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वायरल बुखार को लेकर पूरे राज्य में जारी हुआ अलर्ट सीएम का निर्देश इलाज को हो समूचित व्यवस्था

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक हुई। मुख्यमंत्री ने कोरोना जांच, टीकाकरण एवं बच्चों में फैल रहे वायरल बुखार से बचाव को लेकर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।

स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री प्रत्यय अमृत ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बच्चों में वायरल बुखार से बचाव को लेकर उठाये जा रहे कदमों की जानकारी दी। साथ ही कोरोना संक्रमण की अद्यतन स्थिति, कोरोना जांच एवं वैक्सीनेशन के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने मेडिकल कॉलेज अस्पतालों एवं जिला अस्पतालों में वायरल बुखार से पीड़ित बच्चों एवं उनके उपचार के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सभी अस्पतालों में दवा की उपलब्धता पर्याप्त है। वायरल बुखार को लेकर विभाग पूरी तरह से एक्टिव है। उसकी सघन मॉनिटरिंग की जा रही है। वायरल बुखार को लेकर लोगों को घबराने की जरुरत नहीं है। श्री प्रत्यय अमृत ने बताया कि कोविड वैक्सीनेशन का काम शहरी क्षेत्रों में लगभग शत-प्रतिषत पूर्ण हो गया है। अगर कोई बचे हुये हैं तो उनका टीकाकरण भी जल्द से जल्द करा लिया जायेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में भी टीकाकरण कार्य तेजी से चल रहा है।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में जिनका टीकाकरण बचा हुआ है, उनका जल्द से जल्द टीकाकरण करायें। ग्रामीण क्षेत्रों में भी विशेष अभियान चलाकर टीकाकरण का कार्य तेजी से पूर्ण करें। उन्होंने कहा कि खासकर मुंबई, केरल और तमिलनाडू से आने वाले लोगों की कोरोना जांच अवश्य करायें। रेलवे स्टेशन एवं बस स्टैंड पर बाहर से आने वालों पर विशेष नजर रखें। इन जगहों पर कोरोना जांच की व्यवस्था रखें। टीकाकरण कोरोना से बचाव का कारगर उपाय है। इसके साथ ही कोरोना की जांच भी उतना ही महत्वपूर्ण है। कोरोना जांच की संख्या और बढ़ायें। इसे प्रतिदिन दो लाख तक ले जायें। लोग मास्क का प्रयोग जरुर करें। यह कोरोना संक्रमण से बचाव के साथ-साथ अन्य वायरल बीमारियों से बचाव में भी उपयोगी है। माइकिंग के माध्यम से प्रचार-प्रसार कर लोगों को सचेत एवं जागरुक करते रहें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों में वायरल बुखार को लेकर अलर्ट और एक्टिव रहें। वायरल बुखार के लक्षणों पर भी नजर बनाये रखें। बच्चों के इलाज में किसी प्रकार की कोताही नहीं हो। अस्पतालों में दवा की पर्याप्त उपलब्धता रखें। उन्होंने कहा कि वायरल बुखार को लेकर विभाग द्वारा उठाये जा रहे कदमों के संबंध में मीडिया के माध्यम से लोगों को जानकारी दें।

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कई निर्देश दिये हैं ।
सभी लोग मास्क का प्रयोग जरुर करें। यह कोरोना संक्रमण से बचाव के साथ-साथ अन्य वायरल बीमारियों से बचाव में भी उपयोगी है।

    माइकिंग के माध्यम से प्रचार-प्रसार कर लोगों को सचेत एवं जागरुक करते रहें।
बच्चों में वायरल बुखार को लेकर अलर्ट और एक्टिव रहें। 
बच्चों के इलाज के लिये अस्पतालों में दवा की पर्याप्त उपलब्धता रखें।
वायरल बुखार को लेकर विभाग द्वारा उठाये जा रहे कदमों के संबंध में मीडिया के माध्यम से लोगों को जानकारी दें।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी विशेष अभियान चलाकर टीकाकरण का कार्य तेजी से पूर्ण करें।
कोरोना जांच की संख्या और बढ़ायें और इसे प्रतिदिन दो लाख तक करें।
मुंबई, केरल और तमिलनाडू से आने वाले लोगों की कोरोना जांच अवश्य करायें। रेलवे स्टेशन एवं बस स्टैंड पर बाहर से आने वाले लोगों पर विशेष नजर रखें। इन जगहों पर भी कोरोना जांच की व्यवस्था रखें।

फिलहाल हाईकोर्ट फिजिकल नहीं चलेंगा दशहरा के बाद होगा निर्णय

पटना हाईकोर्ट दशहरा के अवकाश के बाद 20 अक्टूबर, 2021को कोरोना की स्थिति का जायजा लेगा।इसके बाद पटना हाईकोर्ट प्रशासन फिजिकल कोर्ट प्रारम्भ करने के सम्बन्ध में निर्णय लेगा।साथ ही यह भी निर्णय लिया जाएगा कि फिजिकल कोर्ट की कार्यवाही किस हद तक संभव होगा और किस प्रकार चलाया जा सकेगा।

पिछले वर्ष मार्च से कोर्ट में मुकद्दमों की सुनवाई वर्चुअल मोड़ पर की जा रही हैं।अधिवक्ता संघो ने पटना हाईकोर्ट प्रशासन से फिजिकल कोर्ट शुरू करने का अनुरोध किया।लेकिन करोना महामारी को देखते हुए हाई कोर्ट प्रशासन ने फिजिकल कोर्ट नहीं शुरू किया।

4 जनवरी,2021से पटना हाईकोर्ट में करोना के लिए जारी दिशानिर्देश व सुरक्षा नियमों के तहत हाइब्रिड कोर्ट शुरू किया गया।इसमें प्रथम पाली में फिजिकल कोर्ट के माध्यम से मामलों की सुनवाई होती थी और द्वितीय पाली में ऑनलाइन सुनवाई होती थी।

लेकिन मार्च,2021मे करोना महामारी के फिर से बढ़ने के कारण अप्रैल,2021 से फिर मामलों की ऑनलाइन सुनवाई शुरू हुई,जो अबतक चल रही हैं।

इस बीच वकीलों और अधिवक्ता संघो ने कई बार फिजिकल कोर्ट शुरू करने के चीफ जस्टिस से मांग की।इस करोना महामारी काल में वकीलों और उनके साथ जुड़े स्टाफ की स्थिति काफी खराब हो गई।उन्हें गहरे आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा।बहुत सारे वकील अपने घर गांव चलें गए और उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है।
एक ओर कोर्ट बंद होने से उनके आय का स्रोत खत्म हो गया,वहीं सरकार और बार कौन्सिल के द्वारा भी बहुत प्रभावी आर्थिक मदद नहीं।दी गई।

औरंगाबाद के डिस्ट्रिक्ट जज को हाईकोर्ट ने किया निलंबित

पटना हाई कोर्ट ने एक आदेश जारी कर औरंगाबाद के वर्तमान जिला जज श्री कृष्णा मुरारी शरण को निलंबित कर दिया है| हाईकोर्ट ने उन्हें बिहार जुडिशियल सर्विस के रुल 6 सब रुल (1) के तहत उन्हें अपने पद से तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है |

इस आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि श्री कृष्ण मुरारी शरण अनुशासनात्मक कार्यवाही लंबित होने के दौरान बिना पूर्व अनुमति के वे मुख्यालय से बाहर नहीं जा सकेंगे।लेकिन उनके निलंबन के दौरान निर्वाह भत्ता मिलता रहेगा। जॉंच जारी रहने या अगले आदेश तक उन्हें पटना सिविल कोर्ट में अटैच किया गया हैं।

इस आदेश की कॉपी औरंगाबाद के निलंबित।डिस्ट्रिक्ट जज कृष्ण मुरारी शरण को भेजी गई है।उन्हें कहा गया है कि वे अपने कार्य का प्रभार इस आदेश के मिलते ही वरिष्ठतम एडिशनल और सेशन्स जज को सौंप देंगे।इस आदेश की प्रति पटना के ज़िला जज को आवश्यक कार्र्वाई के लिए प्रेषित की गई है।

