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बिहार में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पटना की दीवारों पर BJP-RJD की लड़ाई

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर BJP-RJD के नारों से भरी राजधानी पटना की दिवार। जिससे चुनावी माहौल अभी से बनना तैयार हो गया है।

राजधानी पटना की सड़क के किनारे की दीवार पर तरह-तरह के नारे लिखे गए है। BJP द्वारा लिखवाए गए नारे के जवाब में RJD द्वारा भी नारे लिखवाए गए हैं।

पटना में आर ब्लॉक ब्रिज की दीवारों पर एक-दूसरे के बगल में ही भाजपा और राजद के नारे लिखे हुए हैं।

BJP-RJD poster

RJD के नारे

“मोदी सरकार से चाहिए छुटकारा, किसानों का है स्पष्ट इशारा”,

“मोदी सरकार से चाहिए छुटकारा, नौजवानों का है स्पष्ट इशारा”

“गरीबों का उपहास किया, मोदी सरकार ने जनता को निरासग किया”,

” बहुत हो चुकी महंगाई की मार, अबकी बार बदलेगी मोदी सरकार”

BJP के नारे

“घमंडीया गठबंधन, ना नीति, ना नियत, ना नेता”,

परिवारवाद से बनाना दूरी है, फिर एक बार मोदी जरुरी है”,

“दिया ना शिक्षा, ना दिया रोजगार,

पलटू कुमार को कबतक सहेगा बिहार”,

“हर मोर्चे पर असफल,

राष्ट्रीय जनता दल” ,

“कभी आपका तो कभी हमारा यार है,

असली बेवफा तो नीतीश कुमार है”

Land for Job Scam: गृह मंत्रालय ने CBI को लालू यादव के खिलाफ केस चलाने की दी अनुमति

नई दिल्ली। मंगलवार को लैंड फॉर जॉब घोटाला (Land for Job Scam) मामले में गृह मंत्रालय ने लालू यादव के खिलाफ CBI को केस चलाने की अनुमति दे दी है। इसकी जानकारी सीबीआई ने इस बात की जानकार एवेन्यू कोर्ट को दी गई। दलीलों पर गौर करते हुए अदालत ने मामले को 21 सितंबर को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

विशेष लोक अभियोजक अधिवक्ता डीपी सिंह के माध्यम से सीबीआई ने विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल को सूचित किया कि लालू प्रसाद के खिलाफ मंजूरी गृह मंत्रालय से मिल गई है, लेकिन रेलवे के तीन पूर्व अधिकारियों के खिलाफ मंजूरी अभी तक नहीं मिली है। सीबीआई ने आगे कहा कि शेष मंजूरी एक सप्ताह के भीतर प्राप्त होने की उम्मीद है।

लालू यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहे थे। माना जा रहा है कि लालू के ऊपर रेलवे में नौकरी के बदले जमीन रजिस्ट्री कराने का मालला दर्ज था। इस मामले में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद की मुश्किलें बढ़ने वाली है।

Biharnews

इसके साथ ही इस मामले में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के खिलाफ सीबीआई की तरफ से दायर चार्जशीट पर सुनवाई एक बार फिर से टल गई है। दिल्ली का राउज एवेन्यू कोर्ट में अब 21 सितंबर को मामले की सुनवाई होगी।

हाल ही में CBI ने लैंड फॉर जॉब कथित घोटाला मामले में लालू प्रसाद समेत बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है।

CBI के अनुसार, तत्कालीन केंद्रीय रेल मंत्री, उनकी पत्नी, बेटे, पश्चिम मध्य रेलवे (डब्ल्यूसीआर) के तत्कालीन जीएम, डब्ल्यूसीआर के दो सीपीओ, निजी व्यक्तियों सहित 17 आरोपियों के खिलाफ नामित अदालत में यह दूसरा आरोपपत्र है। नौकरी के बदले जमीन घोटाले से संबंधित एक मामले में कंपनी भी शामिल है।

सनातन विवाद में कूदे RJD के बिहार अध्यक्ष जगदानंद सिंह कहा ‘टीका लगाकर घूमने वालों ने भारत को गुलाम बनाया’

सनातन धर्म को लेकर लालू प्रसाद यादव की पार्टी RJD के बिहार अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बयान पर विवाद हो गया है। जगदानंद सिंह ने कहा कि टीका लगाकर घूमने वालों ने भारत को गुलाम बनाया है। भारत जब गुलाम हुआ तो न कर्पूरी ठाकुर थे, न लालू प्रसाद थे, न राम मनोहर लोहिया थे। सिर टीका लगाकर घूमने वालों के कारण भारत गुलाम बना।

हालाँकि JDU ने जगदानंद सिंह के बयान से किनारा किया है । JDU नेता और बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बने जमा खान ने कहा कि जदयू और जदयू के नेता नीतीश कुमार सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि जगदानंद सिंह को इस तरह की टिप्पणी नहीं करनी चाहिए थी। देश में आपसी प्रेम और भाईचारा बना रहे यह हर किसी की जिम्मेवारी है।

जगदानंद सिंह ने RSS एवं BJP पर भी हमला बोला और कहा कि ये सिर्फ हिंदू मुसलमान करने में जुटे हैं, हिंदू- मुसलमान में भारत को बांटने से काम नहीं चलेगा। बना लो मंदिर और तोड़ तो मस्जिद, इससे भारत नहीं चलेगा। उन्होंने सनातन पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिसमें भेदभाव हो, लोगों को जाति के नाम पर बांटा जाए, वो धर्म नहीं होता है।

jagdanand_singh

इस बयान ने बिहार में सियासी घमासान मच गया। BJP इसका विरोध कर रही है। जगदानंद सिंह के बयान पर पटलवार करते हुए BJP प्रवक्ता अरविंद सिंह ने बताया कि भारत को वैसे टीकाधारी लोगों ने गुलाम बनाया था जो कुर्सी के लिए सत्ता के लिए, पद के लिए और राज के लिए अपना जमीर, जागीर और धर्म तक बेच दिया। उसी तरह से आज भी सावन में जानवरों का मांस पकाया और खाया जाता है सत्ता के लिए।

कुछ लोग मुख्यमंत्री बनने के लिए नकली बाइबिल और कुछ लोग प्रधानमंत्री बनने के लिए नकली जनेऊ धारण कर रहे हैं। ऐसे लोगों से देश को सावधान रहना होगा। पुत्र के लिए और सत्ता के लिए जो अपने धर्म का नहीं हो सका वह इस देश का क्या होगा। वह सबको बेच सकता है। और जो परवचन दे रहे हैं वह सबकुछ बेच चुके हैं।

‘बिहार में दुर्गा पूजा, छठ और दिवाली की छुट्टियां रद कर शरिया लागू किया जा सकता है’ – केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह

बिहार की नीतीश सरकार पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का बड़ा आरोप ‘कल संभव है कि बिहार में शरिया लागू कर दी जाये और हिंदू त्योहार मनाने पर रोक लग जाये’।

गिरिराज सिंह ने ये X किया है

दरअसल, बिहार सरकार के माध्यमिक शिक्षा निदेशक की ओर से मंगलवार को पत्र जारी किया गया है। इस पत्र में कहा गया है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत प्राथमिक विद्यालयों  में कम-से-कम 200 दिन और मध्य विद्यालयों  में कम से कम 220 दिन क्लास चलना चाहिये। लेकिन चुनाव, परीक्षा, विधि-व्यवस्था, त्योहार, अनुष्ठान संबंधी आयोजन, बाढ़, प्राकृतिक आपदाओं, विभिन्न प्रकार के आयोग की परीक्षाओं /भर्ती परीक्षाओं के कारण स्कूलों में पढाई प्रभावित हो जाती है। इसके अलावा त्योहारों और अनुष्ठानों के मौके पर स्कूलों बंद होने की प्रक्रिया में एकरूपता नहीं है।

