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शराबबंदी को लेकर नीतीश कुमार का हठ परेशानी का सबब बन सकता है

बात कोई आठ वर्ष पूरानी है सरकार ने पटना एसएसपी के पद पर अमृत राज को पोस्ट किया था ,अमृत राज ने पदभार संभालते ही पटना जिले के ऐसे थानेदार जिसका रिश्ता भूमाफिया और अपराधियों से था आते आते उनको निशाने पर लेना शुरु कर दिये ।

शराब विधानसभा परिसर में कैसे पहुंचा इसकी जॉच करने पहुंचे डीजीपी और मुख्यसचिव

पटना के लोगो को अमृत राज के बारे में ज्यादा पता नहीं था लेकिन अपराधियों के सिडिंकेट को पता था कि अमृत राज किस तरीके से अपराधियों से निपटते हैं ।पदभार संभालते ही अपराधियों के खिलाफ ऑपरेशन की शुरुआत करने ही वाले थे कि पटना सिटी के इलाके में लड़कियों और महिलाओं को ब्लेड मारने की घटना अचानक शुरु हो गयी ।

विधानसभा परिसर में शराब मिलने की सूचना पर बिफरे नीतीश दिया जॉच का आदेश

पूरा महकमा हिल गया लाख कोशिश के बावजूद एक माह तक एसएसपी से लेकर थानेदार तक परेशान रहा लेकिन शाम होते होते ब्लैड मारने की दो तीन घटनाये हो ही जाती है लेकिन एक अचानक बंद हो बंद कैसे हुआ उसकी एक कहानी है कभी मौका मिलेगा तो चर्चा करेगे ।

इस घटना की चर्चा क्यों किये शायद आपको समझ में आने लगा होगा शराबबंदी को लेकर जिस तरीके से नीतीश कुमार व्यवहार कर रहे हैं उससे आने वाले समय में सरकार के लिए बड़ी परेशानी खड़ी हो सकती है ।

विधानसभा परिसर में शराब की बोतल मिलने की सूचना पर जिस तरीके से मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया आयी है और डीजीपी और मुख्यसचिव घटना स्थल पर पहुंच कर जिस अंदाज में मामले की जांच कर रहे हैं बेहद हस्यापद है क्यों कि समाज में ऐसे लोगों की कमी नहीं है जो प्रशासन को बेवजह तंग करने के लिए आये दिन इस तरह का हरकत ना करे ।

छिटपुट हिंसा को छोड़ 9 वे चरण का पंचायत चुनाव शांतिपूर्ण ढ़ग से सम्पन्न

छिटपुट हिंसा को छोड़कर 9 वे चरण का चुनाव सम्पन्न।बिहार में पंचायत चुनाव के 9वें चरण के लिए 35 जिलों की 875 पंचायतों में वोटिंग हुई। सोमवार सुबह 6 बजे से ही मतदाता बूथों पर पहुंचने लगे।

मतदान केंद्र के अंदर और बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। सुबह 7 बजे से 5 बजे तक 61.15% मतदान हुआ। 64.38% महिलाओं और 57.91% पुरुषों ने वोटिंग की। वोटिंग के लिए 12341 बूथ बनाए गए थे।

राज्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया मतदान शांतिपूर्ण रहा। कुल 37 शिकायत प्राप्त हुए थे। कुल 609 EVM को बदला गया। कुल 18729 बोगस वोटर्स को चिह्नित किया गया। सभी पर उचित करवाई की जाएगी।

मधुबनी में बोगस वोटिंग को लेकर पुलिस के साथ लोगों की झड़प हो गई। वहीं, मधुबनी के बेनीपट्‌टी प्रखंड में मुखिया प्रत्याशी पति को गोली मार दी गई।

गंभीर हालत में उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया। वहीं, सीवान में भी मुखिया प्रत्याशी के रिश्तेदार को जांघ में बूथ पर गोली मार दी। सीतामढ़ी में पंचायत चुनाव के दौरान भीड़ को हटाने गई पुलिस पर लोगों ने हमला कर दिया। पुलिस पर लोगों ने पथराव किया ।

पंचायत चुनाव के 9वे चरण का मतदान शुरु सुबह 6 बजे से जारी है मतदान

पंचायत चुनाव के 9वें चरण का मतदान आज सुबह 6बजे से शुरु हो गया है। राज्‍य के 35 जिलों की 875 पंचायतों में वोटिंग हो रही है। इस चरण में शांतिपूर्ण चुनाव के लिए 42 हजार पुलिस और सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। इसमें जिला पुलिस बल, गृह रक्षक बल, बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस और सैप बलों की तैनाती की गई है। सोमवार सुबह 6 बजे से ही मतदाता बूथों पर पहुंचने लगे। मतदान केंद्र के अंदर और बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।

वोटिंग अपडेट्स…

  • भागलपुर में पीरपैंती में कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान शुरू।
  • मुजफ्फरपुर के पारू प्रखंड की 34 पंचायतों में मतदान हो रहा है।
  • खगड़िया के अलौली की 12 पंचायतों में मतदान, सुबह से वोटिंग के लिए कतार में मतदाता लग चुके हैं।
  • औरंगाबाद के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र हसपुरा प्रखंड में कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान जारी।
  • भोजपुर के कोईलवर प्रखंड में सुबह ही मतदाताओं की भीड़ लगी।
  • मधुबनी के बेनीपट्टी के रामनगर गांव में बूथ संख्या 403 पर वोट एमएलसी घनश्याम ठाकुर ने वोट डाला। बेनीपट्टी के आहपुर में बूथ संख्या 196 पर एक बूढ़ी महिला कौशल्या देवी ने भी मतदान किया। मधुबनी सहित नवादा, औरंगाबाद, बेगूसराय व पूर्वी चंपारण आदि सभी 35 जिलों में मतदान तेज हो चुका है।
  • कड़ी सुरक्षा के बीच मोतिहारी (पूर्वी चंपारण) के अरेराज, पहाड़पुर व हरसिद्धि के 685 बूथों पर मतदान जारी है। मतदान की पूर्व संध्या पर हरसिद्धि की हसुआहां मानिकपुर में मुखिया के भाई ने की मारपीट व बंधक बनाने की कोशिश। हरसिद्धि के बूथ संख्या 240 और 258 पर ईवीएम में खराबी के कारण मतदान में विलंब हो रहा है।

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बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुक्रवार तक चलेगा सत्र

बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है। सत्र शुक्रवार तक चलेगा। पहले दिन सोमवार यानी 29 नवंबर को तारापुर से चुनकर आए राजीव कुमार सिंह और कुशेश्वरस्थान से चुनकर आए अमन हजारी का शपथ ग्रहण होगा , फिर शोक संदेश के साथ विधानसभा की आज की कार्रवाही कल दिन के 11 बजे तक के लिए स्थगित हो जायेगा ।

दूसरे दिन मंगलवार यानी 30 नवंबर और बुधवार 1 दिसंबर को राजकीय विधायक और अन्य राजकीय कार्य पर चर्चा की जाएगी। यह दोनों दिन काफी महत्वपूर्ण माने जाएंगे। गुरुवार यानी 2 दिसंबर को वित्तीय वर्ष 2021-22 के दूसरे अनुपूरक व्यय विवरणी पर वाद-विवाद, मतदान और विनियोग विधेयक पास किए जाएंगे।

वहीं, इस सत्र के अंतिम दिन यानी शुक्रवार 3 दिसंबर को गैर सरकारी सदस्यों के कार्य यानी गैर सरकारी संकल्प पेश किए जाएंगे। इसके बाद सदन की कार्यवाही अगले आदेश तक स्थगित कर दी जाएगी।

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पंचायत चुनाव का आठवां चरण की वोटिंग समाप्त

बिहार पंचायत चुनाव का आठवां चरण का मतदान संम्पन ।

आठवें चरण में 36 जिलो के 55 प्रखंडों के 834 पंचायतों में हुआ मतदान ।

वोटिंग के लिये 7398 भवनों में 11527 बूथ बनाये थे ।

614 बूथ नक्सली प्रभावित थे ।

66 लाख 55 हजार 233 वोटर थे वोटर ।

वोटिंग के लिये तकरीबन 40 हजार पुलिस अधिकारी व जवानों की गई थी तैनाती ।

कुल मतदान 61.95 प्रतिशत

महिला 65.24
पुरुष 58.65।

शांतिपूर्ण रहा मतदान ।

रघुनाथ पुर में हवाई फायरिग की घटना हुई लेकिन बूथ के आसपास नही हुआ।

कुल 705 evm बदले गए ।

आज के चुनाव में क्या खास रहा

जमुई में नक्सली बंद बेअसर, मतदाताओं ने जमकर डाले वोट, जमुई के खैरा में हुई 70% वोटिंग, हर बूथ पर महिलाओं की भीड़, 8 किमी पैदल चल कर वोट देने पहुंची महिलाएं। पहली बार कई लड़कियों ने किया मतदान।

