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Bihar News in Hindi: The BiharNews Post - Bihar No.1 News Portal

युवक की हत्या के बाद उपजा लोगों में आक्रोश, घंटों बाद हो पाया पोस्टमार्टम

जहानाबाद के सकुराबाद ओपी क्षेत्र से है। जहां आपसी रंजिश में एक युवक की गोली मार कर हत्या कर दी गई। मुरहारा गांव के निवासी दारा सिंह के रूप में मृतक की पहचान हुई है। दारा सिंह का शव सकुराबाद थाना क्षेत्र के गप्पोचक गांव के बधार में मिला।

मृतक एक हत्या कांड का अभियुक्त भी था। घटना की सूचना मिलते ही आसपास के गांव के सैकड़ों लोग शव के पास पहुंच गए। वही मामले की जानकारी हो तो मिलते हैं शकूराबाद थाने की पुलिस भी दल बल के साथ पहुंची। मृतक के परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है। कोई भी यह बताना असमर्थ नहीं है कि आखिर हत्या किसने की?

सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए जहानाबाद भेजा। एसडीपीओ अशोक पांडे खुद घटनास्थल पर पहुंचे और लोगों को यह भरोसा दिया कि गुनाहगारों को जल्द से जल्द पकड़ लिया जायेगा। यह इलाका गया और जहानाबाद का सीमावर्ती इलाका है। इलाके में पहले भी आपराधिक घटनाएं होती रही है। दारा सिंह जी ऐसे ही एक आपराधिक घटना में आरोपी रहा था।

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मुख्यमंत्री ने 102 एंबुलेंस सेवा के तहत 501 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस एवं बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

पटना, 07 जुलाई 2022 : मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज 1 अणे मार्ग से 102 एंबुलेंस सेवा के तहत 501, एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस एवं बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

मुख्य बातें

• बिहार पहला राज्य है जिसने प्रखण्ड प्रत्येक प्रखण्ड में एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है, जो आज फलीभूत हो रहा है।

• इन एम्बुलेंसों के परिचालन से आपातकालीन स्वास्थ्य परिवहन सेवा में गुणात्मक सुधार होगा तथा आम लोगों को इसका काफी लाभ प्राप्त होगा।

• ग्रामीण क्षेत्रों एवं शहरी क्षेत्रों के मरीजों को समय सीमा के अंदर आपातकालीन स्वास्थ्य परिवहन सेवा उपलब्ध होने से काफी सहूलियत होगी।

• इस पहल से मरीजों को उच्चतर इलाज की सुविधावाले अस्पतालों में ले जाने में काफी सुविधा होगी।

मुख्यमंत्री ने एंबुलेंस को रवाना करने के पूर्व एंबुलेंस के अंदर की व्यवस्थाओं एवं कार्यप्रणाली की जानकारी ली। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि आज आमलोगों को बेहतर एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 501 नई एम्बुलेंस का लोकार्पण किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा कुल 1000 एम्बुलेंस का क्रय किया गया है. जिसमें से 501 एंबुलेंस को सभी जिलों के लिए रवाना किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष हमने पुराने सभी सरकारी 652 एम्बुलेंस को बदलकर उनके स्थान पर 1000 नये एम्बुलेंस खरीदने का निर्णय लिया था। उन्होंने कहा कि इसमें से 534 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस प्रत्येक प्रखण्ड के लिये है। इस एम्बुलेंस में ऑक्सीजन सुविधा के साथ-साथ वेंटिलेटर, डिफिब्रीलेटर-सह-कॉर्डियक मॉनिटर, सेन्ट्रल वेन कैथेटर्स आदि की सुविधा उपलब्ध होती है। इस प्रकार एक एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस चलंत गहन चिकित्सा कक्ष की तरह कार्य करता है।

शेष 466 बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस हैं जो ऑक्सीजन सुविधायुक्त वैसे एंबुलेंस होते हैं जिनका उपयोग सामान्य रोगियों के परिवहन में किया जाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन एम्बुलेंसों के परिचालन से आपातकालीन स्वास्थ्य परिवहन सेवा में गुणात्मक सुधार होगा तथा आम लोगों को इसका काफी लाभ प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि यह जो काम हुआ है, वह बहुत ही अच्छा हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों एवं शहरी क्षेत्रों के मरीजों को समय सीमा के अंदर आपातकालीन स्वास्थ्य परिवहन सेवा उपलब्ध होने से काफी सहूलियत होगी। इस पहल से मरीजों को उच्चतर इलाज की सुविधावाले अस्पतालों में ले जाने काफी सुविधा होगी। ग्रामीण क्षेत्रों की गर्भवती माताओं, बीमार शिशुओं, गंभीर रूप से बीमार मरीजों एवं दुर्घटनाग्रस्त मरीजों की इससे तत्काल स्वास्थ्य सहायता उपलब्ध हो सकेगी।

आज 501 एंबुलेंस जिसमें 275 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस एवं 226 बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस शामिल हैं, को राज्य के सभी 38 जिलों के लिए रवानगी की गयी है। शेष नये एम्बुलेंसों की सभी जिलों को उपलब्ध करा दी जायेगी बिहार वह पहला राज्य होगा, जिसने प्रत्येक प्रखण्ड में एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है, जो आज कार्यान्वित हो रहा है।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद, स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पाण्डे, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त परामर्शी श्री मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, सचिव स्वास्थ्य श्री के० सेंथिल कुमार, कार्यपालक निदेशक राज्य स्वास्थ्य समिति श्री संजय कुमार सिंह सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।

पटना हाईकोर्ट में पटना मुख्य नहर के बांध व चार्ट भूमि पर अतिक्रमणकारियों द्वारा किये गए अतिक्रमण के मामले पर सुनवाई टल गयी है

चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ राज किशोर श्रीवास्तव की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने दानापुर के अंचलाधिकारी व दानापुर नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी को तलब किया था।कोर्ट ने इन अधिकारियों को कार्रवाई रिपोर्ट भी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।

कोर्ट को याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सुरेंद्र कुमार सिंह ने बताया था कि उक्त नहर बांध व चार्ट भूमि पर अतिक्रमण की स्थिति को दानापुर के अंचलाधिकारी ने अपने जवाबी हलफनामा में स्वीकार किया है।

अंचलाधिकारी ने अपने हलफनामा में यह भी कहा था कि बगैर किसी आवंटन के ही अतिक्रमणकारी अवैध
से रह रहे हैं।राज्य सरकार की ओर से बताया गया है ।अगले चार सप्ताह में कम से कम 70 फीसदी अतिक्रमण को हटा दिया जाएगा।

सुनवाई के दौरान दानापुर के अंचलाधिकारी कोर्ट में मौजूद थे।

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#PatnaHighCourt

सोन नहर प्रमंडल, खगौल, पटना द्वारा अतिक्रमण वाद दायर करने के लिए दानापुर के अंचलाधिकारी को लिखा गया था, लेकिन अभी तक इसे नहीं हटाया गया।

सोन नहर प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता द्वारा दानापुर के अंचलाधिकारी को अतिक्रमणकारियों की सूची भी अंचलाधिकारी को दी गई है।

