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आईआईटी पटना को गूगल से मिला आंफर 54.50 लाख सालाना का दिया पैकेज

IIT, Patna के बीटेक के 34 छात्र-छात्राओं को इंटर्नशिप के आधार पर कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने प्री-प्लेसमेंट आफर (Pre Placement Offer) दिया है। ये सभी 2022 में पासआउट होंगे। गूगल (Google) ने सबसे अधिक 54.50 लाख सालाना का पैकेज छह छात्रों को दिया है। इसके अतिरिक्त एडोब, गोजेक, मीडिया.नेट और मोरगन ने एक-एक छात्र, क्लाउड आधारित अमेरिकी साफ्टवेयर कंपनी ने दो छात्रों, निवेश बैंकिंग फर्म गोल्डमैन सैक्स ने तीन, बीमा और स्वास्थ्य सेवा फर्म ऑप्टम ने सात, सैमसंग रिसर्च बेंगलुरु ने तीन, पब्लिसिस सैपिएंट ने तीन छात्रों को पीपीओ की पेशकश की है। इन कंपनियों ने 25 से 53 लाख सालाना तक के आफर पीपीओ के अंतर्गत दिए हैं।

2020 में 19 छात्रों को मिला था पीपीओ
अब तक मिले पीपीओ का औसत 24 लाख सालाना का है। प्लेसमेंट का पहला फेज सितंबर से दिसंबर तक चलेगा। जबकि, दूसरा फेज जनवरी से मार्च तक चलेगा। वर्ष 2020 में 19 छात्रों को प्री-प्लेसमेंट आफर मिला था। इस वर्ष 78 फीसद वृद्धि दर्ज की गई है। इन छात्र-छात्राओंने मई से जुलाई के बीच इन कंपनियों में इंटर्नशिप की है। इसके आधार पर कंपनियों ने ये आफर दिए हैं। सभी छात्रों काे आनलाइन साक्षात्कार के बाद ये आफर मिले हैं।

कंपनी के नियमों की अनदेखी करके काम देने का मामला आया सामने

भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस और शुचिता का दावा करने वाली नीतीश सरकार इस बार अपने ही उपमुख्यमंत्री के कृत्य से बैकफुट पर है।मामला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सबसे महात्वाकांक्षी योजना’हर घर नल का जल’ योजना से जुड़ी हुई है जिसमें उपमुख्यमंत्री तारकेश्वर प्रसाद पर अपने पद के प्रभाव का इस्तमाल कर साले और दमाद की कम्पनी को काम दिलाने का आरोप है।

हलाकि इस आरोप के बावजूद पूरी बीजेपी तारकेश्वर प्रसाद के साथ खड़ी है तारकेश्वर प्रसाद भी कह रहे हैं की मैं राजनीति में हूं इसका क्या मतलब मेरे परिवार के लोग बिजनेस व्यापार करना छोड़ दे ये सारा काम मेरे उपमुख्यमंत्री बनने से पहले का है और काम के आवंटन में कोई गड़बड़ी नहीं है ।

उपमुख्यमंत्री के रिश्तेदार को मिला काम यह पूरा मामला उपमुख्यमंत्री तारकेश्वर प्रसाद के गृह जिले कटिहार से जुड़ा हुआ है जहां हर घर नल का जल’ योजना के तहत जीवनश्री इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड और दीपकिरण इंफ्रास्ट्रक्टर प्राइवेट लिमिटेड को 48 करोड़ और 3 करोड 60 लाख का काम दिया गया है आरोप यह है कि इस दोनों कम्पनी के निदेशक मंडल में उपमुख्यमंत्री के साले और दमाद शामिल है यो दोनों कंपनी पटना के पते पर रजिस्टर्ड है ।

वन श्री जीवनश्री इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का पता 319,ASHIANA TOWER EXHIBITION ROAD PATNA Patna BR 800001 दर्ज और दूसरी कंपनी दीपकिरण इंफ्रास्ट्रक्टर प्राइवेट लिमिटेड का पता 74,SARSWATI APARTMENT, S.P. VERMA ROAD, PATNA BR 800001 दर्ज है ।

सरकारी काम करने के लिए योग्य नहीं है यह कपंनी आशियाना टावर कमरा नम्बर 319 में दो कपंनी का दफ्तर है
पहला BRITESKY BUILDCON( P )LTD. और दूसरा JEEVANSHREE INFASTRURE,(P)LTD का है। दोनों कंपनी के निदेशक मंडल में दो व्यक्ति संतोष कुमार और ललित किशोर का नाम शामिल है । इस कंपनी को 48 करोड़ रुपया का काम दिया गया है इस कंपनी का टर्नओभर काफी है लेकिन इससे पहले किसी भी तरह के सरकारी काम करने को लेकर कोई अनुभव नहीं है पीडब्लूडी नियमावली के अनुसार ऐसी कंपनी को काम नहीं दिया जा सकता है।

आशियाना टावर स्थित कमरा नम्बर 319 में जब बिहार न्यूज पोस्ट का रिपोर्टर पहुंचा तो दफ्तर में एक दो लोग बैठे थे जो इस मसले पर बात करने से साफ इनकार कर दिया वही दूसरी कंपनी दीपकिरण इंफ्रास्ट्रक्टर प्राइवेट लिमिटेड का जो पता दर्ज है 74,SARSWATI APARTMENT, S.P. VERMA ROAD, PATNA BR 800001 वहां जब बिहार न्यूज पोस्ट का संवाददाता पहुंचा तो दफ्तर का कोई भी साइनबोर्ड लगा हुआ नहीं था , कॉल बेल बचाया तो प्रदीप कुमार भगत निकले उनसे जब संवाददाता ने पुंछा कि इस पते पर एक कम्पनी का नाम दर्ज है और यहां तो आपका आवास है जबतक उनसे सवाल किया जाता तब तक वो रुम बंद करते हुए इतना ही कहा मेरे वकील से बात करिए मुझे कुछ भी नहीं कहना है ।