ऐसे में शिक्षा  विभाग ने ये निर्णय लिया है कि सभी राजकीय / राजकीयकृत / प्रारंभिक और माध्यमिक/ उच्च माध्यमिक विद्यालयों में साल 2023 के बचे हुए दिनों के लिए एक समान अवकाश होगा।

शिक्षा विभाग के नये आदेश ने बिहार के सरकारी स्कूलों में इस साल की 15 दिनों की छुट्टियां रद्द की है। पहले से घोषित छुट्टी के मुताबिक 30 अगस्त से 31 दिसंबर तक सरकारी स्कूलों में 25 दिन की छुट्टी होनी थी। लेकिन शिक्षा विभाग ने इसमें से 15 दिनों की छुट्टी रद्द कर दी है।

रद्द छुट्टियां ये हैं…

  • रक्षाबंधन- 30 अगस्त
  • चेहल्लूम-6 सितंबर
  • श्रीकृष्ण जन्माष्टमी-07 सितंबर
  • हरितालिका तीज-18-19 सितंबर
  • अनंत चतुर्दशी/हजरत मो. साहब की जयंती-28 सितंबर
  • महात्मा गांधी जयंती-02 अक्टूबर
  • जीवित पुत्रिका व्रत(जीउतिया)-06 अक्टूबर
  • दुर्गा पूजा/श्री कृष्ण सिंह जयंती-19 से 24 अक्टूबर
  • दीपावली, चित्रगुप्त पूजा, भैया दूज, छठ पूजा-13 से 21 नवंबर
  • गुरूनानक जयंती, कार्तिक पूर्णिमा-27 नवंबर
  • क्रिसमस डे-25 दिसंबर

अहम बात ये है कि जन्माष्टमी जैसे पर्व पर केंद्र सरकार ने एनआई एक्ट के तहत छुट्टी घोषित कर रखी है। यानि सारे सरकारी दफ्तर से लेकर बैंक तक उस दिन बंद रहेंगे लेकिन बिहार के सरकारी स्कूलों को खोलने का आदेश दिया गया है। बिहार सरकार ने 21 अक्टूबर को दुर्गा पूजा के महासप्तमी की छुट्टी घोषित कर रखी है। लेकिन शिक्षा विभाग ने महासप्तमी को स्कूल खोलने का आदेश जारी कर दिया है। 

Bihar Transfer-Posting : बिहार में SDM सहित कई अधिकारियों का हुआ तबादला; 21 अनुमंडलों में नए SDO और 48 अधिकारियों तबादला, जानें कहां-कहां हुई ट्रांसफर-पोस्टिंग

पटना । रविवार को बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने व्यापक पैमाने पर ट्रांसफर-पोस्टिंग की । बिहार प्रशासनिक सेवा के चार दर्जन अफसरों के साथ IAS अफसर का भी स्थानांतरण आदेश जारी किया। तबादले किये अधिकारीयों में कई अनुमंडल पदाधिकारी और लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के साथ ही परिवहन एवं अन्य विभागों के अधिकारी शामिल है। इसमें कई अधिकारियों को नई जिम्मेवारी दी गई है तो कई कई अधिकारियों को साइडलाइन किया गया है।

बिहार सरकार ने 21 अनुमंडल में नए SDO की पोस्टिंग की है। बिहार प्रशासनिक सेवा के मूल कोटि और उप सचिव स्तर के अफसरों का ट्रांसफर किया गया है। कुल 48 अधिकारी इधर से उधर हुए हैं। 48 में से कुल 22 अधिकारियों को अनुमंडल पदाधिकारी के पद पर तैनाती की गई है। अनीता सिंह को अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी जहानाबाद बनाया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इसकी अधिसूचना रविवार को जारी की है।

Bihar Transfer-Posting : जानें कहां-कहां हुई ट्रांसफर-पोस्टिंग

  • समाज कल्याण विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी इंद्रवीर कुमार को सुपौल सदर का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।
  • पटना निवासी पश्चिमी चंपारण के जिला भू अर्जन पदाधिकारी नीरज कुमार को सुपौल में वीरपुर का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।  
  • बक्सर निवासी सारण में मढ़ौरा के अपर अनुमंडल पदाधिकारी नलिन प्रताप राणा को पूर्वी चंपारण के पकड़ी दयाल का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।
  • मुख्यमंत्री सचिवालय के विशेष कार्य पदाधिकारी कुमार ओमकेश्वर को नालंदा में राजगीर का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।
  • भागलपुर निवासी बक्सर के जिला पंचायत राज पदाधिकारी उमेश कुमार भारती को दरभंगा में बिरौल का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।
  • जहानाबाद निवासी नालंदा के वरीय उप समाहर्ता आशुतोष रंजन को रोहतास में सासाराम सदर का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।
  • मधेपुरा निवासी बेगूसराय के वरीय उप समाहर्ता संजीत कुमार को भोजपुर के जगदीशपुर का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।
  • औरंगाबाद निवासी जहानाबाद की अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी श्रेया कश्यप को भोजपुर जिला के पीरो का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।
Police transfer
  • मुख्यमंत्री सचिवालय के विशेष कार्य पदाधिकारी किसलय श्रीवास्तव को गया सदर का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।
  • पटना निवासी कैमूर के अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी सुजीत कुमार को गया में टेकारी का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।
  • रोहतास निवासी जमुई के अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी अनुग्रह नारायण सिंह को गया में शेरघाटी का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।
  • रोहतास निवासी हाजीपुर की अपर अनुमंडल पदाधिकारी डॉक्टर प्रेरणा सिंह को सारण मढ़ौरा का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।
  • भागलपुर निवासी सोनपुर के अनुमंडल पदाधिकारी सुनील कुमार को सीवान में सीवान सदर का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।
  • गया निवासी शेखपुरा के वरीय उपसमाहर्ता अमित कुमार को मुजफ्फरपुर के मुजफ्फरपुर पूर्वी का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।
  • मुख्यमंत्री सचिवालय के विशेष कार्य पदाधिकारी सूर्य प्रकाश गुप्ता को पश्चिम चंपारण के नरकटियागंज का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।
  • मुजफ्फरपुर निवासी सिवान सदर के अनुमंडल पदाधिकारी रामबाबू बैठा को वैशाली में हाजीपुर सदर का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।
  • पूर्णिया निवासी कटिहार की जिला पंचायत राज पदाधिकारी रोजी कुमारी को अररिया में फारबिसगंज का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।
  • सीवान निवासी सीतामढ़ी के पुपरी अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी अरुण कुमार को पूर्वी चंपारण में अरेराज का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।
  •  नवादा निवासी भोजपुर के जगदीशपुर की अनुमंडल पदाधिकारी सीमा कुमारी को शिवहर का जिला पंचायत राज पदाधिकारी बनाया गया है।
  • बक्सर निवासी भोजपुर में पीरो के अनुमंडल पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार को पश्चिम चंपारण का जिला भू अर्जन पदाधिकारी बनाया गया है।
  • समस्तीपुर निवासी अररिया के वरीय उपसमाहर्ता विजय कुमार को कैमूर में भभुआ अनुमंडल पदाधिकारी के रूप में नियुक्ति मिली है।
  • आपदा प्रबंधन विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी अविनाश कुमार को जहानाबाद सदर का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।
  • कटिहार निवासी शिवहर के वरीय उपसमाहर्ता अशोक कुमार मंडल को भागलपुर में कहलगांव का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।
  • पटना निवासी नालंदा के राजगढ़ की अनुमंडल पदाधिकारी अनिता सिन्हा को जहानाबाद का अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी बनाया गया है।
  • पटना निवासी सासाराम के अनुमंडल पदाधिकारी मनोज कुमार को अररिया का जिला परिवहन पदाधिकारी बनाया गया है।
  • पटना निवासी भभुआ अनुमंडल पदाधिकारी साकेत कुमार को सीतामढ़ी में पुपरी का अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी बनाया गया है।
  • भागलपुर निवासी सारण के जिला भू अर्जन पदाधिकारी नवनील कुमार को अररिया सदर का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।
  • पश्चिमी चंपारण निवासी मुजफ्फरपुर पूर्वी के अनुमंडल पदाधिकारी ज्ञान प्रकाश को जिला पंचायत राज पदाधिकारी बक्सर के रूप में नियुक्ति मिली है।
  • सीवान निवासी पश्चिमी चंपारण के नरकटियागंज अनुमंडल पदाधिकारी धनंजय कुमार को अररिया का जिला पंचायत राज पदाधिकारी बनाया गया है।
  • नालंदा निवासी पूर्वी चंपारण के अरेराज अनुमंडल पदाधिकारी संजीव कुमार को सहरसा का जिला पंचायत राज पदाधिकारी बनाया गया है।
  • रोहतास निवासी गया सदर के अनुमंडल पदाधिकारी राजेश कुमार को सारण का जिला भू अर्जन पदाधिकारी बनाया गया है।
  • पटना निवासी गया के टेकारी की अनुमंडल पदाधिकारी करिश्मा को कैमूर का अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी बनाया गया है।
  • मधुबनी निवासी गया के शेरघाटी अनुमंडल पदाधिकारी अनिल कुमार रमण को जमुई का अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी बनाया गया है।
  • अरवल निवासी जहानाबाद सदर के अनुमंडल पदाधिकारी मनोज कुमार को किशनगंज का अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी बनाया गया है।
  • बक्सर निवासी सारण मढ़ौरा के अनुमंडल पदाधिकारी योगेंद्र कुमार को कटिहार जिला पंचायत राज पदाधिकारी बनाया गया है।
  • रोहतास निवासी पूर्वी चंपारण के पकड़ी दयाल अनुमंडल पदाधिकारी कुमार रविंद्र को पश्चिम चंपारण का जिला आपूर्ति पदाधिकारी बनाया गया है।
  • सहरसा निवासी वैशाली के हाजीपुर अनुमंडल पदाधिकारी अरुण कुमार को किशनगंज का जिला परिवहन पदाधिकारी बनाया गया है।
  • सीतामढ़ी निवासी दरभंगा के बिरौल अनुमंडल पदाधिकारी संजीव कुमार कापर को समस्तीपुर का जिला भू अर्जन पदाधिकारी बनाया गया है।

