामदिनपुर का इलाका सबसे भीड़ भरा इलाका है।

जिस पर गाड़ियों की स्पीड लिमिट करने की जरूरत है। लोगों ने यह भी बताया कि हर एक-दो दिन बीच करके यहां पर दुर्घटनाएं होती हैं। लेकिन पुलिस और प्रशासन की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।

बिहार में घमासान कौन किस पर भारी

चक्रव्यूह में नीतीश
कल शाम एक मित्र के शादी के 25वें सालगिरह के मौके पर आयोजित भोज में शामिल होने पहुंचे ही थे कि एक फोन आया, फोन पर बात जैसे जैसे आगे बढ़ती गयी पार्टी का ख़याल जेहन से निकलता गया और फिर पार्टी स्थल से कैसे बाहर निकले याद भी नहीं है।

हुआ ऐसा कि दिल्ली के लुटियंस जोन पर खास पकड़ रखने वाले मेरे एक खास बाँस का फोन आया कांलेज वाला बाँस ,संतोष क्या हाल है ठीक है बाँस, कहां हो बड़ा शोरगुल हो रहा है जी एक मित्र हैं उनके शादी का 25वाँ सालगिहर है उसी में आये हैं कई पूराने मित्र से इसी बहाने मुलाकात हो जायेगी। अरे साँरी मस्ती करो कल सुबह बात करते हैं वैसे दस मिनट समय हो तो अभी भी बात हो सकती है अरे ऐसा क्या है बाँस बाहर निकलते हैं।

जी कुछ खास है क्या ,संतोष एक बात बताओ नीतीश कुमार का क्या हाल है जी धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात के बात नीतीश तनाव मुक्त दिख रहे हैं और डीएम एसपी का तबादला जो कई माह से रुका हुआ था वो बड़े स्तर किये हैं ।

तबादला को देखने से लगता है कि बीजेपी के विधायकों की नहीं चली है जिस अंंदाज मे नीतीश तबादला करते रहे हैं तबादला का स्वरुप कुछ वैसा ही दिख रहा है,वैसे आज जनता दरबार था जनता दरबार के बाद मीडिया से बात करते हैं उस दौरान कॉमन सिविल कोड और जातीय जनगणना मामले में नीतीश पहले जैसे मुखर होकर बोलते थे वो अंदाज आज नहीं था ।

अच्छा एक बात बताओ संतोष अतीश चन्द्रा तुम्हारे बिहार कैडर का अधिकारी रहा है इसका कैसा काम काज रहा है ,कुछ खास तो नहीं रहा है हाँ मुख्यमंत्री के साथ 10 वर्षो से अधिक समय तक साथ रहे हैं, पत्नी आईपीएस है।

nitish kumar

वही तो अतीश चन्द्रा केन्द्र में भी किसी महत्वपूर्ण विभाग में पहले नहीं रहा है तुमको जानकारी है अतीश चन्द्रा को पीएमओ में पोस्ट किया गया है और यह पोस्ट ऐसे ही अधिकारी को मिलता है जो पीएम या फिर पीएम का ब्यूरोक्रेसी देखने वाले खासम खास अधिकारी के करीब हो, अतीश चन्द्रा दोनों योग्यता में फिट नहीं बैठ रहा है फिर इसकी पोस्टिंग पीएमओ में क्यों हुई इस पर सोचे हो ,सही कह रहे हैं जब इनकी पोस्टिंग हुई थी तो मुझे भी आश्चर्य हुआ था कई लोगों से मैंने बात भी किया तो पता चला कि अभी जो रेल मंत्री है वो भी 1994 बैच के आईएस अधिकारी रहे हैं और इनके अच्छे मित्र हैं इसी वजह से ये जगह मिली है।

संतोष एक बात बताओ नीतीश कुमार नेता पर भरोसा करते हैं या फिर अधिकारी पर जहां तक मुझे लगता है अधिकारी पर ज्यादा भरोसा करते हैं। ठीक है तो बताओ नीतीश कुमार के सबसे करीबी अधिकारी कौन कौन रहा है जिसका सीधा प्रवेश किचेन तक रहा हो ,एक जो पहले आरसीपी थे अब वो मंत्री है, दूसरा अंजनी कुमार सिंह थे वो तो बिहार में ही है सरकार उन्हें बिहार म्यूजियम का महानिदेशक बना दिया है। चंचल कुमार तीसरे अधिकारी थे जो रेलमंत्री के समय से ही साथ हैं आज कल केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर है चौथा अतीश चन्द्रा हैं वो भी केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर ही है।