कार्यपालक अभियंता ने अपने पत्र में विभागीय मुख्य नहर के बांध व चार्ट भूमि पर किये गए अतिक्रमण को अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध अतिक्रमण वाद दायर कर ठोस अग्रेतर कार्रवाई करने हेतु अनुरोध किया था, ताकि विभागीय भूमि अतिक्रमणकारियों से मुक्त हो सके।

इस मामले पर आगे सुनवाई की जाएगी।

इस्पात मंत्रालय का पदभार सिंधिया संभालेंगे

केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने इस्तीफा देने के बाद इस्पात मंत्रालय का कार्यभार केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिराज सिंधिया को सौंपा।

आज दिल्ली स्थित पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के सरकारी आवास पर सुबह-सुबह मिलने पहुंचे थे केंद्रीय मंत्री ज्योतिराज सिंधिया मुलाकात के बाद केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने कहा ज्योतिराज सिंधिया लंबे समय से मंत्रालय के कार्यभार संभाल रहे हैं इसलिए उनके पास अनुभव है और वह बखूबी इस्पात मंत्रालय की कार्यभार संभालेंगे आपको बता दें कि 1 दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री अजित सिंह ने अपना इस्तीफा सौंप दिया था।

लालू प्रसाद यादव दिल्ली एम्स के आईसीयू में भर्ती हैं

लालू यादव को दोबारा से डॉक्टर भौमिक की टीम भी देख रही है। इससे पहले भी लालू यादव को एम्स में डॉ भौमिक और राकेश यादव की टीम ईलाज कर रहे थे।

लालू यादव को फिलहाल एम्स के आईसीयू वार्ड में रखा गया है। डॉक्टर भौमिक की टीम देख रही है सूत्रों के मुताबिक लालू यादव की बॉडी मूमेंट नहीं कर रही है।

सीढ़ियों से गिर गए थे। जिसकी वजह से उनके हाथों में फ्रैक्चर आया और वहां पर क्लिप लगाई गई इसका असर उनके रंग पर पड़ा है और इसके साथ ही दवाइयों की वजह से उनके किडनी पर भी असर पड़ा है।

laluyadav

उनका क्रिएटिनिन की मात्रा बढ़ गई है। इन सभी को डॉक्टर देख रहे हैं। डॉक्टर अपने अंडर ऑब्जर्वेशन में रखे हुए हैं।

आज कुछ टेस्ट किया गया है। उसके बाद उनको प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट किया जाएगा।

फिलहाल लालू यादव की स्थिति चिंताजनक है क्योंकि बॉडी में मूमेंट नहीं हो रही है।

आज पटना हाईकोर्ट में क्या है खास

पटना हाईकोर्ट में आज इन मामलों की होगी सुनवाई :-

1.पटना हाईकोर्ट में राज्य के पटना स्थित जय प्रकाश नारायण एयरपोर्ट समेत राज्य के अन्य एयरपोर्ट के मामले पर सुनवाई की जाएगी।चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने गौरव कुमार सिंह व अन्य द्वारा दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।

इस मामलें पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार को बताने को कहा है कि गया एयरपोर्ट को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विकसित करने के लिए 268 करोड़ रुपये कब तक देगी।

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2. नगर निगमों की वित्तीय स्वायत्तता के मामलें पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई की जाएगी। आशीष कुमार सिन्हा की याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई करेगी।
इस मामलें में कोर्ट ने सरकार को स्थिति स्पष्ट करते हुए जवाब देने के लिए तीन सप्ताह का मोहलत दिया था।

याचिका में यह कहा गया है कि अन्य राज्यों में नगर निगम को आवंटित धनराशि का उपयोग करने का अधिकार नगर निगम को ही हैं।साथ किस मद में पैसा कैसे खर्च करना हैं,इसका निर्णय भी नगर निगम ही लेता है।लेकिन बिहार में नगर निगमों को ऐसी स्वायतता नहीं है।

नगर निगमों को जो भी फंड मुहैया कराया जाता हैं,जो कि एक विशेष कार्य के लिए होता है।उन्हें कोई अधिकार नहीं होता कि वे यह तय कर सके कि आवंटित धनराशि को किस तरह व्यय करें।

समस्तीपुर : चांदना पेट्रोल पंप पर अपराधियों ने की फायरिंग

बाइक सवार दो की संख्या में थे अपराधी। बाल बाल बचे पेट्रोल पंप के कर्मी। मुफस्सिल थाना के मोहनपुर की घटना।

जमुई सांसद चिराग पासवान पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह के निधन के उपरांत उनके पैतृक गांव पहुंचे

बिहार के कद्दावर समाजवादी नेता व पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के निधन के उपरांत लोजपा रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष स ह जमुई सांसद चिराग पासवान उनके पैतृक गांव पकरी गए।

सांसद चिराग पासवान ने स्वर्गीय नरेंद्र सिंह पैतृक घर में उनकी धर्मपत्नी तीनों पुत्र एवं अन्य परिजनों से मिलकर दुखी घड़ी में उन्हें ढांढस बंधाया।

इस मोके पर सांसद चिराग पासवान ने मीडिया से बात करते हुए कहा मैं एवं मेरा बुरा परिवार आज इस दुख की घड़ी में स्वर्गीय नरेंद्र चाचा के पूरे परिवार के साथ खड़े हैं।

पिता के चले जाने का गम क्या होता यह मुझे पता है और इसी गम को बांटने के लिए मैं आज यहां पर आया हूं। राजनीति तो पर मैं बहुत कम नरेंद्र सिंह से जुड़ा रहा पर बचपन से ही जब मेरे घर में मेरे पिता से मिलने नरेंद्र चाचा जी आया करते थे, तब अपने पिताजी के कहे अनुसार नरेंद्र चाचा का पैर छूकर आशीर्वाद लिया करता था।

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छात्र नहीं आये तो कांलेज के शिक्षक ने लौटाया अपना वेतन

बिहार के एक प्रोफेसर ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था की खोली पोल 45 महीने स्टूडेंट को नहीं पढ़ाया, तो असिस्टेंट प्रोफेसर ने सैलरी का 23 लाख लौटाया ।

यह मामला बाबा साहब भीम राव अम्बेदकर विश्वविधालय मुजफ्फरपुर से जुड़ा है जहां नीतीश्वर काॅलेज में हिंदी के असिस्टेंट प्राेफेसर डाॅ. ललन कुमार ने कक्षा में स्टूडेंट्स की उपस्थिति लगातार शून्य रहने पर अपने 2 साल 9 माह के कार्यकाल की पूरी सैलरी 23 लाख 82 हजार 228 रुपए लाैटा दिया है।

डाॅ. ललन ने मंगलवार काे इस राशि का चेक बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलसचिव डाॅ. आरके ठाकुर काे सौंपा ताे सभी हैरान रह गए। कुलसचिव ने पहले चेक लेने से इनकार किया। इसके बदले नाैकरी छाेड़ने को कहा, लेकिन डाॅ. ललन की जिद के आगे उन्हें झुकना ही पड़ा। डाॅ. ललन ने कहा, ‘मैं नीतीश्वर काॅलेज में अपने अध्यापन कार्य के प्रति कृतज्ञ महसूस नहीं कर रहा हूं। इसलिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बताए ज्ञान और अंतरात्मा की आवाज पर नियुक्ति तारीख से अब तक के पूरे वेतन की राशि विश्वविद्यालय काे समर्पित करता हूं।’