तेजस्वी यादव ने बिहार में एक्सप्रेसवे की मांग को लेकर की नितिन गडकरी से मुलाकात; बिहार में एक्सप्रेसवे की मांग की

नई दिल्ली । बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने गुरुवार को दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से बिहार के कई परियोजनाओं को लेकर मुलाकात की। तेजस्वी यादव ने कहा कि नितिन गडकरी से बहुत सकरात्मक बातचीत हुई है। नितिन गडकरी एक सकरात्मक व्यक्ति है और वो विकास को लेकर बहुत सकरात्मक रहते हैं।

दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे तक बातचीत हुई। बातचीत के दौरन डिप्टी सीएम तेजस्वी ने केंद्रीय मंत्री से बिहार में एक्सप्रेसवे नहीं होने पर बात की। मुलाकात के दौरान तेजस्वी ने बिहार में परिवहन के विकास से जुड़ी कई मांगें रखीं।

बैठक में बक्सर से भागलपुर तक एक्सप्रेसवे, गंगा पर जेपी सेतु के समानांतर पुल, पटना से कोइलवर और अनीसाबाद से दीदारगंज के बीच एलिवेटेड कॉरिडोर के निर्माण की मांग की गई. इसके अलावा केंद्र की लंबे अरसे से लंबित परियोजनाओं जैसे पटना-गया, हाजीपुर-छपरा, महेशखूंट-सहरसा-पूर्णिया एनएच, मुजफ्फरपुर बाईपास को शीघ्र पूर्ण कराने पर भी विमर्श हुआ।

मुलाकात के बाद तेजस्वी ने कहा कि नितिन गडकरी ने अपनी विशेष गाड़ी ‘हाइड्रोजन कार’ आजमाने के लिए कहा और इससे वो अपने आवास चल रहे हैं। यह कार इसलिए भी अहम है क्योंकि इस कार की अभी देश में टेस्टिंग चल रही है। यह कार सिर्फ नितिन गडकरी के पास है जो इस कार में सफर करते हैं।

Bihar Teacher Exam 2023 : बिहार में आज से सबसे बड़ी शिक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन; 1.70 लाख पदों के लिए 8.10 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है, जाने परीक्षा के नियम और निर्देश

Bihar Teacher Exam 2023 : बिहार में बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा सबसे बड़ी शिक्षक नियुक्ति परीक्षा 24 से 26 अगस्त तक दो पालियों में आयोजित की जा रही है। 1.70 लाख पदों के लिए 8.10 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन दिया है। पटना में 40 सेंटर तो सूबे में 876 सेंटर पर इस परीक्षा का आयोजन हो रहा है।

बिहार के जिला और पुलिस प्रशासन को परीक्षा को कदाचार मुक्त कराने का निर्देश दिया है। सभी केन्द्रों पर धारा 144 लागू रहेगा। हर केन्द्र पर पर्यवेक्षक रहेंगे। परीक्षा केन्द्र के 100 गज के अंदर किसी को रहने की इजाजत नहीं दी जाएगी। परीक्षा को लेकर अफवाह फैलाने वालों पर विशेष नजर रखी जाएगी। खासकर फर्जी प्रश्न पत्र वायरल करने वाले गैंग पर प्रशासन की विशेष नजर होगी।

कोई भी बिना अनुमति के परीक्षा केन्द्र से बाहर नहीं निकल सकते । परीक्षा में प्रश्न पत्र सीधे परीक्षा हॉल में भेजा जाएगा और अभ्यर्थियों के समक्ष खोला जाएगा। परीक्षा समाप्ति के बाद OMR सीट सील होगी। पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग होगी। इसबार आयोग ने OMR बॉक्स को सील करने के लिए एक जैकेट तैयार किया है।

Bihar Teacher Exam 2023 : जाने परीक्षा के नियम और निर्देश

  • अभ्यर्थियों को परीक्षा केन्द्रों पर प्रथम पाली 0730 बजे पूर्वाह्न एवं द्वितीय पाली 0100 बजे अपराह्न से प्रवेश दिया जायेगा। परीक्षा केन्द्र पर ढाई घंटे पहले अभ्यर्थियों को पहुंचना होगा। जांच-पड़ताल के बाद एक घंटे पहले परीक्षा कक्ष में प्रवेश दिया जाएगा। पेपर शुरू होने से एक घंटा पहले गेट बंद कर दिए जाएंगे।
  • परीक्षा में बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज होगी। आंख की पुतली का मिलान करने के साथ एडमिड कार्ड का भी मिलान किया जाएगा। अभ्यर्थियों को परीक्षा केन्द्र पर ढाई घंटे पहले पहुंचना होगा। एक घंटे पहले परीक्षा कक्ष में प्रवेश दिया जाएगा।
  • सभी अभ्यर्थियों के लिए हर शिफ्ट में ई एडमिट कार्ड की एक एक्स्ट्रा कॉपी अपने साथ परीक्षा केंद्र ले जाना अनिवार्य होगा। परीक्षा के दौरान वीक्षक के सामने हस्ताक्षर कर उन्हें देना होगा।
  • परीक्षा केन्द्र पर छात्रों को सिर्फ ब्लैक, ब्लू बॉल पेन और व्हाइट बॉल पेन के साथ प्रवेश मिलेगा। हर तरह के इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट पर रोक होगी।
  • परीक्षार्थी अपने ऑनलाईन आवेदन में भरे गये मूल फोटो पहचान पत्र साथ में रखना सुनिश्चित करेंगे।
  • इस परीक्षा में वस्तुनिष्ठ प्रकृति होगी। परीक्षार्थियों को मार्कर परीक्षा कक्ष में ले जाना वर्जित है।
  • परीक्षा समाप्ति के बाद भी अभ्यर्थी बिना वीक्षक की अनुमति के बाहर नहीं निकल सकते।