असंगठित क्षेत्र से जुड़े मजदूरों के लिए राज्य सरकार ने खोला द्वार

श्रम कल्याण दिवस” से महाभियान चलाकर राज्य के सभी असंगठित क्षेत्र के कामगारों का राष्ट्रीय ई-श्रम पोर्टल पर कराया जायेगा निबंधन:

  • 31 दिसंम्बर 2021 तक राज्य के 3 करोड़ 49 लाख कामगारों के निबंधन का पूरा किया जायेगा लक्ष्य:
    श्री जिवेश कुमार, मंत्री श्रम संसाधन विभाग|

बिहार के सभी असंगठित क्षेत्र के कामगारों को राष्ट्रीय ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण कराये जाने हेतु राज्य में महाभियान चलाकर लक्ष्य को पुरा किया जायेगा| इस अभियान को “श्रम कल्याण दिवस” (दिनांक 17/09/2021) से शुरू किया जाएगा| दिनांक 31 दिसंम्बर 2021 तक 3 करोड़ 49 लाख कामगारों के निबंधित कर लिया जायेगा, जो राज्य के लिए भारत सरकार से निर्धारित लक्ष्य है| विभागीय मंत्री, श्री जिवेश कुमार ने उक्त बातें निर्धारित लक्ष्य के प्रप्ति हेतु विभाग के पदाधिकारियों के साथ समीक्षात्मक बैठक के दौरान कही|

  1. उन्होंने यह बताया कि केंद्र सरकार ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए एक बेहतर पहल की है, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय (Ministry of Labour and Employment) ने इसकी शुरुआत दिनांक 26 अगस्त को किया है| जिसके तहत देश भर के लगभग 43.7 करोड़ असंगठित श्रमिकों को ई-श्रम पोर्टल (e-SHRAM Portal) से जोड़ा जायेगा| जिसका उदेश्य देश के सभी असंगठित क्षेत्र के कामगार तक सभी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ पहुंचना है|
  2. देश भर के असंगठित श्रमिक जो विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करते है उनका पहचान पत्र और आधार कार्ड की तर्ज पर इनके कार्य के अनुसार रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा है| जिससे इनके आर्थिक और सामाजिक उत्थान के लिए योजनाएं बनाकर क्रियान्वित की जा सके| साथ ही निबंधित श्रमिकों को 2 लाख रुपये का बीमा का लाभ भी दिया जा रहा है, जिससे श्रमिक की असामयिक मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को तात्कालिक आर्थिक सहायता दी जा सके|
    ई – श्रम पोर्टल की विशेषताओं को बताते हुए माननीय मंत्री ने कहा:-
    1) पोर्टल पर श्रमिक अपना रजिस्ट्रेशन खुद से या CSC पर जा करा सकते हैं।
    2) श्रमिक का जन्म तिथि, होम टाउन, मोबाइल नंबर और सामाजिक श्रेणी जैसे अन्य आवश्यक डिटेल भरने के अलावा, आधार कार्ड नंबर और बैंक खाते का डिटेल का उपयोग करके रजिस्ट्रेशन किया जाता है|
    3) श्रमिकों को एक ई-श्रम कार्ड जारी किया जाता है जो 12 अंकों का विशिष्ट नंबर है।
    4) इसका उद्देश्य सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का एकीकरण करना है।
    5) ई-श्रम पोर्टल के माध्यम से बिहार सरकार का लक्ष्य 3.49 करोड़ असंगठित श्रमिकों, जैसे: निर्माण मजदूरों, प्रवासी श्रमिकों, रेहड़ी-पटरी वालों और घरेलू कामगारों का रजिस्ट्रेशन करवाना है।
  3. बिहार राज्य में अद्यतन स्थिति के अनुसार बिहार भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में निबंधित लगभग 17 लाख कामगारों का पूर्ण विवरण को राष्ट्रीय ई पोर्टल में जोड़े जाने हेतु भेजा जा चुका है| साथ ही राज्य के अन्य योजनाओं से जुड़े लगभग 11 लाख कामगारों के डाटा को भी जोड़ा जा चुका है| इस ई पोर्टल से बिहार राज्य से 3 करोड़ 49 लाख कामगारों को जोड़े जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जो राज्य के आबादी का 30 प्रतिशत है, जिससे लगभग राज्य के सभी कामगार आच्छादित हो जायेंगे|
  4. श्रम संसाधन विभाग विभिन्न विभागों (आपदा / कृषि / पथ निर्माण/ भवन निर्माण आदि) से समन्वय स्थापित कर उनके यहां कार्यरत आधार आधारित पंजीकृत कामगारों का भी समायोजन इस ई पोर्टल पर करा रहा है, जिसमें विशेष रूप से मनरेगा के श्रमिक, जीविका दीदियों को जोड़ा जायेगा| साथ ही दिए गए लक्ष्य को जिलावार (जनसंख्या के अनुरूप) विभाजित कर इसे पूरा किया जायेगा| इससे संबधित पत्र सभी जिलों के जिलाधिकारी को अपर मुख्य सचिव स्तर से प्रेषित किया जा रहा है|
  5. सभी कार्य को (CSC) कॉमन सर्विस सेंटर के द्वारा कराया जायेगा जो प्रत्येक पंचायत में कार्यरत है, इसको पूरा करने हेतु भावी रूप रेखा तैयार की गयी है, जिसको लेकर अग्रेतर कारवाई की जा रही है| राज्य में स्टेट एडमिन बना दिया गया, जो जिलावार डाटा मूल्यांकन और अनुश्रवण करेंगे| साथ ही प्रगति हेतु जिला स्तर के पदाधिकारियों से प्रत्येक स्तर पर इसकी समीक्षा कर त्वरित गति से इसे 31 दिसम्बर 2021 तक पुरा किया जायेगा|

समीक्षा बैठक के दौरान, अपर मुख्य सचिव, श्रीमती वन्दना किनी, विशेष सचिव, श्री अलोक कुमार, श्रमायुक्त, सुश्री रंजिता, संयुक्त श्रमायुक्त, श्री अरविंद कुमार और श्री वीरेंद्र कुमार के साथ वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे|

स्वाइन फ्लू ने बिहार में दी दस्तक पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी

वायरल बुखार से अभी राज्य बाहर भी नहीं निकला है कि कोरोना से भी खतरनाक स्वाइन फ्लू के बिहार में आने की सूचना से पूरे स्वास्थ्य महगमा में हड़कंप मच गया है ।विभाग ने कल इसको लेकर एक आपात बैठक बुलाई है।विभाग के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि कोरोना ,वायरल बुखार और स्वाइन फ्लू के लक्षण में काफी समानता है इस वजह से जब तक मरीजों का टेस्ट नहीं होगा तब तक यह तय नहीं हो पायेंगा कि आखिरकार मरीज किस बिमारी से ग्रसित है ।कोरोना कि ही तरह स्वाइन फ्लू से संक्रमित मरीजों से काफी तेजी से संक्रमण फैलता है इसलिए डांक्टर भी स्वाइन फ्लू के आने से घबरा गये हैं ।
खबर ये आ रही है कि आज फुलवारी की बिरला कॉलोनी के अरविंद कुमार (58 वर्ष) की आज दोपहर इनफ्लूएंजा-A से मौत हो गई है। वहीं पारस हॉस्पिटल में दो मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। पारस हॉस्पिटल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. आसिफ ने दो मरीजों में स्वाइन फ्लू के H1N1 वायरस की पुष्टि की है। वही खबर ये भी है कि पटना के एक निजी अस्पताल में भी इस बिमारी से संक्रमित कई और मरीजों का इलाज चल रहा है ।