उन्हाेंने विश्वविद्यालय की गिरती शिक्षण व्यवस्था पर भी सवाल उठाए। कहा, ‘जबसेे नियुक्त हुआ, काॅलेज में पढ़ाई का माहाैल नहीं देखा। 1100 स्टूडेंट्स का हिंदी में नामांकन ताे है, लेकिन उपस्थिति लगभग शून्य रहने से वे शैक्षणिक दायित्व का निर्वहन नहीं कर पाए। ऐसे में वेतन लेना अनैतिक है।’ बताया जाता है कि काेरोना काल में ऑनलाइन क्लास के दौरान भी स्टूडेंट्स उपस्थित नहीं रहे। उन्होंने प्राचार्य से विश्वविद्यालय तक काे बताया, लेकिन कहा गया कि शिक्षण सामग्री ऑनलाइन अपलोड कर दें।

डाॅ. ललन की नियुक्ति 24 सितंबर 2019 काे हुई थी। वरीयता में नीचे वाले शिक्षकाें काे पीजी में पोस्टिंग मिली, जबकि इन्हें नीतीश्वर काॅलेज दिया गया। उन्हें यहां पढ़ाई का माहाैल नहीं दिखा ताे विश्वविद्यालय से आग्रह किया कि उस काॅलेज में स्थानांतरित किया जाए, जहां एकेडमिक कार्य करने का माैका मिले।

विश्वविद्यालय ने इस दाैरान 6 बार ट्रांसफर ऑर्डर निकाले, लेकिन डॉ. ललन को नजरअंदाज किया जाता रहा। कुलसचिव डॉ. आरके ठाकुर के मुताबिक, स्टूडेंट्स किस काॅलेज में कम आते हैं, यह सर्वे करके ताे किसी की पाेस्टिंग नहीं हाेगी। प्राचार्य से स्पष्टीकरण लेंगे कि डाॅ. ललन के आराेप कितने सही हैं।

शिक्षक बने डीएम; बच्चों के साथ जमीन पर बैठकर खाया ‘मिड डे मील’

रोहतास । खबर रोहतास जिला के राजपुर से है। जहां रोहतास के डीएम धर्मेंद्र कुमार आज विभिन्न विद्यालयों का निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कई विद्यालयों में शिक्षक की भूमिका निभाते देखे गए। वही राजपुर के उत्क्रमित मध्य विद्यालय, सेबेया के बरामदे पर बैठकर बच्चों के साथ ‘मिड डे मील’ खाया।

बता दें कि इन दिनों रोहतास जिला में विद्यालयों के गुणवत्ता में सुधार के लिए जिला स्तर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। जिसको लेकर विभागीय एवं प्रशासनिक अधिकारी विद्यालयों में समय दे रहे हैं एवं औचक निरीक्षण कर रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने राजकीय मध्य विद्यालय लाल बिहारी नगर, मंगरवलिया में बच्चों की अंग्रेजी की कक्षा ली तथा छात्र-छात्राओं को अंग्रेजी का पाठ पढ़ाया।

सेबेया के मध्य विद्यालय में जमीन पर बैठकर छात्रों के साथ जब डीएम धर्मेंद्र कुमार खिचड़ी- चोखा खाते देखें गए तो सभी देखते रह गए। साथ में जिला शिक्षा पदाधिकारी संजीव कुमार एवं अन्य पदाधिकारियों को भी जमीन पर बैठकर बच्चों के साथ खाना खाना पड़ा। ज़िलाधिकारी के इस रूप को देखकर ग्रामीण काफी प्रसन्न दिखे।

नीतीश कुमार ने किया डायल 112 का शुभारंभ

पटना, 06 जुलाई 2022 :- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज बिहार पुलिस रेडियो कैंपस स्थित नवनिर्मित इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का फीता काटकर एवं शिलापट्ट अनावरण कर लोकार्पण किया। लोकार्पण के पश्चात् इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का निरीक्षण किया और वहां की व्यवस्थाओं एवं कार्य प्रणाली की जानकारी ली।

इमरजेंसी रिस्पॉन्स वाहनों को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना, आपात नंबर 112 का किया लोकार्पण

मुख्यमंत्री के वक्तव्य के मुख्य बिन्दु : > आपात नंबर 112 के वाहनों को पटना जिले के सभी निर्धारित स्थलों और अन्य जिलों के जिला मुख्यालयों एवं अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर वाहनों को तैनात करने की समुचित व्यवस्था करें।

गाड़ियों के अलावे 500 मोटरसाईकिलें भी रखी जाएँ, जिससे कार्यक्षमता और दक्षता और बेहतर हो सकेगी।

→ आपात नंबर 112 के कॉल सेंटर में कार्यरत सभी कर्मी महिलाएं हैं, जो दक्षता के साथ सभी कार्यों को सकुशल तरीके से हैंडल कर रही हैं। यह बहुत खुशी की बात है कि आज महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में एक और नया अध्याय जुड़ गया है। यह अत्यंत खुशी की बात है कि हर गाड़ी में 3 से 4 पुलिस बल तैनात किए जा रहे हैं, जिससे समस्याओं का समाधान और बेहतर तरीके से हो सकेगा। किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति जैसे अपराध की घटना, आगजनी, वाहन दुर्घटना की स्थिति या महिला, बच्चों एवं वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा से संबंधित बात हो तो बिहार के किसी भी कोने से कोई भी व्यक्ति एकल नंबर 112 पर निःशुल्क कॉल कर सकता है।

★ आपात नंबर 112 का व्यापक प्रचार प्रसार करते रहें।

→ वरीय पदाधिकारी इस व्यवस्था की लगातार मॉनिटरिंग करते रहें ताकि लोगों को किसी प्रकार की कोई समस्या न हो। इसके सफल क्रियान्वयन से लोगों का पुलिस और प्रशासन पर भरोसा और बढ़ेगा।

निरीक्षण के दौरान वरीय पुलिस अधिकारियों ने इस प्रणाली के संबंध में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति जैसे अपराध की घटना, आगजनी, वाहन दुर्घटना की स्थिति या महिला, बच्चों एवं वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा से संबंधित बात हो तो बिहार के किसी भी कोने से कोई भी व्यक्ति एकल नंबर 112 पर निःशुल्क कॉल (फोन / मोबाईल से) कर सकता है। सभी कॉल पटना स्थित कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में प्राप्त होंगे और आवश्यकतानुसार पीड़ित व्यक्ति को सहायता उपलब्ध कराने के लिए 15-20 मिनट के अन्दर इमरजेंसी रिस्पॉन्स वाहन / गाड़ी घटना स्थल पर भेज दिये जायेंगे।