उपमुख्यमंत्री के साले की कंपनी की आँडिट रिपोर्ट कंपनी के फर्जी होने का दे रहा है प्रमाण
दीपकिरण इंफ्रास्ट्रक्टर प्राइवेट लिमिटेड के वर्ष 2019 और 2020 के ऑडिट रिपोर्ट पर गौर करे तो उस रिपोर्ट में कही भी किसी भी तरह के सरकारी कामकाज करने का जिक्र ही नहीं है वर्ष 2019–2020 के बीच कंपनी आँडिट रिपोर्ट में लिखा है कि इस वर्ष 78लाख 6 हजार 800 रेवेन्यू प्राप्त हुआ है जिसमें 44 लाख 26हजार 136 रुपया 68 पैसा समान खरीद बिक्री से और सर्विस में 33 लाख 80 हजार 664 रुपया आया है लेकिन इस आँडिट रिपोर्ट में कही भी टीडीएस देने की चर्चा नहीं है जबकि किसी भी तरह के काम में कंपनी को टीडीएस भरना ही है जबकि इस कंपनी को सरकारी ठेका मिला है गौर करने वाली बात यह है कि इस कंपनी के वित्तीय वर्ष 2018–2019 का जो आँडित रिपोर्ट है वो शून्य है मतलब उस वर्ष कंपनी कोई काम नहीं कि है। इस तरह के कंपनी को किस आधार पर सरकारी ठेका दिया गया एक बड़ा सवाल है ।हलाकि इस मामले में विभाग के अधिकारियों से जब सवाल किया गया तो कहां गया कि मामले की जांच चल रही है ऐसी कोई बात संज्ञान में आती है तो कारवाई होगी।

वही इस मामले को लेकर पूर्व मंत्री और अब राष्ट्रीय जनता दल के नेता रामप्रकाश महतो का कहना है कि जब भी इससे संबंधित शिकायत की गयी तो पुलिस द्वारा ग्रामीणों को धमकाया जाता था.’हर घर नल का जल’ योजना का हाल बेहाल है, ग्रामीणों का कहना है कि जब से ‘हर घर नल का जल’ योजना का काम हुआ है तब से नल में पानी नहीं मिल रहा तो कहीं नल का पाइप टूटा हुआ है ।

फिजिकल कोर्ट खोलने के निर्णय का हाईकोर्ट के वकील ने किया स्वागत

बिहार स्टेट बार कॉउन्सिल के अध्यक्ष रमाकांत शर्मा ने 27 सितंबर से पटना हाई कोर्ट में फिजिकल कोर्ट शुरू होने पर संतोष जाहिर की है। श्री शर्मा पटना हाई कोर्ट में फिजिकल कोर्ट शुरू होने के बाद मामलों के निष्पादन की गति तेज होने की उम्मीद जताई।

गौरतलब है कि पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल, स्टैंडिंग कमेटी और सुरक्षा कमेटी द्वारा हाई कोर्ट में फिजिकल कोर्ट शुरू करने का निर्णय लिया हैं। बिहार स्टेट बार कॉउन्सिल ने जनरल बॉडी की बैठक में पटना हाई कोर्ट समेत राज्य के सभी अदालतों में फिजिकल कोर्ट प्रारंभ करने के लिए चीफ जस्टिस से अनुरोध किया था।


उनका कहना था कि जब देशभर में मॉल, स्कूल, बिजनेस और कमर्शियल इकाइयां खोले जा रहे हैं ,तो कोविड के गाइडलाइंस का पालन करते हुए राज्य के सभी कोर्ट में भी फिजिकल कोर्ट शुरू होना चाहिए।

कॉउन्सिल का यह भी कहना था कि मुकदमा लड़ने वालों व न्याय की आस लगाए लोगों को संकट का सामना करना पड़ रहा था। कॉउन्सिल का यह भी कहना था कि 95 फीसदी राज्य के अधिवक्ता आर्थिक कठिनाई झेल रहे थे। अब सभी लोगों द्वारा राहत की सांस ली है।

अब 27 सितंबर, 2021 से सप्ताह में चार दिन फिजिकल और एक दिन वर्चुअल कोर्ट शुरू किए जाने के निर्णय से अब मामलों की सुनवाई में गति आने की संभावना बढ़ गई हैं।

पंचायत चुनाव के साथ ही बिहार में चुनावी हिंसा का दौर शुरु मुखिया प्रत्याशी के पुत्र की हुई हत्या

पंचायत चुनाव के साथ ही बिहार के ग्रामीण इलाकों से हिंसा की खबर आने लगी है ताजा मामला नक्सली प्रभावित शिवहर से आ रही है जहां शिवहर के तरियानी थाना क्षेत्र के विशंभरपुर पंचायत के निवर्तमान उप मुखिया मदन प्रसाद और मुखिया प्रत्याशी इंदु देवी के बेटे विक्की कुमार (22) की गोली मारकर हत्या कर दी गई।

घटना सुल्तानपुर नदी घाट के पास ब की है। युवक की लाश धान के खेत में मिली। ग्रामीणों ने प्रथम दृष्टया हत्या का कारण चुनावी प्रतिद्वंदिता बताई है। हालांकि, पुलिस अभी कुछ भी कहने से इनकार कर रही है।

घटनास्थल पर ही एक मोबाइल मिला। इससे लोग आशंका जाहिर कर रहे हैं कि अपराधी के साथ विक्की की हाथापाई भी हुई होगी। इधर, ग्रामीणों ने इसकी सूचना स्थानीय थाना पुलिस को दी। घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवा मामले की जांच में जुट गई है।

बड़ी खबर शिवहर से आई है जहां एक मुखिया प्रत्याशी के बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। मृतक की पहचान 22 वर्षीय विक्की कुमार के रूप में हुई है। विक्की की लाश धान के खेत में मिली। मृतक विक्की कुमार तरियानी थाना क्षेत्र के विशंभरपुर पंचायत की मुखिया प्रत्याशी इंदु देवी का बेटा था।

इंदु देवी के पति मदन प्रसाद पंचायत के निवर्तमान उप मुखिया हैं। बुधवार को सुल्तानपुर घाट के पास धान के खेत में विक्की का शव मिला। मामले की जांच तरियानी थाना पुलिस कर रही है।

चुनावी माहौल में हत्या चुनावी माहौल में हुई इस हत्या को लेकर इलाके में तनाव है। इसे देखते हुए डीएसपी संजय कुमार के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती कर दी गई है।डीएसपी ने कहा है कि जल्द ही इस हत्याकांड की गुत्थी सुलझा ली जाएगी। इधर प्रत्याशी इंदु देवी और उनके पति मदन प्रसाद बदहवासी की हालत में हैं। इसलिए वे कुछ भी नहीं बता पा रहे हैं।

अखिलेश की तरह तेजस्वी भी अब टोपी में आयेंगे नजर लालू प्रसाद ने राजद कार्यकर्ताओं के लिए जारी किया ड्रेसकोर्ड

राजद के दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के आखिरी दिन आज लालू यादव ने राजद कार्यकर्ताओं एवं नेताओं को आनलाइन संबोधित किया। वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए लालू यादव ने राजद नेताओं को टिप्स दिया जिस दौरान लालू प्रसाद ने कहा कि यूपी के तर्ज पर राजद कार्यकर्ताओं को भी अब ड्रेस कोड का पालन करना होगा। राजद सुप्रीमो ने अपने संबोधन के दौरान ही ड्रेस कोर्ड तय भी कर दिया ।