Bihar Teacher Exam 2023

परीक्षा केंद्र सभी 38 जिलों में बनाए गए हैं। तीन दिन तक चलने वाली परीक्षा को देखते हुए सभी जिला मुख्यालयों के होटल और लॉज की बुकिंग अभ्यर्थियों ने पहले ही करा ली है। होटल में कमरे फुल हो चुके हैं। अभ्यर्थी सगे- संबंधियों और जाननेवालों के यहां भी पहुंच रहे हैं।

पटना हाईकोर्ट ने बिहार में जाति सर्वेक्षण के दौरान ट्रांसजेंडरओं को जाति की सूची में रखने के खिलाफ दायर हुई जनहित याचिका को निष्पादित करते हुए यह कहा है कि ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्यों को भूल वश ही जाति की सूची में दर्ज किया गया है

पटना हाईकोर्ट ने राज्य में जाति सर्वेक्षण के दौरान ट्रांसजेंडरओं को जाति की सूची में रखने के खिलाफ दायर हुई जनहित याचिका को निष्पादित करते हुए यह कहा है कि ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्यों को भूल वश ही जाति की सूची में दर्ज किया गया है। उन्हे इस सर्वेक्षण में एक जाति विशेष ना मानते हुए एक अलग ग्रुप माना जाए जिनकी अपनी एक निश्चित पहचान है।

चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने रेशमा प्रसाद की जनहित याचिका पर सुनवाई की।इन्ही ग्रुप के सदस्यों की सामाजिक आर्थिक और शैक्षणिक हालात से जुड़े जो आंकड़े जुटाए गए, वही तय करेंगे कि ट्रांस जेंडर के सामाजिक उत्थान के लिए उन्हे कल्याणकारी योजनाओं की कितनी ज़रूरत है ।

याचिकाकर्ता जो स्वयं एक ट्रांसजेंडर समुदाय से है, उसने हाई कोर्ट से अनुरोध किया कि जाति सर्वेक्षण के आंकड़े जुटाना में एन्यूमैरेटरों को जो फार्म दिया गया है, उस फॉर्म में ट्रांसजेंडर को जाति की सूची में उल्लेखित किया गया है।

Patnahighcourt

ये ट्रांसजेंडरों के अलग अस्तित्व एवं पहचान होने के मौलिक अधिकार का हनन है।राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि 24 अप्रैल,2023 को ही सभी जिला अधिकारियों को यह सूचित किया गया कि वह ट्रांसजेंडररो का जेंडर तय करने के लिए महिला पुरुष के साथ एक तीसरा विकल्प (बॉक्स )भी रखे,जो “अन्य” के नाम से जाना जाएगा ।

ट्रांसजेंडर इसी तीसरे विकल्प को भरेंगे।साथ ही वे जिस जाति से होंगे, वो जाति का उल्लेख करेंगे।

हाई कोर्ट ने कहा कि चूंकि जाति सर्वेक्षण पूरा हो चुका है, इसलिए जनहित याचिकाकर्ता को या उसके ट्रांसजेंडर समुदाय के किसी भी सदस्यों को यह छूट दिया कोर्ट ने कि वह अपने जेंडर को तीसरे विकल्प में और अपनी जाति, जिसमें वह आते हैं।उसे जाति का विकल्प चुनने के लिए राज्य सरकार को अलग से अर्ज़ी दे सकते है।

बिहार में झमाझम बारिश का दौर फिलहाल जारी रहेगा; मौसम विभाग ने वर्षा, मेघ गर्जन और ठनका का अलर्ट किया जारी

मॉनसून की सक्रियता से बिहार में पिछले कुछ दिनों से झमाझम बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने शनिवार 12 अगस्त को भी उत्तर बिहार में कुछ जगहों पर भारी बरसात की चेतावनी जारी की है।

सावन में बिहार के लोगों ने उमस भरी गर्मी झेला है। बारिश के बाद एक बार फिर उमस भरी गर्मी से सभी परेशान हुए। लोग लंबे समय से यहां झमाझम वर्षा का इंतजार कर रहे थे। इसके बाद बारिश की गतिविधि बढ़ी है। 3 दिनों से बारिश हो रही है ।

बिहार में बारिश को लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है। वर्षा, मेघ गर्जन और ठनका की चेतावनी है। राज्यभर में विभाग ने अलर्ट जारी किया है।

rainy-weather

मौसम विज्ञान केंद्र पटना के पूर्वानुमान के मुताबिक शनिवार को पश्चिम चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी और सुपौल जिले के कुछ इलाकों में अति भारी बारिश हो सकती है। इन जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी करते हुए लोगों से सावधान रहने के लिए कहा गया है। वहीं, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, शिवहर, सहरसा एवं पूर्णिया जिले में भी कहीं-कहीं भारी बारिश की आशंका है।

बिहार में झमाझम बारिश का दौर फिलहाल एक-दो दिन और चलेगा। 14 अगस्त के बाद मॉनसून संबंधी गतिविधियों में कमी आने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक शुक्रवार को बीते 24 घंटे के भीतर दरभंगा और मधुबनी जिले में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई। दरभंगा के हायाघाट में 89, घनश्यामपुर में 88 और मधुबनी के मधेपुर में 86 मिलमीटर पानी गिरा।

पश्चिम चंपारण समेत चार जिलों में अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट, तो मुजफ्फरपुर और पूर्णिया समेत पांच जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी हुआ है। इसके साथ ही उत्तर, उत्तर-पश्चिम और उत्तर-पूर्व बिहार सीमांचल में शनिवार को वज्रपात यानी ठनका गिरने की भी आशंका है।

SC ने बिहार के पूर्व सांसद आनंद मोहन की समयपूर्व रिहाई को चुनौती देने वाली पूर्व IAS अधिकारी जी. कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया की याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी

SC ने शुक्रवार को बिहार के पूर्व सांसद आनंद मोहन की समयपूर्व रिहाई को चुनौती देने वाली पूर्व IAS अधिकारी जी. कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया की याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और दीपांकर दत्ता की पीठ ने याचिका पर सुनवाई की तारीख 26 सितंबर तय करते हुए कहा, हम इसे सितंबर में किसी भी गैर-विविध दिन पर उठाएंगे।

बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पूर्व सांसद आनंद मोहन को मिली सजा में छूट के संबंध में मूल रिकॉर्ड अदालत के समक्ष पेश किया है।

शुक्रवार को शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया को मामले से संबंधित मूल फाइलों की प्रति प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार के समक्ष आवेदन करने को कहा।