बिहार पंचायत, मुखिया चुनाव: बांका में एक लाख रुपये के साथ मुखिया प्रत्‍याशी गिरफ्तार, सिवान व बक्‍सर में फायरिंग

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बिहार पंचायत चुनाव का 8 चरण छिटपुट हिंसा को छोड़कर शातिपूर्वक चल रहा है चुनाव

बिहार पंचायत चुनाव में 8वें चरण की सीटों पर मतदान जारी है दोपहर एक बजे तक 35 से 40 प्रतिशत मतदान की खबर है हलांकि नक्सली के बंद की वजह से नक्सल प्रभावित जिलों में मतदानकर्मी थोड़े दहशत में जरुर है लेकिन मतदाताओं के उत्साह में कोई कमी नहीं है ।
8वें चरण में 36 जिलों के 55 प्रखंडों की 822 पंचायतों में चुनाव हो रहा है। इस चरण के 3356 पदों पर निर्विरोध निर्वाचन हो चुका है।
92 हजार 376 उम्मीदवार मैदान में
राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक कुल 92 हजार 376 उम्मीदवार मैदान में हैं। इस चरण में कुल 66 लाख 55 हजार 233 मतदाता मतदान करेंगे। इनमें 31 लाख 52 हजार 763 महिला मतदाता जबकि 35 लाख 2 हजार 260 पुरुष मतदाता हैं। इस चरण में वोटरों के लिए कुल 11 हजार 527 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
आठवें चरण में कुल पदों की संख्या 25 हजार 561 है। इनमें ग्राम पंचायत सदस्य पद की संख्या 11 हजार 173 है। ग्राम पंचायत मुखिया के 1135 पद, पंचायत समिति सदस्य के लिए 821, जिला परिषद सदस्य के 124 पद, ग्राम कचहरी सरपंच के 1135 पद और ग्राम कचहरी पंच के 11 हजार 173 पदों के लिए चुनाव होंगे। वहीं, 92 हजार 376 उम्मीदवारों में से 42 हजार 803 पुरुष और 49 हजार 573 महिला उम्मीदवार शामिल हैं।

3356 पदों पर निर्विरोध हो चुका है निर्वाचन
8वें चरण की सीटों पर 3356 पदों पर निर्विरोध निर्वाचन हो चुका है। इनमें ग्राम पंचायत सदस्य के 148, पंचायत समिति सदस्य के 3, ग्राम कचहरी सरपंच के 2, मुखिया के 1 और ग्राम कचहरी पंच के 3202 पद शामिल हैं। इस चरण के 166 पद खाली रह गए हैं। इसकी वजह ये है कि इन 166 पदों पर किसी भी प्रत्याशी ने नामांकन नहीं किया है। इनमें 4 ग्राम पंचायत सदस्य के, 1 पंचायत समिति सदस्य और 161 ग्राम कचहरी सदस्य के पद शामिल हैं।

आज के चुनाव में क्या खास है
1—सीवान के रघुनाथपुर प्रखंड मुख्यालय के मुस्लिम टोला में मस्जिद के समीप दो राउंड फायरिंग हुई है। पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। जानकारी के अनुसार, एक समुदाय विशेष ने वोट को लेकर फायरिंग की है।
2—नालंदा के हरनौत के दैली में चुनाव से पहले युवक को मारी गोली। हरनौत थाना क्षेत्र के दैली गांव में पंचायत चुनाव की रंजिश में 32 वर्षीय मुन्ना कुमार को गोली मार दी गई। बताया जा रहा है कि मंगलवार रात गांव में घूम कर कुछ लोग कह रहे थे कि गांव के ही मुखिया उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करना है। इसी दौरान मुन्ना कुमार ने कहा कि वह किसी के दबाव में मतदान नहीं करेगा। आरोप है घटना के पीछे यही विवाद है।
3–नालंदा में चुनाव ड्यूटी में तैनात ईवीएम के मास्टर ट्रेनर की मौत। ईवीएम की गड़बड़ी दूर करने के लिए हरनौत के चौरिया पंचायत सेक्टर में तैनात मास्टर ट्रेनर 55 वर्षीय रविचंद्र किरण की मौत हो गई। वे नूरसराय प्रखंड के नीरपुर के निवासी थे तथा नूरसराय के उत्क्रमित मध्य विद्यालय पपरनौसा में सहायक शिक्षक के तौर पर पदस्थापित थे। निर्वाची पदाधिकारी रवि कुमार ने बताया कि ड्यूटी पर आने के दौरान वे बाइक से गिर गए और उनकी मौत हो गई।
4–गया के अतिनक्सल प्रभावित इमामगंज विधानसभा क्षेत्र के इमाम गर्लफ्रे आदर्श राजकीय मध्य विद्यालय में मतदान जारी है। नक्सली बंदी के बावजूद लोग वोट करने के लिए आ रहे हैं। लोगों में वोट के प्रति उत्साह, अपने नेता को चुनने के प्रति उनका जोश बना हुआ है। स्कूल में दो बूथ हैं। एक बूथ पर 320 और दूसरे बूथ पर 600 से अधिक मतदाता हैं। यहां 3:00 बजे तक मतदान होगा। यहां बायोमेट्रिक के उपकरण तो हैं पर वह काम नहीं कर रहे। वोटिंग प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही मशीन काम करना बंद कर दिया।
5–सीतामढ़ी के रीगा प्रखंड अंतर्गत बूथ संख्या 5 पर EVM में आई गड़बड़ी, तकरीबन एक घंटे से बाधित है मतदान, कई मतदाता बिना वोटिंग किए लौटे घर।
6—मुजफ्फरपुर के गायघाट की 23 पंचायतों के 329 बूथों पर मतदान जारी है। बूथ संख्या 142,143, और 144 पर भारी संख्या में मतदाताओं की भीड़ उमड़ पड़ी। लेकिन, वोटिंग की गति काफी धीमी थी। इस कारण सभी मतदाता जमीन पर ही बैठ गए। काफी देर बाद भी जब उनकी बारी नहीं आयी तो सभी ऊब गए और हंगामा करने लगे।

छठे चरण की मतगणना शुरु हो गयी है, छठे चरण में 3 नवंबर को 37 जिलों के 57 प्रखंडों में वोटिंग हुई थी।

बिहार पंचायत चुनाव के छठे चरण की मतगणना शुरु हो गयी है , छठे चरण में 3 नवंबर को 37 जिलों के 57 प्रखंडों में वोटिंग 3 हुई थी। सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू हो गई। मतगणना केंद्र के बाहर सुबह 7 बजे से ही प्रत्याशी और उनके समर्थकों की भीड़ लगने लगी। केंद्र के बाहर और अंदर सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए गए हैं। बिना पास के किसी को भी सेंटर के अंदर प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है , दो दिनों तक मतगणना चलेगा ।

छठे चरण की सीटों पर नतीजे
छठे चरण में पदों की कुल संख्या 26 हजार 200 है, जिसमें ग्राम पंचायत के सदस्य के 11,592 पद हैं। मुखिया के 848 पद हैं, पंचायत समिति सदस्य के 1186, जिला परिषद सदस्य के 134, ग्राम कचहरी पंच के 11592 और सरपंच के 848 पद हैं। इस चरण में चुनाव लड़ने वाले कुल उम्मीदवारों की संख्या 94188 है। पुरूष उम्मीदवारों की संख्या 43 हजार 840 है तो महिला उम्मीदवारों की संख्या 50348 है।

पद वार उम्मीदवारों की संख्या की बात करें तो ग्राम पंचायत सदस्य पद पर 53 हजार 192 उम्मीदवार मैदान में हैं। इसके अलावा मुखिया पद पर 6976 उम्मीदवार मैदान में हैं। पंचायत समिति सदस्य पद के लिए 7844 उम्मीदवार मैदान में हैं। जिला परिषद सदस्य पद पर 1378 उम्मीदवार, ग्राम कचहरी पंच पद पर 19 हजार 633 उम्मीदवार मैदान में है। ग्राम कचहरी सरपंच के पद पर 5 हजार 165 उम्मीदवार मैदान में हैं।