इस बीच पटना की सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी का कहना है कि महामारी रोग को देखते हुए अधिकारी को अलर्ट कर दिया गया है। मामले की छानबीन की जा रही है। संक्रमण कहां से आया, इसकी पड़ताल की जा रही है। मृतक के बारे में भी जानकारी इकट्‌ठा कराया जा रहा है। सिविल सर्जन का कहना है कि मामला संज्ञान में आते ही जांच पड़ताल शुरु कर दी गई है।
क्या है स्वाइन फ्लू
स्वाइन फ्लू का संक्रमण वायरस के कारण होता है।
यह संक्रामक बीमारी एच-1 एन-1 वायरस से फैलता है।
स्वाइन फ्लू संक्रमित मरीज में सामान्य मौसमी सर्दी-जुकाम जैसे ही लक्षण दिखते हैं।
संक्रमित लोगों में नाक से पानी आना, नाक बंद हो जाना आम बात है।
गले में खराश, सर्दी-खांसी, बुखार, सिरदर्द, शरीर में तेज दर्द होता है।
संक्रमण में थकान, ठंड लगना, पेट दर्द और कभी-कभी दस्त उल्टी होना।
स्वाइन फ्लू से कैसे बचाव करें
डॉक्टरों का कहना है कि स्वाइन फ्लू के संक्रमण को लेकर लोगों को पूरी तरह से अलर्ट होना पड़ेगा। कोरोना की ही तरह मास्क का प्रयोग और साफ सफाई को लेकर गंभीर होना पड़ेगा। इसमें खांसने, छींकने या छूने से भी स्वाइन फ्लू का वायरस एक से दूसरे व्यक्ति में पहुंच जाता है। इस कारण से स्वाइन फ्लू से प्रभावित लोगों को अलग रखा जाना चाहिए।

इस बार के पंचायत चुनाव में लोकसभा और विधानसभा जैसी सुविधाएं रहेंगी मतदान केन्द्रों पर

पंचायत चुनाव 2021 के दौरान राज्य निर्वाचन आयोग निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव सम्पन्न हो इसको लेकर कई सुधार किये है जिसमें पहली बार पंचायत चुनाव में ईवीएम का इस्‍तेमाल हो रहा है। पहली बार ऐसा चुनाव हो रहा है, जिसमें ईवीएम और बैलेट पेपर दोनों का प्रयोग एक साथ हो रहा है। इस बीच आयोग ने हर मतदान केंद्र पर सेल्‍फी प्‍वाइंट बनाने की बात कही है। आयोग ने राज्य के सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया है कि पंचायत चुनाव में किए जा रहे सभी नए प्रयोगों को शत प्रतिशत सफल बनाये ।

लोकसभा औऱ विधानसभा चुनाव कि तरह पंचायत चुनाव को उत्सवी माहौल में कराने के लिए हर बूथ पर सेल्फी प्वाइंट बनाया जाए। आयोग के इस पहल से पहली बार पंचायत चुनाव में मतदान करने वाले युवा मतदाता सेल्फी प्वाइंट तस्वीर लेकर इंटरनेट मीडिया पर शेयर कर करने में सहूलियत होगी।

मतदाताओं मैं जागरूकता फैलाये
आयोग ने कहा है कि पंचायत चुनाव को लेकर राज्य में उत्सवी महौल बनाया जाए जिसमें दीवार लेखन, वीडियो के माध्यम से मतदाताओं का जागरूकता जैसे कार्य सुनिश्चित किए जाएं। आयोग के आयुक्त ने जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी प्रत्याशियों का नामांकन पत्रों का शत प्रतिशत डिजिटलाइज कर अपलोड किया जाए। हर बूथ पर मतदान के दिन बिजली और मोबाइल कनेक्टिविटी हर हाल में बनी रहे।

हर बूथ पर दो महिला कर्मियों की तैनाती का निर्देश
मतदान के दिन हर बूथ पर कम से कम दो महिला कर्मियों की तैनाती की जाए वही 11 चरणों में चुनाव होने कि वजह से चुनाव कार्य में लगे कर्मी थके नहीं इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिला के निर्वाचन पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि चुनाव में एक कर्मचारी की अधिकतम चार बार ड्यूटी लगाई जाएगी। इसको लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने कई आवश्यक दिशा निर्देश जारी किया है

बिहार जिला जज परीक्षा का परिणाम धोषित

बिहार डिस्ट्रिक्ट जज एंट्री लेवल परीक्षा में 16 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किए गए । पटना हाईकोर्ट ने आज एक नोटिस जारी कर बिहार डिस्ट्रिक्ट जज एंट्री लेवल परीक्षा 2020 के परिणाम घोषित कर उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की सूची प्रकाशित की ।

लिखित परीक्षा ऐवम साक्षात्कार के आधार पर परीक्षा में सफल उम्मीदवारों का चयन किया गया है। इनके नाम इस प्रकार से है, दीपक कुमार,राज विजय सिंह,मनीष कुमार शुक्ला,सुदेश कुमार श्रीवास्तव,मनीष कुमार,पीयूष कुमार,नर्वेदेश्वर पाण्डेय, पवन कुमार,निकिता आर बोरा,रंजीता कुमारी,रचना अग्रवाल,गौरव सिंह,प्रमोद कुमार,पुष्पा कुमारी,सत्य नारायण लाल सांझी और ज्योति कुमारी।

इस परीक्षा में कुल 53 उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया गया था जिसमें से केवल 16 उम्मीदवार ही सफल हुए। ग़ौरतलब है कि परीक्षा में एससी कोटे से एक भी उम्मीदवार सफल नहीं हो सके ।

बिहार के स्वास्थ्य विभाग का हाल बेहाल

आज हम आपको बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था से जुड़ी तीन तस्वीरें दिखा रहे हैं और उन तस्वीरों के सहारे कोरोना के तीसरी लहर से लड़ने को लेकर जो दावे किये जा रहे हैं उसकी सच्चाई से आप रुबरु हो सकते हैं ।

पहली तस्वीर राज्य में फैले वायरल बुखार से जुड़ी है खबर यह है कि शहर से लेकर गांव तक में बच्चे वायरल बुखार से पीड़ित है पीड़ित बच्चों में पांच से आठ प्रतिशत बच्चें ऐसे हैं जिनको अस्पताल की जरुरत है हाल यह है कि राज्य के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच,आईजीएमएस.एनएमसीएच और एम्स जहां कोरोना के तीसरी लहर को देखते हुए विशेष तौर पर पीकू व नीकू अस्पताल तैयार किया गया था वहां एक भी बेड खाली नहीं है ।

अस्पताल के बाहर गलियारे में इलाज के अभाव में बच्चा तरप रहा है ।वही कोरोना वाला हाल माँ के गंधे पर बीमार बच्चा और बाप के हाथ में आँक्सीजन का सिलेंडर ।बेड की जगह बाथरुम के गेट पर बच्चों को गोद में लिए मां हैरान परेशान मरीज के परिजनों को निहार रही है और अपने पति से बार बार कह रही है कुछ कीजिए ना बाबू बहुत रो रहा है ।

पति परेशान है अस्पताल में ना डां है ना बेड है और ना ही दवा है,करे तो करे क्या हर आने जाने वालों को टकटकी निगाह से देख रहा है कही किसी रास्ते से फरिस्ता की तरह कोई डाँ आये और उसके बच्चे को बचा ले ।ये हाल राज्य के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच का है जिला और अनुमंडल अस्पताल की तो बात ही छोड़ दे ।

दूसरी तस्वीर सिवान सदर अस्पताल की है जहां एक व्यक्ति की लाश 15 घंटे तक फर्श पर पड़ी रही और वार्ड में कुत्ते घूमते रहे, लेकिन किसी ने इसकी सुध नहीं ली।

तीसरी तस्वीर जीएमसीएच बेतिया की है जहां चोरों ने आईसीयू में घुसकर मरीज को लगा आक्सीजन मॉनिटर चुरा लिया। मरीज के परिजनों के टोकने पर चोर ने खुद को अस्पताल का कर्मचारी बताया। खराब होने व बदलने के नाम पर मॉनिटर चुराकर ले गया। जल्दबाजी में मॉनिटर खोलने के दौरान चोर ने ऑक्सीजन पाइप भी नोंच दिया थोड़ी देर बाद मरीज की स्थिति जब बिगड़ने लगी तो परिचन भागे भागे नर्स रुम में गयी वहां नर्स मौजूद नहीं थी हल्ला हंगामा शुरु हुआ तो कही से एक नर्स पहुंची और फिर किसी तरह आंक्सीजन का पाइप लगायी ये मेडिकल कांलेज का हाल है ।

इस मामले में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे का कहना है कि राज्य स्वास्थ्य समिति के टीम को अस्पताल का दौरा करने के लिए भेजा गया है उन्हें रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है कई विशेषज्ञों से बातचीत में पता चला है कि वायरल फीवर है और सभी सरकारी अस्पतालों में बच्चों के समुचित इलाज का निर्देश दिया गया है पूरे मामले पर मैं खुद नजर रख रहा हूं और लगातार अधिकारियों के संपर्क में हूं