पटना स्थित उच्चस्तरीय केंद्रीकृत कमांड एंड कंट्रोल सेंटर 24 घंटे कार्यरत रहेगा। इस कंट्रोल सेन्टर में प्रत्येक पाली (शिफ्ट) में 90 महिला पुलिसकर्मी कॉल रिसीव करने वाले 24 ऑफिसर कॉल के बाद आगे की कार्रवाई करने के लिए तथा 2 अधिकारी कॉल सेन्टर को सुपरवाईज करने के लिए रहेंगे। प्रत्येक पाली 8 घंटे की होगी। प्रत्येक इमरजेंसी वाहन में एक पुलिस पदाधिकारी सहित 3-4 सशस्त्र जवान तैनात रहेंगे। इन वाहनों का कार्यक्षेत्र (जोन) निर्धारित किया गया है जिससे कि वे अपने क्षेत्र के अन्तर्गत कोई भी घटना होने पर अधिकतम 20 मिनट में स्थल पर पहुँच सकें। यानि इन वाहनों को वैसे चिन्हित स्थलों पर प्रतिनियुक्त किया गया है जहाँ इसकी उपयोगिता अधिकतम हो और ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसकी सुविधा मिल सके। प्रत्येक गाड़ी में आधुनिक कैमरे, जी०पी०एस० इत्यादि लगाये गये हैं जिससे घटनास्थल पर पहुंचने के बाद घटनास्थल का फोटोग्राफ एवं वीडियो लेने का प्रावधान किया गया है एवं इसे पटना स्थित कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सेन्टर में भेजा जाता है। प्रत्येक घटना के निष्पादन के उपरांत पटना स्थित कमांड सेंटर के सुपरवाईजर द्वारा पीड़ित व्यक्ति से फीडबैक भी लिया जायेगा। गंभीर घटनाओं की सूचना वरीय पदाधिकारियों को भी दी जायेगी। इसके अलावा पटना के कंट्रोल सेन्टर से सभी वाहनों लोकेशन (वाहन की स्थिति) की मॉनिटरिंग की जायेगी।

पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्रथम चरण में 400 इमरजेंसी रिस्पॉन्स गाड़ियाँ क्रय की गई है। इन गाड़ियों से पटना जिले सभी निर्धारित स्थलों और अन्य जिलों के जिला मुख्यालय एवं अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर गाड़ियों को तैनात करने की व्यवस्था की गयी है। इस परियोजना के प्रथम चरण पर 176 करोड़ रूपये की लागत आयी है। अगले चरण में बिहार के सभी क्षेत्रों को कवर किये जाने की योजना है जिस पर कार्य भी शुरू हो चुका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज इसकी शुरुआत हो रही है, यह अत्यंत खुशी की बात है। आपातकालीन स्थिति के लिए इमरजेंसी रिस्पांस वाहनों की सेवाएं आम नागरिकों के लिए शुरु की जा रही हैं, इन वाहनों के लिए 112 नंबर जारी किया गया है। इन वाहनों को पटना जिले के सभी निर्धारित स्थलों और अन्य जिलों के जिला मुख्यालयों एवं अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर गाड़ियों को तैनात करने की समुचित व्यवस्था करें। दूसरे चरण के लिए जितनी अतिरिक्त गाड़ियों और मानव बल की आवश्यकता है उसकी अविलंब व्यवस्था कराएं। साथ ही गाड़ियों के अलावे 500 मोटरसाईकिलें भी रखी जाएँ, जिससे कार्यक्षमता और दक्षता और बेहतर हो सकेगी। ने मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले पुलिस मुख्यालय द्वारा एक गाड़ी में दो पुलिस बल का प्रस्ताव किया गया था, उस वक्त हमने कहा था कि हर गाड़ी में तीन से चार पुलिस बल रहें। यह अत्यंत खुशी की बात है कि हर गाड़ी में 3 4 पुलिस बल तैनात किए जा रहे हैं, जिससे समस्याओं का समाधान और बेहतर तरीके से हो सकेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 112 कॉल सेंटर में कार्यरत सभी कर्मी महिलाएं हैं, जो दक्षता साथ सभी कार्यों को सकुशल तरीके से हैंडल कर रही हैं। यह बहुत खुशी की बात है कि आज महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में एक और नया अध्याय जुड़ गया है।।उन्होंने कहा कि किसी प्रकार की आपातकालीन स्थिति जैसे अपराध की घटना, वाहन दुर्घटना, आगजनी या अन्य कोई आपदा हो तो इस सबमें एकल नंबर 112 पर निःशुल्क कॉल कर इस सेवा का उपयोग किया जा सकता है। 112 नंबर का व्यापक प्रचार प्रसार करते रहें। यह काफी अच्छी व्यवस्था है इसमें आने वाले समय में काफी संख्या में कॉल आएंगे, यह और लोकप्रिय होगा। अतः इस बात का ध्यान रखा जाए कि सभी कॉल्स का सही तरीके से निर्धारित समय में निष्पादन हो और लोगों को ससमय सहायता मिले। इससे लोगों का पुलिस और प्रशासन पर भरोसा और बढ़ेगा। वरीय पदाधिकारी इसकी लगातार मॉनिटरिंग करते रहें ताकि लोगों को किसी प्रकार की कोई समस्या न हो। लगातार मॉनिटरिंग से यह व्यवस्था और अच्छी तथा सुदृढ़ होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं इसके सफल क्रियान्वयन की शुभकामनायें देता हूं साथ ही इसकी शुरुआत करने के लिए पुलिस अधिकारी एवं कर्मियों को धन्यवाद देता हूं और उम्मीद करता हूं कि आपातकालीन स्थिति में सभी इमरजेंसी रिस्पॉन्स वाहन बिहार के लोगों की सहायता के लिए अच्छे ढंग से कार्य करेंगे।


इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने एक अणे मार्ग से आपातकालीन स्थिति में तत्काल सहायता के लिए इमरजेंसी रिस्पांस वाहनों को हरी झंडी दिखाकर पटना जिले के सभी निर्धारित स्थलों एवं अन्य जिलों के जिला मुख्यालयों के लिए रवाना किया।

इतिहास मिटाने की प्रवृति हर तानाशाह का रहा है

दिल्ली को आज से पहले मैंने कभी भी इतना निराश उदास और यथास्थितिवादी नहीं देखा है दिल्ली तो दिल वालो का शहर था, हर किसी को अपने अंदाज में जीने का अवसर देता था, हमेशा नयी सोच के साथ हर बदलाव का स्वागत करता था ।

लेकिन इस बार पता नहीं क्यों दिल्ली में एक अजीब तरह का ठहराव दिख रहा था चेहरे पर एक अजीब सी उदासी दिख रही थी लग ही नहीं रहा था कि मैं दिल्ली के मेट्रो में सफर कर रहा हूं,जनपथ का भी हाल कुछ ऐसा ही था, मालवीय नगर और सरोजनी नगर मानो किसी उजाड़ वाले इलाके में आ गया हूं।