AnandMohan in SC

सुनवाई के दौरान, बिहार सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार ने पीठ को अवगत कराया कि बिहार सरकार ने एक ही दिन में 97 दोषी व्यक्तियों की सजा में छूट पर विचार किया और उसने केवल गैंगस्टर से नेता बने आनंद मोहन सिंह को सजा में छूट नहीं दी। इस पर, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता ने कहा, क्या इन सभी 97 लोगों पर एक लोक सेवक की हत्या का आरोप लगाया गया था? उनका मामला यह है कि आनंद मोहन को रिहा करने के लिए नीति बदल दी गई।

जवाब में वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार ने कहा कि वह उन दोषियों को वर्गीकृत करते हुए एक विस्तृत प्रतिक्रिया दाखिल करेंगे, जिन्हें उनके अपराध के आधार पर छूट दी गई है । सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को 2 सप्ताह की अवधि के भीतर एक अतिरिक्त जवाबी हलफनामा दायर करने की अनुमति दी ।

इसने याचिकाकर्ता को प्रत्युत्तर हलफनामा, यदि कोई हो, दाखिल करने के लिए एक सप्ताह की अवधि भी दी। मारे गए नौकरशाह की विधवा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने उन्हें मामले से संबंधित आधिकारिक फाइलों की प्रति नहीं दी है।

Breaking News : बिहार में जातीय सर्वेक्षण को हरी झंडी देने के पटना हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई अब सुप्रीम कोर्ट में 14 अगस्त को

जस्टिस संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने पटना हाईकोर्ट द्वारा जातीय सर्वेक्षण के मामलें में 1 अगस्त, 2023 को दिये फैसले के खिलाफ गैर-सरकारी संगठन (NGO) ‘एक सोच एक प्रयास’ की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की।

वरिष्ठ वकील सीएस वैद्यनाथन ने यह कहते हुए मामले की सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध किया कि इसी मुद्दे पर सुनवाई वाली अन्य याचिकाएं सूचीबद्ध नहीं हैं। उन्होंने पीठ से मामले की सुनवाई 11 अगस्त या 14 अगस्त को करने का अनुरोध किया। वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने भी मामले की सुनवाई 14 अगस्त को करने का अनुरोध किया। इस पर पीठ ने सहमति जताई।

NGO ‘एक सोच एक प्रयास’ की याचिका के अलावा एक अन्य याचिका नालंदा निवासी अखिलेश कुमार ने दायर की है। इसमें दलील दी गई है कि इस कवायद के लिए राज्य सरकार की अधिसूचना संवैधानिक व्यवस्था के खिलाफ है। संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार केवल केंद्र सरकार ही जनगणना कराने का अधिकार रखती है।

इससे पहले पटना हाईकोर्ट अपने फैसले में जातीय सर्वेक्षण को सही ठहराते हुए इसके विरुद्ध दायर सभी याचिकायों को रद्द कर दिया था। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया था कि पटना हाईकोर्ट के इस मामलें में दिये गये फैसला का अध्ययन कर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।

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इसके पूर्व राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में केवियट दायर कर सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है कि इस सम्बन्ध में कोई आदेश पारित करने के पहले राज्य सरकार का भी पक्ष सुना जाये।राज्य सरकार ने पटना हाईकोर्ट के जातीय सर्वेक्षण के सम्बन्ध में आदेश आने के बाद बड़ी जोर शोर से पुनः जातीय सर्वेक्षण का कार्य प्रारम्भ कर दिया है ।

इससे पूर्व पटना हाईकोर्ट ने मई,2023 में राज्य सरकार द्वारा जातीय सर्वेक्षण कराये जाने पर अंतरिम रोक लगा दी थी।इसके बाद राज्य सरकार द्वारा कराये जा रहे जातीय सर्वेक्षण पर तत्काल विराम लग गया।

पटना हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने 3 जुलाई,2023 से 7 जुलाई,2023 तक पांच दिनों की लम्बी सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा।1अगस्त,2023 को पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के जातीय सर्वेक्षण को सही ठहराते हुए इसके विरुद्ध दायर सभी याचिकायों को ख़ारिज कर दिया।

पटना हाईकोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी गयी है।इस मामलें पर सुप्रीम कोर्ट में शीघ्र सुनवाई किये जाने की संभावना है ।

Breaking News : बिहार में जातिगत जनगणना पर पटना हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती पर सुनवाई आज

पटना हाईकोर्ट द्वारा जातीय सर्वेक्षण के मामलें में 1अगस्त,2023 को दिये फैसले को अखिलेश कुमार ने एक याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट चुनौती दी गयी है। जिसपर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज होगी । सुप्रीम कोर्ट की वकील तान्याश्री व अधिवक्ता ऋतु राज ने अखिलेश कुमार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किया है।

पटना हाईकोर्ट अपने फैसले में जातीय सर्वेक्षण को सही ठहराते हुए इसके विरुद्ध दायर सभी याचिकायों को रद्द कर दिया था।याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया था कि पटना हाईकोर्ट के इस मामलें में दिये गये फैसला का अध्ययन कर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।

इसके पूर्व राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में केवियट दायर कर सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है कि इस सम्बन्ध में कोई आदेश पारित करने के पहले राज्य सरकार का भी पक्ष सुना जाये।राज्य सरकार ने पटना हाईकोर्ट के जातीय सर्वेक्षण के सम्बन्ध में आदेश आने के बाद बड़ी जोर शोर से पुनः जातीय सर्वेक्षण का कार्य प्रारम्भ कर दिया है ।

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इससे पूर्व पटना हाईकोर्ट ने मई,2023 में राज्य सरकार द्वारा जातीय सर्वेक्षण कराये जाने पर अंतरिम रोक लगा दी थी।इसके बाद राज्य सरकार द्वारा कराये जा रहे जातीय सर्वेक्षण पर तत्काल विराम लग गया।

पटना हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने 3 जुलाई,2023 से 7 जुलाई,2023 तक पांच दिनों की लम्बी सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा।1अगस्त,2023 को पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के जातीय सर्वेक्षण को सही ठहराते हुए इसके विरुद्ध दायर सभी याचिकायों को ख़ारिज कर दिया।

पटना हाईकोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी गयी है।इस मामलें पर सुप्रीम कोर्ट में शीघ्र सुनवाई किये जाने की संभावना है ।

पटना हाईकोर्ट ने भागलपुर के पास अगवानी घाट पर गंगा नदी के ऊपर बन रहे पुल के ध्वस्त होने के मामलें पर सुनवाई करते हुए निर्माण कंपनी एस पी सिंगला को अंडरटेकिंग देने को कहा कि वह अपने खर्च से पुल के ध्वस्त भाग का निर्माण करेगा

पटना हाईकोर्ट ने भागलपुर के पास अगवानी घाट पर गंगा नदी के ऊपर बन रहे पुल के ध्वस्त होने के मामलें पर सुनवाई की। अधिवक्ता मणिभूषण सेंगर व ललन कुमार की जनहित याचिकायों पर चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए निर्माण कंपनी एस पी सिंगला को हलफ़नामा दायर कर अंडरटेकिंग देने को कहा कि वह अपने खर्च से इस पुल के ध्वस्त भाग का निर्माण करेगा। इस मामलें पर अगली सुनवाई 25 अगस्त,2023 को होगी।

विकास कुमार मेहता की ओर से कोर्ट के समक्ष पक्ष प्रस्तुत करते हुए वरीय अधिवक्ता एस डी संजय ने कहा कि राज्य सरकार की रिपोर्ट की कॉपी उन्हें दी जाये। उस रिपोर्ट की कॉपी का अध्ययन करने के बाद वे अपना पक्ष कोर्ट के समक्ष रखेंगे।

इससे पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को घटना की पूरी जानकारी देते हलफ़नामा दायर करने का निर्देश दिया था। साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा दायर हलफ़नामा का जवाब देने के लिए याचिकाकर्ताओं को पुनः दो सप्ताह का समय दिया था।पिछली सुनवाई में कोर्ट में एस पी सिंगला कंपनी के एम डी एस पी सिंगला उपस्थित थे।

