ओवैसी इसी मंगलवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में दम है तो वह तालिबान को आतंकी घोषित करें..
बिहार में चोर दरवाजे से NRC लागू करने की बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार के पदाधिकारी विशेष क्षेत्रोंं को चिह्नित कर फरमान जारी कर रहे हैं।
कोई वजह नहीं ,कोई अवसर नहीं अचानक ओवैसी साहब बिहार आते हैं और सीमांचल में हो रहे घुसपैठ मामले में बीजेपी और जदयू पर निशाने साधते हुए निकल जाते हैं ।और उसके बाद बयान का जो सिललिसा बीजेपी की और से शुरु हुआ है वो थमने का नाम नहीं ले रहा है हलाकि पहले जैसा माहौल नहीं बन पा रहा है लेकिन माहौल बनाने कि कोशिश पूरी चल रही है।
इतना ही नहीं अचानक मीडिया भी इस खेल को आगे बढ़ाने में पूरी ताकत के साथ मैदान में उतर गया है कई मीडिया हाउस ने तो अपनी एक एक टीम सीमांचल से घुसपैठ को लेकर रिपोर्टिंग करने के भेज दिया है ।हलाकि जदयू के मुस्लिम विधायक इस मामले में लाग लपेट के बजाय सीधा हमला शुरु कर दिया है विधान परिषद सदस्य खालिद अनवर ने कहा कि मंत्री रामसूरत राय उत्तर प्रदेश का चुनाव जीतने के लिए बिहार में इस तरीका का बयान दे रहे हैं,मंत्री है उनको अहसज लग रहा है तो पद छोड़ देना चाहिए। कुछ ऐसा ही बयान जदयू विधान परिषद गुलाम रसूल बलियावी का भी रहा है।
हलाकि यूपी विधानसभा 2017 के चुनाव से पहले की क्रोनोलॉजी पर गौर करिए तो इसी तरह का माहौल बनाने कि कोशिश चुनाव के छह माह पहले शुरु हो गया था उस बार रेल हादसे में आईएसआई का हाथ है यह खबर भी बिहार से ही ब्रेक हुआ था और उसको लेकर यूपी के वोटिंग ट्रेंड पर बड़ा असर पड़ा था ।
इस बार भी बिहार से ही सियासी पृष्टभूमि तैयार कि जा रही है ऐसा दिख रहा है ।2017 के यूपी चुनाव से ठीक पहले दो बड़ा ट्रेन हादसा हुआ था और उस हादसे का आतंकी घटना से तार जोड़ने को लेकर बड़ी बड़ी बाते हुई थी लेकिन बाद में सारी बाते गलत साबित हुआ।
इस बार भी अचानक दरभंगा मॉड्यूल की चर्चा शुरु हो गयी है यूपी से कई लोग गिरफ्तार भी हुए हैं, जिन पर दरभंगा आ रही ट्रेन को उड़ाने की साजिश रचने का आरोप है। हलाकि एनआईए शुरुआती दौर में जिस तरीके से सक्रिय था वो अब सक्रियता नहीं दिख रही है। इसी तरह तीन चार दिन पहले दिल्ली पुलिस ने भी एक बड़ा खुलासा किया है मतलब कही ना कही यूपी चुनाव से पहले किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की तैयारी में लोग लगे हुए हैं।
यह संयोग नहीं हो सकता है कही ना कही यह सब साजिश का हिस्सा है ऐसा नेताओं के बयान से साफ दिख रहा है ।ऐसे में हमारी जो सुरक्षा एजेंसियों
को सक्रिय हो जाना चाहिए क्यों कि सियासी फायदे के लिए सियासत दान अब किसी को भी दाव पर लगाने में एक मिनट नहीं सोचते हैं ।
कोरोना फैलाने वाले नायक कहा छुपा है मौलाना साद जिसको दिल्ली पुलिस और हमारी एजेंसी अभी तक पकड़ नहीं पायी है ।ऐसे कई उदाहरण है जिसके सहारे हमारे सियासत दान ध्यान भटकाने के लिए इस्तमाल करते आ रहे हैं।