वसंत कुंज जैसे पाँस इलाके का हाल शब्दों में बया नहीं कर सकते प्रिया सिनेमा हॉल ,जेएनयू और दिल्ली विश्वविद्यालय लगता ही नहीं था कि ये वही जगह है जहां एक अलग तरह की खूबसूरती और स्वच्छंदता देखने को मिलती थी सब गायब है ।
ऐसे ही एक निराश हताश और यथावादी समूह द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में मुझे भी आमंत्रित किया गया था संतोष दिल्ली हो तो आओ आज साथ बैठते हैं पहुंचे तो वही पत्रकार ,वकील और सिविल सोसाइटी के लोग जिसे वर्षो बरस से झेल रहे हैं ,लेकिन पहली बार में इन सबों से मिलकर घबरा गया वो जज्बा ही नहीं रहा मैं खुद इतना घबरा गया कि सोचा किसी बहाने निकल चले लेकिन इसी बीच एक महिला मित्र की ओर से प्रस्ताव आया कि संतोष भी आज के हालात पर अपनी राय रखे जमीन पर क्या हो रहा है यह बेहतर महसूस करता है ।ऐसे निराश और हताश लोगों के सामने कहां से शुरु करु मुझे समझ में नहीं आ रहा था फिर मैंने अपनी ही कहानी शुरू किया ,मित्रों पारिवारिक बटवारे के बाद मुझे जो घर मिला उस घर में मेरे तमाम भाई बहन रिश्तेदार नातेदार का आना जाना रहा था मेरा खुद का बचपन उसी घर में गुजरा था हर एक जगह से कुछ ना कुछ यादें जुड़ी हुई थी अंधेरे में भी कहां बिजली का स्विच है कहां निकलने का रास्ता है कहां बाथरूम है सब कुछ मन की आंखों से दिख जाता था।कहां दादी बैठकर खाती थी कहां मुझे स्नान कराती थी छठ कहां होता था रसोई कहाँ बनती थी।

लेकिन मकान का हालत इतना जर्जर हो गया था कि उसे बनाये बगैर रहना मुश्किल था तय हुआ घर बनाया जाए ।निर्माण का कार्य शुरु हुआ तो मेरी कोशिश रही कि जो यादें इस मकान से जुड़ी है उसको अधिक से अधिक कैसे बनाये रखा जाए इस वजह से खर्च भी ज्यादा हुआ लेकिन पुराने ढांचा को बचाने में कामयाब हो गया ।

संयोग से एक घर का बिजली का बोर्ड का जगह बदल गया पांच वर्ष से अधिक समय हो गया मकान बने लेकिन जब कभी रहते हैं और पंखा या लाइट जलानी रहती है सबसे पहले बिजली का बोर्ड जिस पूरानी जगह लगी हुई थी वहीं पहले पहुंच जाते हैं अभी भी नहीं भूल पाए हैं । अब आप कहेंगे देश के हलाता का मेरे घर से क्या वास्ता मित्रों वास्ता है आज हमारे सामने जितने भी लोग बैठे हैं जहां तक मुझे याद है सारे के सारे घोर कांग्रेस विरोधी रहे हैं बात बात पर क्रांति करने निकलते जाते थे जिसके बाप और नाना के नाम पर बने विश्वविद्यालय में मुफ्त में पढ़ते थे उसी का खा कर दिन भर उसी को गाली देते थे और ये वंदना ,सरोज अमित कुछ हुआ नहीं कैंडल मार्च लेकर चल देते थे याद है ना ।

याद करिए यही देश है ना ज्यादा वक्त भी नहीं गुजरा है हम तमाम साथी उस समय कॉलेज मेंं आ गये थे विज्ञान भवन में अस्थायी जेल बना था याद है अमित हम लोग देखने भी गये थे कैसा बना है अस्थायी जेल । कितना आनंद ले रहे थे देश का पीएम नरसिम्हा राव भ्रष्टाचार के मामले में जेल जा रहा है पानी पी पी कर हम लोग कांग्रेस के भ्रष्टाचारी होने पर कोश रहे थे और आज सत्ताधारी दल के प्रवक्ता की गिरफ्तारी सुप्रीम कोर्ट के तल्ख टिप्पणी के बावजूद नहीं हो पा रही है जूबैर की गिरफ्तारी पर इतना विचलित क्यों हो भाई ।

मोदी ने आठ वर्षो के अपने शासन काल में क्या किया है जनता की लड़ाई लड़ने वाली एक एक संस्था को प्रभावहीन कर दिया है चाहे वो आरटीआई हो ,मानवाधिकार आयोग हो ,लोकायुक्त हो या फिर मीडिया हो और अब सुप्रीम कोर्ट भी कुछ उसी दिशा की और बढ़ चला है।

इन संस्थानों के पास कौन जाता है सत्ता और सरकार के गलत निर्णय या जुल्म के खिलाफ जनता ही जाती है ना अगर ये तमाम संस्थान न्याय करना बंद कर दे तो किसका नुकसान होगा ।

इसलिए आप लोग परेशान ना हो आज देश कांग्रेस के हाथों में नहीं है ,एक ऐसे व्यक्ति के हाथ में है जिसे रातो रात मुख्यमंत्री बन दिया गया और फिर देश का पीएम बन गया उन्हें संवैधानिक संस्थाओं का महत्व का क्या पता है लोकतंत्र में लोक लज्जा भी होता है इसे कहां पता है।

भाई ये देश को ही नहीं मिटा रहा है जिस पार्टी और संगठन ने इसे सीएम और पीएम बनने में सहयोग किया उसको भी मिटा रहा है ।

कभी आप लोगों ने सोचा कि बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यालय को क्यों नये भवन में शिफ्ट किया गया ,इस पर जब आप गौर करेंगे तो आप समझ जायेंगे कि मोदी और शाह का नजरिया क्या है हर वैसे इतिहास को बदल डालों जहां मोदी और शाह से अलग कोई इतिहास रहा है दिल्ली क्या देश के हर जिला मुख्यालय में बीजेपी और संघ का नया दफ्तर बन गया है जहां अब कोई ये बात नहीं करता है कि ये वही जगह है जहां वाजपेयी जी रात में रुके थे ये वही जगह है जहां आडवाणी रथ यात्रा के दौरान कुछ देर के लिए आये थे ये वहीं कमरा है जहां संघ के सरसंघचालक रज्जू भैया और मोहन भागवत बिहार में जब प्रचारक थे तो रहते थे ।
मतलब उन तमाम इतिहास को मिटा दो जो मोदी और शाह के सिवा दूसरा कुछ भी चर्चा करने और सोचने का स्पेस देता हो। देश के साथ भी यही कर रहा है, संसद भवन बदल दिया ।मैं अभी इंडिया गेट होकर ही आ रहा हूं सैकड़ों लोग बाहर खड़े होकर देख रहे थे इंडिया गेट के पास जाना मना है ।

याद है शाम से लेकर आंधी रात तक पूरी दिल्ली इंडिया गेट पर अपने परिवार के साथ मौज मस्ती करता था देखिए उस इतिहास को भी ये खत्म कर दिया। अब मैं जहां से बात की शुरुआत की थी उस पर आते हैं जिसका बचपन चाय की दुकान पर गुजरा हो( ये खुद कहते हैं) जिसने कभी स्कूल कॉलेज नहीं देखा है शादी किया पत्नी को छोड़ दिया मतलब जिसे परिवार चलाने के जिम्मेवारी का भी एहसास नहीं है उससे आप क्या उम्मीद करते हैं देश के निर्माण की प्रक्रिया में कोई योगदान रहता तब तो ।

