पटना हाईकोर्ट ने राज्य के उन 107 मदरसों को वित्तीय अनुदान देने की अनुमति राज्य सरकार को दिया है, जो बिहार राज्य मदरसा कानून की शर्तों को पूरा कर रहे हैं। चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने अलाउद्दीन बिस्मिल की जनहित याचिका पर सुनवाई की।
24 जनवरी,2023 को पटना हाई कोर्ट की खंडपीठ ने इसी जनहित मामले में सुबह के 23 सौ से अधिक मदरसाओं की जांच का आदेश देते हुए इन संस्थानों को मिलने वाले सभी वित्तीय अनुदान ऊपर रोक लगा दिया था।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता पीके शाही ने बताया कि मदरसाओं की जांच हर जिले में की जा रही है । यह जांच प्रत्येक जिले में जिला शिक्षा पदाधिकारी की अगुवाई में तीन सदस्यीय समिति कर रही है।
उन्होंने कोर्ट को बताया कि अब तक 268 मदरसा संस्थानों की जांच पूरी हो गई है,जिसमें 107 मदरसा संस्थान कानूनी तौर पर सभी शर्तों को पूरा करते हुए अनुदान योग्य पाए गए हैं। शेष 161 संस्थानों को मामूली गड़बड़ी पाते हुए उन्हें 6 महीने का मौका दिया गया है कि वे अपने अपने त्रुटियों को सुधारें।
इस सम्बन्ध में राज्य सरकार की तरफ से एक हलफनामा भी दायर किया गया।एडवोकेट जनरल ने कोर्ट से कहा ने कहा कि कानूनी शर्तों को पूरा करने वाले अभी 107 मदरसों को फिलहाल अभी से अनुदान देने की अनुमति दी जा सकती है।
मान्यता की शर्तों को लागू कर करने हेतु 6 महीने का समय पाने वाले शेष 161 मदरसा संस्थान को सशर्त अनुदान देने की अनुमति कोर्ट ने दिया।
कोर्ट ने अन्य मदरसों की जांच में तेजी लाने का निर्देश दिया। अगली जांच रिपोर्ट के लिए इस मामले की सुनवाई 21जून,2023 को होगी।
पटना हाइकोर्ट ने अदालती आदेश का पालन नहीं करने के मामलें में राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव के विरुद्ध जमानती वारंट जारी किया है।डा. राकेश रंजन की अवमानना वाद पर सुनवाई करते हुए जस्टिस पी वी बजंत्री ने आदेश दिया।
कोर्ट ने याचिकाकर्ता डॉक्टर के प्रोन्नति के मामले 17 दिसंबर ,2021एक आदेश पारित किया था।कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किये जाने पर याचिकाकर्ता ने अवमाननावाद दायर किया।
कोर्ट ने 5अप्रैल,2023 को स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत प्रत्यय को आज मामलें के सारे सम्बंधित रिकार्ड व कागजात के साथ उपस्थित होने का आदेश दिया था।
लेकिन आज कोर्ट के समक्ष उक्त अधिकारी उपस्थित नहीं हुए।इस पर कोर्ट ने उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी कर दिया।इस मामलें की सुनवाई दो सप्ताह बाद किया जाएगा।
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता शशि भूषण कुमार और राज्य सरकार की ओर से सरकारी अधिवक्ता सूरज देव यादव ने कोर्ट के समक्ष पक्षों को प्रस्तुत किया।
पटना । पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार में लालू और बालू का रिश्ता अटूट है, इसलिए राजद के सत्ता में आते ही बालू माफिया का दुस्साहस बढ़ जाता है और इसी का परिणाम है कि महिला अधिकारी पर जानलेवा हमला हुआ।
• लालू – बालू के रिश्ते से पुलिस पर बढ़े माफिया के हमले • नीतीश कुमार ने राजद को खनन विभाग देकर बिल्ली को सौंपी दूध की रखवाली • बालू माफिया ने 4.28 करोड़ में खरीदे राबड़ी देवी के 8 फ्लैट • राजद विधायक के चहेतों ने खनन अधिकारियों से की मारपीट • प्राकृतिक सम्पदा की लूट न रोक पाने के लिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने खनन विभाग लालू प्रसाद की पार्टी को सौंप कर बिल्ली को दूध की रखवाली देने-जैसा फैसला किया है।
श्री मोदी ने कहा कि बालू माफिया सुभाष यादव को राजद ने चतरा से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया था। दूसरे बालू माफिया राजद के पूर्व विधायक अरुण यादव बलातकार के मामले में जेल की सजा काट रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इन्हीं सुभाष यादव और अरुण यादव ने राबड़ी देवी के 8 फ्लैट एक ही दिन में 5 करोड़ 28 लाख में खरीदे थे। बालू माफिया राजद की पोलिटिकल फंडिंग करता है।
श्री मोदी ने कहा कि पिछले छह माह पुलिस पर बालू माफिया के हमले के एक दर्जन से ज्यादा घटनाएँ हुईं। बिहटा-मनेर-विक्रम इलाके में राजनीतिक संरक्षण-प्राप्त बालू माफिया के हमले की एक घटना में 1000 राउंड गोलियां चली थीं।
श्री मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार में बालू माफिया पर कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं है, इसलिए अवैध खनन बढ रहा है और राजस्व वसूली घट रही है।
उन्होंने कहा कि कैग की रिपोर्ट के अनुसार खनन विभाग में फर्जी चालान से स्कूटर, कार, एंबुलेंस में बालू की ढुलाई से विभाग को 355 करोड़ रुपया का नुकसान हुआ। साथ ही वर्ष 22-23 में अवैध खनन के कारण राजस्व में लक्ष्य से 500 करोड़ रुपया कम संग्रह हुआ।