अब राजद के कार्यकर्ता और नेता हरी गमछी और टोपी पहने नजर आएंगे। इन्होंने आगे कहा कि पार्टी के प्र‍ति निष्‍ठावान बनें। बिहार आने के बाद मैं हर जिले का दौरा करुंगा और अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से मुलाकात भी करुंगा। लालू यादव ने कहा कि हमारी पार्टी बिहार में सबसे बड़ी पार्टी है।

वोट हमारा कम नहीं होता है। जो हार जाता है वो पार्टी छोड़ देता है, जिसे टिकट नहीं मिलती वो अपनी ही पार्टी के उम्मीदवार को हराने में जुट जाता है। ऐसा नहीं होना चाहिए। इस तरह की बातों पर उन्‍होंने घोर आपत्ति जताई। उन्‍होंने प्रशिक्षण शिविर के आयोजन की सराहना की और कहा कि आगे भी ऐसा होगा।

आरजेडी सुप्रीमो ने इस दौरान अपने छोटे बेटे व बिहार के पूर्व उप मुख्‍यमंत्री रहे तेजस्वी यादव को लेकर भी बड़ी बात कही। उन्होंने तारीफ करते हुए कहा कि तेजस्वी के नेतृत्व को बिहार की जनता ने स्वीकारा है। दूसरे दलों के नेता भी कहते हैं कि तेजस्वी काफी अच्छा कर रहे हैं। बिहार का भविष्‍य युवा हाथों में होना चाहिए।

इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने भी नेताओं और कार्यकर्ताओं से कहा कि पार्टी का हर कार्यकर्ता अपने घर पर आरजेडी का झंडा लगाए। यही हमारी पहचान है। वही प्रशिक्षण शिविर में राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि दल की मर्यादा के लिये जो कुछ करना होगा करेंगे. बूथ, पंचायत, ज़िला कमेटी को को मजबूत करने से राजद का पताका फहरायेगा. अनुसाशन को अपनाओगे तो दुनिया से अराजकता समाप्त होगी ।

राम के सहारे बिहार की राजनीति साधने की तैयारी में लगा बीजेपी

जाति आधारित राजनीति का मक्का कहे जाने वाले बिहार में इन दिनों धर्म आधारित राजनीति को मजबूत करने को लेकर कशमकश तेज हो गई है और इसको लेकर आये दिन कुछ ना कुछ बखेड़ा खड़ा हो रहा है ।इस बार मामला रामायण की पढ़ाई को पाठ्यक्रम में शामिल करने को लेकर खड़ा हुआ है ।बीजेपी मध्यप्रदेश के तर्ज पर ही बिहार में भी रामायण की पढ़ाई को पाठ्यक्रम में शामिल करने को लेकर सरकार पर दबाव बनाने लगा है ।

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने सिलेबस में रामायण को शामिल करने की बात करते हुआ कहा कि रामायण हमें सदियों से सही राह दिखाती आई है. हम इतिहास पढ़ते हैं तो रामायण भी पढ़नी चाहिए. इतिहास के साथ हर वो विषय लोगों को पढ़नी चाहिए जो लोगों को बेहतर संदेश देती है.।

वहीं बिहार सरकार के वन एवं पर्यवरण मंत्री नीरज कुमार बबलू (Bihar Minister Neeraj Kumar Bablu) ने कहा कि बिहार के स्कूलों और कॉलेजों में भगवान श्री राम (Lord Shree Ram) से जुड़ी तमाम जानकारियों को सिलेबस में शामिल किया जाए ताकि लोग अधिक से अधिक भगवान श्री राम के बारे में जान सकें।

विवाद बढ़ते देख जदयू कोटे से मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बीच का रास्ता निकालते हुए कहा कि रामायण और गीता की जानकारी रखना सबके लिए अच्छी बात है, लेकिन इस तरह का कोई भी प्रस्ताव पर अभी तक शिक्षा विभाग के विचाराधीन नहीं है ।

लेकिन हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के बयान से एक नया बखेड़ा खड़ा हो गया है जीतनराम मांझी ने भगवान श्रीराम (Lord Shree Rama) के अस्तित्व को ही काल्पनिक करार देते हुए कहा कि श्रीराम कोई जीवित और महापुरुष व्यक्ति थे, ऐसा मैं नहीं मानता. पर रामायण कहानी में जो बातें बताई गई है वो सीखने वाली है. रामायण कथा में कई श्लोक और संदेश ऐसे हैं जो लोगो को बेहतर व्यक्तित्व के निर्माण में सहायक है सिलेबस में शामिल हो मुझे कोई एतराज नहीं है ।

मांझी के इस बयान पर बीजेपी के विधायक काफी गुस्से में है बीजेपी विधायक हरि भूषण ठाकुर बचोल ने कहा कि राम के अस्तित्व पर सवाल करने वाले मांझी जी जरा बताये उनके माता-पिता जी जीतन राम मांझी की जगह जीतन राक्षस मांझी क्यों नहीं रखा।मांझी सेकुलर दिखने के चक्कर में ओछी राजनीति कर रहे हैं।जीतनराम मांझी को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए हलाकि बीजेपी विधायक के इस बयान के बाद जीतनराम मांझी ने एक बार फिर अपने पूराने बयान पर कायम रहते हुए कहा कि मैं माफी किस बात मांगू जो सही है वो मैंने कहा ।

हनुमान मंदिर के अतिक्रमण को लेकर हाईकोर्ट ने जिसा प्रशासन को दिया सख्त निर्देश

पटना हाई कोर्ट ने राजधानी के पटना सिटी स्थित जल्ला हनुमान मंदिर क्षेत्र में हुए अतिक्रमण के मामलें पर सुनवाई करते हुए ज़िला प्रशासन को बताने को कहा कि कितने क्षेत्र में अतिक्रमण हुआ है।चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने गौरव कुमार सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई की।
कोर्ट ने जिलाधिकारी,पटना को यह जानकारी देने को कहा कि अतिक्रमण से सम्बंधित कितने मामलें चल रहे हैं और इनकी क्या स्थिति है।