इस चरण में चुनाव लड़ने वालों की कुल संख्या 94,188 है। इसमें 43,840 पुरुष और 50,348 महिला उम्मीदवार शामिल हैं। पद वार महिला पुरुष उम्मीदवार कि संख्या की बात करे तो पंचायत सदस्य के लिए 53,192 उम्मीदवार (25,218 पुरुष व 27,974 महिला) चुनाव मैदान में हैं। वहीं, मुखिया के लिए 6,976 (3,392 पुरुष व 3,584 महिला), पंचायत समिति सदस्य के लिए 7844 (3,712 पुरुष व 4,132 महिला), जिला परिषद सदस्य के लिए 1,378 (606 पुरुष व 772 महिला), पंच हेतु 19,633 (8,222 पुरुष एवं 11,411 महिला) और सरपंच हेतु 5,165 (2,690 पुरुष एवं 2,475 महिला) उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा।

3540 पदों पर निर्विरोध हो चुका है निर्वाचन
छठे चरण की सीटों पर 3540 पदों पर निर्विरोध निर्वाचन हो चुका है। ग्राम पंचायत सदस्य पद पर 135 उम्मीदवार, ग्राम कचहरी पंच पद पर 3403 , ग्राम कचहरी सरपंच पद पर 1 और पंचायत समिति सदस्य के 1 सीट पर निर्विरोध निर्वाचन हो चुका है।

इस चरण में पंच के 144 पदों के लिए कोई नामांकन नहीं हुआ था। ऐसे में ये पद रिक्त रह गए हैं।

पंचायत चुनाव के छठे चरण का मतदान शुरु

बिहार पंचायत चुनाव के छठे चरण का मतदान शुरु हो गया है आज 37 जिलों के 57 प्रखंडों में वोट डाले जा रहे हैं। 850 पंचायतों में हो रहे इस चुनाव में 11 हजार 959 बूथ बनाए गए हैं। मतदाताओं की कुल संख्या 67 लाख 577 है। पुरूष मतदाता 35 लाख 24 हजार 285 है तो महिला मतदाता 31 लाख 76 हजार 80 है। बूथ पर सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम हैं। मतदाता गुलाबी ठंड में अपने मतदान करने पहुंच गए हैं।छठे चरण में पदों की कुल संख्या 26 हजार 200 है, जिसमें ग्राम पंचायत के सदस्य के 11,592 पद हैं। मुखिया के 848 पद हैं, पंचायत समिति सदस्य के 1186, जिला परिषद् सदस्य के 134, और सरपंच के 848 पद हैं।

सुबह से ही मतदान केन्द्रों पर लम्बी कतारे देखी जा रही है

उप चुनाव नीतीश ,तेजस्वी ,चिराग और कन्हैया के लिए अग्नि परीक्षा है

हालांकि बिहार विधानसभा का उपचुनाव मात्र दो सीटों पर है लेकिन उपचुनाव के परिणाम का प्रभाव बिहार की राजनीति में दूरगामी पड़ेगा यह तय है। नीतीश का साख दाव पर है, वहीं तेजस्वी के तेज का भी परीक्षा है, चिराग बुझेगा या जलेगा यह भी तय हो जायेगा, वही कन्हैया कांग्रेस के लिए तुरुप का एक्का साबित होगा कि नहीं यह भी तय होगा। उप चुनाव में जिस तरीके से धनबल का इस्तेमाल शुरू हुआ है ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यह उप चुनाव बिहार के चुनावी इतिहास में सबसे महंगा लड़े जाने वाला चुनाव होगा ।

1उप चुनाव नीतीश ,तेजस्वी ,चिराग और कन्हैया के लिए अग्नि परीक्षा है 
  चुनाव तो मात्र दो सीटों के लिए हैं लेकिन इन दो सीटों के परिणाम का बिहार की राजनीति पर बड़ा असर पड़ेगा  नीतीश कुमार के लिए दोनों सीट जीतना बाढ़ के लोकसभा चुनाव जीतने से कम महत्वपूर्ण नहीं है. इसी तरह राजद अगर ये दोनों सीट जाता है तो बिहार में तख्तापलट की गुंजाइश बढ़ सकती है .वही चिराग दोनों सीटों पर जदयू को हराने में कामयाब हो गया तो फिर आने वाले समय में चिराग बिहार की राजनीति में एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में उभर कर सामने आ सकता है ।

यही स्थिति कन्हैया की भी है बिहार में कांग्रेस और राजद के बीच जो तल्खी देखी जा रही है उसकी वजह कही ना कही कन्हैया है ऐसे में कन्हैया के सामने चुनौती है कि वह राजद के एम समीकरण में सेंध लगाने में कामयाब रहा तो आने वाले समय में कांग्रेस राजद के साथ आमने सामने बैठ कर बात कर सकती है।

2–बिहार का सबसे महंगा चुनाव लड़ा जा रहा है 
 बिहार के चुनावी इतिहास में यह सबसे महंगा चुनाव है जैसे जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है खर्च की सीमाएँ टूटती जा रही है ।   राज्य सरकार का पूरा मंत्रिमंडल तारापुर और कुशेश्वर स्थान में कैप किये हुए हैं ,सारा विधायक ,पूर्व विधायक और पार्टी के पदाधिकारी मोर्चा में डटे हुए हैं. दोनों क्षेत्रों में उत्सव जैसा माहौल है। तारापुर तो आँनरोड है और पास में रहने की बेहतर व्यवस्था भी उपलब्ध है,लेकिन कुशेश्वर स्थान जहां आज भी रहने खाने का बेहतर व्यवस्था उपलब्ध नहीं है और बाजार 500 मीटर में सिमटा हुआ है वहां का नजारा देखने वाला है शाम के समय बाजार में सोमवारी पर्व जैसा माहौल दिखता है जिधर देखिए पजामा कुर्ता वाले ही दिखायी देगें 

 हर ब्रांड उपलब्ध है और ब्रांड बेचने वालो की तो चांदी है समस्तीपुर ,दरभंगा ,खगड़िया ,सहरसा और मधुबनी से जुड़े बड़े कारोबारी कुशेश्वरस्थान में ही कैप कर रहा है ,माल पहुंच गया है पार्टी के झंडा के आर में बहुत खेला हुआ है ,अब माल को गांव गांव में पहुंचाया जा रहा है। हालांकि ये इलाका पहले से ही इस मिजाज का रहा है हां ये सही है कि देशी वाला भी आज कल विदेशी ब्रांड से कम पड़ बैठने को तैयार नहीं है।   बाढ़ के फिर से लौट आने के कारण मछली की कोई कमी नहीं है हर घर में व्यवस्था पूरा टाइट है।  

 कल कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास से मिलने कांग्रेस के एक विधायक कुशेश्वर स्थान चले आए थे उनकी ड्यूटी तिलकेश्वर थाना क्षेत्र के एक पंचायत में लगाया गया था जैसे ही प्रभारी का ध्यान उस विधायक पर पड़ा गरज पड़े अरे आप पंचायत छोड़ कर यहां क्या कर रहे हैं ,सर नाव के अलावे वहां कोई और साधन उपलब्ध नहीं है दो दो घंटा नाव पर ही आना जाना होता है अब छोड़ दिया जाये सर, ठीक है तो आप विधायकी से रिजाइन दीजिए।ये स्थिति कांग्रेस का है हर पंचायत में कांग्रेस के विधायक ,पूर्व विधायक और पार्टी के सांसद ,पूर्व सांसद और पार्टी पदाधिकारी कैंप कर रहे हैं ।

 कांग्रेस की ये स्थिति है तो आप अंदाजा कर लीजिए जदयू और राजद के कैंप में क्या स्थिति होगी जदयू और राजद का कुशेश्वर स्थान में दो सौ से अधिक विधायक ,पूर्व विधायक ,विधान पार्षद और पूर्व विधान पार्षद के साथ साथ पार्टी के पदाधिकारी मौजूद है। इस चुनाव में सबसे कमजोर उम्मीदवार वाली पार्टी भी अपने उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए 50 लाख रुपया दिया है।तारापुर में राजद प्रत्याशी के लिए पूरे बिहार से वैश्य समाज का चंदा पहुंचना शुरू हो गया है ,इस बार जदयू भी किसी मौर्चे पर  पीछे नहीं है दोनों जगह एक एक मंत्री को विशेष तौर पर प्रभार दिया गया है ।  