इन्हें कौन समझाये कि मीडिया ,न्यायपालिका, मानवाधिकार आयोग ,आरटीआई और सिविल सोसाइटी जैसी संस्था लोकतंत्र के प्रति जनता की आस्था को बचा कर रखती है।कालीदास कोई कहानी थोड़े ही है उस दौर के समाज का चित्रण है।
ऐसी स्थिति में निराश होने कि जरूरत नहीं है आपके सामने ऐसा व्यक्ति खड़ा है जिसे संवैधानिक मूल्यों से देश के कानून से कोई वास्ता नहीं है ,आपके सामने ऐसा व्यक्ति खड़ा है जिसको देश के संस्कृति और इतिहास से कोई वास्ता नहीं है ऐसे लोगों से आप कैसे लड़ सकते हैं इस पर सोचिए ।

आज गांधी भी होते तो सफल नहीं होते यह मुझे लगता है ऐसे में भारत पाकिस्तान और इराक ना बने इस पर सोचने कि जरूरत है क्यों कि देश को जिस दिशा में ले जाया जा रहा है कोई रोक नहीं सकता है इराक और पाकिस्तान बनने में।
धन्यवाद बहुत हुआ उम्मीद है आप तनाव मुक्त हुए होंगे और उम्मीद है निराशा के उस दौर से बाहर निकलने में मेरी ये बातें आपको मदद करेंगी ।

मोतिहारी- गोलियों से भूनकर दो सगे भाईयो की हत्या

मोतिहारी । कोटवा के वनवीरवा पुल के पास हुई घटना, फाइनांस कंपनी में काम करते थे दोनों। हत्या के कारणों का नही हो सका है खुलासा।


बाइक से काम पर जा रहे थे दोनों । कोटवा के जसौली पट्टी गांव के निवासी थे दोनों ।

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आज पटना हाईकोर्ट में क्या खास है, इन मामलों की होगी सुनवाई

पटना हाईकोर्ट में आज इन मामलों की होगी सुनवाई :-

1. पटना हाईकोर्ट में पटना स्थित राजीवनगर क्षेत्र में अवैध मकानों को तोड़े और अतिक्रमण हटाने के विरुद्ध दायर याचिकाओं पर सुनवाई होगी।जस्टिस संदीप कुमार इस मामलें में दायर याचिकाओं पर सुनवाई करेंगे।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने अगले आदेश तक अतिक्रमण हटाने पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार और बिहार राज्य आवास बोर्ड से जवाब माँगा था।

2. नगर निगमों की वित्तीय स्वायत्तता के मामलें पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई की जाएगी। आशीष कुमार सिन्हा की याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई करेगी।
इस मामलें में कोर्ट ने सरकार को स्थिति स्पष्ट करते हुए जवाब देने के लिए तीन सप्ताह का मोहलत दिया था।

याचिका में यह कहा गया है कि अन्य राज्यों में नगर निगम को आवंटित धनराशि का उपयोग करने का अधिकार नगर निगम को ही हैं।साथ किस मद में पैसा कैसे खर्च करना हैं,इसका निर्णय भी नगर निगम ही लेता है।लेकिन बिहार में नगर निगमों को ऐसी स्वायतता नहीं है।

नगर निगमों को जो भी फंड मुहैया कराया जाता हैं,जो कि एक विशेष कार्य के लिए होता है।उन्हें कोई अधिकार नहीं होता कि वे यह तय कर सके कि आवंटित धनराशि को किस तरह व्यय करें।

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3. पटना हाईकोर्ट में राज्य के पटना स्थित जय प्रकाश नारायण एयरपोर्ट समेत राज्य के अन्य एयरपोर्ट के मामले पर सुनवाई की जाएगी।चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने गौरव कुमार सिंह व अन्य द्वारा दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।

इस मामलें पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार को बताने को कहा है कि गया एयरपोर्ट को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विकसित करने के लिए 268 करोड़ रुपये कब तक देगी।

पटना हाईकोर्ट ने वर्ष 2018 से ही लंबित एक सिविल रिट याचिका की सुनवाई करते हुए कहा है कि राज्य सरकार को अपने पैनल को फिर से देखना चाहिये

साथ ही यह भी देखना चाहिए कि वैसे अधिवक्ताओं की नियुक्ति करनी चाहिए जो मुकदमों के निपटारे में कोर्ट को सहयोग करने के लिए तैयार रहे। जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा ने मोहम्मद रिज़वान की याचिका पर सुनवाई की।

कोर्ट का कहना था कि सरकार द्वारा नियुक्त अधिवक्ता कोर्ट में उपस्थित नहीं हो रहे हैं और वे अपने जूनियर को भेज देते हैं, जो कि समय लेते हैं और स्थगन मांगते हैं। न तो वे मुकदमें के साथ तैयार होते हैं और न हीं वे कोर्ट को कोई सहयोग करते हैं।

जिसके परिणामस्वरूप कोर्ट में बहुत सारे मुकदमें लंबित हैं और मुकदमों को स्थगित किया जा रहा है। इसके बावजूद की, कोर्ट अधिवक्ता को बहस करने के लिए जोर देते हैं और वे मुकदमों को स्थगित करवाना चाहते हैं।

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कोर्ट ने इस आदेश की प्रति को राज्य के चीफ सेक्रेटरी और महाधिवक्ता को भेजने को कहा है। कोर्ट ने राज्य सरकार के महाधिवक्ता और चीफ सेक्रेटरी को सुनवाई की अगली तिथि को मामलों के निष्पादन के लिए उचित सहयोग के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाये गए कदम के बारे में सूचित करने को कहा है। इसके साथ ही कोर्ट ने उक्त मामले को चार सप्ताह बाद सूचीबद्ध करने को कहा है।

पटना हाईकोर्ट ने पटना नगर निगम के एमपॉवर्ड स्टैंडिंग कमिटी के बिना सहमति ए एन कालेज,पटना के पीछे नगर विकास भवन के टेंडर को रद्द कर दिया

जस्टिस अश्विनि कुमार सिंह की खंडपीठ ने राज्य के नगर विकास और आवास विभाग को नगर आयुक्त द्वारा नगर विकास भवन निर्माण हेतु अनुमति के लिए दिये पत्र निरस्त कर दिया।

अधिवक्ता मयूरी ने बताया कि पटना नगर निगम के एम पॉवर्ड स्टैंडिंग कमिटी के बिना सहमति के नगर आयुक्त ने नगर विकास भवन के निर्माण स्थानीय ए एन कालेज के पीछे 1.5 एकड़ भूमि पर करने के लिए पत्र जारी किया गया।साथ ही भवन निर्माण विभाग ने निर्माण के टेंडर जारी कर दिया था, जिसे कोर्ट ने रद्द कर दिया।

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि बगैर एमपॉवर्ड स्टैंडिंग कमिटी की अनुमति के नगर आयुक्त किसी संपत्ति को स्थानांतरित करने का पत्र नहीं जारी कर सकते है।वे निगम के कार्यपालक प्रधान होते हैं।