मतलब ये चार ऐसे अधिकारी हैं जिन्हें नीतीश कुमार का सब कुछ पता होगा जी जरुर है ये चारों साये की तरह नीतीश कुमार के साथ रहते थे मतलब मोदी को विभीषण मिल गया यही समझने के लिए तुमको फोन किये थे अच्छा नीतीश आज कल इसलिए ज्यादा परेशान दिख रहे हैं।

ठीक है वैसे आपको लगता क्या है बिहार मे होगा क्या देखो मुझे राजनीति तो आती नहीं है हाँ ब्यूरोक्रेसी के सहारे जो खेल होता है उसको समझते है और आज कल ब्यूरोक्रेसी के सहारे ही राजनीति साधी जा रही है इसलिए आजकल राजनीति भी समझने लगे हैं।

क्या बात है बाँस हहाहहाहाहा तब तो नीतीश उपराष्ट्रपति का पद लेकर दिल्ली निकल जाएंगे क्या बचपना वाला बात करते हो उपराष्ट्रपति वाली खबर भी नीतीश कुमार का ही प्लांट करवाया हुआ है, एक बात समझ लो नीतीश की ही तरह मोदी भी दुश्मन से राजनीतिक मजबूरी है तो हाथ मिला लेगा लेकिन दिल कभी भी नहीं ।

सारा बिल राज्यसभा से पास होना जरुरी है फिर इस बार राज्यसभा में इनकी स्थिति पहले से कमजोर होने वाली है ऐसे में नीतीश कुमार को राज्यसभा का सभापति बनायेगा, सोचो भी नहीं कब कौन बिल लटका देगा कोई भरोसा है नीतीश कुमार भी भारतीय राजनीति में कुछ ऐसा करके जाना चाहता है कि उसका नाम हमेशा याद रखा जाये।

मोदी ना बाबा ना कभी नीतीश कुमार पर दाव नहीं लगा सकता है, तो फिर नीतीश कुमार करेंगे क्या जहां तक मेरी समझ है नीतीश कुमार 2024 का लोकसभा चुनाव मुंगेर से लड़ेगा और मोदी बहुमत से दूर रह गया तो फिर पीएम की दावेदारी पेश करेंगा।

वैसे बिहार की राजनीति के लिए मई,जून और जुलाई काफी महत्वपूर्ण है लालू से हाथ मिलाने वाले ये नहीं है इनको पता चल गया है कि ऐसा किये तो पार्टी टूटेगी और फाइल भी खुलेगा नीतीश कमजोर खिलाड़ी नहीं है साथ रहते जीतना बीजेपी को वो नुकसान पहुंचा सकते हैं उतना अलग होकर नहीं कर सकते हैं।

वही नीतीश को पता है कि मोदी के लिए नीतीश मजबूरी है बिहार को लेकर मोदी अभी भी सहज नहीं है बस देखना यही है कि इस खेल में कौन किसका किस तरीके से इस्तमाल करता है और इसमें नीतीश माहिर खिलाड़ी है ।
तुम्हारे बिहार के लिए कुछ अच्छा ही होगा तीन माह आंख कान खोल कर रखना चलो तुम्हारा पार्टी तो ले लिए सांरी आओ दिल्ली दोनों भाई चलेंगे एक सप्ताह के लिए कश्मीर चल बाय गुड नाइट।

आर्थिक अपराध इकाई को मिला BPSC प्रश्न पत्र लीक मामले जांच का जिम्मा

बिहार लोक सेवा आयोग के संयुक्त परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होने का मामला, बिहार लोक सेवा आयोग का पत्र राज्य पुलिस मुख्यालय पर मिला । पूरे मामले में आर्थिक अपराध इकाई को जांच का जिम्मा दिया गया।

आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी नैयर हसनैन खान के नेतृत्व में विशेष टीम बनाया गया । टीम में कई विभिन्न एक्सपर्ट को शामिल किया गया । राज पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर आर्थिक अपराध इकाई ने जांच शुरू कर दिया है।