 अभी जो चर्चा है इस बार एक बूथ पर दस हजार रुपया चुनाव के दिन खर्च के लिए दिया जायेगा तीनों दलों में कम्पीटीसन शुरू है कुशेश्वर स्थान विधानसभा क्षेत्र में चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी में एक प्रत्याशी  आर्थिक रूप से बहुत कमजोर है लेकिन पैसे की कोई कमी ना हो इसके लिए  पार्टी ने दो बड़े कारोबारी को कुशेश्वर स्थान में चुनाव तक बिठा दिया है कल से वो भी बोरा खोलना शुरु कर दिये हैं।  इतने बड़े स्तर पर विधानसभा चुनाव में वोट खरीद की तैयारी पहले कभी देखने को नहीं मिला है सबका फोकस कुशेश्वर स्थान ही है जहां तैयारी यह चल रही है कि इतना जाम छलके की लोग वोट देना ही भूल जाये ।

 3क्यों सभी राजनीतिक दल अपना सब कुछ दाव पर लगा दिया है 
 इसकी बड़ी वजह यह है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में जिस तरह का मैन डेड जनता ने दिया है उस वजह से एक एक विधायक महत्वपूर्ण हो गया है दोनों सीट पर जदयू चुनाव लड़ रहा है और दोनों सीट पर पहले जदयू का कब्जा भी था जदयू इस बार तीसरे नम्बर पर चली गयी है ऐसे में ये दोनों सीट उनके लिए काफी महत्वपूर्ण है हार हुई तो सरकार गिरे ना गिरे नीतीश और कमजोर होगा इसलिए पार्टी अपना सब कुछ दाव पर लगा दी है ।

 यही स्थिति राजद का है राजद अगर दोनों सीट जीत जाती है तो राजद नीतीश पर और हमलावर हो जाएगा और इस स्थिति में सरकार अस्थिर भी सकती है इसलिए राजद अपना सब कुछ दाव पर लगा दिया है यहां तक कि बीमार चल रहे लालू प्रसाद भी 27 को चुनाव प्रचार में तारापुर और कुशेश्वर स्थान जा रहे हैं ।

कांग्रेस राजद से अलग चुनाव लड़ने का फैसला लिया है और इस फैसले को मजबूती कैसे मिले इसके लिए 1989 के बाद पहली बार कांग्रेस अपने पूरे संसाधन को झोंक दिया है हालांकि बिहार प्रदेश कांग्रेस के अधिकांश नेता कांग्रेस आलाकमान के इस फैसले में पलीता लगाने की पूरी कोशिश में लगा है लेकिन तारापुर और कुशेश्वर स्थान में कांग्रेस के जो प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं उसमें खास करके अशोक राम का पूरा राजनीतिक करियर दाव पर लगा हुआ है सम्मान जनक वोट नहीं आया तो फिर 1980 से जो उनकी राजनीति चली आ रही है उस पर विराम लग जाएगा इसलिए वो भी पूरे संसाधनों के साथ मैदान में डटे हुए हैं ।

 तारापुर से जो कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ रहा है वो भी अपने काम के बल पर 2020 के विधानसभा चुनाव में 12 हजार से अधिक वोट निर्दलीय ले आया था इस बार कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ रहे हैं संसाधन की कोई कमी नहीं है और पार्टी भी मदद में खड़ी है झारखंड के एक मंत्री को विशेष तौर पर जिम्मेवारी दी गयी है ।

चिराग  बिहार की राजनीति में बने रहे इसके लिए ये दोनों चुनाव बहुत महत्व रखता है तारापुर में उसके उम्मीदवार राजपूत और पासवान वोटर के सहारे मजबूती जताने कि कोशिश में लगा है पिछले चुनाव में भी सात हजार से ज्यादा वोट लोजपा को आया था उस बार वोट बढ़ सकता है इस सम्भावना को देखते हुए यहां लोजपा सब कुछ झोक दिया है कुशेश्वर स्थान तो रामविलास पासवान का ननिहाल ही है लेकिन जदयू से जो खड़ा है वो भी रामविलास पासवान का रिश्तेदार ही है ऐसे में चिराग के सामने बड़ी चुनौती यह है कि यहां ज्यादा से ज्यादा पासवान वोट में डीभीजन करा दे 2020 के चुनाव में भी लोजपा प्रत्य़ाशी को 12 हजार से ज्यादा वोट आया था इसलिए यहां चिराग लगातार कैंप कर रहे हैं ।  मतलब यह उप चुनाव बिहार की राजनीति किस करवट लेगी उसका भविष्य तय कर सकता है कन्हैया की भी प्रतिष्ठा दाव पर है इसलिए हर पार्टी अपना सब कुछ दाव पर लगा दिया है।

कांग्रेस के साथ मेरा रिश्ता अटूट है कांग्रेस के बगैर विपक्षी एकता संभव नहीं

पटना आने के बाद पहली बार मीडिया से बात करते हुए लालू यादव ने नीतीश कुमार,केन्द्र की मोदी सरकार और कांग्रेस के साथ उनके रिश्ते को लेकर खुल कर बात किया । लालू यादव ने अपने इंटरव्यू में तेजस्वी यादव की खुलकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव संगठन और पार्टी को बेहतर तरीके से चला रहे हैं, वह एक कुशल नेतृत्वकर्ता है। लेकिन परिवार में चल रहे विवाद को लेकर लालू यादव ने कोई टिप्पणी नहीं कि है ।

कांग्रेस से मेरा रिश्ता अटूट है
हाल के दिनों में बिहार विधानसभा उप चुनाव को लेकर कांग्रेस और राजद के बीच गठबंधन टूटने कि बात पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है। राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस का वजूद है। कांग्रेस के लिए हमने जितना किया है, उतना किसने किया? कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को यह बात पता है, लेकिन कांग्रेस की नौकरी करने वाले छुटभैये नेता इस बात को नहीं समझते। लालू ने यह भी कहा कि आज भी देश में विपक्षी एकजुटता का नेतृत्व कांग्रेस ही कर सकती है
उपचुनाव में पार्टी की जीत का दावा किया

लालू यादव ने मौजूदा विधानसभा उपचुनाव में अपनी पार्टी की जीत का दावा किया। उन्होंने कहा कि RJD के उम्मीदवार दोनों सीटों पर चुनाव जीतेंगा। कहा कि तेजस्वी यादव ने पहले ही विरोधियों की हवा निकाल दी है और जो थोड़ा बहुत बचा है, उसका विसर्जन करने मैं खुद आ गया हूं। लालू यादव ने कहा कि वे 27 अक्टूबर को दोनों विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार करेंगे।

नीतीश कुमार अहंकारी है
लालू यादव ने कहा कि राजनीति में नीतीश कुमार जैसा अहंकारी दूसरा कोई नहीं है नीतीश खुद को प्रधानमंत्री के तौर पर देख रहे थे। हर तरफ से उन्हें PM मैटेरियल बताया जा रहा था। नीतीश कुमार जैसा अहंकारी व्यक्ति कोई नहीं हो सकता। नीतीश जब PM बनने में असफल रहे तब वह BJP की गोद में बैठ गए। BJP और PM नरेंद्र मोदी को भी भली-भांति पता है कि नीतीश कुमार क्या चीज है। वे जुगाड़ के सहारे बिहार में सत्ता पर बने हुए हैं।

केंद्र सरकार को भी आड़े हाथों लिया
लालू ने BJP और केंद्र सरकार को भी आड़े हाथों लिया। कहा कि देश में महंगाई अब कमरतोड़ स्थिति से भी ऊपर जा पहुंची है। पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं। आम लोगों के लिए जीना मुश्किल हो गया है। BJP जब विपक्ष में थी तो महंगाई को मुद्दा बनाती थी, लेकिन आज देश में महंगाई की चर्चा तक नहीं होने दी जा रही है। आम आदमी परेशान है और सरकार को इसकी परवाह नहीं।

