वायरल बुखार से अभी राज्य बाहर भी नहीं निकला है कि कोरोना से भी खतरनाक स्वाइन फ्लू के बिहार में आने की सूचना से पूरे स्वास्थ्य महगमा में हड़कंप मच गया है ।विभाग ने कल इसको लेकर एक आपात बैठक बुलाई है।विभाग के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि कोरोना ,वायरल बुखार और स्वाइन फ्लू के लक्षण में काफी समानता है इस वजह से जब तक मरीजों का टेस्ट नहीं होगा तब तक यह तय नहीं हो पायेंगा कि आखिरकार मरीज किस बिमारी से ग्रसित है ।कोरोना कि ही तरह स्वाइन फ्लू से संक्रमित मरीजों से काफी तेजी से संक्रमण फैलता है इसलिए डांक्टर भी स्वाइन फ्लू के आने से घबरा गये हैं ।
खबर ये आ रही है कि आज फुलवारी की बिरला कॉलोनी के अरविंद कुमार (58 वर्ष) की आज दोपहर इनफ्लूएंजा-A से मौत हो गई है। वहीं पारस हॉस्पिटल में दो मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। पारस हॉस्पिटल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. आसिफ ने दो मरीजों में स्वाइन फ्लू के H1N1 वायरस की पुष्टि की है। वही खबर ये भी है कि पटना के एक निजी अस्पताल में भी इस बिमारी से संक्रमित कई और मरीजों का इलाज चल रहा है ।
इस बीच पटना की सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी का कहना है कि महामारी रोग को देखते हुए अधिकारी को अलर्ट कर दिया गया है। मामले की छानबीन की जा रही है। संक्रमण कहां से आया, इसकी पड़ताल की जा रही है। मृतक के बारे में भी जानकारी इकट्ठा कराया जा रहा है। सिविल सर्जन का कहना है कि मामला संज्ञान में आते ही जांच पड़ताल शुरु कर दी गई है।
क्या है स्वाइन फ्लू
स्वाइन फ्लू का संक्रमण वायरस के कारण होता है।
यह संक्रामक बीमारी एच-1 एन-1 वायरस से फैलता है।
स्वाइन फ्लू संक्रमित मरीज में सामान्य मौसमी सर्दी-जुकाम जैसे ही लक्षण दिखते हैं।
संक्रमित लोगों में नाक से पानी आना, नाक बंद हो जाना आम बात है।
गले में खराश, सर्दी-खांसी, बुखार, सिरदर्द, शरीर में तेज दर्द होता है।
संक्रमण में थकान, ठंड लगना, पेट दर्द और कभी-कभी दस्त उल्टी होना।
स्वाइन फ्लू से कैसे बचाव करें
डॉक्टरों का कहना है कि स्वाइन फ्लू के संक्रमण को लेकर लोगों को पूरी तरह से अलर्ट होना पड़ेगा। कोरोना की ही तरह मास्क का प्रयोग और साफ सफाई को लेकर गंभीर होना पड़ेगा। इसमें खांसने, छींकने या छूने से भी स्वाइन फ्लू का वायरस एक से दूसरे व्यक्ति में पहुंच जाता है। इस कारण से स्वाइन फ्लू से प्रभावित लोगों को अलग रखा जाना चाहिए।