इन दिनों में बच्चों के भविष्य को लेकर शहर शहर भटक रहा हूं कहां उसे सुरक्षा के साथ साथ बेहतर शिक्षा मिल सके।
इस वजह से खबरों की दुनिया से इन दिनों दूर हैं, लेकिन फेसबुक के मैसेंजर पर कुछ ऐसे मैसेज आये हैं जिसे देख कर मैं अपने आपको रोक नहीं सका सवाल देश का है और ऐसे में कुर्बानी तो देनी ही पड़ेगी ।
एक मैसेज तीस्ता सीतलवाड़ से जुड़ा है मैसेज करने वाले हमारे फ्रेंड लिस्ट में भी नहीं है।
उनके प्रोफाइल पर बस एक दो पोस्ट है चार पांच वर्षो के दौरान उनका मैसेज था संतोष जी तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी पर आपकी कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है मेरे जैसे पाठक आपके आलेख का इन्तजार करता है आपका ना लिखना बहुत बड़ी बात है, मैंने उन्हें जवाब दिया बिहार से बाहर के मुद्दों पर लिखने का क्या मतलब है जिसके बारे में मेरे पास कोई खास जानकारी नहीं है इतना लिखना था कि तीस्ता सीतलवाड़ की पूरी बायोग्राफी का लिंक पांच मिनट के अंदर भेज दिया बहुत कुछ उनके बारे में ऐसी जानकारी मिली जो मुझे पता नहीं था फिर भी मेरा मानना है कि इस तरह की लड़ाई के साथ खड़े रहने में यह खतरा बना रहता है कि कही आप एक पक्षीय ना दिखने लगे ।
वैसे जेल जाने से डरने की जरुरत नहीं है बस मैं सभी लोगों को गांधी के उस मूल मंत्र को याद दिलाता हूं जिसमें गांधी ने कहा था जिस दिन जेल जाने का डर समाप्त हो जाएगा उसी दिन अंग्रेज भारत छोड़ कर चला जाएगा।
आज हम लोग उसी दौर से गुजर रहे हैं सरकार असहमति को जेल का डर दिखा कर चुप करना चाह रही है इसलिए पहले जेल जाने के डर से बाहर निकले ये लड़ाई तुरंत निर्णायक मोड़ पर आ खड़ा होगा ।
दूसरा मैसेज एक मुस्लिम यूथ का था जो मुझे अंदर से हिला दिया ये लड़का भी जेल जा चुका है इसी तरह के एक वाकिया में जब वो जेल से बाहर निकला तो मैंने पूछा तुमसे गलती हुई थी कहां जी सर मुझसे गलती हो गयी मैंं भावना में बह गया था।
लेकिन जेल जाने के बाद बहुत कुछ सीखने का मौका मिला अब ऐसी गलती नहीं होगी और ये लड़ाई जारी रहेगा । मैने कहाँ था इंसान है तो गलती होगी ही गलती को स्वीकार करना चाहिए और फिर आगे गलती ना हो इसका ख्याल रखना चाहिए ।
उसका मैसेज था
हमने आपातकाल नहीं देखा सर! आज fake news को पकड़ने वाले ईमानदार alt news के संस्थापक mohammad Zubair को गिरफ्तार कर लिया गया क्योंकि mohammad zubair नफ़रत फैलाने वालों को expose कर रहा था नफ़रत फैलाने वाले और झूठ फैलाने वाले को सच नहीं पसंद, सो गिरफ्तारी के बाद जश्न में है सब अब कुछ नहीं बचा सर l बहुत बुरा दौर है सर अब मैं टूट गया कुछ नहीं होने वाला है।
मैंने उसे जवाब दिया निराश होने कि जरूरत नहीं है इस देश ने समाजवाद को जातिवाद में भी बदलते देखा है उसके परिणाम को भी लोगों ने महसूस किया है और आज देखिए उन जातिवादी नेताओं का क्या हाल है ।
इस समय देश धर्मवाद से लड़ रहा है आप परेशान इसलिए हैं कि अपनी जिंदगी में ही इस लड़ाई का प्रतिफल देखना चाहते हैं परिणाम की चिंता छोड़ आप अपने कौम से कहिए देश ने उन्हें दूसरी बार अवसर दिया है कि वो यह साबित करे कि मैं देश और संविधान का सबसे बड़ा सिपाही हूं और मेरा आदर्श खान अब्दुल गफ्फार खा है, आजम खान ,ओवैसी और शहाबुद्दीन नहीं क्यों कि आपकी लड़ाई लड़ने वाले लाखों करोड़ो हिन्दू आप से यही उम्मीद करता है क्यों कि उसकी लड़ाई तब कमजोर पड़ जाती है जब आप देश के संविधान और कानून के बजाय आप अपने धर्म को उपर समझने लगते हैं ।
मोदी सरकार के बनने के बाद राष्ट्रद्रोह के नाम पर जेल भेजे गये लोगों की सूची उठा कर देख लीजिए मुसलमानों से कई गुना ज्यादा हिन्दू को इस सरकार ने जेल भेजा है जो देश के आत्मा के साथ खड़ा है इसलिए मोदी की लड़ाई आपसे नहीं है ऐसे हिन्दू से है जो देश के आत्मा को बचाये रखने के लिए लड़ रहा है । क्यों कि आपको निपटाने के लिए उसके पास पहले से ही ओवैसी और मायावती जैसे नेता मौजूद है और सच कहिए तो आप निपट भी गये हैं।
ऐसे में आप जैसे युवा को देश के संविधान के साथ खड़े रहने की जरूरत है।
इतिहास लिखेगा बस उसी जज्बे के साथ लड़ते रहिए । चलते चलते बाजपेयी जी के उस कविता का हमेशा स्मरण करे नयी ऊर्जा देगी ‘
इसे मिटाने की साजिश करने वालों से कह दोकि चिंगारी का खेल बुरा होता है;औरों के घर आग लगाने का जो सपना,वो अपने ही घर में सदा खड़ा होता है.’हार नहीं मानूंगा, रार नई ठानूंगा,काल के कपाल पे लिखता मिटाता हूं,गीत नया गाता हूं.।
ऐसे में जुबैर की गिरफ्तारी हुई है तो निपुर की भी गिरफ्तारी होनी चाहिए ये मांग करनी चाहिए ।