इससे पूर्व जस्टिस पूर्णेन्दु सिंह की सिंगल बेंच ने ग्रीष्मावकाश के दौरान ललन कुमार की याचिका पर सुनवाई की थी।उन्होंने गंगा नदी पर बन रहे खगड़िया के अगुबानी – सुल्तानगंज के निर्माणाधीन चार लेन पुल के ध्वस्त होने के मामलें को गंभीरता से लेते हुए निर्माण करने वाली कंपनी के एम डी को 21जून,2023 को कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया था।

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इस मामलें में अधिवक्ता मणिभूषण प्रताप सेंगर ने एक जनहित याचिका दायर की थी।उन्होंने अपनी जनहित याचिका में कहा कि भ्रष्टाचार, घटिया निर्माण सामग्री और निर्माण कंपनी के घटिया कार्य से ये पुल दुबारा टूटा है।ये पुल 1700 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा था ।

उन्होंने इस याचिका में कहा है कि इस मामलें की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराये जाने या न्यायिक जांच कराया जाये।जो भी दोषी और जिम्मेदार है,उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

उन्होंने अपने जनहित याचिका में ये मांग की है कि इस निर्माण कंपनी को लिस्ट कर इससे और अन्य जिम्मेदार और दोषी लोगों से इस क्षति की वसूली की जाये।

कोर्ट के समक्ष याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता एस डी संजय व राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पी के शाही और सरकारी अधिवक्ता अमीश कुमार ने पक्ष प्रस्तुत किया। इन मामलों पर अगली सुनवाई 25 अगस्त, 2023 को की जाएगी।

Breaking News : बिहार में जातिगत जनगणना पर पटना हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

पटना हाईकोर्ट द्वारा जातीय सर्वेक्षण के मामलें में 1अगस्त,2023 को दिये फैसले को अखिलेश कुमार ने एक याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट चुनौती दी गयी है। सुप्रीम कोर्ट की वकील तान्याश्री व अधिवक्ता ऋतु राज ने अखिलेश कुमार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किया है।

पटना हाईकोर्ट अपने फैसले में जातीय सर्वेक्षण को सही ठहराते हुए इसके विरुद्ध दायर सभी याचिकायों को रद्द कर दिया था।याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया था कि पटना हाईकोर्ट के इस मामलें में दिये गये फैसला का अध्ययन कर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।

इसके पूर्व राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में केवियट दायर कर सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है कि इस सम्बन्ध में कोई आदेश पारित करने के पहले राज्य सरकार का भी पक्ष सुना जाये।राज्य सरकार ने पटना हाईकोर्ट के जातीय सर्वेक्षण के सम्बन्ध में आदेश आने के बाद बड़ी जोर शोर से पुनः जातीय सर्वेक्षण का कार्य प्रारम्भ कर दिया है ।

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इससे पूर्व पटना हाईकोर्ट ने मई,2023 में राज्य सरकार द्वारा जातीय सर्वेक्षण कराये जाने पर अंतरिम रोक लगा दी थी।इसके बाद राज्य सरकार द्वारा कराये जा रहे जातीय सर्वेक्षण पर तत्काल विराम लग गया।

पटना हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने 3 जुलाई,2023 से 7 जुलाई,2023 तक पांच दिनों की लम्बी सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा।1अगस्त,2023 को पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के जातीय सर्वेक्षण को सही ठहराते हुए इसके विरुद्ध दायर सभी याचिकायों को ख़ारिज कर दिया।

पटना हाईकोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी गयी है।इस मामलें पर सुप्रीम कोर्ट में शीघ्र सुनवाई किये जाने की संभावना है ।

भाजपा के सरकार में रहते हुआ था जातीय जनगणना कराने का निर्णय: सुशील मोदी

पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने जातीय जनगणना के मुद्दे पर हाईकोर्ट के निर्णय का स्वागत किया और कहा कि बिहार में जातीय जनगणना कराने का निर्णय उस राज्य सरकार का था, जिसमें भाजपा शामिल थी और उस समय राजद विपक्ष में था।

  • हाईकोर्ट का फैसला स्वागतयोग्य, काम में तेजी लाए सरकार
  • जातीय जनगणना का श्रेय लूटने के लिए झूठे आरोप न लगाये राजद
  • विरोध में याचिका दायर करने वाले का भाजपा से कोई संबंध नहीं
  • हम ऐसी दोमुंही राजनीति नहीं करते कि जिसके खिलाफ सबूत दें, उसी से हाथ मिला लें
  • यदि मजबूती से पैरवी की गई होती तो जातीय जनगणना पर रोक नहीं लगती

श्री मोदी ने कहा कि जातीय जनगणना के विरुद्ध याचिका दायर करने वाले का भाजपा से कोई संबंध नहीं है। राजद इसका श्रेय लेने के लिए अनर्गल आरोप न लगाये।

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उन्होंने कहा कि भाजपा ऐसी दोमुंही राजनीति नहीं करती कि जिसके खिलाफ जाँच एजेंसियों को सबूत जुटा कर दें, उसी से हाथ मिला कर सत्ता हथिया लें।

श्री मोदी ने कहा कि भाजपा पहले भी जातीय जनगणना के पक्ष में थी, आज हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करती है और आगे भी जातीय जनगणना का समर्थन करेगी, ताकि सभी पिछड़ी जातियों को विकास की मुख्यधारा में लाने वाले कार्यक्रम लागू हो सकें।

उन्होंने कहा कि यदि राज्य सरकार ने मजबूती से पैरवी की होती और संवैधानिक प्रश्नों का उत्तर ठीक से दिया होता, तो जातीय जनगणना पर बीच में रोक नहीं लगती।

श्री मोदी ने कहा कि कानूनी बाधाएँ दूर होने के बाद राज्य सरकार को जातीय जनगणना का काम अब तेजी से पूरा करना चाहिए।

बिहार सरकार द्वारा बिहार में जातियों की गणना एवं आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 1अगस्त,2023 को पटना हाइकोर्ट निर्णय देगा

पटना हाइकोर्ट कल 1अगस्त,2023 को राज्य सरकार द्वारा राज्य में जातियों की गणना एवं आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर निर्णय देगा। चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने इस सम्बन्ध में 3 जुलाई,2023 से पांच दिनों की लम्बी सुनवाई पूरी कर निर्णय सुरक्षित रखा था।

पिछली सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पी के शाही ने कोर्ट के समक्ष पक्ष प्रस्तुत किया था ।उन्होंने कहा कि ये सर्वे है,जिसका उद्देश्य आम नागरिकों के सम्बन्ध आंकड़ा एकत्रित करना,जिसका उपयोग उनके कल्याण और हितों के
किया जाना है।

उन्होंने कोर्ट को बताया कि जाति सम्बन्धी सूचना शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश या नौकरियों लेने के समय भी दी जाती है।एडवोकेट जनरल शाही ने कहा कि जातियाँ समाज का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि हर धर्म में अलग अलग जातियाँ होती है।

उन्होंने कोर्ट को बताया कि इस सर्वेक्षण के दौरान किसी भी तरह की कोई अनिवार्य रूप से जानकारी देने के लिए किसीको बाध्य नहीं किया जा रहा है ।

उन्होंने कोर्ट को बताया कि जातीय सर्वेक्षण का कार्य लगभग 80 फी सदी पूरा हो गया है।उन्होंने कहा कि ऐसा सर्वेक्षण राज्य सरकार के अधिकारक्षेत्र में है।