श्री मोदी ने कहा कि जब राजद विधायक के चहेते खनन विभाग के पटना कार्यालय में घुसकर कर्मचारियों से मारपीट और तोड़फोड़ कर रहे हैं, तब विभाग अपना काम कैसे कर सकता है? ऐसी घटनाएँ संगठित अपराध से मुख्यमंत्री के समझौता कर लेने का सबूत हैं।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जब हर बात का श्रेय खुद लेते हैं, तब राज्य की प्राकृतिक सम्पदा की लूट नहीं रोक पाने की जिम्मेदारी भी उन्हें ही लेनी चाहिए।
पटना हाईकोर्ट ने नाबालिग बच्ची से रेप के बाद प्राथमिकी दर्ज करने में कोताही बरतने वाले पुलिस अधिकारी पर कार्रवाई नहीं किये जाने को लेकर राज्य सरकार से जबाब तलब किया है। चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ कोर्ट ने इस मामलें पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को जबाबी हलफनामा दायर कर स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने साथ ही अब तक की गई कार्रवाई का पूरा रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया।
गौरतलब है कि यूनिसेफ के एक कार्यकर्ता ने हाई कोर्ट को एक पत्र भेज मुजफ्फरपुर में 16 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ रेप के बाद उसकी हत्या किये जाने के दस दिनों के बाद प्राधमिकी दर्ज करने के बारे में जानकारी भेजी।इसके अलावा मधुबनी जिला में गूंगी बहरी 15 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ रेप किये जाने के बाद उसकी दोनों आंखे फोड़े जाने की घटना के बारे में भी हाई कोर्ट को जानकारी दी थी।
इस जानकारी पर कोर्ट ने स्वतः संज्ञान ले कार्रवाई प्रारम्भ की।कोर्ट का कहना था कि रेप की घटना के बाद तुरंत प्राथमिकी दर्ज किया जाना चाहिए।लेकिन पुलिस दस दिनों के बाद प्राथमिकी दर्ज की।कोर्ट का कहना था कि आखिर किस परिस्थिति में प्राथमिकी देर से दर्ज की गई।
कोर्ट ने ये जानना चाहा कि देर से प्राथमिकी दर्ज करने वाले पुलिस अधिकारी के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई।
कोर्ट ने मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 4 मई,2023 की तिथि निर्धारित की है।
पटना हाईकोर्ट में पटना के एमपी/ एमएलए कोर्ट द्वारा कांग्रेस के पूर्व एमपी और पूर्व सांसद राहुल गांधी को एक परिवाद पत्र मामले में उपस्थित होने के लिए भेजे गए नोटिस को चुनौती देने वाली अपराधिक याचिका पर हाईकोर्ट में 24 अप्रैल,2023 को सुनवाई होने की संभावना है। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी द्वारा दायर यह आपराधिक याचिका जस्टिस संदीप कुमार के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।
राहुल गांधी के अधिवक्ता ने कोर्ट से अनुरोध किया कि इस मामले की सुनवाई 25 अप्रैल के पहले की जाए। कोर्ट को बताया गया की पटना के एमपी/ एमएलए कोर्ट ने राहुल गांधी को 25 अप्रैल,2023 को एक परिवाद पत्र में उपस्थित होने के लिए नोटिस भेजा है।
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने एक सभा के दौरान देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ टिप्पणी करते हुए यह कहा था कि जितने भी मोदी हैं ,वे चोर हैं। इसी टिप्पणी को आधार बनाते हुए देश के कई हिस्सों में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ परिवाद पत्र दाखिल किया गया था।
इसी मामलें में गुजरात की एक कोर्ट द्वारा इसी परिवाद पत्र पर राहुल गांधी को दोषी मानते हुए सजा सुनाई है। इसके बाद उनकी संसद की सदस्यता समाप्त कर दी गई है।
अगर हाई कोर्ट द्वारा निचली अदालत के इस आदेश पर रोक लगा दिया जाता है ,तो राहुल गांधी को 25 अप्रैल को पटना के एमपी /एमएलए कोर्ट में उपस्थित नहीं होना पड़ेगा।
पटना हाईकोर्ट में पटना के गाय घाट स्थित आफ्टर केअर होम की घटना के मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को हलफनामा दायर करने के लिए एक सप्ताह की मोहलत दी है। जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ द्वारा इस मामलें पर सुनवाई अगले सप्ताह की जाएगी।
पूर्व की सुनवाई में कोर्ट में एस एस पी, पटना और एस आई टी जांच टीम का नेतृत्व करने वाली सचिवालय एएसपी काम्या मिश्रा भी कोर्ट में उपस्थित हो कर तथ्यों की जानकारी दी थी।
इससे पहले अधिवक्ता मीनू कुमारी ने बताया था कि कोर्ट अब तक एस आई टी द्वारा किये गए जांच और कार्रवाई के सम्बन्ध में सम्बंधित अधिकारी से जानकारी प्राप्त करना चाहता था।उन्होंने जानकारी दी थी कि आफ्टर केअर होम में रहने वाली महिलाओं की स्थिति काफी खराब है।
पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने अनुसंधान को डी एस पी रैंक की महिला पुलिस अधिकारी से कराने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने जांच रिपोर्ट भी तलब किया था।
