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नीतीश कैबिनेट की बैठक में 35 एजेंडों पर लगी मुहर; जानें किन एजेंडों पर लगी मुहर

पटना। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में कुल 35 एजेंडों को मंजूरी दी गई, जिसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों और विकासात्मक परियोजनाओं को शामिल किया गया।

बिहार कैबिनेट निर्णयों पर मुख्य सचिव ने कहा कि कैबिनेट ने कुल 35 प्रस्तावों पर अपनी सहमति दी। प्रमुख निर्णयों में नगर विकास विभाग के तहत आरा में जल निकासी के लिए 77 करोड़ रुपये के आवंटन को मंजूरी दी गयी। साथ ही बेतिया-नरकटियागंज गौनाहा बाजार पथ के निर्माण के लिए 74.42 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गयी।

एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में आंगनबाड़ी केन्द्रों पर अंडा नहीं खाने वाले बच्चों को सप्ताह में दो दिन बुधवार व शुक्रवार को भुनी हुई मूंगफली देने का निर्णय लिया गया। इसके लिए 216.16 करोड़ रुपए स्वीकृत किये गये। इसी तरह मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना के तहत 30 हजार निजी नलकूप लगाने के लिए 222 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गयी।

बैठक के दौरान कैबिनेट ने बिहार सूचना आयोग में पहले से मौजूद पदों के अलावा विभिन्न श्रेणियों के 5 पदों के सृजन की मंजूरी दे दी। सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों और सदर अस्पताल में शौचालय और स्नानघर के निर्माण के लिए सुलभ इंटरनेशनल को दी गई अनुमति थी।

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कैबिनेट बैठक के दौरान मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना को भी हरी झंडी मिल गई। पांच मंडल मुख्यालयों- गया, दरभंगा, पटना और मुजफ्फरपुर में महिला छात्रावासों का निर्माण किया जाएगा, जिसका उद्देश्य राज्य में महिलाओं के लिए सुरक्षित आवास प्रदान करना है।

कैबिनेट में चर्चा के प्रमुख एजेंडे इस प्रकार हैं

  • बेतिया-नरकटियागंज गौनाहा बाजार सड़क निर्माण के लिए 74.42 करोड़ रुपये स्वीकृत
  • मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना के तहत 5 मंडल मुख्यालयों में बनेंगे महिला छात्रावास
  • कैबिनेट द्वारा स्वच्छता संबंधी उपाय किए जाने पर सुलभ इंटरनेशनल सरकारी अस्पतालों में शौचालयों का निर्माण करेगा
  • स्वास्थ्य विभाग ने की सख्त कार्रवाई: कई डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त
  • स्मार्ट सिटी पहल का विस्तार: भागलपुर, पटना, मुजफ्फरपुर और बिहारशरीफ में बनाई जाएंगी सोसायटी
  • कैबिनेट ने मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत लाभ को मंजूरी दी
  • कृषि यंत्रीकरण योजना के लिए 119 करोड़ रुपये स्वीकृत
  • बिहार फसल सहायता योजना सब्जी फसलों को लाभ पहुंचाती है
  • राज्य सरकार ने आयोग और बोर्ड के सदस्यों के वेतन को बीपीएससी के बराबर किया

स्मार्ट सिटी पहल के तहत भागलपुर, पटना, मुजफ्फरपुर और बिहारशरीफ में सोसायटी बनाने की तैयारी है। इन समाजों से शहरी विकास और इन शहरों के निवासियों के लिए रहने की स्थिति में सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद की जाती है।

हालाँकि, कैबिनेट बैठक में स्वास्थ्य विभाग के भीतर अनुशासनात्मक कार्रवाइयों के मामलों को भी संबोधित किया गया। अशोक कुमार सिंह और रवि कुमार आनंद कुमार समेत कई डॉक्टरों की सेवा समाप्त कर दी गयी।

इसके अलावा कैबिनेट ने कृषि रोड मैप चतुर्थ के तहत चालू वित्तीय वर्ष में कृषि यांत्रिकीकरण योजना के लिए 119 करोड़ रुपये की निकासी की मंजूरी दे दी. इस कदम का उद्देश्य राज्य के कृषि क्षेत्र में कृषि पद्धतियों को बढ़ाना और उत्पादकता को बढ़ावा देना है।

बिहार सरकार की याचिका खारिज: पटना हाइकोर्ट ने बिहार सरकार द्वारा राज्य में जातियों की गणना एवं आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 3 जुलाई,2023 के पूर्व ही सुनवाई करने के दायर याचिका को खारिज कर दिया

पटना हाइकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा राज्य में जातियों की गणना एवं आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 3 जुलाई,2023 के पूर्व ही कोर्ट द्वारा सुनवाई करने के लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया। चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने इन मामलों पर सुनवाई की तिथि 3 जुलाई,2023 ही रखा।पूर्व में हाईकोर्ट ने इन मामलों पर सुनवाई की तिथि 3 जुलाई,2023 ही रखा था।

गौरतलब कि पहले 4मई,2023 को कोर्ट ने अंतरिम आदेश देते हुए जातीय जनगणना पर रोक लगा दी थी।

चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने अंतरिम आदेश पारित करते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि राज्य सरकार इस दौरान इक्कठी की गई आंकड़ों को शेयर व उपयोग फिलहाल नहीं करेगी।

राज्य सरकार द्वारा दायर याचिका में ये कहा गया है कि क्योंकि पटना हाइकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्य सरकार के पास जातीय जनगणना कराने का वैधानिक अधिकार नहीं है,इसीलिए इन याचिकाओं पर 3 जुलाई,2023 को सुनवाई करने का कोई कारण नहीं है।

कार्यपालिका के पास जातीय जनगणना कराने का क्षेत्राधिकार नहीं है।इसे कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में स्पष्ट कर दिया है।

कोर्ट ने ये भी कहा कि जातीय जनगणना से जनता की निजता का उल्लंघन होता है।इस सम्बन्ध में विधायिका द्वारा कोई कानून भी नहीं बनाया गया है।

कोर्ट ने अपने 4 मई, 2023 के अंतरिम आदेश में जो निर्णय दिया है,उसमें सभी मुद्दों पर अंतिम निर्णय दिया गया।कोर्ट ने इन याचिकाओं में उठाए गए मुद्दों पर अंतिम रूप से निर्णय दे दिया है।

राज्य सरकार ने अपनी याचिका में कहा था कि इन जनहित याचिकाओं में उठाए गए मुद्दों पर कोर्ट ने अपना निर्णय अंतिम रूप से दे दिया है।इस कारण इन याचिकाओं की सुनवाई 3 जुलाई,2023 के पूर्व ही करके इनका निष्पादन कर दिया जाए।लेकिन कोर्ट ने राज्य सरकार की इस याचिका को रद्द करते हुए सुनवाई की तिथि 3मई, 2023 ही निश्चित किया है।

याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता दीनू कुमार, रितिका रानी, अभिनव श्रीवास्तव और राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल पी के शाही ने पक्षों को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया

नीतीश सरकार जातीय जनगणना पर हाईकोर्ट में पिटी, सही ढंग से पक्ष नहीं रख पायी सरकार: सुशील कुमार मोदी

पटना । पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जातीय जनगणना कराने के विरुद्ध एक भी कानूनी सवाल का जवाब दमदार ढंग से नहीं दे पाने के कारण हाईकोर्ट में फिर नीतीश सरकार की भद पिटी। जनगणना कराने का फैसला उस एनडीए सरकार था, जिसमें भाजपा शामिल थी।

भाजपा के सरकार में रहते हुआ था जातीय जनगणना का फैसला

श्री मोदी ने कहा कि अदालत की अंतरिम रोक के बाद जातीय जनगणना लंबे समय तक टल सकती है और इसके लिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं।

उन्होंने कहा कि जिस मुद्दे पर विरोध पक्ष से मुकुल रहोतगी जैसे बड़े वकील बहस कर चुके थे, उस पर जवाब देने के लिए वैसे ही कद्दावर वकीलों को क्यों नहीं खड़ा किया गया ?