राज्य के पुलिस महानिदेशक का कहना है जांच शुरू कर दी गई है । कई तरीके के एविडेंस को कलेक्ट किया जा रहा है जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है । राज्य के पुलिस महानिदेशक ने यह भी कहा कि मामला बहुत ही गंभीर है और चुनौती भरा है और अब विशेष टीम पूरे मामले की जांच करेगी।

Bihar Breaking News : रविवार को आयोजित BPSC 67वीं PT के पेपर को रद्द कर दिया गया है

पटना । रविवार को आयोजित BPSC 67वीं PT के पेपर को रद्द कर दिया गया है। आयोग ने यह फैसला पेपर आउट होने के बाद लिया है।

बताया जा रहा है कि एग्जाम शुरू होने के पहले ही सी सैट का पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। इसके बाद आयोग ने 3 सदस्यीय कमेटी गठित की थी, जिसको 24 घंटे में रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन कमेटी ने 3 घंटे के अंदर ही अपनी रिपोर्ट दे दी।

BPSC Notification

इसके बाद आयोग के अध्यक्ष आरके महाजन ने परीक्षा रद्द करने का फैसला लिया है। अब दोबारा परीक्षा की नई तिथि घोषित की जाएगी।

सिर कटा शव मिलने से सनसनी, युवती की पहचान नहीं

सीवान । सीवान में एक अज्ञात युवती का सिर कटा शव पुलिस ने बरामद किया हैं। जिससे इलाके में सनसनी फैल गई। युवती का शव बड़हरिया थाना क्षेत्र के बालापुर गांव के चंवर से बरामद किया गया है।

गांव के छोटे बच्चे शौच करने गये हुए थे तभी उन्होंने एक युवती का सिरकटा शव देखा। बच्चों ने जब शोर मचाया तो ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गयी। ग्रामीणों ने पुलिस को इसकी सूचना दी। जिसके बाद पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर लोगों से पूछताछ की।

सिर कटा शव

लेकिन सिर कटा होने की वजह युवती की पहचान नहीं हो सकी। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि युवती का सिर कहीं काटा गया है। फिर शव को लाकर सूनसान स्थान पर फेंक दिया गया होगा। वहीं पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सीवान सदर अस्पताल भेज दिया और युवती की पहचान में जुटी हुई है। लोग कई तरह के चर्चा कर रहे है।

Bihar News : 8 आईपीएस अधिकारियों का तबादला

बिहार में 8 आईपीएस अधिकारियों का तबादला हुआ

हिमांशु शंकर त्रिवेदी अरवल के एसपी बन गए

नवादा की एसपी धूरत सायली को पदस्थापन की प्रतीक्षा में पुलिस मुख्यालय में रखा गया

अरविंद कुमार गुप्ता बांका के एसपी को सहायक निदेशक बिहार पुलिस अकादमी राजगीर बनाया गया

डॉक्टर सत्य प्रकाश मधुबनी के एसपी को बांका के एसपी बनाया गया

राजीव रंजन अरवल के स्पीकर कमांडेंट गृह रक्षा वाहिनी बनाया गया

गौरव मंगला कमांडेंट गृह रक्षा वाहिनी को नवादा का एसपी बनाया गया

श्री सुशील कुमार पुलिस अधीक्षक लखीसराय को पुलिस अधीक्षक मधुबनी मनाया गया

श्री पंकज कुमार पुलिस अधीक्षक आर्थिक अपराध को पुलिस अधीक्षक लखीसराय बना गया

बिहार की राजधानी पटना में सिंगर के साथ गैंगरेप की घटना

पटना । पटना में एक सिंगर के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया है। सिंगर के साथ गैंगरेप की घटना राम कृष्णा नगर थाना क्षेत्र के ज्योति पथ में हुई है।

कल सिंगर को मीठापुर बस स्टैंड से गाना गाने के लिए ले जाया गया था। कुछ लोगों ने रूम में बंद कर घटना को दिया अंजाम। सिंगर ने रामकृष्णानगर थानेदार को कॉल कर घटना की जानकारी दी है।पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए 3 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

हथियार के बल पर घटना किए जाने की संभावना जताई जा रही है। राम कृष्णा नगर थाना क्षेत्र का मामला है। पुलिस ने हाथियार भी बरामद किया है।