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पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के राजस्व विभाग के विशेष सचिव द्वारा जारी विज्ञापन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाबी हलफनामा दायर करने का आदेश दिया है

राज्य सरकार द्वारा 2 जनवरी, 2021 को जारी विज्ञापन को रद्द करने और 9 फरवरी, 2022 को राज्य सरकार के कर्मियों की तरह आरक्षण देते हुए नियुक्त किए जाने को चुनौती दी गई थी।

जस्टिस अनिल कुमार सिन्हा की ने बलराज किशोर की याचिका पर सुनवाई करते उक्त आदेश को सोमवार को पारित किया। इस मामले में राज्य सरकार द्वारा विज्ञापन 2 जनवरी, 2021 को जारी किया गया था।

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जारी विज्ञापन के अनुसार बिहार लैंड ट्रिब्यूनल (बीएलटी ) के लिए विशेष सरकारी वकील व 25 अपर सरकारी वकील की नियुक्ति समेत अन्य विभागों तथा दो विशेष सरकारी वकीलों और 25 अपर सरकारी वकीलों की नियुक्ति आरक्षण के आधार पर की गई थी।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि कोर्ट ने जवाबी हलफनामा दाखिल कर राज्य सरकार से छह सप्ताह में पूछा है कि किस नियम के तहत आरक्षण का लाभ देते हुए उक्त नियुक्तियों को किया गया है।

उन्होंने बताया कि उक्त नियुक्ति हेतु कोई आरक्षण का नियय नहीं है और न ही कोई सर्च कमेटी और चयन कमेटी है।मामलें पर 6 सप्ताह बाद सुनवाई होगी।

पटना हाईकोर्ट ने राजीव रंजन सिंह की बिहार में राष्ट्रीय राजमार्गों की खस्ताहाल स्थिति से सम्बंधित जनहित याचिका पर सुनवाई की।

पटना हाईकोर्ट ने राजीव रंजन सिंह की बिहार में राष्ट्रीय राजमार्गों की खस्ताहाल स्थिति से सम्बंधित जनहित याचिका पर सुनवाई की। इस मामलें पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की।

कोर्ट में सुनवाई के दौरान पुल निर्माण करने वाली कंपनी के प्रबंध निदेशक ने वादा किया है कि समय सीमा के भीतर सारे परियोजनाएं पूरी कर ली जाएँगी।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने गंडक नदी पर पुल समेत अन्य योजनाओं के पूरा में बिलम्ब होने पर नाराजगी जाहिर की थी।
कोर्ट ने वैशाली के डी एम और एन एच ए आई के क्षेत्रीय पदाधिकारी को निर्देश दिया कि कंपनी द्वारा किये जा रहे कार्यों की लगातार समीक्षा कर कोर्ट में रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

पुल निर्माण करने वाली कंपनी के प्रबंध निदेशक ने कोर्ट को बताया कि सभी परियोजनाएं समय सीमा में पूरी की जाएँगी।साथ ही गंडक नदी पर पुल का निर्माण तीन माह में पूरा कर लिया जाएगा।

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पिछली सुनवाई में कोर्ट ने गंडक नदी पर पुल,हाजीपुर के रामाशीष चौक, अजानपीर ओवर ब्रिज,बी एस एन एल गोलम्बर आदि योजनाओं का मौके पर जायजा लेने के एक टीम गठित की है।

इस टीम में सारण और वैशाली के डी एम, एन एच ए आई के अधिकारी,सड़क व पुल निर्माण करने वाली कंपनी के प्रबन्ध निदेशक और अधिवक्ता सिद्धार्थ प्रसाद शामिल थे।

कोर्ट ने इन्हें इन योजनाओं के अलावे अन्य अधूरे बने सड़कों का जायजा ले कर रिपोर्ट अगले सप्ताह में पेश करने का निर्देश दिया था।

कोर्ट ने इस बात पर सख्त नाराजगी जाहिर की कि कोई भी परियोजना निर्धारित समय में पूरा नहीं हो रहा है, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड रहा है। गंडक नदी पर पुल पूरा होने की निर्धारित समय सीमा 2013 ही थी,लेकिन वह अबतक पूरा नहीं हुआ।

निर्माण कंपनी के अधिवक्ता सिद्धार्थ प्रसाद ने कोर्ट को बताय था कि हाई वॉल्टेज ट्रांसमीटर टावर स्थानांतरित करने का कार्य होने बाद सड़क निर्माण का कार्य तत्काल शुरू हो जाएगा।वैशाली की डी एम ने कोर्ट को बताया कि हाजीपुर आरओबी बनाने का काम चल रहा और निर्धारित समय में काम पूरा हो जाएगा।

अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार ने बताया की अजान पीर में जहां ओवरब्रिज बनना था, अभी तक नहीं बना हैं।यही नहीं,अभी एक ही लेन चालू हुआ है,जबकि दूसरे लेन का काम 12 वर्षो से लंबित हैं।

इस मामलें पर अगली सुनवाई 3 सप्ताह बाद होगी।

पटना हाईकोर्ट ने राज्य के नेशनल हाई वे और स्टेट हाईवे पर पर्याप्त संख्या में पेट्रोल पंप नहीं होने के मामले पर सुनवाई की

चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने मामलें पर सुनवाई करते हुए विकास आयुक्त को निर्देश दिया कि वे राज्य के सभी जिलाधिकारी की बैठक बुलाए।

कोर्ट को बताया गया कि पेट्रोल पम्प लगाने के लिए विभिन्न जिलों में डी एम के पास बड़ी तादाद में आवेदन लंबित हैं, जबकि राज्य के क्षेत्रफल और जनसंख्या के में पेट्रोल पम्प की संख्या बहुत कम है। कोर्ट ने विकास आयुक्त को इन मामलों पर सभी जिलों के डी एम से विचार कर कोर्ट में रिपोर्ट पेश करने को कहा।

कोर्ट ने राज्य के नेशनल व स्टेट हाईवे पर जनसंख्या और वाहनों की संख्या के तुलना में पेट्रोल पम्प की संख्या पर सख्त रुख अपनाया था।

कोर्ट ने इस पर गंभीर रुख अपनाते हुए जानना चाहा कि राज्य नेशनल हाइवे पर कितने पेट्रोल पम्प खोलने की अनुमति दी गई है।

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कोर्ट ने इस बात को भी गम्भीरता से लिया था कि 2018 से पेट्रोल पंप स्थापित करने के लिए लगभग एक हज़ार आवेदन कार्रवाई नहीं होने के कारण ज़िला प्रशासन के समक्ष पड़ा हुआ हैं।इन मामलों मे ज़िला के डी एम की ओर से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिलने के कारण मामला अधर में पड़ा हुआ हैं।

कोर्ट ने पिछली सुनवाई में जानना चाहा था कि अबतक नेशनल और स्टेट हाईवे में कितने पेट्रोल पम्प चालू हैं।साथ ही राज्य के विस्तार,जनसंख्या और वाहनों की संख्या के मद्देनजर और कितने पेट्रोल पम्प खोले जाने की जरूरत है।इस बारे में हाल में सर्वे किया गया हैं या नहीं।उसके क्या परिणाम रहे।

कोर्ट ने इस बात पर भी टिप्पणी की थी कि राज्य के इन पेट्रोल पंप पर आम लोगों के लिए बुनियादी सुविधाओं की भी भारी कमी हैं।पेय जल,मेडिकल किट,शौचालय आदि बुनियादी सुविधाओं की काफी अभाव हैं।