आज कोर्ट में जिलाधिकारी,पटना ने कोर्ट को बताया कि जल्ला हनुमान मंदिर क्षेत्र में लगभग बीस बीघा में अतिक्रमण हुआ है,जबकि सी ओ ने काफी कम ज़मीन पर अतिक्रमण की बात कही।कोर्ट ने मामलें को गम्भीरता से लेते हुए डी एम,पटना को इस मामलें पर अगली सुनवाई में विस्तृत हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।
पिछ्ली सुनवाई में कोर्ट ने पटना नगर निगम आयुक्त को सफाई और रौशनी की व्यवस्था के मामले पर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था।

इस मामले में कोर्ट ने विगत 5 जुलाई को राजस्व सचिव को एक कमेटी का गठन करने का आदेश दिया था। पटना के जिला विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन कर दिया गया है।

कोर्ट ने जलाशय की सुरक्षा के लिये उपाय करने को भी कहा था। पटना के जिलाधिकारी को संबंधित क्षेत्र को वीडियोग्राफी करवाकर के की गई कार्रवाई के संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया था।पिछले 27 जुलाई,2021 को कोर्ट ने राजस्व रिकॉर्ड में सुधार करने को भी कहा था।

उसके बाद अपर जिलाधिकारी ने राजस्व रिकॉर्ड में सुधार करते हुए आवश्यक आदेश पारित किया।पिछले 23 अगस्त को कोर्ट ने पटना के जिलाधिकारी को राजधानी के बीचों बीच स्थित इस जलाशय की सुरक्षा हेतु कार्रवाई करने को कहा था। कोर्ट ने जलाशय की घेराबन्दी करने को भी कहा ,ताकि जलाशय में कोई नया अतिक्रमण नहीं हो।

याचिकाकर्ता का कहना था कि मंदिर के पास के जल क्षेत्र में स्थानीय लोगों द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया है। इस वजह से इसकी सुरक्षा व्यवस्था और संरक्षण को लेकर खतरा उत्पन्न हो गया है। इस मामले में आगे की सुनवाई 27अक्तुबर ,2021 को की जाएगी।

झांझारपुर कोर्ट का अनोखा फैसला महिला के साथ दुर्व्यवहार करने वाले युवक को छह माह तक गांव की महिलाओं का वस्त्र साफ करने का दिया आदेश

महिला के साथ अभद्र व्यवहार करने और दुष्कर्म का प्रयास करने से जुड़े एक अभियुक्त के जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए झंझारपुर न्यायालय के एडीजे अविनाश कुमार ने जमानत देते हुए उक्त युवक को आदेश दिया है कि अपने गांव की सभी महिलाओं के कपड़े साफ करेगा और आयरन कर उन्हें वापस लौटाएगा।

यह कार्य लगातार छह महीने तक मुफ्त में करना है। हिरासत में 19 अप्रैल 2021 से बंद रहने वाले 20 वर्षीय युवक ललन कुमार साफी जो पेशे से धोबी हैं, उन्हें उन्हीं के पेशे से जुड़े काम को मुफ्त में करने की शर्त दी गई है। उक्त युवक लौकहा थाना कांड संख्या 130/ 2021 में 19 अप्रैल को हिरासत में लिए गए थे।

घटना 17 अप्रैल के रात की है। उस पर आरोप था कि वह गांव की एक महिला के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए दुष्कर्म का भी प्रयास किया था। सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने बताया कि उनका मुवक्किल मात्र 20 वर्ष का है। पुलिस की जांच पूरी हो चुकी है। चार्ज शीट जमा किया जा चुका है और दोनों पक्षों के बीच समझौता पिटिशन भी दे दिया गया है। जिसके अनुसार उक्त महिला अब आगे के केस को प्रोसीड नहीं करना चाहती है।

युवक के काम पर नजर रखेंगे पंच और सरपंच अधिवक्ता का कहना था कि उनका मुवक्किल धोबी है और अपने पेशे से समाज की सेवा करना चाहता है। सुनवाई कर रहे एडीजे ने महिला के अपमान से जुड़े मामला को देखते हुए गांव के सभी महिलाओं के वस्त्र को साफ कर आयरन करने की शर्त पर रेगुलर बेल दी है।

जिसमें 10 हजार के दो जमानतदार के अलावा उक्त शर्त को पूरा करते हुए अपने गांव के मुखिया या सरपंच अथवा किसी भी सम्मानित सरकारी कर्मी से 6 महीना तक मुफ्त सेवा करने का प्रमाण पत्र लेकर कोर्ट में समर्पित करने का निर्देश दिया है। जमानत की कॉपी गांव के सरपंच और मुखिया को भी भेजे जाने की बात कही है।


ताकि जमानत पर रिहा होने वाले युवक गांव में फ्री सेवा दे रहे हैं या नहीं इस पर नजर रखेंगे। इससे पहले भी एडीजे अविनाश कुमार ने ऐसे कई समाज को सुधारने वाले फैसले दिए हैं। इससे पहले उन्होंने स्वच्छता पर जोर देकर एक मारपीट की घटना में आरोपित को जमानत मंजूर की थी। तब कोर्ट ने आरोपित को इस शर्त पर जमानत दी थी कि आरोपी अपने घर के पास नाला की सफाई करेंगे। साथ ही, घर व उसके आसपास के क्षेत्रों में भी साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना होगा।

हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट में अपना अधिवक्ता बदला

सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अब पटना हाई कोर्ट का पक्ष सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता गौरव अग्रवाल रखेंगे। यह नियुक्ति पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के आदेश के बाद की गई है। इनकी नियुक्ति मेसर्स पारेख एंड कंपनी के स्थान पर की गई है।

श्री अग्रवाल सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पटना हाई कोर्ट से जुड़े सभी मुकदमों का पक्ष रखेंगे। यह सूचना पटना हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा दी गई है।

श्री अग्रवाल सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड भी हैं।

नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से कानूनी शिक्षा प्राप्त करने के बाद गौरव अग्रवाल ने 1999 से सुप्रीम कोर्ट में वकालत करना शुरू किया । वे भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल मिलन बैनर्जी के भी सहयोगी वकील रहे हैं।

कोरोना के बाद पहली बार 27 सितंबर से शुरु होगा फिजिकल कोर्ट

पटना हाई कोर्ट में 27 सितंबर से पहले की तरह सामान्य फिजिकल अदालती कामकाज शुरू होगी। पटना हाई कोर्ट के तीनों अधिवक्ता संघों के समन्वय समिति के अध्यक्ष वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने ये जानकारी दी है।

उन्होंने बताया कि पटना हाई कोर्ट के तीनों अधिवक्ता संघों के समन्वय समिति की पूरी टीम हाई कोर्ट के सुरक्षा समिति से मिला ,जिसमें जस्टिस ए अमानुल्लाह,जस्टिस आशुतोष कुमार, जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद व जस्टिस अरविंद श्रीवास्तव शामिल रहे।