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कोर्ट ने अधिवक्ता मयूरी के इस तर्क को भी मना कि बिहार municipal एक्ट,2007 में कोई ऐसा प्रावधान नहीं है,जिसके तहत बाद में अनुमति ली जाए।नगर आयुक्त को ऐसी कोई कानूनी अधिकार नहीं है, जिसके तहत वे अधिकार का इस प्रकार उपयोग कर सके।इसलिए ये नगर आयुक्त का पत्र और भवन निर्माण के लिए जारी टेंडर को रद्द कर दिया गया।

लालू प्रसाद को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली भेजने की व्यवस्था करे सरकार – सुशील मोदी

ईश्वर से प्रार्थना है कि पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद जल्द ठीक हो कर घर लौटें – सुशील कुमार मोदी
1. राज्य सरकार को उनके स्वास्थ्य की चिंता करनी चाहिए और यदि आवश्यक हो, तो बेहतर इलाज के लिए उन्हें तुरंत दिल्ली भेजने की व्यवस्था की जानी चाहिए।

2. दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और वंचितों की पार्टी होने का दावा करने वाला राष्ट्रीय जनता दल जब 26 वाँ स्थापना दिवस मना रहा है, तब उसे आदिवासी महिला और झारखंड की पूर्व राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के लिए कुछ बड़ा दिल दिखाना चाहिए।
राजद को केवल विरोध के लिए विरोध की नीति त्याग कर राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी श्रीमती मुर्मू के समर्थन में आना चाहिए।

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3. सन् 2000 में लालू प्रसाद ने कहा था कि अगर पृथक झारखंड राज्य बना, तो यह उनकी लाश पर बनेगा।
बाद में राजनीतिक मजबूरी में उन्होंने बिहार के पुनर्गठन का विधेयक पारित कराया। 21 साल बाद फिर एक अवसर है, जब लालू प्रसाद को राष्ट्रपति के चुनाव में आदिवासी महिला श्रीमती मुर्मू का विरोध करने की नीति पर पुनर्विचार करना चाहिए।

बिहार के युवा को दिग्विजय सिंह और नरेन्द्र सिंह की राजनीति से सीख लेनी चाहिए

बिहार की राजनीति में दिग्विजय सिंह ‘दादा’ और नरेन्द्र सिंह दो ऐसे शख्सियत हुए हैं जो अपनी राजनीतिक शैली के सहारे लालू प्रसाद और नीतीश कुमार को सीधी चुनौती ही नहीं दी उनके मांद में घुसकर उन्हें हराया है।

दादा तो कई वर्ष पहले इस दुनिया से चले गये और नरेन्द्र सिंह भी अब इस दुनिया में नहीं रहे, लेकिन बिहार के ऐसे युवा जो राजनीति में कदम रखना चाहते हैं उनके लिए बिहार की राजनीति का ये दो चाणक्य एक ऐसा मूल मंत्र छोड़ कर गये हैं ,जिसके सहारे बिहार जैसे राज्य में भी जहां जाति और समाजिक समीकरण के मजबूत राजनीतिक ताना बाना के बावजूद भी सुचिता के साथ सत्ता में हिस्सेदारी कैसे प्राप्त किया जा सकता है इनके राजनीतिक शैली से आप सीख सकते हैं ।

संयोग ऐसा रहा है कि इन दोनों शख्सियत की राजनीति को नुझे करीब से देखने और समझने का मौका मिला है 2009 के लोकसभा चुनाव में दादा बांका से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन नीतीश कुमार उनका टिकट काट दिया याद करिए नीतीश कुमार की छवि उस समय बिहार में मिस्टर क्लीन और सुशासन बाबू के रूप में था और नीतीश कुमार की राजनीति परवान पर था ऐसी स्थिति में एक तरफ नीतीश कुमार का उम्मीदवार तो दूसरी तरफ लालू प्रसाद का उम्मीदवार चुनावी मैदान में था,और उस स्थिति में दादा नीतीश कुमार की चुनौती को स्वीकार करते हुए नीतीश कुमार को बांका लोकसभा चुनाव में ऐसी पटखनी दिया कि उस हार से फिर नीतीश कुमार उबर नहीं पाये और जदयू का जुमई और बांका में जो गढ़ 2009 में टूटा उस पर आज जदयू की वापसी नहीं हो पाई है।

क्यों कि नीतीश कुमार इन इलाकों में बड़ी मजबूती के साथ यादव राजनीति के खिलाफ अति पिछड़ों की राजनीति को खड़ा किया था और उसके सहारे लालू प्रसाद के गढ़ को पूरी तरह से तबाह कर दिया था लेकिन नीतीश की इसी राजनीति के सहारे दादा ने नीतीश कुमार द्वारा अति पिछड़ा उम्मीदवार देने के बावजूद भी जदयू को भी और राजद के उम्मीदवार को भी हरा दिया । मुझे याद है बिहार में लोकसभा 2009 के चुनाव में जदयू और भाजपा की ऐतिहासिक जीत के बावजूद भी नीतीश कुमार बांका के हार से इतने विचलित थे कि मीडिया से बात करने तक के लिए बाहर नहीं निकले।

2009 का लोकसभा चुनाव दादा कैसे जीते यह समझने कि जरूरत है नीतीश कुमार दादा के खिलाफ उनके ही सबसे करीबी अति पिछड़ा समाज से आने वाले दामोदर राउत को चुनावी मैदान में उतारा था और प्रदेश के सारे मंत्री को बांका में उतार दिया लेकिन दादा का साफ-सुथरी छवि के साथ साथ अपनी राजनीति शैली की वजह से नीतीश कुमार के पूरी ताकत लगाने के बावजूद अति पिछड़ा, महादलित,सवर्ण और बड़ी संख्या में मुसलमान वोटर मजबूती के साथ दादा के साथ खड़ा रहा और दादा ने राजद और जदयू को के प्रत्याशी को लाखों वोट से हरा दिया ।मतलब आपकी छवि साफ-सुथरी है और बिहार के सामाजिक और जातिगत राजनीति की समझ है तो आपके पास अपनी जाति का वोट हो या ना हो आप बिहार में राजनीति भी कर सकते हैं और विधायक सांसद भी बन सकते हैं। इसी तरह 2020 के विधानसभा चुनाव में भी नरेन्द्र सिंह भले ही नीतीश के साथ आ गये थे लेकिन विधानसभा चुनाव में चकाई विधानसभा क्षेत्र से उनके बेटे का नीतीश कुमार ने टिकट काट दिया और नरेंद्र सिंह की राजनीतिक विरासत खत्म हो जाये इसके लिए सुशील मोदी के साथ मिल कर दादा की बेटी श्रेयसी सिंह को जमुई से टिकट दे दिलवा दिया ताकी राजपूत वोटर नरेन्द्र सिंह के परिवार का टिकट काटने से एग्रेसिव ना हो ।

नीतीश के इस फैसले के पीछे भी वही सोच थी कि इस बार दादा की तरह नरेंद्र सिंह के राजनीतिक विरासत को भी खत्म कर देना है ।इसी चुनाव के दौरान नरेन्द्र सिंह से प्रचार अभियान के दौरान एक गाँव में मुलाकात हो गयी जबकि पहले से कोई तय नहीं था लेकिन मुलाकात हो गयी तो तीन घंटा उसी गाँव में रुक गये वो गाँव मुसलमान और अति पिछड़ा वोटर का था ।