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श्री मोदी ने कहा कि जनगणना के संबंध में तीन बड़े न्यायिक प्रश्न थे-

  • क्या इससे निजता के अधिकार का हनन होता है?
  • क्या यह कवायद सर्वे की आड़ में जनगणना है?
  • इसके लिए कानून क्यों नहीं बनाया गया?

उन्होंने कहा कि सरकार के वकील इन तीनों सवालों पर अपनी दलील से न्यायालय को संतुष्ट नहीं कर पाये। इससे लगता है कि सरकार यह मुकदमा जीतना ही नहीं चाहती थी ।

श्री मोदी ने कहा कि स्थानीय निकायों में अतिपिछड़ों को आरक्षण देने के लिए विशेष आयोग बनाने के मुद्दे पर भी सरकार को झुकना पड़ा था। आयोग की रिपोर्ट अब तक जारी नहीं हुई।

उन्होंने कहा कि जनगणना हो या आरक्षण, राजद को अतिपिछड़ा वर्ग पर नहीं, केवल एम-वाइ समीकरण पर भरोसा है। वे केवल दिखावे के लिए पिछड़ों की बात करते हैं।

नीतीश कुमार की यात्राएँ सिर्फ फोटो सेशन और राजनीतिक पर्यटन: सुशील कुमार मोदी

पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि केवल चर्चा में बने रहने के लिए नीतीश कुमार एक ऐसे समय में विपक्षी एकता का प्रयास करते दिखते रहने चाहते हैं, जब शरद पवार अडाणी मुद्दे की हवा निकाल चुके हैं और यहाँ तक कह चुके कि महाराष्ट्र में महाअघाड़ी गठबंधन के कल का कोई ठिकाना नहीं है।

  • शरद पवार पहले ही निकाल चुके अडाणी मुद्दे की हवा
  • पश्चिम बंगाल में भाजपा शून्य से 64 विधायकों, 18 सांसदों की पार्टी बनी
  • क्या बंगाल में कांग्रेस, माकपा और टीएमसी एक मंच पर आ सकते हैं?
  • यूपी में सपा-कांग्रेस, बुआ-बबुआ मिल कर भी नहीं जीत पाए

श्री मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार की दिल्ली, कोलकाता या लखनऊ की यात्रा राजनीतिक पर्यटन और फोटो सेशन के सिवा कुछ नहीं है।

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में भाजपा शून्य से 64 विधायकों और 18 सांसदों की पार्टी बन गई। अब नीतीश कुमार क्या बंगाल में कांग्रेस, माकपा और टीएमसी को एक मंच पर ला सकते हैं?

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श्री मोदी ने कहा कि बिहार में टीएमसी नहीं और बंगाल में जब जदयू- राजद का कोई जनाधार नहीं है, तब नीतीश-ममता एक-दूसरे की क्या मदद कर सकते हैं? वे सिर्फ साथ में चाय पी सकते हैं और बयान दे सकते हैं।

उन्होंने कहा कि यूपी में एक बार दो लड़के ( राहुल-अखिलेश) मिलकर भाजपा को हराने में विफल रहे तो दूसरी बार बुआ-बबुआ ( बसपा-सपा) मिल कर लड़े। दोनों बार एकजुट विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के सामने टिक नहीं पाया।

श्री मोदी ने कहा कि 2019 के संसदीय चुनाव में भाजपा को उत्तर प्रदेश की 80 में से 62 सीटें मिलीं, जबकि सपा मात्र 03 सीट पा सकी। बसपा को 10 सीट मिली, लेकिन चुनाव बाद बुआ ने बबुआ का साथ छोड़ दिया। क्या नीतीश कुमार काठ की यही जली हुई हांडी फिर से आग पर चढा पाएँगे?

उन्होंने कि आज के हालात न 1977 जैसे हैं, न भाजपा-विरोध के अलावा कोई राष्ट्रीय मुद्दा है और न विपक्ष के पास कोई सर्वमान्य नेता है।

श्री मोदी ने कहा कि यदि समय काटने के लिए कोई मेढक तौलने का मजा लेना चाहता है, तो उसे कोई नहीं रोक सकता।

देश को देवगौड़ा जैसी कमजोर सरकार देना चाहते हैं नीतीश कुमार: सुशील मोदी

पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जनाधार विहीन नीतीश कुमार परस्पर-विरोधी ताकतों का कुनबा जोड़ कर देश को कमजोर सरकारों के दौर में लौटाना चाहते हैं, जबकि आज केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही दे सकते हैं चीन-पाकिस्तान को करारा जवाब देने वाली सरकार।

  • विपक्षी एकता सत्ता के प्यासे छोटे-बड़े दलों की मृग-मरीचिका मात्र
  • कमजोर कांग्रेस न एकता की धुरी बन सकती है, न राहुल का नेतृत्व सर्वमान्य
  • 1977 के अलावा कभी एक नहीं हुआ विपक्ष, वह भी जेपी की बदौलत
  • केवल पीएम मोदी ही दे सकते हैं चीन-पाक को जवाब देने वाली सरकार

उन्होंने कहा कि देश अब देवगौड़ा और चंद्रशेखर के उस दौर में नहीं लौटना चाहता, जब रिजर्व बैंक को सोना गिरवी रखना पड़ा था।

श्री मोदी ने कहा कि विपक्षी एकता केवल मृग-मरीचिका है। यह एक झूठे-नकरात्मक लक्ष्य के लिए सत्ता के प्यासे हिरणों की दौड़ के सिवा कुछ नहीं है।

उन्होंने कहा कि विपक्ष दिल्ली में सरकार चाहता है, जिसे हर छोटी-बड़ी पार्टी ब्लैकमेल कर सके और जो सरकार जीएसटी या सर्जिकल स्ट्राइक जैसे बड़े फैसले न कर सके।

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श्री मोदी ने कहा कि 1977 को छोड़ कर कभी पूरा विपक्ष एकजुट नहीं हुआ और वह भी तब सम्भव हुआ, जब उसका नेतृत्व जेपी जैसे महान राजनेता के हाथ में था। आज विपक्ष का हर नेता खुद को पीएम-इन-वेटिंग मानता है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस नीतीश कुमार को पूछती नहीं। वे सीधे राहुल गांधी या खड़गे से बात करने के बजाय सलमान खुर्शीद जैसे व्यक्ति के जरिये संदेश दे रहे हैं, जिसकी कांग्रेस में कोई हैसियत नहीं।

श्री मोदी ने कहा कि महज तीन राज्यों तक सिमटी कांग्रेस काफी कमजोर हो चुकी है। वह न विपक्षी एकता की धुरी बन सकती है, न कोई राहुल गांधी का नेतृव स्वीकार करेगा।

उन्होंने कहा कि केरल में एक-दूसरे के विरुद्ध लड़ने वाली कांग्रेस और माकपा एकसाथ नहीं आ सकते। पंजाब-दिल्ली- हरियाणा में कांग्रेस और केजरीवाल साथ नहीं आ सके। ममता बनर्जी और केसीआर में कोई किसी को नेता नहीं मानता।

श्री मोदी ने कहा कि केवल प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा ही ऐसी मजबूत सरकार दे सकती है, जो सबका विकास करते वाली अर्थव्यवथा की तेजी बरकरार रख सके।

बिहार के CM नीतीश कुमार ने जनता दरबार में फरियादियों की समस्याएं सुनी

पटना । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नए साल के अपने पहले जनता दरबार में फरियादियों की समस्याएं सुनी। एक बहन भाई की हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग लेकर पहंची। इस पर सीएम ने अपर मुख्य सचिव गृह को फोन कर फटाकार लगाई।

मुख्यमंत्री ने भूमि विवाद मामलों के निष्पादन में लापरवाह और गड़बड़ करने वाले अंचलाधिकारियों पर जांच कर कार्रवाई का निर्देश आला अधिकारी को दिया है।

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मुख्यमंत्री ने अपने प्रधान सचिव से कहा कि अंचल अधिकारियों की कई शिकायतें आ रही हैं, इनपर एक्शन ले। यह शिकायत सुनकर मुख्यमंत्री ने गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को फोन लगाया और फटकार लगाई।

जनता दरबार में हत्या के मामले में अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं किए जाने के करीब आधा दर्जन मामले आये। मुख्यमंत्री ने गृह विभाग और डीजीपी को फोन लगाकर तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

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एक अन्य मामले में बहन की किडनैपिंग और हत्या की शिकायत लेकर पहुंचे भाई के मामले में मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव और डीजीपी को संयुक्त रूप से मामले पर कार्रवाई का निर्देश दिया।

नीतीश कुमार ने सत्ता में बने रहने के लिए शराबबंदी, क्राइम और करप्शन से समझौता कर लिया: सुशील कुमार मोदी

पटना । पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने सत्ता में बने रहने के लिए शराबबंदी, क्राइम और करप्शन से समझौता कर लिया। उन्हें अपने डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव से पूछना चाहिए कि वे मात्र 23 साल की उम्र में बिना किसी व्यवसाय या नौकरी के वे दिल्ली के 30 करोड़ रुपये वाले मकान के मालिक कैसे बन गए?