इन सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर अगली सुनवाई में जानकारी उपलब्ध कराने का कोर्ट ने आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा कि प्रदेश के राष्ट्रीय राज मार्ग तथा स्टेट हाईवे पर पेट्रोल पंप सहित अन्य नागरिक सुविधाओं की काफी कमी है। इस कमी को दूर करने के लिए सरकारों ने अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं किया है।

इस मामलें पर फिर 5 मई,2022 को सुनवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने बाढ़ पूर्व की तैयारियों की समीक्षा

पटना, 25 अप्रैल 2022 : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में जल संसाधन विभाग की कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की समीक्षा की। बैठक में बाढ़ पूर्व की तैयारियों एवं गंगा जल आपूर्ति योजना की विस्तृत समीक्षा की गई।मुख्यमंत्री ने बाढ़ पूर्व की तैयारियों एवं गंगा जल आपूर्ति योजना की समीक्षा की

मुख्य बिन्दु :

• गंगा जल आपूर्ति योजना को जल्द से जल्द पूर्ण करें।

• राजगीर, गया, बोधगया एवं नवादा में गंगा का जल शुद्ध पेयजल के रूप में पहुंचने से लोगों को काफी सुविधा होगी और भूजल स्तर भी मेंटेन रहेगा।

• सात निश्चय – 2 के अंतर्गत हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने के लिए योजनाबद्ध ढंग से कार्य करें।

• छोटी-छोटी नदियों को जोड़ने की योजना बनाएं। छोटी

नदियों के आपस में जुड़ने से जल संरक्षित रहेगा और इससे

सिंचाई कार्य में भी सुविधा होगी।

• नदियों के गाद एवं सिल्ट प्रबंधन को लेकर अध्ययन और आकलन करायें ।

जल संसाधन विभाग के सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जल संसाधन विभाग की कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की कार्य प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने गंगा जल आपूर्ति योजना के तहत इंटेक बेल सह पंप हाऊस, डिटेंशन टैंक सह पंप हाऊस की भौतिक कार्य प्रगति की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी तथा बताया कि पाइप लाइन का 97 प्रतिशत काम पूर्ण हो गया है। उन्होंने बताया कि गंगाजल आपूर्ति योजना के तहत राजगीर, गया, बोधगया एवं नवादा में सभी लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है।

सचिव जल संसाधन विभाग ने बाढ़ पूर्व तैयारियों के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य को तेजी से पूर्ण किया जा रहा है। • समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा जल आपूर्ति योजना को जल्द से जल्द पूर्ण करें। गंगा जल के स्टोरेज, शुद्धिकरण एवं सप्लाई कार्य प्रगति की निरंतर निगरानी करें। पदाधिकारी एवं अभियंता जमीनी स्तर पर इसे देखें पाइप लाइन की सुरक्षा की भी पूरी व्यवस्था रखें। जल संसाधन विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग तथा नगर विकास एवं आवास विभाग आपस में समन्वय बनाकर तेजी से कार्य पूर्ण करें। गंगा जल आपूर्ति योजना के क्रियान्वयन में आम लोगों का काफी सहयोग मिला है। उन्होंने कहा कि राजगीर, गया, बोधगया एवं नवादा में

गंगा के जल को शुद्ध कर पेयजल के रूप में जल्द से जल्द सभी लोगों तक पहुंचाने के लिए कार्य करें। इससे लोगों को सुविधा होगी और भू-जल स्तर भी मेंटेन रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ससमय बाढ़ पूर्व सुरक्षात्मक कार्यों को पूर्ण करें। बाढ़ अवधि में

कराए जानेवाले कार्यों की पूरी तैयारी रखें। उन्होंने कहा कि सात निश्चय-2 के अंतर्गत हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने के लिए योजनाबद्ध ढंग से कार्य करें। छोटी-छोटी नदियों को जोड़ने की योजना बनाएं, इसको लेकर व्यावहारिक आकलन कराएं। छोटी नदियों के आपस में जुड़ने से जल संरक्षित रहेगा और इससे लोगों को सिंचाई कार्य में भी सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि कृषि रोड मैप बनाया गया और कृषि के क्षेत्र में कई कार्य किए गए हैं जिससे फसलों का उत्पादन दुगुना हुआ है। हर खेत तक सिंचाई उपलब्ध हो जाने पर किसानों को कृषि कार्यों में और सहूलियत होगी। नदियों के गाद एवं सिल्ट प्रबंधन को लेकर अध्ययन और आकलन करायें।

बैठक में जल संसाधन मंत्री श्री संजय कुमार झा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, जल संसाधन विभाग के सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, अभियंता प्रमुख (बाढ़) श्री शैलेंद्र कुमार तथा अभियंता प्रमुख (सिंचाई) श्री आई०सी० ठाकुर उपस्थित थे।

बिहार की राजनीति किस करवट लेगी कहना मुश्किल है लेकिन बीजेपी और जदयू के बीच तल्खी बढ़ती ही जा रही है

कॉमन सिविल कोड मसले पर जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है। हमारा देश विभिन्नताओं से भरा हुआ है। ऐसे में यहां कॉमन सिविल कोड की जरूरत नहीं है।

यह मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि नीतीश कुमार के सबसे भरोसेमंद शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने सीबीएसई के पाठ्यक्रम में बदलाव को लेकर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त किया है और कहां है कि इस तरह इतिहास से आने वाले पीढ़ी को अलग करना कही से भी सही नहीं है और बिहार सरकार इसके पक्षधर नहीं है ।

सीबीएसई से पहले बिहार के कई विश्वविद्यालय में इसी तरह पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया था जिसको लेकर बड़ा बवाल मचा था ।वही कहा ये जा रहा है कि मॉनसून सत्र में नीतीश कुमार जातीय जनगणना को लेकर विधानसभा में प्रस्ताव लाने वाले हैं मतलब तकरार जारी रहेगा ऐसा साफ दिख रहा है ऐसे में गठबंधन कब तक बना रहेगा कयास लगाना मुश्किल है वैसे यह तय है कि नीतीश बीजेपी का साथ छोड़ेंगे समय और तारीख नीतीश को तय करना है बीजेपी भी यह समझ रही है लेकिन बीजेपी के अंदर बिहार के नेतृत्व को लेकर जो खेला शुरु हुआ है वो नीतीश को मजबूती प्रदान करने लगा है ।

पटना हाई कोर्ट ने बिहार सरकार द्वारा 16 चक्के वाले ट्रकों के जरिये गिट्टी,बालू आदि के ढुलाई पर लगाए गए प्रतिबन्ध को रद्द कर दिया

बिहार सरकार ने 16 दिसम्बर, 2020 द्वारा जारी अधिसूचना जारी कर इन वाहनों द्वारा गिट्टी, बालू ढुलाई पर रोक लगा दिया था।

चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने बिहार ट्रक ऑनर एसोसिएशन व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई कर 7 अप्रैल, 2022 को सुरक्षित रखा था, जिसे आज सुनाया गया।

बिहार सरकार ने इन भारी वाहनों द्वारा गिट्टी,बालू आदि की ढुलाई पर 16 दिसम्बर, 2020 को एक अधिसूचना जारी कर रोक लगा दिया था।