गांव के ही एक दरवाजे पर मुसलमान और अति पिछड़ा दोनों वर्ग के वोटर साथ बैठे थे मेरा परिचय उन मतदाताओं से कराया गया ये संतोष जी है बिहार के प्रखंर पत्रकार हैं मुजफ्फरपुर बालिकागृह वाला मामला यही निकाले थे । ऐ मौलाना सुनो बिहार के एक मात्र यही पत्रकार हैं जो तुम्हारे साथ हमेशा खड़े रहते हैं इन्हें लोग बिहार का रवीश कुमार कहते हैं रवीश कुमार इनके बहुत अच्छे मित्र है । मैं असहज महसूस कर रहा था कि ये मेरा राजनीतिक इस्तमाल करे रहे है मैं निकलना चाह रहा था लेकिन नरेन्द्र सिंह छोड़ने को तैयार नहीं थे तभी वो अपने बॉडीगार्ड से मोबाइल मंगवाये ये देखो संतोष जी का हर खबर पढ़ते हैं देखो कैसे लिखते हैं तुम लोगों के बारे में । ये मेरी तारीफ नहीं कर रहे थे मेरे सहारे ही अपने वोटर को संदेश देना चाहते थे कि मैं धर्मनिरपेक्षता वाली राजनीति में विश्वास करते हैं और परिणाम क्या हुआ नरेंद्र सिंह के पुत्र निर्दलीय चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचा और नीतीश को मंत्री भी बनाना पड़ा इतना ही नहीं हाल ही में विधान परिषद का जो चुनाव हुआ उसमें ललन सिंह के उम्मीदवार को जमानत जब्त करवा कर संदेश दे दिया कि इस इलाके का चाणाक्य मैं ही हूं । दादा से तो उस तरह बातचीत करने का मौका नहीं मिला लेकिन नरेन्द्र सिंह से तो तीन चार दिन में एक बार बातचीत हो ही जाती थी बिहार की राजनीति को लेकर उनका स्पष्ट राय था संतोष जी बिहार का सर्वण का हाल और भी बुरा होने वाला है देखते रहिएगा गिनती का विधायक सांसद आने वाले दिनों में नहीं मिलेगा ।

ये जो बीजेपी है ना जिसको लेकर सब छोरा सब पगलाया हुआ है संतोष जी बीजेपी जो राजनीति करती है वो धर्म और धंधा (बनिया)की राजनीति करती है जो बिहार के सवर्ण के लिए बहुत ही घातक है। बिहार का सवर्ण समाज खेतिहर समाज है मेहनत करने वाला समाज है जिसके कारण उसका रोजना का सम्बन्ध गांव के दलित.अति पिछड़ा और मुसलमानों के साथ रहता है और ये सम्बन्ध पीढ़ी दर पीढ़ी से चली आ रही है इसके सहारे राजनीति करना सर्वण को सूट भी करेगा और यही समाजवाद का मूल मंत्र भी है ।देखिए लालू प्रसाद के शासन काल में बिहार में सवर्ण राजनीति कहां खड़ा था और नीतीश और सुशील मोदी के साथ जब से आया है कहां चला गया सारे स्थापित नेताओं को नीतीश और मोदी चुन चुन कर समाप्त कर दिया है ।

कोई बचा है देखिए मुझे कम तबाह किया है वजह क्या है बिहार का सर्वण वोटर हिन्दू मुसलमान में इस तरह उलझ गया कि वो राजनीति ही भूल गया बताइए संतोष जी रघुवंश बाबू जैसे लोगों को वैशाली में राजपूत वोट नहीं दिया इससे बड़ा अनर्थ और क्या हो सकता है । दो घंटे से हम लोग साथ बैठे हैं देख ही रहे हैं पदाधिकारी और समाज के लोग क्या क्या फरियाद लेकर आ रहे है इन मूर्खों को कौन समझाये बिहार में पदाधिकारियों का तबादला और पोस्टिंग कैसे होता है संतोष जी आपसे छुपा है । दिन भर ऑफिस में बैठकर हिन्दू मुसलमान करेंगा और शाम में मेरे पास पहुंच जायेंगा सर चार वर्ष से सचिवालय में सड़ रहे हैं देखिए सीओ परेशान किये हुए है देखिए थाना प्रभारी परेशान किये हैं कौन इसको समझाये कि जब आपको अपने नेता को ताकत देना का समय रहता है तो आप देश की बात करने लगते हैं हिन्दू मुसलमान की बात करने लगते हैं । संतोष जी हम लोग तो पूरी मजबूती के साथ अपनी पारी खेल लिये कोई अफसोस नहीं है आने दीजिए समय यही समझदारी रही ना तो विधायक और सांसद की कौन कहे ये लोग मुखिया तक बन नहीं पाएगा ।

बिहार दौरे पर आयीं राष्ट्रपति प्रत्याशी श्रीमती द्रौपदी मुर्मू का स्वागत करते माननीय मुख्यमंत्री नितीश कुमार

माननीय मुख्यमंत्री नितीश कुमार बिहार दौरे पर आयीं राष्ट्रपति प्रत्याशी श्रीमती द्रौपदी मुर्मू का स्वागत करते हुए

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दानापुर के रुपसपुर में संदिग्ध परिस्थिति में मिला पूर्व जिला परिषद सदस्य का शव, परिजनों ने जताई हत्या की आशंका

नौबतपुर के पूर्व जिला परिषद राकेश उर्फ गुड्डू सिंह का शव उनके फ्लैट से संदिग्ध परिस्थिति में बरामद किया गया है। बताया जाता है गुड्डू सिंह वर्तमान में नौबतपुर के टिसखोरा के वार्ड सदस्य भी हैं गुड्डू सिंह रूपसपुर थाना क्षेत्र के वैश्वशरैया नगर में साकेत सदन के फ्लैट में रहते थे। उसी फ्लैट में उनका शव बरामद किया गया है।

शव जहां जिस कमरे से बरामद किया गया है उसके आसपास खून के धब्बे भी दिखाई दे रहे हैं। जिससे परिजन हत्या की आशंका जता रहे हैं जता रहे हैं उनका कहना है कि इनकी हत्या की गई है।

घटनास्थल पर जानकारी के बाद रूपसपुर पुलिस भी मौके पर पहुंची साथ ही दानापुर डीएसपी एएसपी अभिनव धीमान भी पहुंचे हैं और मामले की तफ्तीश कर रहे हैं। इनका कहना है कि अभी मामले की तफ्तीश चल रही है पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा कि किस तरह से हत्या की गई है फिलहाल मामला संदिग्ध लग रहा है।

परिजनों ने हत्या की आशंका जताई है जिसे नकारा नहीं जा सकता उसकी जांच पुलिस कर रही है बताया जाता है कि काफी दिनों से यह यह रह रहे थे इनका किनके साथ उठना बैठना और घर पर आना जान था सभी की तफ्तीश होगी। आसपास के सीसीटीवी को भी खंगाला जा रहा है।

पूर्व जिला परिषद सदस्य का शव