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बिहार में कोरोना का कहरा जारी 48 घंटे में हुई 12 मौत

#Covid19 बिहार में कोरोना का कहर जारी है पिछले 24 घंटे में 6413 कोरोना के मरीज मिले हैं जिसमें पटना में सबसे ज्यादा 2014 मरीज मिले है और इसके साथ ही राज्य में एक्टिव केसों की संख्या बढ़कर 28659 हुई। वही पिछले 48 घंटे में 12 लोगों की मौत हो गयी है ।

कोरोना की तीसरी लहर में पहली बार एक साथ 7 मौत हुई है। पटना AIIMS में 67 साल की संक्रमित महिला की मौत हुई है। वह सारण की रहने वाली थी। 10 जनवरी को उन्हें AIIMS में भर्ती कराया गया था और 11 को मौत हो गई। नालंदा मेडिकल कॉलेज में मंगलवार को 3 मौतें हुई हैं। इनमें आलमगंज पटना के 70 साल के संक्रमित, जमुई के 70 साल के संक्रमित और पटना के गौर हट्‌टा के 68 साल के संक्रमित शामिल हैं।

1–हलके में ना ले कोरोना को घातक साबित हो सकता है

मौत का यह आकड़ा कोरोना की दूसरी लहर में भी शुरुआती दिनों में ऐसा ही था हालांकि इस बार की चुनौती दोहरी है। क्योंकि कोरोना के एक नहीं 2 वैरिएंट से लड़ाई है। इसमें एक डेल्टा है, जिसने दूसरी लहर में तबाही मचाई। वहीं, दूसरा ओमिक्रॉन, जो संक्रमण की रफ्तार को कम्युनिटी स्प्रेड कर दिया है। ऐसे में अब खतरा बढ़ रहा है। वैक्सीनेशन और कोरोना प्रोटोकाॅल में लापरवाही भारी पड़ सकती है। क्योंकि वायरस का कम्युनिटी स्प्रेड हो चुका है। यही कारण है कि स्वास्थ्य विभाग भी वायरस को अंडर स्टीमेट करना खतरनाक बता रहा है।

एक्सपर्ट बताते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर में डेल्टा ने तबाही मचा दी थी। इस बार भी वह जानलेवा है। मौत का कारण भी बन रहा है। वैक्सीनेशन नहीं कराने वालों पर इसका बड़ा असर दिख रहा है।

कोरोना पर स्टडी करने वाले पटना एम्स के ट्रामा इमरजेंसी के एचओडी डॉ. अनिल कुमार का कहना है कि अगर वैक्सीनेटेड नहीं है और उसके बाद भी कोरोना को हल्के में ले रहे। बिना मास्क के सोशल डिस्टेंस भी नहीं मान रहे तो यह जान से बड़ा खिलवाड़ है। डेल्टा अभी खत्म नहीं हुआ था और वह आज भी एक्टिव है। ऐसे में 48 घंटों के दौरान 12 मौत खतरे की घंटी है।

2–प्रतिबंध के साथ लांक डाउन बिहार में जारी रहेगा

हालांकि आपदा प्रबंधन प्राधिकारी की बैठक में और सख्त प्रतिबंध लगाने और शनिवार और रविवार को पूर्ण कर्फ्यू पर विचार किया गया लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने फिलहाल जो पाबंदी लगी हुई है उसे ही जारी रखने के पक्ष थे फिलहाल बिहार में जारी रहेगी पाबंदी और जो गाइडलाइंस जारी हुआ है उसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है एक सप्ताह बाद फिर बैठक होगी उस बैठक में हालात की समीक्षा के बाद आगे का निर्णय लिया जायेगा ।

कोहरा और बारिश की वजह से उड़ान सेवा पर पड़ा असर

पटना -कोहार और बादल छाये रहने के कारण आज भी उड़ान सेवा प्रभावित रहा एयरपोर्ट की और से जारी सूचना के अनुसार बुधवार को सुबह 9 बजे से लेकर शाम 7:25 बजे तक के जारी किए गए टाइम-टेबल के अनुसार आने-जाने में कुल 12 फ्लाइट कैंसिल हुई है। जिसमें 6 अराइवल की तो 6 फ्लाइट डिपार्चर की कैंसिल है। जबकि, आने-जाने में कुल 5 फ्लाइट आज रिशिड्यूल की गई है…

आने में कैंसिल हुई फ्लाइट

सुबह 9 बजे की दिल्ली से आने वाली SG-8721
सुबह 10:40 की दिल्ली से आने वाली G8-143
सुबह 11:55 पर बेंगलुरु से आने वाली G8-873
दोपहर 12:20 पर दिल्ली से आने वाली G8-2511
दोपहर 1:10 पर दिल्ली से आने वाली G8-131
दोपहर बाद 3:35 पर दिल्ली से आने वाली G8-231

इस वजह यात्रियों को खासा परेशानी हो रही है मौसम विभाग का जो पूर्वानुमान है उसके अनुसार फिलहाल तीन दिनों तक स्थिति में सुधार की सम्भावना नहीं है

बिहार में मौसम का मिजाज बदला कई जिलों में हो रही है बारिश

मौसम विभाग की माने तो आने वाले 3 दिनों तक राजधानी सहित पूरे प्रदेश में बारिश होगी चक्रवाती परिसंचरण बिहार और झारखंड पर पड़ रहा है इसके साथ ही बंगाल की खाड़ी से पश्चिमी विक्षोभ भी बिहार के मौसम को इफेक्ट कर रहा है दिन और रात के तापमान में कोई खास परिवर्तन नहीं होगा कई स्थानों पर कुहासा और कोहरा का असर देखने को मिलेगा ।

राज्य में सारण के मसरख में सबसे ज्यादा बरसात हुई है 22 पॉइंट 6 मिलीमीटर बारिश हुई है राज्य में पश्चिम चंपारण में सबसे कम तापमान 11.6 आंका गया। कि अररिया में सबसे ज्यादा 25.3 आंका गया। मौसम विभाग की मानें तो दरभंगा समस्तीपुर बेगूसराय से सहरसा मधेपुरा भागलपुर जमुई पूर्णिया कटिहार में बारिश नहीं हुई है ।

Weather Report

कोरोना गाइडलाइन के तहत सूबे में चल रहा मिशन परिवार विकास अभियानः मंगल पांडेय

#Covid19 कोरोना गाइडलाइन के तहत सूबे में चल रहा मिशन परिवार विकास अभियानः मंगल पांडेय

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि कोरोना संक्रमण के काल में भी स्वास्थ्य विभाग परिवार नियोजन पर फोकस करने की योजना पर काम कर रहा है। इसकी जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए राज्यभर में 29 जनवरी तक परिवार विकास अभियान चलेगा। इसके तहत 10 से 16 जनवरी तक दंपत्ति संपर्क पखवाड़ा, तो 17 से 29 जनवरी तक परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा आयोजित की गई है। कोरोना संक्रमण के बीच इस को अभियान आयोजित करने को लेकर विभाग द्वारा गाइडलाइन जारी किया है।

श्री पांडेय ने कहा कि विभाग द्वारा 10 से 16 जनवरी तक दंपती संपर्क अभियान चलाकर योग्य लाभुकों की पहचान कर उसकी सूची तैयार करने का निर्देश दिया गया है। इसकी जिम्मेदारी आशा कार्यकर्ता और एएनएम को दी गई है। अभियान के दौरान परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी पर जोर दिया जाएगा। मिशन परिवार विकास अभियान का आयोजन सभी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल एवं सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में आयोजित किया जायेगा। अभियान के दौरान इच्छुक तथा योग्य दंपतियों को परिवार नियोजन के अस्थाई एवं स्थाई उपाय अपनाने के लिए प्रेरित भी किया जायेगा।

श्री पांडेय ने कहा कि गर्भनिरोधक सूई अंतरा सेवा की उपलब्धता अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ साथ शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर सहित स्वास्थ्य उपकेंद्र तक के सभी स्वास्थ्य ईकाइयों पर की गई है। आमजन में जागरूकता लाने के लिए प्रचार प्रसार के अंतर्गत सही उम्र में शादी, शादी के कम से कम दो साल के बाद पहला बच्चा, दो बच्चों में कम से कम तीन साल का अंतर, परिवार नियोजन के स्थायी एवं अस्थायी उपाय, परिवार कल्याण ऑपरेशन में पुरुषों की भागीदारी पर जोर देंगे।

हाईकोर्ट में कोरोना महामारी से निपटने को लेकर राज्य सरकार की तैयारी पर सुनवाई टली ।

#Covid19 पटना हाईकोर्ट में राज्य में कोरोना महामारी के नए वेरिएंट के बढ़ते प्रभाव के रोक थाम व नियंत्रित किये जाने के मामले पर सुनवाई कल 13 जनवरी,2022 तक टली। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने शिवानी कौशिक व अन्य की जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की।