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बिहार सरकार द्वारा रोक के आदेश के विरुद्ध याचिकाकर्ताओं ने ये मामला सुप्रीम कोर्ट के समक्ष उठाया।लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मामलें की सुनवाई 3 जनवरी,2022 को की।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामलें को सुनवाई करते हुए इसे वापस पटना हाईकोर्ट के समक्ष सुनवाई के लिए भेज दिया। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट को 8 सप्ताह के भीतर सुनवाई कर मामलें का निपटारा करने को कहा।

इन याचिकाओं में बिहार सरकार द्वारा 16 चक्कों के ट्रक के जरिये गिट्टी व बालू आदि की ढुलाई पर 16 दिसंबर, 2020 को ही एक अधिसूचना जारी कर प्रतिबंध को challenge किया गया है।

इन मामलों पर पटना हाई कोर्ट में फिजिकल कोर्ट शुरू होने के बाद सुनवाई शुरू हुई थी।इससे पहले की सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार समेत अन्य सम्बंधित सभी पक्षों को अपना अपना पक्ष लिखित तौर पर कोर्ट के समक्ष दायर करने का निर्देश दिया था।

पटना हाईकोर्ट के इस निर्णय से उन वाहन मालिकों को बड़ी राहत मिली,जिनके भारी वाहनों द्वारा गिट्टी,बालू आदि की ढुलाई पर राज्य सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया था।

आपसी विवाद में एक पति ने अपनी पत्नी की धारदार चाकू से गला रेत दिया और खुद अपना भी गला काट लिया

जहानाबाद में आपसी विवाद में एक पति ने अपनी पत्नी की धारदार चाकू से गला रेत दिया और खुद अपना भी गला काट लिया। गंभीर हालत में दोनो को पीएमसीएच रेफर किया गया परन्तु रास्ते मे ही दोनो की मौत हो गयी।

घटना शकुराबाद थाना क्षेत्र के बन्धुबीघा गांव की है। घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि पिछले सात दिनों से पतिपत्नी के बीच विवाद चल रहा था। जिसे लेकर पति अजीत ने अपनी पत्नी संगीता देवी की घरेलू चाकू से गला काट दिया और खुद भी अपना गला काट ली।

घटना के बाद दोनो लहूलुहान हो गया। शोरगुल होने पर ग्रामीणों ने आनन फानन में उसे सदर अस्पताल लाया जहां प्राथमिक उपचार के बाद दोनो की गंभीर स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों ने पीएमसीएच रेफर कर दिया। जहां बीच रास्ते मे ही पहले पति की मौत हो गई जबकि पत्नी संगीता की मौत पटना पहुंच कर हो गयी।

ग्रामीणों ने बताया इन दोनों के अलावा घर मे कोई और नही था।पिछले सात दिनों से पति-पत्नी में विवाद चल रहा था। इसके कारण पति ने अपनी पत्नी की गला काट दिया और वह खुद भी अपना गला काट लिया। जिससे दोनो की मौत हो गयी।

इधर घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मामले की छानबीन करने में जुटी है।

क्रिसलय शर्मा ने लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा कर जहानाबाद जिले का नाम रोशन किया

जहानाबाद जिले के पितांबरपुर निवासी क्रिसलय शर्मा ने लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड मैं अपना नाम दर्ज करा कर जहानाबाद जिले का नाम रोशन किया है।

दरअसल क्रिसलय शर्मा पेशे से गणित के एक शिक्षक है और गणित से इनका इस कदर लगाव था कि गणित के सवाल को हल करने के लिए 5067 फॉर्मूला संकलित कर लिम्का बुक में नाम दर्ज कराया ।

हालांकि लिम्का बुक के द्वारा उन्हें मेल के माध्यम से अक्टूबर नवंबर के नाम दर्ज होने की सूचना दे दी गई थी लेकिन बीते 3 दिन पूर्व लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड के द्वारा उन्हें प्रमाण पत्र और बुक भेजा गया है।

इसको लेकर क्रिसलय शर्मा खुशी का इजहार करते हुए कहा कि कुछ कर गुजरने की तमन्ना ने उन्हें यहां लाकर पहुंचाया है। इस रिकॉर्ड से पूर्व गोल्डन बुक में नाम दर्ज हुआ था।

उन्होंने कहा की उनका अगला लक्ष्य गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में रिकॉर्ड दर्ज कराना है, इस खुशी को उन्होंने अपने छात्रों के साथ शेयर करते हुए केक काटकर सेलिब्रेट किया है क्रिसलय शर्मा के छात्रों ने कहा कि उन्हें काफी गर्व होता है कि ऐसे शिक्षक से शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं जिन्होंने लक्ष्य को पाने के लिए काफी मेहनत किया।

किसलय आज जहानाबाद में मैथ्स गुरू के नाम से जाने जाते हैं। एक कोचिंग चला रहे हैं जहां छात्रों को मैथ्स पढ़ा रहे हैं। किसलय 9वीं, 10वीं और आईआईटी प्रवेश परीक्षा के लिए छात्रों को मैथ्स पढ़ाते हैं। इस उपलब्धि पर कोचिंग के छात्र भी फूले नहीं समा रहे।।B अब गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बुक तक पहुंचने की तैयारी 5067 मैथ्स फार्मूले के साथ पहली बार किसलय ने लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है और उनका सपना है कि वह और मेहनत करके ज्यादा फॉर्मूले के साथ गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराएंगे।

कभी क्रिकेट के क्षेत्र में तलाश रहे थे भविष्य, बिहार में क्रिकेट में नहि दिखा करियर, दूसरे प्यार मैथ्स से लगा लिया दिल। अब पूर्व क्रिकेटर किसलय मैथ्स को लेकर आगे बढ़ना चाहते हैं। गणितज्ञ के तौर पर वह बिहार से आगे अंतरराष्ट्रीय पटल पर अपनी पहचान बनाना चाहते है।

पूर्वआईएएस अधिकारी व्यास जी को सर्वसम्मति से चुना गया जनमुक्ति आंदोलन का राष्ट्रीय अध्यक्ष

जहानाबाद । जहानाबाद के नवादा स्थित जनमुक्ति आंदोलन के आश्रम में एक बैठक हुई जिसमें पूर्व आईएएस अधिकारी व्यास जी को सर्वसम्मति से जनमुक्ति आंदोलन का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया।

गांधी और मार्क्स के विचारों का समन्वय बनाकर संगठन को करेगे मजबूत – व्यास जी

इस मौके पर जन मुक्ति आंदोलन से जुड़े राज्य भर के लोग मौजूद रहे। अध्यक्ष चुने जाने के बाद व्यास जी ने कहा कि मुक्ति आंदोलन का संविधान है वह कहता है कि हम रचनात्मक आंदोलनों और शैक्षणिक कार्यक्रमों के माध्यम से जो एक देश है जिसमें शोषण विहीन समाज का क्षमता पर आधारित समाज का जनतांत्रिक समाज और धर्मनिरपेक्ष समाज का स्थापना करेंगे।उन्होंने कहा कि गांधी और मार्क्स के विचारों का समन्वय बना कर संगठन को आगे ले जाने का प्रयास करेंगें। मुझे जो जवाबदेही आज लोगों ने दिया है उसका निर्वहन करूंगा।

साथ ही कहा कि सरकारी सेवा का मेरा अनुभव काम आयेगा। क्योंकि जो सरकार के स्तर पर जो छोटी-छोटी त्रुटियां होती है, जिससे मैं वाकिफ हूं शायद उसे दूर करने में मैं ज्यादा मददगार हो सकता हूं । साथ ही डॉ विनयन को याद करते हुए व्यास जी ने कहा कि डॉ विनयन बनना कोई आसान काम नही है वे उनके दिखाये रास्ते पर चलने की कोशिश करेंगे। व्यास जी ने कहा वे रचनात्मक कार्यक्रमों को शुरू करेगे। जन जन के सवाल को उठाना प्राथमिकता में शामिल होगा।