  • लालू परिवार के भ्रष्टचार को संरक्षण दे रहे नीतीश कुमार
  • तेजस्वी यादव से पूछें, दिल्ली में करोड़ों का बंगला मात्र 4 लाख में कैसे खरीदा ?
  • नौकरी के बदले जमीन मामले में सीबीआई को मिले नये सबूत
  • जांच एजेंसी ने पूर्व रेल मंत्री के खिलाफ केस कभी बंद नहीं किया था

उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव बतायें कि दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कालोनी का डी-1088 नबंर का तीन मंजिला करोड़ों का मकान उन्होंने एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के जरिये मात्र 4 लाख रुपये में कैसे हासिल कर लिया ?

श्री मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार न केवल तेजस्वी यादव को संरक्षण दे रहे हैं, बल्कि उन्हें नेतृत्व सौंपने की घोषणा कर चुके हैं। यह भ्रष्टचार से समझौता नहीं तो क्या है?

श्री मोदी ने कहा कि सीबीआई ने रेलवे के दिल्ली और मुम्बई (बांद्रा) प्रोजेक्ट के बदले फर्जी कंपनी के माध्यम से करोड़ों रुपये की प्रापर्टी लालू परिवार को देने के मामले में जांच कभी बंद नहीं की थी।

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उन्होंने कहा कि पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद के खिलाफ नौकरी के बदले जमीन लिखवाने के मामलों की जांच के दौरान सीबीआई को डीएलएफ रिश्वत मामले से जुड़े नये तथ्य मिले हैं।

श्री मोदी ने कहा कि जांच एजेंसी नए सबूतों के आधार पर आगे बढ़ रही है। इस पर राजद के छाती पीटने और राजनीतिक रंग देने से कोई असर नहीं पड़ेगा।

गरीबों को निशाना बना रही शराबबंदी, समीक्षा करें नीतीश – सुशील कुमार मोदी

The BiharNews Post : December 7, 2022
पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शराब से जुड़े मामलों में एक माह के दौरान 45 हजार से ज्यादा गरीब-जनजातीय लोगों की गिरफ्तारी और तीन लाख लीटर शराब बरामद होना साबित करता है कि पूर्ण शराबबंदी लागू करने में नीतीश सरकार पूरी तरह विफल रही है।

श्री मोदी ने कहा कि भाजपा मद्यनिषेध के विरुद्ध नहीं, लेकिन इसे लागू करने में सरकार विफल है। इसकी समीक्षा क्यों नहीं होनी चाहिए ?

उन्होंने कहा कि नवम्बर में वीआइपी और सरकारी कर्मचारी तो केवल 739 पकड़े गए, जबकि गरीब और पिछड़ी जातियों के 6 लाख लोग हर साल जेल भेजे जा रहे हैं। शराबबंदी गरीबों पर भारी पड़ रही है।

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उन्होंने कहा कि केवल शराब पकड़ने के लिए पुलिस-प्रशासन ने जब एक माह (नवम्बर- 2022) में 1 लाख 28 हजार से ज्यादा छापामारी की, तब जाहिर है कि कानून-व्यवस्था के दूसरे मामलों के लिए उनके पास समय नहीं है।

श्री मोदी ने कहा कि शराब की होम डेलिवरी में हजारों लोग लगे हैं और सैकड़ों वाहनों का इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन होम डेलीवरी करने वाले मात्र 952 लोग पकड़े गए और सिर्फ 1469 वाहन जब्त हुए।

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उन्होंने कहा कि ये आंकड़े खुद सरकार के हैं और इससे पता चलता है कि पुलिस शराब माफिया के लोगों पर नरम और आम लोगों के प्रति सख्त होकर दोनों तरफ से वसूली में लगी है।

श्री मोदी ने कहा कि यदि रोजाना 10 हजार लीटर और महीने में 3 लाख लीटर शराब जब्त की गई, तो इतनी शराब आ कहाँ से रही है? सरकार इसकी तस्करी रोक नहीं पा रही है।

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को 2016 की पूर्ण शराबबंदी नीति पर हठ छोड़कर तुरंत समीक्षा करनी चाहिए।

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहुंचे हाजीगंज, ऐतिहासिक छोटी पटन देवी मंदिर पहुंच महाअष्टमी के मौके पर मां की विशेष पूजा अर्चना की

पटना सिटी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहुंचे हाजीगंज, ऐतिहासिक छोटी पटन देवी मंदिर पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, महा अष्टमी के मौके पर मां की विशेष पूजा अर्चना की, मुख्यमंत्री ने मां की उतारी आरती, प्रदेश की खुशहाली के लिए मांगी दुआएं।

मां गौरी की पूजा करने निकले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, साथ में मंत्री विजय चौधरी भी मौजूद

पटना । महा अष्टमी के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज पटना सिटी का दौरा कर अगमकुंआ स्थित ऐतिहासिक शीतला माता मंदिर पहुंचकर मां शीतला की विशेष पूजा अर्चना की। इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ मां के चरणों में अपना शीश नमन कर प्रदेश की खुशहाली के लिए दुआएं मांगी।

मुख्यमंत्री ने पूरे निष्ठा भाव से जहां मां की आरती उतारी, वही मां के दरबार में नारियल भी फोड़ा। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को दुर्गा पूजा की शुभकामनाएं भी दी। इस अवसर पर वाणिज्य एवं संसदीय कार्य मंत्री मंत्री विजय चौधरी भी मौजूद थे।

बाद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना सिटी का दौरा कर गायघाट स्थित ऐतिहासिक शक्तिपीठ बड़ी पटन देवी मंदिर पहुंचकर मां दुर्गा की विशेष पूजा अर्चना की। इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ मां दुर्गा के चरणों में अपना शीश नमन कर प्रदेश की खुशहाली के लिए दुआएं मांगी। मुख्यमंत्री ने पूरे निष्ठा भाव से मां की आरती भी उतारी।

इस मौके पर मंदिर के महंत ने मुख्यमंत्री को मां की चुनरी भेंट की, वहीं उन्हें मां का प्रसाद भी खिलाया। इस मौके पर वाणिज्य एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी के अलावे एनएचएआई के डायरेक्टर चंचल कुमार भी मौजूद थे।

क्या नीतीश वीपी सिंह के नक्शे कदम पर बढ़ रहे हैं?