राजनीति में अक्सर दो दुना चार नहीं होता है

राजनीति में अक्सर दो दुना चार नहीं होता है ,वही कागज पर जो गणित दिखता है वही जमीन पर भी दिखाई दे ये कोई जरूरी नहीं है बिहार विधानसभा के उपचुनाव में कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है जिस कुशेश्वर स्थान विधानसभा क्षेत्र को लेकर कांग्रेस और राजद में विवाद हुआ उस विधानसभा को लेकर राजद का मानना है कि वहां सबसे अधिक वोटर मुसहर जाति का है उसके साथ यादव और मुसलमान आ जाएगा तो फिर राजद प्रत्याशी को जीत से कोई रोक नहीं सकता है ये राजनीतिक गणित सौ फीसदी सही भी है ये तीनों एक साथ आ जाये तो फिर बहुत मुश्किल है नहीं है राजद का चुनाव जीतना ।

1—यादव और मुसहर के बीच दो दशक से हिंसक संघर्ष चल रहा है कुशेश्वर स्थान में
कुशेश्वर स्थान बिहार का सबसे पिछड़ा प्रखंड है जहां अभी भी अधिकांश गांव में सड़क नहीं पहुंचा है वजह बाढ़ है , दरभंगा से कुशेश्वर स्थान पहुंचने के बाद आज भी अधिकांश गांव में जाने के लिए बस नाव ही एक सहारा है। कुशेश्वर स्थान विधानसभा क्षेत्र समस्तीपुर ,खगड़िया और सहरसा बॉर्डर से जुड़ा हुआ यह स्थान कोसी,कमला और अधवारा समूह के नदियों का कीड़ा स्थल है और यह इलाका कभी अपराधियों का गढ़ माना जाता था एक दौर था जब कारी पासवान और अशोक यादव गैंग के बीच वर्चस्व को लेकर खूनी संघर्ष चलता था कारी पासवान के पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने के बाद यह पूरा दियरा इलाका अशोक यादव और रामानंद यादव के कब्जे में आ गया लेकिन 2005 में जब नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में सरकार बनी तो मुहसर जाति के लोग यादव के आतंक के खिलाफ गोलबंद होने लगे और इसी दौरान 2008 में गई जोड़ी गांव में दो मुसहर की हत्या कर दी गयी और इस घटना में कई मुसहर घायल हो गये थे इस घटना के बाद इस इलाके में यादव के खिलाफ नक्सली संगठन तैयार होने लगा और उसके बाद हत्या को सिलसिला दोनों और से शुरू हुआ वो अभी तक जारी है दो दर्जन से अधिक हत्याएं इन इलाकों में हो चुकी है और एक वर्ष पहले ही कुख्यात रामानंद यादव की हत्या मुसहर जाति के लोगों ने कर दिया था।

कुशेश्वर स्थान विधानसभा क्षेत्र में तिलकेश्वर थाना क्षेत्र स्थित गईजोड़ी ,रक्डी ,झाझा सहित एक दर्जन से अधिक गांव है जहां हर वर्ष कास की खेती पर कब्जा करने को लेकर यादव और मुसहर के बीच हथियार निकलता है जानकार बताते हैं कि 2005 के बाद से मुसहर पिछले विधानसभा चुनाव तक एनडीए के साथ यानी यादव जिसके साथ रहता था उसके खिलाफ वोट करता था जीतनराम मांझी के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद मांझी का पार्टी के द्वारा माहौल बनाने की कोशिश हुई लेकिन मुसहर जदयू के साथ रहा और 2015 के चुनाव में जदयू ने एलजेपी के प्रत्याशी को 18 हजार वोट से चुनाव हार दिया।

यहां मुसहर जाति का वोट 35 हजार के करीब वोट है 2008 से जब से नये परिसीमन में इस विधानसभा सीट का गठन हुआ है तब से लेकर 2020 के विधानसभा चुनाव तक हुए वोटिंग ट्रेंड पर गौर करेंगे तो सबसे कम वोटिंग प्रतिशत मुसहर जाति का ही रहा है हालांकि पहली बार किसी दल ने मुसहर को टिकट दिया है और उसको लेकर मुसहर जाति में उत्साह भी है लेकिन दो बड़ी समस्या है जो राजद के गणित को प्रभावित कर रहा है ।

पहला है जिस गांव में मुसहर और यादव की आबादी है वहां मुसहर यादव के साथ वोट नहीं कर रहा है ऐसा साफ दिख रहा है उसकी वजह आये दिन फसल पर कब्जा करने को लेकर चला आ रहा है विवाद है हालांकि जिस गांव में मुसहर यादव के साथ नहीं रह रहा है वहां के मुसहर का वोट शत प्रतिशत राजद उम्मीदवार के साथ है वैसे 27 को जीतन राम मांझी तिलकेश्वर में आ रहे हैं उनकी सभा में मुसहर की उप स्थिति कैसी रहती है उस पर साफ हो जाएगा क्यों कि यहां अभी भी ट्रेंड है जिसको वोट करेगा उसी के सभा में जायेंगा सभा में मौजूद भीड के उत्साह से समझ में आ जाता है ।

दूसरी सबसे बड़ी समस्या पंचायत चुनाव है यहां 12 दिसंबर को वोट पड़ना है इस वजह से मुसहर और यादव दोनों खुलकर राजनीति करने से परहेज कर रहे हैं क्यों कि कई पंचायच ऐसा है जहां यादव को अतिपिछड़ा के वोट का जरुरत है इसी तरह कई आरक्षित सीट ऐसा है जहां मुसहर उम्मीदवार को कुर्मी वोटर के मदद की जरूरत है इस विधानसभा में 20 से 25 हजार कुर्मी (धानुक) का भी वोट है इसलिए इस विधानसभा में कई ऐसे फेक्टर है जो कागज पर खींची लकीर से मेल नहीं खा रहा है ।

बिहार विधानसभा उपचुनाव के प्रचार अभियान में आयी तेजी एनडीए के सभी बड़े नेता जुटे एक मंच पर

आगामी 30 अक्टूबर को तारापुर विधानसभा क्षेत्र के लिए उप चुनाव होना है। संग्रामपुर के रानी प्रभावती उच्च विद्यालय के मैदान में जनसभा को संबोधित करते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि परिवारवाद की पोषक पार्टियां सत्ता की छटपटाहट में है। इन्हें बिहार के विकास से कुछ भी लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि जनता जानती है कि इन लोगों ने अब तक सिर्फ अपने परिवार का ही विकास किया है। अब तो इन पार्टियों के अंदर वर्चस्व की लड़ाई भी चल रही है, ऐसे लोग बिहार का क्या भला करेंगे।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में एक मजबूत सरकार काम कर रही है, वहीं बिहार में लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय के तहत बिहार को विकसित राज्य बनाने की दिशा में प्रतिबद्धता से काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि 2005 के पहले का बिहार जर्जर बिहार था। आज समाज के प्रत्येक वर्ग के कल्याण और उत्थान के लिए राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लेकर उन योजनाओं को धरातल पर उतारा है।

उपमुख्यमंत्री चुनावी सभा को संबोधित करते हुए

आधारभूत संरचना निर्माण से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य, वंचित वर्गों के कल्याण, महिला सशक्तिकरण, युवा शक्ति के विकास के साथ-साथ रोजगार और उद्यमिता को बढ़ाने के संस्थागत प्रयास किए गये हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में रह रहे लोगों के घर तक बिजली, शुद्ध पेयजल, गैस कनेक्शन, गरीबों को अनाज और उनके लिए घर की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। प्रधानमंत्री जी ने मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के माध्यम से देश को समृद्ध किया है। शहरों में नगरीय सुविधाओं के विकास, कोरोना की वैश्विक महामारी के दौरान देश के लोगों की जान की रक्षा के साथ-साथ दुनिया के कई देशों को कोरोना के टीके उपलब्ध कराकर मानवता की रक्षा की है। बिहार सरकार ने छह माह में छह करोड़ टीकाकरण के लक्ष्य को समय सीमा के पहले पूरा कर अपनी प्रतिबद्धताओं को साबित किया है।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार प्रतिबद्धताओं और विकास के प्रति दृढ़ संकल्पित सरकार है। हमारी प्रतिबद्धताएं जनता के साथ हैं। उन्होंने तारापुर विधानसभा क्षेत्र की जनता का आह्वान करते हुए कहा कि 30 अक्टूबर को होने वाले उप चुनाव में परिवारवाद की समर्थक पार्टियों के झांसे में न आएं। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार को भारी मतों से विजयी बनावें।