पिछली सुनवाई में कोर्ट के समक्ष राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने इस महामारी के रोक थाम और नियंत्रित करने के लिए की जा रही कारवाइयों का ब्यौरा दिया।

इससे पहले की सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को ये बताने को कहा था कि करोना महामारी के तीसरे लहर के रोकथाम और स्वास्थ्य सेवा की क्या कदम उठाए जा रहे है।।एडवोकेट जेनरल ने कोर्ट को बताया कि इस महामारी पर नियंत्रण के कई तरह के राज्य सरकार ने कदम उठाए हैं।

उन्होंने कोर्ट को बताया कि करोना महामारी के रोक थाम के दिए गए दिशानिर्देशों का पालन सख्त तरीके किया जा रहा है।सार्वजानिक स्थलों,सिनेमा,मॉल,पार्क आदि को फिलहाल बंद कर दिया गया।
साथ ही 10 रात्रि से सुबह पाँच बजे तक curfew भी प्रशासन ने लागू कर दिया है।
सरकारी,निजी दफ्तरों में कर्मचारियों के पचास फी सदी उपस्थिति के साथ ही कार्य होगा।स्कूलों कॉलेजों में भी इसी तरह की व्यवस्था की गई हैं।
उन्होंने कोर्ट को जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में स्वास्थ्य सेवा को इसके महामारी से निबटने कार्रवाई करने को तैयार किया जा रहा।सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में करोना मरीज के ईलाज के पूरी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।

कोर्ट को यह भी बताया गया कि अभी दो लाख व्यक्तियों का प्रति दिन टेस्ट किया जा रहा है।ऑक्सीजन की आपूर्ति व्यवस्था दुरुस्त है और अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति के पूरी कार्रवाई हो रही है।

जो व्यक्ति करोना से पीड़ित हैं,उनके लिए ईलाज की व्यवस्था की गई है।उन्हें आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराई जा रही है।अभी जो ओम्रिकोन नामक नए वेरिएंट के तेजी से बढ़ने के कारण स्थिति में परिवर्तन हो रहा है। दिल्ली,मुंबई जैसे शहरों से ले कर देश के अन्य भागों में ओम्रिकोन बहुत तेजी से फैल रहा है।

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली हाईकोर्ट व अन्य कई हाई कोर्ट में ऑनलाइन सुनवाई शुरू कर दी गई है। इस स्थिति को देखते हुए पटना हाईकोर्ट में पिछले सप्ताह ऑनलाइन सुनवाई प्रारम्भ हो चुका है।

इस मामले पर 13 जनवरी, 2022को सुनवाई होगी।

लॉ कॉलेजों की संबद्धता मामले में आज हाईकोर्ट में हुई सुनवाई

पटना हाईकोर्ट ने राज्य के सभी सरकारी व निजी 27 लॉ कालेजों की संबद्धता के मामले की सुनवाई की। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने कुणाल कौशल की जनहित याचिका पर सुनवाई करते बार कॉउन्सिल ऑफ इंडिया को inspection रिपोर्ट की कॉपी सम्बंधित पक्षों देने का निर्देश दिया।

पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने इन कालेजों का निरीक्षण कर बार कॉउन्सिल ऑफ इंडिया को तीन सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।साथ ही कोर्ट ने कॉउन्सिल को जिन कॉलेजो को पढ़ाई जारी करने की अनुमति दी है, वहां व्यवस्था सम्बन्ध व सुविधाओं के सम्बन्ध में हलफनामा दायर करने को कहा था।

पिछ्ली सुनवाई में कोर्ट ने सभी लॉ कालेजों को बार काउंसिल ऑफ इंडिया के समक्ष एक सप्ताह में निरीक्षण हेतु आवेदन देने का निर्देश दिया था। साथ ही बार काउंसिल ऑफ इंडिया इन कालेजों का वर्चुअल या फिजिकल निरीक्षण करने का निर्देश दिया था।

बार काउंसिल ऑफ इंडिया के निरीक्षण कमेटी का रिपोर्ट बार काउंसिल ऑफ इंडिया के संबंधित कमेटी के समक्ष प्रस्तुत किया जाना था। यह कमेटी इनके रिपोर्ट पर निर्णय लेगी।

बार काउंसिल ऑफ इंडिया यह देखेगी कि विधि शिक्षा, 2008 के नियमों का पालन इन शिक्षण संस्थानों में किया जा रहा है या नहीं। इन लॉ कालेजों को पुनः चालू करने के लिए अस्थाई अनुमति देते हुए बार काउंसिल ऑफ इंडिया किसी भी प्रकार का नियमों में ढील नहीं देगी।

इससे पूर्व की सुनवाई में पटना हाईकोर्ट ने राज्य के सभी सरकारी व निजी लॉ कालेजों में नामांकन पर रोक लगा दिया था। साथ ही चांसलर कार्यालय, राज्य सरकार, संबंधित विश्वविद्यालय व अन्य से जवाब तलब किया गया था।

बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने कोर्ट के समक्ष रिपोर्ट पेश किया था, जिसमें यह कहा गया था कि राज्य में जो लॉ कालेज हैं, उनमें समुचित व्यवस्था नहीं है। योग्य शिक्षकों व प्रशासनिक अधिकारियों की भी काफी कमी हैं। इसका असर लॉ की पढ़ाई पर पड़ रहा है। साथ ही साथ बुनियादी सुविधाओं की भी कमी है।

याचिकाकर्ता के वकील दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि राज्य के किसी भी सरकारी व निजी लॉ कालेजों में रूल्स ऑफ लीगल एजुकेशन, 2008 के प्रावधानों का पालन नहीं किया जा रहा है।

याचिकाकर्ता के ओर से कोर्ट में पक्ष प्रस्तुत करते हुए अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि राज्य में सरकारी व निजी लॉ कालेज 27 हैं, लेकिन कहीं भी पढ़ाई की पूरी व्यवस्था नहीं होने के कारण लॉ की पढ़ाई का स्तर लगातार गिर ही जा रहा है। इस मामले पर 17 जनवरी,2022 को फिर सुनवाई होगी।

मुजरा और तबला का कहरवा ताल बस यादो में ही शेष रह गयी है

कोई तीन दशक पहले तक राजपूत के बेटे की शादी में बारात निकलने से पहले एक खास तरह की तैयारी होती थी और उस तैयारी पर बरात के सबसे जिम्मेदार व्यक्ति की खास नजर रहती थी।कालीन ,मसलद ,इत्रदान ,गुलाब खास , पनबट्टा ,ट्रे के साथ साथ कई तरह के फल और ड्राई फ्रूट्स की विशेष तौर पर खरीदारी होती है। कालीन,इत्रदान ,गुलाब खास, पनबट्टा और कई तरह का ट्रे सभी चांदी से निर्मित होते थे ये सारी सामग्री इलाके के किस बाबू साहेब के पास बढ़िया है सबको पता रहता था और जैसे ही शादी ठीक होता था। सबको निमंत्रण के साथ सूचित कर दिया जाता था कि बेटे की शादी है आपके सहयोग की जरूरत है। जिनके पास इस तरह का सामान हुआ करता था वो शादी से दो तीन दिन पहले उसका अच्छे से सफाई करा कर शादी के एक दिन पहले मखमली कपड़े में सजा कर लड़के वाले के यहां भिजवा दिया करते थे।

मुजरा नाच की कला भी आधुनिकता की भेट चढ़ गया

ये सारी तैयारी मुजरा की महफिल राजशाही दिखे इसके लिए की जाती है इतना ही नहीं इलाके में एक दो लोग होते थे जिन्हें पता रहता था कि चतुर्भुजस्थान (मुजफ्फरपुर)या सोना गाछी (कोलकाता) की कौन सी तवायफ है जो अच्छा मुजरा गाती है ,उन्हें लड़के वाले विशेष तौर पर आमंत्रित करते थे ।

इन तमाम तैयारी में लड़के वाले के घर की महिलाएं भी शामिल रहती थी और कुछ छूटे नहीं इसका खास ख्याल रखती थी।
शादी की रात तवायफ की नाच में लड़के के परिवार वाले शामिल नहीं होते थे और कहां जाता था कि आज लड़की के गांव वाले के लिए नाच हो रहा है ,लेकिन शादी के कल होकर जिसे मरजाद कहां जाता था उस दिन खास तरह के नाच का आयोजन होता था एक तरफ लड़की वालो के यहाँ बकरा बनता रहता था दूसरा जहां बारात ठहरता था जिसे जनवासा कहां जाता था वहां दोपहर में खास तरह का महफिल सजता था इस महफिल में तवायफ पूरी तौर पर परम्परागत ड्रेस में आती थी और एक से एक मुजरा गाती थी उस महफिल में दूल्हा राजा भी बैठते थे।