पटना हाई कोर्ट ने इस याचिका को पटना हाई कोर्ट जुवेनाइल जस्टिस मोनिटरिंग कमेटी की अनुशंसा पर रजिस्टर्ड किया था। कमेटी में जस्टिस आशुतोष कुमार चेयरमैन थे, जबकि जस्टिस अंजनी कुमार शरण और जस्टिस नवनीत कुमार पांडेय इसके सदस्य के रूप में थे।
राज्य सरकार द्वारा राज्य में जातियों की गणना एवं आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिका पर पटना हाइकोर्ट में 4 मई, 2023 को सुनवाई की जाएगी।अखिलेश कुमार की याचिका पर चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ सुनवाई कर रही है।
पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया था कि राज्य सरकार ने जातियों और आर्थिक सर्वेक्षण करा रही है।उन्होंने कहा कि ये सर्वेक्षण कराने का अधिकार राज्य सरकार को नही है।
उन्होंने कोर्ट को बताया था कि राज्य सरकार जातियों की गणना व आर्थिक सर्वेक्षण करा रही है।अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि ये राज्य सरकार के क्षेत्रधिकार में नहीं आता है।
उन्होंने कहा कि प्रावधानों के तहत इस तरह का सर्वेक्षण केंद्र सरकार करा सकती है।ये केंद्र सरकार की शक्ति के अंतर्गत आता है।
उन्होंने बताया था कि इस सर्वेक्षण के लिए राज्य सरकार पाँच सौ करोड़ रुपए खर्च कर रही है।राज्य सरकार के एडवोकेट जनरल ने इसकी सुनवाई की योग्यता पर बुनियादी आपत्ति की थी।उन्होंने कहा कि ये याचिका सुनवाई योग्य नहीं है।कोर्ट ने इस अमान्य करते हुए कहा था कि ये प्रावधानों के उल्लंघन और पाँच सौ करोड़ रुपए से सम्बंधित मामला है।
कोर्ट ने इस मामलें पर 4 मई,2023 को सुनवाई की नई तिथि निर्धारित की है।इस याचिकाकर्ता की ओर से दीनू कुमार व ऋतु राज और राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल पी के शाही ने कोर्ट के समक्ष पक्षों को प्रस्तुत कर रहे हैं।
लोहार,कमर (लोहार और कर्मकार), लोहरा और लोहारा जाति को जाति आधारित गणना में अलग से जाति कोड जारी करने के लिए लोहार कल्याण समिति ने पटना हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है। इस रिट याचिका में इन सभी जातियों को अलग अलग जाति कोड जारी करने की मांग कोर्ट से की गई है।
आवेदक की ओर से अधिवक्ता अजीत कुमार सिंह का कहना है कि बिहार सरकार ने जाति सर्वेक्षण के दूसरे चरण के लिए गत पहली मार्च को अधिसूचना है। जिसके तहत जाति सर्वेक्षण का दूसरा चरण का काम 15 अप्रैल से शुरू कर 15 मई तक पूरा करना है।
उनका कहना है कि 1941 की जनगणना में लोहार जाति को अलग जाति के रूप में मान्यता दी गई थी। लेकिन इस जातिये जनगणना में इस जाति को अपना कोई जाति कोड नहीं दिया गया।जबकि राज्य में लोहार जाति सबसे कमजोर जातियों में से एक है।
इसी कारण राज्य सरकार ने 25 जनवरी 2017 को लोहार जाति को अनुसूचित जनजाति के रूप में शामिल करने की सिफारिश केंद्र से की थी।
बिहार क्रिकेट एसोसिएशन में सही तौर से काम- काज किये जाने को लेकर तदर्थ कमेटी बनाने हेतु एक जनहित याचिका पर पटना हाई कोर्ट में एक सप्ताह सुनवाई की जाएगी। याचिकाकर्ता अजय नारायण शर्मा की जनहित याचिका दायर पर चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ सुनवाई कर रही है।
इस जनहित याचिका में चयनकर्ताओं/ सपोर्ट स्टाफ व बी सी सी आई द्वारा संचालित घरेलू टूर्नामेंट में विभिन्न उम्र के राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाडियों को सही तौर से चयन करने को लेकर आदेश देने की माँग की गई है। इसमें में यह आरोप लगाया गया है कि प्रबंधन कमेटी में अवैध रूप से कुर्सी पर काबिज लोगों द्वारा ऐसा नहीं किया जा रहा है।
यह भी आरोप लगाया गया है कि कुर्सी पर कथित रूप से अवैध तौर पर बैठे लोग प्रतिभावान क्रिकेट खिलाड़ियों के दावों को हतोत्साहित कर रहे हैं। खिलाड़ियों के मनमाने औऱ अनुचित तौर से चयन कर क्रिकेट को बेचने पर उतारू हैं।
इसलिए राज्य में खिलाड़ियों की स्थिति और भी खराब होते जा रही है। साथ ही इस से खिलाड़ी घरेलू टूर्नामेंट में भी कामयाब नहीं हो रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा बोर्ड ऑफ कंट्रोल फोर क्रिकेट इन इंडिया एंड अदर्स बनाम क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार व अन्य के मामले में सिविल अपील संख्या – 4235 में 9 अगस्त, 2018 को दिये गए फैसले दिया गया था।
इसके अनुसार जस्टिस आर एम लोढ़ा कमेटी द्वारा की गई अनुशंसा के आलोक में खिलाड़ियों का सही तौर से चयन करने हेतु क्रिकेट एडवाइजरी कमेटी के गठन करने को लेकर आदेश देने का अनुरोध किया गया है।
इस मामलें पर अब अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद की जाएगी।