उन्होंने कहा शिक्षा ,मजदूरी ऒर आदिवासी क्षेत्रों में जल जंगल जमीन के सवालों को लेकर वे संविधान प्रदत्त अधिकारों का उपयोग करते हुए आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि रचनात्मक सरकारी कार्यक्रमों और नीतियों को लोगों तक पहुँचाने में अपने प्रशासनिक अनुभवों का उपयोग करने का प्रयास करेंगे।उन्होंने कहा कि संगठन ने जो जिम्मेदारी सौंपी है उसे मजबूत करने को लेकर वे गांव से राष्ट्रीय स्तर तक ले जाने का प्रयास करेंगे।

जनमुक्ति आंदोलन के राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में व्यास जी के अलावे पूर्व आईजी उमेश सिंह, शिक्षा विद डॉ अंजीम शिवाजी राय, जनार्दन शाही विश्वनाथ प्रसाद राजकिशोर और कुलभूषण जी सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे व्यास जी को राष्ट्रीय अध्यक्ष शिक्षाविद अनिल राय ,संत जी को उपाध्यक्ष हरिलाल प्रसाद सिंह को महासचिव बनाया गया जबकि हीरा शर्मा, श्री राम यादव ,जीवित शाह,विश्वनाथ यादव और रामप्रवेश सिंह राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य बनाए गए।संगठन के कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी वीरेन्द्र सिंह उर्फ भीम सिंह को सौंपी गई।

किसानों के विकास के बगैर देश और राज्य का विकास संभव नहीं है – रामबालक

संगठन को मजबूती के लिए बिहार दौर पर निक्के बिहार प्रदेश जदयू किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व विधायक रामबालक सिंह का जहानाबाद आगमन पर जदयू कार्यकर्ताओं ने किसान जिलाध्यक्ष चंद्रभानु प्रसाद उर्फ गुड्डू कुशवाहा के नेतृत्व में जोरदार स्वागत किया।

प्रदेश अध्यक्ष ने स्थानीय परिसदन में मुख्य प्रवक्ता दिलीप कुशवाहा के नेतृत्व में किसान प्रकोष्ठ के साथियों के साथ बैठक किया।बैठक का संचालन वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने किया। श्री रामबालक ने बैठक में किसानों के विकास एवं उत्थान पर जोर देते हुए कहा कि बिहार के माननीय मुख्यमंत्री किसानों के तरक्की के लिये सतत प्रयत्नशील हैं। उन्होंने कहा की किसानों को किसी तरह की आर्थिक परेशानी न हो इसके लिए सरकार ने कई तरह की योजनाओं को चालू कर इन्हें सुदृढ़ बनाने के लिए कार्ययोजना तैयार किया है।

धान अधिप्राप्ति,सिचाई एवं बिजली की सुचारू व्यवस्था कर किसानों को लाभान्वित कराया जा रहा है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कार्यकर्ता चौपाल के माध्यम से एवं घर घर जाकर सरकार की योजनाओं के बारे में बताएं।


इस कार्यक्रम में बैठक प्रदेश उपाध्यक्ष सत्येंद्र कुमार सिंह, सुनील कुमार सिंह, बृजनंदन सैनी, विनोद कुशवाहा, पिंटू कुशवाहा, रामजी कुशवाहा, अनुपम सिंह कुशवाहा,मधेश्वर यादव, मुरारी यादव, मुकेश कुशवाहा, अरमान अहमद, धनंजय दास,संजय दाँगी, रमेश यादव, राजू प्रसाद, सहित दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित थे।

NIT पटना ने साल 2022 में लगातार प्लेसमेंट के रिकॉर्ड ब्रेक किए हैं

पटना । फेसबुक, गूगल के बाद अब अमेजन, बर्लिन से सीएसई ब्रांच के छात्र अभिषेक कुमार(22) को 1.08 करोड़ का पैकेज मिला है। NIT पटना ने साल 2022 में लगातार प्लेसमेंट के रिकॉर्ड ब्रेक किए हैं।

अमेजन में इंटरनेशनल लेवल पर पहली बार किसी छात्र का प्लेसमेंट एनआईटी से हुआ है।

अभिषेक ने अमेजन के लिए 14 दिसंबर 2021 को कोडिंग टेस्ट दिया था। 13 अप्रैल को तीन राउंड में एक-एक घंटे के इंटरव्यू हुए। इसके बाद 21 अप्रैल को उन्हें अमेजन, जर्मनी से फाइनल सिलेक्शन का कनफर्मेशन आया।

जहानाबाद जिले के लिए रविवार का दिन रहा किसानों के लिए अशुभ

जहानाबाद । जिले में रविवार का आगो का प्रकोप किसानों के लगभग 200000 से अधिक रूपए के गेहूं के फसल को जलाकर कर दिया नष्ट।

कडौना गोपी मोकर दौलतपुर मैं लगभग 4 किसानों के गेहूं के फसल में लगी आग, इसकी सूचना ग्रामीणों द्वारा अग्निशामक विभाग को दिया गया। मौके पर अग्निशामक की वाहन पहुंच कर आग पर काबू पाया, किसानों का कहना है जिस तरह से अगलगी की घटना हुई है उसमें साल भर का उपजा हुआ सारा नवाज जलकर नष्ट हो गया।

वहीं दूसरी घटना घोसी थाना क्षेत्र के अरहीट गांव में पूर्व सांसद रामाश्रय प्रसाद सिंह के खेत में लगे गेहूं के फसल में लगी आग लगभग 2 खेत में लगी गेहूं की फसल जलकर नष्ट हो गया । अग्निशामक की गाड़ी मौके पर पहुंचकर किसी तरह आग पर काबू पाया गया ।

वही आग की लपटें पूर्व सांसद रामाश्रय प्रसाद सिंह के खलिहान को भी अपने लपेटे में ले लिया और गेहूं के फसल जलकर नष्ट हो गया मौके पर अग्निशामक की गाड़ी पहुंच कर आग पर काबू पाया गया जैसे-जैसे गर्मी का प्रकोप बढ़ रहा है। वैसे वैसे जिला में आग लगी की घटना बढ़ती जा रही है ।

इस अगलगी की घटना में सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को हो रहा है उपजा हुआ फसल जलकर नष्ट हो रहा है ।किसानों का कहना है कि जिस तरह से अगलगी की घटना हो रही है उससे किसानो अगर सरकार द्वारा मुआवजा उपलब्ध नहीं कराया गया तो किसान भुखमरी के कगार पर पहुंच जाएंगे।

वीर कुंवर सिंह के किस रुप को याद किया है बीजेपी

बुद्धि बढ़ती है तो जात-धर्म सूझता है; आदमी रिवर्स गियर में है?
(संदर्भ : बाबू वीर कुंवर सिंह)

बाबू वीर कुंवर सिंह के बारे में सुनते-पढ़ते हुए, इन दोनों सवालों का जवाब ‘हां’ में मिलता है। पता चलता है कि वाकई आदमी क्या था और क्या हो गया; रिवर्स गियर में कहां से कहां पहुंच गया?