इतना ही नही बाबा से लेकर पोता तक दमाद बाबू सब साथ बैठ कर मुजरा देखते थे मुझे आज भी दो शादी का कुछ कुछ याद है तबला ,ढोलक और हारमोनियम यही तीन चार वाद्ययंत्र हुआ करता था ,जुगलबंदी के साथ कार्यक्रम की शुरुआत होती थी और उस दौरान तवायफ की घुँघरू के साथ तबला ,ढोलक और हारमोनियम बजाने वाले का हाथ चलता था तवायफ की पैर में बंधी घुँघरु भी संगीत के लय के अनुसार थिरकती थी । गीत शुरु होने से पहले आधे घंटे तक यह जुगलबंदी चलता था इसी में पता चल जाता था कि जो तवायफ आयी वो संगीत की साधना में कितना निपुण है जहां तक मुझे याद है मामा की शादी में मुजफ्फरपुर से तवायफ आयी थी कोई चर्चित रही होगी वो एक गाना गायी थी पहली बार सूने थे और वह गीत मुझे इतना भाया कि आज भी जब मौका मिलता है सुन लेते है जी हैं वह गीत था Movie- दाग (1973),Music लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल,Lyrics By: साहिर लुधियानवी और लता मंगेशकर गायी हैं ,
जब भी जी चाहे, नई दुनिया बसा लेते हैं लोगएक चेहरे पे कई चेहरे, लगा लेते हैं लोग ।
क्या गायी थी वो पूरा महफिल शांत होकर उसके उस गीत को सुनता रहा इसी तरह के क्लासिकल संगीत का फरमाइस हुआ करता था ऐसे ही क्लासिकल संगीत से सराबोर रहता था वह महफिल ।

दो तीन वर्ष बाद मेरे दूसरे मामा जी के लड़के के शादी में एक बार फिर वही नर्तकी आयी थी दोपहर का कार्यक्रम चल रहा था गाना शुरू था मेरे जेहन में वो गाना इस कदर बस गया था कि मैं तवायफ को उसी गाने का फरमाइश कर दिया वो थोडा संकोच करने लगी ना ना वो गाना मैं नहीं गाती और मैं कहां रहा था आप ही गायी थी ,
तभी वो अपने टीम की ओर इशारा किया और वो भागा भागा गया और एक खूबसूरत डायरी लेकर आया और फिर वो डायरी पलटी और गाना शुरू की मामा जी का आदेश हुआ भगिना का फरमाइश है ऐगेन रिपीट और वो पूरे कार्यक्रम के दौरान तीन बार गायी , मामा जी से पैसा दिये भगिना दीजिए इनको ।

वो क्या दौर था उसकी आप लाख आलोचना कर ले लेकिन इस तरह के कार्यक्रम से संगीत की गहराई और तवायफ ही सही लेकिन उसको देख कर एक तहजीव की समझ तो पुरुषों में जरुर बनता था।

वर्षो बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट के साथ जो वीडियो लगा है देखने को मिला पिछले तीन दिनों में कितनी बार देखे हैं कह नहीं सकते हर बार मुजरा और तबला का वो कहरवा ताल जो अब बीते दिनों की बात हो गयी।
कहां कही सुनने को मिलता है क्या क्लास है साड़ी और घूँघट में आज जो कहर ढाह सकती है दुनिया में कोई दूसरा ड्रेस नहीं है जो इस तरह कहर ढाह सके।

वेंटिलेटर के संचालन हेतु कर्मियों को मिलेगा और बेहतर प्रशिक्षण -स्वास्थ्यमंत्री

#Covid19 इलाज के लिए जिलों को केंद्र से चिह्न्ति दवाओं की उपलब्धता करायी जा रही सुनिश्चित : मंगल पांडेय

पटना। स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग तत्परता से काम कर रहा है। कुशल रणनीति के तहत विभाग कोरोना संक्रमण की रोकथाम और उपचार में लगा है। इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी जिलों में केंद्र से चिह्नित जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जा रही है। वहीं कोरोना के बेहतर उपचार के लिए राज्य के सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर संचालन एवं रख-रखाव के लिए मेडिकल कॉलेजों एवं जिलों में पदस्थापित डॉक्टरां और कर्मियां को प्रशिक्षित करने की प्रक्रिया जारी है।

श्री पांडेय ने कहा कि कोरोना मरीजों के बेहतर इलाज के लिए सभी सिविल सर्जनों और मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल के अधीक्षकों को आवश्यक निर्देश दिये गये हैं। इसके लिए जिलों को कोरोना इलाज के चिह्नित दवाइयां र्प्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया गया है। बीएमएसआईसीएल द्वारा इन दवाओं को चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पतालों एवं सभी जिलों को केस के आधार पर दवाइयां लगातार आवंटित की जा रही है। वहीं वेंटिलेटर की उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को अत्यधिक विशिष्ट बनाने के लिए उसे सुचारू रूप संचालित करने के लिए चिकित्सक एवं पारामेडिकल स्टाफ के रिफ्रेशर प्रशिक्षण की आवश्यकता महसूस की गई है। ऐसे में चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल से लेकर जिला अस्पताल एवं अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में पदस्थापित चिकित्सकों एवं पारा मेडिकल स्टाफ को वेंटिलेटर के संचालन एवं रख-रखाव के लिए और बेहतर प्रशिक्षण हेतु एम्स, पटना से समन्वय बनाया गया है।

श्री पांडेय ने कहा कि कोविड संक्रमण से उत्पन्न वर्तमान स्थिति में गंभीर रोगियों के उपचार को ध्यान में रखते हुए आक्सीजनयुक्त बेड, आईसीयू बेड एवं वेंटिलेटर समेत अन्य व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया गया है। इसी क्रम में सरकार द्वारा चिकित्सा महाविद्यालय अस्पतालों यथा सभी जिलों के सदर अस्पतालों में वेंटिलेंटर अधिष्ठापित कर दी गई है। साथ ही उसके संचालन के लिए कई चरणों में डॉक्टरां एवं कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जृा चुका है।

बिहार में कोरोना का सुनामी पटना बना हाॅट स्पोट

#Covid19 बिहार में कोरोना का सुनामी जारी है आज शाम तक जारी आकड़ों के अनुसार आज 5908 लोग पॉजिटिव पाए गए। वहीं, 5 लोगों की मौत भी हुई है। मृतकों में NMCH से 2, साईं हॉस्पिटल से 1, PMCH से 1 और भागलपुर से एक संक्रमित शामिल हैं। अकेले पटना में 2202 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। इधर, सोमवार को कोरोना के 4,737 नए मामले सामने आए, जो रविवार के आंकड़े से 6% कम है लेकिन इस दौरान रविवार की तुलना में जांच भी कम हुआ । रविवार को 5,022 कोरोना केस आए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने CM नीतीश कुमार से फोन पर बात कर उनका हालचाल जाना। नीतीश कोरोना पॉजिटिव होने के बाद से होम आइसोलेशन में हैं।

वही बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा है कि नये वैरियंट की वजह से बढ़ता कोरोना संक्रमण जब विशिष्ट व्यक्तियों, डाक्टरों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को भी अपनी चपेट में ले रहा है, तब आम नागरिकों को ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए।

उम्र या बीमारी के कारण जिन्हें बूस्टर डोज की जरूरत है, उन्हें इसके लिए बेहिचक आगे आना चाहिए।

  1. कोरोना की तीसरी लहर का सामना करने के लिए वैक्सीन की कोई कमी नहीं है। केंद्र सरकार ने बिहार सहित सभी राज्यों को 156.05 करोड़ डोज उपलब्ध करायी है। स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। अभी संक्रमितों में केवल 5 से 10 फीसद लोगों को ही अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत है।

लोगों को भयभीत होने के बजाय मास्क, दूरी और होम आइसोलेशन के जरिये स्वयं को सुरक्षित करना चाहिए।

अब दिल्ली में गया के तिलकुट और भागलपुरी कतरनी चूरा का लुत्फ़ उठा सकेंगे बिहारवासी, मकर संक्रांति के मौक़े पर बिहारिका की ख़ास पहल

अब दिल्ली में गया के तिलकुट और भागलपुरी कतरनी चूरा का लुत्फ़ उठा सकेंगे बिहारवासी, मकर संक्रांति के मौक़े पर बिहारिका की ख़ास पहल

• बिहारिका में तिलकुट, चूरा, गुड़, लाई, मखाना उपलब्ध

• बिहार के अलग-अलग ज़िलों से मंगवाए गए पकवान

• बिहार की संस्कृति को सहज तरीक़े से प्रसारित करने का ‘बिहारिका’ एक सुलभ माध्यम बनकर उभरा है।