पटना हाईकोर्ट में बिहार के सहरसा में स्थापित किये जाने वाले एम्स अस्पताल स्थापित किये जाने के मामलें पर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई 20 अप्रैल, 2023 को की जाएगी। चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने कोशी विकास संघर्ष मोर्चा की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार को जवाब देने के लिए 17अप्रैल,2023 तक मोहलत दी थी।याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता राजेश कुमार सिंह ने कोर्ट को बताया था कि विभिन्न राज्यों में एम्स के स्तर के अस्पताल स्थापित करने की योजना तैयार की गई।
बिहार के सहरसा में एम्स के तर्ज पर अस्पताल बनाए जाने का प्रस्ताव था।कोर्ट को बताया गया था कि इस अस्पताल के निर्माण के लिए पर्याप्त भूमि सहरसा में उपलब्ध है।2017 में सहरसा के जिलाधिकारी ने इस अस्पताल के लिए आवश्यक 217.74 एकड़ भूमि की उपलब्धता की जानकारी विभाग को दी थी।
कोर्ट को ये बताया था कि इस क्षेत्र में एम्स स्तर का अस्पताल नहीं है।गंभीर बीमारियों के ईलाज के लिए इस क्षेत्र के लोगों को या तो पटना जाना पड़ता है या सिलिगुडी जाना पड़ता है।इसमें न सिर्फ लोगों को आने जाने में कठिनाई होती है,बल्कि आर्थिक बोझ भी पड़ता है।
कोर्ट को एम्स अस्पताल के निर्माण के मानकों पर सहरसा ज्यादा खरा था,लेकिन राज्य सरकार ने 2020 में दरभंगा में एम्स अस्पताल स्थापित किये जाने की अनुशंसा कर दी थी।यह इस क्षेत्र लोगों के साथ अन्याय किया गया।
कोर्ट को याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि सहरसा,पूर्णियां,कटिहार, किशनगंज और अररिया जिले इस क्षेत्र में आते है।इस क्षेत्र की जनसंख्या के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एम्स अस्पताल स्थापित की जानी चाहिए।
कोर्ट को बताया गया कि इस क्षेत्र के बहुत सारे लोग कैंसर समेत कई अन्य गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं।आमलोग को बेहतर ईलाज के लिए इस क्षेत्र में एम्स स्तर के अस्पताल की सख्त आवश्यकता है।
इस मामलें पर अगली सुनवाई 20अप्रैल,2023 के बाद की जाएगी।
पटना हाइकोर्ट में राज्य में एयरपोर्ट के स्थापित करने,विकास,विस्तार और सुरक्षा से जुड़े मामलों पर सुनवाई दो सप्ताह बाद की जाएगी। चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ सुनवाई कर रही है।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र सरकार को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के तीन एयरपोर्ट और पूर्णियां एयरपोर्ट के सम्बन्ध में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था।
पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से ये बताने को कहा था कि राज्य में नए एयरपोर्ट बनाए जाने के मामलें क्या कार्रवाई की गई है।दोनों सरकारों को बताने को कहा गया था कि वे बताए कि इनके सम्बन्ध में क्या योजनाएं बना रहे है।
कोर्ट ने उन्हें ये भी बताने को कहा था कि क्या वे नए एयरपोर्ट के निर्माण के लिए उन्हें चिन्हित करने की कार्रवाई की है।कोर्ट ने ये जानना चाहा कि इन नए एयरपोर्ट के निर्माण के लिए उनकी क्या योजना है।
पूर्व की सुनवाई में कार्यरत एयरपोर्ट पटना,गया,बिहटा और दरभंगा के एयरपोर्ट के विकास,विस्तार और सुरक्षा के लिए केंद्र और राज्य सरकारों की योजनाओं के बारे में बताने को कहा था।
कोर्ट को बताया गया कि राज्य के अधिकतर हवाई अड्डों पर सुविधाओं की काफी कमी है।इन्हें बेहतर बनाने के क्या कार्रवाई की जा रही है।
इससे पूर्व कोर्ट ने राज्य में एक ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाने पर विचार करने का निर्देश दिया था। पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत करते हुए कहा था कि कई अन्य राज्यों में कई ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट है, लेकिन बिहार में एक भी ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट नहीं है।
कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि राज्य की जनता को विकसित और सुरक्षित हवाई यात्रा की सुविधा दिया जाना मौलिक अधिकारों के अंतर्गत आता है।केंद्र और राज्य सरकार इन्हें विकसित और सुरक्षित हवाई यात्रा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि 2016 में शराबबंदी लागू होने के बाद से जहरीली शराब पीने की घटनाओं में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। यह हादसा नहीं, दलितों-गरीबों की हत्या का मामला है और इसकी जिम्मेदारी लेकर नीतीश कुमार को इस्तीफा देना चाहिए।
चम्पारण में मरने वालों के आश्रितों को भी मिले 4-4 लाख का मुआवजा
जहरीली शराब से मौत हादसा नहीं, दलित नरसंहार
जिन्हें जहरीली शराब से मौत पर हमदर्दी नहीं, वे माफिया की हत्या पर आँसू बहा रहे
श्री मोदी ने कहा कि जहरीली शराब से मरने वालों और उनके आश्रितों के प्रति नीतीश कुमार की कोई सहानुभूति नहीं है।