रानी प्रभावती उच्च विद्यालय संग्रामपुर के प्रांगण में आयोजित जनसभा को पूर्व मुख्यमंत्री श्री जीतन राम मांझी, केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री श्री मुकेश साहनी, सांसद एवं पूर्व मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर, विधायक श्री प्रणव कुमार यादव, विधायक श्री प्रफुल्ल मांझी, मंजीत कुमार सिंह, जिला अध्यक्ष संतोष साहनी, अरुण मांझी सहित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के वरिष्ठ नेतागण, कार्यकर्तागण एवं भारी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित थे।

पांचवे चरण का पंचायत चुनाव सम्पन्न 61 प्रतिशत के करीब हुई है वोटिंग

पांचवे चरण का पंचायत चुनाव छिटपुट घटनाओं को छोड़ दे तो शांतिपूर्ण संपन्‍न हो गया। राज्य निर्वाचन आयुक्त दीपक प्रसाद के अनुसार अभी तक 61 प्रतिशत वोटिंग हुई है औरअभी भी कई जगहों पर वोटिंग चल ही रही है चुनाव के दौरान गड़बड़ी के 36 मामले आये हैं और उस पर आयोग कार्यवाही कर रही है ।

आज वैशाली में एक प्रत्‍याशी को चाकू मार दिया गया। अरवल, वैशाली व शेखपुरा सहित कई जगह हंगामा हुआ। शेखपुरा में एक बूथ पर सरपंच व पंच के चुनाव को रद करने की सिफारिश चुनाव आयोग से की गई। उधर, सीतामढ़ी में एक फर्जी महिला वोटर पकड़ी गई। मुंगेर को दो मुखिया के समर्थक आपस में लड़ गये पुलिस के साथ भी धक्का मुक्की की गयी
आज जिला परिषद सदस्‍य, मुखिया, पंचायत समिति सदस्‍य, वार्ड सदस्‍य, सरपंच व पंच के 26091 पदों के लिए 6746545 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।पांचवें चरण के मतों की गिनती 26 और 27 अक्टूबर को होगी।

दोपहर बाद क्या खास रहा पंचायत चुनाव के दौरान

1—वैशाली जिले के बिदुपुर प्रखंड में मतदान के दौरान मतदान केंद्र संख्या 234 पर ईवीएम का बटन टूट जाने के कारण मतदान प्रभावित हुआ है। कुछ देर के लिए जिला परिषद का मतदान प्रभावित हुआ।

2–अरवल के करपी स्थित बसन बिगहा के बूथ 138 पर दो गुटों में झड़प हुई है। घटना के बाद डीएम व एसपी मौके पर पहुंचे हैं।

3—मुई में नक्सलियों के लिए सेफ जोन माना जाने वाले बरहट प्रखंड के जंगल में अवस्थित गुरमाहा, चोरमारा के मतदाताओं ने जमकर मतदान किया। गांव की सरकार चुनने को लेकर पांच पहाड़ पार कर लगभग 35 किलोमीटर पहाड़ी रास्ता पैदल तय कर बूथों तक पहुंच रहे हैं।

4—सीतामढ़ी में पंचायत चुनाव के दौरान फर्जी महिला वोटर पकड़ी गई। मुजफ्फरपुर के कुढ़नी प्रखंड के सोनबरसा साह में प्रत्याशी के समर्थक आपस मे भिड़ गए। एक युवक बूथ के बाहर बैठकर वोटरों को अपने पक्ष में वोट डालने के लिए रिझा रहा था। एक कागज पर अपने पक्ष के प्रत्याशी का चुनाव चिह्न लिखकर वोटरों को अपने पक्ष में वोट डालने के लिए कह रहा था। इसी बात को लेकर जमकर हंगामा होने लगा। वहीं, मुंगेर में दो मुखिया प्रत्याशी आपस में भिड़ गए।

पटना–पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयुक्त दीपक प्रसाद ने दी चुनाव की जानकारी…..अभी भी कई जगहों पर वोटिंग हो रही है ।

पांचवे चरण में अभी तक 61% मतदाता ने अपने मतदान का प्रयोग किया
वोटिंग को। लेकर कुल 36जगहों से चुनाव को लेकर मामले आये

कन्हैया के आने के साथ ही बिहार की राजनीति गरमाई

कन्हैया के कांग्रेस में शामिल होने का कितना फायदा कांग्रेस को मिलेगा ये तो आने वाला वक्त बताएगा लेकिन जिस तरीके से बिहार की राजनीति 30 वर्षों से एक खास मुहाने पर रुक सा गया था उसमें हलचल तो दिखाई देने लगा है।

जरा इन ट्वीट और बयानों पर गौर करिए

तेज प्रताप — ट्वीट कर कहा है- “जब से आए हो, अक्कड़-बक्कड़, कुच्छो बोलते जा रहे हो…! गैंग वाले थे, अब नेता बनने का शौक पाले हो का…? याद रखो कि अगर लालू यादव जी ना होते तो शायद तुम भी ना होते…

डाॅ रोहिणी—-लालू प्रसाद की पुत्री डॉ. रोहिणी जो इन दिनों अपने ट्विटर हैंडल के सहारे बिहार की राजनीति में फिरकी लेती रही है उन्होंने कन्हैया को लेकर एक ट्वीट किया है “बड़ी-बड़ी बातें जो बोलता है, एसी भी उखाड़ कर जो बेचता है..’। रोहिणी ने यह भी कहा है- “सिद्धांत का जो धनी नहीं, वो नेता तो क्या इंसान बनने के लायक नहीं।

सुशील मोदी —कांग्रेस और राजद के जूदा जूदा होने पर सुशील मोदी का बयान आया है ,एनडीए के वोट बैंक में सेंधमारी करने के लिए अलग अलग चुनाव लड़ रहा है ,राजद की पालकी को ढोने का काम कांग्रेस कर रही है और आगे भी करेगी,चुनाव बाद दोनों दल एक बार फिर एक हो जाएगा,जनता को भ्रम में रखने के लिए राजद कांग्रेस की रणनीति है ।

मनोज झा–(राजद प्रवक्ता )—-कन्हैया के बयान पर मनोज झा की बहुत ही सधी हुई प्रतिक्रिया आयी है मैं उनको शुभकामना देता हूं और मैं क्या हूं मैं क्या नहीं हूं इसका मूल्यांकन बिहार और देश के लोग करेंगे मैं राजनीति में भाषा की गरिमा का बहुत ध्यान रखता हूं हां उन्हें बहुत बहुत शुभकामना देता हूं और तरक्की करे और उच्चे जाये ।

सुशील मोदी और मनोज झा का यह बयान और लालू प्रसाद के परिवार का ट्वीट अपने आप में बहुत कुछ बया कर रही है, देखिए आगे आगे होता है क्या।

वैसे बिहार विधानसभा उपचुनाव का परिणाम जिसके भी पक्ष में हो बिहार की सियासत पर दूरगामी प्रभाव छोड़ेगा यह तय दिख रहा है ।

चुनाव ठेकेदारी है क्या –अभयानंद

चुनाव ठेकेदारी है क्या? **
विद्यार्थी जीवन में कानून से पाला नहीं पड़ा। विज्ञान एवं गणित से पड़ा था। नौकरी में फौजदारी कानून से वास्ता पड़ा, पुलिस की नौकरी जो कर ली थी।

वर्ष 2001 – 2003 के बीच IG (Provision) के रूप में टेंडर, कॉन्ट्रैक्ट, एग्रीमेंट, आदि शब्दों से रू-ब-रू हुआ। आदत के अनुसार हर चीज़ का कानूनी पहलू समझने के लिए “लॉ ऑफ़ कॉन्ट्रैक्ट” का अध्यययन भी यथासंभव कर लिया।

सहसा ध्यान आया कि चुनाव में भी तो राजनीतिक पार्टियाँ अपने मैनिफेस्टो के माध्यम से चुनाव आयोग के द्वारा निकाली गई अधिसूचना, जो टेंडर के समतुल्य मानी जा सकती है, अपना-अपना “कोटेशन” आम आदमी के सामने रखती हैं।

टेंडर नेगोशिएशन परचेज़ समिति के सामने होती है, जिसमें आजकल टेक्निकल और कमर्शियल बिड अलग-अलग फाइल की जाती है। उसी प्रकार चुनाव प्रचार और मीडिया के द्वारा स्थापित मंच पर बहस होती है, जो “टेंडर नेगोशिएशन” के सपेक्ष है।

अंततः जिस पार्टी का “बिड” आम आदमी अर्थात वोटर को सबसे अच्छा लगता है, उस पार्टी को “वर्क आर्डर” मिल जाता है। चुनाव आयोग उस विजयी पार्टी के उम्मीदवार को औपचारिक रूप से प्रमाण पत्र देकर पार्टी और आम आदमी के बीच “कॉन्ट्रैक्ट” साइन होने का एलान कर देता है।

चुनाव और उसमें अपनाई गई प्रक्रिया से अधिक मौलिक, संवैधानिक एवं कानूनी प्रक्रिया शायद ही कोई हो। ऐसी परिस्थिति में चुनावी वादों को कानून के माध्यम से “एनफोर्स” कराने की व्यवस्था होनी ही चाहिए।
मुझे तो दीवानी तथा फौजदारी, दोनों आयाम दिख रहे हैं। समाज (सरकार नहीं) में कानूनविद इस विचार पर सोच कर देखना चाहेंगे?