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इससे पहले हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश देते हुए राज्य सरकार द्वारा की जा रही जातीय व आर्थिक सर्वेक्षण पर रोक लगा दिया था।कोर्ट ने ये जानना चाहा था कि जातियों के आधार पर गणना व आर्थिक सर्वेक्षण कराना क्या कानूनी बाध्यता है।

कोर्ट ने ये भी पूछा था कि ये अधिकार राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार में है या नहीं।साथ ही ये भी जानना कि क्या इससे निजता का उल्लंघन होगा।

पहले की सुनवाई में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिनव श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया था कि राज्य सरकार ने जातियों और आर्थिक सर्वेक्षण करा रही है।

याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट के समक्ष पक्ष प्रस्तुत करते हुए अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि सर्वेक्षण कराने का ये अधिकार राज्य सरकार के अधिकारक्षेत्र के बाहर है।ये असंवैधानिक है और समानता के अधिकार का उल्लंघन है।

अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को ये भी बताया था कि राज्य सरकार जातियों की गणना व आर्थिक सर्वेक्षण करा रही है।उन्होनें ने बताया कि ये संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत है।

उन्होंने कहा था कि प्रावधानों के तहत इस तरह का सर्वेक्षण केंद्र सरकार करा सकती है।ये केंद्र सरकार की शक्ति के अंतर्गत आता है।उन्होंने बताया था कि इस सर्वेक्षण के लिए राज्य सरकार पाँच सौ करोड़ रुपए खर्च कर रही है।

Bihar Weather Update : बिहार में गर्मी से परेशान लोगों को राहत की बारिश का पूर्वानुमान; 3 अगस्त तक सभी जिलों में बारिश के आसार

मौसम विभाग के अनुसार बिहार के विभिन्न जिलों में अगले तीन-चार दिनों तक बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना है। इस दौरान कुछ स्थानों पर वज्रपात की भी चेतावनी जारी की गई है। उत्तर बिहार में मानसून के सक्रिय होने से 3 अगस्त तक सभी जिलों में बारिश होने की उम्मीद की जा रही है। पटना समेत आसपास के कुछ स्थानों पर मेघ गर्जन व वज्रपात की संभावना है। पूरे बिहार में राहत की बारिश का पूर्वानुमान 29 से 3 अगस्त के लिए जारी किया गया है।

राज्य में अभी तक 35 फीसदी कम बारिश हुई है। कुछ जिलों में बारिश का अलर्ट है। वहीं, 29 जुलाई के बाद से भारी बारिश का अलर्ट है।

मौसम विज्ञान केन्द्र पटना के अनुसार अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर पश्चिम बिहार, उत्तर मध्य बिहार, उत्तर पूर्व बिहार, दक्षिण पश्चिम बिहार, दक्षिण मध्य बिहार और दक्षिण पूर्व बिहार में बारिश के आसार हैं। इनमें कई इलाकों में भारी बारिश का अलर्ट भी जारी किया गया है। 28 जुलाई यानी शुक्रवार को बिहार के 32 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। इनमें से पूर्णिया, अररिया, किशनगंज, कटिहार, सहरसा, मधेपुरा और सुपौल जिले के कुछ स्थानों पर बारिश के आसार हैं।

वहीं पटना, गया, समेत 25 जिलों के एक या दो स्थानों पर बारिश होने की संभावना हैं। बक्सर, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद, अरवल में मौसम शुष्क बने रहेंगे। यानी इन जिलों में आज गर्मी से लोग परेशान हैं। 

मौसम विज्ञान केन्द्र पटना के अनुसार 30 और 31 जुलाई को राज्य के अधिकांश हिस्सों में हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश की संभावना है। इसे लेकर मौसम विभाग की ओर से येलो अलर्ट जारी किया गया है।

आज से उत्तर बिहार में मानसून के सक्रिय होने की संभावना है : इसके प्रभाव से दो अगस्त तक बारिश होने की उम्मीद की जा रही है। भारत मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। 30 जुलाई को कई जगहों पर अच्छी बारिश की संभावना जताई गई है। इस दौरान कुछ स्थानों पर वज्रपात भी हो सकता है। तापमान में उतार-चढ़ाव रहेगा और आसमान में बादल छाए रहेंगे।

3 अगस्त तक सभी जिलों में बारिश के आसार है : मौसम विभाग ने 29 जुलाई से 3 अगस्त राज्य सभी 38 जिलों के कई इलाकों में बारिश की संभावना जताई है। उत्तर पश्चिम बिहार, उत्तर मध्य बिहार, उत्तर पूर्व बिहार, दक्षिण पश्चिम बिहार, दक्षिण मध्य बिहार और दक्षिण पूर्व बिहार में बारिश के आसार हैं। इनमें कई इलाकों में भारी बारिश का अलर्ट भी जारी किया गया है। 

मौसम ने सावधानी बरतने की अपील की है : मौसम विभाग ने लोगों से अपील कि है कि खराब मौसम के दौरान अपने पशुधन और खुद को बाहर निकलने से बचें। मौसम साफ होने पर अपने काम संपादित करे। आंधी के दौरान संवेदनशील संरचनाओं से दूर रहें और मेघगर्जन के दौरान पेड़-पौधे के नीचे शरण न लें। ओलावृष्टि के समय सुरक्षित स्थान पर जाकर बैठ जाएं।

पटना हाईकोर्ट ने एलएन मिश्रा कॉलेज,मुजफ्फरपुर से एमबीए कर रही छात्रा यशी सिंह के अपहरण पर कड़ा रुख अपनाते हुए एसपी, मुजफ्फरपुर को चार सप्ताह में अनुसंधान का ब्यौरा दायर करने का आदेश दिया

पटना हाईकोर्ट ने एलएन मिश्रा कॉलेज,मुजफ्फरपुर से एमबीए कर रही छात्रा यशी सिंह के अपहरण पर कड़ा रुख अपनाते हुए एसपी, मुजफ्फरपुर को चार सप्ताह में अनुसंधान का ब्यौरा दायर करने का आदेश दिया। जस्टिस अनिल कुमार सिन्हा ने इस मामलें पर सुनवाई की।

साहेबगंज कॉलेज के पूर्व प्राचार्य राम प्रसाद राय की नतनी ऐसी सिंह का अपहरण 22 दिसंबर 2022 को कॉलेज जाते वक्त हो गया था।घटना के 6 माह बाद भी पुलिस अब तक छात्रा की बरामदगी नहीं कर पाई है।

लड़की के नाना,पिता, माता ने बिहार के मुख्यमंत्री, डीजीपी बिहार,आईजी मुजफ्फरपुर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,राष्ट्रीय महिला आयोग, आर्थिक अपराध विभाग ,एसपी मुजफ्फरपुर को कई बार ज्ञापन दे चुके हैं।साथ ही उनसे मिलकर अपनी व्यथा सुना चुके हैं।

पर पुलिस ने अबतक कोई कार्रवाई नहीं की है।यहां तक कि पुलिस अनुसंधान में एक सोनू कुमार नाम के लड़के जो अपराधी किस्म का है, का नाम अपहरण के मामले में सामने आया है । उसने नशे की सुई देकर छात्रा को मुजफ्फरपुर की चतुर्भुज स्थान में जाकर बेच दिया है।

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फिर भी मुजफ्फरपुर पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली है। बिहार के सभी सम्बन्धित वरीय अधिकारियों से मिलकर उनके माता-पिता थक चुके हैं।याचिकाकर्ता के वकील अरविंद कुमार ने बताया कि मेरी बात सम्बन्धित आईओ से हुई, तो उन्होंने बताया कि सोनू कुमार को पकड़ा गया था ।दो-तीन दिन रखने के बाद मैंने उसे छोड़ दिया,क्योंकि उसके खिलाफ मुझे कोई सबूत नहीं मिले।जबकि सोनू का नाम अपहरणकर्ता में जांच के दौरान आ चुका है।