बेशक, कोई यूं ही महामानव/महानायक नहीं हो जाता। ऐसा बनना पड़ता है। खुद को बनाना पड़ता है।
और यह सिर्फ व्यक्तित्व के निर्माण की व्यक्तिगत बात भी नहीं है। इसमें पूरे समाज का, पूरे देश का योगदान होता है; सबकी सहमति होती है। हां, यह स्थिति भी निश्चित रूप से उसी विराट व्यक्तित्व के कार्यकलापों पर निर्भर करती है, जो अंततः महामानव कहलाता है।

बाबू वीर कुंवर सिंह के बारे में पढ़ रहा था। आप भी जानिए, सुनिए-“1857 की आजादी की पहली लड़ाई, हिन्दू-मुसलमानों ने एकसाथ मिलकर लड़ी। इसमें दलितों, पिछड़ों की भी खूब भागीदारी रही। दुसाध समाज के लोग बड़ी संख्या में बाबू वीर कुंवर सिंह की सेना में सिपाही थे। नाथू दुसाध, बाबू कुंवर सिंह के सिपहसालार थे। परछाई की तरह हमेशा उनके साथ रहते थे। बाबू कुंवर सिंह की अदालत में सवर्ण और अवर्णों के साथ सामान न्याय होता था। इसके कर्ताधर्ता द्वारिका माली थे। बगवां के 29 दुसाध, अंग्रेजों के साथ लड़ाई में शहीद हुए। दावां गांव के दरोगा नट, शिवपुर घाट पर, बाबू कुंवर सिंह को बचाने में मारे गए।
समाज के कमजोर वर्गों के प्रति बाबू कुंवर सिंह के लगाव का प्रतीक है देवचना गांव। यहां एक महिला को बहन मानकर उन्होंने उसे 251 बीघा जमीन खोंइचा में दिया। यह आज दुसाधी बघार कहलाता है। वे अपने सैनिकों की जान को अपने से ज्यादा कीमती मानते थे। अपने सभी सैनिकों को गंगा पार उतारने के बाद खुद अंतिम किश्ती पर सवार हुए। इसी कारण उन्हें अंग्रेजों की गोली का शिकार होना पड़ा।

बाबू कुंवर सिंह हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रतीक हैं। उन्होंने शिवाला बनवाया, तो आरा, जगदीशपुर में मस्जिदें भी बनवाई। पीरो के नूर शाह फकीर को 5 बीघा, तो नोनउर के बकर शाह फकीर को 10 बीघा लगान मुक्त जमीन दी। धरमन बीबी की बहन करमन के नाम पर आरा में करमन टोला बसाया।”

वास्तव में, बाबू वीर कुंवर सिंह ने समाज के हर तबके को साथ लेकर ही विजय हासिल की थी। 80 वर्ष की उम्र में उनका जोश, उनकी हिम्मत, वस्तुतः समूह की ताकत थी। बड़ी जीत में सबका साथ होता है, सबकी सर्वानुमति होती है।

यह सब राजतंत्र/जमींदारी तंत्र के दौर की बात है। 160-70 साल पहले की बात।
तब, सीन-सिचुएशन “जस राजा, तस प्रजा” वाले भाव से तय होता था।
अभी हम दुनिया की सर्वोत्तम शासन व्यवस्था (संसदीय लोकतांत्रिक प्रणाली) को जी रहे हैं। इसके भागीदार/किरदार हैं। फिर भी इतनी विसंगतियां, संकट, समस्याएं?

तो क्या आधुनिकता ने, विकास ने, खासकर आदमी, उसकी आदमीयत को रिवर्स गियर में डाल दिया है?

बिहार का जहानाबाद जिला देश का पहला जिला बन गया जिसे पंचायती राज में बेहतर काम करने के लिए दो-दो पुरस्कार से नवाजा गया

जहानाबाद जिले के विकास को लेकर रविवार बड़ा दिन रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार के जहानाबाद सदर प्रखंड के मांदिल पंचायत के मुखिया श्री बबलू कुमार को दो दो पुरस्कार से सम्मानित किया।

पुरस्कार और सम्मान पत्र डीएम हिमांशु कुमार राय ने सौपी जबकि जिला प्रशासन और मुखिया वीडियों कॉन्फ्रेंस के जरिये जुड़े थे। दरअसल उन्हें दीनदयाल उपाध्याय सशक्तिकरण पुरस्कार कार्यक्रम जम्मू कश्मीर में आयोजित होना था लेकिन इधर कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए पूरा आयोजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया।

इस बड़ी उपलब्धि से जिलेवासियों को गौरवान्वित करने वाला है। हालांकि विकास के रास्ते पर अग्रसर इस पंचायत को नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार भी दिया गया। विकास के रफ्तार को आगे बढ़ाते हुए मुखिया द्वारा किए गए कार्यों का राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान से गदगद है। सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाओं को जहां जमीन पर बेहतरीन तरीके से उतारने वायदा कर रहे है । मुखिया की पहल पर अब यहां पशु अस्पताल के निर्माण का कार्य भी प्रारंभ होने की कतार में है।

मांदिल पंचायत में 1100 वृद्ध जनों को पेंशन योजना का लाभ दिया जा रहा है, वही 1500 लोग हाल के दिनों में राशन कार्ड योजना से लाभान्वित किए गए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना से भी लोगों को लाभान्वित किया जा रहा है।

सरकार की इन महत्वाकांक्षी योजनाओं से पंचायत की सूरत पूरी तरह बदल गई है। जिसके कारण पहले भी इस पंचायत को कई पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं।जिले के डीएम ने भी सरकार की योजनाओं को सरजमीं पर उतारने के लिए प्रतिबद्ध है।

नॉर्थ ईस्ट का होना पाप है क्या? नॉर्थ ईस्ट की हूं कालगर्ल,चाइनीज,प्रॉस्टिट्यूट नहीं

मेरा नाम शैरॉन लामारी है। नॉर्थ ईस्ट के खूबसूरत राज्य मेघालय के शिलॉन्ग में मेरा घर है। मैं हमेशा से आसमान में उड़ना चाहती थी। मेहनत से एयरहोस्टेज बन गई, लेकिन किस्मत को यह मंजूर नहीं था। मैं एयरलाइंस इंडस्ट्री से एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में आ गई। जहां भी काम करने के लिए गई, वहां मेरे लिए नॉर्थ ईस्ट का होना एक तरह से पाप हो गया।

लुक्स यानी मेरे नयन-नक्श आज तक मेरे हर काम में आड़े आते हैं। मुझे इस देश का नागरिक ही नहीं माना जाता है। मेरे पास अपने लुक्स को लेकर इतनी कहानियां हैं कि लिखने के लिए दीवारें कम पड़ जाएं। आप आम लोगों को छोड़ दीजिए। इस देश के पढ़े-लिखे जिम्मेदार लोग ही हमें इस देश का नहीं समझते। हमें कुछ भी बोल देते हैं।

2006 की बात है। मैं सहारा एयरलाइंस में एयरहोस्टेज थी। आज के सांसद रवि किशन तब सिर्फ भोजपुरी फिल्मों के एक्टर थे। दिल्ली से मुंबई जा रही हमारी फ्लाइट में वो भी सफर कर रहे थे। उन्होंने फ्लाइट के दौरान पूरे क्रू के सामने पूछा- तुम चाइनीज हो? मुझे बुरा तो बहुत लगा। उस वक्त तो मैंने उन्हें कुछ नहीं कहा, लेकिन पांच मिनट के बाद मैं उनके पास गई और कहा, सर मैंने साड़ी पहनी है, मैं अच्छी हिंदी बोल रही हूं तो आपको मैं कहां से चाइना की लग रही हूं?