संभार–संतोष सिंह के वाल से

उतार-चढ़ाव के बाद बाजार हरे निशान में बंद; सेंसेक्स 58,305, निफ्टी 17,369 पर बंद; एयरटेल, नेस्ले टॉप गेनर

साप्ताहिक एफएंडओ समाप्ति सत्र में घरेलू बेंचमार्क सूचकांक मामूली बढ़त के साथ सपाट बंद हुए । बीएसई सेंसेक्स 54.81 अंक (0.09 प्रतिशत) बढ़कर 58,305.07 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 50 15.75 अंक (0.09 प्रतिशत) ऊपर 17,369.25 पर बंद हुआ।

बीएसई मिडकैप इंडेक्स 72.07 अंक (0.29 फीसदी) ऊपर 24,639.15 पर कारोबार कर रहा था, जबकि एसएंडपी बीएसई स्मॉलकैप 105.72 अंक (0.38 फीसदी) ऊपर 27,607.00 पर था। बैंक निफ्टी अपने इंट्राडे लाभ को बनाए रखने में विफल रहा, 0.23% कम 36,683 पर समाप्त हुआ ।

भारती एयरटेल 2.73% की बढ़त के साथ सेंसेक्स में शीर्ष पर रही, इसके बाद नेस्ले इंडिया, टाटा स्टील और बजाज फिनसर्व का स्थान रहा। टाइटन गुरुवार को सेंसेक्स का सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला था, जो लगभग 1% गिर गया। इसके बाद अल्ट्राटेक सीमेंट, बजाज ऑटो, एक्सिस बैंक और एचडीएफसी बैंक का स्थान रहा। मीडिया, एफएमसीजी, धातु सबसे अधिक लाभ में रहे ।

सेंसेक्स एक नजर में

सेंसेक्स के 30 शेयर्स में से 18 शेयर्स बढ़त के साथ और 12 शेयर्स लाल निशान में बंद हुए। बी एस ई पर कारोबार के दौरान 196 शेयर्स 52 हफ्ते के ऊपरी स्तर पर और 23 शेयर्स 52 हफ्ते के निचले स्तर पर कारोबार करते दिखे।

निफ्टी के प्रमुख शेयरों के टॉप गेनर और लूजर का हाल

निफ्टी एक नजर में

बाढ़ को लेकर सीएम की अध्यक्षता में हुई मैराथन बैठक

राज्य में बाढ़ आपदा एवं अल्पवृष्टि से उत्पन्न स्थिति पर मुख्यमंत्री की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक, मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में साढ़े पांच घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय,
प्रभावित लोगों की हरसंभव सहायता करने का मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिया निर्देश

मुख्य बिन्दु :-
1. बाढ़ के कारण जहां किसानों द्वारा फसल नहीं लगायी जा सकी, उसे फसल क्षति मानते हुये उन सभी किसानों को उचित सहायता उपलब्ध करायें। साथ ही किसानों की फसल क्षति का भी आंकलन कर उन्हें सहायता उपलब्ध करायें।

2. कृषि विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग एवं सभी जिलों के जिलाधिकारी बाढ़ के कारण हुई क्षति का पंचायतवार सही तरीके से आंकलन करें ताकि उसके आधार पर सभी प्रभावितों की मदद की जा सके। कोई भी बाढ़ आपदा पीड़ित सहायता से वंचित नहीं रहे।

3. तीन से चार दिनों में बाढ़ से हुई क्षति का पूर्ण आंकलन कर लें। इसके पष्चात् जिलों के प्रभारी मंत्री संबंधित जिलों में जाकर जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर इसे अंतिम रुप दें।

4. पषु एवं मत्स्य संसाधन विभाग बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशु क्षति का भी ठीक से आंकलन कराये और पशुपालकों की सहायता करें।

5. जल संसाधन विभाग बाढ़ के स्थायी समाधान के लिए दीर्घकालीन योजना बनाकर कार्य करे ताकि बाढ़ का असर कम से कम हो।

6. जिलों के उन विषिष्ट क्षेत्रों का भी आंकलन कर लें, जहॉ अल्पवृष्टि की स्थिति बन रही हो।

7. हर वर्ष बाढ़ के कारण बिहार का बहुत बड़ा क्षेत्र प्रभावित होता है, उससे बचाव एवं राहत के लिए हमलोग लगातार काम कर रहे हैं।

पटना 08 सितम्बर 2021 :- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित ‘संवाद’ में राज्य में बाढ़ आपदा एवं अल्पवृष्टि से उत्पन्न स्थिति की उच्चस्तरीय समीक्षा की। साढ़े पांच घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के जिलाधिकारी भी शामिल हुए।

बैठक के दौरान प्रस्तुतीकरण के माध्यम से भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के प्रतिनिधि ने अब तक की वर्षापात की स्थिति और आने वाले दिनों के वर्षा पूर्वानुमान के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।

आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री प्रत्यय अमृत ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से राज्य में बाढ़ एवं अल्पवृष्टि को लेकर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष अब तक तीन चरणों, प्रथम चरण- 13 से 17 जून, द्वितीय चरण- 1 जुलाई से 7 जुलाई, तृतीय चरण- 8 अगस्त से 22 अगस्त में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई है। आपदा पीड़ितों के लिए सभी प्रकार के राहत एवं बचाव कार्य किये गये। मुख्यमंत्री द्वारा हवाई सर्वेक्षण एवं बाढ़ राहत शिविरों में शरणार्थियों से मिलकर राहत कार्यों का जायजा लिया गया। इससे पीड़ितों का काफी मनोबल बढ़ा। अब तक 7,95,538 परिवारों के बीच 477.32 करोड़ रुपये ग्रैच्युट्स रिलीफ की राशि का वितरण किया जा चुका है और बाकी बचे लोगों में जी0आर0 का वितरण 25 सितंबर तक कर दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि बाढ़ से 26 जिलों के 16.60 लाख परिवारों की 69.63 लाख जनसंख्या प्रभावित हुई है, जिन्हें हरसंभव मदद की जा रही है।

समीक्षा बैठक में कृषि विभाग के सचिव श्री एन0 सरवन कुमार, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सचिव श्री जितेंद्र श्रीवास्तव, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की प्रधान सचिव श्रीमती एन0 विजयलक्ष्मी एवं जल संसाधन विभाग के सचिव श्री संजीव हंस ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बाढ़ के दौरान अपने-अपने विभागों द्वारा किये गये कार्यों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
समीक्षा के दौरान सभी जिलों के जिलाधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने-अपने जिलों के आपदा प्रभावित क्षेत्रों, जी0आर0 वितरण, क्षतिग्रस्त सड़कें, फसल क्षति, पशु क्षति आदि के साथ-साथ बाढ़ के दौरान किये गये राहत एवं बचाव कार्यों की भी जानकारी दी।

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष अधिक वर्षापात होने से नदियों के जलस्तर में वृद्धि के कारण राज्य में बाढ़ की स्थिति बनी। हमने हवाई सर्वेक्षण कर राज्य के सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया। साथ ही प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों को भी हवाई सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया ताकि वे अपने जिलों के पूरे क्षेत्रों का ठीक से जायजा ले सकें। प्रभावित लोगों के बीच राहत एवं बचाव कार्य कर उन्हें हरसंभव मदद मुहैया कराया गया। हमने राहत शिविरों में जाकर बाढ़ पीड़ितों के लिए चलाये जा रहे राहत कार्यों एवं वहां की व्यवस्थाओं की जानकारी ली और अधिकारियों को सभी प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। सभी जिलाधिकारी अभी भी मौसम पूर्वानुमान के आधार पर आगे की स्थिति के लिए सचेत रहें और पूरी तैयारी रखें।

मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि बाढ़ के कारण जहां किसानों द्वारा फसल नहीं लगायी जा सकी, उसे फसल क्षति मानते हुये उन सभी किसानों को उचित सहायता उपलब्ध करायें। साथ ही किसानों की फसल क्षति का भी आंकलन कर उन्हें सहायता उपलब्ध करायें। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग एवं सभी जिलों के जिलाधिकारी बाढ़ के कारण हुई क्षति का पंचायतवार सही तरीके से आंकलन करें ताकि उसके आधार पर सभी प्रभावितों की मदद की जा सके। कोई भी बाढ़ आपदा पीड़ित सहायता से वंचित नहीं रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन से चार दिनों में बाढ़ से हुई क्षति का पूर्ण आंकलन कर लें। इसके पष्चात् जिलों के प्रभारी मंत्री संबंधित जिलों में जाकर जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर इसे अंतिम रुप दें। उन्होंने कहा कि पषु एवं मत्स्य संसाधन विभाग बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशु क्षति का भी ठीक से आंकलन कराये और पशुपालकों की सहायता करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संसाधन विभाग बाढ़ के स्थायी समाधान के लिए दीर्घकालीन योजना बनाकर कार्य करे ताकि बाढ़ का असर कम से कम हो। उन्होंने कहा कि जिलों के उन विषिष्ट क्षेत्रों का भी आंकलन कर लें, जहॉ अल्पवृष्टि की स्थिति बन रही हो। हर वर्ष बाढ़ के कारण बिहार का बहुत बड़ा क्षेत्र प्रभावित होता है, उससे बचाव एवं राहत के लिए हमलोग लगातार काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मौसम पूर्वानुमान के अनुसार भविष्य के लिये सचेत रहते हुये पूरी तैयारी रखें।

बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री सह आपदा प्रबंधन मंत्री श्रीमती रेणु देवी, शिक्षा मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, ऊर्जा मंत्री श्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडे, जल संसाधन मंत्री श्री संजय कुमार झा, भवन निर्माण मंत्री श्री अशोक चौधरी, कृषि मंत्री श्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, पथ निर्माण मंत्री श्री नितिन नवीन, ग्रामीण विकास मंत्री श्री श्रवण कुमार,पंचायती राज मंत्री श्री सम्राट चौधरी, परिवहन मंत्री श्रीमती शीला कुमारी, लघु जल संसाधन मंत्री श्री संतोष कुमार सुमन, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री श्री मुकेश सहनी, समाज कल्याण मंत्री श्री मदन सहनी, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्रीमती लेशी सिंह, पर्यटन मंत्री श्री नारायण प्रसाद, कला, संस्कृति एवं युवा मामले के मंत्री श्री आलोक रंजन, ग्रामीण कार्य मंत्री श्री जयंत राज, श्रम संसाधन मंत्री श्री जिवेश मिश्रा, विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री श्री सुमित कुमार सिंह, मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन मंत्री श्री सुनील कुमार, गन्ना उद्योग मंत्री श्री प्रमोद कुमार, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री श्री रामसूरत कुमार, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री व्यास जी, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य श्री पी0एन0 राय, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य श्री उदयकांत मिश्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री त्रिपुरारी शरण, पुलिस महानिदेशक श्री एस0के0 सिंघल, विकास आयुक्त श्री आमिर सुबहानी, आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री प्रत्यय अमृत, पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री अमृत लाल मीणा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, अपर मुख्य सचिव पथ श्री अमृत लाल मीणा सहित सभी जिलां के प्रभारी अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्योग मंत्री श्री शाहनवाज हुसैन, संबंधित विभागों के अन्य वरीय पदाधिकारीगण, सभी प्रमंडलीय आयुक्त, रेंज के आई0जी0/डी0आई0जी0, सभी जिलों के जिलाधिकारी, वरीय पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक जुड़े हुए थे।

रामविलास पासवान की पहली बरसी मनायी जायेंगी पटना तैयारी जोड़ो पर

लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) नेता चिराग पासवान अपने पिता व दलित नेता रामविलास पासवान की पहली बरसी पर 12 सितंबर को पटना में बड़े आयोजन करने की तैयारी में हैं। उन्होंने इस आयोजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत शीर्ष राष्ट्रीय नेताओं को न्योता भेजा है।

12 सितंबर को लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक व पूर्व दिवंगत केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पहली बरसी पटना में मनाई जाएगी और बरसी के बहाने चिराग बड़ी राजनैतिक लकीर खींचने की तैयारी में लगा है आज इसको लेकर बिहार के नेता प्रतिपंक्ष तेजस्वी यादव और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी से मुलाकात कर आने का निमंत्रण दिया है वही इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत शीर्ष राष्ट्रीय नेताओं को भी न्योता भेजा है। हलाकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निमंत्रण को लेकर जब चिराग से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि अभी तक मिलने का समय नहीं मिला है ।

वही निमंत्रण कार्ड पर चिराग ने पूरे पासवान परिवार का नाम छपवाया है।कार्ड के एक भाग में शोकाकुल परिवार के तौर पर सबसे पहले केंद्रीय मंत्री और अपने चाचा पशुपति कुमार पारस, चचेरे भाई कृष्ण राज, चचेरे भाई व समस्तीपुर सांसद सह प्रदेश अध्यक्ष (पारस गुट वाली लोजपा) प्रिंस राज और यश राज का नाम लिखा हुआ है। कार्ड के दूसरे भाग में विनीत के तौर पर चिराग पासवान का नाम सांसद सह राष्ट्रीय अध्यक्ष लोजपा लिखा हुआ है।

कांग्रेस के कद्दावर नेता सदानंद सिंह नहीं रहे

कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री सदानंद सिंह का आज निधन हो गया है। पटना में खगौल के पास एक निजी अस्पताल क्यूरिस हॉस्पिटल में उन्होंने अंतिम सांसें ली। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। लीवर सिरोसिस की बीमारी से परेशान थे। दिल्ली के प्रसिद्ध डॉक्टर एसके सरीन से लीवर का इलाज कराया था। उसके बाद पटना लौटे, लेकिन तकलीफ बढ़ी तो फिर अस्पताल में एडमिट होना पड़ा। खगौल के पास क्यूरिस हॉस्पिटल में लगभग दो माह से उनका इलाज चल रहा था। लीवर सिरोसिस जब बढ़ने लगा तो किडनी में इंफेक्शन हो गाया। इसके बाद मंगलवार को उनका डायलिसिस किया गया। लेकिन उनके शरीर ने डायलिसिस बर्दाश्त नहीं किया और बुधवार की सुबह नौ बजकर नौ मिनट पर उनका निधन हो गया। उन्हें एक पुत्र और तीन पुत्रियां हैं।

राज्यपाल ,सीएम नीतीश कुमाप और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने भी जताया शोक
सीएम नीतीश कुमार ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सदानंद सिंह के निधन पर गहरा शोक जताया है। उन्होंने कहा है कि वे एक अनुभवी राजनेता थे। क्षेत्र के लोगों में भी काफी लोकप्रिय थे। 2000 से 2005 तक विधानसभा के अध्यक्ष भी रहे थे। उनसे मेरा व्यक्तिगत संबंध था। उनके निधन से मर्माहत हूं। इधर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सदानंद सिंह जी के निधन पर गहरी शोक-संवेदना व्यक्त करता हूं। उनका लंबा सामाजिक-राजनीतिक अनुभव रहा। वो एक कुशल राजनेता थे। ईश्वर से उनकी आत्मा को शांति तथा शोक संतप्त परिजनों को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं।

पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने भी शोक जताया है। उन्होंने कहा कि सदानंद बाबू की कमी हमेलंबा है राजनीतिक इतिहास, नौ बार रहे थे विधायक
सदानंद सिंह का लंबा राजनीतिक सफर रहा है। वह पहली बार कहलगांव सीट से 1969 में जीत कर विधायक बने थे। विधानसभा अध्यक्ष के अलावा बिहार सरकार में कई विभागों के मंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वह भागलपुर की कहलगांव विधानसभा सीट से नौ बार विधायक भी रहे थे।

लड़कियां अभी भी सुरक्षित नहीं है बिहार में

तमाशबीन हूं मैं बात 2008 की है सुशासन उस वक्त लोगों के जुबान पर था उस वक्त मैं ईटीवी सा जुड़ा हुआ था और आंफिस एग्जीबिशन रोड स्थित शाही भवन में था । यही कोई रात के आठ बज रहे होंगे ।हमलोगों के साथ काम करने वाले एक सहयोगी के शादी का रिसेप्शन था आंफिस लगभग खाली हो गया था और सबसे विलम्भ से मैं ही आंफिस से निकला था ।जैसे ही गांधी मैदान से सामने स्थित रामगुलाम चौक से बाये मौर्या होटल की और मुड़े सामने देखते हैं बीच सड़क पर एक गांड़ी खड़ी है और एक लड़की को जबरन सड़क पर से उठा कर गांड़ी में बिठा रहा है तब तक मैं वहां पहुंच गया लड़की को तो बचा लिये लेकिन मेरे साथ जो हुआ उसकी कई बार चर्चा कर चुके हैं ।