उन्होंने कहा कि पूर्वी चम्पारण में जहरीली शराब से जिनकी मृत्यु हुई, उनके आश्रितों को भी उत्पाद कानून के अनुसार 4-4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि मिलनी चाहिए। खजूरबन्ना (गोपालगंज) में जहरीली शराब से मरने वाले 30 लोगों को मुआवजा दिया गया गया था।
श्री मोदी ने कहा कि जदयू-राजद सहित जिन सात दलों के राज में दो दिन के भीतर जहरीली शराब से दलित-आदिवासी समुदाय के 30 से ज्यादा लोगों की जान गई, वे यूपी के एक माफिया के गैंगवार में मारे जाने पर आँसू बहा रहे हैं।
श्री मोदी ने कहा कि माफिया अतीक और उसके गुर्गों के मारे जाने से उत्तर प्रदेश की जनता खुश है, लेकिन जिन्होंने बिहार में शहाबुद्दीन को माफिया बनाया, वे पड़ोसी राज्य के एक दुर्दांत माफिया का मजहब देख कर उसकी मौत पर छाती पीट रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लालू-राबड़ी राज में मंत्री वृजबिहारी प्रसाद को पुलिस सुरक्षा में रहते हुए अस्पताल परिसर में गोलियों से भून दिया गया था। अजित सरकार, अशोक सिंह सहित आधा दर्जन विधायकों की हत्या भी उसी दौर में हुई, लेकिन राजद से मिल कर सत्ता पाने वाले लोग यह सब भूल गए।
श्री मोदी ने कहा कि राजद शासन में दलित-पिछड़े हत्या-नरसंहार का शिकार होते थे, आज चाचा-भतीजा राज में जहरीली शराब के जरिये दलित-आदिवासी नरसंहार हो रहा है।
पटना । बिहार मौसम सेवा केंद्र, पटना के अनुसार अगले तीन-चार दिनों में बिहार में भीषण गर्मी की स्थिति रहने की संभावना है। बिहार में लगातार बढ़ती गर्मी से लोग परेशान हो रहे है । राजधानी पटना समेत कई जिलों में पारा 40 के पार चला गया है । ऐसे में भीषण गर्मी से लोगों का हाल बेहाल है ।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार आने वाले दिनों में अधिकतम तापमान में और अधिक वृद्धि होगी और पारा 44 डिग्री तक पहुंच सकता है। पछुआ हवा के कारण लू चलने की स्थिति बनी रहेगी।
सबसे अधिक औरंगाबाद में दिन का अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बिहार के अधिकांश जिलों में 15 अप्रैल को दिन का अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक दर्ज किया गया।
शनिवार को 42 डिग्री सेल्सियस या इससे अधिक तापमान दर्ज करने वाले जिलों में डेहरी (42.8 डिग्री सेल्सियस), पटना (42.4 डिग्री सेल्सियस), जमुई (42.3 डिग्री सेल्सियस), खगड़िया (42.2 डिग्री सेल्सियस) और शेखपुरा (42.1 डिग्री सेल्सियस) शामिल हैं।
पटना मौसम विज्ञान केंद्र ने पूर्वानुमान व्यक्त किया है कि अप्रैल महीने में तपती गर्मी का असर मध्य और दक्षिण बिहार के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक होगी। वहीं, आईएमडी के अनुसार, बिहार में सोमवार यानी 17 अप्रैल तक लू की स्थिति रहेगी। पटना मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, 20 अप्रैल तक राज्य में हीटवेव की स्थिति रह सकती है।
पटना मौसम केंद्र के अनुसार बिहार के 13 जिलों में 16 से 18 अप्रैल तक हिट वेव को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। रविवार को राज्य के पूर्व और दक्षिण-मध्य हिस्सों में लू का अलर्ट जारी किया है. वहीं, सोमवार को राज्य के दक्षिणी हिस्सों में लू की स्थिति को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। बिहार के पटना, जहानाबाद, गया, नालंदा, नवादा, शेखपुरा, भागलपुर, बांका, जमुई, मुंगेर, खगड़िया में 20 अप्रैल तक हीट वेव चलने की आशंका है।
भीषण गर्मी के बीच लोगों को तपती धूप से बचने की सलाह दी गई हैं। इसके अलावा, जिला अधिकारियों को भी सलाह दी गई है कि वे अपने-अपने जिलों में स्थिति की निगरानी करें।
पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि छपरा के बाद अब पूर्वी चम्पारण में जहरीली शराब पीने से 22 लोगों की जान गई, दो दर्जन से ज्यादा पीड़ितों का इलाज चल रहा है और कई आँखों की रोशनी खो चुके हैं, लेकिन सरकार आँकड़े छिपाने में लगी है।
मृतकों में दलित और पिछड़े समाज के लोग, कई ने खोयी नेत्र ज्योति
पुलिस के डर से बिना पोस्टमार्टम के जलाये जा रहे शव
मृतक-आश्रितों को मिले 4-4 लाख का मुआवजा, नीति तय करे सरकार
श्री मोदी ने कहा कि सरकार मौत का कारण डायरिया या अज्ञात बीमारी बता रही है। पुलिस के डर से बिना पोस्टमार्टम के भुटन मांझी सहित कई मृतकों के शव जला दिये गए। मृतकों में अधिकतर दलित और पिछड़ी जातियों के थे।
उन्होंने कहा कि जहरीली शराब से मरने वालों के आश्रितों को 4-4 लाख रुपये मुआवजा देने की स्पष्ट नीति बनाने के लिए मुख्यमंत्री को सर्वदलीय बैठक जल्द बुलानी चाहिए। छपरा में ऐसी घटना के बाद सर्वदलीय बैठक बुलाने की घोषणा की गई थी।
श्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने छपरा की घटना के बाद राज्य सरकार पर आँकड़े छिपाने का आरोप लगाया था। अब पूर्वी चपारण में भी यही हो रहा है।