• “बिहारिका न सिर्फ़ दिल्ली में स्थित बिहार के निवासियों के लिए बिहार से जुड़ने का एक मौक़ा है बल्कि वहाँ के कारीगरों, बुनकरों और किसानों को आर्थिक रूप से सहयोग करने का एक रास्ता भी है,” स्थानिक आयुक्त, बिहार भवन

नई दिल्ली के बिहार निवास, चाणक्यपुरी स्थित ‘बिहारिका’ में आगामी मकर संक्रांति को लेकर तैयारियाँ शुरू हो गईं है। बिहार की कला देहरी, बिहारिका, में बिहार के अलग-अलग ज़िलों के हस्तशिल्प और हथकरघा निर्मित उत्पादों के अलावा खाने-पीने की चीज़ों को भी शामिल किया गया है। इनमें गया का तिलकुट, भागलपुरी कतरनी चूरा, गुड़, मटकी दही, धनरुआ की लाई, मिथिला मखाना और अन्य खाद्य पदार्थ शामिल हैं। 11 जनवरी मंगलवार से 14 जनवरी तक ये सामान उपलब्ध होंगे।

स्थानिक आयुक्त, पलका साहनी (भाप्रसे) ने बताया, “राजधानी दिल्ली में रहने वाले बिहार के वे लोग जो खास तौर पर वहाँ त्योहारों पर बिहार के पकवान को मिस करते हैं, उनके लिए हमने इस पहल की शुरुआत की है। बाजार में उपलब्ध कतरनी चूरा की गुणवत्ता उत्तम मानी जाती है। यह बेहद नरम और सुगंधित होता है। चावल की इस किस्म की न केवल भागलपुर जिले में बल्कि पूरे देश में भारी मांग है। ऐसा माना जाता है कि कतरनी चावल की सुगंध और स्वाद, इस जिले में प्राकृतिक रूप से बनने वाले पर्यावरण का एक उपहार है। बिहारिका में गया का तिलकुट भी उपलब्ध है। हमने अक्सर ये महसूस किया है कि बिहार के पकवानों की दिल्ली में बहुत मांग है। देश-विदेशों तक तिलकुट, लाई और खाजा को पसंद किया जाता है। हमें विश्वास है कि आने वाले समय में राजधानी दिल्ली और बिहार की दूरी बिहार राज्य के व्यंजन और कला से पाट दी जाएगी।”

ज्ञात हो कि बिहार से 300 किलो उच्च क्वालिटी का कतरनी चूड़ा, 100 किलो चावल, 50 किलो गुड़ और गया का खास्ता तिलकुट बिहार भवन भेजा गया है।

पवित्र पिंड दान और गौतम बुद्ध के अलावा, तिलकुट गया जी की संस्कृति है

माना जाता गया के रमना मोहल्ले में तिलकुट की शुरू हुआ। टेकरी रोड, कोइरीबाड़ी, स्टेशन रोड समेत कई इलाकों में तिलकुट के कारीगर रहते हैं। रमना रोड और टेकरी के कारीगरों द्वारा बनाया गया तिलकुट आज भी बहुत स्वादिष्ट होता है। वे बताते हैं कि कुछ ऐसे परिवार भी गया में हैं, जिनका पारिवारिक पेशा यह हो गया है। खस्ता तिलकुट के लिए मशहूर गया का तिलकुट झारखंड, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों में भेजा जाता है।

भगवान बुद्ध और ‘तिल’ का संबंध

ऐसा माना जाता है कि बुद्ध तिल (तिल) खाने पर जीवित रहे जब उन्होंने बोधगया में वर्तमान महाबोधि मंदिर के पास उरुवेला में कठोर तपस्या का अभ्यास करना शुरू किया। पाली सूत्रों का उल्लेख है कि उन्होंने कम से कम भोजन और पानी लेना शुरू कर दिया, ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने शायद ही कभी खाया। वह केवल उबलते चावल (अकामा) (मांड), या तिल के बीज (पिनाका) से तेल निकाले जाने के बाद बचे हुए ठोस पदार्थों से बचे हुए पर जीवित रहना शुरू कर दिया। वह आगे प्रतिदिन केवल चावल या तिल के एक दाने पर जीवित रहने लगे। वह कमजोर और पतला हो गया और इस अवस्था के बाद ही उसने मध्य मार्ग का अनुसरण करने का फैसला किया और अंत में आत्मज्ञान प्राप्त किया।

श्रीमती साहनी ने आगे बताया, “बिहार में मकर संक्रांति को सकरात या खिचड़ी भी बोला जाता है। देश के किसानों के प्रति आभार प्रकट करते हुए ताजे खेती वाले चावल का उपयोग ‘खिचड़ी’ बनाने के लिए किया जाता है जिसे सकरात की शाम घी, पापड़, दही और अचार के साथ परोसा जाता है। बिहारिका में नये चावल की खेप भी आई है जिसे आम लोग 14 तारीख़ से पहले आसानी से ख़रीद सकते हैं। इसके अलावा मटकी वाली ताजे दूध की दही, गुड़ और बिहार के धनरुआ में निर्मित खोये और रामदाने की लाई भी उपलब्ध है। बिहारिका न सिर्फ़ दिल्ली में स्थित बिहार के निवासियों के लिए बिहार से जुड़ने का एक मौक़ा है बल्कि वहाँ के कारीगरों, बुनकरों और किसानों को दूर रहते हुए भी आर्थिक रूप से सहयोग करने का एक रास्ता भी है। बिहार की संस्कृति को सहज तरीक़े से प्रसारित करने का बिहारिका एक सुलभ माध्यम बनकर उभरा है।“

#MakarSankranti2022 #MakarSankranti

हाजीपुर पासवान चौक के जाम पर हाईकोर्ट में याचिका दायर

हाजीपुर के नेशनल हाईवे – 19 पर स्थित पासवान चौक पर लगातार जाम की समस्या समाप्त करने व फ्लाईओवर का निर्माण किये जाने के मामले पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की। अधिवक्ता राजीव रंजन सिंह की जनहित याचिका सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस संजय करोल की डिवीजन बेंच ने याचिकाकर्ता को सम्बंधित अधिकारी को representation देने का निर्देश दिया।


अधिवक्ता राजीव रंजन सिंह ने हाजीपुर एन एच 19 पर स्थित पासवान चौक होने वाले ट्राफिक जाम से होने वाली समस्या पर जनहित याचिका दायर किया।साथ ही उन्होंने सड़क की चौडाइ बढ़ाने व फ्लाईओवर बनाने की माँग इस जनहित में किया।
डिवीजन बेंच ने अधिवक्ता राजीव रंजन सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को आदेश पारित करने की तिथि से चार सप्ताह के भीतर अभ्यावेदन दायर करने को कहा है। संबंधित अधिकारी को चार महीने के भीतर अभ्यावेदन पर विचार करते हुए उचित आदेश पारित करते हुए निष्पादित करने को कहा गया है।


कोविड – 19 महामारी के मद्देनजर कार्यवाही को डिजिटल मोड में करने को कहा गया है, जब तक कि संबंधित पक्ष फिजिकल मोड के लिए सहमत नहीं हो जाते हों। साथ ही याचिकाकर्ता को कोर्ट द्वारा इस बात की भी छूट दी गई है कि जरूरत पड़ने पर इस वजह से या आगे भी किसी वजह से कोर्ट के समक्ष मामले को ला सकता है।

बीजेपी विधायक रश्मि वर्मा का बयान पार्टी हल निकाल देगी

विधायक पद से इस्तीफा की पेशकश करने के बाद आज पहली बार रश्मि वर्मा भाजपा कार्यालय पहुंची जहां प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के कक्ष में उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल से उनकी मुलाकात हुई । आधे घंटे तक बंद कमरे में हुई मुलाकात के बाद जब वो बाहर निकली तो मीडिया से बात करते हुए कहा- सब ठीक है। लेकिन रश्मि वर्मा जिस अंदाज में मीडिया के सवालों से बच रही थी उससे साफ लग रहा था कि वो अंदर से काफी व्यथित है कई बार आसूं निकलते निकलते रोक ली ।

उप मुख्यमंत्री ने रश्मि वर्मा के त्यागपत्र का किया बचाव

हालांकि उन्होंने ये माना कि वो इस्तीफा देने का मन बना रहीं थी, लेकिन फिर पार्टी ने उनकी परेशानी का खत्म करने का भरोसा दे दिया है, इसलिए अब वो ऐसा नहीं करेंगी। रश्मि वर्मा को मीडिया के सवालों से घिरा देख उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद आगे आए और उन्हें कार्यक्रम में जल्द चलने की बात कही।