बिहार विधानसभा उपचुनाव में पप्पू यादव ने कांग्रेस को समर्थन देने का किया एलान

उप चुनाव के बहाने ही सही कांग्रेस बिहार में राजद से दूरी बनाना शुरु कर दिया है और इसके लिए पार्टी उप चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दिया है और खबर आ रही है कि पप्पू यादव कन्हैया, हार्दिक और जिग्नेश तारापुर और कुशेश्वरस्थान में साथ मंच शेयर करेंगे वैसे कांग्रेस पहले ही पूर्व सांसद रंजीत रंजन को कुशेश्वरस्थान स्थान का पर्यवेक्षकों नियुक्त कर संकेत दे दिया था कि पप्पू और रंजीता वर्षो बाद एक साथ दिखेगी

1—कांग्रेस के लिए प्रचार करेंगे पप्पू यादवपप्पू यादव की छवि को देखते हुए टीम राहुल फिलहाल पप्पू यादव को पार्टी में शामिल करने से परहेज कर रही है लेकिन पप्पू यादव बिहार में कांग्रेस के लिए काम करे इसके लिए दिल्ली के निर्देश पर ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा ने पप्पू यादव से उप चुनाव में समर्थन मांगा था ।

पप्पू यादव कांग्रेस के लिए प्रचार करेगा ।

पप्पू यादव ने आज प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा के आग्रह को स्वीकार करते हुए दोनों सीटों पर कांग्रेस का समर्थन की घोषणा करते हुए कांग्रेस के लिए प्रचार करने की घोषणा की है।पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पप्पू यादव ने कहा कि बिहार और देश की जो वर्तमान स्थिति है, उससे कांग्रेस बेहतर तरीके से लड़ाई लड़ रही है। UP और बॉर्डर इलाके में भी कांग्रेस काफी मेहनत कर रही है, इसलिए देश हित और बिहार की स्थिति को देखते हुए, कांग्रेस का 100 प्रतिशत सहयोग करेंगे।

हमारी पार्टी के कार्यकर्ता कुशेश्वरस्थान में लगेंगे। मैं खुद कैम्प करूंगा। हमारी पार्टी ने निर्णय लिया है कि हर परिस्थिति में हम बिहार में कांग्रेस के साथ हैं।

2–तेजस्वी पर साधा निशानापप्पू ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इतना कमजोर विपक्ष और बहुरूपिया हमने कहीं नहीं देखा है।

विपक्ष को मछली मारने और धान के खेत में जाने से फुर्सत नहीं है। वहीं, पूर्व सांसद ने केंद्र सरकार और बिहार सरकार आड़े हाथों लिया और कहा कि कश्मीर मामले में केंद्र और बिहार सरकार चुप है।

पप्पू यादव ने बिहारियों को सुरक्षित बिहार लाने को लेकर सरकार को कोसा

3—पप्पू यादव ,कन्हैया, हार्दिक और जिग्नेश कई सभा साथ करेंगे कांग्रेस उप चुनाव को दिलचस्प बनाने के लिए अपनी पूरी युवा बिग्रेड को मैदान में उतार दिया है कल से कन्हैया, हार्दिक और जिग्नेश के साथ साथ पप्पू यादव भी कांग्रेस के लिए वोट मांगेंगे।

इस युवा बिग्रेड का तारापुर पर कितना प्रभाव पड़ेगा कहना मुश्किल है लेकिन इस टीम के मैदान में उतरने से कुशेश्वरस्थान में राजद की मुश्किलें बढ़ सकती है । हालांकि कांग्रेस की पूरी कोशिश चल रही है कि पप्पू यादव के सहारे यादव वोटर में और कन्हैया के सहारे मुस्लिम वोटर में इतना बड़ा डिभिजन करा दे कि राजद को कांग्रेस की शर्तों पर गठबंधन करने पर मजबूर होना पड़े ।

चौथे चरण के पंचायत चुनाव के दौरान गड़बड़ी की शिकायत पर आयोग ने छह मतदान केन्दों पर फिर से चुनाव कराने का दिया आदेश

राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव के चौथे चरण के दौरान हुई गड़बड़ी को देखते हुए 6 मतदान केन्द्रों पर फिर से मतदान कराने का आदेश दिया है ।इसमें पश्चिम चंपारण जिले के बगहा-1 हरदी नदवा पंचायत के वार्ड संख्या 8 की बूथ संख्या 227 है।

यहां पंच पद के मतपत्र गलत छप जाने के कारण पुनर्मतदान होगा। पूर्वी चंपारण, ढाका के भगवानपुर में ग्राम पंचायत सदस्य के लिए वार्ड संख्या 3 के बूथ संख्या 179 पर ईवीएम कमीशनिंग में गलत मतपत्र लग जाने के कारण पुनर्मतदान होगा।

समस्तीपुर के विभुतिपुर में देशरी कर्रख पंचायत के वार्ड संख्या 21 की बूथ संख्या 226 पर पंचायत समिति सदस्य के लिए हुई वोटिंग में ईवीएम के त्रुटिपूर्ण कमीशनिंग के कारण पुनर्मतदान होगा।

वहीं, सारण जिले के पानापुर प्रखंड की धेनुकी पंचायत में पंचायत समिति सदस्य, वार्ड संख्या 8 की बूथ संख्या 63 ईवीएम में प्रा.नि.क्षे.सं. 7 का सदस्य मतपत्र लग जाने के कारण पुर्नमतदान होगा।

वही अररिया के नरपतगंज प्रखंड की फरही में बूथ संख्या 344- 345 पर असामाजिक तत्वों द्वारा बोगस मतदान करने एवं मतदान को प्रभावित किए जाने के कारण फिर से मतदान कराने का निर्देश आयोग द्वारा जारी किया है ।


जमीन पर ईवीएम रखने के मामले में दोषी पर आयोग ने कार्रवाई का दिया निर्देश
कटिहार के फलका प्रखंड की सालेहपुर पंचायत की बूथ संख्या 135 पर जमीन पर ईवीएम रखने मामले में राज्य निर्वाचन आयोग ने दोषियों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया।

आयोग के मुताबिक भवन की कुर्सियां और टेबल एक कमरे में बंद कर रख दी गई थीं। जिसकी वजह से ये परेशानी सामने आई थी। ईवीएम जमीन पर होने के कारण वोटर भी यहां मजबूरी में जमीन पर बैठ कर वोट डालते दिखे थे।

बिहार पंचायत चुनाव के चौथे चरण की मतगणना शुरु, मतगणना से पूर्व ही 3220 प्रत्याशी निर्विरोध हो चुके हैं निर्वाचित

बिहार पंचायत चुनाव के चौथे चरण की मतगणना शुरु हो गयी है हालांकि मतगणना से पहले ही 3,220 निर्विरोध निर्वाचित हो चुका है इनमें 3,104 पंच; 1 मुखिया और 115 पंचायत सदस्य भी शामिल है राज्य निर्वाचन आयोग से मिली जानकारी के अनुसार सबसे अधिक 3,104 पंच निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं। चौथे चरण में कुल 24 हजार 586 पदों के लिए चुनाव हुआ है ।

चौथे चरण के 147 पदों पर किसी ने नहीं किया नामांकन ।

चौथे चरण में जिन सीटों पर वोटिंग हुई है, उनमें से 147 पदों पर किसी भी प्रत्याशी ने नामांकन दाखिल नहीं किया है। कोई भी नामांकन दाखिल नहीं होने के कारण ये सीटें खाली रह गई हैं। इसमें सबसे अधिक 140 पद ग्राम कचहरी के पंच का है। इसके साथ ही 7 पद ग्राम पंचायत सदस्य का है।