मैंने उनसे पूछा कि क्या आपके चाइना में दोस्त हैं, क्या आपने कभी चाइनीज देखें हैं? रवि किशन के पास मेरे सवालों का कोई जवाब नहीं था। जब रवि किशन जैसे लोग ही ऐसी बात करेंगे, हमें चाइनीज समझेंगे तो बाकी लोगों से क्या उम्मीद करें।

कोविड की दोनों लहरों में मैं मुंबई में जहां से भी गुजरती लोग मेरे पास से भाग जाते थे। कई लोग बोलते थे- चाइना..चाइना…चाइना।। ऐसे ही कोई हमें मोमोज बोलता है तो कोई कुछ और, लेकिन हमें कोई इस देश का हिस्सा नहीं मानता है।

मेरे नॉर्थ ईस्ट लुक्स के नुकसान की अति यह थी कि मेरे बॉयफ्रेंड ने मुझे पागलखाने में भर्ती करवा दिया था। मैं 21 दिन पागलखाने में भर्ती रही।

दरअसल, गुवाहाटी में रहने वाले एक पंजाबी लड़के के साथ मैं रिलेशन में थी। मैं उस वक्त सहारा एयरलाइंस में एयर हॉस्टेस थी।
जब कभी मुझे छुट्टी मिलती तो मैं उसके पास गुवाहाटी आ जाती। मेरा अपना भी एक घर गुवाहाटी में था। मेरे पेरेंट्स और भाई-बहन भी वहीं मेरे पास जा जाते थे। वो लड़का मेरे भाई का भी अच्छा दोस्त बन गया था।

उसका वहां एक रेस्त्रां था, मैं जब भी छुट्टी पर जाती थी तो मैं ही वहां बैठती थी। मैं वहां इतना मन लगाकर काम किया करती थी कि घाटे में चल रहा उसका रेस्त्रां प्रॉफिट में आ गया।

लेकिन फिर वही हुआ। वह धीरे- धीरे मुझसे किनारा करना चाहता था। मेरे लुक्स की वजह से वह मुझसे शादी नहीं करना चाहता था। उसका कहना था कि उसका परिवार इस शादी के लिए राजी नहीं है। उसकी इस बात पर मेरा मन था कि मान ही नहीं रहा था।

एक दिन हम दोनों कहीं जा रहे थे, उसने शराब पीकर तेज रफ्तार से गाड़ी चलाई और जानबूझकर ऐसे गाड़ी भिड़ा दी जिसमें मुझे ही चोट आई, उसे कोई चोट नहीं आई। मेरा सिर फट गया। शरीर के दूसरे हिस्सों में भी गहरी चोटें आईं।

मुझे गुवाहाटी के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करवाया गया। मैं कुछ दिन आईसीयू में रही। आईसीयू से बाहर आने के बाद मैं तरह-तरह की दवाएं खा रही थी। भूख लगने की दवा, नींद आने की दवा यानी हर चीज की दवा। मैं बहुत हाइपर रहने लगी, डॉक्टर मुझसे परेशान हो गए।

नॉर्थ ईस्ट के पहाड़ों में रहने वाला मेरा सीधा-साधा सा परिवार है। बॉयफ्रेंड ने मेरे भाई से कहा कि मुझे पागलखाने में भर्ती करवा दिया जाना चाहिए। मेरी भलाई समझकर भाई मान गया। मेरे परिवार ने मुझे पागलखाने में भर्ती करवा दिया।

जब मुझे वहां ले जाया गया तो मैं नहीं जानती थी कि वह पागलखाना है। मुझे लगा कि मुझे चेकअप के लिए ले जाया जा रहा है। जब एक हॉल कमरे में मुझे धकेला गया। मोबाइल छीन लिया गया।

मैंने वहां से भागने की कोशिश की। भागकर उस हॉल के सामने वाली एक दीवार पर चढ़ गई। मैंने देखा कि दीवार के उस पार भी वैसे ही लोग थे। एक घंटे के बाद मुझे उस दीवार से नीचे उतारा गया और रस्सी से एक बेड के साथ बांध दिया गया।

मैं न चीखी और न चिल्लाई। मैं जानती थी कि मैं पागल नहीं हूं। अगर मैं चीखें मारूंगी तो यह लोग मेरी उल्टी-सीधी दवाएं शुरू कर देंगे। मैं किसी भी तरह से उस पागलखाने से भागना चाहती थी।

मैंने बहुत सूझ से काम लिया। कभी रोई या चीखी चिल्लाई नहीं। नॉर्मल बीहेव किया। ऐसे में तीन-चार घंटों के बाद मेरे हाथ-पांव खोल दिए गए। मैं नॉर्मल रहने लगी।

वहां अजीबोगरीब लोगों के साथ मुझे बहुत खराब लगता था। उनमें एक मैं ही नॉर्मल थी। आप खुद सोचिए कि एक ठीक-ठाक इंसान को पागलखाने में डाल दिया जाए तो उसकी क्या हालत होती होगी।

किसी तरह दिन बीतते रहे। पागलखाने में मौजूद मरीजों को सुबह-शाम आधे-आधे घंटे के लिए खाना खाने के लिए खोला जाता था। बाकी समय बंद रखा जाता था। लोग बिखरे बालों और गंदे कपड़ों में यहां-वहां घूमते रहते थे। लगभग 21 दिन बाद मैं उस पागलखाने से बाहर निकल सकी।

बाहर आकर मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। दरअसल बारहवीं के बाद मैंने गुवाहाटी के एक टॉप इंस्टीट्यूट से एयर हॉस्टेस का कोर्स किया था। मैं पहले सहारा एयरलाइंस रही और बाद में कतर एयरलाइंस में।

मैंने पांच साल एयरलाइंस सेक्टर में जॉब किया, लेकिन इस एक्सीडेंट के बाद मेरी एक टांग में रॉड डाली गई, जिसके बाद मैं एयरलाइंस में नौकरी करने के लायक नहीं रही।

मुझे इंसोमेनिया की शिकायत हो चुकी थी। नींद नहीं आती थी। लेकिन मैंने अस्पताल की दवाएं और नींद न आने की दवाएं छोड़ने का फैसला किया। योग और साधना शुरू की। आखिरकार मैं उस मनोस्थिति से निकल ही आई।

अब मैं गुवाहाटी के एयरहोस्टेस ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स में ट्रेनिंग देने लगी, लेकिन मुझे रात में मुंबई आने के सपने आते थे। इतने सपने आते थे कि मुझे लगा कि मुझे मुंबई चले जाना चाहिए।

एयरलाइंस सेक्टर की वजह से पहले से मेरे दोस्त मुंबई में रहते थे। मैं यहां चली आई। एक कास्टिंग डायरेक्टर ने मुझसे नाप-तोल में विज्ञापन का काम देने का कहा। एक विज्ञापन के 15 हजार रुपए मिलने थे। महीने में कुल तीन विज्ञापन शूट होने थे।

मुझे लगा कि मुंबई में मेरा गुजारा हो जाएगा। जब मुंबई आई तो महीने में सिर्फ एक ही विज्ञापन शूट करने के लिए मिला। कास्टिंग डायरेक्टर का कहना था कि मेरे लुक्स ऐसे हैं कि सभी राज्यों और इलाके के लोगों को ठीक नहीं लगेगा।