क्या देश नीतीश में पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह वाली छवि देख रही है!
मीडिया के एक सवाल के जवाब में ललन सिंह ने कहा था कि नीतीश कुमार को फूलपुर और मिर्जापुर के साथ साथ कई जगह से चुनाव लड़ने का संदेशा आया है लेकिन लोकसभा चुनाव में अभी बहुत वक्त है और नीतीश जी चुनाव लड़ेंगे इस पर अभी तक कोई विचार नहीं हुआ है इसलिए इस तरह के सवाल का कोई मतलब नहीं है।

लेकिन मीडिया ने इस खबर को ऐसा परोसा मानो ललन सिंह ने फूलपुर से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दिया खबर ब्रेक होते ही राष्ट्रीय मीडिया में भूचाल आ गया शाम का सारा प्राइम डिबेट फूलपुर पर आकर ठहर गया देखते देखते सारा राष्ट्रीय चैनल फुलपूर की और प्रस्थान कर गया और गांव गांव ,चौक चौक पर लोगों से सवाल करने लगा नीतीश चुनाव लड़ने आ रहे हैं, आपकी क्या राय है।

खबरे भले ही 2024 का नब्ज टोटलने को लेकर जदयू द्वारा प्रायोजित किया गया था लेकिन मीडिया जब फूलपुर पहुंची तो ऐसे लगा जैसे उनके पहुंचने से पहले गांव गांव मे नीतीश के चुनाव लड़ने की चर्चा शुरु हो गयी है, सारे चैनल के रिपोर्ट को देखे तो बिहार से कही ज्यादा यूपी वाले इस खबर को लेकर उत्साहित हैं।

एक राष्ट्रीय चैनस का पत्रकार चलते चलते एक दरवाजे पर रुकता है और वहां बैठे लोगोंं से सवाल करता है नीतीश आ रहे हैं क्उया कहना है आपका उस व्यक्ति ने नीतीश के सहारे जो बाते कही रिपोर्टर साहब सोच में पड़ गये, गांव वालों ने गठबंधन अभी हुआ भी नहीं है लेकिन नाम भी रख दिया संयुक्त मोर्चा के उम्मीदवार नीतीश जी आय़ेंगे तो मोदी जी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा । जिस अंदाज में वहां बैठे लोग बोल रहे थे कि रिपोर्टर को रहा नहीं गया और उक्त व्यक्ति की जाति जानने के लिए नाम पुंछ डाला वहां बैठे सारे के सारे व्यक्ति ब्राह्मण थे रिपोर्टर हैरान आप लोग नीतीश की तारीफ कर रहे हैं मतलब नीतीश के नाम की चर्चा के साथ ही यूपी की राजनीति में भी एक अलग तरह माहौल अभी से ही बनना शुरू हो गया । इस खबर को जिस तरीके से राष्ट्रीय मीडिया ने कवर किया है अगर लड़ाई आमने सामने हुई तो मोदी का मीडिया मैनेजमेंट बहुत प्रभावित नहीं कर सकता है ऐसा नीतीश के बिहार से बाहर निकलने के बाद दिखने लगा है ।

Nitish Kumar

वैसे अधिकांश मीडिया हाउस के टॉप लेवल पर कोई ना कोई है जिनसे नीतीश कुमार को बेहतर रिश्ता रहा हैं साथ ही मोदी से जो प्रताड़ित वर्ग है वो पूरी तौर पर नीतीश के साथ होते जा रहा है जिस वजह से नीतीश को राष्ट्रीय स्तर पर फंड से लेकर अन्य स्रोतों तक पहुंच काफी तेजी से बढ़ती जा रही है फिर भी नीतीश काफी सावधान है और इस इमेज से बचना चाह रहे हैं कि नीतीश कुमार 2024 के पीएम उम्मीदवार है क्योंकि उनको पता है जब तक विपक्ष अलग अलग रहेंगा इसका कोई मतलब नहीं है।

इसलिए नीतीश कुमार की कोशिश यह है कि वीपी सिंह के नेतृत्व में जिस तरीके से 1989 में देश के सभी विपक्षी पार्टियां एक साथ मिलाकर जनता दल बनाया था ठीक उसी तरह से पहले देश स्तर पर बिखरे सारे विपक्ष को एक दल में विलय करा जाए ताकि टुकड़े टुकड़े में जीत कर आने के बाद पीएम पद की दावेदारी में वो मजबूती नहीं रहेंंगी जैसे विलय के बाद एक दल के रूप में जीत कर आने के बाद वो मजबूती नहीं रहेंगी इसलिए मीडिया जब फूलपुर से चुनाव लड़ने की बात कि तो नीतीश सिरे से खारिज कर दिया और कहां कि मेरी प्राथमिकता विपक्ष को पहले एक करना है ।

हालांकि जो खबर आ रही है राजद,जेडीएस और ओम प्रकाश चौटाला की पार्टी से सहमति दे दी है और सपा से बातचीत चल रही है वैसे कल युवा चेहरे को आगे करने की बात कर नीतीश ने एक बड़ा दाव खेल दिया है वैसे 25 सितंबर को देवीलाल के जयंती के मौके पर आयोजित रैली में विपक्षी एकता को लेकर बड़ी घोषणा हो सकती है।

मिशन 2024 की सफलता के लिए नीतीश को अपनी छवि बनाए रखनी होगी

मिशन 2024 की सफलता बिहार के कानून व्यवस्था की स्थिति पर निर्भर करेगा ।
—–बेगूसराय की घटना सरकार के साख पर सवाल है—–

बेगूसराय फायरिंग मामले की जांच के दौरान बिहार पुलिस मेंं प्रोफेशनलिज्म की कमी साफ देखने को मिला,ऐसे में मेरे जैसे व्यक्ति के लिए जो बिहार की पुलिसिंग पर खास नजर रखती है बेहद चिंता का विषय है।इस घटना के जांच के दौरान पुलिस की जो प्रवृत्ति देखी गयी है उससे आने वाले समय में अब हर घटना को जाति के चश्मे से देखने की प्रवृत्ति बढ़ेगी और इसका प्रभाव राज्य के कानून व्यवस्था पर पड़ेगा यह तय है।

बेगूसराय फायरिंग मामले मेंं गिरफ्तार अपराधियों के खिलाफ साक्ष्य है लेकिन उस साक्ष्य को लेकर जिस स्तर तक पुलिस को काम करने कि जरुरत थी उसमें साफ कमी देखने को मिल रही है और इसका असर यह हुआ कि पुलिस बेगुनाह लोगों को जेल भेज दिया है ऐसी बात चर्चा में आनी शुरु हो गयी है और इस घटना में जो अपराधी शामिल है उसको पुलिस बचा रही है।

घटना 13 तारीख के शाम की है बेगूसराय पुलिस का हाल यह था कि 24 घंटे तक वो अंधेरे में ही तीर चला रहा था ,14 तारीख की शाम को पुलिस ने दो तस्वीर जारी किया और कहा कि यही वो चार अपराधी जो दो मोटरसाइकिल पर सवार होकर इस घटना को अंजाम दिया है। इतने महत्वपूर्ण केस में 15 तारीख की शाम मीडिया में खबर आने लगी कि इस कांड में शामिल अपराधी पकड़े गये और इस घटना में शामिल अपराधियों का नाम क्या है यह भी मीडिया में चलने लगा जबकि उस समय तक सभी कि गिरफ्तारी भी नहीं हुई थी उन अपराधियों का नाम कैसे बाहर आ गया बड़ा सवाल है।

फिर 16 तारीख के अहले सुबह बेगूसराय पुलिस के इनपुट पर झाझा रेलवे स्टेशन पर तैनात जीआरपी ने केशव उर्फ नागा को पकड़ा जो इस मामले की सबसे बड़ी गिरफ्तारी थी क्यों कि उससे पूछताछ के दौरान इस घटना के पीछे का खेल सामने आ सकता था लेकिन हुआ क्या जीआरपी थाना के प्रभारी फोटो खिंचवा कर 5 बजे सुबह में ही मीडिया को तस्वीर के साथ उसके गिरफ्तारी को सार्वजनिक कर दिया और मीडिया को फोनिंग देने लगा इसका असर यह हुआ कि 10 बजे नागा गैंग से जुड़े लोग बिहट चौक पर स्थित कुणाल लाइन होटल के सीसीटीव का फुटेज जारी कर बेगूसराय पुलिस की पूरी कार्रवाई पर ही सवाल खड़ा कर दिया।