उन्होंने कहा कि आयोग नेजहरीली शराब पीने से मरने वालों के आश्रितों को अनुग्रह राशि देने की अनुशंसा की थी, लेकिन अब तक उसका पालन नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि पटना हाई कोर्ट ने जहरीली शराब पीने से बीमार होने वालों की चिकित्सा के लिए मानक प्रक्रिया (SOP) तय करने को कहा था, लेकिन राज्य सरकार यह भी नहीं बना सकी।
श्री मोदी ने कहा कि यदि सरकार ने हाई कोर्ट के निर्देश और आयोग की अनुशंसाओं को गंभीरता से लिया होता,तो पीड़ितों और उनके परिवारों को कठिन समय में बड़ी राहत मिलती।
पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि संसद और विधान मंडलों में आरक्षण बाबा साहब अम्बेडकर और गांधी जी की देन है। इसे कोई छीन नहीं सकता, बल्कि जरूरत पड़ी तो यह 100 साल तक लागू रहेगा।
भाजपा के सहयोग से बाबा साहब को मिला भारत-रत्न, मोदी सरकार ने बनाये पंचतीर्थ
पीएम ने दलित ऐक्ट को शिथिल होने से बचाया
नीतीश उस कांग्रेस के साथ, जिसने अम्बेडकर का अपमान किया
लालू-राबड़ी राज में हुए दर्जन भर नरसंहार
श्री मोदी ने अम्बेडकर जयंती समारोह में कहा कि जब तक समाज में असमानता रहेगी, तब तक आरक्षण रहेगा। इसकी कोई समय सीमा तय नहीं की जा सकती।
उन्होंने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने दलित उत्पीड़न निवारण कानून को शिथिल करना चाहा, तब केंद्र की भाजपा सरकार ने उस कानून में 23 नई धाराएँ जोड़ कर इसे और मजबूत बना दिया।
श्री मोदी ने कहा कि बाबा साहेब को जिस कांग्रेस ने लगातार अपमानित किया, उसी की गोद में बैठ कर नीतीश कुमार और लालू प्रसाद देश पर राज करने के सपने देख रहे हैं।
उन्होंने कहा भाजपा के समर्थन से बनी वीपी सिंह की सरकार ने बाबा साहब की मृ्त्यु के 37 साल बाद उन्हें भारत रत्न प्रदान किया, जबकि नेहरू-गांधी परिवार के लोग मृत्यु के कुछ ही महीने बाद भारत रत्न से सम्मानित होते रहे।
श्री मोदी ने कहा जब नरेंद्र भाई मोदी के नेतृत्व में दिल्ली में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी, तब अम्बेडकर के जन्म, शिक्षा, संसदीय जीवन और देहावसान से जुड़े पांच महत्वपूर्ण स्थलों पर भव्य स्मारक बना कर उन्हें पंचतीर्थ घोषित किया गया।
उन्होंने कहा कि लालू-राबड़ी राज में बिहार के लक्ष्मणपुर बाधे, मियांपुर, नारायणपुर सहित दर्जन भर स्थानों पर दलितों का सामूहिक संहार हुआ। इनमें 200 से ज्यादा स्री-पुरुष बच्चे लाइन में खड़े कर मारे गये या उनके घरों में ही जिंदा जला दिया गया था।
श्री मोदी ने कहा कि 2001 में राबड़ी सरकार ने पंचायत और निकायों में एकल पदों पर दलितों को आरक्षण दिये बिना चुनाव करा लिये थे।
उन्होंने कहा कि जब भाजपा के सहयोग से एनडीए सरकार बनी, तभी पंचायत और निकायों में दलितों-पिछड़ों और महिलाओं को आरक्षण देकर बिहार में बाबा साहब के सपने को सार्थक किया जा सका।
श्री मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार आज उस कांग्रेस के दरवाजे पर हैं, जिसने 1952 के पहले संसदीय चुनाव और 1954 के उपचुनाव में अम्बेडकर को हराने का षड्यंत्र रचा था। कांग्रेस बाबा साहब को संसद में नहीं घुसने देना चाहती थी।
वैशाली/हाजीपुर । भीम आर्मी के जिला संयोजक राकेश पासवान की बदमाशों ने गुरुवार की शाम गोली मारकर हत्या कर दी । इनके मौत के बाद वैशाली में भारी बबाल जारी है। इनके समर्थकों द्वारा जिले में कई जगहों पर भारी बबाल काटा गया है। वहीं, राकेश पासवान की शव यात्रा के दौरान समर्थकों ने जमकर उत्पात मचाया।
राकेश पासवान को यहां दलित का बड़ा नेता माना जाता था। बदमाशों ने सीने में 4 गोली मारी है। दलित नेता राकेश पासवान की शव यात्रा के दौरान समर्थकों ने लालगंज बाजार में तोड़फोड़ की। लालगंज के तीनपुलवा चौक पर दुकान में तोड़फोड़ और जमकर उत्पात करते हुए आक्रोशित लोग गांधी चौक की तरफ बढ़ गए। आक्रोशितों ने हाथ में भीम आर्मी का झंडा थाम रखा है। शव यात्रा में हजारों की संख्या में लोग शामिल रहे।
समर्थकों ने लालगंज थाना में घुसने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस ने दर्जनों राउंड हवाई फायरिंग की। आक्रोशित लोगों ने तीनपुलवा के निकट एक गुमटी को भी आग के हवाले कर दिया।
वहीं, नगर परिषद के कार्यालय में तोड़फोड़ की। लालगंज में पूरा माहौल तनावपूर्ण है। लोग अपने-अपने घरों में बंद है। आक्रोशित लोग जमकर तोड़फोड़ और उत्पात मचा रहे हैं।
गुरुवार को दलित नेता राकेश पासवान की बदमाशों ने गोलियों से छलनी कर दिया था। दरअसल, यह घटना हाजीपुर के लालगंज थाना क्षेत्र के पंचदमिया गांव की है। बदमाशों ने घर में घुस कर राकेश पासवान की गोली मारकर हत्या की है। बाइक से चार की संख्या में आए बदमाशों ने घटना को अंजाम दिया और फरार हो गए। बदमाशों ने दलित नेता पर 20 राउंड से अधिक फायरिंग की, यह बात कही जा रही है।