मैं काफी मायूस हुई, लेकिन मेरे अंदर बहुत हिम्मत थी। मैंने तय किया कि मैं मुंबई से जाउंगी तो नहीं। इंटनटेनमेंट इंडस्ट्री में लड़की होने की अपनी चुनौतियां हैं और नॉर्थ ईस्ट की लड़की होने की चुनौतियां तो खत्म ही नहीं होती हैं। मेरे लुक्स हर जगह आड़े आते हैं। मेरा काम मुश्किल कर देते हैं।

मैं सच बताऊं तो नॉर्थ ईस्ट का समाज महिला प्रधान है, बच्चे मां का सरनेम लगाते हैं। प्रॉप्रर्टी में लड़कियों को हिस्सा पहले दिया जाता है। मणिपुर और मेघालय जैसे राज्यों में घर औरतें ही चला रही हैं।

हमारा समाज प्रोग्रेसिव, पढ़ा-लिखा और बराबरी का समाज है। जैसे हमारे यहां बस में अगर मर्द बैठा है तो महिलाएं सीट नहीं मांगती हैं। औरतें वो सारे काम करती हैं, जो मर्द करते हैं। इसलिए वाइन पीना, पार्टी में नाचना या देर रात घर आना, मेकअप करना, फैशनेबल कपड़े पहनना हमारे समाज का हिस्सा हैं।

हम नॉर्थ ईस्ट की हैं इसलिए यहां किसी से अच्छे से बात कर लो तो उसे लगता है कि यह मेरे साथ सोएगी ही, किसी के साथ पार्टी में डांस कर लो तो उसे लगता है कि हम प्रॉस्टिट्यूट हैं, वाइन पी लो तो उसे लगता है कि हम आसानी से उनके लिए अवेलेबल हैं।

एक बार मेरी मुंबई के एक नामी वकील मुलाकात हुई। वह मुझसे कहने लगा कि मैंने नॉर्थ ईस्ट की लड़कियों की जिंदगी बना दी है, तुम्हारी भी बना दूंगा। तुम्हें चाहिए ही क्या अच्छा पैसा और अच्छा सेक्स ? यानी हम नॉर्थ ईस्ट की हैं तो हम सिर्फ सेक्स करने के लिए ही पैदा हुई हैं।

एक बार मुझे मेरा पासपोर्ट रिन्यू करवाना था तो पुलिस वाला मुझसे कालगर्ल की तरह बात करने लगा। अरे भाई मैं पढ़ी लिखी और आत्मनिर्भर हूं। एयरहोस्टेस रही हूं। कोई तवायफ नहीं।

यह तो कुछ भी नहीं। गुवाहटी के जिस इंस्टीट्यूट से मैंने एयरहोस्टेस का कोर्स किया था वह हमें एक एयरलाइंस में नौकरी के इंटरव्यू के लिए मुंबई लेकर आए। रात में इंस्टीट्यूट के एमडी ने मुझे जुहू अपने होटल के कमरे में बुलाया, मैं नहीं गई।

गुवाहाटी जाने के बाद वहां एमडी के साथ काम करने वाली एक महिला कर्मचारी ने मुझे बहुत लताड़ा। कहने लगी कि मैं एमडी के कमरे में क्यों नहीं गई। मैंने उनसे कहा कि मुझे कमरों में जाकर नौकरियां नहीं चाहिए, मैं खुद कर लूंगी।

मैं कहीं भी चली जांऊ, अलग दिखाई देती हूं। टीवी-फिल्म में मुझे काम इसलिए नहीं मिल रहा है कि मेरी शक्ल की किसी की बेटी नहीं हो सकती है। बहू नहीं हो सकती है यानी इंडस्ट्री में हमारे लिए कोई काम नहीं है।

मुझे यहां सब चाइनीज बोलते हैं। मेरे हाथों से बहुत से विज्ञापन निकल गए। ऑडिशन कॉल होते हैं, सिलेक्शन भी होता है। लेकिन बाद में कहा जाता है कि सेमीन्यूड कर लोगे। यानी हम नॉर्थ ईस्ट के हैं तो हम यही सब करेंगे। कई जगह तो मैंने मुंह पर बोल दिया कि नॉर्थ ईस्ट की हूं तो क्या नंगी हो जाऊं? मेरे लुक्स ने प्यार से लेकर करिअर तक में मुझे आगे नहीं बढ़ने दिया।

घरेलू समारोह में हर्ष फायरिंग, पति पत्नी को लगी गोली, मचा अफरातफरी

बक्सर । घरेलू समारोह में हर्ष फायरिंग , पति पत्नी को लगी गोली , घरेलू समारोह में मचा अफरातफरी , कृष्णा ब्रह्म थाना इलाके के दिया ढकाइच गाँव की घटना , मौके पर पहुँची पुलिस , सभी घायल बक्सर के निजी अस्पताल में इलाजरत।

बताया जा रहा है कि घर के बगल में कोई समारोह चल रहा था, जिसे ये लोग भी देख रहे थे कि अचानक गोली चली। जो पति और पत्नी को लग गई है। दोनों को इलाज के लिए बक्सर के एक निजी अस्पताल में लाया गया है।

इस मामले में पुलिस जांच करने की बात कह रही है। घटना बक्सर जिला के कृष्णाब्रह्मम थाना क्षेत्र के छोटका दिया गांव की है बताई जा रही है। पूरा मामला क्या है ये पुलिस जांच के बाद ही पता चल पाएगा।

दिल्ली दंगा मामले में दिल्ली पुलिस की टीम बिहार के जहानाबाद पहुंची

दिल्ली में पिछले दिनों दो गुटों के बीच हुयी मारपीट और दंगा मामले को लेकर दिल्ली पुलिस अलर्ट मोड में दिख रही है। इसे लेकर शनिवार की रात दिल्ली पुलिस की टीम बिहार के जहानाबाद पहुंची।

जहां दंगा मामले में फरार चल रहे अभियुक्त के घर पर इश्तेहार चिपकाया। इश्तेहार चिपकाने के बाद फरार अभियुक्तों में हड़कंप मचा हुआ है। बताया जाता है कि दिल्ली में हुए दंगा मामले में जहानाबाद का रजा अंसारी अभियुक्त है जो फरार चल रहा है।

फरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी को लेकर दिल्ली पुलिस आज जहानाबाद पहुंची और नगर थाना क्षेत्र के फिदा हुसैन रोड स्थित रजा अंसारी के घर इस्तेहार चिपकाया है। इस दौरान ऑफ कैमरा दिल्ली पुलिस ने बताया कि दिल्ली में हुए दंगा मामले में वह फरार चल रहा है। जिसकी गिरफ्तारी को लेकर यह कार्रवाई की जा रही है। इसके बाबजूद भी अभियुक्त सरेंडर नही करता तो घर की कुर्की जब्ती की कार्रवाई की जायेगी।

बताया जा रहा है कि जहानाबाद शहर के फिदा हुसैन रोड निवासी हासिम अंसारी का पुत्र रजा अंसारी पिछले कई वर्षों से दिल्ली में रह रहा है और वह दिल्ली में हुए दंगा का अभियुक्त है जिसे लेकर दिल्ली पुलिस जहानाबाद पहुंची और उसके घर पर इस्तेहार चिपकाया है। हालांकि इस मामले पर पुलिस प्रतिक्रिया देने से बचती नजर आई।

जहानाबाद में युवक को अपराधियों ने मारी गोली

जहानाबाद। बड़ी खबर जहानाबाद से हैं, जहां कोहरा गांव के पास मनोज कुमार यादव नामक युवक को अपराधियों ने गोली मार दी।