विधायक रश्मि वर्मा चेहरे चेहरे से बहुत कुछ कह गयी

वैसे रश्मि वर्मा भले ही मीडिया के सवालों से बचती रही लेकिन उनके चेहरे का भाव जता दिया कि कोई तो बात है ।

बिहार के युवाओं ने इंडिया स्किल्स प्रतियोगिता में लहराया परचम: 4 स्वर्ण, 2 रजत और 5 कांस्य पदक जीता।

इंडिया स्किल्स 2021 की राष्ट्रीय प्रतियोगिता दिल्ली में आयोजित की जा गयी, देश भर से 500 से अधिक प्रतियोगी 54 औद्योगिक क्षेत्रों से अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए प्रतियोगिता में भाग लिया| सभी कौशल प्रतियोगिताओं के विजेताओं को आज दिनांक 10 जनवरी 2022 को सम्मानित किया गया ।

उन्होंने ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है और बहुत बड़ा अवसर है कि बिहार के युवाओं ने अपने कौशल का जौहर राष्ट्रीय स्तर पर दिखाया है और विजेता बनें हैं| हम सभी विजयी प्रतिभागियों को अपनी ओर से शुभकामना देते हैं । साथ ही NSDC और बिहार कौशल विकास मिशन के पदाधिकारियों और कर्मियों को भी इस जीत में साथ देने के लिए आभारी हैं, इस कोरोना काल में आपका योगदान अतुलनीय है ।

बिहार से – श्री उत्सव ने ग्राफ़िक डिजाईन, आई टी नेटवर्क सिस्टम एंड एडमिनिस्ट्रेशन में श्री बद्रीनाथ ने, रिन्यूएबल एनर्जी में श्री रौशन कुमार, और सुश्री ताविसी तन्नु ने विजुअल मर्चेडाइजिंग में स्वर्ण जीता, जबकि रेस्टुरेंट सर्विस में सुश्री अदिति और आई टी नेटवर्क सिस्टम एंड एडमिनिस्ट्रेशन में श्री अमित ने रजत जीता, वहीं कांस्य पदक, फैशन टेक्नोलोजी में सुश्री रिनिता निगोई, कैबिनेट मेकिंग में श्री राजेश शर्मा, ब्रेकरी में सुश्री दीपाली राज, सुश्री बागिषा जैन ने ग्राफ़िक डिजाईन में और रिन्यूएबल एनर्जी में श्री अभिषेक ने जीता|

माननीय मंत्री ने कहा कि बिहार हमेशा से शोध और कौशल का धरती रही है। आर्यभट्ट, चाणक्य, वानभट्ट एवं वशिष्ट नारायण जैसे सरीखे नामों और उनके कौशल कला से पूरी दुनिया परिचित है। बात विक्रमशिला की हो या प्रचीनतम नालंदा विश्वविद्यालय की यहां विश्व के अनेक प्रसिद्ध नामचीन व्यक्तित्व ने विद्या और कौशल को सीखा है| जिसकी ऐतिहासिक और सामाजिक पृष्ठभूमि से आज भी हम सब रु-ब-रु होते रहते हैं|

मुझे यकीन है कि श्रम संसाधन विभाग के अंतर्गत संचालित, बिहार कौशल विकास मिशन और एनएसडीसी के आपसी समन्वय और सहयोग से, इस जीत को विश्व युवा कौशल प्रतियोगिता के मंच पर भी प्रदर्शित करेंगे| सभी सफल युवा अपना कौशल का प्रदर्शन चीन के संघाई में 2022 में आयोजित होने वाले विश्व युवा कौशल प्रतियोगिता में अपना अपना परचम लहराएँ, ऐसी हमारी मंगल कामना है|

पटना हाई कोर्ट ने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) में सरकारी धन के कथित गबन की जांच करवाने के मामले में याचिकाकर्ता पर दस हजार रुपये का अर्थदंड लगाया।

पटना हाई कोर्ट ने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) में सरकारी धन के कथित गबन की जांच करवाने व जिम्मेदार कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर याचिकाकर्ता पर दस हजार रुपये का अर्थदंड लगाया। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने विशाल सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई कर ये आदेश दिया।
अरवल जिला के रामपुर बैणा पंचायत की मुखिया पर स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) में सरकारी धन के गबन का आरोप लगाते हुए विशाल सिंह ने एक जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिका के जरिये जांच और कार्रवाई का आदेश देने का अनुरोध कोर्ट से किया था।

इस मामले में अरवल के बी डी ओ द्वारा गठित की गई जांच को पूरा करने और प्राथमिकी दर्ज करने हेतु आदेश देने की भी माँग किया गया था।
इस जनहित याचिका में खास बात यह भी थी कि याचिकाकर्ता ने अपने चाचा सतीश कुमार सिंह और उनकी मुखिया(रामपुर बैणा पंचायत )पत्नी बिमला देवी पर भी बारह – बारह हजार रुपये लेने का आरोप लगाया था। कहा गया था कि पैतृक जमीन पर पूर्वजों द्वारा बनाये गए शौचालय के नाम पर ही पैसा का गबन किया गया।

राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार ने कोर्ट को बताया कि यह कोई जनहित का मामला नहीं प्रतीत होता है, इसलिए याचिकाकर्ता पर अर्थदंड लगाया जाना चाहिए। कोर्ट ने इस बात पर अपनी सहमति जताते हुए याचिकाकर्ता पर दस हजार रुपये का अर्थदंड लगाया।

महत्वपूर्ण बात यह भी है कि याचिका कर्ता द्वारा इसी मामले को लेकर पूर्व में भी पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसे कोर्ट ने निष्पादित कर दिया था।

बेपरवाह बिहार कोरोना के फर्जी जांच का हुआ खुलासा

#Covid19 बिहार में कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग कितना सजग है इसको लेकर आये दिन खबर आती रहती है नया मामला समस्तीपुर से जुड़ा है जहां एक पॉजिटिव व्यक्ति का सीरम एक ही क्षेत्र के 115 लोगों के अलग-अलग नाम से RT-PCR जांच के लिए भेज दिया। इससे सबकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। इससे पहले नालंदा में जहां देश में जिस वैक्सीन का अब तक बच्चों पर ट्रायल ही नहीं हुआ है कोवीशील्ड वो वैक्सीन दो बच्चों को लगा दिया । समस्तीपुर में दो दिन पहले एक स्वास्थ्य कर्मचारी ने एक पॉजिटिव व्यक्ति का सीरम एक ही क्षेत्र के 115 लोगों के अलग-अलग नाम से RT-PCR जांच के लिए भेज दिया। इससे सबकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। मौके पर स्वास्थ्य विभाग की टीम भेजी गई तब पता चला कि जिन लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव है, वे एकदम भले-चंगे हैं।

मामला कल्याणपुर प्रखंड का है। मामले का खुलासा होने के बाद DM योगेंद्र सिंह के आदेश पर सिविल सर्जन डॉ. सत्येंद्र कुमार गुप्ता ने स्वास्थ्य कर्मी दिनेश झा को निलंबित कर दिया। इस मामले में जांच के लिए कल्याणपुर PHC प्रभारी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। दो दिन में जांच रिपोर्ट मांगी गई है।हुआ ऐसा कि कल्याणपुर PHC (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) से 5 जनवरी को 115 लोगों का सैंपल जांच के लिए IGIMS (इंदिरा गांधी आयुर्वेदिक संस्थान) पटना भेजा गया था। 7 जनवरी को सबकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। रविवार को कल्याणपुर टीम भेजी गई। जांच में पता चला कि PHC में एक व्यक्ति की एंटीजन रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। कर्मचारी दिनेश झा ने पॉजिटिव व्यक्ति के सीरम को अलग-अलग रख कर 115 लोगों का सैंपल बना लिया और जांच के लिए पटना भेज दिया था।          

इसके पीछे कि कहानी यह है कि आज कल पूरे बिहार में कोरोना जांच किट स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों द्वारा बाजार में बेचा जा रहा है ,विभागीय लोगों का कहना है कि स्टॉक मिलाने के चक्कर में यह गलती हो गयी और मामला प्रकाश में आ गया फिलहाल उक्त स्वास्थ्य कर्मी पर प्राथमिकी दर्ज करने पर विभाग विचार कर रही है ।