सुरक्षा समिति के साथ बैठक के बाद चीफ जस्टिस संजय करोल ने घोषणा किया कि आगामी 27 सितंबर से फिजिकल कोर्ट शुरू होगा। पूरे मामले में चीफ जस्टिस का भी सकारात्मक रुख रहा।

यह भी तय हुआ है कि कोर्ट के पांच दिनों के कार्य दिवस में चार दिन फिजिकल और एक दिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से वर्चुअल कोर्ट चलेगा।

कोर्ट में प्रवेश के लिये हाई कोर्ट परिसर का तीन मुख्य गेट को खोला जाएगा। वकील संघों को भी दस – दस वकिलों के नाम सुझाने को कहा गया है, जो प्रवेश द्वार पर वकीलों की पहचान करेंगे, ताकि सभी लोग नियंत्रित रहे।

यह भी तय हुआ है कि संक्रमण फैलने की स्थिति में चीफ जस्टिस उचित कार्रवाई करेंगे। उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व हाई कोर्ट के एडवोकेट्स एसोसिएशन, लॉयर्स एसोसिएशन और बार एसोसिएशन के अध्यक्षों ने पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से मिलकर हाई कोर्ट में फिजिकल कामकाज शुरू करने का अनुरोध किया था। इसके बाद चीफ जस्टिस ने उक्त मामले में इन्हें हाई कोर्ट की सुरक्षा कमेटी से मिलने को कहा है।

अधिवक्ता संघों की समन्वय समिति में एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सह समन्वय समिति के अध्यक्ष वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा, लॉयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष, अजय कुमार ठाकुर, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सिंह व् अन्य सदस्य शामिल थे।

उपेन्द्र कुशवाहा और शरद यादव की बीच हुई मुलाकात से बिहार की राजनीति गरमाई

जदयू के संसदीय दल के नेता उपेन्द्र कुशवाहा और शरद यादव के बीच बंद कमरे में दो घंटे तक चली बैठक के बाद बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमा गयी है और अटकलों का दौड़ शुरु हो गया है कि शरद यादव की घर वापसी हो रही है क्या।

बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद नीतीश कुमार अपने तमाम पूराने सहयोगियों के साथ लगातार सम्पर्क में है और उनके पार्टी में वापसी को लेकर खुद पहल कर रहे हैं और उस कड़ी की शुरुआत उपेन्द्र कुशवाहा के जदयू में शामिल होने से हुआ था ,और उसके बाद पूर्व विधायक मंजीत सिंह पूर्व विधान पार्षद विनोद कुमार सिंह सहित दो दर्जन से अधिक नेताओं की घर वापसी हुई है।

हलाकि शरद यादव की वापसी के सवाल को लेकर उपेन्द्र कुशवाहा सहित पार्टी के अधिकांश नेता खुलकर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है लेकिन जिस तरीके से उपेन्द्र कुशवाहा मुलाकात की तस्वीर को सार्वजनिक किये हैं उससे कही ना कही यह लग रहा है कि अंदर खाने में कुछ ना कुछ खिचड़ी पक रही है।

क्यों कि नीतीश कुमार जिस तरीके से चिराग को निशाने पर ले रहे हैं ऐसे में बिहार में वापसी के लिए यादव वोट में डिवीजन कराने वाले बड़े चेहरे की जरुरत है भले ही इस बार कोसी का वो इलाका जदयू की प्रतिष्ठा को बचा लिया लेकिन आने वाले समय में जिस तरीके से विजेन्द्र यादव और नरेन्द्र नरायण यादव जैसे नेता बढ़ती उम्र के कारण सक्रिय राजनीति से दूर हो रहे हैं ऐसे में जदयू की परेशानी आने वाले समय में बढ़ सकती है ।

इसलिए शरद यादव सिर्फ बिहार की चुनावी राजनीति के लिए ही नहीं राष्ट्रीय फलक पर तीसरे मोर्चे को लेकर कोई सम्भावना बनती है तो उस समय शरद यादव की भूमिका महत्वपूर्ण हो जायेंगी क्यों कि इनका रिश्ता कांग्रेस से भी और लालू से भी बेहतर है। ऐसे में शरद आज की राजनीति में नीतीश की जरुरत है इस स्थिति में आने वाले समय में शरद यादव की वापसी हो जाये तो कोई बड़ी बात नहीं होगी ।

बिहार पुलिस का जवान निकला करोड़पति

ये बिहार है भाई जहां बात हमेशा भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की होती है लेकिन बिहार पुलिस का एक अदना सिपाही किस तरह से कमाई कर रहा है उसका खुलासा आज आर्थिक अपराध इकाई के छापा से हुआ है ।
बालू कारोबारी से मिलकर अकूत सम्पत्ति संपत्ति अर्जित करने वाला बिहार पुलिस का जवान नरेंद्र कुमार धीरज के जिन 9 ठीकाने पर छापामारी चल रहा था उन ठीकानों से करोड़ो की सम्पत्ति का खुलासा हुआ है

आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की टीम ने सिपाही नरेंद्र कुमार धीरज के ऊपर शिकंजा कसा है। नरेंद्र की पोस्टिंग पटना जिले में है। वे सिपाहियों के संगठन बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। इनके ऊपर भी आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का गंभीर आरोप है। EOU की जांच में करोड़ों रुपए की संपत्ति का पता चला है।

आर्थिक अपराध इकाई की माने तो अभी तक छापेमारी में 9 करोड़ 40 लाख 66 हजार सात सौ ₹45 से अधिक की परिसंपत्ति अर्जित किए जाने का साक्ष्य मिला है जो इनके वास्तविक आय से 544% अधिक है । एक दर्जन से अधिक ट्रक भी इसके परिवार के सदस्यों के नाम से चल रहा है ।

तलाशी के क्रम में कई दस्तावेज जमीन का निबंधन दस्तावेज, बीमा निगम पॉलिसी बैंक खाते वाहनों से संबंधित दस्तावेज बरामद हुए हैं जिसके बारे में कार्रवाई की जा रही है।

सिपाही नरेंद्र कुमार धीरज बिहार पुलिस एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष है और इस इसकी पोस्टिंह पटना है और आरा का रहने वाला है और कुछ दिन पहले इसके भाई की गिरफ्तारी बालू माफिया से सांठगांठ के आरोप में हुई थी
इन 9 ठिकानों पर हुई छापामारी
पटना के बेउर में महावीर कॉलोनी स्थित नरेंद्र कुमार धीरज के घर पर।
भोजपुर जिले के सहार थाना के तहत मुजफ्फरपुर गांव स्थित पुश्तैनी घर।
अरवल में भाई अशोक के घर पर।