हालांकि, इस पर अभी पुलिस कुछ कहने से बच रही है। वारदात वाली जगह से दर्जन भर खोखा बरामद किया गया है। वहीं, मौत के बाद लोगों में भारी आक्रोश देखा गया। लोगों ने जमकर बवाल काटा।
गोली लगने के बाद खून से लथपथ हालत में समर्थक जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन देखते ही डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। भीम आर्मी नेता की हत्या की खबर जैसे ही समर्थकों को लगी, जिला अस्पताल में भीड़ लग गई । उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने अस्पताल में जमकर तोड़फोड़ की। घटना के बाद मौके पर पुलिस पहुंची। अस्पताल में भी पुलिस बल को तैनात करना पड़ा।
बिहार में मौसम का मिजाज और तल्ख हो गया है। बिहार के कई जिलों में हर दिन तापमान में वृद्धि हो रही है। गुरुवार (13 अप्रैल) को पूरे बिहार के तापमान में वृद्धि देखी गई, लेकिन सबसे अधिक तापमान राजधानी पटना में रहा. यहां का तापमान 41.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया ।
मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार अगले चार दिनों में गर्मी में बेतहाशा वृद्धि हो सकती है। 14 अप्रैल से बिहार के सभी जिलों में तापमान में बढ़ोतरी के आसार हैं। साथ ही गर्माहट वाली हवा 10 से 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने की संभावना है।
मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार अगले चार दिनों में गर्मी में बेतहाशा वृद्धि हो सकती है। शनिवार को जमुई और बांका जिले के एक-दो स्थानों पर लू चलने की संभावना जताई गई है।
मौसम विज्ञान केंद्र ने गर्मी में और वृद्धि होने की चेतावनी दी है। रविवार को राजधानी पटना समेत दक्षिण बिहार और मध्य बिहार के कई जिलों में उष्ण गर्मी और लू चलने की संभावना की चेतावनी दी गई है। इससे बचने की सलाह भी दी है।
मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार बिहार में उत्तर पछुआ हवा का प्रवाह सतह से 4.5 किलोमीटर ऊपर बना हुआ है। साथ ही एक चक्रवातीय परिसंचरण का क्षेत्र उत्तरी बांग्लादेश एवं आसपास के क्षेत्रों में समुद्र तल से 0.9 किलोमीटर ऊपर तक बना हुआ है, जिसके प्रभाव से अगले 5 दिनों तक मौसम पूरी तरह शुष्क बना रहेगा और तापमान में तीन से चार डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी हो सकती है।
पटना हाइकोर्ट ने राज्य में पुलिस स्टेशनो की दयनीय अवस्था और बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध नहीं होने के मामलें पर सुनवाई की। चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ को बताया गया कि पुलिस विभाग स्टेशन भवनों के निर्माण व सुधार के लिए उपलब्ध फंड के सम्बन्ध में पंद्रह दिनों में डीजीपी, बिहार के समक्ष विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत कर देगा।
पिछली सुनवाई में Patna High Court ने राज्य सरकार को मॉडल पुलिस थाने के निर्माण पर विचार करने के लिए राज्य के विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक कमिटी गठित करने का निर्देश दिया था। राज्य सरकार की ओर से बिहार व अन्य राज्यों के मॉडल पुलिस थाने के सम्बन्ध में जानकारी दी गई।
कोर्ट ने जानना चाहा कि पुलिस स्टेशनों के निर्माण व सुधार के लिए उपलब्ध फंड के सम्बन्ध में कितने दिनों में जानकारी दी जा सकती है। पुलिस विभाग ने Patna High Court को बताया कि पंद्रह दिनों में इस सम्बन्ध में पूरा ब्यौरा डीजीपी, बिहार के समक्ष प्रस्तुत कर दिया जाएगा।
Patna High Court द्वारा सहायता करने के लिए नियुक्त एमिकस क्यूरी सोनी श्रीवास्तव ने बताया कि पिछली सुनवाई में कोर्ट ने फंड की उपलब्धता के सम्बन्ध में ब्यौरा देने का निर्देश दिया था, लेकिन अब तक ये ब्यौरा कोर्ट में प्रस्तुत नहीं हुआ।
Patna High Court ने बिहार राज्य पुलिस भवन निर्माण निगम में काफी पद के रिक्त होने को काफी गम्भीरता से लिया।उन्होंने राज्य सरकार को इन रिक्त पदों को शीघ्र भरने को कहा,ताकि पुलिस थाना भवनों का निर्माण कार्य तेजी से हो सके।
पिछली सुनवाई में पुलिस थाना भवनों के निर्माण के लिए उपलब्ध फंड के उपयोग और वितरण पर भी कोर्ट में चर्चा हुई।कोर्ट ने अगली सुनवाई में इस बारे में जानकारी देने का निर्देश राज्य सरकार को दिया था।
पूर्व की सुनवाई में Patna High Court ने राज्य सरकार को कॉर्डिनेटर के रूप में कार्य करने के वरीय पुलिस अधिकारी का नाम का सुझाव देने को कहा था। राज्य सरकार ने एडीजी कमल किशोर सिंह का नाम कॉर्डिनेटर के रूप में दिया था।
एमिकस क्यूरी सोनी श्रीवास्तव ने Patna High Court को बताया था कि राज्य में 1263 थाना है,जिनमें 471 पुलिस स्टेशन के अपने भवन नहीं है।इन्हें किराये के भवन में काम करना पड़ता है।कोर्ट ने स्पष्ट किया कि राज्य में पुलिस स्टेशन भवनों का निर्माण और पुनर्निर्माण का कार्य समय सीमा के भीतर पूरा किया जाए।