वही मुख्यमंत्री के गृह जिला नालंदा में पिछले सप्ताह देश में जिस वैक्सीन का अब तक बच्चों पर ट्रायल ही नहीं हुआ है,  2 बच्चों को उसी वैक्सीन की डोज लगा दी गई। स्वास्थ्य विभाग की इस लापरवाही के शिकार दोनों भाई पीयूष रंजन और आर्यन किरण बिहारशरीफ की प्रोफेसर कॉलोनी के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि हमने रविवार को कोवैक्सिन के लिए स्लॉट बुक कराया था। इसके बाद आज हम 10 बजे के करीब नालंदा स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित टीकाकरण केंद्र IMA हॉल गए।वहां सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद हमने टीका लगवाया। टीकाकरण के बाद पता चला कि हम दोनों को कोवैक्सिन की जगह कोवीशील्ड का टीका लगा दिया गया है।हालांकि इस मामले में सरकार उपाधीक्षक को हटा दिया है और जांच गठित कर दिया है लेकिन सवाल यह है कि पूरी मशीनरी लगने के बावजूद इतनी बड़ी गलती कैसे हो जा रही है इसी तरह 2020 में कोरोना वैक्सीन के दौरान फर्जी मोबाइल नम्बर के इस्तेमाल का मामला सामने आया था और इसको लेकर सरकार की बड़ी किरकरी हुई थी ।

यूरिया को लेकर बिहार में हहाकार कई जिलों में किसान उतरे सड़क पर

बिहार में डीएपी खाद के बाद अब यूरिया को लेकर किसान सड़कों पर है अररिया सुपौल ,मधेपुरा सहित बिहार के कई जिलों में यूरिया खाद को लेकर किसान खासे गुस्से में है कई जगह कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस को आगे आना पड़ा है इस समय गेंहू और तेलहन के लिए किसानों को यूरिया खाद की सख्त जरुरत है ।

कृषि विभाग के सचिव डा़ एन सरवण कुमार की अध्यक्षता में 31 दिसंबर तक उर्वरक की हुई आपूर्ति और वितरण की समीक्षा बैठक की रिपोर्ट बताती है कि बिहार को मांग का 26 फीसदी यूरिया कम मिला है़ राज्य के आधा दर्जन के करीब जिलों में तो मांग का आधा यूरिया भी नहीं पहुंचा़ ।

मुजफ्फरपुर, दरभंगा और पश्चिमी चंपारण के किसानों को मांग का मात्र 47 फीसद ही यूरिया मिल सका़ यही वजह है कि पूरे बिहार में यूरिया को लेकर हहाकार मचा हुआ है हालांकि यूरिया के समय पर नहीं मिलने से गंहू और तेलहन के उपज में खासा प्रभाव पड़ सकता है ।

दिसंबर 21 में यूरिया की स्थिति
315000 टन जरूरत
227998.37 टन उपलब्ध
224030.69 टन सेल
3948.82 टन क्लोजिक स्टॉक
जनवरी 22 में यूरिया की स्थिति
220000.00 टन जरूरत
99772.43 टन उपलब्ध
88168.68 टन सेल
11603.75 टन क्लोजिंग स्टॉक

भारत के प्रथम राष्ट्रपति डाक्टर राजेंद्र प्रसाद की जन्मस्थली जीरादेई और वहां उनके स्मारक की दुर्दशा के मामलें आज हाईकोर्ट में हुई सुनवाई

पटना हाईकोर्ट में भारत के प्रथम राष्ट्रपति डाक्टर राजेंद्र प्रसाद की जन्मस्थली जीरादेई और वहां उनके स्मारक की दुर्दशा के मामलें पर सुनवाई करते हुए केंद्र ( आर्केलोजिकल् सर्वे ऑफ इंडिया) और बिहार सरकार द्वारा हलफनामा नहीं दायर नहीं किये जाने पर मामलें की सुनवाई 13 जनवरी,2022 तक टली।चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने विकास कुमार द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को इस सम्बन्ध में निश्चित रूप से हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था।लेकिन दोनों सरकारों ने आज हलफनामा दायर नहीं किया,जिस कारण इस जनहित याचिका पर सुनवाई टाल दी गई।
इससे पूर्व हाईकोर्ट ने अधिवक्ता निर्विकार की अध्यक्षता में वकीलों की तीन सदस्यीय कमिटी गठित की थी।कोर्ट ने इस समिति को इन स्मारकों के हालात का जायजा ले कर कोर्ट को रिपोर्ट करने का आदेश दिया था।

तीन सदस्यीय वकीलों की कमिटी ने जीरादेई के डा राजेंद्र प्रसाद की पुश्तैनी घर का जर्जर हालत, वहां बुनियादी सुविधाओं की कमी और विकास में पीछे रह जाने की बात कहीं।साथ ही पटना के बांसघाट स्थित उनके समाधि स्थल पर गन्दगी और रखरखाव की स्थिति भी असंतोषजनक पाया।वहाँ

काफी गन्दगी पायी गई और सफाई व्यवस्था की खासी कमी थी।साथ ही पटना के सदाकत आश्रम की दुर्दशा को भी वकीलों की कमिटी ने गम्भीरता से लिया था।

जनहित याचिका में कोर्ट को बताया गया कि जीरादेई गांव व वहां डाक्टर राजेंद्र प्रसाद के पुश्तैनी घर और स्मारकों की हालत काफी खराब हो चुकी है।याचिकाकर्ता अधिवक्ता विकास कुमार ने बताया कि जीरादेई में बुनियादी सुविधाएं नहीं के बराबर है।
न तो वहां पहुँचने के सड़क की हालत सही है।साथ ही गांव में स्थित उनके घर और स्मारकों स्थिति और भी खराब हैं,जिसकी लगातार उपेक्षा की जा रही है।
उन्होंने बताया कि केंद्र व राज्य सरकार के इसी उपेक्षापूर्ण रवैये के कारण लगातार हालत खराब होती जा रही है।कोर्ट को बताया गया कि पटना के सदाकत आश्रम और बांसघाट स्थित उनसे सम्बंधित स्मारकों की दुर्दशा भी साफ दिखती हैं।वहां सफाई,रोशनी और लगातार देख रेख नहीं होने के कारण ये स्मारक और ऐतिहासिक धरोहर अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे है।
ऐसे महान नेता स्मृतियों व् स्मारकों की केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किया जाना उचित नहीं हैं।इनके स्मृतियों और स्मारकों को सुरक्षित रखने के लिए तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।
इस जनहित याचिका पर अगली सुनवाई 13 जनवरी,2022 को होगी।

मीडिया का शाख लगा है दाव पर

आज तक पर यूपी चुनाव को लेकर आयोजित एक  कार्यक्रम के दौरान अंजना ओम कश्यप और अखिलेश यादव के बीच जिस अंदाज में संवाद हुआ उसे आप क्या कहेंगे, याद करिए किसान आन्दोलन के दौरान चित्रा त्रिपाठी के साथ जो कुछ भी हुआ उसे आप क्या कहेंगे ।क्या यह माना जाये कि पत्रकारिता संकट में है या फिर हम पत्रकार जिस तरीके से सत्ता के साथ खड़े दिख रहे हैं या फिर सत्ता से सवाल करना छोड़ दिये हैं उसका प्रतिफल है ।                                  

 बिहार में भी इस तरह का एक दौर आया था जब सीएम की कुर्सी पर लालू प्रसाद काबिज थे लालू प्रसाद सार्वजनिक मंच से मीडिया की आलोचना करते थे किसी विषय पर प्रतिक्रिया लेना रहता था तो घंटो घर के बाहर खड़े कर देते थे और आये दिन सार्वजनिक रूप से अपमानित भी करते रहते थे। फिर भी एक रिश्ता बना रहा ।            

जहां तक मेरा अनुभव रहा है अखबार में संपादक से लेकर प्रखंड के संवाददाता तक और चैनल के चैनल हेड से लेकर जिला रिपोर्टर तक पर सवर्णों का कब्जा होने के बावजूद कभी भी कभी सुबह के मीटिंग में यह एजेंडा तय नहीं होता था कि लालू प्रसाद की सरकार को घेराबंदी करने के लिए खबर को प्लांट करो या फिर उस नजरिए से खबर बनाओं जिससे लालू प्रसाद के शासन काल घेरे में आ सके।            

मुझे लगता है जब तक हम मीडिया वाले इस सोच के साथ काम करते रहे है कि जो खबर है चलेगा एजेंडा नहीं चलेगा तब तक ठीक रहा लेकिन जैसे ही हम लोग ऐजेंडे पर खबर करने लगे लोगों का भरोसा उठने लगा जो पहले नहीं था लोगों का मीडिया पर बहुत भरोसा था। और यही वजह थी कि गांव में रहने वाले लोग हो या फिर शहर में रहने वाले लोग हो उन्हें हमेशा लगता था कि मीडिया हमारे साथ खड़ी है हर दिन आम जनता का फोन आता था पुलिस के जुल्म को लेकर या फिर भ्रष्टाचार को लेकर। लेकिन जैसे जैसे मीडिया से आम लोगों के सरोकार से जुड़ी खबरें चलनी कम होती गयी लोग भी हम लोगों से दूर होते चले गये ।