आरा के भेलाई रोड में कृष्णा नगर स्थित भाई सुरेंद्र सिंह के 4 मंजिला मकान पर।
आरा के भेलाई रोड में कृष्णा नगर स्थित भाई सुरेंद्र सिंह के 5 मंजिला मकान पर।
आरा के भेलाई रोड में कृष्णा नगर स्थित भाई विजेंद्र कयमर विमल के 5 मंजिला मकान पर।

आरा के नारायणपुर स्थित भाई श्याम बिहारी सिंह के मॉल और घर पर।
आरा के अनाइठ स्थित भतीजा धर्मेंद्र कुमार के आशुतोष ट्रेडर्स नामक दुकान पर।
आरा के नारायणपुर स्थित भाई सुरेंद्र सिंह के छड़ व सीमेंट के दुकान और घर पर।

बिहार के एकमा, सारण में पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र का 24 सितंबर को होगा शुभारंभ

बिहार के एकमा, सारण में पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र का 24 सितंबर को होगा शुभारंभ केंद्रीय उर्जा मंत्री राजकुमार सिंह सेवा केंद्र का करेंगें उद्घाटन ।

पटना, 21.9.2021

इस सेवा केंद्र का शुभारंभ विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय उर्जा, विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार के मंत्री राजकुमार सिंह 24 सितंबर को अपराहन 03 बजे करेंगें।

मौके पर महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र से सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, एकमा के विधायक, श्रीकांत यादव, विदेश मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव, प्रभात कुमार, पूर्वी क्षेत्र भागलपुर के पोस्ट मास्टर जनरल अदनान अहमद उपस्थित रहेंगे।

शुरूआत में एकमा पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र कैंप मोड में काम करेगा। बाद में यह पासपोर्ट सेवा केंद्र के रूप में कार्य करने लगेगा। इस सेवा केंद्र में नये और पुनर्निगमन पासपोर्ट आवेदन ही स्वीकार किए जाएंगें।

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और विस्तृत जानकारी के लिए www.passportindia.gov.in पर जाया जा सकता है। आवेदक ऑनलाइन अप्यांटमेंट लेकर अपने नियत समय पर पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र में जा सकते हैं।

साथ ही उन्हें आवश्यक कागजातों की मूल प्रति और सभी संबंधित दस्तावेजों को स्वअभिप्रमाणित फोटो कॉपी लेकर जमा करने के लिए सशरीर उपस्थित होना होगा।

मंत्री अशोक चौधरी और मंत्री जनक राम की कुर्सी खतरे में हाईकोर्ट ने सुनवाई के लिए याचिका स्वीकार की

पटना हाईकोर्ट ने राज्य के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी और खनन तथा भूतत्व मंत्री जनक राम को राज्यपाल कोटा से विधान पार्षद मनोनीत किये जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सुनवाई के लिए स्वीकृत कर लिया। Veteran फोरम फॉर ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक लाइफ की याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की।

कोर्ट को अधिवक्ता अधिवक्ता दीनू कुमार ने पिछ्ली सुनवाई में बताया था कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 171के सब क्लॉज 3 और क्लॉज(5) के तहत उक्त मंत्रियों के मनोनयन को चुनौती दी गई है।

अधिवक्ता दीनू कुमार का कहना था कि अशोक चौधरी को मंत्री के तौर पर नियमों के विपरीत 6 मई, 2020 से 5 नवंबर, 2020 तक कार्य करने दिया गया। बाद में उन्हें और जनक राम को 16 नवंबर, 2021 को कथित तौर से अवैध रूप से मंत्री बनाया गया, जबकि वे विधानसभा या विधान परिषद के सदस्य नहीं थे।

विधान परिषद के सदस्य के रूप में श्री चौधरी का कार्यकाल 6 मई, 2020 को ही समाप्त हो गया था। उन्होंने कोई चुनाव भी नहीं लड़ा। उन्हें 17 मार्च, 2021 को विधान परिषद का सदस्य मनोनीत किया गया।

उनका कहना था कि इस प्रकार से 6 मई, 2020 से 5 नवंबर, 2020 तक उनका मंत्री मंत्री पद पर बने रहना असंवैधानिक है।
साथ ही 16 नवंबर, 2020 को मंत्री पद पर नियुक्ति और राज्यपाल कोटे से विधान परिषद का सदस्य मनोनीत किया जाना भारतीय संविधान के मूल भावना के विपरीत है।

दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया था कि संविधान के अनुच्छेद 164(4) का लाभ दोबारा नहीं मिल सकता है, इसलिए किसी व्यक्ति को राज्य में मंत्री नियुक्त पर 6 महीने की अवधि के भीतर उन्हें एमएलए या एमएलसी बनना होगा।

राज्यपाल कोटे से विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्टता प्राप्त व्यक्तियों को मनोनीत करने का संवैधानिक प्रावधान हैं।
आगे इस मामलें पर कोर्ट विस्तृत सुनवाई करेगा।

हाईकोर्ट के सेवानिवृत जज को सरकारी आवास खाली कराने को लेकर जनहित याचिका दायर

पटना हाई कोर्ट के जजों के सेवानिवृत होने के कई महीनों बाद भी अपने सरकारी आवास खाली नहीं करने के मामलें में पटना हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है।अधिवक्ता दिनेश कुमार सिंह ने ये जनहित याचिका दायर की हैं।

इस जनहित याचिका में यह बताया गया है कि सेवानिवृत जज जस्टिस दिनेश कुमार सिंह, जस्टिस अंजना मिश्रा,जस्टिस पी सी जायसवाल और जस्टिस ए के त्रिवेदी कई माह पहले सेवा निवृत हो चुके हैं, लेकिन उन्होंने अब तक सरकारी आवास खाली नहीं किया है।

याचिकाकर्ता दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि जस्टिस दिनेश कुमार सिंह अक्टूबर, 2020,जस्टिस पी सी जायसवाल दिसम्बर, 2019 और जस्टिस ए के त्रिवेदी अगस्त,2020ं में अपने पद से सेवानिवृत हो चुके हैं, लेकिन वे अभी सरकारी आवास में बने हुए हैं।

उन्होंने अपनी याचिका में बताया है कि जजों के सेवानिवृत होने के एक महीने के भीतर उन्हें सरकारी आवास खाली करने का प्रावधान है।अगर वे एक महीने के बाद भी सरकारी आवास में रहते हैं,तो उन्हें आवास में रहने के लिए प्रावधान के अनुसार किराया देना होगा।

उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि अगर कोई राजनीतिज्ञ या नौकरशाह अपना सरकारी आवास खाली नहीं करते है, तो कोर्ट उन्हें सरकारी आवास खाली करने का आदेश देता है, लेकिन उनके द्वारा सेवानिवृत होने के बाद सरकारी आवास खाली नहीं किया जाना दुखद है।

उन्होंने कोर्ट से इस सम्बन्ध में उचित आदेश पारित करने का अनुरोध किया है, ताकि सेवानिवृत जज अपने सरकारी आवास को खाली कर दे।

अररिया में खुलेगा ब्लड बैंक

अररिया में खुलेगा सरकारी ब्लड बैंकः मंगल पांडेय
प्रदेश में सरकारी ब्लड बैंक की संख्या हुई 39
बांका, अरवल में सरकारी ब्लड बैंक खुलेंगे शीघ्र
भागलपुर को मिलेगा एक और सरकारी ब्लड बैंक

पटना। स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने कहा कि अररिया में सरकारी ब्लड बैंक खुलेगा। ड्रग कंट्रोलर जेनरल ऑफ इंडिया ने अररिया में सरकारी ब्लड बैंक खोलने के लिये लाइसेंस जारी कर दिया। बांका और अरवल जिला में एक एक ब्लड बैंड खोलने और भागलपुर में एक और सरकारी ब्लड बैंक खोलने की प्रकिया चल रही है। इसके अलावा शिवहर, सुपौल और मोतिहारी में भी ब्लड बैंक जल्द से जल्द प्रारम्भ करने के प्रयास किये जा रहे हैं।

श्री पांडेय ने कहा कि अररिया में ब्लड बैंक शुरू होने के साथ ही प्रदेश में सरकारी ब्लड बैंक की संख्या 39 हो जायेगी। फिलहाल प्रदेश में कुल 94 ब्लड बैंड संचालित हो रहे हैं। इनमें से तीन रेडक्रास द्वारा संचालित हो रहे हैं, शेष ब्लड बैंक प्राइवेट हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जरूरतमंदों को समय पर रक्त उपलब्ध कराने को लेकर निरंतर प्रयास कर रही है। इसके लिये हर जिला में सरकारी ब्लड बैंक खोलने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने स्वस्थ लोगों से रक्तदान में बढ़चढ़ कर भाग लेने की अपील करते हुए कहा कि रक्तदान से बढ़ कर कोई बड़ा पुण्य नहीं होता है।

श्री पांडेय ने कहा कि हर साल समय पर रक्त नहीं मिलने के कारण की लोगों की असमय मौत हो जाती है। आपके रक्त से कई जरूरतमंद की जान बच सकती है। कोई भी स्वथ्य पुरुष तीन माह के बाद यानी साल में चार बार और कोई भी स्वस्थ महिला चार माह के बाद यानी साल में तीन बार रक्तदान कर सकती हैं।

महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित राज्य बनता जा रहा है बिहार

बिहार महिलाओं और लड़कियों के लिए सबसे अनसेफ राज्य बनता जा रहा है वैशाली की सुप्रिया का मामला अभी सुलझा भी नहीं है कि पश्चिम चंपारण से एक स्कूली छात्रा से गैंगरेप की खबर आ गयी और इन सब के बीच एक बड़ी खबर ये आ रही है कि राजस्थान कोटा से अपने पति से मिलकर लौट रही एक विवाहिता के साथ पटना में गैंगरेप की घटना को टैम्पू चालकों ने मिल कर अंजाम दिया है ।

खबर आ रही है कि राजस्थान के कोटा से पटना जंक्शन उतरकर मुजफ्फरपुर की बस पकड़ने स्टैंड जाने के लिए निकली महिला और उसकी तीन साल की बेटी को बेहोश कर टेम्पो में बैठे लोगों ने अगवा कर लिया। और दो दिनों तक चार लोग बेटी की हत्या का भय दिखाकर महिला से गैंगरेप करता रहा। तीसरी रात बेटी समेत महिला को एक अपराधी बाइक से फोरलेन पर छोड़ आया।

महिला के बयान पर दर्ज प्राथमिकी के अनुसार वह मूलत: मोतिहारी की है, लेकिन पति के साथ कोटा में रहती है। इस बार वह कोटा से तीन साल की बेटी के साथ आई थी। 16 सितंबर की शाम पटना जंक्शन उतरी तो बस स्टैंड जाने के लिए हरा-पीला रंग के टेम्पो पर सवार हुई। टेम्पो पर चालक के अलावा दो और लोग थे।

इन्हीं में से एक ने गर्मी अधिक होने की बात करते हुए मुंह के पास रूमाल झाड़ दिया। उसके बाद उसे कुछ पता नहीं चला। अगली सुबह 5 बजे उसे एक फर्टिलाइजर दुकान में होश आया। टेम्पो पर सवार दो के अलावा यहां महिला को दो और लोग दिखे।

18 सितंबर को आधी रात के बाद मणि नाम के बदमाश ने उसे बाइक से पटना-बख्तियारपुर फोरलेन पर छोड़ दिया। महिला ने चारों की बातचीत में मणि, पंकज, संतोष और सोनू का नाम सुना। पुलिस ने सोतीचक से सोनू व दरियापुर गांव से पंकज को गिरफ्तार किया है। डीएसपी के मुताबिक मणि व संतोष की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।

गिरफ्तार सोनू और पंकज के अनुसार मणि ने रूमाल झाड़कर महिला और उसकी बेटी को बेहोश किया था। फिर महिला-बेटी को दोनों ने जीरो माइल के पास उतार लिया। संतोष ने महिला को बीमार और बच्ची को सोया बताकर दूसरा टेम्पो लिया और यहां से सुडीहा स्थित ऋद्धि-सिद्धि फर्टिलाइजर दुकान में उतारा। सोनू और पंकज को सिटी कोर्ट में पेशी के बाद जेल भेज दिया गया है, जबकि महिला को मेडिकल और 164 में बयान के बाद उसके परिजनों के पास भेज दिया गया।

पूर्व मुख्यमंत्री भोला पासवान शास्त्री की जंयती राजकीय सम्मान के साथ मनाया गया

उपमुख्यमंत्री ने भोला पासवान शास्त्री की जयंती पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
पटना 21 सितंबर 2021

स्थानीय श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल के प्रांगण में आयोजित राजकीय समारोह में स्वर्गीय भोला पासवान शास्त्री की जयंती के अवसर पर बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद ने उनके तैल चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
उन्होंने कहा कि स्वर्गीय भोला पासवान शास्त्री एक प्रखर राष्ट्रवादी राजनेता थे। वे तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे। उनका व्यक्तित्व अनुकरणीय है। उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व को सदा याद रखा जाएगा।