चौथे चरण का चुनाव सम्पन्न

पिछले 24 घंटे से लगातार हो रही बारिश के बावजूद मतदाताओं में खासा उत्साह देखने को मिला है आज चौथे चरण पंचायत चुनाव में 58.65 प्रतिशत वोटिंग हुई है महिला ने 63,05 प्रतिशत और पुरूष ने 54,26 प्रतिशत मतदान किया है।

हलाकि रोहतास .वैशाली ,सहित कई जिलों से छुटपुट हिस्सा की भी खबर आयी लेकिन समान्य तौर पर मतदान पूरी तरह शांतिपूर्वक रहा ।

1–वैशाली में लालगंज के घटारो में बूथ पर झड़प के बाद बर्चस्व को लेकर दो पक्षों में चली गोली। एक युवक घायल, हाजीपुर-लालगंज मुख्य मार्ग को भी किया गया जाम, बूथ नम्बर 196,197 पर चली गोली से पंकज कुमार नामक युवक घायल हुआ है।

2–गोपालगंज में पंचायत चुनाव के दौरान पंचदेवरी व कटेया प्रखंडों के विभिन्न मतदान केंद्रों से मारपीट करने व मतदाताओं को धमकाने के आरोप में पुलिस ने 17 लोगों को गिरफ्तार किया है। यहां दोपहर एक बजे तक करीब 29 फीसदी मतदान हुआ है।

3–रोहतास में शिवपुर के मुखिया प्रत्याशी श्वेता सिंह और उनके समर्थकों पर हमला हुआ है। मुखिया प्रत्याशी की गाड़ी को भी आग के हवाले कर दिया गया है। हमला का आरोप दूसरे पक्ष पर लगा है।

4— बक्सर के बड़का गांव में मतदान के दौरान ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव किया है। ग्रामीणों ने पुलिस पर लाठियां भांजने का आरोप लगाया है।

5—सीतामढ़ी के मिर्जापुर पंचायत में EVM के साथ छेड़छाड़ का मामला सामने आया है। यहां EVM से प्रत्याशी का चुनाव चिन्ह ही गायब हो गया है। पंचायत समिति के सदस्य के चुनाव चिन्ह में उलट-फेर किया गया है।

6—बिहटा प्रखंड के मूसेपुर पंचायत से पुलिस ने भारी मात्रा में वोटर आईडी कार्ड एवं दो डैमो ईवीएम को एक घर से किया बरामद. बोगस वोटिंग के लिए पंचायत में नहीं रहनेवाले लोगों का पहचान पत्र किया जा रहा था इस्तेमाल. दो लोग गिरफ्तार ।

पंचायत चुनाव का चौथा चरण बारिश के बावजूद मतदाताओं में देखा जा रहा है खासा उत्साह

बिहार पंचायत चुनाव के चौथे चरण चरण की वोटिंग चल रही है हलाकि बारिश की वजह से वोटिंग प्रभावित हुई फिर लोगों में इतना जोश है कि बारिश में भी महिलाए भींग कर रही है ।आज 36 जिलों के 53 प्रखंडों में वोट डाले जा रहे हैं। राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश के अनुसार, सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। मतदान को लेकर आयोग ने पूरी तैयारी की हुई है। इस चरण में 11,318 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इसमें 62 लाख 80 हजार 960 मतदाता अपना प्रतिनिधि चुनेंगे। इनमें 32 लाख 96 हजार 329 पुरुष व 29 लाख 84 हजार 415 महिला मतदाता और अन्य 216 मतदाता शामिल हैं

ये तस्वीर बिहार के पंचायत चुनाव की है जहां बारिश के बावजूद बड़ी संख्या में महिलाएँ घर से निकली हैें।

इस चरण में ग्राम पंचायत सदस्य पद के लिए 41,120, ग्राम पंचायत मुखिया पद के लिए 5835, पंचायत समिति सदस्य पद के लिए 5979, ग्राम कचहरी पंच पद के लिए 17553, ग्राम कचहरी सरपंच पद के लिए 4190 और जिला परिषद सदस्य पद के लिए 1131 उम्मीदवार मैदान में हैं।

चौथे चरण में 799 ग्राम पंचायतों के मुखिया और सरपंच के लिए चुनाव होंगे। 10888 वार्डों में ग्राम पंचायत सदस्य और ग्राम कचहरी के पंच पर चुनाव हो रहा है। जिला परिषद की 119 सीटों पर, जबकि पंचायत समिति की 1093 पदों पर चुनाव के लिए चुनाव कराया जा रहा है।

——–आज के पंचायत चुनाव में क्या खास है——–
दोपहल के एक बजे तक बिहार में 30 से 35 प्रतिशत मतदान की खबर है वैसे इस बार बारिश की वजह से मतदाता और मतदानकर्मियों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है

मोतिहारी के ढाका के बूथ संख्या 179 पर पंचायत सदस्य के मतपत्र का त्रुटिपूर्ण प्रकाशन। इसे लेकर इस पद के लिए मतदान नहीं हो रहा है। शेष पदों पर मतदान चल रहा है। इस बूथ पर वार्ड सदस्य के लिए पुनर्मतदान के लिए चुनाव आयोग को अनुशंसा की जा रही है।

जमुई के कवाली गांव में बूथ नंबर 69 पर प्रत्याशियों के समर्थकों के बीच झड़प।
पुलिस ने मामला शांत कराया। मतदान प्रक्रिया शांतिपूर्ण तरीके से फिर से शुरू।
गया जिले के गुरुआ के बूथ नंबर 111 में बोगस वोटिंग का आरोप।

सलमा खातून का वोट किसी दूसरे ने दिया, बायोमेट्रिक सिस्टम नहीं कर रहा काम।
मोतिहारी के ढाका प्रखंड के बूथ संख्या 179 पर वार्ड सदस्य पद का चुनाव स्थगित।
चुनाव लड़ रहे थे 11 लोग। EVM बैलेट में सिर्फ 7 प्रत्याशियों का नाम।

पटना के दुल्हिनबाजार के 17 मतदान केंद्रों पर बायोमेट्रिक काम नहीं कर रहा।
पटना के बिहटा के 27 मतदान केंद्रों पर भी बायोमेट्रिक सिस्टम फेल।

नालंदा-इस्लामपुर प्रखंड के बड़ाय गांव में मतदान केंद्र के पास भौरा का हमला। कई मतदाता जख्मी।
बक्सर के बसुधर पंचायत के बूथ नं 1,2,3 पर सभी पोलिंग पार्टियों को बदला गया।

मुजफ्फरपुर में बूथ संख्या 101 पर मुखिया प्रत्याशियों के समर्थकों के बीच विवाद।
कटिहार जिले के तीन प्रखंडों में बारिश के बावजूद मतदाताओं की दिख रही भीड़।

नवादा में एक बूथ पर दिव्यांग बहन को वोट दिलाने पहुंचा भाई। भाई ने कहा- बहन को नहीं दिखता है, इसलिए वोट दिलाने के लिए लाया हूं।

समस्तीपुर के विभूतिपुर पतैलिया में बूथ संख्या 3, 5, 15 में ईवीएम मशीन खराब।
मुजफ्फरपुर के रघुनाथपुर खुर्द पंचायत में बिना भवन वाला बूथ। यहां टेंट से बूथ बनाया गया है।

मधुबनी के राजनगर प्रखंड के रघुनी देहट पंचायत के बूथ नम्बर 2 पर बारिश के कारण मतदान बाधित रहा।
मुजफ्फरपुर– सरैया रामपुर विश्वनाथ पंचायत के पंचायत समिति सदस्य उम्मीदवार राजन चौधरी को निशाना बनाते हुए फायङ्क्षरग।

पटना– बिहटा प्रखंड में देकुली मतदान केंद्र पर शराब पीकर मतदान करने पहुंचे एक मतदाता को बिहटा पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

छपरा— मशरख प्रखंड के दुगौली गांव के दुमदुमा के बूथ पर रोशनी की व्‍यवस्‍था नहीं है। इस कारण वहां टार्च क रोशनी में मतदान कराया जा रहा है। सिवान के मैरवा प्रखंड में मतदान की गति धीरे-धीरे बढ़ रही है।

नालंदा के डुमरी गांव के बूथ संख्‍या दो पर 35 मिनट विलंब से मतदान शुरू हुआ। मुंगेर के असरगंज प्रखंड में तेज बारिश के बीच मतदाता छाता लेकर मतदान केंद्र पहुंचे हैं।