लड़की को उठाने वालों में एक जंगलराज में चर्चित साले का साला था एक उस समय के जदयू के कद्दावर नेता और मंत्री के साढ़ू का बेटा था और तीसरा एक पुलिस अधिकारी का बेटा था इस घटना की चर्चा मेैं इसलिए कर रहा हूं कि लड़कियों के लेकर जंगलराज हो या फिर कानून की राज वाली सरकार हो लड़कियों को लेकर अपराधी प्रवृति वाले लोगों के नजरिया में कोई फर्क नहीं आया जैसे पहले होता था वैसे उस समय भी हो रहा था।

आज भी बिहार में अक्सर खबर आती है कि बेटी को छेड़खानी से रोकने पर बाप को गोली मार दिया भाई को पीट पीट कर अधमरा कर दिया मतलब आज भी राजधानी पटना में बेटी ,बहन और पत्नी को लेकर चलना सुरक्षित नहीं है कब कहां कोई छींटाकशी कर दे, छेड़छाड़ कर दे कहना मुश्किल है यह प्रवृति लड़कियों को लेकर सिर्फ शहर में ही नहीं है ,गांव में भी यही स्थिति है इस तरह की खबरे गांव से भी आती रहती है ।

आज भी किसी की बेटी और बहन घर से बाहर निकलती है तो जब तक वो वापस नहीं लौटती है पूरा परिवार तनाव में रहता है ।इसी तरह की एक घटना राजधानी पटना से सटे मनेर से आ रही है जहां ब्यापुर राजकीय मध्यविधालय में पढ़ने वाली छात्रा और शिक्षिका स्कूल आना बंद कर दी है ।

वजह आये दिन स्कूल जाने के दौरान आसपास के अपराधिक प्रवृति के लड़के स्कूल की छात्रा और शिक्षिका के साथ छेड़छाड़ करता रहता है स्कूल के प्राचार्य राज कुमार ने विभाग और थाने को लिख कर शिकायत किया है फिर भी कारवाई तो दूर अब ये गुंडे प्राचार्य को ही जान से मारने की धमकी दे रहा है जबकि इस स्कूल में 690 छात्राएं और 9शिक्षिकाएं है कार्यरत है फिर भी जब लड़कियां स्कूल के लिए निकलती है आस पास के लड़के सरेआम छेड़खानी करता है और शिक्षिका द्वारा आपत्ति करने पर शिक्षिका के साथ गाली गलौज और छेड़छाड़ करने से भी परहेज नहीं करता है ।

इस मानसिकता को क्या कहा कहेंगे, ये कोई सिर्फ मनेर की ही घटना नहीं है इस तरह की घटनाएं सरेआम बिहार के स्कूलों में होता रहता है ।हमें लगता है वक्त आ गया है समाज और कानून के रखवाले एक साथ मिल बैठ कर इसका समाधान निकाले ।नहीं तो फिर मुश्किले बढ़ेगी क्यों कि लड़किया भी अब फाइट करने लगी है ऐसे में बड़ी घटना घट सकती है ।

संभार –संतोष सिंह के वाल से

हाईकोर्ट से सरकार को फिर लगा झटका सृजन मामले में बैक से वसूली पर लगाया रोक

पटना हाई कोर्ट ने सृजन घोटाला से जुड़े मामले में सर्टिफिकेट केस के जरिये पैसे की वसूली की कार्यवाही पर यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया है। जस्टिस मोहित कुमार शाह ने बैंक ऑफ बरोडा की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया।

सृजन घोटाला में कथित तौर पर संलिप्त भागलपुर शाखा के बैंक ऑफ बड़ौदा के तत्कालीन शाखा प्रबंधक से राज्य सरकार की 189 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि को सर्टिफिकेट केस चला कर वसूली करने की कार्यवाही शुरू की थी। पर फिलहाल यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश देते हुए जिला प्रशासन को हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है।

याचिकाकर्ता बैंक के वरीय अधिवक्ता पी के शाही ने बताया कि सृजन घोटाले में जो पैसा है, जिला प्रशासन ने पैसा बसूली के लिए सर्टिफिकेट केस किया है। इसमें बैंक का कहना है कि ये सर्टिफिकेट केस नहीं हो सकता है, क्योंकि कानून में लोक मांग नहीं है। अभी सृजन घोटाले का मुकदमा चल रहा है, कोई फैसला नहीं हुआ है, इसलिए बैंक से पैसा वसूला नहीं किया जा सकता है।श्री शाही ने सुनवाई के दौरान सर्टिफिकेट ऑफिसर के क्षेत्राधिकार पर भी सवाल उठाया।

राज्य सरकार का पक्ष रखते हुए सरकारी अधिवक्ता प्रशांत प्रताप ने नीलाम वाद के आदेश के विरुद्ध अपील दायर किये बगैर ही सीधे हाई कोर्ट में मामला दायर करने पर आपत्ति जताई।

वायरल बुखार ने बिहार के बच्चों की बढ़ाई परेशानी 3हजार से अधिक बच्चे भर्ती है अस्पताल में

कोरोना के तीसरी लहर की आशंका के बीच बिहार में वायरल बुखार ने पूरी सरकार की नींद हराम कर दी है अभी तक जो सूचनायें आ रही उसके अनुसार पीएमसीएच ,आईजीएमएस और एम्स पटना में कोरोना के सम्भावित खतरे को देखते हुए बच्चों के लिए जीतने भी बेड लगाये गये थे वो सारे फुल हो चुके हैं यही स्थिति SKMCH मुजफ्फरपुर और डीएमसीएच दरभंगा का है अभी तक सरकारी अस्पतालओं की ही बात करे तो 3000 हजार से अधिक बच्चों का राज्य के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है ।

एनएमसीएच के शिशु रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. गोपाल शंकर साहनी ने बताया कि वायरल बरोंकोलिस्ट बीमारी में श्वांस नली में सूजन हो जाता है। यह स्थिति जुकाम से शुरू होती है। सांस नली में सूजन होने से सांस फूलना, खांसी और सांस लेने में तकलीफ होती है। यह एक सप्ताह से एक महीने तक रह सकता है। अगर सही से और समय पर इलाज नहीं हुआ तो यह गंभीर रूप ले लेता है अभी तक पांच सौ से अधिक बच्चे भर्ती हो चुके हैं सभी में इसी तरह के लक्षण पाये गये हैं आज सिविल सर्जन डॉ. विनय शर्मा के नेतृत्व ने एक टीम SKMCH में निरीक्षण करने पहुंची। टीम में पटना के भी स्वास्थ्य विभाग के एक वरीय अधिकारी हैं। SKMCH अधीक्षक डॉ. बीएस झा के साथ बैठक हुई। इसके बाद पीकू वार्ड निरीक्षण किया। सिविल सर्जन ने अधीक्षक से पूरी रिपोर्ट मांगी है। कहा है जिस इलाके के बच्चे अधिक प्रभावित होंगे। वहां पर विशेष निगरानी की जाएगी और जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा।

एम्स के शिशुरोग विशेषज्ञ डां लोकेस तिवारी की माने तो अभी तक अधिकांश बच्चों में वायरल बुखार के ही लक्षण देखने को मिल रहा है फिर भी सतर्क रहने कि जरुरत है क्यों कि कोरोना में भी कुछ ऐसा ही लक्षण मरीजों में देखा जाता है हलाकि अभी तक एम्स में एक बच्चे में कोरोना पाँजिटिभ पाया गया है और दो बच्चों में पोस्ट कोरोना के लक्षण दिखे गये हैं ।

हाईकोर्ट से सरकार को बड़ा झटका ,राज्यपाल कोटे से मनोनयन मामले में कोर्ट कर सकती है सुनवाई

पटना हाईकोर्ट ने राज्य में राज्यपाल कोटा से मनोनीत किये गए 12 विधान पार्षदों के मनोनयन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि कोर्ट इन मामलों की सुनवाई कर सकता हैं। वरीय अधिवक्ता वसंत चौधरी की याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की।

कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि मनोनीत किये गए ये विधान पार्षद को राजनीतिज्ञों को समाजसेवी माना जाए या नहीं,इस मामले पर विचार करने की जरूरत नहीं। याचिकाकर्ता अधिवक्ता वसंत चौधरी का कहना था कि इस तरह के मामले में भारत का संविधान के प्रावधानों के तहत साहित्य, कलाकार, वैज्ञानिक, सामाजिक कार्यकर्ता व सहकारिता आंदोलन से जुड़े हुए विशिष्ट लोगों के मनोनयन हो सकता है।

जिन बारह लोगों का विधान पार्षद के रूप में मनोनयन किया गया है ,वे बहुमत बढ़ाने और जो लोग विधान सभा में चुन कर नहीं आ सके हैं, उन्हें विधान परिषद में इस तरह से लाया गया है। यह संविधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है।
उन्होंने कोर्ट को बताया कि इनमें कोई भी न तो सामाजिक कार्यकर्ता है, न ही साहित्य से जुड़ा व्यक्ति या न ही कोई वैज्ञानिक उपलब्धियां हैं। उन्होंने दलील देते हुए कहा था कि एक सामाजिक कार्यकर्ता को काम का अनुभव, व्यवहारिक ज्ञान और विशिष्ट होना चाहिए।लेकिन इन सब बातों पर गौर नहीं किया गया है।

श्री चौधरी ने कोर्ट को बताया कि इनमें कोई पार्टी का अधिकारी है ,तो कोई कहीं का अध्यक्ष। पिछ्ली सुनवाई मे कोर्ट ने राज्य सरकार के महाधिवक्ता से पूछा कि क्या मनोनीत किये गए एम एल सी में राज्य के मंत्री पद पर है क्या।

विधान पार्षद के रूप में अशोक चौधरी, जनक राम, उपेंद्र कुशवाहा, डॉ राम वचन राय, संजय कुमार सिंह, ललन कुमार सर्राफ, डॉ राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता, संजय सिंह, देवेश कुमार, प्रमोद कुमार, घनश्याम ठाकुर और निवेदिता सिंह को राज्यपाल के कोटे से मनोनयन किया गया।
अब इस मामले पर अगली सुनवाई 13 सितंबर को की जाएगी।

सृजन घोटाले मामले में हुआ बड़ा खुलासा, कई आईएएस अधिकारियों का हस्ताक्षर पाया गया सही

सृजन घोटाले मामले में हुआ बड़ा खुलासा
कई आईएएस अधिकारियों का हस्ताक्षर पाया गया सही
फोरेंसिक रिपोर्ट ने भागलपुर के तत्तकालीन डीएम के दावे को किया खारिज
फर्जी हस्ताक्षर के दावे को किया खारिज
कई आईएएस अधिकारियों का हस्ताक्षर पाया गया सही
ऐसे आईएएस अधिकारियों पर कारवाई तय

सृजन घोटाले मामले में पहली बार सीबीआई के शिकंजे में बड़ी मछली फंसी है ।जी है कल तक भागलपुर में तैनात आईएएस अधिकारी इस आधार पर बच रहे थे कि सृजन को जो भुगतान हुआ है उस चेक पर मेरा हस्ताक्षर नहीं है ।लेकिन फोरेंसिक जांच में ये बाते सामने आयी है कि भागलपुर में पदस्थापित कई डीएम के हस्ताक्षर और चेक पर दर्ज हस्ताक्षर एक है ।ऐसी स्थिति में सीबीआई कभी भी उक्त आईएएस अधिकारी को गिरफ्तार कर सकती हलाकि सीबीआई फिलहाल उक्त अधिकारी को पुछताछ के लिए बुलाना चाह रही है।

ऐसे अधिकारियों जिनका हस्ताक्षर चेक के हस्ताक्षर से मिल रहा वैसे अधिकारियों ने 28 करोड़ ,56 लाख और 27 लाख रुपये के चेक पर हस्ताक्षर किए हैं। देश की चार बड़ी फोरेंसिक लैबोरेटरीज में उनके हस्ताक्षर के नमूने की जांच कराई गई। जिसमें हस्ताक्षर सही पाया गया।

पंचायत चुनाव के दौरान मतदाताओं को प्रलोभन देने वाले प्रत्याशियों पर होगी कड़ी कारवाई

पंचायत आम निर्वाचन 2021 के दौरान मतदाताओं को लुभाने के मामले आयोग इस बार काफी सख्त है चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों द्वारा मतदाताओं को लुभाने के लिए राशि, कपड़ा, शराब जैसी सामग्री वितरण की संभावना को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने हर प्रखंड में उड़नदस्‍ता दल का गठन करने का निर्देश दिया है जिसकी मॉनिटरिंग एसपी और डीएम खुद करेंगे और उड़नदस्ता दल के नोडल अधिकारी के रूप में उपविकास आयुक्त और राज्य कर संयुक्त आयुक्त होगे। इसके साथ ही चरणवार दंडाधिकारी व पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है।

उड़नदस्ता दल का प्रमुख कार्य अपने क्षेत्र के अंतर्गत होने वाले गैर कानूनी गतिविधियों पर पैनी नजर रखना और उसे नियंत्रित करना है। गैरकानूनी गतिविधि यथा शराब वितरण, अवैध नगदी अथवा वस्तु जिससे मतदाता को पर प्रलोभित किया जा सके
उसके संबंध में सूचना प्राप्त होते ही पुलिस अधिकारी के साथ समन्वय स्थापित करते हुए अविलंब छापामारी करेंगे। साथ ही निर्वाचन नियमों के सुसंगत धाराओं के तहत आवश्यक कानूनी कार्रवाई करना सुनिश्चित करेंगे।उड़नदस्ता दल सभी शिकायत योग्य निर्वाचन एवं आदर्श आचार संहिता से संबंधित मामलों पर तुरंत कार्रवाई करेंगे तथा पंचनामा दस्तावेज आदि भी तैयार करेंगे। यदि नगदी, उपहार, वस्तु, शराब या मुफ्त में भोजन के वितरण, निर्वाचकों को धमकी देने या डराने के बारे में या हथियारों, गोला बारूद, असामाजिक तत्वों की आवाजाही के बारे में शिकायत प्राप्त हो और उडऩदस्ते का घटनास्थल पर तत्काल पहुंच जाना संभव नहीं हो तो सूचना नजदीक के स्टैटिक या स्थानीय थानाध्यक्ष को देना सुनिश्चित करेंगे। अवैध नगदी का आदान-प्रदान या शराब का वितरण या अन्य वस्तुएं जिसे वोटरों को प्रभावित किया जा सके का पता लगाएंगे एवं विधि सम्मत आवश्यक कार्रवाई ससमय करना सुनिश्चित करेंगे।

राज्यपाल कोटा से मनोनयन को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर

हाल ही में राज्य में राज्यपाल कोटा से मनोनीत किये गए 12 एम एल सी के मनोनयन को चुनौती देने वाली याचिका पर पटना हाई कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। याचिका पटना हाई कोर्ट के वरीय अधिवक्ता बसंत कुमार चौधरी द्वारा दायर की गई है। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की।

इस मामले में याचिकाकर्ता का कहना था कि इस तरह के मामले में भारत का संविधान साहित्य, कलाकार, वैज्ञानिक, सामाजिक कार्यकर्ता व कॉपरेटिव मूवमेंट से जुड़े हुए जैसे खास तरह के लोगों को मनोनीत करने की अनुमति देता हैं।

जिन 12 लोगों को एम एल सी मनोनीत किया गया है, वह बहुमत बढ़ाने और जो लोग एम एल ए नहीं चुन कर नहीं आये हैं, उन्हें एडजस्ट करने के लिए मनोनीत किया गया है ,जो संविधान के विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन है।
याचिकाकर्ता का आगे कहना था कि इनमें कोई भी न तो सामाजिक कार्यकर्ता है और न ही साहित्य से जुड़ा व्यक्ति या फिर वैज्ञानिक और कलाकार। उनका कहना था कि एक सामाजिक कार्यकर्ता को काम का अनुभव, व्यवहारिक ज्ञान और एक्सपर्टीज होना चाहिए।
इन सब चीजों को नहीं देखा गया है।