अंत में पटना हाई कोर्ट में अपनी याचिका दायर की।इस पर कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए मुजफ्फरपुर के एसपी को पूरे अनुसंधान का ब्यौरा 4 सप्ताह के भीतर प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।इस मामलें पर अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद की जाएगी।

दरभंगा में 30 जुलाई तक इंटरनेट बैन; सांप्रदायिक सौहार्दता को लेकर बिहार सरकार के गृह विभाग ने लिया निर्णय

दरभंगा जिले में फेसबुक, व्हाट्सएप सहित सभी सोशल साइट्स पर अगले 3 दिन तक लगा बैन, सांप्रदायिक सौहार्दता को लेकर बिहार सरकार के गृह विभाग ने लिया निर्णय, सभी सोशल साइट्स 27 जुलाई यानि आज शाम 4 बजे से 30 जुलाई के शाम 4 बजे तक बंद रहेंगी। इस दौरान सभी सोशल साइट्स बैन रहेंगी।

जिले में बढ़ रहे सांप्रदायिक मामलों को लेकर सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन ने यह कदम उठाया है। जिले में कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से दरभंगा में समाजिक-सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश के मद्देनजर गृह विभाग बिहार सरकार द्वारा इंडियन टेलीग्राफ एक्ट 1875 की धारा-5 के तहत यह निर्णय लिया गया है।

Internet ban

कुछ दिन पहले दरभंगा के विभिन्न जगहों पर जिले के विभिन्न जगहों पर विवाद हुआ था, जिसके बाद कई तरह के फर्जी वीडियो वायरल किये गयेए थे। दरभंगा के DM और SSP की रिपोर्ट पर सरकार ने यह फैसला लिया है। गृह विभाग की तरफ से इसको लेकर आदेश जारी किया गया है। शनिवार को मुहर्रम को देखते हुए लॉ एंड ऑर्डर को कंट्रोल करने के लिए प्रशासन द्वारा यह कदम उठाया गया है।

दरभंगा में बीते 23 जुलाई को शिवधारा इलाके में धार्मिक झंडा लगाने को लेकर दो पक्षों के बीच भारी विवाद हो गया था। देखते ही देखते विवाद बढ़ गया था और रोड़ेबाजी शुरू हो गई थी। देखते ही देखते पूरा इलाका रणक्षेत्र में बदल गया था। रोड़ेबाजी में पुलिस के 6 से अधिक जवान घायल हो गये थे, जबकि सड़क किनारे खड़ी कई गाड़ियों को शीशे तोड़ दिये गये थे।

बिहार के कटिहार में बेहतर बिजली आपूर्ति को लेकर विरोध प्रदर्शन हिंसक होने पर पुलिस गोलीबारी में 2 की मौत हो गई; मौत के बाद फूटा लोगों का गुस्सा, जमकर मचाया हंगामा

कटिहार/पटना: बिहार के कटिहार जिले में बुधवार को अपर्याप्त बिजली आपूर्ति को लेकर प्रदर्शन ने तूल पकड़ लिया, पथराव के बाद पुलिस की गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।

पटना में पुलिस मुख्यालय के अनुसार, “बारसोई पुलिस स्टेशन से बमुश्किल 100 मीटर की दूरी पर हुई इस घटना में” एक दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी और बिजली विभाग के कर्मचारी” घायल हो गए। पीएचक्यू ने कहा, “लगभग 1,000 स्थानीय निवासी बिजली विभाग कार्यालय के सामने प्रदर्शन कर रहे थे। कुछ असामाजिक तत्व भीड़ में घुस गए और उन्होंने पथराव करना शुरू कर दिया। जब एक पुलिस दल ने उपद्रवियों को रोकने की कोशिश की, तो उन पर भी ईंटों, पत्थरों और लाठियों से हमला किया गया।”

कटिहार के जिलाधिकारी रवि प्रकाश ने पीटीआई-भाषा को फोन पर बताया, ”दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई है जबकि एक अन्य का उपमंडल अस्पताल में इलाज चल रहा है.”

मृतकों में से एक की मौके पर ही मौत हो गई, जिसकी पहचान बासल गांव निवासी खुर्शीद आलम (34) के रूप में की गई। दूसरे मृतक की पहचान ज्ञात नहीं हो पाई है, हालांकि वह और अन्य घायल प्रदर्शनकारी पास के गांवों के निवासी बताए गए हैं। घटना स्थल पर कैंप कर रहे कटिहार के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार ने संवाददाताओं से कहा, “आप स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि बिजली कार्यालय का शायद ही कोई हिस्सा बचा हो जहां तोड़फोड़ और पथराव के संकेत न मिले हों।”

बिहार बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने नीतीश की कड़ी आलोचना की….

एसपी ने कहा, “प्रदर्शनकारी अचानक हिंसक हो गए और परिसर में धावा बोल दिया। संबंधित उपमंडल पुलिस अधिकारी समेत अधिकारियों को भीड़ ने बंधक बना लिया, जिन्हें चोटें भी आई हैं। इसलिए, आत्मरक्षा में गोलियों का इस्तेमाल किया गया। जांच जारी है और पुलिसकर्मियों पर हमले में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।” इस बीच, इस घटना की विपक्षी भाजपा और सीपीआई (एमएल)-लिबरेशन ने तीखी आलोचना की, जो बाहर से नीतीश कुमार सरकार का समर्थन करती है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और राज्य भाजपा के पूर्व अध्यक्ष नित्यानंद राय ने एक बयान जारी कर आरोप लगाया कि यह घटना मुख्यमंत्री की जद (यू) और राज्य के सत्तारूढ़ महागठबंधन के सबसे बड़े घटक राजद के नेतृत्व वाली सरकार की “बर्बरता” को दर्शाती है।

उन्होंने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, जो राजद से हैं, के इस्तीफे की भी मांग की और शिक्षकों की नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों और आशा कार्यकर्ताओं द्वारा राज्य की राजधानी में इसी तरह के विरोध प्रदर्शन पर लाठीचार्ज की हालिया घटनाओं के लिए उन्हें दोषी ठहराया। सीपीआई (एमएल)-एल, जो सरकार का हिस्सा न होते हुए भी महागठबंधन का हिस्सा है, ने भाजपा पर कटिहार में “भीड़ को उकसाने” का आरोप लगाया। सीपीआई (एमएल)-एल के विधायक दल के नेता मेहबूब आलम, जो कि बारसोई स्थित बारसोई क्षेत्र के बलरामपुर के विधायक हैं, ने भी प्रत्येक मृतक के परिजनों को “20 लाख रुपये मुआवजा” और घायल प्रदर्शनकारी को अनुग्रह राशि देने की मांग की।

आलम ने कहा, “भीड़ अचानक हिंसक हो गई और हमें यकीन है कि भाजपा ने उन्हें उकसाया था। इसके कार्यकर्ता अराजकता में पनपते हैं, जैसा कि हाल ही में एक प्रदर्शन के दौरान पुलिस कर्मियों पर मिर्च पाउडर फेंकने से स्पष्ट था।” संदर्भ राज्य की शिक्षक भर्ती नीति के विरोध में 13 जुलाई को आयोजित ‘विधानसभा मार्च’ का था, जब प्रदर्शनकारियों में से एक विजय कुमार सिंह की मृत्यु हो गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है और मृतक के शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं हैं।

आलम ने यह भी कहा, “पुलिस को संयम बरतना चाहिए था और गोली नहीं चलानी चाहिए थी। मामले में जवाबदेही तय की जानी चाहिए और दोषी पाए जाने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।”