देखिए जिसको पुलिस सूटर बता रही है वो घटना के समय लाइन होटल पर बैठा हुआ है जैसे ही यह खबर मीडिया में आयी बेगूसराय पुलिस सकते में आ गया और फिर पूछताछ छोड़ कर कितनी जल्दी इसको जेल भेजा जाए इस पर काम करना शुरू कर दिया ।

इसका असर यह हुआ कि केस का पूरी तौर पर खुलासा नहीं हो पाया बहुत सारी बाते सामने नहीं आ सकी और इस वजह से एसपी के सामने प्रेस रिलीज पढ़ने के अलावे को दूसरा चारा नहीं था । क्यों कि उनके पास क्रॉस क्यूसचन का जवाब नहीं था यही स्थिति एडीजीपी मुख्यालय का रहा मीडिया वाले सवाल करते रहे गिरफ्तार अपराधियों में गोली चलाने वाला कौन था नाम तक बताने कि स्थिति में वो नहीं थे ,केशव उर्फ नागा के होटल में बैठे होने कि बात सीसीटीवी में कैद होने पर सवाल किया गया तो कहां गया ये सब घटना की साजिश में शामिल थे, साजिश क्या है तो यह अनुसंधान का मसला है इस तरह से सवाल जवाब ने पुलिस के कार्रवाई को और भी संदेह के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया और सुशील मोदी और गिरिराज सिंह जैसे नेताओं को इस मामले की सीबीआई और एनआईए से जांच की मांग करने का मौका मिल गया।

इतने संवेदनशील मामले में इससे पहले कभी भी इस तरह की बाते देखने को नहीं मिली है पुलिस वाले सूचना लीक कर रहे थे और झाझा जीआरपी ने तो हद कर दी तस्वीर तक जारी कर दिया जो दिखाता है कि बिहार पुलिस की कार्य प्रणाली पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है।

याद करिए 1995 से 2005 का दौर राज्य में जो भी आपराधिक घटना घटित होता था सरकार उसको जाति से जोड़ देता था इस वजह से बिहार की पुलिसिंग धीरे धीरे कमजोर होती चली गयी वही सरकार के इस प्रवृत्ति का लाभ उठाते हुए अपराधियों ने भी अपने अपराध को छुपाने के लिए पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए जाति से जोड़ना शुरू कर दिया और धीरे धीरे पूरी व्यवस्था जाति के आधार पर एक दूसरे के साथ खड़े होने लगी और उसी का असर था कि बिहार की कानून व्यवस्था पटरी से उतर गया।

नीतीश कुमार इसी व्यवस्था पर चोट करके राज्य में कानून का राज्य स्थापित करने में कामयाब रहे थे लेकिन पहली बार वो किसी घटना को जातिवादी आधार से जोड़ते हुए बयान दिया और इसका असर बेगूसराय फायरिंग मामले में पुलिस के कार्यशैली पर साफ दिखाई दिया है।

हालांकि इसके लिए सिर्फ लालू प्रसाद या नीतीश कुमार ही जिम्मेवार नहीं है सुशील मोदी और गिरिराज सिंह जैसे नेता के साथ साथ यहां के सवर्णवादी मानसिकता वाले जो लोग है वो भी कम जिम्मेदार नहीं है क्योंकि उनको भी इसी तरह की राजनीति सूट करता है ।

बेगूसराय की घटना पूरी तरह से अपराधिक घटना है और सरकार या फिर किसी जिले में एसपी बदलने के बाद अपराधियों की यह प्रवृत्ति रही है कि इस तरह की घटना करके वह देखना चाहता है कि सरकार और पुलिस प्रशासन की सोच क्या है ।
याद करिए नीतीश कुमार 2005 में जब सत्ता में आये थे तो शुरुआती एक वर्ष तक किस तरीके से अपराधी सरकार को लगातार चुनौती दे रहे थे लेकिन जैसे ही अपराधियों को यह समझ में आ गया कि सरकार,कोर्ट और सत्ता में बैठे अपनी जाति वाले अधिकारियों से अब मदद मिलने वाली नहीं है स्थिति धीरे धीरे सुधरने लगी।

लेकिन बेगूसराय की घटना के बाद अपराधी और असामाजिक तत्व एक बार फिर से सिस्टम में बैठे अधिकारियों और नेताओं पर दबाव बनाना शुरु कर सकते हैं इस उदाहरण के साथ की मेरे साथ जाति के आधार पर भेदभाव हो रहा है हालांकि इस सोच को कितना बल मिलेगा यह कहना मुश्किल है लेकिन इन नेताओं की यही कोशिश होगी कि इस आधार पर समाज को बांटा जाये।

नीतीश बीजेपी मुक्त भारत की शुरुआत करेंगे बिहार से

बिहार की राजनीति बवंडर
कभी भी बिहार विधानसभा को किया जा सकता है भंग
जदयू और राजद का आपस में हो सकता है विलय।

विपक्षी एकता को लेकर नीतीश का मिशन 2024 की शुरुआत जिस तरीके से हुई है उससे नीतीश काफी उत्साहित है और कहा ये जा रहा है कि नीतीश हाल के दिनों में बेहद चौकाने वाले निर्णय ले सकते हैं और इसको लेकर नीतीश कुमार और लालू प्रसाद के बीच लगभग सहमति बन गयी है ।

जो खबर आ रही है उसके अनुसार नीतीश बिहार विधानसभा को भंग कर चुनाव में जाना चाह रहे हैं और उससे पहले नीतीश राजद और जदयू के विलय की घोषणा कर देश स्तर पर ये संदेश देना चाहते हैं कि देश को बचाने के लिए हमने अपनी पार्टी तक को दांव पर लगा दिये।

क्यों कि दिल्ली यात्रा के दौरान विपक्षी दल के नेताओं में नीतीश कुमार को लेकर जो उत्साह देखने को मिल रहा है उससे ये साफ हो गया है कि नीतीश कुमार देश के सारे विपक्षी पार्टियों को एक मंच पर लाने में कामयाब हो सकते हैं। क्यों कि नीतीश कुमार दिल्ली से गया के रास्ते में ही थे कि ममता बनर्जी ने नीतीश के अभियान में साथ आने की घोषणा कर नीतीश के अभियान को और बल दिया है ।

1– राजद जदयू का विलय ऐसा कहा जा रहा है कि बिहार से बाहर निकलने से पहले नीतीश बिहार की राजनीति में ऐसी किलाबंदी चाह रहे हैं ताकि बीजेपी की सम्भावना बिहार की राजनीति में पूरी तरह से खत्म हो जाये और इसके लिए 2015 के परिणाम से सीख लेते हुए नीतीश और लालू इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं के आपसी रिश्तों में जो खाई है उसको पाटने का वक्त नहीं है और इस बार बड़े भाई छोटे भाई के लिए भी कोई जगह ना रहे इसके लिए दोनों पार्टी के आपस में ही विलय कर दिया जाए।

फिलहाल जिस फॉर्मूला पर बातचीत चल रही है उसके अनुसार नीतीश कुमार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ साथ 2024 के लोकसभा चुनाव तक बिहार के मुख्यमंत्री बने रहेंगे और उसके बाद तेजस्वी को पार्टी और सरकार सौंप देंगे वैसे इस फॉर्मूला पर बीजेपी से गठबंधन तोड़ने से पहले नीतीश की तेजस्वी और लालू प्रसाद से कई दौर की बातचीत हो चुकी है। देश स्तर पर विपक्षी एकता का स्वरुप जैसे जैसे शक्ल लेता जाएगा नीतीश बिहार में इस अभियान को आगे बढ़ाते जाएंगे क्यों कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव की बात करे तो एनडीए में भाजपा 121 और जदयू 122 सीटों में चुनाव लड़ी थी और उसमें से सात सीट जदयू ने हम को दिए थे इसी तरह महागठबंधन में 144 सीटों पर RJD, 70 सीटों पर कांग्रेस और 29 पर लेफ्ट पार्टियां चुनाव लड़ी थी।2020 के चुनाव में भाजपा 19.46%, जदयू 15.39%,राजद 23.11% वोट मिला था वही कांग्रेस को 09.48% ,भाकपा माले को लगभग 4 प्रतिशत सीबीआई 0.83% 02,माकपा 0.65%रालोसपा 01.77% मतलब सबके सब साथ आ जाये तो लगभग 55 प्रतिशत वोट का शेयर हो जायेंगा वही 2020 के चुनाव में जो ओवैसी फैक्टर राजद गठबंधन को जो नुकसान पहुंचाया उसे कम किया जा सकता है।वहीं जदयू और राजद के बीच सीट बंटवारे को लेकर कोई समस्या नहीं रहेगा जब पार्टी का एक दूसरे में विलय कर दिया जाएगा ।