जब तक दूसरे भवन में चल रहे पुलिस स्टेशन के लिए सरकारी भवन नहीं बन जाते,तब तक पुलिस अधिकारी कमल किशोर सिंह कॉर्डिनेटर के रूप में कॉर्डिनेट करेंगे।
इससे पहले भी पुलिस स्टेशन की दयनीय स्थिति और बुनियादी सुविधाओं का मामला Patna High Court में उठाया गया था।राज्य सरकार ने इन्हें सुधार लाने का वादा किया था,लेकिन ठोस परिणाम नहीं दिया था।
Patna High Court में सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी अधिवक्ता सोनी श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि जो थाने सरकारी भवन में चल रहे हैं, उनकी भी हालत अच्छी नहीं है।उनमें भी बुनियादी सुविधाओं की काफी कमी है।
उन्होंने बताया कि पुलिस स्टेशन में बिजली,पेय जल,शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएँ भी उपलब्ध नहीं है। लगभग आठ सौ थाने ऐसे है, सरकारी भवनों में चल रहे है,लेकिन उनकी भी स्थिति अच्छी नहीं है।
उन्होंने Patna High Court को बताया कि जो थाना सरकारी भवन में है,उनमें भी निर्माण और मरम्मती की आवश्यकता है।उन्होंने बताया कि कई पुलिस स्टेशन के भवन की स्थिति खराब है।
पुलिसकर्मियों को काफी कठिन परिस्थितियों में और कई सुविधाओं के अभाव में कार्य करना पड़ता है।इस मामलें पर अगली सुनवाई एक माह बाद होगी।
Bihar News: चारा घोटाले में फिर बढ़ी लालू की मुश्किलें, CBI ने की लालू यादव की सजा बढ़ाने की मांग । झारखंड हाईकोर्ट में दायर की याचिका।
पटना: दिल्ली से पटना लौटे CM नीतीश कुमार, सीएम नीतीश कुमार बोले – दिल्ली में सबने बैठ कर बातचीत की, एकजुटता की पूरी कोशिश है ।
पटना: सफाईकर्मियों की मौत पर NHRC ने मुख्य सचिव, नगर निगम, SSP को भेजा नोटिस
वैशाली: बदमाशों ने भीम आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश पासवान की गोली मारकर हत्या कर दी ।
बिहार के हाजीपुर में पंजाब नेशनल बैंक में जबरदस्त लूटपाट; PNB से 12 लाख की लूट, बैंक में ड्यूटी पर तैनात गार्ड को भी बदमाशों ने मारी गोली ।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी दिल्ली में अमित शाह से मिलें।
नौकरी के बदले जमीन घोटाले में RJD प्रमुख लालू प्रसाद की बेटी चंदा यादव ने बयान दर्ज किया है।
पटना कोर्ट में हेट स्पीच ‘मोदी सरनेम’ मामले में राहुल गांधी नहीं हुए पेश , MP-MLA कोर्ट ने 25 अप्रैल को राहुल गांधी को पेश
बिहार में Corona के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, पटना बन रहा है कोरोना का हब।
बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप की याचिका पर SC 21 अप्रैल को सुनवाई करेगा; केंद्र, बिहार और तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी। मनीष कश्यप ने रासुका हटाने और सभी मामलों की सुनवाई एक जगह करने की याचिका दे रखी है।
पटना हाइकोर्ट में सासाराम के ऐतिहासिक महत्व के धरोहर शेरशाह के मकबरे के आसपास बड़े तालाब में स्वच्छ और ताज़ा पानी आने के लिए बनाया गए नाले बंद होने के मामलें पर सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी। चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने अधिवक्ता कन्हैया लाल भास्कर की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार के अधिवक्ता को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधिकारियों से विचार विमर्श करने का निर्देश दिया था।
इससे पूर्व कोर्ट ने रोहतास के डी एम, डीसीएलआर,सासाराम नगर निकाय के अधिकारियो समेत केंद्र सरकार के अधिकारी और एएसआई की बैठक कर विस्तृत कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया था।
कोर्ट ने प्राची पल्लवी को इस जनहित की सुनवाई में कोर्ट की मदद करने के लिए एमिकस क्यूरी नियुक्त किया था।कोर्ट ने कहा कि ये ऐतिहासिक धरोहर है,जिसकी सुरक्षा और देखभाल करना आवश्यक हैं।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कन्हैया लाल भास्कर ने कोर्ट को बताया था कि सासाराम स्थित शेरशाह का मकबरा राष्ट्रीय धरोहर हैं।इसके तालाब में साफ और ताज़ा के लिए वहां तक नाले का निर्माण किया गया था।
उन्होंने कोर्ट को बताया था कि 2018 से 2020 तक सिर्फ पचास फी सदी नाले का काम हुआ।इसे बाद में खराब माना गया।इसमें लगभग आठ करोड़ रुपए खर्च हुए थे।
उन्होंने कोर्ट को जानकारी दी थी कि इसमें काफी अनियमितताएं बरती गई, जिसकी जांच स्वतन्त्र एजेंसी से कराई जानी चाहिए।उन्होंने बताया था कि ये नाला कूड़ा से भरा पड़ा है,जिस कारण शेरशाह के मकबरे के तालाब में साफ पानी नहीं पहुँच पाता है।
उन्होंने कोर्ट को बताया था कि वह तालाब गंदा और कचडे से भरा हुआ है।वहां जो पर्यटक आते है,उन्हें ऐसी हालत देख कर निराशा होती है।