पीड़ित मनोज यादव मिश्र बिगहा गांव का का रहने वाला है जोकि परसबीघा थाना के अंतर्गत पड़ता है। जबकि गोली मारी गई वह जगह टेहटा ओपी क्षेत्र में है।

गोली लगने के बाद परिजनों ने आनन-फानन में युवक को सदर अस्पताल जहानाबाद पहुंचाया। डॉक्टर की माने तो गोली छाती में लगी है और वहीं पर फंसी हुई है।

प्राथमिक उपचार के बाद तुरंत युवक को पटना पीएमसीएच रेफर कर दिया गया है।

पटेल की तरह वीर कुंवर सिंह के सहारे राजपूत नेताओं को साधने की तैयारी में तो नहीं जुटा है बीजेपी

आरा में वीर कुंवर सिंह की जयंती के मौके पर 78 हजार 25 लोगों ने तिरंगा फहराकर पाकिस्तान के एक साथ 75 हजार लोगों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने का वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ दिया है और अब जल्द ही यह रिकॉर्ड ग्रीनिज बुक में भारत के नाम दर्ज होगा ।

लेकिन बड़ा सवाल यह है कि इस आयोजन के सहारे बीजेपी राजनीति के किस नैरेटिव का साधना चाह रही है। हालांकि जो नैरेटिव दिख रहा है वो यह था कि वीर कुंवर सिंह को जाति से बाहर निकाला जाये और उन्हें राष्ट्रवाद के नैरेटिव में फिट किया जाये।

इसके पीछे मोदी और शाह की यह सोच है कि पटेल की तरह ही वीर कुंवर सिंह ऐसे स्वतंत्रता सेनानी है जिनका जातीय आधार राष्ट्रीय फलक पर काफी मजबूत है लेकिन इनके जाति के कई ऐसे नेता है जो उन्हें आने वाले समय में चुनौती दे सकते हैं ऐसे में वीर कुंवर सिंह के व्यक्तित्व को राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह से स्थापित किया जाये जिससे उनके विरादरी के नेता का प्रभाव कम हो ।

इसके लिए आने वाले समय बाबू साहब अंग्रेज के साथ लड़ाई के दौरान 22 अप्रैल 1858 को जब बलिया के शिवपुर घाट पर गंगा पार कर रहे थे तब उनकी भुजा में गोली लगी जिसे काटकर गंगा में फेंक दिया था उस स्थान पर पटेल से भी बड़ी मूर्ति और शौर्य पार्क बनाने की योजना है जिसकी चर्चा आज अमित शाह अपने भाषण के दौरान किये हैं ।

साथ ही वीर कुंवर सिंह के 80 वर्ष मे हथियार उठाने और अंग्रेज का हराने का जो शौर्यगाथा रहा है उसका इस्तमाल मोदी के लिए आने वाले समय में किया जा सका ये भी रणनीति का हिस्सा है ताकी मोदी ने मार्गदर्शक मंडल के सहारे जिस तरीके आडवाणी सहित बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं को एक साथ साध दिये थे वैसे कोई मोदी को ना साधे।

क्यों कि वीर कुंवर सिंह की जो छवि रही है वो कही से भी बीजेपी के नैरेटिव में फिट नहीं बैठता है ये अलग बात है कि आजादी के आन्दोलन के दौरान सावरकर कई बार वीर कुंवर सिंह को अंग्रेजों के खिलाफ हिन्दू चेहरा के रूप में स्थापित कोशिश की जरूर किया था लेकिन उस तरीके से आगे नहीं बढ़ पाया था वैसे आज शाह कह गये हैं कि वीर कुंवर सिंह के बारे में सही इतिहास नहीं लिखा गया है ऐसे में आने वाले समय में वीर कुंवर सिंह की अलग छवि देखने को मिले तो कोई बड़ी बात नहीं होगी देखिए आगे आगे होता है क्यों कि जाति इस देश का यथार्थ है और पटेल की तरह राजपूतों का शहरीकरण नहीं हो पाया है अभी भी बड़ी आबादी गांव में रहता है कृषि उसका मुख्य पेशा है ।

ऐसे में मोदी और शाह इस खेल में कहां तक कामयाब होते हैं कहना मुश्किल है लेकिन देश की राजनीति को बदलने की एक बड़ी कोशिश जरुर है।

बिहार व्यवहार न्यायालय अधिकारी व कर्मचारी नियमावली, 2022 की मंजूरी को अधिसूचित कर दिया गया है

काफी समय से इंतजार किये जा रहे बिहार व्यवहार न्यायालय अधिकारी व कर्मचारी (नियुक्ति, प्रोन्नति, तबादला व अन्य सेवा शर्तें) नियमावली, 2022 को मंजूरी देते हुए बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 19 अप्रेल, 2022 को अधिसूचित कर दिया गया है। भारत के संविधान के अनुच्छेद – 309 के अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए ये नियमावली बनाई और अधिसूचित की गई है।

नए नियम से कर्मियों की नियुक्ति, प्रोनत्ति, वित्तीय प्रगति, तबादला, अनुकंपा आधारित नियुक्ति व कर्मियों के विरुद्ध कार्यवाही की प्रक्रिया में तेजी आएगी। नए नियम के तहत अब जिला जज को नियुक्ति के साथ ही साथ अनुशासनात्मक अधिकारी बनाया गया है।

इस प्रकार के सभी मामले अब जिला जज के स्तर पर ही निपटाए जाएंगे। इसके पहले पटना हाई कोर्ट के महानिबंधक नियुक्ति औऱ अनुशासनात्मक अधिकारी थे ।

इस तरह के मामले पटना हाई कोर्ट के महानिबंधक द्वारा निपटाए जाते थे। ये नियमावली पटना हाई कोर्ट के अधीनस्थ बिहार राज्य के सभी व्यवहार न्यायालय में लागू होगी और बिहार सरकार के राजपत्र में प्रकाशन की तिथि से प्रवृत्त होगी।

नियमावली के तहत अपीलीय प्राधिकार से मतलब है हाई कोर्ट की स्थाई समिति। नियमावली के अध्याय – II में अन्य बातों के अलावा यह भी कहा गया है कि राज्य सिविल कोर्ट और अनुमंडलीय सिविल कोर्ट के प्रशासन हेतु इस नियमावली की आरंभ की तारीख से एक बिहार राज्य सिविल कोर्ट स्थापना सेवा प्रवृत्त होगी।

आरक्षण को लेकर राज्य सरकार (सामान्य प्रशासन विभाग) द्वारा लागू आरक्षण संबंधी नियम (समयानुसार संशोधित) ही न्यायालय कर्मियों की नियुक्ति / प्रोनत्ति में लागू होंगे। वही, नियमावली के तहत प्रशिक्षण को लेकर सीधी नियुक्ति अथवा समूह – ग पद की परीक्षा से नियुक्त कर्मचारी, जिसकी उम्र 55 वर्ष से कम होगी, उन्हें उच्च न्यायालय द्वारा विहित उस विनिर्दिष्ट पद के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करना होगा।

कोई कर्मचारी अपने ऊपर अनुशासनात्मक प्राधिकार द्वारा अधिरोपित लघु या वृहत सजा के विरुद्ध, उक्त सजा की प्रति की प्राप्ति की तिथि से 30 दिनों के भीतर हाई कोर्ट में अपील कर सकता है।