विलय को लेकर नीतीश गंभीर इसलिए हैं कि इसके सहारे दो संदेश देना चाह रहे हैं एक नीतीश पलटूराम के इमेज से बाहर निकल जाएंगे और बिहार की राजनीति जो अति पिछड़ा ,महादलित और पसमांदा में बट गया था वो एक बार फिर से साथ आ जाएंगे वही देश स्तर पर पार्टी के विलय के सहारे संदेश देने कि कोशिश होगी कि मोदी को लेकर बिहार किस स्तर पर सोच रहा है।

2— जल्द ही होगा बिहार में मध्यावधि चुनाव बिहार में मध्यावधि चुनाव होगा यह तय हो गया है बस इस बात को लेकर मंथन चल रहा है कि गुजरात के साथ दिसंबर में चुनाव में जाया जाये या फिर 2023 में होने वाले राजस्थान,मध्य प्रदेश के चुनाव के साथ जाया जाए, क्यों कि एक राय ये भी बन रही है कि गुजरात विधानसभा चुनाव में विपक्षी एकता के सहारे मोदी को पहले गुजरात में ही घेरा जाए और इसके लिए नीतीश कुमार सहित विपक्ष के तमाम बड़े चेहरा गुजरात चुनाव में कैम्प करे ,वही दूसरा धरा का यह मानना है कि बिहार से ही बीजेपी मुक्त भारत की शुरुआत कि जाए और इसके लिए गुजरात के साथ बिहार का भी चुनाव करना बेहतर होगा।देखिए आगे आगे होता है क्या लेकिन इतना तो तय हो गया कि अब खेला होबे ।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गया दौरा, जाने आज का शेड्यूल

बिहार के गया में फ़िल्गु नदी में निर्मित गयाजी डैम और सीता कुंड जाने हेतु पुल बनकर तैयार है। आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसका उद्घाटन करेंगे।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गया दौरा का पूरा शेड्यूल:

11:00 बजे दिल्ली एयरपोर्ट से गया के लिए प्रस्थान।

12:45 पर गया हवाई अड्डा आगमन।

1:05 पर देवघाट गया फ़िल्गु नदी में निर्मित गयाजी डैम और सीता कुंड जाने हेतु पुल के लोकार्पण का कार्यक्रम।

3:30 पर विष्णुपद मंदिर गया में पूजा अर्चना।

3:45 पर विष्णुपद मंदिर गया से हवाई अड्डा के लिए प्रस्थान।

4:00 बजे गया हवाई अड्डा से पटना के लिए प्रस्थान।

4:25 पर पटना एयरपोर्ट पर आगमन

2017 में भारतीय जनता पार्टी के साथ जाना गलती थी: नीतीश कुमार

04 सितंबर 2022। आज नेशनल काउंसिल की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संबोधित करते हुए इस बात को स्वीकार किया कि 2017 में भारतीय जनता पार्टी के साथ जाना गलती थी।

nitish kumar

हमारे भारतीय जनता पार्टी के साथ जाने से कई हमारे लोग थे वो अलग हो गए अब हम फिर वापस आ गए हैं तो सभी लोगों ने हमारे फैसले को सराहा है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हवाई सर्वेक्षण को ले मुंगेर हवाई अड्डा को किया गया दुरुस्त

मुंगेर । सर्वेक्षण के दौरान हैलीकॉप्टर में फ्यूल भरने या मौसम के खराब होने के उपरांत, मुंगेर हवाई अड्डा में सीएम के हैलीकॉप्टर के उतरने की व्यवस्था की गई।

जानकारी के अनुसार आज सीएम मुंगेर लखीसराय और जमुई में सूखे का हाल जानने के लिए करेगें हवाई सर्वेक्षण ।

डीएम एसपी दल बाल के साथ बीती रात से ही करवा रहे काम ।

कल एक बार फिर सीएम पद की शपथ लेंगे नीतीश कुमार, दोपहर बाद होगा समारोह का आयोजन

आज नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू चौहान को 7 पार्टियों के 164 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी सौंपी और इस्तीफा भी दिया। राज्यपाल फागू चौहान ने नीतीश कुमार का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। अब शपथग्रहण समारोह बुधवार को राजभवन के राजेन्द्र मंडपम में दो बजे होगा।

मतलब एक बार फिर कल यानी बुधवार की दोपहर शपथग्रहण समारोह होगा। महागठबंधन की नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह राजभवन के राजेन्द्र मंडपम में होगा।

Nitish Kumar

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नीतीश कुमार मुख्यमंत्री और तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। हालांकि यह प्रारंभिक जानकारी है बाकी किन किन लोगों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी एक कल ही पता चल पाएगा।

नीतीश कुमार राष्ट्रपति पद के बेहतर उम्मीदवार हो सकते हैं

PresidentElection2022 : राष्ट्रपति चुनाव की घोषणा के साथ ही उम्मीदवारी को लेकर कयास लगाने का सिलसिला शुरु हो गया। और रात होतेे होते कई नामों की चर्चा शुरु हो गयी।

उसमें एनडीए से मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी,केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और तीसरा उम्मीदवार का चौकाने वाला सामने आया है वह है गुलाम नबी आजाद का जिनके बारे में कहा जाता है कि वफादारी के मामले में tested हैं committed भी हैं।

मोदी को बचाने वालो में हैं और गुलाम नबी आजाद के विदाई के बेला को लोग भुला नहीं किस तरह मोदी उसके कसीदे काट रहे थे और इस दौरान दोनों भावुक हो रहे थे वैसे गुलाम नवी आजाद का नाम सामने आने पर कांग्रेस के पास भी सहमति देने के अलावे कोई विकल्प नहीं बचेगा । चौथा नाम बिहार से भी उठा है नीतीश कुमार का जिसके नामों की चर्चा करते हुए बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार की नीतीश कुमार में राष्ट्रपति बनने की काबिलियत है और सोच राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय इससे भारत को फयदा मिल सकता है ।

लेकिन जिस तरीके से बिहार के दैनिक हिन्दुस्तान अखबार ने राष्ट्रपति चुनाव अनायास या निराधार नही है श्रवन कुमार का बयान शीर्षक के साथ सात कांलम में खबर लगाया है ।

हिन्दुस्तान यह खबर बिना सहमति के ऐसे ही छाप नहीं दिया होगा क्यों कि इस खबर में यह दिखाने कि कोशिश हुई है कि नीतीश कुमार विपंक्ष के साझा उम्मीदवार हो सकते हैं। हालांकि बहुत मुश्किल है लेकिन इसी बहाने नीतीश कुमार की चर्चा एक बार फिर शुरु हो गयी है और आज सुबह से ही नीतीश के उम्मीदवारी को लेकर बयान भी आना शुरु हो गया और जिस अंदाज में बयान आना शुरु हुआ है।

एक दो दिन में देश स्तर पर भी प्रतिक्रियाएँ आनी तय है वैसे भी विपंक्ष के सामने नीतीश कुमार जैसा मजबूत चेहरा दूसरा है भी नहीं जिस पर कांग्रेस सहित तमाम विरोधी दल भरोसा जता सकता है वैसे उम्मीदवार हो या ना हो इस चर्चा से नीतीश कुमार की ब्रांडिंग तो जरुर होगी जिसका लाभ आने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव में उठाया ही जा सकता है वैसे नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर जो किया है उसे तो राष्ट्रीय स्तर पर मोहर तो लगनी ही चाहिए क्यों कि विकास का जो आज का माँडल है उसमें नीतीश के योगदान को तो नकारा नहींं ही जा सकता है।