अब पहले जैसे आम लोगों का कहां फोन काँल आता है बहुत कम अब कांल आता है हिन्दू मुसलमान के बीच विवाद को लेकर कही कोई घटना हो जाये एक घंटे में चालीस से अधिक कांल आ जाता है हर स्तर के लोग फोन करने लगते हैं हाल ही पटना में एक मुसलमान दुकानदार खरीदारी के दौरान हुए विवाद के क्रम किसी लड़की पर हाथ चला दिया इतना फोन कांल आया जैसे लगा नरसंहार हो गया हो और पुलिस नहीं पहुंच रही है और फिर क्या हुआ थोड़ी देर में सारे चैनल का हेड लाइन खबर बन गयी जबकि पहले हम मीडिया धार्मिक ,सम्प्रदायिक और जाति आधारित हिंसा से जुड़ी खबरो को लिखने में और दिखाने में बहुत सावधानी बरतते थे हम मीडिया वालों की पहली जिम्मेवारी यही होती थी कि ऐसा खबर ना चले जिससे समाज में तनाब बढ़ जाये लेकिन आज क्या हो रहा है हम लोग तनाब और घृणा पैदा करने वाली खबर ही नहीं चला रहे हैं बल्कि खबर प्लांट भी कर रहे हैं इससे हुआ क्या आम लोग जो मीडिया और मीडियाकर्मियोंं की ताकत हुआ करती थी वो हम मीडिया वालों से दूर चल गया और जैसे ही इसका आभाव सत्ता और सिस्टम को हुआ पूरी मीडिया को हासिया पर पहुंचा दिया
संकट की वजह यही है ऐसे में मीडिया से जुड़े लोग एक बार फिर से आम लोगों का भरोसा कैसे जीते इस पर सोचने कि जरूरत है क्यों कि जैसे ही आम लोग हम लोगों के साथ जुड़ने लगेगी बहुत सारी चीजें बदल जाएंगी । मेरा तो अनुभव यही रहा है कि सत्ता से सवाल करने वाले पत्रकारों से भले ही सरकार नराज रहे लेकिन जनता हमेशा सर आंखो पर बिठा कर रखती हैं। वक्त आ गया है आत्ममंथन करने का नहीं तो फिर इस संस्था का कोई मतलब नहीं रह जायेगा ।

प्यार तो बस एक एहसास है

इसे कहते है कसक ओर चाहत

ट्रेन चलने को ही थी कि अचानक कोई जाना पहचाना सा चेहरा जर्नल बोगी में आ गया। मैं अकेली सफर पर थी। सब अजनबी चेहरे थे। स्लीपर का टिकिट नही मिला तो जर्नल डिब्बे में ही बैठना पड़ा। मगर यहां ऐसे हालात में उस शख्स से मिलना। जिंदगी के लिए एक संजीवनी के समान था।

जिंदगी भी कमबख्त कभी कभी अजीब से मोड़ पर ले आती है। ऐसे हालातों से सामना करवा देती है जिसकी कल्पना तो क्या कभी ख्याल भी नही कर सकते ।

वो आया और मेरे पास ही खाली जगह पर बैठ गया। ना मेरी तरफ देखा। ना पहचानने की कोशिश की। कुछ इंच की दूरी बना कर चुप चाप पास आकर बैठ गया। बाहर सावन की रिमझिम लगी थी। इस कारण वो कुछ भीग गया था। मैने कनखियों से नजर बचा कर उसे देखा। उम्र के इस मोड़ पर भी कमबख्त वैसा का वैसा ही था। हां कुछ भारी हो गया था। मगर इतना ज्यादा भी नही।
फिर उसने जेब से चश्मा निकाला और मोबाइल में लग गया।

चश्मा देख कर मुझे कुछ आश्चर्य हुआ। उम्र का यही एक निशान उस पर नजर आया था कि आंखों पर चश्मा चढ़ गया था। चेहरे पर और सर पे मैने सफेद बाल खोजने की कोशिश की मग़र मुझे नही दिखे।

मैंने जल्दी से सर पर साड़ी का पल्लू डाल लिया। बालो को डाई किए काफी दिन हो गए थे मुझे। ज्यादा तो नही थे सफेद बाल मेरे सर पे। मगर इतने जरूर थे कि गौर से देखो तो नजर आ जाए।

मैं उठकर बाथरूम गई। हैंड बैग से फेसवाश निकाला चेहरे को ढंग से धोया फिर शीशे में चेहरे को गौर से देखा। पसंद तो नही आया मगर अजीब सा मुँह बना कर मैने शीशा वापस बैग में डाला और वापस अपनी जगह पर आ गई।

मग़र वो साहब तो खिड़की की तरफ से मेरा बैग सरकाकर खुद खिड़की के पास बैठ गए थे।
मुझे पूरी तरह देखा भी नही बस बिना देखे ही कहा, ” सॉरी, भाग कर चढ़ा तो पसीना आ गया था । थोड़ा सुख जाए फिर अपनी जगह बैठ जाऊंगा।” फिर वह अपने मोबाइल में लग गया। मेरी इच्छा जानने की कोशिश भी नही की। उसकी यही बात हमेशा मुझे बुरी लगती थी। फिर भी ना जाने उसमे ऐसा क्या था कि आज तक मैंने उसे नही भुलाया। एक वो था कि दस सालों में ही भूल गया। मैंने सोचा शायद अभी तक गौर नही किया। पहचान लेगा। थोड़ी मोटी हो गई हूँ। शायद इसलिए नही पहचाना। मैं उदास हो गई।

जिस शख्स को जीवन मे कभी भुला ही नही पाई उसको मेरा चेहरा ही याद नही😔

माना कि ये औरतों और लड़कियों को ताड़ने की इसकी आदत नही मग़र पहचाने भी नही😔

शादीशुदा है। मैं भी शादीशुदा हुँ जानती थी इसके साथ रहना मुश्किल है मग़र इसका मतलब यह तो नही कि अपने खयालो को अपने सपनो को जीना छोड़ दूं।
एक तमन्ना थी कि कुछ पल खुल के उसके साथ गुजारूं। माहौल दोस्ताना ही हो मग़र हो तो सही😔

आज वही शख्स पास बैठा था जिसे स्कूल टाइम से मैने दिल मे बसा रखा था। सोसल मीडिया पर उसके सारे एकाउंट चोरी छुपे देखा करती थी। उसकी हर कविता, हर शायरी में खुद को खोजा करती थी। वह तो आज पहचान ही नही रहा😔

माना कि हम लोगों में कभी प्यार की पींगे नही चली। ना कभी इजहार हुआ। हां वो हमेशा मेरी केयर करता था, और मैं उसकी केयर करती थी। कॉलेज छुटा तो मेरी शादी हो गई और वो फ़ौज में चला गया। फिर उसकी शादी हुई। जब भी गांव गई उसकी सारी खबर ले आती थी।

बस ऐसे ही जिंदगी गुजर गई।

आधे घण्टे से ऊपर हो गया। वो आराम से खिड़की के पास बैठा मोबाइल में लगा था। देखना तो दूर चेहरा भी ऊपर नही किया😔

मैं कभी मोबाइल में देखती कभी उसकी तरफ। सोसल मीडिया पर उसके एकाउंट खोल कर देखे। तस्वीर मिलाई। वही था। पक्का वही। कोई शक नही था। वैसे भी हम महिलाएं पहचानने में कभी भी धोखा नही खा सकती। 20 साल बाद भी सिर्फ आंखों से पहचान ले☺️
फिर और कुछ वक्त गुजरा। माहौल वैसा का वैसा था। मैं बस पहलू बदलती रही।

फिर अचानक टीटी आ गया। सबसे टिकिट पूछ रहा था।
मैंने अपना टिकिट दिखा दिया। उससे पूछा तो उसने कहा नही है।

टीटी बोला, “फाइन लगेगा”
वह बोला, “लगा दो”
टीटी, ” कहाँ का टिकिट बनाऊं?”

उसने जल्दी से जवाब नही दिया। मेरी तरफ देखने लगा। मैं कुछ समझी नही।
उसने मेरे हाथ मे थमी टिकिट को गौर से देखा फिर टीटी से बोला, ” कानपुर।”
टीटी ने कानपुर की टिकिट बना कर दी। और पैसे लेकर चला गया।
वह फिर से मोबाइल में तल्लीन हो गया।

आखिर मुझसे रहा नही गया। मैंने पूछ ही लिया,”कानपुर में कहाँ रहते हो?”
वह मोबाइल में नजरें गढ़ाए हुए ही बोला, ” कहीँ नही”
वह चुप हो गया तो मैं फिर बोली, “किसी काम से जा रहे हो”
वह बोला, “हाँ”

अब मै चुप हो गई। वह अजनबी की तरह बात कर रहा था और अजनबी से कैसे पूछ लूँ किस काम से जा रहे हो।
कुछ देर चुप रहने के बाद फिर मैंने पूछ ही लिया, “वहां शायद आप नौकरी करते हो?”
उसने कहा,”नही”

मैंने फिर हिम्मत कर के पूछा “तो किसी से मिलने जा रहे हो?”
वही संक्षिप्त उत्तर ,”नही”
आखरी जवाब सुनकर मेरी हिम्मत नही हुई कि और भी कुछ पूछूँ। अजीब आदमी था । बिना काम सफर कर रहा था।
मैं मुँह फेर कर अपने मोबाइल में लग गई।
कुछ देर बाद खुद ही बोला, ” ये भी पूछ लो क्यों जा रहा हूँ कानपुर?”