खण्डपीठ ने राज्य सरकार के महाधिवक्ता से पूछा कि क्या मनोनीत किये गए एम एल सी में राज्य के मंत्री भी है ? उल्लेखनीय है कि राज्यपाल कोटे से अशोक चौधरी, जनक राम, उपेंद्र कुशवाहा, डॉ राम वचन राय, संजय कुमार सिंह, ललन कुमार सर्राफ, डॉ राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता, संजय सिंह, देवेश कुमार, प्रमोद कुमार, घनश्याम ठाकुर और निवेदिता सिंह को एम एल सी मनोनीत किया गया था। इस मामले पर कल भी सुनवाई जारी रहेगी।

लड़के और लड़कियों के बीच रिश्तों को लेकर नये तरीके से सोचने कि जरुरत है

बात कोई तीन माह पूरानी है शाम के समय मैं और रंजू आपस में कुछ बात कर रहे थे उसी दौरान रंजू के मोबाइल पर फोन आया बातचीत से समझ में आ रहा था कि रंजू के कोई भाई साहब का फोन है बात चल ही रही थी कि रंजू कहती हैं लीजिए ना भैया यही सामने हैं मेहमान ।

प्रणाम पाती के बाद बात शुरु हुई तो पता चला पटना में कोई लड़की इनके बेटा पर शादी की नियत से बहला फुसला कर रेप करने का आरोप लगाते हुए केस किया है लड़का भारतीय सेना में है और छह माह पहले बहन के घर शादी में गया था वही उस लड़की से दोस्ती हो गयी फिर दोनों पटना के किसी होटल में दो तीन बार रुका भी है ।बातचीत चल ही रहा था कि उन्होंने कहा कि लीजिए ना रोशन पास ही में है,रोशन वे से मेरा सीधा सवाल था होटल में उसके साथ शारीरिक सम्बन्ध भी बनाये थे जी फूफा जी लड़की फंसा करके ऐसा करवाई, अच्छा तुम बच्चा थे खैर शादी कर लो और तुम्हारे पास कोई विकल्प नहीं है।

खैर एक माह पहले ससुराल गये तो लड़का और उसके पिता जी मिलने आये और कहां मेहमान सब कुछ ठीक हो गया दोनों की शादी तय कर दिये हैं ।ये कोई एक मामला नहीं है रोजाना इस तरह के मामले हमलोगों के बीच आते रहता है कल सीएम के जनता दरबार में भी इस तरह के एक दर्जन से अधिक मामले आये जिसमें डीएसपी से लेकर दोरागा तक पर लड़कियों ने ये आरोप लगाया कि शादी का भरोसा दिला कर शारीरिक सम्बन्ध बनाया और अब शादी करने से इनकार कर रहा है।

इसी तरह का एक मामला सीएम के सामने आया जिसमें लां की छात्रा ने नीतीश कुमार के सामने आपबीती सुनाते हुए कहा कि वह 5 महीनों से इंसाफ के लिए दर-दर भटक रही है, लेकिन शिकायत सुनने के बावजूद आरोपी DSP अमन कुमार के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।जब इसकी शिकायत आपके डीजीपी से किये तो डीजीपी कहते हैं लड़कियां पहले अपनी अदाओं से लड़कों को फंसाती हैं, फिर उनके ऊपर आरोप लगाती हैं।

हलाकि डीजीपी का इस तरह से जबाव देना कोई अचरज की बात नहीं है सवाल मानसिकता का है भले ही लड़कियां सभी फिल्ड में आगे बढ़ रही है लेकिन लड़कियों को लेकर समाज का नजरिया अभी भी नहीं बदला है, फिर जिस तरीके से नौकरी और पढ़ाई के लिए लड़कियां घर से बाहर निकल रही है ऐसे में इस तरह के रिश्ते की गुंजाइश हजार गुना बढ़ गयी है।

क्यों कि आज के तारीख में भी कामकाजी महिला हो या फिर लड़कियां घर से बाहर वो अकेली रह रही है तकनीक का जवाना है हर किसी के हाथ में एंड्रॉयड फोन है जिस वजह से आपस में सम्पर्क करने में कोई अरचन भी नहीं है ।वही परिवेश का तानाबान आज भी ऐसा है कि बाहर रहने वाली लड़कियों को हमेशा एक पुरुष साथी की जरुरत महसूस होती रहती है और यही समस्या की वजह है ।

सरकारी नौकरियों में सरकार ने 50 प्रतिशत महिलाओं को आरक्षण दे रही है लेकिन थाने लेकर डीजीपी के आंफिस तक स्कूल से लेकर शिक्षा विभाग के दफ्तर तक कही भी महिलाओं के लिए सही से एक वासरुम भी उपलब्ध नहीं है।

दरोगा से लेकर सिपाही तक में महिलाओं की संख्या हर थाने में लगभग आधी हो गयी है लेकिन आज भी उसके रहने कि व्यवस्था सही नहीं है ।एक बार मुझे सासाराम पुलिस लाइन जाने का मौका मिला देखते हैं एक बेड पर एक महिला दो बच्चों को लेकर किसी तरह से सोई है पता चला यह महिला महिला पुलिस की सास है रात में सास पुतहू और दोनों बच्चे को लेकर बारी बारी से सोती है ये किसी एक जिले का हाल नहीं है बिहार के अधिकांश जिलों का यही हाल है ऐसे में सहयोगी पुलिसकर्मियों से रिश्ता बनना स्वभाविक है लेकिन इसको लेकर ना तो परिवार ना ही समाज और ना ही सिस्टम तैयार है ।

ऐसे में फिलहाल इस समस्या को कोई हल निकलता दिख नहीं रहा है इस स्थिति में लड़कियों को इस तरह के रिश्ते को लेकर नये तरीके से सोचने कि जरुरत है क्यों कि आये दिन लड़के और लड़कियों के बीच रिश्तों को लेकर जो कानून बन रहे हैं या फिर सुप्रीम कोर्ट का समय समय पर जो जजमेंट आ रहा है उसमें अब लड़कियों को पहले जैसी कानूनी सुरक्षा प्राप्त नहीं है । वही समाज में भी पहले जैसी ताकत नहीं है वो अपने तरीके से इन चीजों को अभी भी देख रहाी है ऐसे में फिलहाल इस तरह की समस्याओं का क्या समाधान हो सकता है इस पर सोचने कि जरुरत है ।

पटना हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट समा सिन्हा का कहना है कि आर्थिक समाजिक और मानसिक से रुप लड़कियों को मजबूत होने कि जरुरत है तभी आप स्वंतत्र निर्णय मजबूती के साथ ले सकते हैं ।वही लड़के और लड़कियों के रिश्तों को लेकर जो नये कानून बने हैं उस वजह से समाजिक सोच और कानूनी प्रावधानों के बीच दूरी बढ़ गयी है, ऐसे में आपको कानूनी प्रावधानों से पहले जैसे संरक्षण नहीं मिल सकता है, इस स्थिति में रिश्ते बनाने को लेकर नजरिया बदलने कि जरुरत है ।

वीर कुंवर सिंह के राजनीतिशास्त्र के प्रोफेसर लक्ष्मी कुमारी का मानना है कि महिला सशक्तिकरण को लेकर सरकार की और से जो पहल किया गया है उसका सकारात्मक असर आने वाले समय दिखेगा।

लेकिन फिलहाल सरकार को वर्किंग वुमन को लेकर सपोर्ट सिस्टम बनाने कि जरुरत है जैसे वर्किंग वुमन होस्टल हर जिला मुख्यालय में होनी चाहिए बच्चों के पढ़ाई के लिए बेहतर विकल्प होना चाहिए (क्रेच)
साथ ही स्वास्थ्य को लेकर बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए।इससे बहुत सारी समस्याओं का समाधान निकल सकता है साथ ही इस तरह के सुधार से सिस्टम और पुरुष मानसिकता के प्रभाव से महिलाएँ बाहर आ सकती है।

20 वर्षो से पब्लिक फिल्ड में लगातार काम कर रही मधुमिता का कहना है कि लड़कियों में शॉर्ट टर्म में कुछ पाने कि जो लालसा बढ़ रही है समस्या की एक बड़ी वजह यही है इससे बाहर निकलने कि जरुरत है साथ ही लड़कियां मानसिक रुप से मजबूत कैसे हो इस पर सोचने कि जरुरत है ।

संभार–संतोष सिंह के वाल से