ये तस्वीर जता रहा है कि बिहार की राजनीति किस दिशा की ओर बढ़ रहा है

राजनीति में बयान और तस्वीर बेमतलब कभी नहीं होता हर बयान और तस्वीर के पीछे कोई ना कोई संदेश जरुर छिपा रहता है । मुख्यमंत्री के आधिकारिक ग्रुप से कल एक तस्वीर जारी हुई है मौका था इन्वेस्टर्स मीट सह वस्त्र एवं चर्म नीति 2022 के लोकार्पण समारोह का जहां नीतीश कुमार उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन का पीठ थपथपा रहे हैं बिहार में मेरी जानकारी में ये पहली ऐसी तस्वीर है जिसमें नीतीश कुमार किसी मंत्री के काम की तारीफ इस तरह से सार्वजनिक रूप से किये हो।

वैसे शाहनवाज हुसैन जब से उद्योग मंत्री बने हैं विभाग की सक्रियता बढ़ी है इसमें भी कोई शक नहीं है लेकिन नीतीश कुमार कुछ दिन पहले तक शाहनवाज को लेकर सहज नहीं थे ये भी सार्वजनिक रूप से कई मौके पर देखने का मिला है तो फिर ऐसा क्या हुआ जो नीतीश के इतने चहेते बन गये ।

नीतीश के निशाने पर हैं अमित शाह
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग के सहारे जो कुछ भी हुआ उसको लेकर नीतीश अभी भी सहज नहीं है जिस वजह से बीजेपी के साथ रहने के बावजूद भी हमेशा दाव लगाते रहते हैं ।

एक बड़ी चर्चित गीत है ना कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना बस इसी अंदाज में नीतीश बिहार की राजनीति का साध रहे हैं और इसके लिए जब जब दिल्ली बीजेपी नीतीश कुमार पर दबाव बनाने कि कोशिश करता है लालू प्रसाद के परिवार से नजदीकी बढ़ाने का प्रयास ये तेज कर देते हैं ।

वही बीजेपी के अंदर मोदी और शाह के खिलाफ जो गोलबंदी शुरू हुई है उसका लाभ कैसे मिले इस पर नीतीश काम शुरु कर दिये हैं और यही वजह है कि नीतीश का रिश्ता कभी भी शाहनवाज और गडकरी से अच्छा नहीं रहा है क्यों कि दोनों नेता नीतीश की आलोचना कई मौके पर मुखर होकर कर चुके हैं ।

गांधी सेतु के दूसरे लेन के उद्घाटन समारोह के दौरान नीतीश और गडकरी की जो मुलाकात हुई देखने से ऐसा ही लग रहा था कि जैसे की वर्षो बाद बिछड़ा हुआ भाई मिल रहा हो।

इतना ही नहीं इस पूरे कार्यक्रम के दौरान मंत्री नित्यानंद राय बिहार विधानसभा की घटना के बाद कार्यक्रम के दौरान दूरी बनाते हुए दिखे क्यों कि राज्यसभा चुनाव के दौरान जिस अंदाज में उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने नित्यानंद को झिड़की लगाये थे उससे साफ हो गया था कि फिलहाल बिहार में शाह की नुमाइंदगी को तवज्जो मिलने वाली नहीं है और इस राजनीति को नीतीश का भी समर्थन प्राप्त है।

वैसे दिल्ली से होने वाले निर्णय में अभी भी टीम शाह भारी है लेकिन नहीं चाहते हुए भी नीतीश इसी रणनीति के सहारे पहले भूपेन्द्र यादव को बिहार से बाहर का रास्ता दिखाया दिया और फिर बिहार विधान परिषद में संख्या बल नहीं होने के बावजूद दो सीट देने पर बीजेपी को मजबूर कर दिये।

शाहनवाज और गडकरी

आने वाले समय में इस तरह की चौकाने वाली तस्वीरे और देखने को मिले तो कोई बड़ी बात नहीं होगी क्यों लम्बें वक्त के बाद बीजेपी के केन्द्रीय टीम में नीतीश की पहुंच मजबूत होते दिख रही है।

जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में क्या रहा खास

जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री, 127 लोगों की सुनी समस्यायें, अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा निर्देश

पटना, 18 अप्रैल 2022 मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार आज 4 देशरत्न मार्ग स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में आयोजित ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में शामिल हुए। जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 127 लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए।

आज जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में सामान्य प्रशासन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, पंचायती राज विभाग, ऊर्जा विभाग, पथ निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, कृषि विभाग, सहकारिता विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, जल संसाधन विभाग, उद्योग विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, परिवहन विभाग, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, लघु संसाधन विभाग, योजना एवं विकास विभाग, पर्यटन विभाग, भवन निर्माण विभाग, वाणिज्य कर विभाग, सूचना एवं जन संपर्क विभाग, गन्ना (उद्योग) विभाग, विधि विभाग तथा जीविका से संबंधित मामलों पर सुनवाई हुयी।

‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में रोहतास से आये एक व्यक्ति ने मनरेगा में अनियमितता की शिकायत की। वहीं वैशाली जिले के पातेपुर के एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास मिलनेवाली सूची में नाम होने के बावजूद उसे आवास नहीं मिला। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को जांचकर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

शिवहर से पहुंचे एक फरियादी ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनके महादलित टोला का

सड़क, मुख्य सड़क से नहीं जोड़ा गया है, इसके कारण मुख्य सड़क तक जाने में काफी कठिनाई होती है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। बांका जिले के बेलहर से आए एक बुजुर्ग जे०पी० सेनानी ने कहा कि बिना अनुमति के उनकी जमीन के बीच में तीन बिजली का पोल लगा दिया गया है। थाना में भी कई बार आवेदन देने के बाद भी मामले में कोई सुनवाई नहीं हो रही है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को इस मामले की जांचकर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

• शिवहर जिले के विश्वम्भरपुर के एक व्यक्ति ने विश्वम्भरपुर पंचायत के वार्ड नंबर-7 के

महादलित टोला में रास्ता निर्माण को लेकर अपनी मांग मुख्यमंत्री के समक्ष रखी। वहीं भोजपुर

जिले के गड़हनी के एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क निर्माण को लेकर

अपनी बात रखी। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को इस पर समुचित कार्रवाई करने का निर्देश

दिया। ●भागलपुर जिले के बिहपुर के एक व्यक्ति ने प्राकृतिक आपदा के कारण अपनी फसल नष्ट होने की शिकायत की और मुआवजे की मांग को लेकर अपनी बात मुख्यमंत्री के समक्ष रखी। वहीं

बेगूसराय के मसदपुर के एक व्यक्ति ने फैक्ट्री से उत्पन्न प्रदूषण के कारण ग्रामीणों को होने वाली परेशानी के संबंध में शिकायत की मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को जांचकर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। फतुहा के एक व्यक्ति ने नगर परिषद् के वार्ड-16 में गंगा घाट निर्माण कार्य कराने के

संबंध में मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी बात रखी। वहीं दानापुर से आयी एक महिला ने शिकायत करते हुए कहा कि बरसात के दिनों में जलजमाव की समस्या होने के कारण उन्हें पलायन करना पड़ता है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में ऊर्जा मंत्री श्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, उद्योग मंत्री श्री शाहनवाज हुसैन, जल संसाधन मंत्री श्री संजय कुमार झा, भवन निर्माण मंत्री श्री अशोक चौधरी, ग्रामीण विकास मंत्री श्री श्रवण कुमार, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री श्री रामप्रीत पासवान, पथ निर्माण मंत्री श्री नितिन नवीन, पंचायती राज मंत्री श्री सम्राट चौधरी, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्रीमती लेशी सिंह, सहकारिता मंत्री श्री सुबाष सिंह, परिवहन मंत्री श्रीमती शीला कुमारी, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री नीरज कुमार सिंह, लघु जल संसाधन मंत्री श्री संतोष कुमार सुमन, ग्रामीण कार्य मंत्री श्री जयंत राज, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी, पुलिस महानिदेशक श्री एस0के0 सिंघल, संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव / प्रधान सचिव / सचिव, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, पटना के जिलाधिकारी श्री चंद्रशेखर सिंह तथा वरीय पुलिस अधीक्षक श्री मानवजीत सिंह ढिल्लो उपस्थित थे।

‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम की समाप्ति के पश्चात् मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत की। देश में कोरोना के मामले में हो रही वृद्धि के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कहीं-कहीं से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने की खबर आ रही है। दिल्ली में भी कोरोना के मामले में वृद्धि की खबर आयी है। बिहार में अभी कोरोना के काफी कम मामले हैं लेकिन बाहर में कोरोना के मामले बढ़ने का असर यहां भी पड़ता है क्योंकि लोग एक-दूसरे जगह आते जाते रहते हैं।

राज्य में लगातार कोरोना की जांच कराई जा रही है। यहां इसको लेकर पूरी तरह सतर्कता है और लोगों को भी सतर्क किया जा रहा है ताकि बाहर से आनेवालों की जांच होती रहे। सब लोगों से आग्रह है कि कोरोना की जांच करायें, इसको लेकर सरकार की ओर से पूरी व्यवस्था है। बिहार में कोरोना जांच की दर सर्वाधिक है। देश में दस लाख की आबादी पर जितनी औसत जांच हो रही है उससे ज्यादा जांच बिहार में हो रही है।

कोरोना दूसरे देशों में भी बढ़ा है। बिहार में कोरोना संक्रमण की दर काफी नीचे गया है लेकिन अगर फिर कहीं बढ़ रहा है तो उसके लिए अलर्ट रहने की जरूरत है। हमलोगों के यहां अलर्टनेस है, उसके लिए जो भी जरूरी है किया जाएगा। सिर्फ कोरोना ही नहीं बल्कि भीषण गर्मी के चलते अन्य प्रकार की बीमारियों का भी खतरा है। स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के द्वारा इस पर नजर रखी जा रही है। हमलोग निरंतर जरूरी जानकारी लेते रहते हैं कि कहां पर किस जगह पर क्या स्थिति है ? सब ध्यान दे रहे हैं। बिहार में कुछ जगहों पर तापमान 44 डिग्री तक पहुंच गया है। पिछले अनेक वर्षों से इस वर्ष तापमान में ज्यादा वृद्धि हुई है इसलिए लोगों को तो सतर्क रखना ही पड़ेगा। हमलोग इसको लेकर पूरे तौर पर अलर्ट है। स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ प्रशासन की तरफ से

भी अलर्ट किया गया है। ए०ई०एस० से बचाव के लिए काम किया जा रहा है। लाऊडस्पीकर पर नमाज को लेकर देश के कुछ हिस्सों में जारी विवाद के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जब से हमें काम करने का मौका मिला है तब से ही आपस में किसी तरह का विवाद न हो, झंझट न हो इसको लेकर हमलोग काम करते रहे हैं। पहले बिहार में कितना विवाद होता था लेकिन हमलोगों ने लोगों में अवेयरनेस लाकर इसको बिल्कुल समाप्त करने की लगातार कोशिश की है जब किसी समुदाय, धर्म के त्योहार का अवसर आता है तो प्रशासन पूरी
तौर पर अलर्ट रहता है ताकि कोई गड़बड़ी न कर सके। एक-एक चीज पर कॉन्सेसनेस है। जिसके मन में जो आता है, बोलते रहता है। हमलोग चाहते हैं कि सभी लोगों में आपस में प्रेम और भाईचारे का भाव रहना चाहिए। कोई भी किसी धर्म को मजहब को माननेवाला है, उसका अपना-अपना तरीका है।

सब लोग अपने-अपने ढंग से अपना त्योहार मनायें लेकिन इसको लेकर के आपस में विवाद नहीं करना चाहिए। ये बहुत जरूरी चीज है। सब अपने-अपने धर्म का मजहब का पालन कीजिए। इसको लेकर कहीं कोई रोक नहीं है। अगर आप सचमुच पूजा में विश्वास करते हैं तो ठीक से पूजा कीजिये। एक-दूसरे से झगड़ा करने का, पूजा करने से कोई संबंध नहीं है। अगर कोई भी किसी कम्युनिटी का है आपस में इस तरह का विवाद करता है तो मान लीजिए उसको धर्म से कोई मतलब नहीं है। इसका मतलब है कि वो सही आदमी नहीं है। यहां पर ऐसा कुछ नहीं है लेकिन कुछ-न-कुछ तो इधर-उधर होता ही रहता है। यहां पर अलर्टनेस है। उसके लिए ज्यादा चिंता मत करिए। हमलोग सबकी इज्जत करते हैं, हमलोग किसी को अपमानित नहीं करते हैं।

कुछ मंत्रियों द्वारा की जा रही बयानबाजी के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें इसकी जानकारी नहीं है। अगर आप लोग जानकारी दीजिएगा तो हम उनसे तुरंत पूछ लेंगे। हमारे पास कहीं से कोई जानकारी मिलती है तो तत्काल पूछ लेते हैं। ऐसा कुछ नहीं है, कोई भूल से कुछ बोल दिया हो तो उसकी बात अलग है।

श्री प्रशांत किशोर द्वारा कांग्रेस की जिम्मेदारी संभालने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पर मेरी कोई प्रतिक्रिया नहीं है। सबको अपना अधिकार है, राजनैतिक रूप से कोई क्या करना चाहता है, ये उसका अपना अधिकार है। हमसे उनका व्यक्तिगत संबंध रहा है और है भी। वे सबसे पहले भाजपा के साथ थे। फिर हमलोगों के साथ काम किये। अब कहीं और कर रहे हैं यह उनकी अपनी इच्छा है। ऐसे हमारा कोई इंटरफेयरेंस नहीं है और न ही इसमें हमारी कोई प्रतिक्रिया है।

उपचुनाव के नतीजे के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि एक जगह बाइइलेक्शन में हमलोगों की हार हो गई तो ये कोई खास बात नहीं है। इससे पहले दो बाइइलेक्शन हमलोग भी जीते हैं। यह कोई जेनरल इलेक्शन नहीं था। हमलोग तो एन०डी०ए० के उम्मीदवार के प्रचार के लिये गये ही थे, सब लोग प्रचार किये ही थे। वहां क्या हुआ इसकी अभी पूरे तौर पर जानकारी नहीं है कि हार क्यों हुई। आपस में बातचीत करने से इसकी पूरी जानकारी मिलेगी कि मामला क्या था। जनता मालिक है, उसको जो मन करे, उसे वोट दे। इस पर हम कभी कमेंट नहीं करते हैं।

श्री शत्रुघ्न सिंहा के बंगाली बाबू के रूप में लोकसभा उपचुनाव में मिली सफलता के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहारी बाबू और बंगाली बाबू क्या है, सब हिंदूस्तानी बाबू हो जाइये। ये सबसे अच्छा है। इसमें क्या दिक्कत है।

स्पेशल स्टेट्स के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग काम भी करते हैं और बिहार को जो जरूरत रहती है उसके लिये बात भी करते रहते हैं। कौन क्या कॉमेंट देता उससे क्या मतलब। हमलोग जितना बिहार के लिये करते हैं वो आपलोगों को पता है। हमलोग मांग भी करते हैं और बिहार के लिए काम भी करते हैं। इन सब पर ज्यादा चिंता करने की जरुरत नहीं है। उन्होंने कहा कि मौसम को देखते हुए अभी एक- दो महीने लोगों को अलर्ट रहने की जरुरत है। राजनीतिक बातें तो होती ही रहती है, उसका उतना महत्व नहीं है लेकिन लोगों की सर्वोपरि है। सभी लोग स्वस्थ रहें किसी को कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़े इसको लेकर हम सभी लोग लगे हुए हैं। मीडियाकर्मी भी लोगों को सचेत करते रहें, यह बहुत जरुरी है। अभी सभी लोगों को सचेत रहने की जरुरत है।