मेरे मुंह से जल्दी में निकला,” बताओ, क्यों जा रहे हो?”
फिर अपने ही उतावलेपन पर मुझे शर्म सी आ गई।
उसने थोड़ा सा मुस्कराते हुवे कहा, ” एक पुरानी दोस्त मिल गई। जो आज अकेले सफर पर जा रही थी। फौजी आदमी हूँ। सुरक्षा करना मेरा कर्तव्य है । अकेले कैसे जाने देता। इसलिए उसे कानपुर तक छोड़ने जा रहा हूँ। ” इतना सुनकर मेरा दिल जोर से धड़का। नॉर्मल नही रह सकी मैं।

मग़र मन के भावों को दबाने का असफल प्रयत्न करते हुए मैने हिम्मत कर के फिर पूछा, ” कहाँ है वो दोस्त?”
कमबख्त फिर मुस्कराता हुआ बोला,” यहीं मेरे पास बैठी है ना”

इतना सुनकर मेरे सब कुछ समझ मे आ गया। कि क्यों उसने टिकिट नही लिया। क्योंकि उसे तो पता ही नही था मैं कहाँ जा रही हूं। सिर्फ और सिर्फ मेरे लिए वह दिल्ली से कानपुर का सफर कर रहा था। जान कर इतनी खुशी मिली कि आंखों में आंसू आ गए।

दिल के भीतर एक गोला सा बना और फट गया। परिणाम में आंखे तो भिगनी ही थी।
बोला, “रो क्यों रही हो?”

मै बस इतना ही कह पाई,” तुम मर्द हो नही समझ सकते”
वह बोला, ” क्योंकि थोड़ा बहुत लिख लेता हूँ इसलिए एक कवि और लेखक भी हूँ। सब समझ सकता हूँ।”
मैंने खुद को संभालते हुए कहा “शुक्रिया, मुझे पहचानने के लिए और मेरे लिए इतना टाइम निकालने के लिए”
वह बोला, “प्लेटफार्म पर अकेली घूम रही थी। कोई साथ नही दिखा तो आना पड़ा। कल ही रक्षा बंधन था। इसलिए बहुत भीड़ है। तुमको यूँ अकेले सफर नही करना चाहिए।”

“क्या करती, उनको छुट्टी नही मिल रही थी। और भाई यहां दिल्ली में आकर बस गए। राखी बांधने तो आना ही था।” मैंने मजबूरी बताई।

“ऐसे भाइयों को राखी बांधने आई हो जिनको ये भी फिक्र नही कि बहिन इतना लंबा सफर अकेले कैसे करेगी?”

“भाई शादी के बाद भाई रहे ही नही। भाभियों के हो गए। मम्मी पापा रहे नही।”

कह कर मैं उदास हो गई।
वह फिर बोला, “तो पति को तो समझना चाहिए।”
“उनकी बहुत बिजी लाइफ है मैं ज्यादा डिस्टर्ब नही करती। और आजकल इतना खतरा नही रहा। कर लेती हुँ मैं अकेले सफर। तुम अपनी सुनाओ कैसे हो?”

“अच्छा हूँ, कट रही है जिंदगी”
“मेरी याद आती थी क्या?” मैंने हिम्मत कर के पूछा।
वो चुप हो गया।

कुछ नही बोला तो मैं फिर बोली, “सॉरी, यूँ ही पूछ लिया। अब तो परिपक्व हो गए हैं। कर सकते है ऐसी बात।”
उसने शर्ट की बाजू की बटन खोल कर हाथ मे पहना वो तांबे का कड़ा दिखाया जो मैंने ही फ्रेंडशिप डे पर उसे दिया था। बोला, ” याद तो नही आती पर कमबख्त ये तेरी याद दिला देता था।”

कड़ा देख कर दिल को बहुत शुकुन मिला। मैं बोली “कभी सम्पर्क क्यों नही किया?”

वह बोला,” डिस्टर्ब नही करना चाहता था। तुम्हारी अपनी जिंदगी है और मेरी अपनी जिंदगी है।”
मैंने डरते डरते पूछा,” तुम्हे छू लुँ”

वह बोला, ” पाप नही लगेगा?”
मै बोली,” नही छू ने से नही लगता।”
और फिर मैं कानपुर तक उसका हाथ पकड़ कर बैठी रही।।

बहुत सी बातें हुईं।

जिंदगी का एक ऐसा यादगार दिन था जिसे आखरी सांस तक नही बुला पाऊंगी।
वह मुझे सुरक्षित घर छोड़ कर गया। रुका नही। बाहर से ही चला गया।

जम्मू थी उसकी ड्यूटी । चला गया।

उसके बाद उससे कभी बात नही हुई । क्योंकि हम दोनों ने एक दूसरे के फोन नम्बर नही लिए।

हांलांकि हमारे बीच कभी भी नापाक कुछ भी नही हुआ। एक पवित्र सा रिश्ता था। मगर रिश्तो की गरिमा बनाए रखना जरूरी था।

फिर ठीक एक महीने बाद मैंने अखबार में पढ़ा कि वो देश के लिए शहीद हो गया। क्या गुजरी होगी मुझ पर वर्णन नही कर सकती। उसके परिवार पर क्या गुजरी होगी। पता नही😔

लोक लाज के डर से मैं उसके अंतिम दर्शन भी नही कर सकी।

आज उससे मीले एक साल हो गया है आज भी रखबन्धन का दूसरा दिन है आज भी सफर कर रही हूँ। दिल्ली से कानपुर जा रही हूं। जानबूझकर जर्नल डिब्बे का टिकिट लिया है मैंने।
अकेली हूँ। न जाने दिल क्यों आस पाले बैठा है कि आज फिर आएगा और पसीना सुखाने के लिए उसी खिड़की के पास बैठेगा।
एक सफर वो था जिसमे कोई #हमसफ़र था।
एक सफर आज है जिसमे उसकी यादें हमसफ़र है। बाकी जिंदगी का सफर जारी है देखते है कौन मिलता है कौन साथ छोड़ता है…!!!

आरटीआई कार्यकर्ता में हो रहे हमले को लेकर हाईकोर्ट नराज

पटना हाईकोर्ट ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत सूचना मांगे जाने पर सूचना मांगने वाले व्यक्ति से उसके सही आचरण वाले और आपराधिक मामले में संलिप्त नहीं का हलफनामा देने के विरुद्ध दायर याचिका पर सुनवाई की।विकास केन्द्र ऊर्फ गुड्डू बाबा की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य के मुख्य सचिव और राज्य कैबिनेट सचिवालय के प्रधान सचिव को नोटिस जारी करते हुए चार सप्ताह में जवाब माँगा।

इस जनहित याचिका में विगत 16 जनवरी, 2006 को कैबिनेट सचिवालय विभाग के उप सचिव व राज्य सरकार के कॉर्डिनेशन डिपार्टमेंट द्वारा जारी उक्त आशय के संबंध में जारी किये गए संकल्प को रद्द करने हेतु आदेश देने की माँग की गई है।

याचिकाकर्ता की ओर से पक्ष प्रस्तुत करते हुए अधिवक्ता सुरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि आर टी आई एक्ट के विरुद्ध इस प्रकार का गैर कानूनी व मनमाना शर्त लगाया गया है। याचिका के जरिये उस पत्र को भी रद्द करने हेतु आदेश देने का अनुरोध किया गया है, जिसके जरिये लोक सूचना ऑफिसर द्वारा पत्र जारी कर याचिकाकर्ता से विभाग द्वारा सूचना उपलब्ध कराने के लिए उसके सही आचरण और आपराधिक मामलों में शामिल नहीं होने के सम्बन्ध में शपथ पत्र की मांग की गई है।

इस जनहित याचिका में याचिकाकर्ता ने बगैर बिलंब किये ही सूचना उपलब्ध कराने के लिए लोक सूचना अधिकारी को आदेश देने को लेकर भी आग्रह किया है। आर टी आई एक्ट की धारा 7 के तहत याचिकाकर्ता को अविलंब सूचना उपलब्ध कराने के संबंध में निर्णय लेने का आग्रह भी कोर्ट से किया गया है।
इस मामलें पर चार सप्ताह बाद फिर सुनवाई होगी।