प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ पटना सिविल कोर्ट में दायर परिवाद पत्र पर जल्द सुनवाई करने के गुहार परिवादी पटना हाई कोर्ट से लगाई है।कोर्ट ने दायर याचिका में त्रुटियों को दो सप्ताह के भीतर दूर करने का आदेश दिया है।
कांग्रेस कमेटी के मानवाधिकार विभाग के प्रदेश अध्यक्ष अधिवक्ता इंद्रदेव प्रसाद की ओर से दायर आपराधिक रिट याचिका पर जस्टिस अनिल कुमार सिन्हा ने सुनवाई की।
कोर्ट ने दायर याचिका में हाई कोर्ट प्रशासन की ओर से उठाई गई आपत्तियों को दो सप्ताह के भीतर दूर करने का आदेश दिया। अधिवक्ता इंद्रदेव प्रसाद ने अर्जी दायर कर कोर्ट से केस को जल्द निष्पादित करने के लिए पटना सिविल कोर्ट के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी को आदेश देने की मांग।
उनका कहना है कि बगैर किसी तैयारी के और बिना किसी पूर्व सूचना के 24 मार्च, 20 को देश को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने सम्पूर्ण देश में 21 दिनों का लॉक डाउन लगाने की घोषणा कर दी थी ।प्रधानमंत्री ने अपने सम्बोधन में यह भी कहा कि दो माह के अध्ययन के बाद प्रभावी मुकाबले एक मात्र विकल्प सोशल डिस्टेंसिंग एक दूसरे से दूरी बना कर रखना अपने घरों में बंद रहना लागू कर दिये।
उनका कहना है कि सम्बोधन देश वासियों को आतंकित करने वाली झूठी सूचनाओं पर आधारित हैं।एक वर्ष के अध्ययन से कोरोना का संक्रमण उस तरह से नहीं फैली, जिस तरह से फैलने की बात सम्बोधन में कही गई थी।
सिविल कोर्ट में केस दायर किये जाने के बाद 12 मई, 2021 तक तारीख दी गई।उसके बाद इस केस में कोई तारीख नहीं दी जा रही हैं।