इस अवसर पर खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्रीमती लेसी सिंह, विधायक श्री संजीव चौरसिया, पटना के जिलाधिकारी डॉ० चंद्रशेखर सिंह, अपर समाहर्ता श्री विनायक मिश्र सहित जिला प्रशासन से वरीय पदाधिकारीगण एवं स्थानीय गणमान्य नागरिकगण उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के कलाकारों द्वारा भजन-कीर्त्तन के कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।

बिहार को दहलाने की किसने रची है साजिश

“तमाशबीन हूँ मैं “
ऐसी कौन सी ताकत है जो बिहार को दहलाने की साजिश रच रहा है । दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आए दो ISI एजेंट से प्राप्त इनपुट के आधार पर रेलवे सुरक्षा बल के मंडल सुरक्षा आयुक्त ए.के लाल ने आतंकी कार्रवाई को लेकर बिहार के 13 जिलों के SP सहित रेल पुलिस को अलर्ट रहने का आदेश दिया है।

RPF के मंडल सुरक्षा आयुक्त ने समस्तीपुर, दरभंगा, सीतामढ़ी, सुपौल, मोतिहारी, बेतिया, मुजफ्फरपुर, खगड़िया, मधुबनी, बेगूसराय, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया SP सहित रेल पुलिस अधीक्षक मुजफ्फरपुर व कटिहार को पत्र जारी कर भेजा है।

दूसरी खबर बेगूसराय से है जहां विधायक के भाई के गांड़ी चालक के घर से पहले यह खबर आयी थी की दो एके47 राइफल और 200 गोली के साथ साथ 6 लाख रुपया कैस बरामद हुआ है ।अब बेगूसराय पुलिस एक एके 47 राइफल के बरामद होने की दबी जुबान से स्वीकार कर रही है। आज एसपी मीडिया से इस मसले पर बात कर सकते हैं लेकिन बड़ा सवाल यह है कि एके 47 जैसा खतरनाक हथियार 200गोली और 6 लाख कैस किस बात की तैयारी के लिए जमा किया गया था क्यों कि इस तैयारी के साथ अपराधी किसी भी बड़ी घटना को अंजाम दे सकता है ।

बेगूसराय और उसके आसपास के अपराध पर नजर रखने वाले पूर्व और वर्तमान पुलिस अधिकारी के साथ साथ अपराध जगत पर नजर रखने वाले विशेषज्ञ भी इस बरामदगी को लेकर हैरान है क्यों कि इस समय बेगूसराय में ना तो उस तरह का कोई गैंगवार चल रहा है और ना ही पंचायत चुनाव को लेकर ऐसी कोई गोलबंदी चल रही है जिसको लेकर इतनी बड़ी तैयारी कि जाये तो फिर ये जखीरा किसके लिए जुटाया गया था एक बड़ा सवाल है ।

क्यों कि बेगूसराय पुलिस जिस दबाव में है उससे लग रहा है कि यह मामला साधारण नहीं है कही ना कही इसके पीछे बड़ी साजिश है ।देखिए आगे आगे होता है क्या लेकिन एक यक्ष सवाल है बिहार जहां अभी भी स्टेट थोड़ा सोफ्ट है ऐसे में ISI बिहार को निशाने पर क्यों लेगा ।बड़ा सवाल है क्यों कि बिहार में छुपने या फिर नेपाल जाने का सबसे सहज मार्ग है ऐसे में कोई भी आंतकी संगठन अमूनन इस तरह के इलाके में आतंकी घटना को अंजाम देने से बचता है यह साधारण फर्मूला है ऐसे में कुछ दिन पूर्व दरभंगा स्टेशन के पार्सल से विस्फोटक मिलना ।

रेलवे आयुक्त द्वारा बिहार के 13 जिलों को अर्लट भेजना यह क्या दर्शाता है ।जबकि बीते कई वर्षो से आतंकवादियों के पनाह देने या फिर आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने कि बात पहले जैसे सामने नहीं आयी है जब की एक दौड़ ऐसा भी था जब पूरे देश में दरभंगा मॉड्यूल एक बड़ी आतंकी गैंग और सोच के रुप में उभरा था ।भटकल के गिरफ्तारी के बाद कोई गतिविधि देखने को नहीं मिल रही है ।

ऐसे में इस तरह का अलर्ट और फिर एके 47 जैसा हथिहार का मिलना सवाल तो खड़ा करता है कि कोई है जो बिहार को दहलाना चाह रहा है कोई जो है बिहार के शांति में खलल डालना चाह रहा है ।
क्यों कि गाँधी मैदान ब्लास्ट के पीछे किसने साजिश रची थी यह सवाल आज भी अनुत्तरित है ।

हजारों वकील के बैंक खाते का डाटा हुआ लीक मचा अफरातफरी।

पटना हाईकोर्ट कैंपस स्थित एस बी आई ब्रांच से कथित तौर पर वकीलों के बैंक खातों की डिटेल्स लीक होने की आशंका के वकीलों मैं अफरातफरी मच गई। आज पटना हाई कोर्ट के कई वकीलों ने सोशल मीडिया और व्हाट्सएप ग्रुप के जरिये शिकायत की गई कि उन्हें अनजान नंबर से कॉल आया।

वकीलों ने बताया कि पटना हाई कोर्ट कैम्पस स्थित सबीआई शाखा में ऑनलाइन केवाईसी कराने को कहा गया । इस फोन पर उन्हें यह भी चेतावनी दी गयी कि अगर वकील लोग फोन के जरिये केवाईसी की जानकारी (रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर , आधार नम्बर व पैन नम्बर ) नही देंगे, तो तत्काल प्रभाव से उनका एकाउंट को ब्लॉक हो जाएगा ।

वकीलों ने इसे साइबर क्राइम का दर्जा देते हुए प्रशासन से इस मामले में तुरंत कार्रवाई करने की गुहार लगाई है | हाई कोर्ट के एक अधिवक्ता पतंजलि ऋषि ने इस मामलें साइबर थाने में एक शिकायत भी दर्ज किया है ।

कई अधिवक्ताओं ने संदेह जाहिर किया है कि यह काम बैंक कर्मियों की मिलीभगत से हो रहा है | अधिकांश वकीलों को ऐसे कॉल पूर्वाह्न 11 बजे से दोपहर 1 बजे के बीच मिले ।

उनमे से अधिकांश वकीलों का खाता हाई कोर्ट ब्रांच में तो कुछ वकीलों का खाता एसबीआई की अन्य शाखा में है ।